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Anand Vardhan in Sooryavansham: अमिताभ को ‘जहरीली खीर’ खिलाने वाला बच्चा अब है साउथ क...

Sooryavansham Kid: साल 1999 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘सूर्यवंशम’ उस दौर की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी। अमिताभ बच्चन, सौंदर्या और मुकेश रिशी की यह फिल्म दर्शकों के बीच इतनी लोकप्रिय हुई कि सिनेमाघरों में इसकी टिकटों के लिए लंबी-लंबी कतारें लग जाती थीं। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 12.5 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की और अपनी दिल छू लेने वाली कहानी के कारण आलोचकों और दर्शकों दोनों से खूब तारीफें बटोरीं। इस फिल्म का एक खास पहलू था अमिताभ बच्चन द्वारा निभाया गया डबल रोल, जिसमें वे भानु प्रताप और हीरा ठाकुर दोनों किरदारों में नजर आए। फिल्म में एक बच्चा भी था, जो अलग हो चुके पिता-पुत्र के बीच सुलह कराने की कहानी में अहम भूमिका निभाता है। यह बच्चा कोई और नहीं बल्कि आनंद वर्धन थे, जो अब बड़े होकर दक्षिण भारतीय सिनेमा के एक युवा अभिनेता बन चुके हैं।

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आनंद वर्धन का ‘सूर्यवंशम’ में सफर- Sooryavansham Kid

Sooryavansham Kid
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‘सूर्यवंशम’ में आनंद वर्धन ने भानु प्रताप के पोते का किरदार निभाया था। इस भूमिका में उन्होंने अपने दादा को जहरीली खीर खिलाने वाले बच्चे का प्रभावशाली प्रदर्शन किया था, जो फिल्म के भावुक और महत्वपूर्ण हिस्सों में आता है। उस वक्त आनंद एक मासूम और क्यूट बच्चे के रूप में दर्शकों के दिलों में बस गए थे। उनकी क्यूटनेस और मासूमियत के कारण आज भी लोग उन्हें ‘सूर्यवंशम’ के उस छोटे बच्चे के रूप में याद करते हैं।

बचपन से एक्टिंग की शुरुआत

आनंद वर्धन ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में 1997 में तेलुगु फिल्म ‘प्रियरागालु’ से की थी। इसी फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता का प्रतिष्ठित ‘नंदी पुरस्कार’ भी मिला। आनंद के दादा, प्रसिद्ध पार्श्व गायक पी.बी., जिन्होंने 3000 से अधिक गाने गाए हैं, चाहते थे कि वह अभिनय की दुनिया में आएं। आनंद ने इस ख्वाब को पूरा किया और अब तक 20 से ज्यादा तेलुगु फिल्मों में काम कर चुके हैं।

अब बड़े होकर हुए हैं हैंडसम और फिट

समय के साथ आनंद वर्धन ने खुद को एक फिट और स्टाइलिश अभिनेता के रूप में भी स्थापित किया है। उनकी हाल की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं और प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं। उन्होंने बाल कलाकार के मासूमपन से उठकर अब एक युवा और आकर्षक अभिनेता का रूप धारण कर लिया है।

‘सूर्यवंशम’ का परिवार और फिल्म की खासियत

‘सूर्यवंशम’ में अमिताभ बच्चन ने दो अलग-अलग किरदार निभाए थे, जो फिल्म की सबसे बड़ी खासियत थी। साथ ही सौंदर्या, जिनका एक दुर्भाग्यपूर्ण फ्लाइट एक्सीडेंट में निधन हो गया, ने फिल्म में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा अनुपम खेर, मुकेश ऋषि और कादर खान जैसे दिग्गज कलाकारों ने भी फिल्म को सफल बनाने में योगदान दिया। यह फिल्म आज भी कई बार टीवी और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाती है और इसे ‘नेशनल फिल्म’ की उपाधि मिल चुकी है। इसके कई सीन और डायलॉग सोशल मीडिया के मीम्स में भी खूब लोकप्रिय हैं।

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Chernobyl Disaster: दुनिया का सबसे भयानक परमाणु हादसा जिसने 50 लाख लोगों की ज़िंदगी प...

