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तुष्टिकरण, मारपीट और गुंडागर्दी ने बंगाल के विकास को तहस-नहस कर दिया…बंगाल में ...

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पश्चिम बंगाल में आने वाले कुछ ही दिनों में विधानसभा चुनाव का शुभारंभ होने वाला है। ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के गढ़ में सेंधमारी के लिए बीजेपी पूरी कोशिशों में लगी है। तमाम केंद्रीय मंत्री, सांसद और नेता लगातार रैली और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। 2 दिनों के बंगाल दौरे पर गए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज सोमवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए टीएमसी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, टीएमसी की सरकार ने बंगाल को पाताल में ले जाने  का काम किया है।

शाह ने किया ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान

पश्चिम बंगाल के झाड़ग्राम (Jhadgram Seat) में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा (Amit Shah), चुनाव प्रचार के होने के पहले जरुर आऊंगा। बंगाल सरकार आदिवासियों के अधिकारियों में भ्रष्टाचार कर रही है। अमित शाह ने कहा, 10 साल में TMC की सरकार ने बंगाल को पाताल में ले जाने का काम किया है। हर जगह तुष्टिकरण, मारपीट और गुंडागर्दी ने बंगाल के विकास को तहस-नहस कर दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार की कई योजनाओं का हवाला देते हुए ममता सरकार को निशाने पर लिया।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा 115 से ज्यादा योजनाएं मोदी सरकार ने पहुंचाई है, आप तक नहीं पहुंची है। इसका सबसे बड़ा रोड़ा टीएमसी की सरकार है, जो हमारे विकास के आड़े आ रही है। उन्होंने कहा, थोड़े ही दिन में घोषणा पत्र आने वाला है, पंडित रघुनाथ मुर्मू ट्राइबल यूनिवर्सिटी बनाएंगे। अमित शाह ने कहा, कबीलाई जातियों के लिए 10 करोड़ रुपये का फंड बनाया जाएगा, यह 100 करोड़ रुपये का होगा। इसमें सभी आदिवासी जातियों को जोड़ा जाएगा।

इस सीट पर है TMC का कब्जा

बता दें, पश्चिम बंगाल में झाड़ग्राम लोकसभा और विधानसभा सीट (Jhadgram Seat) दोनों ही है। लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व बीजेपी के कुंवर हेम्ब्रम करते हैं। लेकिन अगर विधानसभा सीट की बात करें तो यह अभी भी तृणमूल कांग्रेस के खाते में है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में इस सीट पर टीएमसी के सुकुमार हंसदा की जीत हुई थी। 

उन्हें कुल 99,233 वोट मिले थे। उन्होंने जेकेपी के उम्मीदवार को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं, बीजेपी उम्मीदवार को इस सीट से मात्र 18,843 वोट ही मिले थे। इस सीट पर पहले चरण में ही 27 मार्च को चुनाव होने वाले है। इस आदिवासी बहुल सीट पर टीएमसी, बीजेपी समेत अन्य क्षेत्रीय पार्टियों की नजरें टिकी हुई है।

इन छोटी-छोटी समस्याओं को भूलकर भी ना करें नजरअंदाज…हो सकते है Diabetes के संकेत...

आजकल
के व्यस्त जीवन में लोग अक्सर स्वास्थ्य संबंधी छोटी-छोटी परेशानियों को नजरअंदाज
कर देते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है जब ये छोटी समस्याएं ही बड़ा रूप ले लेती
हैं। वैसे तो लोगों का शेड्यूल आजकल इतना बिजी रहता है कि वो अक्सर थकावट महसूस
करते हैं। लेकिन अगर बिना वजह आपको थकावट रहती हैं…तो आपको अलर्ट हो जाने की
जरूरत है। क्योंकि ये डायबिटीज का शुरुआती लक्षण भी हो सकता है।

हमारे
शरीर को वैसे तो चीनी की जरूरत होती है। लेकिन जब इसकी मात्रा जब जाए और एक स्तर
के ऊपर चली जाए तो इस स्थिति में हाइपरग्लाइसीमिया
 हो जाता है, जिसको हम आम भाषा में हाई
ब्लड शुगर कहते हैं। जो हमारे शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं और इसकी वजह
से दूसरी परेशानियां भी होने लगती है।

