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अगर आपके घर में भी उग रहा है पीपल का पेड़, तो बन सकते है आपके बिगड़े हुए काम, जानें क...

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हिन्दु मान्यताओं के अनुसार पीपल का पेड़ काफी शुभकारी माना जाता है। इसे न सिर्फ धर्म संसार से जोड़ा गया है बल्कि विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी ये स्वास्थ्य ठीक करने के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है। साथ ही इसके कई ज्योतिषीय गुण भी माने गए हैं। हमारे घर के आसपास आपने कई बार पीपल का पेड़ उगता हुआ देखा होगा। वैज्ञानिकों की मानें तो आसपास पीपल का पेड़ रहने से वातावरण में एक नयापन आता है। एक नई ऊर्जा रहती है। अगर आपके भी घर के आसपास कहीं पीपल का पौधा उग जाता है, तो कुछ ज़रूरी बातें है जो आपको दिमाग में ध्यान रखने की ज़रुरत है।

सूर्योदय से पहले कभी नहीं करें पूजा

वैसे पीपल के पेड़ का धार्मिक महत्व तो सभी जानते हैं । शुभ कामों में पीपल के पत्तों से वंदनवार भी बनाये जाते हैं। पीपल में पितरों का वास माना गया है. इसमें सब तीर्थों का निवास भी होता है इसीलिए मुंडन आदि संस्कार पीपल के पेड़ के नीचे करवाने का प्रचलन है. मंदिरों में भी आपने अक्सर पीपल के पेड़ लगे हुए ज़रूर देखें होंगे। सूर्योदय के बाद पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी जी का अधिकार माना गया है। इसलिए अगर आपके आसपास पीपल का पेड़ है तो उसकी सूर्योदय से पहले कभी न पूजा करें। मान्यता है कि इससे घर में दरिद्रता आती है।

पीपल के पेड़ को कभी ना काटे

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पीपल का पेड़ अगर उग भी आया है तो उसे काटने से परहेज करें। इसको काटना या नष्ट करना ब्रह्महत्या के समान पाप माना गया है। बल्कि पीपल के पेड़ की काटने के बजाय उसी स्थान पर पूजा करनी चाहिए। इससे आपके कार्यों और विचारों में एक स्टेबिलिटी आएगी। आपकी तार्किक क्षमता में वृद्धि आती है। कहते हैं कि इसकी पूजा करने से शादी में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती हैं। घर में धन का लाभ होता है और आय का प्रवाह आसान बनता है। इससे आपकी बुद्धिमता बढ़ती है।

सेहत के लिए है फायदेमंद

ये बात वैज्ञानिकों ने भी साबित की है कि पीपल का पेड़ हमें चौबीस घंटे ऑक्सीजन देता है। आसपास पीपल का पेड़ रहने से आप दीर्घायु बनते हैं। लेकिन रात के समय इस वृक्ष के नीचे सोना अशुभ माना गया है। लेकिन इसकी छाया ठंडियों में गर्म और सर्दियों में ठंडी रहती है। इसके वृक्ष के पत्ते से लेकर फल तक सभी में औषधीय गुण रहते हैं जिससे आपके किसी भी तरह के रोग ज्यादा दिन तक शरीर में टिक नहीं पाएंगे। जैसे शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाने पर पीपल के पत्तों का गर्म लेप लगाने से घाव सूखने में मदद मिलती है। अगर पीपल के पत्तों को छांव में सुखाकर मिश्री के साथ इसका काढ़ा बनाकर पी लें, तो इससे काफी समय तक रहने वाला जुखाम जल्दी ठीक हो जाता है।

ठहर जाइये पीपल के फायदे सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। इसके अलावा किसी जहरीले जानवर के काट लेने पर रोगी को थोड़ी थोड़ी देर में अगर विष का रस पिलायेंगे, तो उससे जहर का असर कम होने लगता है। आजकल बदलते मौसम में अजीबोगरीब स्किन की समस्याएं भी जन्म ले रही है। इस स्थिति में उस जगह पर पीपल की छाल घिसकर लगा लें। इससे आपको काफी फायदा मिलेगा। अगर ज़िन्दगी में किसी स्ट्रेस से जूझ रहे हैं, या कोई बात आपको बार बार परेशान कर रही है तो भी पीपल का पेड़ आपकी काफी मदद कर सकता है। अपने दिमाग को कूल या विचलित मन शांत करने के लिए इसके कोमल पत्तों को नियमित रूप से चबाये। इससे आप खुद को स्ट्रेस फ्री महसूस करेंगे।

अगर आपके घर में किसी ऐसी जगह पर पीपल का पौधा निकलता है, जहां से उसे हटाना आपकी मजबूरी है। तो घबराने की बात नहीं है। पहले उसी स्थान पर पेड़ की पूजा करें। फिर उसे वहां से निकाल कर किसी गमले में लगा दें। इस बात का ध्यान रखें कि उस पौधे को हटाते समय उसकी जड़ गलती से भी न काटें। घर की पूर्व दिशा में भी पीपल का पेड़ लगाने से बचें, क्योंकि इसे धन का काफी नुकसान होने की संभावनाएं रहती हैं। पीपल की पूजा करने के बाद उसको किसी गमले में लगा दें। ऐसा करने से आपके चारों ओर किसी भी तरह की नेगेटिविटी चाह कर भी नहीं पनपेगी।

क्रिकेट फैन्स के लिए बेहद खास है आज का दिन, ‘हिटमैन’ ने 5 साल पहले खेली थी यादगार पार...