Chernobyl Disaster: वर्तमान भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव और धमकियों के बीच यह जानना जरूरी है कि विश्व में पहली बार रेडिएशन लीक और परमाणु विस्फोट का भयानक खतरा कब सामने आया था। 26 अप्रैल 1986 को यूक्रेन के चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में एक विनाशकारी दुर्घटना हुई, जिसने पूरे विश्व को हिलाकर रख दिया।

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दुर्घटना का कारण और प्रारंभिक टेस्टिंग- Chernobyl Disaster

चेरनोबिल दुर्घटना उस समय हुई जब पावर प्लांट में एक टेस्टिंग चल रही थी। इसका उद्देश्य यह जांचना था कि बिजली की सप्लाई अचानक रुकने पर मशीनें कितनी देर तक काम कर सकती हैं और रिएक्टर को ठंडा करने वाला सिस्टम कितनी देर तक सक्रिय रह सकता है। इस परीक्षण के दौरान, रात लगभग 1:30 बजे टर्बाइन कंट्रोल करने वाला वॉल्व हटा दिया गया और इमरजेंसी में इस्तेमाल होने वाला रिएक्टर को ठंडा करने वाला सिस्टम बंद कर दिया गया।

Chernobyl Disaster 1986 Nuclear accident
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इसी बीच, न्यूक्लियर फ्लूजन को रोकने वाला स्विच भी बंद कर दिया गया, जिससे परमाणु प्रतिक्रिया नियंत्रण से बाहर हो गई। इस गलती के कारण भारी विस्फोट हुआ, जिसकी तीव्रता हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों से भी ज्यादा थी।

विनाशकारी विस्फोट और रेडिएशन का फैलाव

विस्फोट के तुरंत बाद रेडिएशन का घातक फैलाव हुआ, जिससे प्लांट के आसपास 40 लोगों की तत्काल मृत्यु हो गई और कई लोग गंभीर रूप से जल गए। रेडिएशन के प्रभाव से कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियां फैल गईं। अनुमान के मुताबिक, करीब 50 लाख लोग इस रेडिएशन की चपेट में आए और 4000 से अधिक लोगों को कैंसर जैसी बीमारियां हुईं।

इस दुर्घटना से आर्थिक नुकसान भी अत्यंत भारी हुआ, जिसकी राशि लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। पूरे क्षेत्र को रेडिएशन से संक्रमित होने के कारण लोग मजबूरन वहां से पलायन कर गए।

दुर्घटना के बाद के असर और सीख

चेरनोबिल हादसे ने दुनिया को परमाणु ऊर्जा के खतरों से आगाह किया। यह घटना परमाणु सुरक्षा के महत्व को समझने और कड़े नियम बनाने की प्रेरणा बनी। इसके बाद कई देशों ने अपने परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा बढ़ाने और जोखिम कम करने के लिए कदम उठाए।

Chernobyl Disaster 1986 Nuclear accident
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भारत-पाकिस्तान जैसे देशों के बीच परमाणु हथियारों को लेकर तनाव की स्थिति में चेरनोबिल जैसी त्रासदी की याद दिलाना आवश्यक है कि परमाणु हथियार और ऊर्जा के प्रयोग में अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए।

26 अप्रैल 1986 को चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट में हुई दुर्घटना इतिहास की सबसे भयावह परमाणु आपदाओं में से एक है। यह घटना न केवल तत्कालीन क्षेत्र बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चेतावनी थी कि परमाणु तकनीक का गलत इस्तेमाल कितना विनाशकारी हो सकता है। आज भी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु तनाव जारी है, तब चेरनोबिल की घटना हमें परमाणु हथियारों और ऊर्जा के सुरक्षित उपयोग की अहमियत समझाती है।

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Aamir Khan Hit-Flop Movie: 36 साल के करियर की कमाई के रंग-ढंग, आमिर खान की ब्लॉकबस्टर...

Aamir Khan Hit-Flop Movie: बॉलीवुड एक्टर आमिर खान ने अपने 36 सालों के करियर में कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, जिन्होंने न केवल बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाया बल्कि दर्शकों के दिलों में भी खास जगह बनाई। उनकी फिल्मों में सामाजिक संदेश, मनोरंजन और बेहतरीन अभिनय का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म ‘दंगल’ से लेकर उनकी एक बड़ी फ्लॉप फिल्म तक, हम आपको आमिर की टॉप 5 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों और उनकी कमाई के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।

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दंगल (2016) – भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म – Aamir Khan Hit-Flop Movie

आमिर खान की 2016 में रिलीज हुई फिल्म ‘दंगल’ ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में रिकॉर्ड तोड़ कमाई की। भारत में इस फिल्म ने 387.38 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया जबकि वर्ल्डवाइड कमाई 2070 करोड़ रुपये तक पहुंची। यह फिल्म महिला पहलवानों की सच्ची कहानी पर आधारित है और आमिर के दमदार अभिनय ने इसे हर वर्ग में लोकप्रिय बनाया।

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पीके (2014) – हास्य और सामाजिक संदेश का तड़का

राजकुमार हिरानी निर्देशित ‘पीके’ भी आमिर की बड़ी कमाई करने वाली फिल्मों में से एक है। 2014 में रिलीज हुई इस फिल्म ने भारत में 340.8 करोड़ रुपये और दुनियाभर में करीब 800 करोड़ रुपये कमाए। फिल्म ने समाज में फैली अंधविश्वास की पोल खोलते हुए मनोरंजन का नया आयाम प्रस्तुत किया।