डायबिटीज
धीरे-धीरे शरीर को खोखला कर देती है। इसलिए इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। अगर
बीमारी के बारे में शुरुआत में ही पता चल जाए, तो इसे मैनेज किया जा सकता है। आज
हम आपको डायबिटीज के कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अगर आपको
अपने में या फिर किसी दूसरे में दिखाई दें, तो बिना देर करें एक बार टेस्ट करा
लें। आइए आज हम आपको डायबिटीज के कुछ शुरुआती लक्षणों के बारे में बताते हैं…

बार-बार पेशाब आने की
समस्या होना
  

जब किसी व्यक्ति को ये समस्या होती हैतो उसके गुर्दे चीनी को ठीक से छानने
में समर्थ नहीं होते। इसकी वजह से मूत्र में चीनी जमा हो
  जाती है और बार-बार पेशान आने लगता है।
अगर आपको भी बार बार पेशाब जाना पड़ता है
तो ये डायबिटीज का एक संकेत हो सकता है।
हालांकि इसकी वजह और कुछ भी हो सकती है। ऐसा बिलकुल भी जरूरी नहीं कि आपको
डायबिटीज ही हो।

अचानक वजन का घटना

वजन का अचानक कम हो जाना भी डायबिटीज का एक शुरुआती संकेत होता है।
ऐसा इसलिए होता हमारा शरीर ऊर्जा प्रदान करने के लिए प्रभावी रूप से ग्लूकोज़ का
उपयोग करने में समर्थ नहीं होता। इसकी वजह से ये शरीर से वसा को जलाना शुरू कर
देता। इसके नतीजन अचानक वजन कम होने लगता है। अगर बिना किसी वजह से आपका वजन अचानक
ही कम हो रहा है
तो अलर्ट होने की जरूरत है।

डायबिटीज
के अन्य संकेत

  • डायबिटीज के  कुछ और भी लक्षण होते हैजिसमें आंखों का कमजोर होना भी शामिल है। अगर आपको भी कम
    देखने की समस्या हो रही है
    तो ये डायबिटीज का शुरुआती लक्षण हो सकता है।
  • थकान होना तो काफी आम बात है। लेकिन अगर थोड़ा सा काम
    करने पर ही आप थक रहे हैं
    तो ये भी इसके लक्षण हो सकते है।
  • इंसुलिन प्रतिरोध से त्वचा के रंग में बदलाव होता है। खास
    तौर पर
     गर्दनजोइंट्स और पैरों के आसपास इसका असर दिखता है। त्वचा पर अचानक से
    कालापन होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

DISCLAIMER: नोट- हमने ऊपर आपको
जो जानिकारियां दी
वो अलग-अलग के स्त्रोतों से जुटाई गई हैं। इनकी पुष्टि नेड्रिक न्यूज
नहीं करता। अगर आपको कोई भी समस्या या फिर परेशानी है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

बंगाल चुनाव में बड़ा ट्विस्ट, BJP ने अपने सांसदों को और केंद्रीय मंत्रियों को बनाया उ...

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पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम स्वरुप देने में लगी है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर देने का दावा करते आ रही है। 

दोनों ही पार्टियों ने आगामी चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बीते दिन रविवार को बीजेपी ने बंगाल चुनाव के तीसरे चरण के लिए 27 और चौथे चरण के लिए 38 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। जिसके बाद सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है।

बीजेपी ने इस बार पश्चिम बंगाल से आने वाले अपने कुछ लोकसभा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। जिसे लेकर टीएमसी के कई नेताओं ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है। TMC नेताओं ने कहा है कि क्लीन स्वीप का दावा करने वाली बीजेपी को उम्मीदवार तक नहीं मिल रहे।

‘…क्या बंगाल चुनाव से पहले ही ट्विस्ट आ गया है?’

TMC की फायरब्रांड नेता और सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी उम्मीदवारों की जारी होने वाली धीमी लिस्ट की इस धारावाहिक को देखकर मजा आ गया…जब विश्व की ‘सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी’ के पास एकसाथ 294 नामों की घोषणा करने के लिए पर्याप्त चेहरे और ताकत नहीं है, तो यह दावा कितना उचित है कि वह क्लीन स्विप करेगी।‘

वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ-ब्रायन (Derek O Brien) ने भी ट्वीट करते हुए इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘क्या दुनिया की सबसे विनाशकारी राजनीतिक पार्टी के खाकी निक्कड़ में #BengalElections से पहले ही ट्विस्ट आ गया है?’