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जब भी रोहित शर्मा का नाम आता है तो सबसे पहले उनकी 264 रनों की शानदार पारी याद आती है. रोहित शर्मा ने आज ही के दिन 5 साल पहले यानि 13 नवंबर 2014 को ये यादगार पारी खेली थी. क्रिकेट के फैन्स रोहित की इस पारी को कभी भुला नहीं पाएंगे. जिस विस्फोटक अंदाज में रोहित ने बल्लेबाजी की थी, तब हर कोई बस उनको ही देखता रह गया. रोहित शर्मा ने 5 साल पहले श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्ड्न्स में ये इतिहास रचा था.

जब रोहित 4 रन पर थे, श्रीलंका से छूटा था कैच

2014 में भारत और श्रीलंका के बीच नवंबर में पांच मैचों की वनडे सीरीज खेली गई थी. विराट कोहली इस सीरीज में कप्तान थे. इस सीरीज के चौथे मैच में रोहित शर्मा ने ये कारनामा कर दिखाया था. जिसे आजतक कोई भी बल्लेबाज तोड़ नहीं पाया. उस दिन रोहित को किस्मत का भी भरपूर साथ मिला था. सिर्फ 4 रनों पर श्रीलंका ने रोहित का कैच छोड़ दिया था, जिसके बाद रोहित ने ये रिकॉर्ड बना दिया.

33 चौके और 9 छक्के जड़े थे

अपनी इस पारी में रोहित ने 173 गेंदो का सामना किया था. 264 रनों का विशाल स्कोर में रोहित ने 33 चौके और 9 छक्के जड़े थे. इस पारी की शुरूआती 100 गेंदों में रोहित ने 100 रन बनाए थे. इसके बाद 73 रनों पर उन्होनें 164 रन बनाए. ऐसा नहीं है कि रोहित ने वनडे इंटरनेशनल में सिर्फ एक ही बार डबल सेंचुरी बनाई हो. वो तीन बार डबल सेंचुरी बना चुके हैं. रोहित ने पहली डबल सेंचुरी 2 नवंबर 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाई थी. इसके अलावा वो 2017 में भी वनडे में दोहरा शतक जड़ चुके हैं, लेकिन रोहित शर्मा की ये 264 रनों की पारी सबसे खास है, क्योंकि आज तक कोई भी खिलाड़ी इसको तोड़ नहीं पाया है.

इतिहास के पन्नों में दर्ज हुए ये दो खास मामले, जानिए क्या है 9 नवंबर का इतिहास

9 November ka Itihas – “9 नवंबर” ये सिर्फ एक तारीख नहीं बल्कि ये एक ऐसा दिन है, जिसमें होने वाली कई घटनाओं ने इतिहास का रूप लिया. 5 सदियों से चला आ रहा राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद  के मामले मे सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाया. फैसला आ जाने के बाद भारत के इतिहास में इस तारीख में एक और मामला दर्ज हो गया, तो आइए आपको बताते हैं कि 9 नवंबर के दिन इतिहास में क्या-क्या घटनाएं हुई, जिसे आज भी दुनिया याद रखती है.

करतारपुर साहिब कॉरिडोर 

9 नवंबर 2019 को भारत के नागरिकों के लिए करतारपुर साहिब कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया. देश की आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी रोक टोक के बिना भारतीय लोगों करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कर सकते हैं. बता दें कि भारत-पाकिस्तान की दोनों सरकारों ने 550वां प्रकाश पर्व मनाने के लिए ये मंजूरी दी है. जहां इसका उद्घाटन भारत के पीएम नरेंद्र मोदी भारत में किया तो वहीं इसका उद्घाटन पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने पाकिस्तान में किया. जिसके बाद 9 नवंबर 2019 की ये तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई.

  • रोज बर्लिन की दीवार को गिराया

13 अगस्त 1961 में बनाई गई रोज बर्लिन की दीवार को 9 नवंबर को गिरा दिया गया था.  बर्लिन की दीवार जर्मन लोकतांत्रिक गणराज्य और पश्चिमी बर्लिन के बीच एक अवरोध थी. जिसने बर्लिन शहर को 28 साल तक पश्चिमी और पूर्वी टुकड़ों में बांट रखा था. वहीं, 9 नवंबर 1989 के बाद के हफ्तों में इस दिवार को तोड़ दिया गया था. ये दीवार अंदरूनी जर्मन सीमा का बहुत खास हिस्सा था और शीत युद्ध का खास प्रतीक भी था.