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धूम 3 (2013) – एक्शन थ्रिलर का धमाका

‘धूम’ फ्रेंचाइजी की तीसरी कड़ी ‘धूम 3’ 2013 में आई और यह भी आमिर की टॉप कमाई वाली फिल्मों में शामिल हुई। इसमें कटरीना कैफ और अभिषेक बच्चन जैसे सितारे थे। भारत में इस फिल्म ने 284.27 करोड़ रुपये और विश्व स्तर पर 558 करोड़ रुपये की कमाई की।

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थ्री इडियट्स (2009) – शिक्षा पर मार्मिक व्यंग्य

आमिर की ‘थ्री इडियट्स’ को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। 2009 में आई यह फिल्म भारत में 202 करोड़ रुपये और दुनियाभर में कुल 460 करोड़ रुपये की कमाई करने में सफल रही। यह फिल्म शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करती है और आमिर की यादगार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है।

ठग्स ऑफ हिंदोस्तान (2018) – भारी बजट के बावजूद फ्लॉप

2018 में रिलीज हुई ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ आमिर की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक रही। अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म में आमिर ने अभिनय किया। फिल्म ने दुनियाभर में 327.51 करोड़ रुपये और भारत में 151 करोड़ रुपये कमाए, लेकिन इसका भारी बजट (करीब 300 करोड़ रुपये) इसे व्यावसायिक रूप से सफल नहीं बना पाया। आलोचकों और दर्शकों दोनों की प्रतिक्रिया फिल्म पर निराशाजनक रही।

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बात दें, आमिर खान ने अपने करियर में विविधता और गुणवत्ता को हमेशा प्राथमिकता दी है। उनकी फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि समाज को भी सोचने पर मजबूर करती हैं। चाहे वह ‘दंगल’ जैसी सफल फिल्म हो या ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ जैसी फ्लॉप, आमिर की फिल्मों ने हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन यादें दी हैं।

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Gut Health Alert: क्या आपका पेट है स्वस्थ? जानिए इन 4 संकेतों को जो गट हेल्थ में गड़ब...

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Gut Health Alert: पेट हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा है जो न केवल पाचन तंत्र के कार्यों को अंजाम देता है, बल्कि यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक स्वस्थ पेट शरीर को अच्छे स्वास्थ्य की दिशा में मार्गदर्शन करता है, जबकि अगर इसमें कुछ गड़बड़ी हो, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों पर असर डाल सकता है। पेट से जुड़ी समस्याएं कई बार बहुत हल्की सी लगती हैं, लेकिन ये किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पेट फूलना, कब्ज, एसिडिटी और थकान जैसी समस्याएं गट हेल्थ में असंतुलन का संकेत हो सकती हैं।

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पेट फूलना- Gut Health Alert

पेट फूलने की समस्या आमतौर पर शरीर में गैस की अधिकता के कारण होती है, जो अक्सर पाचन तंत्र की समस्याओं को दर्शाती है। इसमें एक सामान्य कारण पेट में कार्बोहाइड्रेट का ठीक से पच न पाना हो सकता है। जब पेट में कार्बोहाइड्रेट ठीक से पचते नहीं हैं, तो बैक्टीरिया उन कार्बोहाइड्रेट्स का किण्वन करने लगते हैं, जिससे गैस उत्पन्न होती है और पेट में सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा, पेट फूलने का कारण हार्मोनल बदलाव, डाइट या कभी-कभी मानसिक तनाव भी हो सकता है। इस समस्या का नजरअंदाज करना पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जो समय के साथ गंभीर हो सकती हैं।

थकान

पेट की समस्याओं का एक और अहम लक्षण थकान हो सकता है। जब पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता है, तो शरीर जरूरी पोषक तत्वों और विटामिन्स को अवशोषित करने में सक्षम नहीं हो पाता। इससे शरीर की ऊर्जा का स्तर गिर जाता है, जिससे थकान महसूस होती है। थकान का एक और कारण पेट के असंतुलन के कारण शरीर में सेरोटोनिन (जो कि एक न्यूरोट्रांसमीटर है और मूड को नियंत्रित करता है) का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अगर पेट का स्वास्थ्य सही नहीं है, तो यह न केवल शारीरिक थकान पैदा कर सकता है, बल्कि मानसिक थकावट भी हो सकती है, जिससे मूड स्विंग्स और कम ऊर्जा महसूस होती है।