बीजेपी सांसद ने दी प्रतिक्रिया

दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पिछले हफ्ते उम्मदीवारों की पहली सूची जारी की थी। जिसमें 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे। बीते दिन रविवार को बीजेपी ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। 

जिसमें तीसरे चरण के लिए 27 और चौथे चरण के चुनाव के लिए कुल 38 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, राज्यसभा सांसद स्वप्न दास गुप्ता, सांसद लॉकेट चटर्जी और सांसद नीतीश प्रमाणिक को विधानसभा के लिए उम्मीदवार बनाया है।

बीजेपी सांसद होने के बावजूद विधायकी का चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से उम्मीदवार बनाई गई लॉकेट चटर्जी ने एक प्राइवेट चैनल से बातचीत करते हुए इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘मैं 2016 में भी लड़ी थी। मैं हार गई लेकिन अब फिर से मुझे चुनाव लड़ने को कहा गया है। हम वही करेंगे जो पार्टी कहेगी।’

पिछले चुनाव में बीजेपी को मिली थी 3 सीटें

बता दें, 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 8 चरणों में मतदान होना है। जिसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी पिछले 2 बार से पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते आ रही है। इस बार भी टीएमसी प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। वहीं, अगर बीजेपी की बात करें तो प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा है। पिछले चुनाव में टीएमसी 211 सीटें जीतने में सफल रही थी और बीजेपी को मात्र 3 सीटों पर जीत मिली थी।

'होली-दिवाली पर ज्ञान देने वाले सेलिब्रिटीज अब कहां है?' बुजुर्ग ने 30 कुत्तो...

आज
हम आपको एक ऐसे मामले के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको अंदर तक हिलाकर रख
दिया। ये मामला आपको सोचने के लिए मजबूर कर देगा कि क्या इंसानियत सच में मर चुकी है? लोग अपनी हवस मिटाने के लिए इस कदर तक गिर चुके है कि वो अब बेजुबान को ही निशाना बनाने लगे।

मामला आर्थिक राजधानी मुंबई का है। जहां 68 साल के एक बुजुर्ग ने अपनी
हवस को मिटाने के लिए बेजुबानों को अपना शिकार बनाया। अहमद शाह नाम के एक व्यक्ति ने मासूम कुत्तों के साथ घिनौना काम किया। उसने एक दो नहीं, बल्कि 30 कुत्तों के साथ
बुजुर्ग ने दुष्कर्म किया।

जी
हां, अंधेरी के रहने वाले
68 साल के अहमद ने 30 कुत्तों को अपनी हवस मिटाने के लिए निशाना बनाया। बताया जाता है कि वो एक
सब्जी विक्रेता है। जब वो एक कुत्ते के साथ इस घटिया हरकत को अंजाम दे रहा था, तो
किसी ने इसका वीडियो बना लिया और फिर केस दर्ज कराया। हालांकि पुलिस इस मामले में आरोपी अहमद शाह को गिरफ्तार कर चुकी है।

अहमद शाह की वीडियो बॉम्बे पशु अधिकार (BAR) ने स्वयंसेवक ने बनाई थीं। जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोगों ने कई बार आरोपी को चेतावनी भी दी, लेकिन वो फिर भी नहीं माना। 

सोशल
मीडिया पर ये मामला सुर्खियों में आ गया। यहां इस पूरी घटना को लेकर लोगों का
गुस्सा फूट रहा है। ट्विटर पर
#SorrySheru लगातार ट्रेडिंग लिस्ट में बना हुआ है।
एक यूजर ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा-
नहीं पता था कि ये दुनिया तुम्हारे लिए इतनी
क्रूर हो सकती है। समाज में कोई मानवता नहीं बची।
#SorrySheru।’ एक शख्स ने इस दौरान ये भी कहा- काश, मैं तुम्हारी मासूमियत को बचाने के लिए वहां
होता, लेकिन मैं नहीं था। इसलिए
#SorrySheru। मैं अपने आसपास और
हर किसी से ऐसे शेरू की रक्षा करूंगा।



वहीं
कुछ लोग इस मामले को लेकर बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं।
एक यूजर ने कहा-
उन बॉलीवुड के सेलेब्स का एक भी ट्वीट इस पर क्यों नहीं आया, जो आम
तौर पर होली और दिवाली के मौके पर लेक्चेर देते हैं कि कुत्तों को कैसे ट्रीट करना
चाहिए
?’

इसके
अलावा कुछ लोग
Peta के
द्वारा इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करने पर भड़कते नजर आए। एक यूजर ने लिखा-
‘Peta पशु अधिकारों के उल्लंघन पर कुछ ट्वीट
करें। क्या वे सिर्फ जानवरों के लिए चिंता पैदा करते हैं जब वे दान या रक्षाबंधन
और होली आदि की तलाश करते हैं।


UP में जितने एनकाउंटर हुए उनमें 37 प्रतिशत मुसलमान…योगी सरकार पर ओवैसी का बड़ा ...

