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‘ट्रैक्टर पर बैठकर एक्टर बनने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी….’केंद्रीय मंत्री प्र...

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नए कृषि कानूनों को लेकर देश की सियासत में हलचलें काफी तेज है। विपक्षी नेता किसान आंदोलन को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता इन दिनों नए कृषि कानूनों के विरोध में देश के कई हिस्सों में जनसभा और महापंचायतों को संबोधित कर रहे हैं। 

पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित किया और किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद टैक्ट्रर चलाते दिखाई दिए थे। जिसे लेकर अब बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है।

केंद्रीय मंत्री का पूरा बयान

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना है कि राहुल ट्रैक्टर पर बैठकर एक अभिनेता बनने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर वह APMC के पक्ष में हैं, तो केरल में APMC क्यों नहीं है? पंजाब में कांग्रेस की सरकार कानून लेकर आई है, जिसके तहत सवाल करने वाले किसानों को जेल भेजा जा सकता है।‘

प्रहलाद जोशी ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए सवाल किया कि वे लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं या पाखंड में। उन्होंने कहा, ‘वामपंथियों का पाखंड यह है कि वे दिल्ली, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। वे (कांग्रेस और वामपंथी) पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में भी दोस्त हैं। कांग्रेस केरल में पोलित ब्यूरो पर विश्वास नहीं करना चाहती हैं लेकिन पश्चिम बंगाल में करती हैं।‘

केंद्रीय मंत्री ने पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व में विश्वास न होने की वजह से पुडुचेरी में कांग्रेस अपनी सरकार गंवा चुकी है। उनका कहना है कि राहुल गांधी अपनी स्थिति साफ करें, अगर वे MSP के इतने ज्यादा समर्थन में हैं तो केरल में APMC क्यों नहीं है?’

200 से ज्यादा किसानों की हो चुकी है मौत

बता दें, देश के कई राज्यों में आने वाले कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) काफी समय से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। 

अपनी रैलियों और जनसभाओं में भी वह लगातार इन कानूनों में खामियां बता रहे हैं और इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। गौरतलब है कि इस कानून के विरोध में दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान लगभग 3 महीनें से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक 200 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आई है। 

किसान और सरकार के बीच 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक किसी भी तरह का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। किसान लगातार इस कानून को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने बीजेपी को क्यों दिलाई आडवाणी-जोशी की याद? कहा- ...

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केरल विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो मैन की बीजेपी में एंट्री को लेकर सियासत गर्मा गई है। मेट्रो मैन के नाम से पहचाने जाने वाले ई श्रीधरन 88 साल में अपनी सियासी पारी शुरू करने जा रहे हैं। सिर्फ यही नहीं ई श्रीधरन ने एक बयान में ये भी कहा कि अगर केरल में बीजेपी की सरकार सत्ता में आती है, तो वो सीएम बनने के लिए भी तैयार हैं। अपने इस बयान को लेकर ई श्रीधरन ने राजनीति में अच्छा खासा बवाल मचा दिया है। 

श्रीधरन के खुद को सीएम कैंडिडेट के तौर पर पेश किए जाने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। एनडीटीवी में लिखे एक ब्लॉग में यशवंत सिन्हा ने इसको लेकर बीजेपी पर हमला भी बोला और कहा कि पार्टी अपने बनाए गए नियमों को तोड़ रही है। सिर्फ यही नहीं यशवंत सिन्हा ने इस दौरान बीजेपी को लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी की भी याद दिलाई। 

यशवंत सिन्हा ने ब्लॉग में लिखा कि श्रीधरन को बीजेपी केरल की राजनीति में उतारने की कोशिश कर रही है। निश्चित तौर पर बीजेपी वहां पर अपना झंडा गाड़ने चाह रही है, जिसमे वो उनके काम आ सकते है। वैसे श्रीधरन ने राज्यपाल बनने से मना कर दिया था, लेकिन उन्हें सीएम बनने में कोई परेशान नहीं है। 

यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि 2014 में बीजेपी की उम्र का बहाना करते हुए लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मंत्री बनने और फिर 2019 में चुनाव लड़ने से रोका। लेकिन येदियुरप्पा की उम्र 75 से ज्यादा थी, तब भी उन्हें सीएम बनाया गया। तो इसका यही मतलब निकाल सकते है कि आडवाणी और जोशी को उनके चेले ने ही किनारे लगा दिया। दोनों नेताओं की राजनीति का अंत उनके चेले द्वारा ही हुआ। 

