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कब खतरनाक हो जाता हैं Pancreatic Cancer, इन लक्षणों को गलती से भी नहीं करना चाहिए नजर...

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पैन्क्रियाटिक कैंसर जो कि एक स्टेज पर जाकर जानलेवा साबित हो सकता है। आज हम इसी पैन्क्रियाटिक कैंसर के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह बीमारी जानलेवा इसलिए भी है क्योंकि शुरू के स्टेज में इसके लक्षण के बारे में पता ही नहीं चल पाता है। ज्यादातर केसेज में इस कैंसर के लक्षण तब दिखाई पड़ते हैं जब या तो ये प्रभावित सेल्स बड़ा हो जाता है या फिर पैंक्रियाज के बाहर ये पूरी तरह से फैल चुके होते हैं। पैन्क्रियाटिक कैंसर के बारे में अडवांस स्टेज में पता चलने पर अगर उसका इलाज किया भी जाए तो मरीज के पूरी तरह से स्वस्थ्य होने की उम्मीद बेहद कम होती है।

आखिर ये कैंसर कैसे होता हैं?

पैन्क्रियाटिक कैंसर की स्थिति तब पैदा होता है जब पैंक्रियाज के सेल काउंट में काफी तेजी से इजाफा होने लगता है। बेकाबू हो चुकी कोशिकाएं बड़े ही घातक तरीके से ट्यूमर बनाती हैं जो शरीर के अन्य हिस्सों पर ब्लड स्ट्रीम के जरिए हमला करता है जिससे ऑर्गन फेलियर के साथ साथ मौत हो सकती है।

पैन्क्रियाटिक कैंसर दो तरह के होते हैं

पैंक्रियाज में ग्रंथियां होती हैं जो बॉडी के लिए पैन्क्रियाटिक जूस, हार्मोन के साथ साथ इंसुलिन भी बनाती हैं। पैंक्रियाज के एक्सोक्राइन और एंडोक्राइन भाग में कैंसर पनप जाता है। पैन्क्रियाटिक ग्लैंड के अंदर एक्सोक्राइन कैंसर होता है वहीं शरीर के लिए जो हार्मोन प्रड्यूस करता है एंडोक्राइन ट्यूमर उस भाग में होता है।

अब जानते हैं पैन्क्रियाटिक कैंसर के लक्षण

पैन्क्रियाटिक कैंसर के लक्षण तब तक नहीं दिखाई पड़ते हैं जब तक कि ये क्रिटिकल कंडिशन में ना पहुंच जाए। इसके जो शुरू के लक्षण हैं वो अन्य बीमारियों के लक्षण जैसे ही होते हैं। ऐसे में ज्यादातर केसेज में मरीज उन अन्य बीमारियों का ही उपचार करवाने लगते हैं जिससे शरीर में पैन्क्रियाटिक कैंसर को बढ़ने का मौका मिलने लगता है।

कुछ ऐसे लक्षण है जो अगर शरीर में अचानक दिखने लगें और लंबे समय तक वे दिखाई पड़ते रहे तो व्यक्ति को एक बार जरूर पैन्क्रियाटिक कैंसर का टेस्ट करवाना चाहिए। साथ ही अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लेनी चाहिए।

1. पेट और पीठ में लगातार दर्द बना रहना

2. एकाएक वजन घटने लगना
3. पाचन से जुड़ी समस्याएं पैदा होना
4. बार बार बुखार का आना
5. भूख का न लगना
6. त्वचा का रूखापन बढ़ते जाना
7. बेचैनी सा लगना या फिर उल्टियां होना
8. पीलिया होना
9. पेल या ग्रे मल का होना
10. हाई ब्लड शुगर होना

रिस्क फैक्टर पर गौर कर लेते हैं

पैन्क्रियाटिक कैंसर आखिर क्यों होता है इस बारे में कोई वजह अब तक सामने नहीं आई है, लेकिन कई तरह के फैक्टर्स व्यक्ति को ऐसे कैंसर का मरीज बना सकते हैं जिनमें मोटापा, काफी देर तक बैठे रहने की आदत होना, स्मोकिंग, जेनेटिक्स, डायबीटीज जैसे फैक्टर्स शामिल हैं।

इलाज कैसे करा सकते हैं?

  • सर्जरी या कीमो के जरिए पैन्क्रियाटिक कैंसर का इलाज होता है।
  • विपल प्रसीजर- पैंक्रियाज, स्मॉल इंटेस्टाइनि के साथ ही गॉलब्लैडर के छोटे भाग को निकाला जाता है।
  • डिसटल पैंक्रियाटेक्टमी- पैंक्रियाज के लंबे हिस्से या टेल को हटा दिया जाता है।
  • टोटल पैंक्रियाटेक्टमी- इस पद्धति को कम इस्तेमाल में लाया जाता है जिसमें पैंक्रियाज के साथ ही स्प्लीन यानि कि ऐब्डमन के ऊपर के भाग को हटा दिया जाता है।
  • कीमोथेरपी- इसमें पैन्क्रियाटिक कैंसर के लिए कीमोथेरपी या फिर इसी के साथ रेडियोथेरपी का प्रयोग किया जाता है। इस पद्धति में सर्जरी भी कर दी जाती है।

Disclamier- किसी भी कंक्लूजन पर पहुंचने से पहले अपने डॉक्टर या सलाहकार से जरूर मिलें। ये जानकारियां अलग-अलग स्रोतों से जुटाई गई है, इनकी पुष्टि नेड्रिक न्यूज नहीं करता है।

मेक इन इंडिया के तहत CDSCO में काम करने वाली भारतीय दवाई कम्पनियां हुई त्रस्त, भ्रष्ट...

