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अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके बीजेपी के सीनियर नेता ने छोड़ी पार्टी, TMC में ...

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पश्चिम बंगाल में जल्द ही 8 चरणों में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) होने वाले हैं। जिसकी शुरुआत 27 मार्च से होगी। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम स्वरुप देने में लगी है। प्रदेश की सत्तारुढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) तीसरी बार ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व में प्रदेश में सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। 

वहीं, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस चुनाव में ममता बनर्जी को मात देकर प्रदेश में सरकार बनाने की बात कहते आ रही है। बीजेपी के कई नेता ऐसे बयान दे चुके हैं। जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आ रही हैं वैसे ही प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में हलचलें भी लगातार बढ़ती जा रही है। 

नेताओं के दल-बदल की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है। पिछले कुछ महीनों में टीएमसी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। तो वहीं, दूसरी ओर बीजेपी के कई नेताओं ने भी टीएमसी का दामन थामा है। इस बीच खबर है कि बीजेपी के पूर्व दिग्गज नेता और अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) टीएमसी में शामिल हो गए हैं। 

बीजेपी के सीनियर नेता रह चुके हैं सिन्हा

अटल बिहार वाजपेयी की कैबिनेट के काफी रसूखदार मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने आज कोलकाता में टीएमसी ऑफिस में टीएमसी का दामन थाम लिया। टीएमसी सांसद संदीप बंद्योपाध्याय और मंत्री सुब्रत बनर्जी की मौजूदगी में वह टीएमसी में शामिल हुए। बताया जा रहा है कि टीएमसी में शामिल होने से पहले उन्होंने ममता बनर्जी से बातचीत की थी। जिसके बाद उन्होंने इस पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया।

यशवंत सिन्हा बीजेपी के बहुत ही सीनियर नेता रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ही उन्होंने पार्टी को यह कहते हुए अलविदा कह दिया था कि ‘बीजेपी अब अटल बिहारी वाजपेयी वाली बीजेपी नहीं रही।‘ जिसके बाद उन्होंने जम्मू कश्मीर, देश की अर्थव्यवस्था, सीएए, एनआरसी समेत कई मुद्दों पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया था। अब वह टीएमसी में शामिल हो चुके हैं।

टीएमसी में शामिल होने के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी। बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा।‘

2016 में मात्र 3 सीटों पर सिमट गई थी बीजेपी 

बता दें, 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में आने वाले कुछ ही दिनों में चुनाव होने वाले हैं। जिसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। पिछले चुनाव में 211 सीटों पर जीत हासिल करने वाली ममता बनर्जी इस बार फिर से प्रदेश में बहुमत प्राप्त करने की कोशिशों में लगी है। 

दूसरी ओर पिछले चुनाव में मात्र 3 सीटों पर सिमटने वाली बीजेपी इस चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रही है। कांग्रेस-वाम दल और आईएसएफ थर्ड फ्रांट के रुप में चुनौती दे रहे हैं। ऐसे में बंगाल की सत्ता में बदलाव देखने को मिलेगा या बंगाल की जनता एक बार फिर से ममता बनर्जी पर भरोसा जताएगी, यह 2 मई को क्लीयर हो जाएगा।

बीजेपी के विरोध में बंगाल पहुंचे किसान नेता, आज नंदीग्राम में राकेश टिकैत की महापंचाय...

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दिल्ली की बॉर्डरों पर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को लगभग साढ़ें तीन महीनें से ज्यादा हो गए। किसान नेताओं की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, वे वापस नहीं लौटेंगे।

खबरों के मुताबिक अभी तक आंदोलन में करीब 300 लोगों के मौत की खबर भी सामने आई है। किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से देश के कई राज्यों में में महापंचायत का आयोजन कराया जा रहा है। हरियाणा, पंजाब, यूपी, राजस्थान के बाद अब इस आंदोलन की गूंज पश्चिम बंगाल में भी सुनाई देने वाली है। 

किसान संगठनों ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। संगठन के नेता बंगाल पहुंच चुके हैं, जो बंगाल के किसानों को बीजेपी को वोट ने देने के लिए समझा रहे हैं। किसानों का प्लान है कि बीजेपी का बहिष्कार करके सरकार का दंभ तोड़ा जाए। इस आंदोलन का केंद्र बन चुके किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) आज कोलकाता और नंदीग्राम में किसान रैली करेंगे।