सिक्खों के गुरु नियुक्त – 9 November ka Itihas

9 नवंबर, 1675 को गुरु गोबिंद सिंह जी को सिक्खों के गुरु नियुक्त हुए थे. बता दें, अपने पिता गुरु तेग बहादुर की मृत्यु से पहले यानि 11 नवंबर 1675 को गुरु गोबिंद सिंह जी गुरु बने थे. सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ “गुरु ग्रंथ साहिब” को इन्होंने ने ही पूरा किया था.

  • पहली टीवी फिल्म प्रदर्शित

एड्स थीम पर आधारित पहली टीवी फिल्म ‘एन अर्ली फ्रोस्ट’ को 11 नवंबर 1985 में अमेरिका में प्रदर्शित किया गया था. जिसे John Erman ने डायरेक्ट किया था.

  • नई दिल्ली में 9 नवंबर, 1973 में पहली अंतरराष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी शुरू हुई थी.
  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने साल 1966 में अंतरिक्ष यान ‘जेमिनी-12’ लॉन्च किया था.
  • साल 2000 में ऑस्ट्रिया में सुरंग में जा रही ट्रेन में आग लगी थी, इस दौरान 170 लोगों की मृत्यु हो गई थी. बता दें कि एक सुरंग में ये ट्रेन फंस गई थी और इसमें आग लग गई थी.
  • 16वीं शताब्दी से चले आ रहे संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में आखिरकार 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना ही दिया, जिस वजह से 9 नवंबर 2019 को ये दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. इस मामले में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही दूसरी जगह बाबरी मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया.

और पढ़ें: औरंगजेब के पोते को बंदी बनाने वाले सिख योद्धा की कहानी

अयोध्या विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले 5 जजों के बारे में जानें कुछ विशेष बातें…

सदियों से चले रहे अयोध्या विवाद पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. लंबे अरसे से देशवासी जिस फैसले का इंतजार कर रहे था वो राम मंदिर के पक्ष में आया. सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला दिया, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग से अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की बेंच ने इस मामले पर 40 दिनों तक सुनवाई की थी. जिसके बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

40 दिनों तक कोर्ट में चली तीखी बहस के बाद 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया. इस मामले की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की शामिल थे. आइए इन जजों के बारे में कुछ खास बातें जिन्होनें बरसों पुराने अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाया है.

  1. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में ही 5 जजों की बेंट अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही थी. उनका जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था. रंजन गोगोई ने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी. 2001 में गोगोई गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज बने थे. इसके बाद 2010 में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज नियुक्त हुए थे. 2011 में रंजन गोगोई पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी बन गए थे. 23 अप्रैल 2012 में जस्टिस रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे. रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर 3 अक्टूबर को पदभार संभाला था. वो इसी 17 नवंबर को रिटायर भी हो रहे है. बतौर चीफ जस्टिस उन्होनें अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए है.

2. जस्टिस एस.ए बोबड़े

जस्टिस एस.ए बोबड़े इस पीठ के दूसरे जज हैं. रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद वो ही अगले चीफ जस्टिस होंगे. जस्टिस एस.ए बोबड़े ने 1978 में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र ज्वाइन की थी. इसके बाद उन्होनें बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में लॉ की प्रैक्टिस की. 1998 में एस.ए बोबड़े वरिष्ठ वकील भी बने थे. 2000 में उन्होनें बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज पदभार संभाला था. साथ ही वो मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के भी चीफ जस्टिस रह चुके हैं. साल 2013 में उन्होनें सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर कमान संभाली. वो 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर पदभार ग्रहण करेंगे. जस्टिस एस. ए. बोबड़े 23 अप्रैल, 2021 को रिटायर होंगे.

3. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़

13 मई 2016 को जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर पद संभाला था. उनके पिता जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं. इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे. वो बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर जज भी काम कर चुके हैं. जज नियुक्त होने से पहले वो देश के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ सबरीमाला, भीमा कोरेगांव, समलैंगिकता जैसे कई बड़े मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा रह चुके हैं.

4. जस्टिस अशोक भूषण

जस्टिस अशोक भूषण का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ है. अशोक भूषण ने 1979 में यूपी बार काउंसिल ज्वाइन की थी. इसके बाद उन्होनें इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस भी की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट में अशोक भूषण ने कई पदों पर काम किया है. 2001 में जस्टिस अशोक भूषण बतौर जज नियुक्त किए गए थे. साल 2014 में वो केरल हाईकोर्ट के जज बने थे और 2015 में वो वहां के चीफ जस्टिस बने थे. सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में उन्होनें 13 मई 2016 को कार्यभार संभाला था.