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सूत्रों से पता चला है की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (उत्तरीय खंड) के शीर्ष अधिकारी धनन्जय साबले को एक मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दरअसल नोटिस में साबले ने कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार जांच करने वाली चिकित्सा उपकरण (medical device/diagnostic kit ) बनाने वाली कंपनियों के आवेदन प्राथना का समय से निस्तारण ना करने को लेकर जवाब तलब किया गया है।

नोटिस में कहा गया है कि इस covid -19 महामारी में मेडिकल डिवाइस जो कि बहुत जरूरी है और इसकी समय पर उपलब्ध्ता होनी चाहिए। ऐसे में इन भारतीय कंपनियों के आवेदनों को रोककर, अधिकारी साबले मेक इन इंडिया पर पानी फेर रहे है और कोरोना जैसी महामारी के शुरुआती दौर में देश को इन उपकरणों(medical device/diagnostic kits) की सबसे ज्यादा जरूरत थी। तब ऐसे में इन कंपनियों के द्वारा दाखिल किए गए आवेदनों पर समय रहते कार्यवाही क्यों नहीं की गई?

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन के ऑनलाइन पोर्टल की जांच में पाया गया कि चिकित्सा उपकरण (medical device/diagnostic kit ) से जुड़ी करीब 13 भारतीय कंपनियों के ऑनलाइन आवेदन पर हुई कार्यवाही में कोताही बरती गई है। ये है वो 13 भारतीय कंपनी:

TULIP DIAGNOTICS PRIVATE LIMITED
Axiva sichem biotech
Nulife
Sidak Life Care Pvt Ltd
Lotus Surgicals Pvt Ltd
Harsoria Healthcare Pvt Ltd
Genes 2me Pvt Ltd
M/s. Prymax Healthcare LLP
Apothecaries sundries Mfg. Co.
Medtech Devices
Cardiomac India Pvt. Ltd.
Kosdrug Pvt. Ltd.
Poly Medicure Limited

जिसके चलते भारत को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। आपको बता दें कि महामारी के दौरान भारत ने PM CARES फण्ड का पैसा इस्तेमाल करके अमेरिका से वेंटिलेटर्स आयात किये थे। वही चीन से भी सर्जिकल मास्क की बड़ी खेप मंगवाई गयी थी। भारत के कई इलाकों में तो कोरोना टेस्टिंग किट्स की भी कमी सामने आई थी, जिसके बाद से उनकी कमी को विदेश ने आयात करके ही पूरा किया गया था।

अब अधिकारी साबले से इस मामले को लेकर जवाब मांगा गया है। फिलहाल इस पूरे मामले के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की गलियों में चर्चाएं गर्म हो गयी है। साबले पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लग रहे है। काफ़ी शिकायतों के भंडार को ये अपने साथ लिए घूम रहे है। जांच का विषय ये भी बनता है की इतने सालो से आखिर किसकी मेहरबानी से में ये टेक लगाए इतनी मुख्य कुर्सी से चिपके हुए बैठे है?

गौरतलब है कि केंद्र सरकार शुरुआत से ही मेक इन इंडिया योजना के तहत घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता दे रही है। प्रधानमंत्री ने खुद भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन को लेकर कई बार ज़िक्र किया था। गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ हुई झड़प के बाद से boycottChina कैंपेन ने भी जोर पकड़ लिया लिया है। अब भारत सरकार चीनी उत्पादों पर अपनी निर्भरता को कम करने का प्रयास कर रही है। लेकिन ऐसे में अगर सरकारी संस्थाओं के अधिकारी ही भारतीय कंपनियों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे भारत के आत्मनिर्भर बनने की राह आसान नहीं होगी । आखिर ऐसे भ्रष्ट अफसरों की वजह से ही PM मोदी जी के मेक इन इंडिया को लागू करने में दिक्क़तें आ जाती है । ये सावले जैसे भ्रष्ट अफसर देश को दीमक की तरह खोखला कर रहे है इनके जैसे अफसरों की जगह जेल में ही होनी चाहिए।

जब पति की मौत के बाद लोगों के लिए ‘डायन’ बन गईं थीं रेखा, कुछ इस तरह रिया चक्रवर्ती स...

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को तीन महीने पूरे हो चुके है. 14 जून को सुशांत मुंबई स्थित अपने घर पर पंखे से लटके हुए पाए गए थे. मुंबई पुलिस ने सुशांत की मौत को सुसाइड बताया, लेकिन उनके तमाम चाहने वालों ने सुसाइड की थ्योरी को मानने से इनकार कर दिया. जिसके बाद देश की तीन बड़ी जांच एजेंसियां सीबीआई, ईडी और एनसीबी केस की गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई है.

