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बौनों का रहस्यमय गांव: यहां मौजूद है 80 से भी ज्यादा छोटे घर, अब हालत हो चुकी है कुछ ...

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बचपन से ही हम सभी बौने इंसानों से जुड़ी कई कहानियां और किस्से सुना करते हैं, जिन्हें जानकर मन में सबसे पहले ये ही ख्याल आता है कि क्या सच में बौनों का एक अपना ही एक अलग शहर है? यहां तक बौनों की दुनिया को लेकर ये भी कहा जाता है कि वो पताल लोक में रहते हैं जो धरती से कई नीचे बसा हुआ है? इस तरह की सभी बाते एकदम बनावटी लगती होंगी, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे ही सच से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिसके बाद बौनों को लेकर आपकी सोच एकदम बदल जाएगी, तो आइए जानते हैं…

दरअसल, आज से लगभग डेढ़ सौ साल पहले ईरान के एक गांव में बौने लोगों का डेरा था. जहां वो रहते थे उस गांव का नाम ‘माखुनिक’ है, ये ईरान-अफगानिस्तान सीमा से लगभग 75 किलोमीटर दूर है. ऐसा कहा जाता है कि मौजूदा समय में ईरान के लोगों की जितनी आमतौर पर लंबाई है, उससे लगभग 50 सेंटीमीटर कम लंबाई के लोग माखुनिक गांव में रहते थे.

25 सेंटीमीटर की मिली थी ममी

साल 2005 में जब इस गांव में खुदाई की गई तब यहां एक ममी मिली थी जिसकी लंबाई केवल 25 सेंटीमीटर थी. जिसके बाद ये यकीन पुख्ता हो गया कि यहां पर बेहद कम लंबाई के लोग रहते थे. वो बात अलग है कि कुछ जानकार का कहना है कि ये ममी समय से पहले पैदा हुए किसी बच्चे की भी हो सकती है. कुछ जानकार इस बात पर विश्वास नहीं करते कि माखुनिक गांव के लोग बौने थे.

आपको बता दें माखुनिक गांव ईरान के दूरदराज का एक सूखा क्षेत्र है. यहां पर थोड़े अनाज, जौ, खजूर, शलजम और बेर जैसे फलों की ही खेती की जाती थी और यहां के लोग पूर्ण रूप से शाकाहारी थे. वहीं, शरीरारिक विकास हेतु जिन पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता होती है वो इस क्षेत्र के लोगों को नहीं मिली थी. जिसके चलते वहां उस समय के लोगों का शारीरिक विकास ठीक तरह से नहीं हो पाया था.

खान-पान में बदलाव के बाद बड़ी लोगों की लंबाई

पहले ये गांव ईरान के दीगर आबादी वाले क्षेत्रों से काफी कटा हुआ था. इस गांव तक कोई भी सड़क नहीं आती थी, लेकिन 20वीं सदी के मध्य में जब इस क्षेत्र तक सड़कें बनी, तो  यहां के लोगों ने ईरान के बड़े शहरों में आने की शुरूआत कर काम करना शुरू किया. जिसके चलते बदले में वो अपने गांव में यहां से चावल और मुर्गे लेकर जाते थे. इस तरह से यहां के लोगों के खान-पान में धीरे-धीरे बदलाव आने लगा. जिसके चलते अब यहां करीब 700 लोग लंबाई वाले हैं, हालांकि इस गांव में बने पुराने घर इस बात की याद दिलाते हैं कि किसी समय पहले यहां बेहद कम लंबाई वाले लोग रहते थे.

घरों की ऊंचाई है काफी छोटी

माखुनिक गांव में लगभग 200 घर हैं, इनमें से 70 से 80 ऐसे घर हैं जिनकी ऊंचाई काफी कम केवल डेढ़ से दो मीटर ही है, घर की छत 1 मीटर और 4 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर है. इसके अलावा यहां 10 से 14 वर्ग मीटर का एक भंडार घर भी है, इसे ‘कांदिक’ कहा जाता था और इसमें विशेष तौर पर अनाज रखा जाता था. वहीं, इन छोटे घरों से ये तो साफ है कि यहां कम लंबाई वाले लोग रहते थे.

अगर जानकारों की माने तो उनके अनुसार छोटे घर बनने की पीछे की वजह ये है कि यहां का सड़कों से जुड़ाव नहीं था और घरेलू जानवरों की सहयाता से गाड़ियों पर सामान खींचकर लाना बेहद आसान नहीं थी. जिस वजह से लोगों को घर बनाने के लिए अपनी पीठ पर सामान लादकर लाना पड़ता था. शायद इसलिए यहां के लोग बड़े घर बनाने से कतराते थे.