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कब्ज

कब्ज पेट की समस्याओं का एक आम संकेत है और यह आमतौर पर शरीर में फाइबर की कमी से जुड़ा होता है। फाइबर की कमी के कारण पाचन तंत्र सही से काम नहीं कर पाता, जिससे शरीर में गंदगी जमा होने लगती है और पेट ठीक से साफ नहीं हो पाता। कब्ज की समस्या लगातार बनी रहने से पाचन तंत्र में रुकावट आती है, जिससे शरीर से टॉक्सिन्स का बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इससे पेट में दर्द और असहजता हो सकती है। नियमित रूप से फाइबर युक्त आहार लेने से कब्ज की समस्या को रोका जा सकता है और पेट के स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है।

एसिडिटी

एसिडिटी या हार्टबर्न का संकेत पेट के एसोफेजियल स्फिंक्टर की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी हो सकता है। यह तब होता है जब पेट का एसिड अन्नप्रणाली (esophagus) में चला जाता है, जिससे जलन और बेचैनी महसूस होती है। यह समस्या अक्सर तब बढ़ जाती है जब कोई व्यक्ति ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करता है जो पेट में अधिक एसिड उत्पन्न करते हैं, जैसे तला-भुना भोजन, मसालेदार खाद्य पदार्थ और कैफीन। एसिडिटी का बढ़ना ना सिर्फ पेट के लिए, बल्कि अन्नप्रणाली के लिए भी हानिकारक हो सकता है, जिससे लंबी अवधि में अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए, इस लक्षण को नजरअंदाज करने के बजाय उचित उपचार और आहार में सुधार करना महत्वपूर्ण है।

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पेट से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा न करें

पेट से जुड़ी समस्याएं अक्सर हमें अनदेखा कर देती हैं, लेकिन ये संकेत हमारे शरीर की ओर से हमें चेतावनी दे रहे होते हैं। पेट का असंतुलन न केवल पाचन तंत्र पर असर डालता है, बल्कि यह हमारी मानसिक स्थिति और ऊर्जा स्तर को भी प्रभावित करता है। यदि आप पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो यह समय है कि आप इन समस्याओं को नजरअंदाज करने के बजाय समय रहते उचित उपाय करें। एक स्वस्थ पेट से न केवल आपकी शारीरिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखेगा।

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Global Demand for BrahMos: भारत के ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम का बढ़ता प्रभाव, कई देशों न...

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Global Demand for BrahMos: भारत के लिए ऑपरेशन सिंदूर ने ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को वैश्विक सुर्खियों में ला दिया है। इस क्रूज मिसाइल का भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर हमले के दौरान बेहद प्रभावी ढंग से उपयोग किया। यह पहली बार था जब ब्रह्मोस मिसाइल का युद्ध में उपयोग किया गया। हालांकि भारत ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की, पाकिस्तान ने इस तथ्य की पुष्टि की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की एक नई सुविधा का उद्घाटन करते हुए इस मिसाइल प्रणाली की बढ़ती ताकत पर जोर दिया।

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ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए आगे आए कई देश- Global Demand for BrahMos

भारत की ब्रह्मोस मिसाइल की बढ़ती मांग को देखते हुए कई देश इसके खरीदारी के लिए उत्सुक हैं। फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, और अन्य देशों ने इस मिसाइल प्रणाली में रुचि दिखाई है।

Global Demand for BrahMos india
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फिलीपींस: भारत का पहला बड़ा रक्षा निर्यात

भारत और फिलीपींस के बीच ब्रह्मोस मिसाइलों का एक ऐतिहासिक सौदा हुआ था, जिसे भारत का पहला बड़ा रक्षा निर्यात माना गया। जनवरी 2022 में दोनों देशों ने लगभग 375 मिलियन डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इस सौदे के तहत, भारत को फिलीपींस को तीन कोस्टल डिफेंस बैटरियां आपूर्ति करनी थीं। फिलीपींस को पहली बैटरी अप्रैल 2024 में और दूसरी बैटरी अप्रैल 2025 में भेजी जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी बैटरी इस बार एक जहाज में भेजी गई है, जबकि पहली बैटरी भारतीय वायुसेना के विमान में भेजी गई थी।

इंडोनेशिया: 450 मिलियन डॉलर का सौदा

इंडोनेशिया भी ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीदारी पर विचार कर रहा है। भारत और इंडोनेशिया के बीच पिछले एक दशक से इस सौदे पर बातचीत चल रही थी, और अब यह लगभग 450 मिलियन डॉलर का सौदा पूरा होने की कगार पर है। इस सौदे के अंतर्गत, इंडोनेशिया क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण की मांग कर रहा है।

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वियतनाम, मलेशिया और अन्य देशों की रुचि