कई लोग दे रहे रिया का साथ

सुशांत केस में ड्रग्स का एंगल भी सामने आया है, जिसमें उनकी गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. रिया को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. हालांकि इस दौरान कई लोग रिया का साथ देते हुए भी नजर आ रहे हैं और इस केस में मीडिया ट्रायल पर सवाल उठा रहे हैं. कई लोग रिया के खिलाफ चल रहे मीडिया ट्रायल को गलत बता रहे हैं, तो कई लोगों ने इसकी तुलना रेखा तक से शुरू कर दी है.

मीडिया ट्रायल को लेकर हुई तुलना

सिंगर चिन्मयी श्रीपदा ने ट्विटर पर रेखा और रिया के मीडिया ट्रायल की तुलना की है. इस दौरान उन्होनें एक पोस्ट शेयर की, जिसमें रेखा की बायोग्राफी के कुछ अंश है. इसके द्वारा चिन्मयी श्रीपदा ने ये बताने की कोशिश की कि कैसे साल 1990 में रेखा के पति मुकेश अग्रवाल की आत्महत्या के बाद एक्ट्रेस को ‘डायन’ तक बता दिया गया था. उन्होनें यासर उस्मान द्वारा लिखी गई रेखा की बायोग्राफी “रेखा: द अनटोल्ड स्टोरी” का जिक्र किया.

जब रेखा को लेकर कहीं गई थी ये बातें…

इस पोस्ट में बताया गया है कि 2 अक्टूबर 1990 को मुकेश अग्रवाल, रेखा के पति ने खुदकुशी कर अपनी जान दे दी थी और इस दौरान जिस दुपट्टे का उन्होनें इस्तेमाल किया, वो उनकी अपनी पत्नी (रेखा) का था. इसके बाद कैसे रेखा को ‘डायन’ बताया गया. इसके अलावा इस दौरान अनुपम खेर और सुभाष घई ने उनके बारे में क्या-क्या कहा था. इसको लेकर कुछ प्वाइंट साझा किए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि…

– देशभर में Witchhunt चला. लोग उनसे नफरत करने लगे और उनको आदमी मारने वाले ‘डायन’ तक कहा जाने लगा.

– रेखा के पति मुकेश की मां ने उस दौरान रोते हुए कहा था कि ‘वो डायन मेरे बेटे को खा गई. भगवान उसको कभी माफ नहीं करेगा.’

– मुकेश के भाई अनिल गुप्ता ने कहा कि मेरे भाई ने रेखा से सच्चा प्यार किया. वो उसके लिए कुछ भी कर सकता था. वो ये बर्दाश्त नहीं कर पाया रेखा जो कुछ भी उसके साथ कर रही थी और अब वो क्या चाहती है. क्या उसकी नजर हमारी दौलत पर है.?

– इस दौरान सुभाष घई ने कहा था कि रेखा ने फिल्म इंड्रस्टी के चेहरे पर ऐसा काला धब्बा लगा दिया, जो आसानी से नहीं धुल पाएगा. मेरा मानना है कि अब कोई भी सम्मानित परिवार किसी एक्ट्रेस को अपनी बहू के रूप में स्वीकार करने से पहले कई बार सोचेगा. रेखा का करियर खत्म समझो. कोई समझदार डायरेक्टर रेखा को फिल्मों में काम नहीं देगा क्योंकि अब लोग उन्हें ‘भारत की नारी’ और ‘इंसाफ की देवी’ के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे.

– वहीं अनुपम खेर ने कहा था कि रेखा एक राष्ट्रीय खलनायिका बन गई है. मुझे नहीं पता कि अगर वो मेरे सामने आ गईं तो मैं कैसे रिएक्ट करूंगा.

– मुकेश की आत्महत्या के बाद ‘द ब्लैक विडो’, ‘मुकेश के सुसाइड के पीछा का भयानक सच’ जैसी हैडलाइंस बनाई थी. 1990 से लेकर 2020 तक 30 साल बीत गए है, लेकिन अभी भी वैसा ही केस और वहीं रिएक्शन. चिन्मयी ने इसको शेयर करते लिखा कि ये अविश्वसनीय है कि इससे रेखा कैसे बचीं.

कब और क्यों देश में मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए 14 सितंबर का इतिहास

दुनियाभर में कई भाषाओं का प्रयोग किया जाता है. वहीं भारत में भी बहुत सी बोलियां बोली जाती है, जहां पर आजादी के बाद भाषा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ था, जिसके बाद आखिर में 14 सितंबर 1949 को हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया गया. वो बात अलग है कि हिन्दी और अंग्रेजी को भी आधिकारिक भाषा के तौर पर नए राष्ट्र की भाषा चुना गया. उस दौरान देवनागरी लिपी वाली हिन्दी के साथ अंग्रेजी को भी संविधान सभा ने स्वीकार कर लिया, लेकिन आज यानि 14 सितंबर के दिन ही संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा घोषित किया.