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बीजेपी शासित यूपी में पंचायत चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। बीजेपी, कांग्रेस, AAP, सपा, बसपा समेत कई क्षेत्रीय पार्टियां भी इन चुनावों में अपने बेहतर प्रदर्शन को लेकर तैयारियों में लगी है। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) पंचायत चुनावों के जरिए यूपी की राजनीति में एंट्री करने वाली है। 

जिसका ऐलान पहले ही किया जा चुका है। AIMIM ने पूर्व बीजेपी नेता ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। इसी बीच यूपी के बलरामपुर जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है।

‘संविधान बचाने के लिए कुछ भी करेंगे’

उतरौला विधानसभा क्षेत्र में भागीदारी संयुक्त मोर्चा की विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा कि योगी सरकार में 37 प्रतिशत मुसलमानों का एनकाउंटर किया गया। उन्होंने पेट्रोल, डीजल और रसोईगैस की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर भी सरकार को निशाने पर लिया। 

ओवैसी ने कहा, संविधान बचाने के लिए हमें जान की कुर्बानी देनी पड़े तब भी हम पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने एनआरसी और सीएए को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। AIMIM सांसद ने कहा, मजहब के नाम पर कानून नहीं बन सकता। एनआरसी का विरोध मेरी पार्टी ने पूरे देश में किया था और मैंने संसद में इस कानून की प्रति फाड़कर विरोध जताई थी।

‘हमारे गठबंधन से विपक्षियों की नींद उड़ी हुई है’

दूसरी ओर सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा,  ‘मैंने मोदी सरकार से 29 जातियों को आरक्षण देने का मामला उठाया था लेकिन सरकार ने उन्हें आरक्षण नहीं दिया। इस कारण बीजेपी से इस्तीफा दिया और 9 पार्टियों को एकत्र कर भागीदारी संयुक्त मोर्चा के नाम से पार्टी बनाई।‘

राजभर ने आगे कहा कि अगर मुसलमान व राजभर जाति के लोग जुटकर भागीदारी संयुक्त पार्टी को वोट देते हैं तो उनकी पार्टी को कोई नहीं हरा सकता। उन्होंने मायावती की बसपा, अखिलेश यादव की सपा और कांग्रेस पार्टी की नीतियों पर सवाल दागे। राजभर ने कहा, वह जातियों के आधार पर फुसलाकर वोट लेती हैं लेकिन उनके हित का कोई काम नहीं करती।

ओम प्रकाश राजभर ने आगे कहा कि ओवैसी और राजभर पार्टी मिलने से पार्टी मजबूत हुई है। दोनों पार्टियों के मिलने से बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा की नींद उड़ी हुई है। उन्होंने कहा, वोट तुम्हारा राज हमारा का सिद्धांत नहीं चलेगा, जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी भागीदारी होगी।

क्या आप जानते हैं ममता बनर्जी की सफेद साड़ी और हवाई चप्पल पहनने की वजह?

जैसे जैसे पश्चिम बंगाल चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे वैसे राज्य की सरगर्मियां बढ़ने लगी है। वैसे तो अभी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाएं पश्चिम बंगाल को लेकर ही हो रही है। ऐसा इस वजह से क्योंकि यहां की सत्ता हासिल करने की जंग काफी दिलचस्प मोड़ लेती जा रही है। 

इन चुनावों में बीजेपी का लक्ष्य 10 सालों से बंगाल की सत्ता पर राज कर रही TMC को बेदखल करने की है। तो वहीं ममता बनर्जी भी अपनी कुर्सी बचाए रखने की पूरी कोशिशों में लगी हुई है।पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों काफी ज्यादा सुर्खियों में बनी हुई हैं। 

बात अगर ममता बनर्जी के पहनावे की करें तो वो आपको हमेशा ही एक सफेद रंग की साड़ी और चप्पल पहने हुए नजर आती है। क्या आपने कभी ये सोचा कि क्यों ममता बनर्जी हमेशा इस ही पहनावे में नजर आती हैं? आइए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैंं…इसके अलावा हम आपको ममता बनर्जी की निजी जिंदगी से जुड़ी दिलचस्प बातों के बारे में बताएंगे…बंगाल की सीएम ममता आपको लगभग हमेशा ही सफेद साड़ी और हवाई चप्पल में दिखती हैं। 

