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जानिए शबनम की पूरी कहानी, जो फांसी के फंदे पर चढ़ने वाली होगी पहली महिला, ये कांड जान...

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हमारे देश में कम ही केस में फांसी की सजा दी जाती है। जब अपराध सभी सीमाओं को लांग जाए, तो दोषी को फांसी के फंदे पर लटकाया जाता है। साल 2012 में निर्भया के साथ दरिंदगी की हदें पार करने वाले चार दोषियों को बीते साल फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश की आजादी के बाद अब तक किसी भी महिला को फांसी नहीं दी गई है। लेकिन अब पहली बार ऐसा होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली शबनम को ये सजा मिलेगी। पवन जल्लाद जिसने निर्भया के दोषियों को फांसी दी थी, वो इसके लिए दो बार निरीक्षण कर चुके हैं।

राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका

दरअसल, साल 2008 में शबनम ने एक दिल दहला देने वाली वारदात को अंजाम दिया था, जिससे पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने प्रेमी के सात मिलकर अपने ही 7 परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस केस में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सभी ने फांसी की सजा को बरकरार रखा। वहीं इस सजा से बचने के लिए शबनम ने राष्ट्रपति से भी दया की गुहार लगाई। लेकिन उसकी दया याचिका वहां से खारिज हो गई। जिसके चलते अब शबनम को फांसी की सजा दी जाएगी और वो आजाद भारत के इतिहास की ऐसी पहली महिला होगी, जिसको ये सजा मिलेगी।

यूपी के इकलौते महिला फांसीघर जो मथुरा में स्थित है, वहां पर शबनम को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।  हालांकि फांसी की तारीख अभी तय नहीं है और ना ही कोई आदेश जारी किया गया। लेकिन बताया जा रहा है डेथ वॉरेंट जारी होते ही शबनम को फांसी दी जाएगी। कौन हैं शबनम? क्यों अपने परिवारवालों को मारा? कैसे इस अपराध को यादकर आज ही लोगों की रूंह कांप उठती है? आइए आपको इस पूरे अपराध के बारे में बताते हैं…

प्यार में डूबी शबनम यूं पहुंची फांसी के फंदे तक

कहते हैं ना प्यार अंधा होता है। शबनम की कहानी पर गौर डाले तो ये बात सच लगती है। शबनम ने प्यार में पागल होकर प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही माता-पिता 10 महीने के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी। अमरोहा से हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली की शबनम इकलौती बेटी थीं। पिता शौकित अली ने अपनी बेटी शबनम को बड़े ही प्यार से पाला-पोसा था।  उन्होनें अपनी बेटी को अच्छी तालीम दिलवाई। लेकिन पिता शौकित को कहां पता था कि एक दिन उनकी ही बेटी उनके और परिवार की इस कदर जान ले लेगी।

दरअसल, शबनम को गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से प्यार हो गया था। दोनो एक-दूसरे के प्यार में इस कदर डूब गए थे कि फिर उन्हें किसी भी परवाह नहीं। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। लेकिन अलग बिरादरी के होने की वजह से शबनम के परिवार को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था

परिवार की नामंजूरी शबनम को बर्दाश्त नहीं हुई। उसने सलीम से मिलने के लिए परिवारवालों को नींद की गोलियां खिलानी शुरू कर दी। जब परिवारवाले इन गोलियों को खाकर बेहोश हो जाते थे, तो वो सलीम को अपने घर बुला लिया करती थी। लेकिन ज्यादा दिनों तक ऐसा कर पाना संभव नहीं था। जिसके बाद शबनम और सलीम ने मिलकर इस खूनी खेल की साजिश रची। 14 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने परिवारवालों को नींद की गोली दी और सुला दिया। इस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी वहां पर आई हुई थी। जब परिवारवाले नशे की हालत में सो रहे थे, उसी दौरान इन दोनों ने मिलकर शबनम के पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया और दस महीने के भतीजे अर्श का गला काटकर इन सभी को मौत की नींद सुला दिया।

