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अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले 5 जजों के बारे में जानें कुछ विशेष बातें…

सदियों से चले रहे अयोध्या विवाद पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. लंबे अरसे से देशवासी जिस फैसले का इंतजार कर रहे था वो राम मंदिर के पक्ष में आया. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला दिया, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग से अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर 40 दिनों तक सुनवाई की थी. जिसके बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

40 दिनों तक कोर्ट में चली तीखी बहस के बाद 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इस मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की शामिल थे. आइए इन जजों के बारे में कुछ खास बातें जिन्होनें बरसों पुराने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया है.

  1. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में ही 5 जजों की बेंट अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही थी. उनका जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था. रंजन गोगोई ने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी. 2001 में गोगोई गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बने थे. इसके बाद 2010 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुए थे. 2011 में रंजन गोगोई पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी बन गए थे. 23 अप्रैल 2012 में जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर 3 अक्टूबर को पदभार संभाला था. वो इसी 17 नवंबर को रिटायर भी हो रहे है. बतौर चीफ जस्टिस उन्होनें अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए है.

2. जस्टिस एस.ए बोबड़े

जस्टिस एस.ए बोबड़े इस पीठ के दूसरे जज हैं. रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद वो ही अगले चीफ जस्टिस होंगे. जस्टिस एस.ए बोबड़े ने 1978 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ज्वाइन की थी. इसके बाद उन्होनें बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की. 1998 में एस.ए बोबड़े वरिष्ठ वकील भी बने थे. 2000 में उन्होनें बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज पदभार संभाला था. साथ ही वो मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं. साल 2013 में उन्होनें सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर कमान संभाली. वो 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर पदभार ग्रहण करेंगे. जस्टिस एस. ए. बोबड़े 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर होंगे.

3. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

13 मई 2016 को जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर पद संभाला था. उनके पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे. वो बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर जज भी काम कर चुके हैं. जज नियुक्त होने से पहले वो देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ सबरीमाला, भीमा कोरेगांव, समलैंगिकता जैसे कई बड़े मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा रह चुके हैं.

4. जस्टिस अशोक भूषण

जस्टिस अशोक भूषण का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ है. अशोक भूषण ने 1979 में यूपी बार काउंसिल ज्वाइन की थी. इसके बाद उन्होनें इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस भी की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में अशोक भूषण ने कई पदों पर काम किया है. 2001 में जस्टिस अशोक भूषण बतौर जज नियुक्त किए गए थे. साल 2014 में वो केरल हाईकोर्ट के जज बने थे और 2015 में वो वहां के चीफ जस्टिस बने थे. सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उन्होनें 13 मई 2016 को कार्यभार संभाला था.

5. जस्टिस अब्दुल नज़ीर

1983 में जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने वकालत शुरू की थी. उन्होनें कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी की है. इसके बाद अब्दुल नज़ीर ने बतौर एडिशनल जज और परमानेंट जज काम किया है. 17 फरवरी 2017 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कार्यभार संभाला था.

रोजाना बादाम और एक किलो घी पीता है 15 करोड़ की कीमत वाला ये भैंसा, जानिए क्या है इसकी...

इन दिनों राजस्थान के पुष्कर में बहुत बड़ा पशु मेला लगा हुआ है, जिसमें दुनियाभर के तमाम पशु शामिल हुए हैं, जिनमें से एक भैंसा जमकर सुर्खियां बटोर रहा है. करोड़ो में बिकने वाली इस भैंसा को देखकर हर कोई दंग है क्योंकि इसकी कई खूबियां इंसानो से बहुत मिलती जुलती है. ये ही कारण है कि इसकी कीमत भी काफी अधिक है.

सूर्खियां बटोर रहे इस भैंसे का नाम भीम बताया जा रहा है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. हर कोई इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा है. भीम के मालिक ने इसकी खूबियों के बारे में बताने के साथ-साथ उसके मंहगे होने की वजह भी बताई है, तो आइए आपको इस भैंसा की खूबियों के बारे में बताते हैं…

आखिर क्यों है ये भैंसा इतना महंगा?

भीम नाम का ये भैंसा कोई आम भैसा नहीं है, ये अन्य भैंसों से अलग है. इसकी कीमत 1 या 2 करोड़ नहीं बल्कि 15 करोड़ रुपये है. कहा जाता है कि इस भैंसा से जो भी भैंस गर्भवती होती है, वो सदैव अधिक दूध देने वाली भैंस ही पैदा करती है.

इसलिए ये भैंसा 15 करोड़ रुपये की कीमत में बिकेगा और तो और इसे खरीदने के लिए भी काफी लोग उत्साहित हैं. बता दें कि भैंसा का इस्तेमाल भैंस को गर्भवती करने के लिए किया जाता है, ये ही कारण है कि ज्यादा दूध देने वाली भैंस को पैदा करने के लिए इस भैंसा की मांग काफी ज्यादा है.

क्या है भीम का डाइट प्लान?

भीम के मालिक से जब इसके डाइट प्लान की बात की गई तो उसने बताया कि इसका डाइट प्लान बिल्कुल अलग थलग है. ये भैंसा रोजाना एक किलो घी पीने के साथ-साथ बादाम, काजू और छुआरे आदि का भी सेवन करता है. इसके अलावा ये मक्खन और शहद का भी सेवन करता है. जिस वजह से इसके खानपान में कुल खर्च लगभग सवा लाख रुपये का होता है, इसलिए इसकी कीमत काफी ज्यादा है.

केवल 6 साल में बन गया ऐसा

भीम के मालिक ने कहा कि केवल 6 साल की मेहनत में भीम इतना अच्छा बन गया. उन्होंने आगे ये भी कहा कि भीम की देखभाल के लिए चार लोग हैं. इसकी रोजाना एक किलो सरसों के तेल से मालिश होती है, जिससे कि इसकी फिटनेस बरकरार है. भीम के बारे में जानकर तो ये बात साफ है कि ये अन्य घास-पूस खाने वाले भैंसो से काफी अलग है और इसलिए ही ये इतना मंहगा भी है.