बीजेपी के पूर्व नेता ने लिखा कि कुछ सालों पहले जब मोदी पार्टी के अंदर ताकतवर नहीं ते, तो ये नियम था कि दो बार से ज्यादा राज्यसभा किसी को नहीं भेजा जाएगा। यही वजह से अरुण शौरी और शत्रुघन सिन्हा राज्यसभा जाने से वंचित रहे। लेकिन इसके  बाद अरुण जेटली के लिए नियम टूटा। उन्होनें आगे लिखा कि पार्टियों में नियम ही तोड़ने के लिए बनते हैं। ये देखना दिलचस्प होगा कि ई श्रीधरन से बीजेपी को कितना फायदा मिलता है। 

अहमदाबाद टेस्ट से पहले इंग्लिश कप्तान जो रुट ने खेला माइंड-गेम, वसीम जाफर ने कर दिया ...

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भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाने वाला है। यह इंग्लैंड और भारत के बीच पहला डे-नाइट टेस्ट होगा। दोनों टीमें सीरीज में 1-1 से बराबर पर है। 

दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम में होने वाला इस मैच पर सबकी नजर टिकी हुई है। टीम इंडिया का प्रदर्शन आस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए पिछले डे-नाइट टेस्ट में कुछ खास नहीं रहा था। पिंक बॉल टेस्ट में टीम इंडिया दूसरी पारी में मात्र 36 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। जो टेस्ट क्रिकेट में भारत का लोएस्ट स्कोर है। 

इंग्लैंड की टीम ने अहमदाबाद में होने वाले डे-नाइट टेस्ट को आस्ट्रेलिया में हुए डे-नाइट टेस्ट से जोड़कर माइंड गेम खेलना शुरु कर दिया है। इंग्लैंड के कप्तान ने भी कुछ ऐसी ही टिप्पणी की है। जिसपर पूर्व भारतीय खिलाड़ी वसीम जाफर (Wasim Jaffer) ने आंकड़ों के साथ इंग्लिश टीम की बैंड बजा दी है।

जाफर ने रुट को कर दिया ट्रोल

दरअसल, अहमदाबाद टेस्ट से पहले जो रुट ने कहा, 36 ऑलआउट हमारा फोकस होगा, क्योंकि उनके (इंडिया) लिए चिंता की बात होगी, उनके दिमाग में यह चल रहा होगा। उनके इस बयान पर जवाब देते हुए पूर्व भारतीय खिलाड़ी वसीम जाफर (Wasim Jaffer) ने इंग्लैंड के कप्तान को ट्रोल कर दिया।

उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘पिछली बार इंग्लैंड ने डे-नाइट टेस्ट खेला था, उसमें उनका स्कोर 27/9 था, न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम 58 रन पर ऑलआउट हो गई थी। मैं बस बता रहा हूं।’


पिंक बॉल के साथ इंडिया और इंग्लैंड का रिकार्ड

बता दें, 4 मैचों की टेस्ट सीरीज के अंतिम दोनों मैच मोटेरा में खेले जाएंगे। दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम मोटेरा में खेला जाने वाला यह पहला इंटरनेशनल मैच होगा। भारतीय टीम ने अभी तक दो पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं। 

भारत में खेले गए पहले डे-नाइट टेस्ट में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को मात दी थी। तो वहीं, आस्ट्रेलिया में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में भारतीय टीम को करारी हार मिली थी। ऐसे में डे-नाइट टेस्ट में भारत के जीतने का रिकार्ड 50% है। अगर हम घरेलू सरजमीं पर हुए डे-नाइट टेस्ट मैच की बात करें तो टीम इंडिया के जीत का रिकार्ड 100 फीसदी है। 

अगर हम पिंक बॉल टेस्ट में इंग्लैंड के रिकार्ड की बात करें तो…इंग्लैंड की टीम ने 2017 में अंतिम बार डे-नाइट टेस्ट में जीत हासिल की थी। उसके बाद टीम ने आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ 2 डे-नाइट टेस्ट खेले और दोनों में इंग्लैंड को हार मिली है। ऐसे में इस मैच में भारत का पलड़ा भारी है।

राजस्थान: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने की करोड़ों की ठगी, महिलाओं के नाम पर लिया लोन और फि...