‘बीजेपी का बहिष्कार करें किसान’

बीते दिन शुक्रवार को किसान नेताओं ने कोलकाता में प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कोलकाता के किसानों को संदेश दिया कि वे बीजेपी का बहिष्कार करें, उसे वोट न दें। बंगाल विधानसभा चुनावों को देखते हुए 294 किसान दूतों ने 294 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। 

रंगारंग जुलूस के साथ ये किसान दूत पूरे बंगाल में ट्रैक्टर से यात्रा करेंगे। दूसरी ओर आज भारतीय किसान यूनियन के नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) कोलकाता में किसान रैली करेंगे और नंदीग्राम महापंचायत में बीजेपी के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे। 

नंदीग्राम में ममता VS सुवेंदु

नंदीग्राम विधानसभा सीट (Nandigram Seat) इस चुनाव में काफी चर्चे में है। क्योंकि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी इस सीट पर आमने-सामने है। पश्चिम बंगाल 2021 में बीजेपी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी को कड़ी टक्कर देने का दावा कर रही है। सुवेंदु अधिकारी भी इस सीट से ममता बनर्जी को मात देने की बात कह चुके हैं। इसी बीच नंदीग्राम में बीजेपी के विरोध में राकेश टिकैत की किसान रैली भी एक बड़ा अंतर पैदा कर सकती है।

MSP पर कानून बनाने की मांग कर रहे किसान

बता दें, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून के विरोध में किसान काफी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक किसी भी तरह का समाधान निकल कर सामने नहीं आया है। किसान लगातार इन कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार की ओर से स्पष्ट रुप से कहा गया है कि कानून में संशोधन हो सकता है लेकिन कानून रद्द नहीं होगा।

बीजेपी विधायक ने विधानसभा में की खुदकुशी की कोशिश, जानें क्या है पूरा मामला

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देश के कई राज्यों में इन दिनों बजट सत्र चल रहा है। जिसमें विपक्षी पार्टियों की ओर से प्रदेश के कई मुद्दे जोर-शोर से उठाए जा रहे हैं। जिसे लेकर सदन में और सदन से बाहर लगातार बयानबाजियां हो रही है। बीजेडी (BJD) के नेतृत्व वाले ओडिशा में भी बजट सत्र चल रहा है। जिसमें विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की ओर से लगातार प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसी बीच ओडिशा विधान परिषद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। सदन में बीजेपी विधायक ने सेनिटाइजर पी कर खुदकुशी का प्रयास किया है।

बीजेपी विधायक ने क्यों उठाया यह कदम?

बीते दिन शुक्रवार को यह घटना तब घटी जब राज्य के फूड सप्लाई एंड कंज्यूमर वेलफेयर मंत्री रनेंद्र प्रताप स्वैन सदन में सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान ओडिशा के देवगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक सुभाष चंद्र पाणिग्रही (Subhash Chandra Panigrahi) ने विधानसभा में ही खुदकुशी का प्रयास किया।

उन्होंने सदन में सेनिटाइजर पी लिया। सुभाष चंद्र पाणिग्रही (Subhash Chandra Panigrahi) इससे पहले भी दो बार आत्महत्या की चेतावनी दे चुके थे। उन्होंने मंडी से किसानों के धान की खरीद के मसले पर ध्यान केंद्रित करने के लिए यह कदम उठाया।

दरअसल, प्रदेश की विपक्षी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर किसानों से धान की खरीद में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया। हालांकि विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री रनेंद्र प्रताप स्वैन ने कहा कि सरकार किसानों के धान की खरीद के लिए सभी उचित कदम उठा रही है। उन्होंने विपक्ष के विधायकों से कहा कि वे ऐसे किसानों की लिस्ट मुहैया कराएं जो अपनी खरीफ फसल बेचने से वंचित रह गए है।

हंगामें से भरा रहा सत्र का दूसरा चरण

मंत्री ने सदन में धान खरीद का पूरा आंकड़ा दिया। उन्होंने ने कहा, 26 फरवरी को कुल 57.67 मैट्रिक टन धान की खरीद 10.53 लाख रजिस्टर्ड किसानों से की गई है। स्वैन ने कहा, अबतक 11.25 लाख किसानों से 60.40 लाख मैट्रिक टन धान की खरीद की गई है।

बता दें, ओडिशा विधानसभा सत्र का दूसरा चरण बीते दिन शुक्रवार से शुरु हुआ। सदन शुरु होते ही धान खरीद के मुद्दे पर घमासान मच गया। विपक्षी पार्टी के विधायकों ने नवीन पटनायक के नेतृत्व में चल रही ओडिशा सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए और जमकर नारेबाजी की।

झूठ बोल रहे नीतीश कुमार के मंत्री, उन्हीं के नाम पर चल रहा स्कूल…तेजस्वी ने लगा...