– इसकी वजह उनका सादगी से भरा जीवन बताया जाता है। ममता बनर्जी को लोग प्यार से दीदी कहकर बुलाते हैं। ममता बनर्जी ने बचपन में कई परेशानियों का सामना किया। 9 साल में उन्होनें अपने पिता को खो दिया था। पिता के निधन के बाद ममता और उनके परिवारवालों ने आर्थिक समस्याएं झेलीं। इसी के चलते वो साधारण जीवन जीने में आज भी विश्वास रखती हैं। बताया जाता है कि उनके पास जरूरत के हिसाब से ही कपड़े हैं। वो ज्यादा कपड़े जमा करने में यकीन नहीं करतीं।

– ‘दीदी’ का जमीन से जुड़े होने का एक ये भी प्रमाण है कि वो दूसरे नेताओं की तरह मेहमानों को शादी भोजन नहीं परोसती, बल्कि स्थानीय खाना खिलाती हैं। ये बताया जाता है कि उनके घर जाने वालों को चाय और मुरमुरे का नाश्ता कराया जाता है। ममता बनर्जी खुद भी बिना तेल मसाले के खाने को पसंद करती हैं। 

– ममता बनर्जी के शादी नहीं करने के पीछे की वजह जानते हैं आप? कई बार ये सवाल उठता है। बताया जाता है कि वो समाज के लिए कुछ करना चाहती थीं। इसलिए वो नहीं चाहती थीं कि वो किसी बंधन में बंधे। जिसके चलते ममता बनर्जी ने शादी नहीं की। 

– उनके बारे में ये बताया जाता है कि जेड प्लस सुरक्षा का दुरुपयोग नहीं करती। उनको नहीं पसंद की उनके लिए सड़कें खाली कराएं जाए और इससे आम लोगों को परेशानी हो। बताया जाता है कि ममता बनर्जी को फुर्सत के वक्त में खाना बनाने के साथ किताबें पढ़ना और चित्र बनाने का शौक है। 

किसान आंदोलन का खुल कर समर्थन कर रहे राज्यपाल मलिक, कहा- कब मेरी छुट्टी हो जाए पता नह...

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देश में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध जोर-शोर से हो रहा है। दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) को 100 दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक इस मामले में किसी भी तरह का कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। बीजेपी की ओर से लगातार किसान आंदोलन को लेकर बयानबाजियां हो रही है। 

तो वहीं, बीजेपी और उसके समर्थक पार्टियों के कई नेता खुलकर किसानों के समर्थन में भी सामने आए हैं। इसी बीच मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा है कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए, उन्हें खाली हाथ न लौटाएं।

किसानों पर बलप्रयोग उचित नहीं

बीते दिन रविवार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने अपने गृह जिला बागपत के अमीननगर सराय में आयोजित अपने अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा किसानों पर बलप्रयोग करना उचित नहीं है, सिख कौम 300 साल तक किसी बात को नहीं भूलती। 

राज्यपाल ने कहा, कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिख चुका हूं। पत्र में लिखा है कि किसानों को खाली हाथ मत लौटाना। यदि ऐसा हुआ तो नुकसान होगा। एमएसपी को मान्यता दे देनी चाहिए। कृषि कानून किसानों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जिस देश में किसान और संघर्षशील होगा वह देश कभी विकास नहीं कर सकता।

‘कब मेरी छुट्टी हो जाए पता नहीं’

सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि किसान दिल्ली से खाली हाथ वापस जाने के लिए नहीं आए हैं, अगर एमएसपी को कानून की बाध्यता दे दें तो किसान भी कानून में संशोधन में अपनी सहमति देकर चले जाएंगे। अगर ये सब ज्यादा दिन चलता रहा तो पता नहीं इसका परिणाम क्या होगा।

उन्होंने कहा, राज्यपाल का काम चुप रहना, हस्ताक्षर करना और आराम करना होता है लेकिन मेर से चुप नहीं रहा जाता। इसलिए किस दिन मेरी छुट्टी हो जाए पता नहीं। हां, इतना जरूर है कि रिटायरमेंट के बाद आपके बीच रहूंगा और किताब लिखूंगा। उम्मीद है कि आप सभी को मेरी लिखी हुई किताब पसंद आएगी।

‘जरुरत पड़ी तो वार्ता के लिए तैयार हूं’

मेघालय के राज्यपाल ने आगे कहा, मैं भी किसानों का बेटा हूं और किसानों का दर्द जानता हूं। यदि मेरी जरूरत पड़े तो मैं भी किसानों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार हूं। उन्होंने अपने संबोधन में जयंत चौधरी पर लाठीचार्ज और राकेश टिकैत को पर भी टिप्पणी की। मलिक ने कहा कि जब किसान नेता राकेश टिकैत की गिरफ्तारी की सुगबुगाहट सुनी तो फोन करके इसे रुकवाया।

पहले रोते हुए बनाया वीडियो, फिर बीजेपी सांसद के घर के बाहर ही काटी नस…आयुष और उ...