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राजस्थान के भीलवाड़ा से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिलाओं के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने का एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। ये धोखाधड़ी करीब 4 करोड़ रुपये की बताई जा रही है। मामला जिले के माण्डलगढ़ क्षेत्र का बताया जा रहा है। अपने साथ हुई धोखाधड़ी के मामले को लेकर बड़ी संख्याओं में महिलाओं ने कलक्टर परिसर के बाहर प्रदर्शन किया।

करोड़ों का लोन लेकर हो गई फरार

महिलाओं की शिकायत के मुताबिक मंजू पाराशर नाम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने रोजगार के नाम पर उनके साथ ठगी की। मंजू ने महिलाओं के समूह बनाए और इनके पहचान पत्र, आधार कार्ड समेत कई दस्तावेजों को अपने पास रख लिया। वहीं एक बैंक के साथ सांठगांठ कर मंजू ने इन महिलाओं के नाम पर करोड़ों रुपये का लोन ले लिया, जिसके बारे में इन महिलाओं को जानकारी भी नहीं थीं। वो लोन लिए हुए पैसे लेकर फरार हो गई। जब बैंक के द्वारा महिलाओं को लोन चुकाने की बात कही गई, तो वो हैरान रह गए।

‘लोन चुकाने के लिए बैंक वाले कर रहे परेशान’

इस मामले पर एक महिला ने बात करते हुए कहा कि मंजू पाराशर ने सभी महिलाओं के नाम पर लोन लिया हुआ था। हमें इसके बारे में बिलकुल भी सूचना नहीं थी। बैंक वाले लगातार हमें आकर परेशान कर रहे हैं। सभी महिलाओं को नोटिस दिया हुआ है और  अकाउंट बंद किए हुए हैं। इनमें से कुछ महिलाएं ऐसी भी है जो गरीब परिवार से है। उनकी पेंशन रोक दी गई, जिसकी वजह से अब उनका खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। महिलाओं ने बताया कि ये मामला काफी पुराना है। 2017 से मंजू पराशर पैसा लेकर फरार है। 

इस पूरे मामले को लेकर बैंक की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में बनी हुई है। इस मामले को लेकर थाने में केस दर्ज कराया जा चुका है। लेकिन महिलाओं का कहना है कि अब तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। वहीं बैंक ने भी इन महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। खातों को सीज कर दिया गया और लोन का पैसा चुकाने का दबाव बनाया जा रहा है। कई महिलाओं की पेंशन तक रूक गई और अब घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है। महिलाओं की मांग है कि बैंक मैनेजर और मंजू पराशर के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। हालांकि जिला कलेक्टर ने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का भरोसा दिया है। देखना होगा कि आखिर कब तक इस मामले पर कार्रवाई होती है और पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल पाता है। 

एक चैनल ने फैला दी थी शेखर सुमन के बेटे की सुसाइड की खबर, अध्ययन ने भड़कते हुए कहा- य...

फेक न्यूज और अफवाहों का शिकार अक्सर ही सितारे होते रहते है, जिसकी वजह से उन्हें अक्सर ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन इस बार शेखर सुमन के बेटे अध्ययन सुमन को लेकर एक ऐसी फेक न्यूज फैलाई गई, जो आपको चौंका कर रख देगी। दरअसल, एक न्यूज चैनल ने अध्ययन सुमन की सुसाइड की फेक न्यूज फैला दी थी। जिसके बाद अध्ययन सुमन के साथ साथ शेखर सुमन भी न्यूज चैनल पर जमकर भड़के। 

फेक न्यूज पर भड़के अध्ययन

अध्ययन सुमन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर की और साथ में लिखा- ‘मैं जिंदा हूं। आप लोग चिंता ना करें। आपके प्यार का आभारी हूं। सुसाइड कभी भी बाहर निकलने का रास्ता नहीं होता।’

वहीं वीडियो में अध्ययन सुमन कहते नजर आ रहे हैं- ‘शुक्रिया…मेरा पास बहुत सारे लोगों के मैसेज आए। मैं एकदम ठीक हूं। आप परेशान ना हो। जिंदगी में कुछ भी हो, लेकिन मैं कभी ऐसा कदम नहीं उठाऊंगा। मैं हमेशा शुक्रगुजार रहूंगा, जो मुझे भगवान ने दिया उसके लिए। सुसाइड कभी रास्ता नहीं होता। लेकिन जो एक चैनल ने मेरे बारे में लिखा, जो मेरे माता पिता के साथ किया, मैं हमेशा कर्मा पर विश्वास रखता हूं। आप लोग बस मुझे यूं ही सपोर्ट करते रहे और अपना प्यार देते रहें।’