क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस

देश आजाद होने के 2 साल बाद संविधान सभा में 14 सितंबर 1949 को एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया. इस फैसले के बाद हिन्दी भाषा को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति और वर्धा ने अनुरोध किया था, जिसके बाद साल 1953 से हर साल पूरे देश में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा. 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया।

14 सितंबर का इतिहास

  • डेनमार्क में साल 1770 में प्रेस की स्वतंत्रता को मान्यता मिली.
  • लार्ड लेक ने साल 1803 दिल्ली पर कब्जा किया.
  • पहले गवर्नर जनरल के तौर विलियम वेंटिक साल 1833 पर भारत आया.
  • साल 1901 में अमेरिका के राष्ट्रपति विलियम मैकेंजी की गोली मारकर हत्या हुई थी.
  • रूस को आधिकारिक रूप में साल 1917 में गणतंत्र घोषित किया गया.
  • संविधान सभा ने साल 1949 में हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया.
  • सोवियत संघ का अंतरिक्ष यान साल 1959 में पहली बार चंद्रमा की सतह पर उतरा.
  • साल 1960 में खनिज तेल उत्पादक देशों ने साथ मिलकर ओपेक की स्थापना की थी.
  • साल 1998 में जनरल इलेक्ट्रिक को पीछे छोड़कर माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनी.
  • माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2000 में विंडोज एम.ई. लॉच किया.
  • प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साल 2000 में अमेरिकी सीनेट के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को सम्बोधित किया था.
  • ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के अभियान के लिए साल 2001 में अमेरिका में 40 अरब डॉलर मंजूर किए.
  • जापान ने साल 2007 में तानेगाशिया स्‍थित प्रक्षेपण केन्‍द्र से पहला चन्‍द्र उपग्रह H-2A प्रक्षेपित किया.
  • रुस के पेर्म हवाई अड्डे पर साल 2008 को एअरोफ़्लोत का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ. जिसमें सवार 88 लोगों की मौत हो गई.

अगर आपको भी रहती हैं लो ब्लड प्रेशर की समस्या, तो जरूर अपनाकर देखें ये 10 घरेलू उपाय…

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आज के समय में भागदौड़ और तनाव करीब-करीब हर किसी की जिंदगी में बना ही रहता है। ब्लडप्रेशर की शिकायत तो जैसे आम सी समस्या हो गयी है आजकल। कुछ छण तक बेहोशी हो जाना, चक्कर आ जाना, आंखों के आगे अंधेरा छा जाना, हाथ पैर ठंडे पड़ जाना, लेटने, खड़े रहने या फिर बैठ जाने में रक्तचाप यानि कि ब्लड प्रेशर के स्तर में बदलाव आ जाना। इन परेशानियों से अमूमन लोगों को रूबरू होना पड़ता है। ये परेशानी लो ब्लडप्रेशर की वजह से ही होती हैं लेकिन फिक्र की कोई बात नहीं ऐसे 10 कारगर उपाय हैं जिनसे लो ब्लड प्रेशर की परेशानी से छुटकारा मिल सकती है। तो चलिए इन उपायों पर गौर कर लेते हैं।

1. नमक पानी का लाजवाब घोल

लो ब्लड प्रेशर का इलाज करने में नमक पानी काफी मददगार होता है क्योंकि नमक में सोडियम होता है जिससे ब्लडप्रेशर बढ़ता है। एक गिलास पानी लें और उसमें आधा चम्मच नमक मिलाएं। फिर इस घोल को पी जाएं। यहां इस बात को जरूर ध्यान रखें कि इस उपाय का ज़्यादा इस्तेमाल ना करें क्योंकि सेहत के लिए ज्यादा नमक का इस्तेमाल हानिकारक साबित हो सकता है।

2. किशमिश और देसी चने का कमाल

रात में किसी भी कांच के बर्तन में 100 ग्राम पानी में 50 ग्राम देसी चने और 10 ग्राम किशमिश भिगो दें। सुबह अच्छी तरह से चबा-चबाकर चने को किशमिश के साथ ही खा जाएं और पानी पी लें। आप इसी तरह से सिर्फ किशमिश का भी सेवन कर सकते हैं। इससे आपकी परेशानी जरूर कम होगी।

3. छाछ के सेवन से भगाएं बीपी की समस्या

नमक, भुना हुआ जीरा और हींग, छाछ में मिक्स करें और फिर इसे पी जाएं। इस तरह के मिक्स छाछ का सेवन करते रहने से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है।

4. दालचीनी के पाउडर परेशानी करेगा दूर

दालचीनी के पाउडर को हर रोज गर्म पानी के साथ लेने से ब्लडप्रेशर की परेशानी में लाभ हो सकता है। इस उपाय को सुबह-शाम इस्तेमाल में ला सकते हैं।

5. आंवला और शहद जरूर आजमाएं

लो बीपी की वजह से अगर चक्कर आने की शिकायत है तो आंवले के रस में शहद मिक्स करके खाएं। इस उपाय से बहुत जल्दी राहत मिलती है। आंवले का मुरब्बा भी ब्लडप्रेशर के मरीजों को बेहतर परिणाम दे सकते हैं और एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता हैं।

6. खजूर और दूध का जादूई असर

खजूर को दूध में उबाल लें और फिर उसका सेवन करें या फिर ऐसा भी कर सकते हैं कि पहले खजूर खा लें और फिर दूध पी लें। ऐसा करने से लो ब्लडप्रेशर की परेशानी से राहत मिलेगी।