5. जस्टिस अब्दुल नज़ीर

1983 में जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने वकालत शुरू की थी. उन्होनें कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस भी की है. इसके बाद अब्दुल नज़ीर ने बतौर एडिशनल जज और परमानेंट जज काम किया है. 17 फरवरी 2017 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज कार्यभार संभाला था.

रोजाना बादाम और एक किलो घी पीता है 15 करोड़ की कीमत वाला ये भैंसा, जानिए क्या है इसकी...

इन दिनों राजस्थान के पुष्कर में बहुत बड़ा पशु मेला लगा हुआ है, जिसमें दुनियाभर के तमाम पशु शामिल हुए हैं, जिनमें से एक भैंसा जमकर सुर्खियां बटोर रहा है. करोड़ो में बिकने वाली इस भैंसा को देखकर हर कोई दंग है क्योंकि इसकी कई खूबियां इंसानो से बहुत मिलती जुलती है. ये ही कारण है कि इसकी कीमत भी काफी अधिक है.

सूर्खियां बटोर रहे इस भैंसे का नाम भीम बताया जा रहा है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. हर कोई इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा है. भीम के मालिक ने इसकी खूबियों के बारे में बताने के साथ-साथ उसके मंहगे होने की वजह भी बताई है, तो आइए आपको इस भैंसा की खूबियों के बारे में बताते हैं…

आखिर क्यों है ये भैंसा इतना महंगा?

भीम नाम का ये भैंसा कोई आम भैसा नहीं है, ये अन्य भैंसों से अलग है. इसकी कीमत 1 या 2 करोड़ नहीं बल्कि 15 करोड़ रुपये है. कहा जाता है कि इस भैंसा से जो भी भैंस गर्भवती होती है, वो सदैव अधिक दूध देने वाली भैंस ही पैदा करती है.

इसलिए ये भैंसा 15 करोड़ रुपये की कीमत में बिकेगा और तो और इसे खरीदने के लिए भी काफी लोग उत्साहित हैं. बता दें कि भैंसा का इस्तेमाल भैंस को गर्भवती करने के लिए किया जाता है, ये ही कारण है कि ज्यादा दूध देने वाली भैंस को पैदा करने के लिए इस भैंसा की मांग काफी ज्यादा है.

क्या है भीम का डाइट प्लान?

भीम के मालिक से जब इसके डाइट प्लान की बात की गई तो उसने बताया कि इसका डाइट प्लान बिल्कुल अलग थलग है. ये भैंसा रोजाना एक किलो घी पीने के साथ-साथ बादाम, काजू और छुआरे आदि का भी सेवन करता है. इसके अलावा ये मक्खन और शहद का भी सेवन करता है. जिस वजह से इसके खानपान में कुल खर्च लगभग सवा लाख रुपये का होता है, इसलिए इसकी कीमत काफी ज्यादा है.

केवल 6 साल में बन गया ऐसा

भीम के मालिक ने कहा कि केवल 6 साल की मेहनत में भीम इतना अच्छा बन गया. उन्होंने आगे ये भी कहा कि भीम की देखभाल के लिए चार लोग हैं. इसकी रोजाना एक किलो सरसों के तेल से मालिश होती है, जिससे कि इसकी फिटनेस बरकरार है. भीम के बारे में जानकर तो ये बात साफ है कि ये अन्य घास-पूस खाने वाले भैंसो से काफी अलग है और इसलिए ही ये इतना मंहगा भी है.

जब 15 साल के थे विराट तो खुद को लिखा था एक खास लेटर, बर्थडे पर फैन्स के साथ किया शेयर

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टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली आज अपना 31 साल के हो गए है. विराट कोहली दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक है. ना सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी लोग उनको बहुत पंसद करते हैं. विराट कोहली अपना 31वां जन्मदिन पत्नी अनुष्का के साथ मना रहे है. उनके इस खास दिन पर करोड़ो लोग उन्हें विश कर रहे है. विराट ने अपने जन्मदिन पर फैन्स के लिए एक बेहद ही खास लेटर शेयर किया है. विराट कोहली का ये लेटर 16 साल पुराना है. जब वो 15 साल के थे तो उन्होनें खुद को एक लेटर लिखा था. जिसे उन्होनें आज अपने फैन्स के साथ शेयर किया है.

बर्थडे पर विराट ने 16 साल पुराना लेटर किया शेयर

15 साल के विराट ने इस लेटर में लिखा है- हाय चीकू, सबसे पहले तुम्हें जन्मदिन की बधाई. मुझे पता है कि भविष्य को लेकर तुम्हारे मन में बहुत सारे सवाल चल रहे होंगे जो तुम मुझसे पूछना चाहते हो. लेकिन मुझे माफ करना आज मैं तुम्हारे ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दे पाऊंगा. क्योंकि जब किसी को ये पता नहीं होता कि भविष्य में आपके लिए क्या छिपा है, तो आपको हर सरप्राइज बेहद ही प्यारा लगता है. हर चुनौती रोमांच पैदा करती है और हर निराशा आपको एक सबक सिखाती है. आज तुम्हें इन सब चीजों का एहसास नहीं होगा, लेकिन मंजिल से ज्यादा खास सफर होता है. ये सफर सुपर है.