‘ये शर्मनाक बात हैं…’

इसके अलावा अध्ययन सुमन ने एक पैपराजी से इससे बात करते हुए कहा- ‘अगर मैनें सुसाइड कर ली, तो शायद मेरा भूत आपके सामने खड़ा है।’ अध्ययन ने आगे बताया- ‘ये बहुत ही शर्मनाक बात है। मैं उस वक्त मीटिंग में था। मुझे लोगों के फोन आना शुरू हो गए। वो बहुत घबराए हुए थे। मैनें बहुत लोगों के फोन उठाए भी नहीं।’

अध्ययन ने आगे बताया कि इसे सुनकर मेरी मां को बहुत बड़ा झटका लगा था। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसी चीज हो सकती है, अपने बेटे को लेकर। फिर मैनें उनके फोन का जवाब दिया। मैं खुद चौंक गया। मुझे अभी भी कई लोगों के फोन आ रहे है। 

अध्ययन ने आगे कहा- ‘जब किसी माता पिता को ये पता चलेगा कि उसके बच्चे ने सुसाइड कर ली, तो उन पर क्या बीतेगी? ये कितना गलत है। ऐसा करने का क्या कारण है। आपको मेरे बारे में ऐसा लिखने की क्या जरूरत पड़ी कि मैनें सुसाइड कर ली। मैं खुश हूं अपनी जिंदगी में, मेहनत कर रहा हूं। मुझे अपनी जिंदगी में सुसाइड करने की क्या जरूरत है। मैं चाहूंगा कि कोई भी ये ना करें। आप किसी के भी बारे में इस तरह की बातें कैसे कर सकते हो? शर्म आनी चाहिए आपको।’

लीगल एक्शन लेने की कही गई बात

सोशल मीडिया पर अध्ययन सुमन की सुसाइड की फेक न्यूज़ काफी तेजी से वायरल हुई थी। जिसके बाद शेखर सुमन और अध्ययन सुमन चैनल के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात कर रहे है। चैनल पर फेक न्यूज फैलाने के लिए शेखर सुमन भी लगातार भड़कते नज़र आ रहे है।

हरियाणा की बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस पार्टी, बीजेपी की ब...

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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन जारी है। किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर करीब 3 महीनें से लगातार इस कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। अभी तक 200 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आई है। 

विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष के कई बड़े नेता लगातार इन दिनों किसानों के समर्थन में महापंचायतों को संबोधित कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी के सबसे ज्यादा किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं। 

इसी बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा है कि मौजूदा सरकार ने राज्य की जनता का भरोसा खो दिया, कांग्रेस पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पूरा बयान

हरियाणा के पूर्व सीएम ने कहा, ‘हम विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। इस सरकार ने लोगों का भरोसा गवां दिया है लिहाजा हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। सरकार को समर्थन देने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। गठबंधन सहयोगी पार्टी के कुछ विधायकों ने कहा कि यह सबसे भ्रष्ट सरकार है।‘

हरियाणा की सियासी गणित

बता दें, हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में प्रदेश की क्षेत्रीय पार्टी जेजेपी के साथ मिलकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बीजेपी को 40 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि बहुमत के लिए 46 सीटों की आवश्यकता होती है। 

तब बीजेपी ने प्रदेश की 10 सीटों पर जीत हासिल करने वाली जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। उन्हें कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिला। खबरों के मुताबिक अब किसान आंदोलन को लेकर निर्दलीय सहित सरकार में शामिल कई विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। ऐसे में पिछले चुनाव में 30 सीटों पर जीत हासिल करने वाली कांग्रेस पार्टी अब सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। 

गौरतलब है कि किसान आंदोलन को लेकर सियासत भी चरम पर है। विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अभी तक केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसानों के बीच 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा अभी भी कोसों दूर दिख रहा है। 

‘जहां भी कांग्रेस को जीत मिली वहां बीजेपी ने सरकार बनाई…’पुडुचेरी हाथ से जाने प...