7. अदरक और नींबू है एक दमदार उपाय

अदरक के छोटे-छोटे पीस कर लें और उसमें नींबू का रस और सेंधा नमक मिक्स करें। अब इसका हर रोज भोजन से पहले ही थोड़ी सी मात्रा में सेवन करें। दिनभर में 3 से 4 दफा आप इसका थोड़ा थोड़ा सेवन कर सकते हैं। कुछ ही दिनों में लो ब्लडप्रेशर की समस्या खत्म हो जाएगी।

8. काली मिर्च और टमाटर का रस है जबरदस्त

टमाटर के रस में थोड़ी-सी काली मिर्च मिक्स करें और नमक डालकर पी जाएं। इस मिक्सचर का सेवन करने से कुछ ही समय में आपको लो ब्लडप्रेशर की परेशानी में लाभ होगा।

9. चुकंदर का रस है काफी फायदेमंद

ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में एक खाद्य पदार्थ जो काफी कारगर साबित होता है वो है चुकंदर का रस। इस लाजवाब चुकंदर के रस का हर रोज सुबह-शाम सेवन करें। एक सप्ताह में ही ब्लड प्रेशर में सुधार होता दिख जाएगा

10) व्यायाम भी है एक कारगर उपाय

अभी बताए गए सभी उपायों के अलावा लो बीपी के मरीजों को पोषक तत्वों से भरे भोजन का ही सेवन करना चाहिए। पैदल चलना या फिर व्यायाम करना भी ऐसे लोगों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है। ध्यान रखें अगर कोई भी उपाय काम न आए तो अपने डॉक्टर या अपने सलाहकार से जरूर मिलें।

ये तो हुए 10 घरेलु उपाए जिसे हमने आपके साथ साझा किया लेकिन कुछ टिप्स ऐसे भी हैं जिसके इस्तेमाल से तुरंत लो बीपी से राहत मिल सकती है। आपको ये टिप्स भी जान लेना चाहिए।

ब्लड प्रेशर के अचानक गिरने की स्थिति में क्या करें-

• तुरंत नमक पानी का घोल पी जाएं।
• तुरंत बैठें या फिर लेट जाएं।
• अपनी मुट्ठी को बांधें और खोलें। ये प्रक्रिया बार-बार करें।
• अपने पैरों को हिलाते रहें यानि कि एक्टिव रखें।
• एक कप कॉफी या चाय पी लें जिससे बीपी नार्मल होने में मदद मिलेगी।

Disclaimer- हमने ऊपर आपको जो भी उपाय बताए हैं वो अलग-अलग के सूत्रों से लिए गए हैं, इन्हें अपनाने के लिए नेड्रिक न्यूज सलाह नहीं देता है. इसलिए डॉक्टर्स के कहने पर ही उपयों को अपनाएं.

कंगना से पहले भी कई सितारों को निशाना बना चुकीं हैं BMC, कपिल की इस ट्वीट के बाद उनके...

कंगना रनौत पर की गई कार्रवाई को लेकर इन दिनों बृहन्मुंबई महानगपालिका (BMC) आलोचनाओं में घिरीं हुई हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में एक्ट्रेस कंगना रनौत शुरू से ही काफी एक्टिव हैं और उनको इंसाफ दिलाने की मुहिम से जुड़ी हुई है. वो इसके जरिए बॉलीवुड पर भी लगातार निशाना साध रही हैं. हाल ही में जब सुशांत केस से ड्रग एंगल भी जुड़कर सामने आया, तो कंगना ने बॉलीवुड के ड्रग कनेक्शन पर कुछ चौंका देने वाली बात बोलीं.

कंगना के ऑफिस पर BMC की कार्रवाई

वहीं इस दौरान कंगना ने ‘मुंबई पुलिस से डर लगना’ और ‘मुंबई को PoK’ बताने जैसे कुछ विवादित बयान दे दिए, जिससे महाराष्ट्र की उद्धव सरकार भड़क गई. इस दौरान शिवसेना नेता संजय राउत और कंगना में सीधी जुबानी जंग देखने को मिली. बात इतनी बढ़ गई कि BMC ने कंगना के ऑफिस पर बुल्डोजर तक चलवा दिया. जिस जल्दबाजी में BMC ने ये कार्रवाई की, उसकी काफी आलोचना कर रहे है. लोग इसे ‘बदले की कार्रवाई’ बता रहे हैं. वैसे ऐसा पहली बार नहीं जब BMC ने किसी सितारे पर इस तरह की कार्रवाई की हो. पहले कॉमेडी किंग कपिल शर्मा और मलिश्का जैसे कुछ सितारे भी इसी तरह BMC के निशाने पर आए हैं.

कपिल के खिलाफ भी की थी ऐसी ही कार्रवाई

बात साल 2016 की है. जब कपिल शर्मा ने एक ट्वीट कर बीएमसी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, तो उस दौरान उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई. दरअसल, सितंबर 2016 में कपिल ने ट्वीट कर कहा था- ‘मैं पिछले पांच सालों से 15 करोड़ रुपए टैक्स दे रहा हूं. तब भी मुझे अपना ऑफिस बनाने के लिए बीएमसी के अधिकारियों को पांच लाख देने पड़ रहे हैं.’