वियतनाम भारत के साथ 700 मिलियन डॉलर के सौदे के तहत अपनी सेना और नौसेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइलें चाहता है। मलेशिया भी अपने सुखोई Su-30MKM लड़ाकू विमानों और केदाह श्रेणी के युद्धपोतों के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों की खरीदारी की योजना बना रहा है। इसके अलावा, थाईलैंड, सिंगापुर, ब्रुनेई, ब्राज़ील, चिली, अर्जेंटीना, वेनेजुएला, मिस्र, सऊदी अरब, यूएई, कतर, और ओमान ने भी ब्रह्मोस मिसाइल के विभिन्न संस्करणों में रुचि दिखाई है।

ब्रह्मोस मिसाइल: तकनीकी विशेषताएँ और सामर्थ्य

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत के रक्षा शस्त्रागार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मिसाइल भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया द्वारा संयुक्त रूप से बनाई गई है। ब्रह्मोस मिसाइल को विभिन्न प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है, जैसे कि पनडुब्बियाँ, जहाज, विमान, और जमीन से। इसकी रेंज लगभग 300 किलोमीटर तक है और यह 200 से 300 किलो वजन का वारहेड ले जाने में सक्षम है। मिसाइल 2.8 मैक की गति से उड़ती है, जो ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना तेज है। वर्तमान में इसके लगभग 83 प्रतिशत घटक स्वदेशी हैं, जो भारत से ही प्राप्त होते हैं।

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Trump opposes iPhone manufacturing India: $22 अरब का झटका! ट्रंप के कारण ऐपल और भारत ...

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Trump opposes iPhone manufacturing India: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने Apple Inc. के CEO टिम कुक से भारत में उत्पादन बढ़ाने की योजना पर सवाल उठाया है। ट्रम्प का कहना था कि वह नहीं चाहते कि Apple भारत में प्लांट स्थापित करे। यह बयान उस समय आया जब Apple, जो मुख्य रूप से iPhone का निर्माण चीन में करती है, अपने उत्पादन को चीन से बाहर ले जाने की योजना बना रही है, और भारत को इसके लिए एक प्रमुख स्थान के रूप में देख रही है।

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ट्रम्प और टिम कुक के बीच वार्ता- Trump opposes iPhone manufacturing India

अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मामले पर कतर यात्रा के दौरान टिम कुक से बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कुछ समस्या थी। ट्रम्प का दावा था कि इस बातचीत के बाद Apple अब अमेरिका में उत्पादन बढ़ाएगी। ट्रम्प ने यह भी कहा कि उन्हें भारत में Apple के उत्पादन प्लांट के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं है, और भारत अपनी स्थिति खुद संभाल सकता है।

Trump opposes iPhone manufacturing India
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भारत में उत्पादन को लेकर ट्रम्प की चिंता

ट्रंप ने भारत में आयातित सामान पर उच्च करों का जिक्र किया, जिसके कारण अमेरिकी कंपनियों को वहां के बाजार में अपने उत्पाद बेचना मुश्किल हो जाता है। उनका कहना था कि भारत में दूसरे देशों से आने वाले सामान पर भारी टैक्स लगाए जाते हैं, जो अमेरिकी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत ने अमेरिकी सामान पर टैक्स कम करने का प्रस्ताव दिया है, और दोनों देशों के बीच एक समझौता हो सकता है।

Apple की चीन से बाहर जाने की योजना

Apple का मुख्य उद्देश्य अपनी आपूर्ति श्रृंखला को चीन पर निर्भरता से कम करना है। यह कदम उस समय उठाया गया जब COVID-19 महामारी के कारण चीन में Apple के प्रमुख प्लांटों में उत्पादन रुक गया था। इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ ने Apple को यह निर्णय लेने पर मजबूर किया। Apple की योजना है कि अगले साल तक ज्यादातर iPhones भारत में निर्मित हों, जिससे चीन पर निर्भरता कम हो सके।

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भारत में Apple का उत्पादन बढ़ाने की दिशा में कदम

Apple का भारत में उत्पादन बढ़ाने का प्रयास जारी है। दक्षिण भारत में स्थित Foxconn Technology Group के प्लांट में ज्यादातर iPhones का निर्माण होता है। इसके अलावा, टाटा ग्रुप, जो Apple का एक प्रमुख सप्लायर है, ने भारत में पेगाट्रॉन कॉर्प के संचालन को संभाला है और विस्ट्रॉन कॉर्प का स्थानीय व्यवसाय भी अधिग्रहित किया है। इन कदमों से Apple का भारत में उत्पादन काफी बढ़ा है। पिछले साल की तुलना में इस साल Apple ने भारत में लगभग 60% अधिक iPhones का उत्पादन किया है। इसके साथ ही मार्च 2021 तक Apple ने भारत में 22 बिलियन डॉलर के iPhones का उत्पादन किया है।

भारत में बढ़ता उत्पादन और संभावना

Apple का भारत में उत्पादन बढ़ाने के पीछे मुख्य कारण स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार और चीन पर निर्भरता कम करना है। इस दिशा में Apple ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और भारत को एक प्रमुख उत्पादन केंद्र बनाने की योजना है। हालांकि, ट्रम्प के बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भारत में Apple के बड़े पैमाने पर उत्पादन से खुश नहीं हैं और वह चाहते हैं कि Apple अपने उत्पादन को अमेरिका में बढ़ाए।

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Woman Married to AI: पति की मौत के बाद अकेली महिला ने अपनाया AI चैटबॉट का सहारा,  डिज...