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देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हालत दिन प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। कई राज्यों में चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भी कांग्रेस पार्टी सरकार बचाने में असफल रही है। हाल ही में पुडुचेरी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।

पुडुचेरी में कांग्रेस विधायक और कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले कई विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद सरकार अल्पमत में आ गई और नतीजतन नारायणसामी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया। 

पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पुडुचेरी के दौरे पर गए थे। उनके इस दौरे के कुछ ही दिनों बाद पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिर गई है। जिसे लेकर बीजेपी नेता और अन्य पार्टियों ने कांग्रेस पर जमकर तंज कसे हैं।

AAP ने कसा तंज

पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार धराशायी होने के बाद आम आदमी पार्टी ने तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस को वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया, ‘साबित करें कि कांग्रेस को वोट देने का अर्थ भाजपा को वोट देना है। कांग्रेस मध्य प्रदेश में विजयी रही लेकिन अब वहां भाजपा शासन कर रही है। कांग्रेस ने पुडुचेरी जीता, लेकिन अब भाजपा शासन कर रही है। कांग्रेस ने कर्नाटक में जीत हासिल की लेकिन अब कर्नाटक में भाजपा का शासन है। कांग्रेस ने गोवा जीता लेकिन भाजपा गोवा में शासन कर रही है।’

बीजेपी नेताओं ने बोला जोरदार हमला

दूसरी ओर बीजेपी के नेताओं ने पुडुचेरी में मचे उथल-पुथल को राहुल गांधी की यात्रा से जोड़कर व्यंग्य किया। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी की पुडुचेरी यात्रा का ‘अच्छा असर’ हुआ।

पुडुचेरी में सत्ता खोने के बाद कांग्रेस की उपस्थिति सिर्फ तीन राज्यों में रह गई है। महाराष्ट्र और झारखंड में मामूली अस्तित्व है। अब से कुछ साल बाद, कांग्रेस केवल इतिहास की किताबों में ही मौजूद रहेगी।‘

बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि राहुल गांधी पूरे देश में और अब पुडुचेरी में भी कांग्रेस को ‘बर्बाद करने’ का काम प्रभावी ढंग से कर रहे हैं। 

साथ ही इस मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी जी के चमत्कार ने फिर से काम किया है! पुडुचेरी खोने के बाद कांग्रेस की उपस्थिति सिर्फ तीन राज्यों- पंजाब, राजस्थान और छतीसगढ़ में सिकुड़ गई है।‘

इन राज्यों में सरकार नहीं बचा पाई कांग्रेस

बता दें, देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्ण सरकार अब देश के सिर्फ तीन राज्यों में बची है। जो राजस्थान, पंजाब और छतीसगढ़ हैं। जबकि झारखंड और महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी गठबंधन की सरकार में शामिल है। इससे पहले कर्नाटक, गोवा, मध्यप्रदेश, में भी कांग्रेस का यहीं हश्र हुआ था। 

मध्यप्रदेश में पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद सरकार 5 सालों तक नहीं चल सकी और अंदरुनी कलह की वजह से एक साथ लगभग 2 दर्जन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए। जिससे सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था। मौजूदा समय में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी शासन कर रही है।

कहीं कर्फ्यू, तो कहीं ट्रैवल एडवाइजरी…कोरोना के यू-टर्न के साथ कई राज्यों में ल...

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वैश्विक महामारी का प्रकोप देश में एक बार फिर से बढ़ने लगा है। जिसकी वजह से टेंशन दोबारा से बढ़ गई है। महीनों बाद जहां एक बार को ऐसा लगने लगा था कि कोरोना अब भारत में कंट्रोल हो रहा है, लेकिन इसी बीच कुछ राज्यों में दोबारा से केस बढ़ने की वजह से परेशानी  बढ़ गई। 

देश में बढ़ रही एक्टिव केस की संख्या

बीते कुछ दिनों से एक्टिव केस की संख्या बढ़ने लगी है। नवंबर के बाद ऐसा देखने को मिल रहा है। बीते 24 घंटे में 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश थे जहां पर कोरोना केस से ज्यादा नए मरीजों की पहचान हुई। जिनमें महाराष्ट्र के अलावा जम्मू-कश्मीर, पंजाब और चंडीगढ़ शामिल है। 

पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 10 हजार से अधिक केस सामने आए हैं। इस दौरान 78 लोगों की मौत हुई और 13 हजार से ज्यादा लोग स्वस्थ हुए। देश में कोरोना के मामले बढ़कर एक करोड़ 10 लाख के पार हो गए। इनमें से एक करोड़ 7 लाख से ज्यादा लोग रिकवर हो चुके है। जबकि एक लाख 56 हजार से ज्यादा की मौत हुई। देश में कोरोना के अभी 1 लाख 47 हजार 306 एक्टिव केस हैं। 

एक्टिव केस में 15वें नंबर पर पहुंचा

भारत दोबारा से दुनिया के उन देशों की लिस्ट में आ गया है, जहां कोरोना के सबसे अधिक एक्टिव केस हैं। इस लिस्ट में देश फिलहाल 15वें नंबर पर आ गया है। जबकि 30 जनवरी को पुर्तगाल, इंडोनेशिया और आयरलैंड को पीछे छोड़ते हुए देश 17वें नंबर पर पहुंच गया था।

वहीं कोरोना के बढ़ रहे केस को देखते हुए सरकारें भी पहले से ही सतर्क हैं। कुछ राज्यों में दोबारा से पांबदियां लगाई जाने लगी है। राजस्थान के कुछ जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। जोधपुर में 21 मार्च तक के लिए धारा 144 लागू की गई। आइए आपको बताते हैं कि कोरोना में दोबारा बढ़ रहे प्रकोप की वजह से किस राज्य में क्या पाबंदी दोबारा से लगाई गई…

जानिए कहां क्या सख्ती की गई?

महाराष्ट्र में फिर से बढ़ रहे केस एक बार फिर से डराने लगे हैं। पिछले एक हफ्ते में यहां 81 फीसदी वृद्धि देखने को मिली। महाराष्ट्र में कोरोना के प्रकोप के लौटते ही कई जगहों पर कुछ पाबंदियां भी लौटने लगी। अमरावती में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया गया। कई जगहों पर लॉकडाउन लगा दिया गया। नागपुर में स्कूल-कॉलेज को बंद करने के आदेश दिए गए। अकोला, वाशिम, बुल्ढाड़ा और यवतमाल में भी पाबंदियां लगाई गई।

महाराष्ट्र में कोरोना केस को बढ़ता देख कर्नाटक भी अलर्ट पर है। कालाबुरागी जिला प्रशासन ने एक ट्रैवेल एडवाइजरी जारी की। कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर पांच चेक पोस्ट बनाए गए। जो लोग महाराष्ट्र से अफज़लपुरा और अलंद के रास्ते कर्नाटक में आएंगे, उनका RT-PCR कराना जरूरी होगी। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही एंट्री मिल पाएगी। 

बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए जोधपुर पुलिस ने निर्देश जारी किए। जिसके मुताबिक अब शादी समारोह में 100 से अधिक मेहमानों नहीं बलाए जाएंगे। ये पाबंदी 22 फरवरी से 21 मार्च तक लागू रहेगी। मध्य प्रदेश और गुजरात ने आसपास जिलों में हाई अलर्ट जारी किया।कोविड हाई रिस्क वाले राज्यों से यात्रा करने वालों की थर्मल स्कैनिंग अनिवार्य की गई। उत्तराखंड में पांच राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, एमपी और छत्तीसगढ़ से आने वाले लोगों की टेस्टिंग होगीं। 

गौरतलब है जैसे-जैसे देश में कोरोना का प्रकोप घटने लगा था, देश में टेस्टिंग की भी संख्या में भी कमी आ गई। जहां दिसंबर तक रोजाना 11 लाख के करीबन जांच हुआ करती थीं, वहीं अब रोजाना औसतन 6 लाख लोगों की टेस्टिंग हो रही है। इसी वजह से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखीं और टेस्टिंग बढ़ाने का आदेश दिया। 

IND vs ENG 3rd Test match Preview: इन खिलाड़ियों को मिल सकता है तीसरे टेस्ट में मौका

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भारत और इंग्लैंड के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज (IND vs ENG 3rd test match) खेली जा रही है। सीरीज का तीसरा मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाने वाला है। यह डे-नाइट टेस्ट होगा। दोनों टीमें सीरीज में 1-1 से बराबर पर चल रही हैं। 

साथ ही दोनों टीमों के बीच यह पहला डे-नाइट टेस्ट है। ऐसे में दोनों ही टीमें इस मैच को जीतने का पूरा प्रयास करेगी। यह टेस्ट सीरीज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) का हिस्सा है। केन विलियमसन की कप्तानी में न्यूजीलैंड की टीम टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुकी है। 