जब 15 साल के थे विराट तो खुद को लिखा था एक खास लेटर, बर्थडे पर फैन्स के साथ किया शेयर

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टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली आज अपना 31 साल के हो गए है. विराट कोहली दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है. ना सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी लोग उनको बहुत पंसद करते हैं. विराट कोहली अपना 31वां जन्मदिन पत्नी अनुष्का के साथ मना रहे है. उनके इस खास दिन पर करोड़ो लोग उन्हें विश कर रहे है. विराट ने अपने जन्मदिन पर फैन्स के लिए एक बेहद ही खास लेटर शेयर किया है. विराट कोहली का ये लेटर 16 साल पुराना है. जब वो 15 साल के थे तो उन्होनें खुद को एक लेटर लिखा था. जिसे उन्होनें आज अपने फैन्स के साथ शेयर किया है.

बर्थडे पर विराट ने 16 साल पुराना लेटर किया शेयर

15 साल के विराट ने इस लेटर में लिखा है- हाय चीकू, सबसे पहले तुम्हें जन्मदिन की बधाई. मुझे पता है कि भविष्य को लेकर तुम्हारे मन में बहुत सारे सवाल चल रहे होंगे जो तुम मुझसे पूछना चाहते हो. लेकिन मुझे माफ करना आज मैं तुम्हारे ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दे पाऊंगा. क्योंकि जब किसी को ये पता नहीं होता कि भविष्य में आपके लिए क्या छिपा है, तो आपको हर सरप्राइज बेहद ही प्यारा लगता है. हर चुनौती रोमांच पैदा करती है और हर निराशा आपको एक सबक सिखाती है. आज तुम्हें इन सब चीजों का एहसास नहीं होगा, लेकिन मंजिल से ज्यादा खास सफर होता है. ये सफर सुपर है.

लेटर में आगे लिखा है- विराट तुम्हारे लिए जिंदगी ने बहुत कुछ बड़ा सोच रखा है. लेकिन इसके लिए तुम्हें रास्ते में आने वाले हर मौके के लिए तैयार रहना होगा. उस मौके को पकड़ना होगा. आसानी से मिलने वाली चीजों को कभी मत लेना. ऐसा करने पर तुम फेल भी हो जाओगे, जैसे हर कोई होता है. लेकिन खुद से एक वादा करों कि तुम कभी भी उठना नहीं भूलोगे. अगर पहली बार में तुम्हें कोई चीज नहीं मिलती है तो तुम उसके लिए दोबारा कोशिश करोगे. कई लोग तुम्हें प्यार भी करेंगे और कई लोग ऐसे होंगे जो तुम्हें जानते नहीं होंगे. उनकी चिंता कभी मत करना. हमेशा खुद पर भरोसा करना.

15 साल के विराट ने लेटर में आगे लिखा- ‘मैं जानता हूं कि तुम उन जूतों के बारे में सोच रहे हो जो पापा ने तुम्हें गिफ्ट नहीं किए. लेकिन ये पापा की एक झप्पी के आगे कुछ भी नहीं है, जो उन्होनें आज सुबह तुम्हें दी हैं. या फिर जो जोक उन्होनें तुम्हारी हाइट को लेकर सुनाया है. इससे ही मुस्कुराओ. मैं जानता हूं कि वो कई बार सख्त हो जाते हैं. पर ऐसा इसलिए हैं क्योंकि वो तुम्हारे लिए बेस्ट चाहते हैं. तुम ऐसा लगता है कि हमारे पैरेंट्स कई बार हमें नहीं समझते हैं. लेकिन हमेशा ये ध्यान रखना कि एक हमारा परिवार ही है जो हमें बिना शर्त के बहुत प्यार करता है. तुम भी उनको प्यार करो, उनका सम्मान करो और उनके साथ वक्त बिताओ.

पापा को बता दों कि तुम उनसे कितना प्यार करते हो. उन्हें बार-बार ये बताओ. आखिर में बस ये कहूंगा कि अपने दिल की सुनो और अपने सपनों की ओर भागो. दुनिया को ये दिखाओं की कैसे बड़े सपने देखने से बड़ा अंतर होता है. तुम अभी जो हो वही रहना और हां पराठों के बारे में सोचों. आने वाले सालों में ये लग्जरी बन जाएंगे. अपना हर दिन को सुपर बनाओ.

मानव के लिए बेहद घातक है वायु प्रदूषण, जानिए इससे होने वाले दुष्प्रभाव, बीमारियां और ...

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वायु प्रदूषण से नुकसान – यूं तो प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा घातक वायु प्रदूषण होता है. व्यक्ति से लेकर जीव-जंतुओं के जीवन पर ये अपना बुरा असर डालता है. आज के समय में हवा में प्रदूषण की मात्रा हर जगह मिलेगी, चाहे घर हो या घर के बाहर हर तरफ जहरीली हवाओं ने अपना कब्जा कर रखा है. जिस वजह से वायु प्रदूषण से बचना हमारे लिए काफी मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं. आज हम आपको वायु प्रदूषण से होने वाली दुष्प्रभाव, बीमरियों और बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए आपको बताते हैं…

मानव के स्वास्थ्य पर प्रभाव

व्यक्ति अपने जीवन को बनाए रखने के लिए कम से कम 8,000 लीटर वायु अंदर और बाहर करता है. वहीं अगर वायु में अशुद्धि या प्रदूषक तत्वों का समावेश है तो वो सांस लेते वक्त व्यक्ति के शरीर में पहुंच कर कई तरह से प्रभावित करती है और फिर नतीजा ये होता है कि वो अनेक भयंकर रोग बन जाती है.