वहीं, अब इस गांव की हालात पहले बहुत हद तक बदल चुकी है. सड़क बन जाने की वजह से इस गांव के लोग ईरान के दूसरे इलाकों से भी जुड़ गए है, लेकिन इन सबके बाद भी यहां जीवन बीताना आसान नहीं है क्योंकि सूखे के चलते यहां बहुत कम खेती होती है. इतना ही यहां के लोगों को अपना घर-बार तक छोड़कर दूसरे इलाकों में जाना पड़ता है. यहां रह रहे लोगों की जिंदगी सरकार से मिलने वाली सब्सिडी पर निर्भर करती है. वहीं, इस गांव का आर्किटेक्ट बहुत अनूठा है, इसलिए कुछ जानकारों को ये उम्मीद है कि इस गांव में सैलानियों की तादाद बढ़ेगी और यहां के लोगों के लिए रोजगार भी बढ़ेगा.

जिन लोगों के इस अंग पर पाया जाता है तिल वो होते हैं बेहद भाग्यशाली, जानिए…

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हिन्दू धर्म में कई शास्त्र होते हैं, जिनका अपना ही अलग-अलग महत्व होता है. जिनके अनुसार अगर कोई व्यक्ति कार्य करता है या फिर उसमें बताई गई बताओं को अपनाता है, तो उनके जीवन में कई अच्छे बदलाव हो सकते हैं. वहीं कई शास्त्रों में से एक ज्योतिष शास्त्र भी है, जिनमें बताया गया है कि व्यक्ति की हथली के रेखाओं के अलावा उनके अंगों पर तिल को देख कर भी उनके स्वभाव को समझा जा सकता है, साथ ही भविष्य के बारे में बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है.

ऐसे कई लोग हैं जो अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए हथेली की रेखाओं का सहारा लेते है, तो कुछ ऐसे भी हैं जो अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए अपने नाम क सहारा लेते है, लेकिन आज हम आपको शरीर के तिल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको जानकारी हो.

ये तो आप जानते ही होंगे कि बहुत से लोगों के होठों पर तिल होते हैं, तो कुछ के गालों पर तिल होते हैं लेकिन आज हम आपको व्यक्ति की छाती पर एकदम बीच में तिल होने के बारे में बता रहे हैं. आपको बता दें कि ऐसे बहुत कम लोग हैं जिनकी छाती पर बीच में तिल होता है. तो आइए आपको ऐसे लोगों के बारे में बताते हैं, जिनकी छाती पर तिल होता है…

  • ऐसे लोग जिनकी छाती पर तिल होता है वो बहुत ही भाग्यशाली होते हैं. इन लोगों का समाज में एक अलग ही मुकाम बनाता है.
  • ये लोग दिल के बहुत अच्छे होते हैं और दूसरे लोगों के लिए वो प्यार भाव रखने वाला होता है.

  • जिनके छाती पर तिल होता है वो लोग खूबसूरती के प्रति बहुत आकर्षण भरे रहते हैं और ऐसे लोगों को हर कोई पसंद करता है.
  • जिन लोगो के छाती पर तिल होती है वो व्यक्ति जिस काम को शुरू करते है उस काम में वो लोग सफल जरूर होते है.
  • ऐसे लोग जिनकी छाती पर तिल होता है वो किसी भी कार्य को करने में जल्दबाजी नहीं करते हैं और हर काम आराम और शांत दिमाग से करना पसंद करते हैं. इसलिए इनका हर कार्य देर से ही भले लेकिन पूर्ण जरूर होता है.

ओवैसी के नाम पर भड़की ममता बनर्जी, कहा- उन्हें पॉपुलर करने में क्यों जुटी है मीडिया?

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पश्चिम बंगाल में आने वाली कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर बंगाल से दिल्ली तक की राजनीतिक गलियारों में हलचले काफी तेज है। सत्तारुढ़ टीएमसी और विपक्षी दलों के बीच जमकर बयानबाजियां हो रही है। देश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी बंगाल में सत्तारुढ़ टीएमसी को टक्कर देने की कोशिशों में लगी है।

बंगाल चुनाव में टीएमसी की लड़ाई बीजेपी, कांग्रेस, एआईएमआईएम और वामपंथी दलों के साथ-साथ क्षेत्रीए पार्टियों से है। खबरों की मानें तो इस बार बंगाल में टक्कर कमाल की होने वाली है। इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी को निशाने पर लिया है।

मीडिया उन्हें लोकप्रिय बनाने में क्यों जुटी है

बीते दिन गुरुवार को एक प्राइवेट मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान ममता बनर्जी ने ओवैसी पर जोरदार हमला बोला। ओवैसी से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मीडिया उन्हें इतना लोकप्रिय बनाने में क्यों जुटी है? उन्होंने कहा, ‘उसका नाम लेकर इतना पॉप्युलर क्यों करते हैं टीवी पर, नाम क्यों लेते हैं?’