लेटर में आगे लिखा है- विराट तुम्हारे लिए जिंदगी ने बहुत कुछ बड़ा सोच रखा है. लेकिन इसके लिए तुम्हें रास्ते में आने वाले हर मौके के लिए तैयार रहना होगा. उस मौके को पकड़ना होगा. आसानी से मिलने वाली चीजों को कभी मत लेना. ऐसा करने पर तुम फेल भी हो जाओगे, जैसे हर कोई होता है. लेकिन खुद से एक वादा करों कि तुम कभी भी उठना नहीं भूलोगे. अगर पहली बार में तुम्हें कोई चीज नहीं मिलती है तो तुम उसके लिए दोबारा कोशिश करोगे. कई लोग तुम्हें प्यार भी करेंगे और कई लोग ऐसे होंगे जो तुम्हें जानते नहीं होंगे. उनकी चिंता कभी मत करना. हमेशा खुद पर भरोसा करना.

15 साल के विराट ने लेटर में आगे लिखा- ‘मैं जानता हूं कि तुम उन जूतों के बारे में सोच रहे हो जो पापा ने तुम्हें गिफ्ट नहीं किए. लेकिन ये पापा की एक झप्पी के आगे कुछ भी नहीं है, जो उन्होनें आज सुबह तुम्हें दी हैं. या फिर जो जोक उन्होनें तुम्हारी हाइट को लेकर सुनाया है. इससे ही मुस्कुराओ. मैं जानता हूं कि वो कई बार सख्त हो जाते हैं. पर ऐसा इसलिए हैं क्योंकि वो तुम्हारे लिए बेस्ट चाहते हैं. तुम ऐसा लगता है कि हमारे पैरेंट्स कई बार हमें नहीं समझते हैं. लेकिन हमेशा ये ध्यान रखना कि एक हमारा परिवार ही है जो हमें बिना शर्त के बहुत प्यार करता है. तुम भी उनको प्यार करो, उनका सम्मान करो और उनके साथ वक्त बिताओ.

पापा को बता दों कि तुम उनसे कितना प्यार करते हो. उन्हें बार-बार ये बताओ. आखिर में बस ये कहूंगा कि अपने दिल की सुनो और अपने सपनों की ओर भागो. दुनिया को ये दिखाओं की कैसे बड़े सपने देखने से बड़ा अंतर होता है. तुम अभी जो हो वही रहना और हां पराठों के बारे में सोचों. आने वाले सालों में ये लग्जरी बन जाएंगे. अपना हर दिन को सुपर बनाओ.

मानव के लिए बेहद घातक है वायु प्रदूषण, जानिए इससे होने वाले दुष्प्रभाव, बीमारियां और ...

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वायु प्रदूषण से नुकसान – यूं तो प्रदूषण कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा घातक वायु प्रदूषण होता है. व्यक्ति से लेकर जीव-जंतुओं के जीवन पर ये अपना बुरा असर डालता है. आज के समय में हवा में प्रदूषण की मात्रा हर जगह मिलेगी, चाहे घर हो या घर के बाहर हर तरफ जहरीली हवाओं ने अपना कब्जा कर रखा है. जिस वजह से वायु प्रदूषण से बचना हमारे लिए काफी मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं. आज हम आपको वायु प्रदूषण से होने वाली दुष्प्रभाव, बीमरियों और बचाव के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए आपको बताते हैं…

मानव के स्वास्थ्य पर प्रभाव

व्यक्ति अपने जीवन को बनाए रखने के लिए कम से कम 8,000 लीटर वायु अंदर और बाहर करता है. वहीं अगर वायु में अशुद्धि या प्रदूषक तत्वों का समावेश है तो वो सांस लेते वक्त व्यक्ति के शरीर में पहुंच कर कई तरह से प्रभावित करती है और फिर नतीजा ये होता है कि वो अनेक भयंकर रोग बन जाती है.

दुष्प्रभाव और बीमारियां

वायु प्रदुषण के दौरान कुछ उपायों को अपनाकर और इससे बचकर हम इससे पड़ने वाले दुष्प्रभाव और बीमरियों से अपने आपको और अपने परिवार का बचाव कर सकते हैं. इस घातक प्रदूषण से व्यक्ति के शरीर में बहुत जल्दी प्रभाव पड़ता हैं क्योंकि ये सांस द्वारा हवा के तौर पर शरीर मे पहुंचता है. इतना ही नहीं इससे दमा, खांसी,सिरदर्द रहना, आंखों की रोशनी कमजोर होना और फेफड़ों में संक्रमण होने जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ कर सकता है.