दुष्प्रभाव और बीमारियां

वायु प्रदुषण के दौरान कुछ उपायों को अपनाकर और इससे बचकर हम इससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव और बीमरियों से अपने आपको और अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं. इस घातक प्रदूषण से व्यक्ति के शरीर में बहुत जल्दी प्रभाव पड़ता हैं क्योंकि ये सांस द्वारा हवा के तौर पर शरीर मे पहुंचता है. इतना ही नहीं इससे दमा, खांसी,सिरदर्द रहना, आंखों की रोशनी कमजोर होना और फेफड़ों में संक्रमण होने जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ कर सकता है.

बचाव ही उपाय – वायु प्रदूषण से नुकसान

वायु प्रदूषण से बचने के लिए आपको रोजाना सबसे पहले जल्दी उठना चाहिए और टहलना चाहिए, इससे आपके शरीर में ताजी हवा अंदर जाएगी. इसके लिए आप घर के पास किसी भी गार्डन या फिर ऐसी जगह जा सकते हैं जहां हरियाली या पेड़ हो और फिर वहां खड़े होकर लंबी सांस अंदर खींचे और बाहर छोड़ें. जिसके चलते पेड़ों से निकलने वाला ऑक्सीजन जब शरीर में जाता है तो वो शरीर में नई स्फूर्ति भर देता है.

योग से होगा ज्यादा लाभ

वहीं, अगर आप योग करते हैं तो ये आपके शरीर के लिए काफी अच्छा रहेगा, क्योंकि योग में स्वच्छ हवा शरीर में लेने की कई मुद्राएं बताई गई हैं. इसकी मदद से आप सवेरे जल्दी उठकर इन योगाओं में से कोई एक योग को अपनाते हुए अपने शरीर में स्वच्छ हवा ले सकते है.

मास्क पहनकर करें बचाव

अगर आपके आसपास वायु प्रदूषण की ज्यादा मात्रा है तो अपने चेहरे को मास्क से ढककर रखिए. इसकी मदद से प्रदूषित हवा को आपके शरीर मे जाने से रोक मिलेगी. इतना ही नहीं, आपको ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह, ज्यादा यातायात का दबाव वाली जगह और जहां फैक्टियों की तादाद ज्यादा होती है उन जगह पर जाना नहीं चाहिए, क्योंकि यहां पर वायु प्रदूषण की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर में पहुंचकर बीमारियां पैदा करता है.

और पढ़ें: हाथ पैर पर नीले धब्बे पड़ना किस चीज की निशानी है. कैसे खत्म करें

एक रिलेशनशिप के चलते मैकडोनाल्ड के सीईओ को गंवानी पड़ी नौकरी, मांगी माफ़ी

मैकडोनाल्ड (McDonald’s) ने अपने ही सीईओ स्टीव ईस्टरब्रुक को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन्हें एक कर्मचारी के साथ रिलेशनशिप के चलते अपनी नौकरी की कुर्बानी देनी पड़ी। रविवार को कंपनी ने ये कहते हुए इस बात की जानकारी दी कि स्टीव ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया था और ये उनकी पॉलिसी के खिलाफ है। जिस वजह से उन्हें सीईओ और कंपनी के अध्यक्ष पद दोनों से निकाल दिया गया। बता दें कि 52 साल के ईस्टरब्रुक को  2015 में मैकडोनाल्ड का सीईओ बनाया गया था और तब से वो उसी पद पर कार्यरत थे।

बोर्ड ने लगाया गलत फैसले लेने का आरोप 

बोर्ड का आरोप है कि उन्होंने अपनी कर्मचारी के साथ संबंध होने के चलते कुछ गलत फैसले लिए। फ़िलहाल ईस्टरब्रुक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है जिसके बाद उन्होंने बोर्ड के सदस्य पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने कर्मचारियों को ईमेल द्वारा बोर्ड के इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने गलती की। मैंने कंपनी को हमेशा महत्व दिया लेकिन बोर्ड का फैसला सही है। अब मेरा जाने का वक़्त है।‘

#MeToo कैंपेन के दौरान दिखा था असर

अमेरिका के कॉर्पोरेट सेक्टर में ऐसे कई पहले भी मामले सामने आये हैं जिनके रिलेशनशिप की वजह से नौकरी पर बात बन आई। सोशल मीडिया पर चले #MeToo कैंपेन के दौरान भी इसका असर देखने को मिला था। इस दौरान बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जून 2018 में इंटेल कॉर्प के सीईओ ब्रायन को भी रिलेशनशिप के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था। अब ईस्टरब्रूक के बाद क्रिस केंपिजिंस्की को मैकडोनाल्ड यूएसए का सीईओ बनाया गया है।

ईस्टरब्रुक के नेतृत्व में कंपनी को हुआ था फायदा 

हालांकि ईस्टरब्रुक के कार्यकाल के दौरान कंपनी को काफी फायदा हुआ। साल 2015 के बाद से सीईओ बनते ही कंपनी के स्टॉक डबल हो गए हैं। बता दें कि ईस्टरब्रुक की पढ़ाई यूनिवर्सटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड के बिजनेस स्कूल से हुई थी और इससे पहले उनका तलाक भी हो चुका है। आज नए नवेले सीईओ ने केंपजिंस्की में अपने सन्देश में ईस्टरब्रूप को धन्यवाद दिया। केंपजिंस्की ने कहा कि वो इस्टरब्रुक के कामों को आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगे।

हनीमून के लिए सबसे बेस्ट है भारत की ये 5 लग्जरी ट्रेन, सफर के दौरान खुद को राजा-रानी ...

Top 5 trains for Honeymoon – कहते हैं शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें में ज्यादातर हर कोई बंधना चाहता है, इतना ही नहीं आजकल तो शादी एक ट्रेंड बनती जा रही है. हर कोई इस खास अवसर पर सेलीब्रीटी या राजा महाराजा के समय होने वाले रिती रिवाजों को अपनाने की सोचते हैं, जिसे वो खुद को लोगों की भीड़ में अलग समझे. इतना ही नहीं शादी के बाद जब हनीमून की बात आती है तो इसे लेकर भी कपल्स में एक अलग उत्साह रहता है वो तरह-तरह की नई जगह घूमने का प्लान बनाते हैं.