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बिहार की सियासत में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है। नीतीश कुमार के मंत्री कथित तौर पर शराब मामले में संलिप्त पाए गए हैं। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। 

पिछले कई दिनों से इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है। इसी बीच आज शनिवार को तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रेस कांफ्रेंस कर एक बार फिर से इस मुद्दे पर बिहार सरकार और आरोपी मंत्री राम सूरत राय (Ram Surat Rai) को निशाने पर लिया है। 

उन्होंने कहा, रामसूरत राय (Ram Surat Rai) के भाई पर एफआईआर होता है लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। जबकि शराबबंदी कानून में यह नियम बनाया गया है कि जहां शराब बरामद होगा, वहां थाने खोला जाएगा लेकिन नवंबर में हुए इस घटना में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

‘झूठ बोल रहे हैं राम सूरत राय’

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने राम सूरत राय के उस बयान को लेकर हमला बोला, जिसमें उन्होंने कहा था कि स्कूल की जमीन उनके भाई के नाम पर है। उन्होंने नीतीश के मंत्री के इस बयान को गलत बताते हुए स्कूल का बिल पेश किया जो राम सूरत राय के नाम पर है। साथ ही उन्होंने स्कूल का नाम रामसूरत के पिता के नाम पर बताया और कहा कि राम सूरत राय झूठ बोल रहे हैं। मंत्री ने जो चैलेंज दिया है, वह हम स्वीकार करते हैं।

‘जिसने जानकारी दी उसे ही कर लिया गिरफ्तार’

आरजेडी नेता ने स्कूल के हेडमास्टर की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए, जिसने फोन कर पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी थी। तेजस्वी यादव ने कहा, ‘अगर कोई स्कूल खोलेगा, तो क्या जमीन के मालिक के नाम पर खोलेगा। इस मामले में अमरेंद्र प्रताप को गिरफ्तार किया है, वह इस स्कूल का हेडमास्टर है। अमरेंद्र प्रताप ने पुलिस को फोन कर पूरे मामले की जानकारी दी, पर सरकार के दवाब में आकर पुलिस ने फोन करने वाले अमरेंद्र प्रताप को ही गिरफ्तार कर लिया।‘ उन्होंने कहा, पूरे मामले की जानकारी मुझे अमरेंद्र के परिजन ने लिख कर दी है। साथ ही अमरेंद्र के भाई भी हमसे आकर मिले, उन्होंने ही पूरी जानकारी दी।

लीज का पेपर दिखाएं नीतीश कुमार के मंत्री

मीडिया को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, इस स्कूल की शुरुआत 2017 में की गई थी। उन्होंने कहा इस पूरे मामले की जांच की मांग की और साथ ही यह भी कहा कि अगर स्कूल के हेडमास्टर ने फोन किया था तो उसकी कॉल रिकार्डिंग होगी। जिससे सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। 

नेता प्रतिपक्ष ने राम सूरत राय को निशाने पर लेते हुए कहा मंत्री जी ने अनुरोध है कि मंत्री जी ने कहा है कि इस जमीन को लीज पर अमरेंद्र प्रताप को दिया गया। तो मंत्री लीज का पेपर दिखाए। 

उन्होंने कहा कि अमरेंद्र कुमार के परिजनों ने मामले में सीएम नीतीश कुमार सहित बिहार के डीजीपी को इस संबंध में लेटर लिखा गया था लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस दौरान उन्होंने अमरेंद्र प्रताप के भाई को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया, जिन्होंने स्कूल के संचालन को लेकर मंत्री राम सूरत राय की सारी पोल खोल दी गई। 

जानें क्या है मामला?