घटना को अंजाम देने के बाद सलीम फरार हो गया। सुबह जब शबनम  ने शोर मचाया, तो गांववाले इकट्ठा हुए। जब ग्रामीणों ने घर में 7 सिर कटी हुए लाशें देखीं तो आंखे फटी की फटी रह गई। शबनम ने इस दौरान कहा कि बदमाशों के घर में घुसकर इस वारदात को अंजाम दिया। लेकिन शक की सुई शबनम के इर्द-गिर्द ही घुमती रहीं। घटना के चौथे दिन पुलिस ने शबनम और सलीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो दोनों ने अपने गुनाह को कबूल कर लिया। इस मामले में स्थानीय अदालत ने शबनम और सलीम को फांसी की सजा सुनाई। सर्वोच्च अदालत ने भी सजा को बरकरार रखा और राष्ट्रपति ने भी दया याचिका ठुकरा दी। 

इस 10 हजार कमरे वाले होटल में आज तक नहीं ठहरा कोई भी महमान, वजह जानकर रह जाएंगे दंग…

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दुनिया में एक से बढ़कर एक बेहतरीन होटल हैं, जो देखने में जितना अच्छा और सुंदर होता है उसके दाम भी उतने ही ज्यादा होते हैं, इसलिए तो ऐसे आलीशान होटलों में रहने भी हर किसी के लिए मामूली बात नहीं है. आम आदमी के लिए तो बहुत ही मुश्किल होता है कि वो ऐसे खूबसूरत होटल्स में रह सकें. वहीं आज हम आपको एक ऐसे होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें अमीर व्यक्ति जा तो सकता है लेकिन जाता नहीं है, तो आइए आपको बताते हैं ऐसा क्या है उस दस हजार कमरे वाले होटल में जहां कोई जाना ही नहीं चाहता है…

हम जिस होटल की बात कर रहें हैं वो पिछले कई सालों से गेस्ट न आने की वजह से खंडर में तब्दील हो चुका है. इस होटल के कमरे आज भी खाली पड़े हैं, ये अपने मेहमानों का इंतजार कर रहा है. बता दें कि ये होटल जर्मनी के बाल्‍टिक सागर के आइलैंड पर स्थित है, जिसमें 10,000 बेडरूम हैं. अब आपके मन जरूर ये प्रसन्न आ रहा होगा कि ये इतना बड़ा होटल आखिर क्यों वीरान पड़ हुआ है और यहां कोई रूकने क्यों नहीं आता है.

आपको बता दें कि इस 10 हजार कमरे वाले होटल को लेकर ये कहा जाता है कि कहा जाता है कि ये नाजी शासन के दौरान साल 1936 से 1939 के बीच में बनवाया गया था. इसे बनाने में 3 साल लगे थे, जिसे 9 हजार लेबरफोर्स ने मिलकर तैयार किया था. अगर बात की जाए इस होटल की खासियत की तो इसमें एक जैसी आठ बिल्‍डिंगें बनाई गई थीं, इनमें से सभी बिल्‍डिंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है.

सूत्रों का कहना है कि जर्मनी के तानाशाह एडोल्‍फ हिटलर इस जगह पर पहले घुमावदार सी रिसॉर्ट बनाने की इच्छा रखी थी. वो चाहते थे कि एक ऐसा सी रिसॉर्ट हो जो दुनिया का सबसे बड़ा रिसॉर्ट कहलाए. जिसे लेकर उन्होंने हर तरह की योजना भी बनानी शुरू कर दी थी, लेकिन इससे पहले वो अपनी इस योजना पर कायम करते दूसरा वर्ल्‍ड वॉर शुरू हो गया था.

अगर बात की जाए इस होटल की खूबसूरती की तो इतना पुराना और वीराना होने के बाद भी इसकी बिल्‍डिंग बहुत खूबसूरत है. हलांकि इस बिल्‍डिंग के कुछ ही ब्‍लॉक ठिक हैं बाकि सभी ब्‍लॉक्स तो खंडहर में तब्‍दील हो चुके हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके एक ब्लॉक में साल 2011 में चार सौ बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया गया है.