वहीं अगर आप भी एक कपल हैं और अपने हनीमून को शाही बनाना चाहते हैं तो आइए आपको राजा और रानी का अहसास दिलवाने वाली उन भारतीय लग्जरी ट्रेंनों के बारे में बताते हैं जो आपको किसी राजा महाराजा के महलों से कम नहीं लगेंगी, तो आइए आपको बताते हैं…

महाराजा एक्सप्रेस

सबसे पहले बात करते हैं महाराजा एक्सप्रेस की इस ट्रेन को दुनियां की 5 सबसे अधिक लग्जरी ट्रेन का खिताब भी मिल चूका हैं. इसकी साज-सजावट काफी अच्छी है. इसमें शानदार रूम है और वेटर की सर्विस भी मौजूद हैं. अक्टूबर से अप्रैल के बीच में चलने वाली इस ट्रेन के पांच अलग रूट्स हैं और यहां एक व्यक्ति का किराया दो से चार लाख के करीब है.

रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स

रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स ट्रेन में आपको ताज महल, हवा महल,सिटी पैलेस, खजुराहो मंदिर जैसी अन्य वस्तु देखने को मिलता है. ये ट्रेन जोधपुर, सवाई माधोपुर, जयपुर, खजुराहो, उदयपुर, चित्तोरगढ़, वाराणसी और आगरा जैसे रूट्स पर जाती है. इसमें स्पा, रेस्तरां के साथ-साथ कई सुविधाएं भी हैं, इन सभी सुविधा का लाभ उठाने के लिए एक व्यक्ति का किराया चार लाख के करीब है.

द डेक्कन ओडिसी

पांच स्टार रेटिंग वाली द डेक्कन ओडिसी ट्रेन के डिब्बे किसी राजा महाराजाओं के महलों कम नहीं हैं. इसमें रेस्तरां, स्पा जैसे कई सुविधाएं है. इसके कुल 6 रूट्स हैं और एक व्यक्ति का किराया करीब तीन लाख रुपये के आसपास है.

सुनहरा रथ

एशिया की सबसे लग्जरी ट्रेन का खिताब साल 2013 में सुनहरा रथ ट्रेन को मिला था. 7 राते और 8 दिनों का समय लेने वाली ये ट्रेन अक्टूबर से मार्च में चलती हैं. ये ट्रेन मुख्य तौर पर दो रूट्स पर चलती हैं. इसमें सफर करने के लिए एक व्यक्ति का किराया टैक्स के अलावा 3 लाख रुपये तक है.

फेयरी क्वीन एक्सप्रेस

वहीं अगर आपका बजट कम है और आप छोटा सा लग्जरी सफर करना चाहते हैं तो आप साल 1855 में बनी भारत की बहुत पुरानी इस लग्जरी ट्रेन में सफर कर सकते हैं. केवल अक्टूबर से मार्च में चलने वाली ये ट्रेन इन महीनों के भी केवल दूसरे और चौथे शनिवार ही चलती हैं. ये ट्रेन केवल दो जगह के रूट्स तय करती हैं जो अलवर और सरिस्का है. अगर बात करें इस ट्रेन के सफर की तो ये 1 रात और 2 दिन ही हैं. अन्य चार लग्जरी ट्रेनों की तुलना में इस ट्रेन की जर्नी छोटी और सस्ती भी हैं. इसमें सफर करने के लिए एक व्यक्ति का किराया टैक्स के अलावा 8,600 रुपये है.

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फीस कितनी होती है?

सावधान: देशव्यापी सर्वे ने किया पैकेज्ड दूध को लेकर चौंकान वाला खुलासा, ये है कच्चे द...

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ये तो हम सभी जानते हैं कि हमारी सेहत के लिए दूध काफी फायदेमंद साबित होता है, जिस वजह से बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े तक को डॉक्टर्स रोजाना दूध का सेवन करने की सलाह देते हैं. वहीं अब देश में मिलने वाले पैकेज्ड दूध को लेकर खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया गया है.

देशभर में किए गए सर्वे के अनुसार कहा जा रहा है कि कच्चे दूध से दोगुना जहरीला पैकेज्ड दूध होता है. कई प्रमुख ब्रांड के कच्चे दूध और पैकेज्ड दूध के नमूने तय मानकों और निर्धारित गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे हैं. जिसके चलते पैकेज्ड दूध (प्रोसेस्ड मिल्क) के 10.4 प्रतिशत नमूने सुरक्षा मानकों पर नाकाम रहे और ये कच्चे दूध की तुलना में बहुत ज्यादा हैं. इतना ही नहीं इनमें एंटीबायोटिक, कीटनाशक और एफ्लाटॉक्सिन- एम 1 जैसे जहरीले पदार्थ पाए गए हैं. प्रोसेस्ड दूध में एफ्लाटॉक्सिन ज्यादा, जो पशु आहार में प्रयोग होता है.

FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने 18 अक्टूबर, शुक्रवार को कहा कि लोगों का मानना है कि दूध में मिलावट अधिक गंभीर समस्या है, मगर इससे बड़ी परेशानी तो दूध का दूषित होना है. प्रोसेस्ड दूध के 2,607 नमूनों ऐसे निकले जिनमें 37.7 प्रतिशत नमूनों में फैट, माल्टोडेक्सट्रिन,एसएनएफ और शुगर की मात्रा तय सीमा से अधिक मिला. विशेषज्ञों के अनुसार पशु आहार में एफ्लाटॉक्सिन का लंबे वक्त से प्रयोग किया जा रहा है, जो व्यक्ति की सेहत के लिए काफी खतरनाक है.