बचाव ही उपाय – वायु प्रदूषण से नुकसान

वायु प्रदूषण से बचने के लिए आपको रोजाना सबसे पहले जल्दी उठना चाहिए और टहलना चाहिए, इससे आपके शरीर में ताजी हवा अंदर जाएगी. इसके लिए आप घर के पास किसी भी गार्डन या फिर ऐसी जगह जा सकते हैं जहां हरियाली या पेड़ हो और फिर वहां खड़े होकर लंबी सांस अंदर खींचे और बाहर छोड़ें. जिसके चलते पेड़ों से निकलने वाला ऑक्सीजन जब शरीर में जाता है तो वो शरीर में नई स्फूर्ति भर देता है.

योग से होगा ज्यादा लाभ

वहीं, अगर आप योग करते हैं तो ये आपके शरीर के लिए काफी अच्छा रहेगा, क्योंकि योग में स्वच्छ हवा शरीर में लेने की कई मुद्राएं बताई गई हैं. इसकी मदद से आप सवेरे जल्दी उठकर इन योगाओं में से कोई एक योग को अपनाते हुए अपने शरीर में स्वच्छ हवा ले सकते है.

मास्क पहनकर करें बचाव

अगर आपके आसपास वायु प्रदूषण की ज्यादा मात्रा है तो अपने चेहरे को मास्क से ढककर रखिए. इसकी मदद से प्रदूषित हवा को आपके शरीर मे जाने से रोक मिलेगी. इतना ही नहीं, आपको ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगह, ज्यादा यातायात का दबाव वाली जगह और जहां फैक्टियों की तादाद ज्यादा होती है उन जगह पर जाना नहीं चाहिए, क्योंकि यहां पर वायु प्रदूषण की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर में पहुंचकर बीमारियां पैदा करता है.

और पढ़ें: हाथ पैर पर नीले धब्बे पड़ना किस चीज की निशानी है. कैसे खत्म करें

एक रिलेशनशिप के चलते मैकडोनाल्ड के सीईओ को गंवानी पड़ी नौकरी, मांगी माफ़ी

मैकडोनाल्ड (McDonald’s) ने अपने ही सीईओ स्टीव ईस्टरब्रुक को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन्हें एक कर्मचारी के साथ रिलेशनशिप के चलते अपनी नौकरी की कुर्बानी देनी पड़ी। रविवार को कंपनी ने ये कहते हुए इस बात की जानकारी दी कि स्टीव ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया था और ये उनकी पॉलिसी के खिलाफ है। जिस वजह से उन्हें सीईओ और कंपनी के अध्यक्ष पद दोनों से निकाल दिया गया। बता दें कि 52 साल के ईस्टरब्रुक को  2015 में मैकडोनाल्ड का सीईओ बनाया गया था और तब से वो उसी पद पर कार्यरत थे।

बोर्ड ने लगाया गलत फैसले लेने का आरोप 

बोर्ड का आरोप है कि उन्होंने अपनी कर्मचारी के साथ संबंध होने के चलते कुछ गलत फैसले लिए। फ़िलहाल ईस्टरब्रुक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है जिसके बाद उन्होंने बोर्ड के सदस्य पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने कर्मचारियों को ईमेल द्वारा बोर्ड के इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने गलती की। मैंने कंपनी को हमेशा महत्व दिया लेकिन बोर्ड का फैसला सही है। अब मेरा जाने का वक़्त है।‘

#MeToo कैंपेन के दौरान दिखा था असर

अमेरिका के कॉर्पोरेट सेक्टर में ऐसे कई पहले भी मामले सामने आये हैं जिनके रिलेशनशिप की वजह से नौकरी पर बात बन आई। सोशल मीडिया पर चले #MeToo कैंपेन के दौरान भी इसका असर देखने को मिला था। इस दौरान बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जून 2018 में इंटेल कॉर्प के सीईओ ब्रायन को भी रिलेशनशिप के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था। अब ईस्टरब्रूक के बाद क्रिस केंपिजिंस्की को मैकडोनाल्ड यूएसए का सीईओ बनाया गया है।

ईस्टरब्रुक के नेतृत्व में कंपनी को हुआ था फायदा 

हालांकि ईस्टरब्रुक के कार्यकाल के दौरान कंपनी को काफी फायदा हुआ। साल 2015 के बाद से सीईओ बनते ही कंपनी के स्टॉक डबल हो गए हैं। बता दें कि ईस्टरब्रुक की पढ़ाई यूनिवर्सटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड के बिजनेस स्कूल से हुई थी और इससे पहले उनका तलाक भी हो चुका है। आज नए नवेले सीईओ ने केंपजिंस्की में अपने सन्देश में ईस्टरब्रूप को धन्यवाद दिया। केंपजिंस्की ने कहा कि वो इस्टरब्रुक के कामों को आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगे।

हनीमून के लिए सबसे बेस्ट है भारत की ये 5 लग्जरी ट्रेन, सफर के दौरान खुद को राजा-रानी ...