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बीजेपी
सांसद कौशल किशोर के बेटे आयुष और उनकी पत्नी के बीच का विवाद बीते दिनों
सुर्खियों में बना हुआ है। ये ड्रामा तब शुरू हुआ जब सांसद के बेटे ने खुद पर ही
गोली चलवा दी थीं। अब इस पूरे मामला में एक नया मोड़ आया है। दरअसल, आयुष की पत्नी
ने बीजेपी सांसद के घर के बाहर ही आत्महत्या की कोशिश की। अंकिता ने अपनी नस काटकर
जान देने की कोशिश की। जिसके बाद उनको अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां पर
अंकिता का इलाज चल रहा है।

बीजेपी
सांसद के घर के बाहर काटी नस

इससे
पहले अंकिता ने एक वीडियो भी जारी की थी, जिसमें उन्होनें सुसाइड करने की बात कही
थीं। इस दौरान अंकिता ने अपनी वीडियो में अपने पति और बीजेपी सांसद के बेटे आयुष
पर कई गंभीर आरोप लगाए। वीडियो जारी करने के बाद अंकिता सांसद कौशल किशोर के
दुबग्गा स्थित घर पर स्कूटी से पहुंची और हाथ की नस काट ली।

पहले
रोते हुए जारी किया वीडियो

वीडियो
में अंकिता रोते हुए अपने पति आयुष पर धोखा देने का आरोप लगाती नजर आ रही हैं। वीडियो
में अंकिता कहती नजर आ रही हैं कि मैं कितना लड़ूं सबसे
? तुम्हारे पापा सांसद है..मां विधायक
है..मैं कुछ नहीं कर सकती। कहीं पर भी जाऊंगी कोई सुनेगा नहीं। आज तक मैनें तुम्हें
किसी को हाथ नहीं लगाने दिया
, तो मैं तुमको कैसे मार सकती हूं? तुम कितना झूठ बोल रहे हो। तुमने और तुम्हारे
परिवारवालों ने मुझे जीने लायक नहीं छोड़ा। मेरे पर सब झूठे आरोप लगा रहे हैं।

वो
आगे कहती हैं कि मैं जो मर रही हूं ना उसके जिम्मेदार तुम हो…तुम्हारे घरवाले
है। मेरी जिंदगी बर्बाद की है। अगर यही करना था तो हां क्यों किया शादी के लिए।
तुमसे प्यार करने की ये सजा मिली मुझे। मैं तो जा रही हूं..कभी आऊंगी भी नहीं
तुम्हारी जिंदगी में..तुम रहना खुश, जहां पर तुम्हें कोई प्यार नहीं करता। तुम
कहते थे तुम्हारे परिवारवाले प्यार नहीं करते तुमको..आज तुम उनके पास चले गए मुझे
छोड़कर गए।

अंकिता
वीडियो में आगे बोलती हैं कि तुम मेरा हाल तक पूछने नहीं आए। घर का किराया तक नहीं
दिया। गैस सिलेंडर नहीं है..मैनें खाना नहीं खाया। तुमने सोचा नहीं मैं कहां
रहूंगी…क्या खाऊंगी। सारी चीजें मेरी गई..तुम्हें तो सबकुछ मिल गया..मेरा क्या
? मैं इंतेजार करती रही तुम आओगे। मैं
थाने भी गई थी..लेकिन लोगों ने बोला तुम नहीं आए। सब मिले हुए हैं। मैं किसे
बोलूं..किस पर भरोसा करूं। कुछ नहीं छोड़ा तुमने मेरी जिंदगी में।  

जानें
पूरा मामला
?