उठाए जा सकते हैं कड़े कदम

आपको बता दें कि नवंबर 2018 में एफएसएसएआई ने राष्ट्रीय दुग्ध सर्वे 2018 के दौरान एक रिपोर्ट जारी की गई थी. जिसमें मिलावटी दूध को लेकर बहुत सारे चौंकाने वाले खुलासे  सामने आए थे. वहीं बीते शुक्रवार को एफएसएसएआई ने राष्ट्रीय दुग्ध सर्वे 2018 की आखिरी रिपोर्ट जारी की है. जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी सौंप गया है. मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट को देखते हुए मिलावटी दूध को रोकने के लिए जल्द ही कड़े कदम उठाए जाएंगे.

दिल्ली में लगभग 65 प्रतिशत पैकेट वाले दूध का प्रयोग

सर्वे के अनुसार दिल्ली में 60 से 65 प्रतिशत तक पैकेट दूध का इस्तेमाल होता है. बाहरी दिल्ली को छोड़ने के अलावा मध्य दिल्ली में लगभग 95 प्रतिशत तक पैकेट दूध का ही इस्तेमाल होता है. बता दें कि दिल्ली के 262 नमूने लिए गए थे, जिनमें 194 प्रोसेस्ड और 68 त्वरित दूध के नमूने थे. इनमें 38 नमूनों की जांच में एफ्लाटॉक्सिन एम1 पाया गया और इन 38 में से सर्वाधिक 36 नमूने पैकेट दूध के शामिल हैं. सिर्फ दो नमूने ऐसे थे, जो त्वरित दूध (पशू से निकला दूध) मिले थे.

दिल्ली के साथ ही कई राज्यों के सैंपल में रसायन

सर्वे के मुताबिक 6432 में से 368 सैंपल में एफ्लाटॉक्सिन एम-1 रसायन हैं, जिनमें सबसे इनमें सबसे अधिक 227 पैकेट वाले दूध के सैंपल हैं. ये सैंपल दिल्ली, पंजाब, यूपी, महाराष्ट्र,केरल, तमिलनाडु और ओडिशा से लिए गए थे जहां से ये घातक रसायन मिला है. अगर बात करें एंटीबॉयोटिक्स दवाओं की तो उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के सैंपल में इनकी मौजूदगी मिली है.

फफूंद से पैदा होता है यह रसायन

डेयरी फार्मिंग में अक्सर एफ्लाटॉक्सिन B-1, B-2 और M-1 और M-2 की चर्चा होती रहती है. वहीं अगर पशु एफ्लाटॉक्सिन बी-1 वाला आहार खा लेता है तो ये सामान्य उपचय द्वारा एफ्लाटॉक्सिन M-1 के तौर पर उनके दूध या पेशाब में निकलने लगता है. बता दें कि एफ्लाटॉक्सिन में ऐसे माइकोटॉक्सिन पाए जाते हैं, जो एस्पर्जिलस फ्लेवस या एस्पर्जिलस पैरासाइटिक्स नामक फफूंद से उत्पन्न होते हैं. इसे फंफूद से पैदा होने वाला जहर भी कहा जाता है. जो मानव के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक साबित होता है. पशुपालन विभाग के मुताबिक बहुत बार एफ्लाटॉक्सिन नमी और कीटों के जरिए फसलों की खराबी होने पर भी पैदा हो सकता है.

पिता के ये शब्द बने जहीर के लिए प्रेरणा, ऐसे क्रिकेट वर्ल्ड को मिला तेज गेंदबाज

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Zaheer Khan Biography in Hindi – भारत के सबसे सफल गेंदबाज जहीर खान अपना 41वां जन्मदिन मना रहे है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने अपने संटीक लाइन- लेंथ के साथ विरोधी टीमों के पसीने छुड़ा दिये है। भारतीय टीम के तेज गेंदबाज ने छोटे से कस्बे से निकलकर देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने विश्व कप दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया है। जहीर खान ने 14 साल तक अतंरराष्ट्रीय किक्रेट खेला है। खान ने अपने इस नाबाद पारी में 311, वनडे में 282 और टी-20 शामिल है। इस गेंदबाज ने 610 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया है।

पिता ने कहा इंजीनयर ओर मिलेंगे, क्रिकेटर नहीं

पूर्व क्रिकेटर सुधीर नाईक ने जहीर से क्रिकेट में आने को कहा था। जिसके बाद जहीर के पिता ने कहा था कि देश को इंजीनियर ओर मिल जाएंगे, क्रिकेट खेलो, देश का नाम रोशन करो। उनका जन्म 7 अक्टूबर 1978 में महाराष्ट्र के श्रीरामपूर कस्बे के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता फोटोग्राफर और मां टीचर थी। हालांकि जहीर मेकैनिकल इंजीनियरिंग ड्रिगी कोर्स में दाखिला लिया था।

17 साल की उम्र में पहुंचे मुबंई – Zaheer Khan Biography in Hindi

जहीर खान महज 17 साल की उम्र में मुबंई गए थे। जहीर ने क्रिकेटर जिमखाना के खिलाफ फाइनल में 7 विकेट लेने पर उन्हें एका एक सुर्खियों में ला दिया था। जहीर ने मुबंई वेस्ट जोन की अंडर19 टीम में शामिल हुए थे। इसके बाद जहीर ने एमआरएफ पेस अकादमी से होते हुए तेजी से आगे बढ़े और भारतीय टीम में सफलता की सीढ़िया चढ़ने लगे थे। बता दें कि देश के चौथे सबसे सफल गेंदबाज है। इस लिस्ट में अनिल कुंबले, कपिल देव और हरभजन सिंह है। भारतीय पूर्व खिलाड़ी और पूर्व  कप्तान कपिल देव के बाद ऑलरांउडर जहीर खान है। उन्होंने अपने दमदार पारी में 237 बार बाएं हाथ के बल्लेबाजों को आउट किया था।