अगर भारत को भी न्यूजीलैंड के साथ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भिड़ना है तो कोहली ब्रिगेड को इस सीरीज में 1 मैच और जीतना होगा। साथ ही इंग्लैंड की टीम को अब सीरीज में जीत से रोकना होगा। 

होगा घरेलू परिस्थितियों का फायदा

चेन्नई में हुए पहले और दूसरे टेस्ट में दोनों ही टीमों ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम ने भारत को 227 रनों से मात दी थी। जिसके बाद दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने शानदार वापसी की और इंग्लैंड को 317 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया। अब तीसरा मैच (IND vs ENG 3rd test match) दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम मोटेरा में खेला जाएगा। 

इस स्टेडियम में पहली बार अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाने वाला है। दोनों ही टीमें पहली बार इस मैदान पर भिड़ने वाली है। ऐसे में यह तो तय है कि मुकाबला जबरदस्त होगा। भारतीय टीम को घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिलेगा तो वहीं, इंग्लैंड के टीम के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है।

यह हो सकती है टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन

मोटेरा में शुभमन गिल और रोहित शर्मा की जोड़ी ओपनिंग करते हुए दिखाई देगी। क्योंकि दोनों ही प्लेयर्स लगातार अच्छे प्रदर्शन करते आ रहे हैं। रोहित शर्मा ने पिछले टेस्ट में शतक जमाया था। ऐसे में इस टेस्ट में भी रोहित शर्मा से टीम और फैंस की उम्मीदें जुड़ी हुई है। 

टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजार, कप्तान विराट कोहली और उपकप्तान आजिंक्य रहाणे पर मिडिल ऑर्डर की जिम्मेदारी रहेगी। विकेटकीपर के लिए मौजूदा समय में पहले पसंद ऋषभ पंत बने हुए हैं। कम अनुभव के बावजूद पिछले कुछ टेस्ट मैचों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। पिछले टेस्ट में उनकी विकेटकीपिंग सुर्खियों में रही थी। 

दूसरे टेस्ट मैच के मैन ऑफ द मैच रहे आर अश्विन की जगह भी टीम में पक्की है। साथ ही अक्षर पटेल ने उनका बढ़िया साथ दिया था। ऐसे में ये दोनों स्पीनर्स टीम में बने रह सकते हैं। वहीं, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह भी टीम में खेलते दिखेंगे। इशांत शर्मा का यह 100वां टेस्ट मैच होगा। 

कपिलदेव के बाद 100 टेस्ट खेलने वाले वह भारत के दूसरे तेज गेंदबाज बनेंगे। अब देखने वाली बात यह होगी की मोटेरा में भारतीय टीम कितने तेज गेंदबाजों के साथ उतरती है। अगर टीम 3 तेज गेंदबाजों के साथ उतरती है तो कुलदीप यादव की टीम से छुट्टी हो सकती है और उनकी जगह पर मोहम्मद सिराज को मौका मिल सकता है। 

Possible Playing XI for Ahemedabad Test: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (C), आजिंक्य रहाणे (VC), ऋषभ पंत, आर अश्विन, अक्षर पटेल, इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज

जब Mohan Delkar ने अधिकारियों पर लगाया था अपमानित करने का आरोप…क्या सांसद की सु...

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सोमवार को एक बड़ी खबर मुंबई से सामने आई। मुंबई के एक होटल में दादरा और नगर हवेली से सांसद मोहन डेलकर मृत पाए गए। मरीन ड्राइन पर होटल सी ग्रीन में उनका शव मिला। सांसद का शव जिस कमरे में मिला वहां पर एक सुसाइड नोट भी था, जो गुजराती में लिखा हुआ था। मुंबई पुलिस की मानें तो सुसाइड नोट में 40 लोगों के नाम लिखे हुए थे।

मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार मोहन डेलकर ने सुसाइड की है। होटल के जिस कमरे से उनका शव बरामद हुआ था, फॉरेंसिक टीम ने 4 घंटों तक उसकी तलाशी भी की। खबरों के मुताबिक सुसाइड नोट में डेलकर ने बड़े नेताओं के नाम का जिक्र किया। डेलकर ने कहा कि कई बड़े नेता उनको अपमानित करते थे। 