बता
दें कि बीजेपी सांसद के बेटे आयुष ने अंकिता के साथ लव मैरिज की थी। लेकिन आयुष के
परिवारवाले इस शादी से खुश नहीं थे। जिसके बाद वो अपनी पत्नी के साथ किराए के मकान
में रहता था। 3 मार्च को आयुष को गोली लगी। पहले ये कहा गया अज्ञात हमलावरों ने
आयुष को गोली मारी। लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि आयुष ने खुद ही अपने ऊपर साले
आदर्श से गोली चलवाई। क्योंकि ये मामला बीजेपी सांसद से जुड़ा था, इसलिए ये अपने
आप ही हाई प्रोफाइल केस बन गया। पुलिस ने साले आदर्श को गिरफ्तार कर लिया। वहीं आयुष
भी कुछ दिनों के लिए फरार हो गया था। इसके बाद आयुष और पत्नी अंकिता ने दोनों ने सोशल
मीडिया के जरिए कई वीडियो जारी कर एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए।

इससे
पहले आयुष अपना बयान दर्ज कराने के लिए मड़ियांव थाने भी पहुंचा। यहां आयुष ने
बताया कि उसे असलहा उसके दोस्त चंदन गुप्ता ने दिया था। इस दौरान आयुष ने खुद को
बेकसूर बताते हुए आदर्श और अंकिता पर साजिश रचने का आरोप भी लगाया।

जानिए कैसा रहेगा 15 मार्च को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता हैजिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 15 मार्च का दिन आपके लिए कैसा रहेगा

मेष राशि- आपका दिन मिला जुला रहने वाला है। आर्थिक समस्याएं कम होगी। मेहनत के नतीजे मिलेंगे। आज के दिन आपका गुस्सा आपके बने बनाए काम बिगाड़ सकता है।

वृषभ राशि- दिन की शुरुआत अच्छी होगी। रुके काम पूरे होने की संभावना है। जल्दबाजी में लिया फैसला भारी पड़ सकता है। घर का माहौल सामान्य रहेगा।

मिथुन राशि- आपको थोड़ा संभलकर रहना चाहिए। आज के दिन किसी पर भी आंख बंद कर भरोसा ना करें। करीबी ही आपको ठेंस पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। दिन आपका तनाव से भरा बीतेगा।

कर्क राशि- आपका दिन ठीक ठाक रहेगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियां कम होगी। घर का माहौल खुशियों से भरा रहेगा। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिलने के आसार है।

सिंह राशि- लव लाइफ बढ़िया रहेगी। जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होंगे। दिन आपका बढ़िया रहने वाला है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या को नजरअंदाज ना करें।

कन्या राशि- दिन आपका मिला जुला रहेगा। कार्यक्षेत्र में अच्छा वक्त बिताएंगे। सीनियर आपके काम से प्रभावित होंगे। आपकी सफलता से कुछ लोगों को जलन हो सकती हैं।

तुला राशि- दिन की शुरुआत बढ़िया होगी। सुबह सुबह गुड न्यूज मिल सकती है। कामकाज के लिहाज से दिन बढ़िया रहने वाला है। आज के दिन किसी से भी उलझने से बचें।

वृश्चिक राशि- दिन परेशानियों से भरा बीतेगा। भविष्य को लेकर चिंतत रहेंगे। स्वास्थ्य डामाडोल रहने के आसार है। हर परिस्थिति में कुछ खास लोगों का सहयोग मिलेगा।

धनु राशि- दिन आपका सामान्य रहने वाला है। छात्रों को आज थोड़ी अधिक मेहनत की जरूरत है। लगन से किए कामों में सफलता जरूर मिलेगीं। परिवार का माहौल आज बढ़िया रहेगा।

मकर राशि- आपका दिन भाग दौड़ से भरा बीतेगा। घर में कुछ मेहमानों का आगमन हो सकता है। दिन आपका सामान्य रहेगा। स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें।

कुंभ राशि- दिन आपका शानदार रहेगा। पुरानी परेशानियां कम होगी। खास लोगों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

मीन राशि- आज के दिन किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा ना करें। आसपास हो रही गतिविधियों पर नजर रखें। दिन आपका सामान्य रहेगा। जल्दबाजी में किए काम मुसीबत बढ़ा सकते है।

जानिए क्या कहता है पति द्वारा बलात्कार करने पर देश का कानून

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भारत में बलात्कार एक त्रासदी का रूप लेती जा रही है। 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के मुकाबले 2020 में महिलाओ के साथ बलात्कार के मामले 7.3 प्रतिशत बढ़ गए थे। जो भारत में महिलाओ की बढ़ती दुर्दशा को दर्शा रहा है। ये आंकड़े तो केवल वो है जिनके केस रजिस्टर किए जाते है, वास्तव में यह आंकड़ा हमारी या आपकी सोच से भी बड़ा होगा।