 कौन है उनकी लाइफ पार्टनर

जहीर खान (Life Partner of Zaheer Khan) की शानदार क्रिकेट पारी के साथ- साथ लव- लाइफ भी काफी इंटरेस्टिंग है। 2017 में उन्होंने बॉलीवुड की एक्ट्रेस सागरिका घाटगे से शादी कर ली थी। सागरिका और जहीर कई सालों तक रिलेशनशिप में थे। कई बार सागरिका जहिर को आईपीएल मैच के दौरान चीर्यस करती नजर आई थी। दोनो एक साथ युवराज सिंह और हेजल की शादी पर नजर आए थे। सागरिका घाटगे को चक दे इंडिया की प्रीती संबरवाल के किरदार को पसंद किया था। इससे पहले जहीर बॉलीवुड एक्ट्रेस ईशा शरवानी के साथ रिलेशनशिप में थे।

विश्व कप में दमदार प्रदर्शन – Zaheer khan in World Cup

2007 में वर्ल्ड कप के दौरान शानदार प्रदर्शन किया था। 2003 में गांगुली की अगुवाई में जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इतना ही नहीं जहीर खान ने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। वहीं 2011 में भारतीय टीम को विश्व कप दिलाया था। इसके अलावा जहीर ने कल 44 विकेट लिए थे। विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले पाचंवे खिलाड़ी बन गए थे। वहीं भारतीयों में सबसे आगे है।

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टीसीआईएल का अफ्रीका फोकस फायदे का सौदा है: निदेशक कामेंद्र कुमार

भारतीय व्यापारिक संस्थाओं में से टेलीकम्युनिकेशंस कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड (TCIL) एक है, जिन्होंने अफ्रीका पर ध्यान केंद्रित किया है। विशेष तौर पर अफ्रीका में दूरसंचार में भारत की उपस्थिति गहरी और व्यापक है। भारत के एयरटेल का कुछ अफ्रीकी देशों में परिचालन है। एयरटेल नाइजीरिया के शेयरों को लागोस स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया था। कई विश्लेषकों का मानना ​​है कि दूरसंचार एक प्रमुख क्षेत्र होगा जहां भविष्य में भारतीय उपस्थिति बढ़ेगी।  ट्रेंड अफ्रीका और Africa4U की संपादक शीला सुधाकरण ने ने TCIL के निदेशक (तकनीकी) कामेंद्र कुमार  भारत-अफ्रीका आर्थिक जुड़ाव के भविष्य के बारे में उनकी राय ली। विशेष रूप से उनसे आईसीटी सहित कौशल विकास क्षेत्र में अलंकृत करने के तरीके और साधन समेत कई अन्य मुद्दे पर बातचीत की। 

सवाल- आप भारत-अफ्रीका आर्थिक जुड़ाव के वर्तमान स्तर का आकलन कैसे करते हैं?

कामेंद्र कुमार ने कहा कि मैं महसूस करता हूं कि हाल के दिनों में अफ्रीकी क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों में अभूतपूर्व गति आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी दोनों क्षेत्रों को जोड़ने को विशेष महत्व दे रहे हैं। पिछले 5 वर्षों में, दोनों क्षेत्रों में उच्च-स्तरीय जुड़ावों की संख्या में वृद्धि हुई है। अब मुझे लगता है कि संभावित बाजार का आकलन करने और उस बाजार में प्रवेश करने के तरीकों की रणनीति बनाने के लिए अधिकांश भारतीय कंपनियों के बोर्ड रूम में अफ्रीका पर चर्चा की जाती है। ये भारत और अफ्रीका में शीर्ष राजनीतिक तंत्र द्वारा सौंपे जा रहे महत्व का एक संकेत है, जो अब कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है।

सवाल- आपको क्या लगता है कि भारत की अफ्रीका केंद्रित नीति में कब बदलाव आया है?

इस पर कामेंद्र कुमार ने कहा कि मुझे लगता है कि 2015 एक महत्वपूर्ण साल था जब भारत ने भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन आयोजित किया था।  हमारी पिछली नीति कुछ देशों पर ध्यान केंद्रित करने की थी, जहां हमारे पारंपरिक व्यापारिक संबंध थे। अब, अलग-अलग देशों के साथ तालमेल की दृष्टि खोए बिना, अफ्रीका को समग्र रूप से देखने की रणनीति है, जिसमें विकास के अलग-अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं। उभरते हुए AFCATA के आलोक में ये नीति अच्छी है, जो दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक ब्लॉक होगा। जैसा कि अफ्रीका के देश अपने व्यापार बाधाओं को दूर कर रहे हैं, इसका कारण यह है कि भारत को एक एकीकृत दृष्टिकोण और एक देश-विशिष्ट रणनीति की दोहरी नीति बनानी चाहिए।

सवाल- टीसीआईएल अपनी अफ्रीका नीति कैसे विकसित करता है?

इस पर कामेंद्र कुमार ने कहा कि उस प्रश्न का उत्तर देने से पहले, मैं भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ जाने के अपने सौभाग्य के बारे में बता दूं। रामनाथ कोविंद जी तीन पश्चिम अफ्रीकी देशों के एक प्रतिनिधिमंडल में था, जब वो बेनिन, गाम्बिया और गिनी गए थे। ये इन देशों की भारत की अब तक की सबसे ऊंची यात्रा है। टीसीआईएल की ओर से, मैंने बेनिन और गिनी की सरकारों के साथ समर्थन के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए थे। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के निर्देशन में TCIL ने पैन अफ्रीका ई-नेटवर्क परियोजना का दूसरा चरण शुरू किया है – ई-विद्याभारती (टेली-एजुकेशन) और ई-आरोग्यभारती (टेली-मेडिसिन) नेटवर्क प्रोजेक्ट (ई -वीबीएबी)। इस परियोजना का उद्देश्य 4000 छात्रों को 5 साल की मुफ्त टेली-शिक्षा और 1000 डॉक्टरों/नर्सों/पैरामेडिक्स को मुफ्त चिकित्सा परामर्श प्रदान करना है।

भारत के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान, इन परियोजनाओं में TCIL की भागीदारी के लिए बेनिन और गिनी के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके अलावा, परियोजना अफ्रीकी युवाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करेगी।

सवाल: बेनिन और गिनी ही ध्यान क्यों?