बता दें, नवंबर 2020 में कथित तौर पर राम सूरत राय के स्वामित्व वाले स्कूल से शराब की बोतले और कार्टन बरामद किए गए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा करार दिया था।  नीतीश के मंत्री ने स्पष्ट रुप से कहा था कि वह न तो कोई स्कूल चलाते हैं और न ही उनके स्वामित्व वाले जमीन के टुकड़े या जमीन से कोई शराब जब्त की गई है। 

राम सूरत राय ने कहा था कि ‘जहां से शराब जब्त की गई है, वह जगह मेरे भाई के नाम पर पंजीकृत है। उन्होंने कोचिंग संस्थान चलाने के लिए एक व्यक्ति को जमीन दी है। मेरा एकमात्र दोष यह है कि भूमि मेरे भाई की है जो पिछले 10 वर्षों से अलग रह रहे हैं।‘

हालांकि, अब मामला और पेंचीदा होता हुआ दिख रहा है। तेजस्वी यादव ने राम सूरत राय से इस्तीफे की मांग करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस्तीफे की मांग की है। साथ ही उन्होंने हेडमास्टर के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है।

इसे भी पढ़े- बिहार में शराबबंदी लेकिननीतीश कुमार के मंत्री के घर से शराब बरामद! तेजस्वी यादव ने उठाए सवाल

West Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल का किला फतह करने की तैयारी में कांग्रेस, इन 3...

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) में प्रदेश की सत्तारुढ़ TMC की लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस समेत कई अन्य पार्टियों से है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के चेहरे पर टीएमसी तीसरी बार बंगाल के किले को फतह करने की तैयारियों में लगी है। 

टीएमसी को टक्कर देने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से अभी तक सीएम फेस का ऐलान नहीं किया गया है। वहीं, कांग्रेस पार्टी वाम दल और आईएसएफ के साथ गठबंधन कर चुनावी दंगल में है। सभी राजनीतिक पार्टी के नेता लगातार जनसभा और रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। 

पिछले विधानसभा चुनाव में बंगाल की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रहने वाली कांग्रेस इस बार अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की पूरी कोशिशों में लगी है। इसके मद्देनजर पार्टी ने आज अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। जिसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत तमाम नेता शामिल हैं।

स्टार प्रचारक बनें नवजोत सिंह सिद्धू

कांग्रेस ने स्टार प्रचारक की लिस्ट में 30 नेताओं को शामिल किया है। इस लिस्ट में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ, पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, बीके हरि प्रसाद, सलमान खुर्शीद… 

सचिन पायलट, रणदीप सुरजेवाला, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू, अब्दुल मन्नान, प्रदीप भट्टाचार्य, दीपा दासमुंशी, ए.एच खान चौधरी, अभिजीत मुखर्जी, दीपेंद्र हुड्डा, अखिलेश प्रसाद सिंह, रामेश्वर ओरांव, आलमगीर आलम, मोहम्मद अजहरुद्दीन, जयवीर शेरगिल, पवन खेड़ा और बीपी सिंह का नाम शामिल है।

2 मई को घोषित किए जाएंगे नतीजे

बता दें, ऐसी खबरें निकल कर सामने आ रही थी कि कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी से नाराज चल रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल चुनाव में उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, बंगाल चुनाव में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन कांग्रेस के लिए अपनी ताकत झोकेंगे। प्रदेश में 8 चरणों में मतदान होने वाले हैं, जिसके नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों को अंतिम स्वरुप देने में लगी है।

अब कंगना ने महात्मा गांधी पर किया ट्वीट, बोलीं- वो एक महान पति नहीं हो सकते, क्योंकि&...

बॉलीवुड एक्ट्रेस
कंगना रनौत आए दिन ही अपने ट्वीट को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं। कोई भी
मुद्दा हो कंगना उस पर अपनी राय रखने से पीछे नहीं हटती। लेकिन उनकी ये बेबाकी कई
बार उन्हें ही भारी पड़ जाती है। सोशल मीडिया पर वो अक्सर ही ट्रोलिंग का शिकार
होती रहती हैं। अब कंगना ने फिर से ऐसा ट्वीट कर दिया, जिसके चलते वो सोशल मीडिया
यूजर्स के निशाने पर आ गई।
 

दरअसल, कंगना ने ब्रिटेन
की क्वील एलिजाबेथ द्वितीय और शाही परिवार के बीच मचे घमासान को लेकर ट्वीट किया।
इस दौरान वो क्वीन को सपोर्ट करती नजर आईं। लेकिन साथ में कंगना ने एक यूजर को
रिप्लाई करते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तक पर सवाल उठा दिए। इस दौरान कंगना
ने कहा कि महात्मा गांधी एक महान नेता थे, लेकिन अच्छे पिता और पति नहीं। लेकिन
दुनिया ने उनको माफ कर दिया, क्योंकि वो एक आदमी थे।