क्या आप जानते हैं कैलाश पर्वत के ये रहस्य, जानकर नासा भी रह गया हैरान

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शिव की भूमि कहलाए जाने वाले कैलाश पर्वत को भारतीय और चीन के लोग काफी पूजनीय मानते है. हिमालय में स्थित सबसे रहस्यमय पर्वत कैलाश पर्वत है. जिसके बारे में आज भी कई रहस्य हैं, जिसका पता कोई भी नहीं कर सका है. सदियों से कैलाश पर्वत दुनिया के आकर्षण का केंद्र रहे हैं, इन पर कई वैज्ञानिक इसका रिसर्च तक कर रहे हैं. वहीं आज हम आपको कैलाश पर्वत के ऐसे रहस्य बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं…

धरती का केंद्र

धरती के एक तरफ उत्तरी ध्रुव है तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।

पिरामिड नुमा आकार

आपको बता दें कि एक विशालकाय पिरामिड कैलाश पर्वत है, जो सौ छोटे पिरामिडों का केंद्र है. इसकी संरचना कम्पास के चार दिक् बिंदुओं के समान है, जो एकांत जगह पर स्थित है, जिस जगह कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है.

शिखर पर नहीं चढ़ सका कोई

ये तो आप जानते ही होंगे कि माउंट एवरेस्ट पर कई लोग कामयाबी हासिल कर चुके है लेकिन शायद आपको इस बात की जानकारी न हो कि आज तक कोई भी ऐसा शख्स नहीं है जो कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ा हो.

पर्वत के पास रोशनी का चमकना

इस बात का दावा किया जाता है कि कैलाश पर्वत पर कई बार सात तरह की लाइटें आकाश में चमकती हुई नजर आई हैं. जिसे जानकर नासा भी हैरान है और उसका मानना है कि शायद ऐसा यहां के चुम्बकीय बल की वजह से होता है. हो सकता है कि यहां का चुम्बकीय बल आकाश से मिलकर बहुत बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता हो.

सभी नदियों का उद्गम स्थान

कैलाश पर्वत की चारों दिशाओं से चार नदी ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज और करनाली का उद्गम हुआ है, जिनमें से गंगा, सरस्वती के साथ-साथ चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं. बता दें कि कैलाश की चारों दिशाओं में तरह-तरह के जानवरों का मुख हैं- उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है,पूर्व में अश्वमुख है और पश्चिम में हाथी का मुख है, इनमें से नदियों का उद्गम होता है.

अपने बाथरूम में लगवाएं ऐसी शानदार टाइल्स, जिसे देखकर हर कोई रह जाएगा हैरान

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उस दुनिया में हर किसी का सपना होता है कि उसका एक घर हो जो किसी महल से कम न लगे और उस घर को सजाने के लिए हर कोई अपनी जेब के अनुसार खर्चा कर महल बनाने की पूरी कोशिश करता है. बाजारों में भी एक से बढ़कर एक शानदार चीजें उपलब्ध हैं जिससे हमारा घर में बेहतरीन लग सकता है. आजकल लोग अपने घर में हर साल पेन्ट करवाने की आलास कहें या फिजूल खर्चों से बचने के लिए एक बार ही अच्छी टाइल्स लगवाना पसंद करते हैं. वहीं अगर आप भी अपने घर में टाइल्स लगवाने की सोच रहे हैं या फिर नए डिजाइन को लेकर कंफ्यूज हैं तो आज जो हम आपको पांच शानदार टाइल्स दिखाने जा रहे हैं, उसे देखने के बाद तो आप आज ही उसे अपने घर में लगवाना चाहेंगे, तो आइए बताते हैं…

इस तस्वीर को देखकर तो एक बार आपका भी दिमाग घूमा होगा कि ये टाइल है या फिर समुन्द्र के पानी का बहाव. इस देखकर तो वैसे ये ही लगता है कि किसी ने समुन्द्र के ऊपर बाथरूम बनाया हो, इतना ही नहीं ऐसा भी कलपना की जा सकती है कि इस पर चले तो हम पानी में डूब जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं आप इन टाइल्स पर नार्मल तरिके से चल सकते हैं, ये देखने में बेहद यूनिक और खूबसूरत है, जिसे पत्थर के टुकड़ो पर बनाया गया है.