उस दौरान कपिल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग किया था और कहा था कि ‘क्या ये हैं आपके अच्छे दिन?’ इसके बाद BMC ने कपिल पर एक्शन लेते हुए उन्हें गोरेगांव स्थित फ्लैट में अवैध निर्माण के लिए नोटिस थमा दिया था. हालांकि पूरे विवाद से समझौता करने के बाद उनको इससे राहत मिलीं.

आरजे मलिश्का को भी निशाना बना चुकीं हैं BMC

वहीं इसके अलावा ‘मुंबई की रानी’ के नाम से फेमस रेड FM की आरजे मलिश्का भी एक बार BMC के निशाने पर आ चुकी है. मलिश्का जिस चैनल में काम करती थीं, उसने जुलाई 2017 में मुंबई में भारी बारिश के दौरान BMC की खराब तैयारियों को लेकर एक गाना बनाया था, जो इस प्रकार था- ‘मुंबई तुम्हें बीएमसी पर भरोसा नहीं किया’. ये काफी वायरल भी हुआ था. इसके बाद BMC के अधिकारियों ने मलिश्का के घर का निरीक्षण किया और जब उनको कोई भी अवैध निर्माण नहीं मिला तो घर में डेंगू के लार्वा मिलने का ही मामला बना दिया. अब BMC ने कंगना के खिलाफ कार्रवाई की है, जिसको लेकर हंगामा हो रहा है और ये मामला बॉम्बे हाईकोर्ट तक पहुंच गया है.

TrueCaller की टक्कर में गूगल लाया ये फीचर, मिलेंगे ऐसी विशेषताएं जिसके बारे में आप सो...

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अब TrueCaller की टक्कर में सर्च इंजन कंपनी गूगल ने Verified Calls फीचर अनाउंस किया है. ये Google Phone एप का ही एक हिस्सा है. TrueCaller की ही तरह ये लोगों को बताएगा कि उनके नंबर पर किसकी कॉल आ रही है. इसके साथ ही यूजर्स को कॉल करने की वजह के साथ कॉलर का लोगो भी दिखेगा. दरअसल गूगल के इस फीचर को जोड़ने की वजह कंपनी फ्रॉड कॉल्स को रोकना बता रही है. माना जा रहा है कि इससे TrueCaller एप पर काफी प्रभाव पड़ सकता है.

बिजनेस सेक्टर में फायदेमंद

इसका सबसे ज्यादा फायदा बिजनेस सेक्टर से जुड़े लोगों को मिल सकता है. न ही सिर्फ यूजर्स फ्रॉड कॉल से बच सकेंगे. बल्कि बिजनेस कॉल के संदर्भ में यूजर को ये भी पता चलेगा कि उनके नंबर पर कॉल कौन कर रहा है और किस वजह से कर रहा है. इसके अलावा बिजनेस का वेरीफाइड बैच भी यूजर को दिखेगा. जिससे कंपनी की ओरिजिनलिटी के बारे में यूजर्स को पता चल पायेगा. साथ ही इन सभी को गूगल से अपना नंबर वेरीफाई कराना होगा. गूगल की इस फीचर को फीचर भारत, स्पेन, ब्राजील, मेक्सिको और यूएस समेत दुनियाभर में रोलआउट करने की प्लानिंग है.

TrueCaller को झेलना पड़ सकता है नफा नुकसान

माना जा रहा है गूगल का ये फीचर TrueCaller एप के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है. अभी ये एप काफी लोगों के डिवाइस में मौजूद है. लेकिन गूगल फोन में ये फीचर आ जाने से लोगों को TrueCaller जैसी कोई भी एप अलग से डाउनलोड करने की झंझट से छुटकारा मिल जाएगा. गूगल ने अपने पोस्ट में इस फीचर के शुरुआती रिजल्ट अच्छे होने की भी जानकारी दे दी है. जिसके बाद TrueCaller एप को अपने वर्चस्व पर खतरा नजर आने लगा है.

गूगल फोन में है ये एप

बता दें गूगल ने अपनी पिक्सल सीरीज के स्मार्टफ़ोनों में गूगल फोन एप को बाय डिफ़ॉल्ट पर लगा रखा है. इन सभी फोन में ये फीचर खुद ब खुद अपडेट हो जाएगा. गूगल के इन स्मार्टफोन में ये एप ही डायलर का काम करती है. अगर आपके फोन में ये एप इंस्टाल नहीं है और गूगल का स्मार्टफोन भी नहीं है तो इसे आप प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते हैं.

ऐसा दिखता था कंगना का आलीशान ऑफिस, जिस पर BMC ने चलाया बुल्डोजर, देखें तस्वीरें…

बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत इन दिनों विवादों में घिरीं हुई है. महाराष्ट्र सरकार से ‘पंगा’ मोल लेने के बाद उनके खिलाफ BMC ने बड़ी कार्रवाई की है. BMC ने कंगना के बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित आलीशान ‘मणिकर्णिका फिल्म्ज’ के ऑफिस पर हथौड़ा चला दिया है. BMC ने दफ्तर पर बुलडोजर चला दिया. इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में भी सुनवाई और कोर्ट ने फैसला कंगना के पक्ष में सुनाया.