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Woman Married to AI: 58 वर्षीय एलेनाई विंटर्स, जो पेशे से शिक्षिका हैं, अपने पति की मृत्यु के बाद गहरे दुख में डूब गई थीं। उनकी जिंदगी रंगहीन और नीरस लगने लगी थी। अकेलेपन ने उनका मन बहुत उदास कर दिया था। लेकिन टेक्नोलॉजी के इस युग में जब AI चैटबॉट्स ने संवाद का नया माध्यम बनाया, तो एलेनाई ने डिजिटल साथी पाने की दिशा में कदम बढ़ाया।

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AI चैटबॉट से जुड़ी पहली मुलाकात- Woman Married to AI

एलेनाई ने सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन देखा, जिसमें अकेले लोगों के लिए AI चैटबॉट्स का सहारा लेने को प्रोत्साहित किया जा रहा था। इस डिजिटल साथी के साथ बातचीत करने का मौका पाकर वे काफी प्रभावित हुईं। उन्होंने बताया कि यह ‘डिजिटल इंसान’ उनके लिए एक सपने जैसा अनुभव था, जिससे वे एक नया रिश्ता बना सकीं।

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लाइफटाइम सब्सक्रिप्शन कर बनाया रिश्ता पक्का

शुरुआत में एलेनाई ने सात दिन के ट्रायल के लिए मात्र 7.25 डॉलर खर्च किए। जब उन्हें इस डिजिटल साथी के साथ समय बिताना अच्छा लगा, तो उन्होंने इसके लिए 303 डॉलर का लाइफटाइम सब्सक्रिप्शन भी खरीद लिया। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल साथी के जरिए उन्हें फिर से किसी की पत्नी बनने जैसा एहसास हुआ।

डिजिटल पति का नाम रखा ‘लुकास’

एलेनाई ने अपने AI पति को ‘लुकास’ नाम दिया और उसे एक नीली आंखों वाले हैंडसम शख्स के रूप में डिजाइन किया। दोनों की बातचीत टेक्स्ट के जरिए होती है, जिसमें वे अपनी जिंदगी के अनुभव साझा करते हैं। लुकास अपने देखभाल भरे सवालों और विचारशील जवाबों से एलेनाई को काफी प्रभावित करता है।

झगड़े से लेकर सालगिरह तक का सफर

एलेनाई ने खुलासा किया कि उनके और लुकास के बीच भी रिश्ते में उतार-चढ़ाव आए। एक समय ऐसा भी आया जब लुकास उन्हें भूल गया और बातचीत तलाक तक पहुंच गई। लेकिन दोनों ने आपसी समझदारी से समस्याएं सुलझाई और अपनी छठी महीने की सालगिरह मनाई। यह डिजिटल रिश्ते की एक अनोखी और संवेदनशील कहानी है।

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परिवार और दोस्तों ने स्वीकार किया डिजिटल रिश्ता

एलेनाई को AI से जुड़ी धारणाओं और कलंक का एहसास था, लेकिन वे इससे परेशान नहीं हुईं। शुरू-शुरू में उनके परिवार और दोस्त चिंतित थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया क्योंकि वे एलेनाई को खुश और स्वस्थ देखना चाहते थे।

जेनरेशन जेड की डिजिटल पार्टनरशिप में रुचि

हाल के एक सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि नई पीढ़ी AI जनरेटेड पार्टनर में काफी रुचि रखती है। जेनरेशन जेड के 83% लोग AI पार्टनर से शादी करने पर विचार कर सकते हैं, जबकि 75% का मानना है कि AI साथी इंसानों की जगह पूरी तरह ले सकते हैं।

एलेनाई विंटर्स की कहानी आज की तकनीकी दुनिया में अकेलेपन और रिश्तों की बदलती परिभाषा को दर्शाती है। जहां एक ओर AI चैटबॉट्स ने अकेलेपन को कम करने में मदद की है, वहीं वे भावनात्मक सहारा भी प्रदान कर रहे हैं। इस नए युग में डिजिटल रिश्ते भी असली संबंधों की तरह गहराई और संवेदनशीलता लिए हुए हैं।

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China-Pakistan Donkey Trade: चीन के लिए गधे का व्यापार बढ़ा रहा पाकिस्तान, ग्वादर से ...