इस शार्क के प्रिंट वाली टाइल्स को देखकर तो कोई बी डर सकता है. जिसे देखकर ऐसा लगता है मानों अगर हम बाथरूम के अंदर गए तो ये बड़ी शर्क हमें खा ही जाएगी, लेकिन आपको बता दें कि ऐसा कुछ भी नहीं है ये एक थ्री डी वाली शानदार कलाकारी से बनी टायल्स हैं.

 

आपको इसे देखकर ऐसा लगेगा जैसे नीचे घुमावदार सीडीया है, जिस पर पैर रखते ही हम नीचे गिर जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा क्योंकि ये केवल नॉर्मल टाइल्स है, जिन्हें इस तरह से कलाकारों ने तैयार किया है. आप चाहें तो अपने बाथरूम को भी इस टाइल्स की मदद से अट्रैक्टिव और यूनिक लुक दे सकते है.

गोल आकर और अलग-अलग तरह के पत्थरों वाली ऐसी टायल्स को आप अपने दीवारों और छत पर लगाकर एक शानदार बाथरूम में बदल सकते हैं. इस लुक से आपका बाथरूम बहुत यूनिक लुक लगेगा.

इस बाथरूम की टाइल्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसे देखकर ऐसा लग रहा कि यहां एक बहुत गहरी गुफा है. अगर इस पर किसी ने पैर रखा तो वो नीचे गिर जाएगा, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं होगा क्योंकि ये एक तरह की टाइल्स है. आप चाहें तो अपने बाथ्ररूम में यूनिक लुक और शानदार बनाने के लिए इस तरह की टाइल्स लगवा सकते है.

यहां अभी तक इन दो नेताओं का शव रखा हुआ वैसे ही सुरक्षित, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

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उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग को शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जो न जानता हो, इनकी पहचान के लिए तो केवल नाम ही काफी है. ये सदैव अपने देश में परमाणु हथियारों के निर्माण को लेकर चर्चा में बने रहते हैं. वहीं आज हम आपको इनके बारे में ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे, शायद आपको इस बात पर यकीन न हो, लेकिन ये सच है कि इन्होंने अपने पिता और दादा के शवों को आज तक सुरक्षित रखा हुआ है.

दरअसल, किम जोंग के पिता किम जोंग इल और उनके दादा किम जोंग इल सुंग के शव आज भी पहले की तरह वैस ही सुरक्षित रखे हुए हैं. आपको बता दें कि एम्बामिंग की मदद से शवों को लचीला और त्वचा को जवां बनाए रखा जा सकता है, जिसके चलते किम जोंग ने भी अपने पिता और दादा के शवों को कुमसुसन मेमोरियल पैलेस में सुरक्षित रखा हुआ है. बता दें कि इस पैलेस को विशेष तौर पर इन दोनों नेताओं के शवों के लिए ही बनवाया गया था.

जानकारी के अनुसार यहां पर इस तरह का रिवाज भी है, जिसके दौरान जो भी व्यक्ति कुमसुसन पैलेस के पास जाएगा उसे इन शवों के सामने 3 बार झुकना होगा. इसके अलावा इसमें खासियत ये है कि कुमसुसन मेमोरियल पैलेस की सुरक्षा भी की जाती है. जिसके लिए वहां पर 24 घंटें सैकड़ों जवान तैनात रहते हैं.

आपको बता दें कि किम जोंग के पिता और दादा के शवों को हर 2 साल पर एम्बामिंग किया जाता है, साल 2016 में मॉस्को में रिलीज की गई एक रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों के शवों की पहली बार एम्बामिंग में लगभग दो लाख डॉलर यानी एक करोड़ 41 लाख रुपये तक का खर्च आया था.

सूत्र के मुताबिक इन शवों को लेनिन लैब के वैज्ञानिक टीम ने ही संरक्षित रखा हुआ है. बता दें कि 1924 में रूसी नेता व्लादिमीर लेनिन का अंतिम संस्कार नहीं किया गया था और उनके शव की एम्बामिंग इन वैज्ञानिकों ने ही की थी, आज भी ये मॉस्को के रेड स्कवेयर में रखे हुए हैं. वहीं अब इन वैज्ञानिकों की टीम किम जोंग के पिता और दादा के शवों को भी एम्बामिंग से सुरक्षित रखा हुआ है.