Top 5 trains for Honeymoon – कहते हैं शादी एक ऐसा बंधन है जिसमें में ज्यादातर हर कोई बंधना चाहता है, इतना ही नहीं आजकल तो शादी एक ट्रेंड बनती जा रही है. हर कोई इस खास अवसर पर सेलीब्रीटी या राजा महाराजा के समय होने वाले रिती रिवाजों को अपनाने की सोचते हैं, जिसे वो खुद को लोगों की भीड़ में अलग समझे. इतना ही नहीं शादी के बाद जब हनीमून की बात आती है तो इसे लेकर भी कपल्स में एक अलग उत्साह रहता है वो तरह-तरह की नई जगह घूमने का प्लान बनाते हैं.

वहीं अगर आप भी एक कपल हैं और अपने हनीमून को शाही बनाना चाहते हैं तो आइए आपको राजा और रानी का अहसास दिलवाने वाली उन भारतीय लग्जरी ट्रेंनों के बारे में बताते हैं जो आपको किसी राजा महाराजा के महलों से कम नहीं लगेंगी, तो आइए आपको बताते हैं…

महाराजा एक्सप्रेस

सबसे पहले बात करते हैं महाराजा एक्सप्रेस की इस ट्रेन को दुनियां की 5 सबसे अधिक लग्जरी ट्रेन का खिताब भी मिल चूका हैं. इसकी साज-सजावट काफी अच्छी है. इसमें शानदार रूम है और वेटर की सर्विस भी मौजूद हैं. अक्टूबर से अप्रैल के बीच में चलने वाली इस ट्रेन के पांच अलग रूट्स हैं और यहां एक व्यक्ति का किराया दो से चार लाख के करीब है.

रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स

रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स ट्रेन में आपको ताज महल, हवा महल,सिटी पैलेस, खजुराहो मंदिर जैसी अन्य वस्तु देखने को मिलता है. ये ट्रेन जोधपुर, सवाई माधोपुर, जयपुर, खजुराहो, उदयपुर, चित्तोरगढ़, वाराणसी और आगरा जैसे रूट्स पर जाती है. इसमें स्पा, रेस्तरां के साथ-साथ कई सुविधाएं भी हैं, इन सभी सुविधा का लाभ उठाने के लिए एक व्यक्ति का किराया चार लाख के करीब है.

द डेक्कन ओडिसी

पांच स्टार रेटिंग वाली द डेक्कन ओडिसी ट्रेन के डिब्बे किसी राजा महाराजाओं के महलों कम नहीं हैं. इसमें रेस्तरां, स्पा जैसे कई सुविधाएं है. इसके कुल 6 रूट्स हैं और एक व्यक्ति का किराया करीब तीन लाख रुपये के आसपास है.

सुनहरा रथ

एशिया की सबसे लग्जरी ट्रेन का खिताब साल 2013 में सुनहरा रथ ट्रेन को मिला था. 7 राते और 8 दिनों का समय लेने वाली ये ट्रेन अक्टूबर से मार्च में चलती हैं. ये ट्रेन मुख्य तौर पर दो रूट्स पर चलती हैं. इसमें सफर करने के लिए एक व्यक्ति का किराया टैक्स के अलावा 3 लाख रुपये तक है.

फेयरी क्वीन एक्सप्रेस

वहीं अगर आपका बजट कम है और आप छोटा सा लग्जरी सफर करना चाहते हैं तो आप साल 1855 में बनी भारत की बहुत पुरानी इस लग्जरी ट्रेन में सफर कर सकते हैं. केवल अक्टूबर से मार्च में चलने वाली ये ट्रेन इन महीनों के भी केवल दूसरे और चौथे शनिवार ही चलती हैं. ये ट्रेन केवल दो जगह के रूट्स तय करती हैं जो अलवर और सरिस्का है. अगर बात करें इस ट्रेन के सफर की तो ये 1 रात और 2 दिन ही हैं. अन्य चार लग्जरी ट्रेनों की तुलना में इस ट्रेन की जर्नी छोटी और सस्ती भी हैं. इसमें सफर करने के लिए एक व्यक्ति का किराया टैक्स के अलावा 8,600 रुपये है.

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सावधान: देशव्यापी सर्वे ने किया पैकेज्ड दूध को लेकर चौंकान वाला खुलासा, ये है कच्चे द...

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ये तो हम सभी जानते हैं कि हमारी सेहत के लिए दूध काफी फायदेमंद साबित होता है, जिस वजह से बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े तक को डॉक्टर्स रोजाना दूध का सेवन करने की सलाह देते हैं. वहीं अब देश में मिलने वाले पैकेज्ड दूध को लेकर खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया गया है.