इसके जवाब में TCIL के कामेंद्र कुमार ने कहा कि हम खुद को दोनों देशों तक सीमित नहीं रख रहे हैं। हमारा एक अखिल अफ्रीका एजेंडा है। चूंकि आपने मुझसे पूछा है कि हम इन दोनों देशों पर ध्यान क्यों देते हैं, इसलिए मैं आपको अफ्रीका में अपनी गतिविधियों पर ले जाता हूं। बेनिन पश्चिम अफ्रीका में भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में से एक है। ये इस क्षेत्र की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। गिनी के मामले में, भारत ने हाल ही में अपने राजनयिक मिशन को फिर से खोला है और कौशल विकास सहित क्षेत्रों में वहां की सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा। 

दूसरा देश गाम्बिया है। नई दिल्ली ने गाम्बिया को कई तरह का ऋण दिया है, जिसमें 2006 में ट्रैक्टर असेंबली प्लांट के लिए 6.7 मिलियन डॉलर और नेशनल असेंबली बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए लगभग 27 मिलियन डॉलर शामिल हैं, जिसका उद्घाटन अक्टूबर 2014 में हुआ था। भारत ने अपने अधिकारी में वरिष्ठ गैम्बियन अधिकारियों को भी प्रशिक्षित किया है। भारत में प्रशिक्षण अकादमियों अपनी अखिल अफ्रीका दृष्टि के एक हिस्से के रूप में, नई दिल्ली ने महाद्वीप के साथ अपने जुड़ाव को बढ़ाने के लिए अफ्रीका में 18 नए मिशन खोले हैं। इन सभी देशों में टीसीआईएल के पदचिन्ह होंगे।

सवाल: हाल ही में, उच्च शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित मामलों पर काम करने के लिए अफ्रीका और भारत के बीच एक बैठक हुई थी। उस बैठक से टीसीआईएल के क्या निष्कर्ष हैं?

कामेंद्र कुमार ने बताया कि 29 अगस्त को नई दिल्ली में एक बैठक हुई थी। हमने घाना, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और मलावी और कोटे डी आइवर गणराज्य जैसे विभिन्न देशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। TCIL भारत में कौशल आधारित ‘अनुभव केंद्र’ विकसित करने के लिए एमसीआईटी (संचार और आईटी मंत्रालय) मिस्र के साथ भी बातचीत कर रहा है, जो भारतीय युवाओं को नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। टीसीआईएल की भारत साइबर अकादमी मिस्र के युवाओं और नीति निर्माताओं को साइबर अपराध से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

सवाल: सिर्फ स्किल डेवलपमेंट में ही क्यों?

कामेंद्र कुमार ने अपने जवाब में कहा कि बेशक, कौशल विकास हमारी ताकत है। इसका मतलब ये नहीं है कि हम केवल उसी से चिपके हुए हैं। हम सौर ऊर्जा में भी हैं। भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) का प्रस्तावक और हिलानेवाला है, जिसमें लेने की बहुत बड़ी क्षमता है। आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और पुष्टि करने वाले 48 देशों में से 25 देश अफ्रीकी महाद्वीप से हैं। हमारा प्रयास गठबंधन की बैठक में निर्णयों का पालन करना और अफ्रीकी देशों के साथ काम करना होगा ताकि वे इस क्षेत्र में अपनी क्षमता का एहसास कर सकें। अधिकांश अफ्रीकी देश बिजली की कमी से जूझ रहे हैं। उन्हें अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों, जो कि स्वच्छ ऊर्जा भी है, का दोहन करना होगा। साथ ही, अधिकांश देश अच्छी धूप का आनंद लेते हैं, एक ऐसी स्थिति जो सौर ऊर्जा के दोहन के लिए आदर्श है।

सवाल- अफ्रीका के लिए आपकी अन्य योजनाएं क्या हैं?

इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जैसा कि मैंने पहले कहा  भारत सरकार ने व्यापार और अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए 2018-2021 के बीच अफ्रीका में 18 नए भारतीय मिशनों को खोलने की मंजूरी दी है, जिससे अफ्रीका में निवासी भारतीय मिशनों की संख्या 29 से 47 हो गई है। पहला जुलाई 2018 में रवांडा में खोले गए इन रेजिडेंट मिशनों में से। टीसीआईएल इस साल 5-6 अगस्त को आयोजित रवांडा के किगाली में भारतीय अफ्रीका आईसीटी एक्सपो का एक अभिन्न सदस्य था। तत्कालीन TCIL के CMD ए शेषगिरी राव ने रवांडा के प्रधान मंत्री माननीय डॉ. Édouard Ngirenteऔर रवांडा के आईसीटी मंत्री सुश्री पाउला इंगबीरे से मुलाकात की और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी पर समर्थन का वादा किया। राव ने एक्सपो के दौरान मलावी और जिम्बाब्वे के प्रधानमंत्रियों से भी मुलाकात की और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण संपर्क और डिजिटल डाकघरों में दोनों देशों को समर्थन देने की पुष्टि की।

World Tourism Day: इन 5 जगहों पर मनाएं अविस्मरणीय दिवाली, चाह कर भी नहीं भुला पाएंगे ...