रहस्यों से भरे इस आईलैंड में साल में केवल 1 बार जाने की है इजाजत, जानकर आप हो जाएंगे ...

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इस दुनिया में एक नहीं दो नहीं बल्कि कई ऐसी जगह हैं, जो रहस्यों से भरी हुई हैं, जिनमें से कुछ रहस्यों की गुत्थी सुलझाना मुश्किल नहीं है लेकिन कई तो ऐसे रहस्य हैं जो चाहकर भी सुलाझाए नहीं सुलझते हैं. वहीं कई रहस्यमई आईलैंड दुनिया में मौजूद हैं. जिनमें कुछ ऐसी चीजे होती हैं जिसके बारे में केवल जाकर ही काफी हैरानी होती है, उसे देखने के बारे में तो कोई सोच भी नहीं सकता. आज हम आपको स्कॉटलैंड के एक रहस्यमयी आइलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे तो आइए आपको बताते हैं…

हम बात कर रहें स्कॉटलैंड के एक ‘आइनहैलो द्वीप’ नाम का एक आईलैंड की. ये आईलैंड या द्वीप दिल के आकार का है. ये देखने में इतना ज्यादा खूबसूरती है कि ये हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है, लेकिन यहां जाना इतना आसान नहीं है आप यहां साल में केवल 1 दिन ही जा सकते हैं क्योंकि यहां 1 दिन जाने की ही इजाजत है. यानि कि आप साले के 365 दिनों में से 364 दिन यहां पर नहीं जा सकते.

ये द्वीप इतना ज्यादा छोटा है कि आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसे नक्शा में ढूंढना भी बहुत ही मुश्किल है. वहीं इस आईलैंड को लेकर कई रहस्यमयी कहानियां भी प्रचलित हैं. इतना ही नहीं पौरणिक कथाओं के मुताबिक ये आईलैंड भूत-प्रेतों का है. इनके अनुसार यहां कई बुरी आत्माओं का साया है. जिसके चलते अगर कोई भी व्यक्ति इस आईलैंड पर जाने का प्रयास करता है तो ये बुरी आत्माएं इस आईलैंड को हवा में गायब कर देती हैं.

इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि इस आईलैंड पर जलपरियां भी रहती हैं, जो केवल गर्मी के मौसम में ही पानी से बाहर आती हैं. वहीं अगर स्कॉटलैंड के हाइलैंड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेन ली की मानें तो कई हजारों साल पहले यहां लोग रहते थे, लेकिन साल 1851 में प्लेग की बीमारी फैलने की वजह से यहां रह रहे लोगों ने इस आईलैंड को छोड़कर कहीं और चले गए. वहीं इस आईलैंड से और कोई अन्य जानकारी नहीं है जैसे कि ये कब बना था इत्यादि लेकिन इन सभी बातों में कितनी सच्चाई है ये कह पाना थोड़ा मुश्किल है.

गदे के आकार वाला छतरपुर का रहस्यमयी कुंड है बेहद खास, इसकी गहराई का पता लगाने में वैज...

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इस रहस्यमय दुनिया (Mysterious world) में कई एक से बढ़कर एक रहस्य हैं जिससे आम लोग क्या वैज्ञानिक तक अंजान है. वो लाख कोशिश के बाद भी कई ऐसे रहस्य हैं जिनका आज तक पता नहीं लगा सकें हैं. अगर बात करें भारत की तो यहां भी कई ऐसी अद्भुत चीजें है जो बहुस रहस्यमयी हैं. उनमें से एक है महाभारत काल से संबंधित छतरपुर का रहस्यमयी कुंड (Mysterious pool), जिसकी गहराई का पता लगाने में वैज्ञानिकों के यंत्र तक फेल हो चुके हैं, आइए इस कुंड के बारे में विस्तार से बताते हैं…

दरअसल, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतपुर जिले के लगभग 70 किमी. दूर स्थित बाजना गांव में मौजूद भीम कुंड (Bheem Kund) की. जिसे देखने के लिए काफी दूर-दूर से लोगों आया करते हैं. महाभारत काल (Mahabharat Kaal) से संबंधित इस कुंड को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसकी गहराई इतनी ज्यादा है कि इसे नापने के लिए लगाए गए कई वैज्ञानित यंत्र तक फेल हो चुके हैं. इतना ही नहीं इसकी सही जानकारी अभी तक किसी को नहीं मिल सकी है.