शाही परिवार में मचे घमासान पर किया ट्वीट

कंगना ने शाही
परिवार में छिड़े विवाद पर शुक्रवार को दो ट्वीट की। इसमें उन्होनें लिखा- ‘
पिछले कुछ दिनों से लोग एक परिवार की एकतरफा
कहानी सुन रहे हैं..उस पर खूब गॉसिप कर रहे है..खूब जज कर रहे हैं..उन पर ऑनलाइन
कीचड़ भी उछाल रहे हैं। मैनें कभी वो इंटरव्यू नहीं देखा। क्योंकि मुझे सास, बहू
और साजिश जैसे चीजें एक्साइटेड नहीं करती।
मैं बस
ये कहना चाहती हूं कि वो पूरे ग्लोब पर एकमात्र महिला शासक बची हैं।’

एक्ट्रेस ने आगे
कहा- ‘
ऐसा संभव हो सकता है कि वो एक आदर्श MIL / पत्नी/बहन नहीं हो सकती, लेकिन एक महान रानी है। उन्होनें अपने पिता के
सपनों को आगे बढ़ाया। किसी बेटे से बेहतर शाही मुकुट को बचाया, किसी बेटे से बेहतर
शाही मुकुट को बचाया। हम जिंदगी के हर रोल में परफेक्शन के साथ नहीं निभा सकते,
भले ही हम उसके लिए पर्याप्त हो। उन्होनें ताज को बचाया। उनको रानी की तरह ही
संन्यास लेने दो।’

महात्मा गांधी को लेकर कहा ये…

इसके बाद एक यूजर ने
उनकी ट्वीट पर कमेंट किया, जिसका जवाब देते हुए कंगना ने महात्मा गांधी का जिक्र
किया। कंगना ने कहा- ‘
महात्मा गांधी पर
अपने ही बच्चों द्वारा बुरे पिता होने का आरोप लगाया गया था। कई जगहों पर ये भी
उल्लेख है कि वो अपनी पत्नी को घर से शौचालय साफ करने से मना करने के लिए घर से
बाहर धकेल देते थे।
वो एक
महान नेता थे, जो एक महान पति नहीं हो सकते…लेकिन दुनिया माफ कर देती है, जब बात
एक आदमी की होती है तो।’


इस ट्वीट को लेकर
कंगना ट्विटर पर लोगों के निशाने पर आ गई। इसके लिए सोशल मीडिया पर लोग एक्ट्रेस
को जमकर ट्रोल कर रहे हैं। 

किस बेटी को वोट देना है, जिसने बीजेपी के लोगों का मर्डर कराया या जिसने मूर्ति विसर्जन...

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पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी हुई है। प्रदेश की सत्तारुढ़ टीएमसी पश्चिम बंगाल में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने की कोशिशों में लगी है। वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी को टक्कर देने की कोशिशों में लगी है। 

ममता बनर्जी ने इस बार अपनी पारंपरिक भवानीपुर विधानसभा सीट को छोड़कर नंदीग्राम से अपने सहयोगी रह चुके सुवेंदु अधिकारी को टक्कर देने के लिए चुनावी मैदान में है। ममता बनर्जी ने 10 मार्च को इस सीट से नामांकन दाखिल किया था और आज सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता बनर्जी के खिलाफ अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। 

नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने एक जनसभा की। जिसमें सुवेंदु अधिकारी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला।

‘…बीजेपी के लोगों का मर्डर कराया’

जनसभा को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने ममता बनर्जी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं दीदी से पूछना चाहती हूं कि बंगाल की किस बेटी को वोट देना है। उन्हें…जिन्होंने एक 80 साल की औरत के साथ मारपीट की या जिन्होंने बीजेपी के लोगों का मर्डर कराया। जिन्होंने दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा पर मूर्ति विसर्जन नहीं होने दिया या वो जो नंदीग्राम आकर चंडी पाठ करती हैं और कहती हैं कि खेला होबे…।‘

‘टीएमसी एक प्राइवेट कंपनी…’