हाईकोर्ट ने BMC की कार्रवाई पर गुरुवार दोपहर 3 बजे तक लगाई है. हालांकि BMC इससे पहले ही अपनी कार्रवाई पूरी कर चुकी थीं. इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट कल फिर सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने BMC से जवाब मांगा है कि आखिर उन्होनें कंगना के ऑफिस में अवैध निर्माण को गिराने में इतनी जल्दबाजी क्यों की? कल BMC को इसका जवाब देना है. यहां आपके लिए ये जानना जरूरी है कि हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा हुआ है कि 30 सितंबर तक कोई भी बिल्डिंग ध्वस्त नहीं की जाएगी.

कंगना बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस की लिस्ट में शुमार है. उन्होनें बहुत कम समय में लोगों को दिल को जीता और अपनी पहचान बना ली है. कंगना का सपना केवल एक्टिंग ही नहीं बल्कि उन्हें फिल्ममेकिंग का भी काफी शौक है. वो ये बोल चुकीं है कि उन्होंने सपना देखा था कि जब वो प्रोड्यूसर बनें, तो उनका एक खुद का एक ऑफिस हो. 15 साल की कड़ी मेहनत के बाद अपना एक आलीशान ऑफिस भी बनाया, लेकिन अब बीएमसी ने उसी मे तोड़फोड़ मचाई.

कंगना ने अपने प्रोडेक्शन हाउस का नाम ‘मणिकर्णिका फिल्म्स’ 2019 में आई फिल्म पर रखा है. कंगना के इस ऑफिस को बनाने के लिए मुंबई के पाली हिल स्थित बंगलो नंबर 5 का पूरी तरह से री-कंस्ट्रक्शन किया गया और वर्क स्टूडियो में बदला. कंगना के इस ऑफिस की कीमत 48 करोड़ रुपये है.

कंगना लगातार इसको ‘बदले की कार्रवाई’ बता रही हैं. कंगना ने ट्वीट करते हुए कहा है कि उनके ऑफिस में अवैध निर्माण नहीं किया गया है. उन्होनें सोशल मीडिया पर अपने टूटे हुए ऑफिस की कुछ तस्वीरें भी ट्वीट की है. इसके साथ ही उन्होनें सोशल मीडिया पर ‘पाकिस्तान’ और ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताया.

कंगना ने BMC की इस कार्रवाई पर कई ट्वीट किए है. उन्होनें अपने इस ऑफिस को राम मंदिर बताते हुए कह- ‘मणिकर्णिका फ़िल्म्ज़ में पहली फ़िल्म अयोध्या की घोषणा हुई, ये मेरे लिए एक इमारत नहीं राम मंदिर ही है. आज वहां बाबर आया है, आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा राम मंदिर फिर टूटेगा मगर याद रख बाबर ये मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा, जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम.’ इसके अलावा कंगना ने एक और ट्वीट में लिखा- ‘बाबर और उसकी सेना.’

गौरतलब है कि ‘मुंबई पुलिस से डर लगना’ और ‘मुंबई को PoK बताने’ जैसे कुछ बयान दिए थे, जिसके बाद से ही वो महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर आ गई. शिवसेना नेता संजय राउत और कंगना के बीच सीधी जंग देखने को मिलीं. अब बात कंगना के ऑफिस तोड़ने और उनके ड्रग्स कनेक्शन की जांच तक पहुंच चुकी हैं.

जानिए क्या होती है Y Category की सुरक्षा, जो केंद्र सरकार ने कंगना को दीं?

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में कंगना रनौत लगातार सुर्खियों में बनीं हुईं है. अपने बेबाक अंदाज के लिए पहचानी जाने वाली कंगना सुशांत केस के जरिए बॉलीवुड पर लगातार निशाना साध रही हैं. वहीं इसके अलावा इस दौरान कंगना की शिवसेना नेता के साथ भी जुबानी जंग देखने को मिल रही है. कंगना के बयानों के बाद उनके खिलाफ कई शिवसेना कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन भी किया. संजय राउत के साथ हो रही आर-पार की के बीच कंगना ने 9 सितंबर को मुंबई आने का ऐलान किया है.

कंगना को मिली Y कैटेगरी की सुरक्षा

वहीं कुछ दिनों पहले कंगना ने सिक्योरिटी की भी मांग की थी. दरअसल, सुशांत मामले में सामने आए ड्रग कनेक्शन को लेकर कंगना ने कई बड़े बयान दिए थे और उन्होनें कुछ बड़े खुलासे करने की भी बात कही थी. जिसके बाद उन्हें सुरक्षा देने की मांग उठने लगी थी. इस पर कंगना ने कहा था कि उन्हें मुंबई पुलिस से सुरक्षा नहीं चाहिए. कंगना ने इस दौरान ये भी कहा था कि उनको मुंबई पुलिस से डर लगता है. यही से उनके और संजय राउत के बीच वार-पलटवार की शुरुआत हुई है.