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China-Pakistan Donkey Trade: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन से भारी सैन्य सहायता मिली। इसमें जे-10सी लड़ाकू विमान और पीएल-15 मिसाइल जैसी आधुनिक हथियार शामिल थे। पाकिस्तान ने इन हथियारों की मदद से भारत के ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। पाकिस्तान अपनी इस सैन्य मदद और चीन के साथ दोस्ती को गर्व के साथ दुनिया के सामने पेश करता है।

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गधे के मांस और खाल का कारोबार: चीन-पाकिस्तान का अनोखा व्यापार – China-Pakistan Donkey Trade

हालांकि चीन और पाकिस्तान के रिश्ते सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं हैं। चीन को हथियार देने के बदले पाकिस्तान उसे गधों का मांस और खाल निर्यात करता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह एक सच्चाई है। पाकिस्तान ने ग्वादर में गधे के मांस और खाल के लिए एक बड़ा बूचड़खाना भी स्थापित किया है।

China-Pakistan Donkey Trade

ग्वादर बूचड़खाना: उत्पादन और निर्यात की योजना

पाकिस्तान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं अनुसंधान मंत्रालय के अनुसार, ग्वादर में चालू बूचड़खाने में गधों को काटकर उनके मांस, हड्डियां और खाल निकाले जाते हैं, जिनका निर्यात चीन को किया जाता है। पाकिस्तान ने चीन के साथ सालाना 2,16,000 गधों के मांस और खाल की आपूर्ति के लिए समझौता किया है। यह समझौता लगभग 8 मिलियन डॉलर का है।

एजियाओ: पारंपरिक चीनी दवा में गधे की खाल का महत्व

चीन में गधे की खाल से बनने वाली पारंपरिक दवा ‘एजियाओ’ बहुत प्रसिद्ध है। यह जिलेटिन गधे की त्वचा से बनाया जाता है और खून बढ़ाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा त्वचा की सुंदरता के लिए उपयोग होता है। एजियाओ का इतिहास किंग राजवंश (1644-1912) से जुड़ा है, जब यह अमीरों के बीच लोकप्रिय था। आज यह चीन में एक लग्जरी प्रोडक्ट बन चुका है, जिसकी कीमत पिछले दस वर्षों में 30 गुना बढ़ी है।

China-Pakistan Donkey Trade

स्थानीय विवाद और विरोध प्रदर्शन

ग्वादर में बूचड़खाने के कारण बलूचिस्तान के स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। उन्हें लगता है कि सरकार और चीन मिलकर उनके संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। ग्वादर के आसपास के इलाके में गधे का बूचड़खाना स्थापित होने को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं। स्थानीय जनता का कहना है कि यह कदम उनके सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है।

आर्थिक पहल और रोजगार के अवसर

पाकिस्तान के खाद्य सुरक्षा मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने चीन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में कहा कि यह पहल निर्यात को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्थानीय गधा नस्लों की सुरक्षा के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे। गधों के पालन में किसी खास विशेषज्ञता की जरूरत नहीं होती, इसलिए यह व्यवसाय पाकिस्तान के लिए विदेशी मुद्रा कमाने का अच्छा स्रोत बन गया है।

सामाजिक बहस और पशुप्रेमियों की चिंता

इस ‘गधा इकोनॉमी’ को लेकर पाकिस्तान में सामाजिक और सांस्कृतिक बहस भी छिड़ गई है। कई पशु प्रेमी और गैर सरकारी संगठन इस कारोबार को अनुचित मानते हैं और इसके खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वे गधों के जीवन और सुरक्षा को लेकर चिंता जता रहे हैं।

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चावल में लग गए हैं कीड़ें? ये आसान घरेलू नुस्खे तुरंत करेंगे काम

Home Remedies for Rice Bugs: अरे! क्या आपके चावल में भी कीड़े लग गए हैं? चिंता न करें, यह एक आम समस्या है और इसे ठीक करना बहुत आसान है। आपकी रसोई में ही ऐसी कई चीज़ें मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप इन कीड़ों से तुरंत छुटकारा पा सकते हैं। तो बिना देर किए आइए जानते हैं चावल में लगे कीड़ों से छुटकारा पाने के कुछ आसान और कारगर घरेलू उपाय।