जिसके बाद बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में रोजगार की कमी है। अगर हमें इस स्थिति में बदलाव लाना है तो हमें टीएमसी को यहां से हटाना होगा। 

सुवेंदु अधिकारी ने टीएमसी को एक प्राइवेट कंपनी बताया। उन्होंने कहा, टीएमसी एक प्राइवेट कंपनी बन गई है, जहां सिर्फ दीदी और उनका भतीजा बोल सकता है। उन्होंने कहा, नंदीग्राम के लोगों से मुझे बरसों से जानते हैं और इनसे मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। ममता बनर्जी को बस 5 साल में ही इन लोगों की याद आती है।

1989 के बाद से कभी नहीं हारी हैं ममता बनर्जी

बता दें, नंदीग्राम विधानसभा सीट पर टीएमसी 2009 से ही जीतती आ रही है। सुवेंदु अधिकारी को टीएमसी के टिकट पर ही पश्चिम बंगाल चुनाव 2016 में जीत हासिल हुई थी। लेकिन इस बार उन्होंने पाला बदल लिया है और बीजेपी की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। तो वहीं, दूसरी ओर चुनावी दंगल में ममता बनर्जी खड़ी है। ऐसे में इस सीट पर टीएमसी एक बार फिर से अपना वर्चस्व बरकरार रखने की कोशिशों में हैं। अगर ममता बनर्जी के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्हें साल 1989 के बाद से किसी भी चुनाव में हार नहीं मिली है।

ड्रैगन की नई चाल! लद्दाख के बाद अब अरुणाचल में कर रहा ये काम, जानिए भारत की कैसे बढ़ ...

चीन अपनी
विस्तारवादी सोच की वजह से लगातार भारत को परेशानी में डालने की कोशिश कर रहा है।
अब लद्दाख के बाद चीन अपनी नजरें अरुणाचल प्रदेश पर डालने लगा है।
LAC पर तो भारत चीन के बीच जैसे तैसे अब तनाव कम होता
हुआ नजर आ रहा है। लेकिन अब इसी बीच ड्रैगन ने ऐसा काम कर दिया, जिसकी वजह से भारत
के साथ उसकी खींचतान बढ़ने की संभावनाएं है।

दरअसल, चीन अब तिब्बत
में ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने जा रहा है। गुरुवार को चीनी संसद में बांध
बनाने को लेकर 14वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी मिलीं। बांध अरुणाचल प्रदेश बॉर्डर
के नजदीक बनाया जाएगा। इस बांध की वजह से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश की
भी टेंशन बढ़ेगीं।

ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में यारलंग जैंगबो
नदी के नाम से जाना जाता है। ये
LAC के करीब तिब्बत के इलाकों में बहती है।
अरुणाचल प्रदेश में इस को सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नाम से जाना जाता
है। चीन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के नाम पर नदी पर जो बांध बनाएगा उस पर उसका पूरा
नियंत्रण हो जाएगा।

इसकी वजह से भारत और बांग्लादेश समेत दूसरे
पड़ोसी देशों को सूखे और बाढ़ दोनों समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि
वो कभी भी बांध के पानी को रोक सकता है और जब मन करे तक बांध के दरवाजे खोल सकता
है। जिसकी वजह से पानी का बहाव तेजी से भारत के उत्तर पूर्वी  राज्यों में आएगा और इसके चलते अरुणाचल, असम
समेत दूसरे राज्यों में बाढ़ आ सकती है।

ब्रह्मपुत्र असम से होते हुए बांग्‍लादेश में
जाती है। इस वजह से बांग्लादेश भी चीन के इस बांध बनाने के फैसले का विरोध कर रहा
है। वहीं इसको लेकर भारत सरकार भी लगातार चीनी अधिकारियों को अपने विचार और
चिंताओं के बारे में अवगत करा चुकी है। भारत ने चीन से ये सुनिश्चित करने के लिए
कहा कि उसकी किसी भी गतिविधि से उसके हितों को नुकसान ना पहुंचे। 

West Bengal Election 2021: नंदीग्राम से ही लाइम-लाइट में आई थी ममता बनर्जी, जानें कैस...