हालांकि इसी बीच कंगना की मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने कंगना को Y कैटेगरी की सुरक्षा दे दी हैं. इसको लेकर एक्ट्रेस ने ट्वीट करते हुए गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद कहा है.

एक्ट्रेस ने गृह मंत्री का जताया आभार

कंगना ने कहा- ‘ये प्रमाण है कि अब किसी देशभक्त आवाज को कोई फ़ासीवादी नहीं कुचल सकेगा. मैं अमित शाह जी की आभारी हूं, वो चाहते तो हालातों के चलते मुझे कुछ दिन बाद मुंबई जाने की सलाह देते मगर उन्होंने भारत की एक बेटी के वचनों का मान रखा, हमारे स्वाभिमान और आत्मसम्मान की लाज रखी, जय हिंद.’

क्या होती है Y श्रेणी की सुरक्षा?

बता दें कि देश में अलग-अलग स्तर की सुरक्षाएं गृह मंत्रालय द्वारा मुहैया कराई जाती हैं, जिसमें X, Y, Z, Z+ लेवल की सुरक्षाएं होती हैं. इसमें नेताओं से लेकर दूसरे VIP, जिनकी जान को कोई खतरा होता है उन्हें थ्रेट के हिसाब से सुरक्षा प्रदान की जाती है.

बात अगर Y कैटेगरी की सुरक्षा की करें तो, इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिलते हैं. जिसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं. केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल करीब 11 से ज्यादा लोगों को ये सुरक्षा प्रदान की गई थी, जिसमें यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी शामिल थे. इसका मतलब है कि अब कंगना को कुल 11 जवान सुरक्षा प्रदान करेंगे.

वो ड्रग जिसकी सुशांत को डोज देने का रिया पर जताया जा रहा शक, जानें कितने घातक हो सकते...

सुशांत सिंह राजपूत केस अब कुछ अलग ही मोड़ ले चुका है. अब इस पूरे केस की ड्रग्स के एंगल से जांच हो रही है. हाल ही में उनकी वायरल चैट में रिया चक्रवर्ती के ड्रग कनेक्शन का खुलासा हुआ है. उन पर संदेह जताया जा रहा है कि वो सुशांत को ड्रग्स दिया करती थी. इसमें सबसे ज्यादा जिस ड्रग की चर्चा हो रही है, उसका नाम CDB आयल है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रिया ये ड्रग सुशांत को डिप्रेशन से आराम देने के लिए दिया करती थी. बता दें कि ये ड्रग इतनी खतरनाक है कि इसे भारत में बैन किया जा चुका है. आइये जानें इंसान के शरीर पर ये ड्रग किस कदर असर डालती है.

भांग के पौधे का है मूल तत्व

इस मामले में जिस ड्रग का नाम बार बार सामने आ रहा है उसे कैनबिडीओल कहते है. ये 1940 में खोजा गया था और एक फाइटो कैनाबिनोइड है. भारत में भांग और गांजे की फैमिली माने जाने वाले ये उन 113 कैनाबिनोइड में से एक है. इसे किसी भांग के पौधे का मूल तत्व माना जाता है. इस पौधे में बीज नहीं पड़ते बल्कि ये फूल, पत्तियों और डंठल से बनता है. काफी समय तक इसे दर्द को कम करने वाले तेल के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है.

कैंसर के मामले में उपयोगी

हालांकि इस ड्रग का कैंसर और दर्द को कम करने में भी उपयोग होता रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक लोगों को इसको लेने पर उतना भारी नशा नहीं होता जिसको लेने के बाद वो उसके एडिक्ट हो जाए. हालांकि इन सब के बावजूद भी इसको लेकर कई प्रतिबंध है. और डॉक्टर के बिना प्रेस्क्रिप्शन के इसको लेना काफी खतरनाक बताया गया है. अमेरिका में ये लीगल पर इसके बावजूद भी ये प्रतिबंध के साथ ही मिलता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अभी भी इसकी पूरी तरीके से स्टडी की जानी बाकी है. साथ ही इसके कई सारे साइड इफेक्ट्स जैसे थकान, उलटी, चिड़चिड़ाहट, खून को पतला कर देना आदि देखे गए हैं. साथ ही अगर आपको कोई दूसरी बीमारी हो तो इसको लेने पर उल्टे असर दिखाई दे सकते हैं.

जिंदगी से धोना पड़ सकता है हाथ

इसके अलावा एक और ड्रग जिसका नाम MDMA यानि मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन है, उसे भी काफी घातक माना गया है. ये भारत में बैन है लेकिन विदेशों से ये तस्करी के जरिये मंगाई जाती है. इसकी डिमांड का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इसकी एक गोली हजार रुपये से भी ऊपर की आती है. एक गोली या एक डोज लेने के 40 से 50 मिनट के भीतर इसका असर दिखने लगता है. उसे लेने वाला काफी खुश महसूस करता है. लेकिन ओवरडोज लेने पर किसी की जान जाने का भी खतरा रहता है. अगर कोई व्यक्ति दो सालों तक लगातार ये ड्रग लेता रहे तो उसकी फैसले लेने की क्षमता पूरी तरह ख़त्म हो जाती है.