पौराणिक धर्म ग्रंथों की मानें तो उसके मुताबिक महाभारत काल के दौरान जब पांडव (Pandav) अज्ञातवास पर थे. उस दौरान वो जल की तलाश में यहां पहुंचे थे मगर यहां पर जल का कोई स्त्रोत नहीं था, तब भीम ने अपना गदा लिया और उसको जमीन पर मारकर यहां कुंड बनाया था. जिसके बाद से ये कुंड देखने में बिल्कुल गदे की तरह बन गया है.

इसके अलावा इस कुंड से जुड़ी एक और मान्यता है कि जब भी भारत पर कोई प्राकृतिक आपदा या संकट आने वाला होता है तो उससे पहले ही इस कुंड का पानी बढ़ने लगता है. कुंड में बढ़ते पानी के स्तर को देख लोग खतरे का अंदाजा लगा लेते हैं.

आपको बता दें कि भीम कुंड बहुत रहस्यमयी है. यहां तक कि वैज्ञानिक तक इस कुंड की गहराई की गुत्थी को सुलझा नहीं सके हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि इस कुंड की गहराई नापने के लिए डिस्कवरी चैनल ने कई उपकरण लगाए थे. इतना ही नहीं वैज्ञानिकों की पूरी एक टीम ने भी इस कुंड की जांच की थी. हालांकि हर हथकंडे अपनाने के बाद भी उन सभी के हाथ निराशा ही लगी.

बता दें कि एक बार विदेशी वैज्ञानिकों द्वारा भीम कुंड की गहराई का पता लगाने के लिए उन्होंने 200 मीटर तक पानी में कैमरा भेजा था, लेकिन उसके बाद भी पानी की गहराई का पता न लग सका. इस कुंड को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि इसका पानी गंगा के जैसे पूरी तरह से पवित्र है और ये कभी भी खराब नहीं होता है.

कहीं टॉयलेट का फ्लश दबाना तो कहीं उदास रहना है जुर्म, जानिए दुनिया के ये अजीबो-गरीब क...

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दुनियाभर में हर देश के अपने ही नियम कानून होते है और किसी देश को चलाने के लिए ये होना भी जरूरी है. वहीं, कुछ ऐसे भी देश हैं जहां के कानून काफी मजेदार है या यूं कहें कि बेहद अजीबो-गरीब हैं. सोचिए अगर वॉशरूम जाने या फिर उदास होने पर आपको जुर्माना भरना पड़े तो? इतना ही नहीं एक देश में तो जन्मदिन भूल जाने तक पर जेल की हवा खानी पड़ सकती हैं, आइए आपको कुछ ऐसे ही देशों के बारे में बताते हैं जहां दुनिया के बड़े ही अजीबो-गरीब कानून हैं…

टॉयलेट का फ्लश दबाना जुर्म

इन दुनिया के बड़े ही अजीबो-गरीब कानून में सबसे पहले जिस देश का नाम आता है वो है स्विट्जरलैंड (Switzerland) क्योंकि यहां का कानून सच में ही काफी अनोखा है. बता दें कि स्विट्जरलैंड में रात के 10 बजे के बाद टॉयलेट का फ्लश दबाना वर्जित है. अगर कोई इस नियम का पालन नहीं करता तो उसको सजा भी हो सकती है.

पत्नी का बर्थडे भूलना होता है जुर्म

अमेरिका (America) के समोआ द्वीप के नियम के मुताबिक अगर कोई पति (Husband) अपनी पत्नी (Wife) का जन्मदिन भूल जाता है तो उसकी यहां पर खैर नहीं होती है. बता दें कि यहां अपनी पत्नी का जन्मदिन भूल जाना बड़ा अपराध माना जाता है. ऐसे में जेल तक हो सकती है.