होटल के कमरे में मिला मोहन डेलकर का शव

जो जानकारी हासिल हुई है उसके मुताबिक सांसद मोहन डेलकर सी ग्रीन होटल के कमरा नंबर 503 में ठहरे हुए थे। जब सुबह के वक्त उनका ड्राइवर होटल के कमरे पर पहुंचा, तो उसने कमरे की रिंग बजाई। लेकिन अंदर से कोई भी जवाब नहीं आया तो उन्होनें डेलकर को फोन मिलाया। लेकिन फोन पर भी कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद ड्राइवर ने डेलकर के परिवारवालों को इसके बारे में जानकारी दी। 

इसके बाद ड्राइवर ने होटल कर्मचारियों के साथ संपर्क किया। होटल कर्मचारी ने जब रूम का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो अंदर से बंद था। फिर बगल वाले कमरे की बॉलकनी से ड्राइवर ने मोहन डेलकर के कमरे में प्रवेश किया। जब वो कमरे में पहुंचा तो वहां का मंजर देखकर हैरान रह गया। रूम में डेलकर का शव शॉल के फंदे से पंखे पर लटका हुआ था। इसके बाद पुलिस अधिकारियों को इसके बारे में सूचना दी। रूम से पुलिस को सुसाइड नोट मिला, जिसकी जांच की जा रही है। 

क्यों की सांसद ने सुसाइड?

इस दौरान सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि आखिर मोहन डेलकर ने खुदकुशी क्यों की? इसकी जांच तो पुलिस फिलहाल कर ही रही है। 

लेकिन इसी बीच सांसद डेलकर का बीते साल का एक वीडियो, जो वायरल हुआ था। वो एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है। दरअसल, पिछले साल लोकसभा सत्र के दौरान डेलकर ने ये कहा था कि बीते चार महीनों से कुछ अधिकारियों ने मुझे अपमानित किया। मुझे झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई। कोरोना महामारी के दौरान मुझे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की इजाजत नहीं मिली, जिसकी वजह से मैं निराश हूं।

उन्होनें कहा था कि लोगों की मदद के लिए मुझे अपमानित किया गया। दादरा और नगर हवेली के मुक्ति दिवस के दौरान मेरा अपमान हुआ। दादरा और नगर हवेली के लोगों को मुझे संबोधित करने की इजाजत नहीं दी गई। मैनें जब इसके बारे में पूछा कि क्यों मुझे लोगों को संबोधित करने की परमिशन नहीं मिली, तो डिप्टी कलेक्टर और आयोजनों ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया। वो लोग मुझे निशाना बना रहे है। मेरे खिलाफ एक साजिश चल रही है।

मोहन डेलकर के सियासी सफर पर एक नजर

मोहन डेलकर का जन्म 19 दिसंबर 1962 को सिलवासा में हुआ।  2019 लोकसभा चुनाव उन्होनें एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा था। उन्होनें बीजेपी उम्मीदवार को 9 हजार वोटों से हराया था। 2019 में मोहन डेलकर 7वीं बार सांसद चुनकर आए थे। इससे पहले वो कांग्रेस और बीजेपी का हिस्सा भी रह चुके है। 

मोहन डेलकर ने अपना करियर सिलवासा में एक ट्रेड यूनियन नेता के रूप में शुरू किया। यहां उन्होंने अलग-अलग कल-कारखानों में काम करने वाले आदिवासियों के हकों के लिए आवाज उठाई। 1985 में मोहन डेलकर ने आदिवासी विकास संगठन शुरू किया। 1989 में वो दादरा और नगर हवेली से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुने गए।

1991 और 1996 में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर इसी सीट से चुनाव लड़ा। फिर 1998 में मोहन डेलकर ने बीजेपी की तरफ से इसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। 1999 और 2004 के चुनाव में भी वो लोकसभा पहुंचे। लेकिन इस दौरान उन्होंने निर्दलीय और भारतीय नवशक्ति पार्टी (बीएनपी) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा।

2009 को डेलकर दोबारा से कांग्रेस में चले गए, लेकिन इस बार वो लोकसभा का रास्ता तय नहीं कर पाए। 2019 में उन्होनें कांग्रेस से अलग होकर निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और एक बार फिर से लोकसभा पहुंचे। हालांकि 2020 में वो JDU में शामिल हुए।