Top 5 tourist place in India – घुमक्कड़ों के लिए किसी नई जगह घूमना एक एहसास है। वो एहसास जिसे अगर शब्दों में बयां किया जाए तो शायद उसकी ख़ूबसूरती फीकी पड़ जायेगी। आज का दिन यानि वर्ल्ड टूरिज़्म डे उन्हीं ट्रेवलर्स के लिए बेहद खास है। यूं तो घूमने के शौक़ीन लोग ट्रैवल करने के लिए किसी ख़ास पल के मोहताज़ नहीं हैं।

लेकिन डेली लाइफ में काम की व्यस्तता के चलते ऑफिस से छुट्टी न मिल पाना या कई अन्य मज़बूरियां इन उड़ान भरे पंखों में बेड़ियां लगा देती हैं। लेकिन इस बार मौका है दिवाली की छुट्टियों का जिसमें आप आराम से दो तीन दिनों के टूर का प्लान बना सकते हैं। आज हम आपको सैर सपाटा कराते हैं उन जगहों का जहां का ग्रैंड दिवाली सेलिब्रेशन आपके दिल में एक अविस्मरणीय स्मृति की तरह ठहर जाएगा।

वाराणसी 

अपनी दिवाली ख़ास बनानी हो तो इस बार देव भूमि वाराणसी में ज़रूर कदम रखें। पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगाने के बाद यहां के खूबसूरत बाज़ारों का आनंद लेना न भूले। यहां आपको पारंपरिक कपड़ों से लेकर मिठाइयों तक हर चीज़ की वैरायटी मिल जायेगी। यहां सूर्यास्त के समय नाव की सवारी का एक अलग ही आनंद है।

धार्मिक मंत्र और गीतों के माहौल में ये लैंप की रौशनी में झिलमिलाती नगरी की रौनक देख आपको ऐसा लगेगा मानों आप स्वर्ग में आ गए हों। अगर आप दिवाली के त्यौहार पर गए हैं, तो ये आपके लिए सोने पे सुहागा वाली बात है। गंगा महोत्सव फेस्टिवल में मनाई जाने वाली देव दीपावली देख आपका मन करेगा कि मानों वो पल वहीं ठहर जाए। क्योंकि यही तो है बनारस का असली मज़ा।

अमृतसर – 5 tourist place in India 

दिवाली के पावन अवसर के दौरान जाने के लिए अमृतसर भी एक अत्यंत सुंदर जगह है। दिवाली का त्यौहार यहां बंदी चोर दिवस के साथ मनाया जाता है, जो सिखों के लिए काफी बड़ा त्यौहार है। इस दिन गुरु गोबिंद सिंह कारावास से लौटकर आये थे। पूरे शहर में भजन और कीर्तन की मधुर आवाज़ें गूंजती है। यहां के स्वर्ण मंदिर की रौशनी में छटा अद्भुत हो जाती है। आप शांत मौसम, सुंदर सरसों के खेतों और स्थानीय लोगों के संक्रामक उत्साह का भी आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां के व्यंजनों का स्वाद आपके सफर का मज़ा दोगुना कर देगा। इन्हें खाकर आप उंगलियां चाटने पर मज़बूर हो जाएंगे।

जयपुर-उदयपुर 

आपको निश्चित रूप से जयपुर में लुभावने समारोहों का गवाह बनना चाहिए जो धनतेरस से शुरू होते हैं। नाहरगढ़ का किला और कुछ अन्य लोकप्रिय स्थलों से आप पूरे शहर का मनोरम दृश्य देख सकेंगे। इस दौरान पूरा शहर प्रकाश में डूबा होता है। आतिशबाजियों के गगन में विस्तृत पैटर्न्स देख आपकी इन नज़ारों से नज़रें हटाना मुश्किल हो जाएगा।

इसके अलावा बाज़ारों में लोक गीत गाते संगीतकार लैंप की अद्भुत कलाकृतियां माहौल में चाशनी घोलने का काम करेंगी।  बेहतरीन मारवाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाएं और जयपुर के रास्ते अपने आकर्षक स्थानों पर आकर्षक स्मृति चिन्ह और हस्तशिल्प की खरीदारी करें। उदयपुर की खूबसूरत झीलों के साथ आपको भी प्यार हो जाएगा, जो आतिशबाजी और महलों की रोशनी के साथ चमकती है।

कोलकाता 

सिटी ऑफ़ जॉय नाम से मशहूर कोलकाता पर दिवाली के दौरान ये नाम बिल्कुल सटीक बैठता है। काली पूजा और दिवाली का कॉम्बो जब यहां एक साथ पड़ता हो, तो भला आने वाली खुशियों को कौन रोक सकता है। कोलकाता में देवी काली की पूजा की जाती है और आप मांस, मछली, फूल, और मिठाई सहित देवी को चढ़ाये जाने वाले अनगिनत प्रसाद के साक्षी बन सकते हैं।

पूरा शहर चकाचौंध करने वाले दीयों, मोमबत्तियों और दीपकों से जीवंत हो उठता है, और आप हर कोने पर कुछ अद्भुत आतिशबाजी भी देख सकते हैं। आप शहर के प्रसिद्ध काली पूजा पंडालों का भी भ्रमण कर सकते हैं या कालीघाट मंदिर या दक्षिणेश्वर मंदिर जैसे सबसे बड़े धार्मिक मंदिरों की यात्रा कर सकते हैं, जहाँ देवी काली की पूजा हजारों भक्त करते हैं।

गोवा – 5 tourist place in India 

गोवा दीवाली के दौरान घूमने के लिए एक और अद्भुत जगह है। यह उत्सव नरका चतुर्दशी से शुरू होता है जब लोग अपने दरवाजों और खिड़कियों को लालटेन से सजाते हैं। स्थानीय लोग पटाखों और घास से भरे कई बड़े आकार के नरकासुर पुतलों का निर्माण करते हैं और फिर अगली सुबह उन्हें जला देते हैं। ये इस उत्सव को और भी हसीं बना देता है। यहां के समुद्री तट, कैसीनो और रेस्तरां या लाउन्ज आपके सेलिब्रेशन में चार चांद लगाने का काम करेंगे।

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