गाड़ी में पेट्रोल खत्म होना जुर्म

जर्मनी (Germany) में एक कानून के हिसाब से अगर आपकी गाड़ी में पेट्रोल खत्म हो जाता है और आप सड़क पर गाड़ी को खींचते हुए जाते हैं तो ये गैर-कानून माना जाता है. इस कानून के पीछे का तर्क ये है कि ऐसे करने पर सड़क पर दूसरे ड्राइवर्स का ध्यान भटकता है और फिर दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है. इस कानून का उल्लंघन करने पर आपके ऊपर 65 पाउंड का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

यहां उदास होने पर है सजा 

इटली (Itlay) के मिलान (Milan ) शहर में काफी ही अजीब कानून है. इसके मुताबिक यहां के लोगों को हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कान रखनी होती है, ऐसे में अगर कोई इस नियम का पालन नहीं करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है, यहां तक की जेल की सजा भी हो सकती है. हालांकि अंतिम संस्कार और अस्पताल में आप उदास हो सकते हैं यहां हंसना जरूरी नहीं है.

नहीं कर सकते अपने घर में बिजली से जुड़ा काम

ऑस्ट्रेलिया (Australia) के विक्टोरिया में आप अपने घर में बिजली का छोटा-मोटा काम जैसे बल्ब या ट्यूबलाइट बदलने का काम खुद नहीं कर सकते हैं. ऐसा करना गैरकानूनी है. यहां इस काम को सिर्फ क्वालिफाइड इलेक्ट्रिशियन ही कर सकता है. जो इस कानून का उल्लंघन करता है उसे 10 ऑस्ट्रेलियन डॉलर यानी लगभग 500 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.

अच्छी खबर: इन जगहों पर अब मकान का नक्शा पास कराना हुआ बेहद सस्ता, जानिए नई दरें…...

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अगर आप मोदीनगर, मुरादनगर और लोनी में घर बनाने की
प्लानिंग कर रहे है
, तो आपके लिए एक गुड न्यूज है।इन तीनों क्षेत्रों में घर
बनाने के लिए नक्शा पास कराना पहले से सस्ता होगा। दरअसल
, गाजियाबाद विकास
प्राधिकरण (
GDA) ने तीनों क्षेत्रों में घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने
को लिए जो विकास शुल्क लिया जाता है
, उसे 3314 रुपये से कम करके अब 1200
रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया है। हालांकि इन इलाकों को छोड़कर शहरी क्षेत्र की
दरों में कोई भी बदलाव नहीं हुआ।

दरअसल,
बीते महीने योगी सरकार की  कैबिनेट बैठक में मोदीनगरमुरादनगर और लोनी में GDA से नक्शा पास कराने को लेकर जो विकास शुल्क लिया जाता है, उसे घटाने का
फैसला किया गया। अब इस फैसले की अधिसूचना मिलने के बाद नई व्यवस्था लागू की गई है।
इस फैसले से इन तीन जगहों से लोगों में जो भी कोई घर बनाने का प्लान बना रहा होगा
, उसे काफी राहत
मिलेगी। अब नक्शा पास कराने के लिए 1
,200 रुपये प्रति वर्ग मीटर के
हिसाब से विकास शुल्क देना होगा। सरकार की तरफ से विकास शुल्क में तीनों क्षेत्रों
में 2
,114 रुपये प्रति वर्ग मीटर की कटौती से लोगों को काफी
सहूलियत मिलेगी।

अधिकारियों की मानें तो GDA की तरफ से अलग अलग जोन के लिए हर महीने 800 से भी ज्यादा नक्शे पास
कराए जाते हैं। लेकिन शहरी क्षेत्रों में नक्शा पास कराने वालों की संख्या 80
प्रतिशत है। फिलहाल की अगर बात करें तो इन तीन जगहों मोदीनगर
, मुरादरनगर और
लोनी में नक्शा पास कराकर मकान बनाने कराने वालों की संख्या बेहद ही कम है। नक्शा
पास कराने के लिए विकास शुल्क की दरें जो घटाई गई है
, उससे GDA को ये उम्मीद है कि इन तीनों
क्षेत्रों में भी नक्शा पास कराकर ही निर्माण करने को बढ़ावा मिलेगा। इससे
 GDA की कार्रवाई का डर खत्म होने के साथ ही प्राधिकरण की आय
में भी इजाफा होगा।