भारत में समाज का डर दिखा कर, लोक लाज का डर दिखा कर पीड़ितों का मुंह खुद के परिवार वाले ही बंद कर देते है। जो अपराधियों को और ज्यादा बढ़ावा देती है, लेकिन ये तो वो घटना है जिसके खिलाफ संविधान में भी कानून है। लेकिन उस बलात्कार का क्या…जो शादी के बाद किया जाता है। हमारे समाज में शादी के बाद एक महिला पर उसके पति का हक समझा जाता है… और इसलिए जब महिलाओं का शारीरिक शोषण होता है तब भी परिवार या फिर समाज, उस महिला को चुप करा देता है।

इतना ही नहीं महिलाएं भी ये समझ लेती है कि पति का हक है….. और ज्यादातर इसे बलात्कार की श्रेणी में ही नहीं रखते है। लेकिन मैरीटल रेप को लेकर भी कई मामले दर्ज किए गए है। यहां तक कि शादी के बाद पति द्वारा बलात्कार किए जाने को लेकर हमारा संविधान क्या कहता है…और क्या इस पर पति को सजा मिलनी चाहिए…इस पर अब भी केवल बहस ही जारी है। आज हम जानेंगे कि क्या मैरिटल रेप को लेकर हमारे संविधान में कोई कानून है…और ये कानून किस हद तक महिला को न्याय दिला सकता है। 

क्या कहता है अनुच्छेद 21

संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार हर व्यक्ति को अपने शरीर पर पूरी अधिकार है। व्यक्ति अपने शरीर की सम्मान करने के लिए कोई भी कदम उठा सकता है, ये हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है चाहे वो पुरुष हो फिर स्त्री। 

क्या है रेप और किस कानून के तहत होगी सजा- 

आईपीसी की धारा 375 में बलात्कार की परिभाषा बताई गई है जिसके अनुसार कोई व्यक्ति महिला की इच्छा के खिलाफ उससे जबरन शारीरिक संबंध बनाता है तो वो बलात्कार माना जायेगा। साथ ही शादी का झांसा देकर भी सहमति से संबंध बनाने को भी रेप की कैटेगरी में रखा गया है। आईपीसी की धारा 376 में रेप की सजा का प्रावधान बताया गया है जिसके अनुसार जहां बलात्कार की सजा बताई गई है तो वहीं दोनों ही धाराओं में कहीं भी मैरिटल रेप का जिक्र नहीं है। हालांकि नाबालिक पत्नी के साथ जबरन संबंध बनाने को लेकर सजा और जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन पति द्वारा जबरन संबंध बनाने को बलाक्तार की श्रेणी में नहीं रखा गया है। 

2017 का गुजरात हाइकोर्ट का फैसला

2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को लेकर एक फैसला सुनाते हुए कहा था कि पति पत्नी के बीच सहमति या फिर असहमित से बनाए गए संबंध रेप नहीं माना जायेगा। हालांकि पति का अप्राकृतिक संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में गिना जायेगा। 

मैरिटल का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा जहां सुप्रीम कोर्ट ने भी मैरिटल रेप को अपराध की श्रैणी में रखने से इंकार कर दिया। केंद्र सरकार ने इस मामले में अपनी दलील देते हुए कहा था कि इसे अपराध की श्रेणी में रखने से इसका दुरुपयोग शुरू हो जायेगा। हालांकि अगर इस पर मामले दर्ज किए जायेंगे तो ये किन साक्ष्यों के आधार पर केस चलेंगे। केंद्र ने कोर्ट को मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में न रखने की अपील की थी। 

आपको बताते चले कि अक्टूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया थी कि 18 साल से कम उम्र की नाबालिक पत्नी से जबरन संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी में रखा है। ऐसी सूरत में पीड़ित लड़की 1 साल के अंदर अपने पति के खिलाफ शिकायत कर सकती है, और इस पर कार्रवाई भी होगी।

मैरिटल रेप के कानून को लेकर अब भी कोर्ट में बहस जारी है, हालांकि इसे अपराध की श्रेणी में रखना भारत जैसे देश में शायद थोड़ा मुश्किल होगा। क्योंकि एक बड़ा तबका मैरिटल रेप जैसी चीज को मानता ही नहीं है। ऐसे में इस पर कोई कानून बने… या फिर इसमें कोई सजा हो….ये अभी तो नामुमकिन ही लगता है।