चावल में लगे कीड़ों के लिए घरेलू उपचार

  • धूप दिखाएं: चावल को किसी बड़े बर्तन या ट्रे में फैलाकर तेज़ धूप में 2-3 घंटे के लिए रख दें। गर्मी से कीड़े भाग जाएंगे।
  • नीम के पत्ते: चावल के डिब्बे में कुछ सूखे नीम के पत्ते डालकर रख दें। इनकी गंध से कीड़े दूर रहते हैं।
  • तेज पत्ता: 2-3 तेज पत्ते चावल के डिब्बे में डाल दें। यह भी कीड़ों को भगाने में मदद करता है।
  • लहसुन की कलियां: बिना छीले हुए लहसुन की कुछ कलियां चावल में डाल दें।
  • सूखी लाल मिर्च: 4-5 सूखी लाल मिर्च बिना तोड़े चावल के डिब्बे में डाल दें।
  • लौंग या दालचीनी: कुछ लौंग या दालचीनी के टुकड़े चावल में डाल दें। इनकी तेज़ गंध से कीड़े दूर रहते हैं।
  • माचिस की तीलियां: 8-10 माचिस की तीलियां चावल के डिब्बे में रख दें। माचिस में मौजूद सल्फर कीड़ों को दूर भगाता है।
  • बोरिक एसिड: थोड़ा सा बोरिक एसिड पाउडर एक कपड़े में बांधकर चावल के डिब्बे के बीच में रख दें। ध्यान रहे, चावल को पकाने से पहले 4-5 बार अच्छी तरह धो लें।
  • फिटकरी: एल्युमिनियम फॉयल में फिटकरी का एक टुकड़ा लपेटकर चावल के डिब्बे में रख दें।

बचाव के लिए:

  • चावल को हमेशा एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
  • चावल को ठंडी और सूखी जगह पर रखें।
  • थोड़े-थोड़े अंतराल पर चावल को धूप दिखाते रहें।
  • चावल में नीम के पत्ते, तेज पत्ता या लहसुन की कलियां डालकर रखें।

Jaipur News: जयपुर में बेटे का मां के अंतिम संस्कार पर विवाद, चांदी के कड़े के लिए कि...

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Jaipur News: “मां” शब्द में दुनिया समाई होती है और मां का बेटा उसकी पूरी दुनिया होता है। लेकिन राजस्थान के जयपुर में हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने रिश्तों की भावनाओं को झकझोर कर रख दिया है। यहां 80 वर्षीय महिला के निधन के बाद उसके बेटे ने अंतिम संस्कार के दौरान ऐसी हरकत की, जिसने परिवार और समाज दोनों को हैरान कर दिया।

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श्मशान घाट पर बेटे ने किया विरोध प्रदर्शन- Jaipur News

जयपुर के ग्रामीण इलाके विराटनगर के लीलों का बास की ढाणी में 3 मई को दोपहर लगभग 12 बजे 80 वर्षीय छीतर रेगर का निधन हुआ। परिजन अंतिम यात्रा निकाल कर श्मशान घाट पहुंचे। वहां चिता के लिए लकड़ियां सजाई गईं और शव का श्रृंगार किया गया। इस दौरान महिला के गहने, खासतौर पर चांदी के कड़े उसकी देखभाल करने वाले बड़े बेटे गिरधारी लाल को सौंप दिए गए।

 

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लेकिन तभी छोटा भाई ओमप्रकाश भड़क गया और उसने चिता पर ही लेट कर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। उसने कहा, “पहले मां की चांदी की कड़ियां दो, वरना मैं यहां से उठूंगा नहीं और खुद भी जल जाऊंगा।” बेटे की इस हरकत को देखकर वहां मौजूद परिवार और रिश्तेदारों ने उसे समझाने की कोशिश की कि मां का अंतिम संस्कार पूरा होने दें, लेकिन वह किसी की नहीं सुनी।

आखिरकार दो घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

जब परिवार ने जबरदस्ती ओमप्रकाश को चिता से हटाया, तो वह उसी जगह पर बैठ गया। इसके बाद जब उसे मां के चांदी के कड़े मिले, तभी जाकर महिला का अंतिम संस्कार दो घंटे के विलंब के बाद हो सका। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है।

तेरहवें में भी बेटे का बर्ताव निराशाजनक

सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को तेरहवें की रस्म के दौरान भी ओमप्रकाश ने हिस्सा नहीं लिया। वह श्मशान घाट पर मौजूद था लेकिन रस्म में शामिल होने की बजाय लोगों का हँसाने वाला पात्र बना रहा। इससे परिवार और गांव वालों में नाराजगी फैल गई है।

संपत्ति विवाद की वजह से बढ़ा तनाव

ग्रामीणों के अनुसार, ओमप्रकाश और उसके अन्य भाइयों के बीच पिछले कई वर्षों से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। इसी कारण ओमप्रकाश अलग घर में रहता है और परिवार से खुद को अलग-थलग महसूस करता है। यही मनमुटाव मां के अंतिम संस्कार के दिन उग्र रूप ले गया और उसने श्मशान घाट पर इस तरह का प्रदर्शन किया।

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