देशभर में किए गए सर्वे के अनुसार कहा जा रहा है कि कच्चे दूध से दोगुना जहरीला पैकेज्ड दूध होता है. कई प्रमुख ब्रांड के कच्चे दूध और पैकेज्ड दूध के नमूने तय मानकों और निर्धारित गुणवत्ता पर खरे नहीं उतरे हैं. जिसके चलते पैकेज्ड दूध (प्रोसेस्ड मिल्क) के 10.4 प्रतिशत नमूने सुरक्षा मानकों पर नाकाम रहे और ये कच्चे दूध की तुलना में बहुत ज्यादा हैं. इतना ही नहीं इनमें एंटीबायोटिक, कीटनाशक और एफ्लाटॉक्सिन- एम 1 जैसे जहरीले पदार्थ पाए गए हैं. प्रोसेस्ड दूध में एफ्लाटॉक्सिन ज्यादा, जो पशु आहार में प्रयोग होता है.

FSSAI के सीईओ पवन अग्रवाल ने 18 अक्टूबर, शुक्रवार को कहा कि लोगों का मानना है कि दूध में मिलावट अधिक गंभीर समस्या है, मगर इससे बड़ी परेशानी तो दूध का दूषित होना है. प्रोसेस्ड दूध के 2,607 नमूनों ऐसे निकले जिनमें 37.7 प्रतिशत नमूनों में फैट, माल्टोडेक्सट्रिन,एसएनएफ और शुगर की मात्रा तय सीमा से अधिक मिला. विशेषज्ञों के अनुसार पशु आहार में एफ्लाटॉक्सिन का लंबे वक्त से प्रयोग किया जा रहा है, जो व्यक्ति की सेहत के लिए काफी खतरनाक है.

उठाए जा सकते हैं कड़े कदम

आपको बता दें कि नवंबर 2018 में एफएसएसएआई ने राष्ट्रीय दुग्ध सर्वे 2018 के दौरान एक रिपोर्ट जारी की गई थी. जिसमें मिलावटी दूध को लेकर बहुत सारे चौंकाने वाले खुलासे  सामने आए थे. वहीं बीते शुक्रवार को एफएसएसएआई ने राष्ट्रीय दुग्ध सर्वे 2018 की आखिरी रिपोर्ट जारी की है. जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी सौंप गया है. मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट को देखते हुए मिलावटी दूध को रोकने के लिए जल्द ही कड़े कदम उठाए जाएंगे.

दिल्ली में लगभग 65 प्रतिशत पैकेट वाले दूध का प्रयोग

सर्वे के अनुसार दिल्ली में 60 से 65 प्रतिशत तक पैकेट दूध का इस्तेमाल होता है. बाहरी दिल्ली को छोड़ने के अलावा मध्य दिल्ली में लगभग 95 प्रतिशत तक पैकेट दूध का ही इस्तेमाल होता है. बता दें कि दिल्ली के 262 नमूने लिए गए थे, जिनमें 194 प्रोसेस्ड और 68 त्वरित दूध के नमूने थे. इनमें 38 नमूनों की जांच में एफ्लाटॉक्सिन एम1 पाया गया और इन 38 में से सर्वाधिक 36 नमूने पैकेट दूध के शामिल हैं. सिर्फ दो नमूने ऐसे थे, जो त्वरित दूध (पशू से निकला दूध) मिले थे.

दिल्ली के साथ ही कई राज्यों के सैंपल में रसायन

सर्वे के मुताबिक 6432 में से 368 सैंपल में एफ्लाटॉक्सिन एम-1 रसायन हैं, जिनमें सबसे इनमें सबसे अधिक 227 पैकेट वाले दूध के सैंपल हैं. ये सैंपल दिल्ली, पंजाब, यूपी, महाराष्ट्र,केरल, तमिलनाडु और ओडिशा से लिए गए थे जहां से ये घातक रसायन मिला है. अगर बात करें एंटीबॉयोटिक्स दवाओं की तो उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के सैंपल में इनकी मौजूदगी मिली है.

फफूंद से पैदा होता है यह रसायन

डेयरी फार्मिंग में अक्सर एफ्लाटॉक्सिन B-1, B-2 और M-1 और M-2 की चर्चा होती रहती है. वहीं अगर पशु एफ्लाटॉक्सिन बी-1 वाला आहार खा लेता है तो ये सामान्य उपचय द्वारा एफ्लाटॉक्सिन M-1 के तौर पर उनके दूध या पेशाब में निकलने लगता है. बता दें कि एफ्लाटॉक्सिन में ऐसे माइकोटॉक्सिन पाए जाते हैं, जो एस्पर्जिलस फ्लेवस या एस्पर्जिलस पैरासाइटिक्स नामक फफूंद से उत्पन्न होते हैं. इसे फंफूद से पैदा होने वाला जहर भी कहा जाता है. जो मानव के साथ-साथ पशुओं के लिए भी घातक साबित होता है. पशुपालन विभाग के मुताबिक बहुत बार एफ्लाटॉक्सिन नमी और कीटों के जरिए फसलों की खराबी होने पर भी पैदा हो सकता है.