इस फैसले से यहां अवैध निर्माण रुकने की भी संभावनाएं है।
दरअसल
, मोदीनगर,
मुरादनगर और लोनी में  जो लोग मकान बनवाते है, उनमें से अधिकतर प्राधिकरण से
नक्शा पास नहीं कराते है। लेकिन अब नक्शा पास कराने के विकास शुल्क में हुई कटौती
के बाद इसे बढ़ावा मिलने के आसार है। बता दें कि जिले के शहरी क्षेत्र में नगर
निगम और मोदीनगर
, मुरादनगर में नगर पालिकाएं काम करती है।

2018 में GDA ने बोर्ड बैठक में इन जगहों पर नक्शा पास कराने के लिए जो
विकास शुल्क लिया जाता है
, उसे कम करने की मांग सरकार से की थी। इस मांग को मानते हुए अब नई
व्यवस्था लागू की गई।
 

गलती से दूसरे अकाउंट में भेज दिए हैं पैसे, तो न लें टेंशन, इन सिंपल तरीकों से वापिस प...

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ये डिजिटल युग है। आज के समय में ऑनलाइन बैंकिंग को ज्यादा बढ़ावा मिल रहा है। केंद्र सरकार का मानना है कि इससे लोगों को समय और धन दोनों की बचत होगी। पेटीएम, फ़ोन पे और मोबाइल बैंकिंग की शुरुआत के बाद लोग इसका यूज़ भी काफी हद तक कर रहे हैं। लेकिन कभी कभी हड़बड़ाहट में आप पैसे ट्रांसफर करते समय गलत अकाउंट नंबर की एंट्री कर देते हैं। 

जिस वजह से रुपये किसी और के खाते में चले जाते है। इस वजह से लोगों को बेवजह भारी नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ता है और गलती से रुपये पाने वाले की लॉटरी लग जाती है।  ऐसे में ये गलती होने पर आपको तत्काल कुछ कदम उठाने की बेहद ज़रुरत है जिससे आपको अपने रुपये वापिस मिल सकते हैं।

तत्काल करें पुष्टि 

पैसे ट्रांसफर करने के तुरंत बाद ये सुनिश्चित कर लें कि भेजा गया अमाउंट सही जगह गया है या नहीं। इसके लिए आप रिसीवर को कॉल कर के पुष्टि कर सकते हैं। रिसीवर को पैसे न मिल पाने की स्थिति में आपके द्वारा भरा गया नाम, पता, अकाउंट नंबर एक बार दोबारा से जांच लें। इससे आपको पता चल जाएगा कि आपसे कहां गलती हुई है।

बैंक को सूचित करें 

ऐसा होने की स्थिति में बैंक को तुरंत सूचना दें। साथ ही जिस अकाउंट में गलती से पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उसकी जानकारी भी बैंक को लिखित रूप में दें। साथ ही असली रिसीवर की डिटेल्स भी बैंक को दें। अपने ट्रांजेक्शन की तारीख और समय भी बैंक को बताएं।

हो जाता है रिफंड 

ऐसा भी कई बार हो जाता है कि पैसा कटने के बाद वापिस आपकी वॉलेट या बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है।  हालांकि इसके लिए कुछ समय लग सकता है। इसकी जानकारी के लिए बैंक के ब्रांच मैनेजर को फ़ोन करें। ये पता लगाएं कि किस गलत खाते में आपका ट्रांजेक्शन हुआ है। पैसे वापिस आने की आशंकाएं तब ज्यादा बढ़ जाती हैं जब आपने सेम बैंक की किसी ब्रांच में पैसे ट्रांसफर किये हैं।

2 महीने करना पड़ेगा इंतज़ार 

बात अगर किसी अलग बैंक के ब्रांच की है, तो आपके पैसे वापिस आने में 2 महीने का वक़्त लग सकता है। हालांकि इससे कम समय सीमा में भी आपका काम हो सकता है। आपको बैंक से ये पता करना होगा कि शहर की किस ब्रांच में आपके पैसे गए हैं। अगर ये पता चल जाए तो आप इस ब्रांच में बात कर के भी अपनी रकम वापिस पा सकते हैं।