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पश्चिम बंगाल का नंदीग्राम काफी पहले से ही चर्चा में रहा है। बंगाल में लेफ्ट पार्टियों के शासन के दौरान नंदीग्राम में हुए आंदोलन (Nandigram Movement) को कौन भूल सकता है। इसी आंदोलन के सहारे ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रदेश की सियासत में एक नया मुकाम पाया था। 

नंदीग्राम (Nandigram Movement) में हुए आंदोलन का फायदा आगामी चुनाव में ममता बनर्जी को साफ तौर पर मिला था। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2011 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी ने लेफ्ट पार्टियों को नेस्तनाबूत कर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। 

इस बार भी मेदिनीपुर जिले के अंतर्गत आने वाला नंदीग्राम विधानसभा सीट (Nandigram Seat) काफी चर्चे में है। क्योंकि प्रदेश की सीएम ममता बनर्जी और उनके पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी बीजेपी के टिकट पर आमने-सामने हैं। तो आइए नंदीग्राम विधानसभा सीट से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर करते हैं।

नंदीग्राम में हिंदुओं की आबादी 70 फीसदी

नंदीग्राम विधानसभा (Nandigram Seat) क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी 70 फिसदी है, जबकि शेष आबादी मुस्लिमों की है। इस सीट पर काफी पहले से ही मुस्लिम प्रत्याशियों को जीत मिलती आई थी लेकिन पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में टीएमसी के टिकट पर सुवेंदु अधिकारी ने जीत हासिल की।

बंगाल चुनाव 2006 में पहले और दूसरे नंबर पर रहने वाले दोनों ही उम्मीदवार मुस्लिम थे। जिसके बाद 2009 में हुए उपचुनाव में पहली बार टीएमसी के एक मुस्लिम उम्मीदवार ने इस सीट से जीत हासिल की। 

टीएमसी की फिरोजा बीबी ने उपचुनाव में जीत हासिल की और नंदीग्राम में पहली बार टीएमसी का परचम लहराया। जिसके बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2011 में भी फिरोजा बीबी ने इस सीट से जीत हासिल की, तब उन्हें 61.21 फिसदी वोट मिले थे।

सुवेंदु अधिकारी को मिले थे 66 फीसदी वोट

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2016 में टीएमसी ने सुवेंदु अधिकारी को मौका दिया और उन्हें 66 फीसदी वोट मिले। तब अधिकारी ने सीपीआई के उम्मीदवार अब्दु ल कबीर शेख को 81230 वोटों को अंतर से हराया था। सुवेंदु अधिकारी को कुल 134623 और सीपीआई के उम्मीदवार अब्दुोल कबीर शेख को 53393 वोट मिले थे। 2016 में नंदीग्राम सीट पर कुल 86.97 फिसदी वोट डाले गए थे।

अपनी पारंपरिक सीट छोड़कर टक्कर दे रही ममता

अब पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में खुद ममता बनर्जी बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी से टक्कर ले रही हैं। इस सीट पर दूसरे चरण में 1 अप्रैल को मतदान होना है। दोनों ही उम्मीदवारों के बीच लड़ाई जोरदार होने वाली है। सुवेंदु अधिकारी को हराने के लिए ममता बनर्जी ने इस चुनाव में अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला लिया। दोनों ही प्रत्याशियों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

केमिकल हब की स्थापना को लेकर मचा था बवाल

गौरतलब है कि नंदीग्राम आंदोलन (Nandigram Movement) को हथियार बना कर ममता बनर्जी ने राज्य में लेफ्ट को अपदस्थ करने में सफलता पाई थी। साल 2007 में प्रदेश की तत्कालीन लेफ्ट सरकार ने सलीम ग्रुप को नंदीग्राम में एक केमिकल हब स्थापित करने की अनुमति दी थी। ग्रामीणों ने सरकार के इस फ़ैसले का विरोध किया जिसके परिणामस्वरूप पुलिस के साथ उनकी मुठभेड़ हुई जिसमें 14 ग्रामीण मारे गए और पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगा था।

जिसके बाद लेफ्ट पार्टियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ा और उसका सीधा फायदा तत्कालीन विपक्षी पार्टियों को मिला। परिणामस्वरुप तृणमूल कांग्रेस-एसयूसीआई (SUCI) गठबंधन ने नंदीग्राम और आस-पास के क्षेत्रों में सीपीआई (एम) (CPI(M)) और उसके वामपंथी सहयोगियों को हराया। तृणमूल कांग्रेस-एसयूसीआई (SUCI) गठबंधन और कांग्रेस ने, लगभग 30 वर्षों बाद पश्चिम बंगाल के 16 ज़िलों में से 3 जिलों के जिला परिषदों को सीपीआई (एम) (CPI(M)) से छीन लिया।

अमृत महोत्सव: देश के नमक की कीमत, युवाओं से अपील…जानिए पीएम मोदी ने अपने संबोधन...

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साल
2022 देश के लिए बहुत खास होने वाला है। क्योंकि इस साल आजादी के 75 साल पूरे
होंगे। इसको लेकर
 12 मार्च 2021 से 15 अगस्त 2023 तक ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव‘ मनाने का ऐलान किया। आज अहमदाबाद के
साबरमती आश्रम से पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव की शुरुआत। उन्होनें एक वेबसाइट लॉन्च
की। वहीं साथ में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह के
 91 वर्ष भी पूरे हुए। इस सिलसिले में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दांडी यात्रा को भी हरी झंडी दिखाई। यात्रा में
शामिल
 81 लोग 386 किमी की यात्रा कर 5 अप्रैल को दांडी पहुंचेंगे।

देश के नमक की कीमत को…

इस
दौरान प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई बड़ी बाते कहीं। पीएम अपने संबोधन में
 ‘देश के नमक’ की कीमत पर भी बोले। उन्होनें कहा कि
हमारे यहां पर नमक को कभी भी कीमत से आंका नहीं गया। हमारे देश में नमक
 
का
मतलब है ईमानदारी
, विश्वास और वफादारी। आज भी हम ये बात कहते हैं
कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इस वजह से क्योंकि नमक हमारे यहां पर श्रम और
समानता का प्रतीक है। ये उस वक्त की भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक था। अंग्रेजों
ने भारत की आत्मनिर्भरता पर चोट की। गांधी जी ने देश के दर्द को समझा
,
जन-जन
की नब्ज को पकड़ा और ये संग्राम देखते ही देखते हर भारतीय का संकल्प बन गया।

नेहरू, पटेल का भाषण में जिक्र

पीएम
मोदी ने अपने संबोधन में जवाहरलाल नेहरू का जिक्र करते हुए उनकी तारीफ की। वो बोले
कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम हो
, गांधी जी का विदेश से लौटना,
लोकमान्य
का पूर्ण स्वराज्य
, नेता जी का दिल्ली चलो इसे कोई नहीं भूल सकता।
हमारे ऐसे कितने ही सेनानी हैं
, जिनको देश हर दिन कृतज्ञता व्यक्त करता
है। वो अंग्रेजों के सामने गर्जना करने वाली रानी लक्ष्मी बाई हो
,
पंडित
नेहरू
, सरदार
पटेल ऐसे अनगिनत जननायक आजादी के आंदोलन के पथ प्रदर्शक रहे।

अपने
संबोधन में पीएम ने पांच स्तम्भों का जिक्र किया। उन्होनें कहा कि 5 स्तम्भ आजादी
की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे
बढ़ने की प्रेरणा देंगे। जिसमें स्वतंत्रता संग्राम
75 साल पर विचार75 साल पर उपलब्धियां75 पर एक्शन और 75 पर संकल्प शामिल हैं। 

‘बिखरी कहानियां तलाशें और…’

पीएम
मोदी ने देश के युवाओं से एक खास अपील की। उन्होनें कहा कि हमारे युवा और स्कॉलर
स्वाधीनता सेनानियों के इतिहास लेखन के प्रयासों को पूरा करने की जिम्मेदारी
उठाएं। आजादी के आंदोलन के दौरान और उसके बाद जो हमारे समाज की उपलब्धियां रहीं
,
उसकी
दुनिया के सामने और ज्यादा प्रखारता से लाएं। कला साहित्य
,
फिल्म,
नाट्य
जगत और डिजिटल एंटेरटेनमेंट से जुड़े लोगों से मेरा आग्रह है कि वो हमारे अतीत में
बिखरी हुई अद्वितीय कहानियों को तलाशे और इनको जीवित करें।

‘भारत की वैक्सीन का लाभ दुनिया उठा रही’

पीएम
मोदी आगे बोले कि आज भारत की उपलब्धियों सिर्फ हमारी अपनी नहीं रही
,
बल्कि
ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं। पूरी मानवता की उम्मीद को जगाने वाली
 
है।
वो बोले कि भारत में बनाई वैक्सीन का लाभ आज पूरी दुनिया को मिल रहा है।