ममता ने कहा, ‘अगर वह बंगाल आना चाहते हैं तो आने दीजिए, खाने दीजिए, बोलने दीजिए, रहने दीजिए, उससे कोई दिक्कत नहीं है।‘ सीएम ने आगे कहा कि इन लोगों का नाम लेकर आप इनकी पॉपुलारिटी बढ़ा देते हैं।

बिहार की तरह बंगाल में भी मदद करेंगे ओवैसी- बीजेपी सांसद

बता दें, बंगाल में AIMIM की एंट्री पर टीएमसी के वोटबैंक में सेंधमारी की संभावनाएं जता रही है। बिहार में ऐसा हो चुका है जिसे लेकर कई तरह के सवाल भी उठे थे। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने हिस्सा लिया था और 5 सीटों पर जीत हासिल की थी।

वहीं, कई अन्य सीटों पर AIMIM के नेताओं के चुनाव लड़ने से महागठबंधन के नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार से चूक गई थी। जिसे लेकर विपक्षी पार्टियों ने ओवैसी पर सवाल भी उठाए थे। उन्नाव लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ओवैसी ने बिहार में भाजपा की मदद की थी…और बंगाल में भी मदद करेंगे।

ऐसे में बंगाल में ममता बनर्जी के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही है। ममता बनर्जी पिछले 2 बार से प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते आ रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में 293 सीटों वाले बंगाल में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत हासिल किया था।

‘घुटन…मेरी आत्मा कह रही है…’ ये बड़ी बातें बोलकर दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से ममता ब...

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पश्चिम बंगाल में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जहां एक तरफ राज्य में बीजेपी ने ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। तो वहीं दूसरी ओर दिग्गज नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला भी लगातार जारी हैं। शुक्रवार को TMC के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने भी राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।

अब शामिल हो सकते हैं बीजेपी में…

जब राज्यसभा में बजट सत्र पर चर्चा हो रही थीं, इसी दौरान दिनेश त्रिवेदी ने ये बड़ा ऐलान किया। उन्होनें साथ में ये भी कहा कि पार्टी में घुटन हो रही है। वो बोले कि अब पार्टी और देशहित में से एक को चुनने का समय आ गया है। ये कहते हुए दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से इस्तीफे की घोषणा कर दी। दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफा TMC और ममता बनर्जी के लिए चुनाव से पहले एक तगड़ा झटका माना जा रहा है। खबरों की मानें तो वो अब जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

‘मेरी आत्मा कह रही है…’

राज्यसभा में दिनेश त्रिवेदी बोले कि हर व्यक्ति के जीवन में ऐसी घड़ी आती है, जब उसको अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनाई देती है। आज मेरी जिंदगी में भी वो घड़ी आ गई है। मैं अपनी पार्टी का आभारी हूं, जिसने मुझे यहां भेजा।

अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए दिनेश त्रिवेदी ने कहा- ‘जिस तरह से बंगाल में हिंसक घटनाएं हो रही हैं। मुझे ऐसा लगता हैं कि मैं इस पर क्या करूं? हम असल में जन्मभूमि के लिए ही हैं। पार्टी में हैं तो अनुशासन में बंधे है। मुझे घुटन महसूस होती है कि मैं कुछ क्यों नहीं कर पा रहा। मुझे आज मेरी आत्मा कह रही है कि यहां पर बैठ-बैठे आप अगर चुपचाप रहो और कुछ नहीं कर सकते, तो इस्तीफा दे दो। मैं आज यहां से इस्तीफा दे रहा हूं। बंगाल की जनता के लिए मैं काम करता रहूंगा।’

त्रिवेदी ने कहा कि मैं यहां पर बैठकर सोच रहा था कि हम राजनीति में आते क्यों है? देश के लिए आते हैं क्योंकि वहीं सर्वोपरि है। अपने इस्तीफा का ऐलान करते हुए उन्होनें पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ भी की। उन्होनें कहा कि आज हम देख रहे हैं कि देश की परिस्थिति क्या है। पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है। महामारी के दौर में दुनिया ने देखा कि भारत कैसे इनसे आगे निकलेगा। सबने मिलकर इसका अच्छे से सामना किया, लेकिन नेतृत्व पीएम मोदी का था।

ममता बनर्जी को लग रहे बड़े झटके

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को लगातार झटके दे रही है। बीजेपी कई TMC के नेताओं को अपने पाले में ला चुकी है। ममता बनर्जी के नेतृत्व से निराश होकर कई बड़े विधायक और मंत्री भगवा झंडा थाम चुके हैं। बीते दिनों विधायक और पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी समेत TMC के 5 बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो गए थे।

रह चुके हैं रेल मंत्री

वैसे आपको जानकारी के लिए बता दें कि दिनेश त्रिवेदी रेल मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं। मनमोहन सरकार के दौरान वो रेल मंत्री थे। 1980 में त्रिवेदी कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। फिर 1990 में उन्होनें जनता दल में चले गए। 1998 में ममता बनर्जी ने जब तृणमूल कांग्रेस पार्टी बनाई, तब दिनेश त्रिवेदी उनके साथ खड़े थे। बीते साल अप्रैल में ही उन्होनें राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण की थीं।

इस फिल्म के लिए 30 हजार रुपये देकर ऋषि कपूर ने खरीदा था अवॉर्ड, जिंदगीभर रहा इस बात क...

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड विवादों में घिरा हुआ है. नेपोटिज्म से लेकर ड्रग्स केस तक इस सभी मुद्दों को लेकर बीते कुछ महीनों में बॉलीवुड की काफी बदनामी हुई है. कई बड़े बड़े सितारों का नाम इसके लपेटे में आया. जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट करने की मांग अक्सर उठती रहती हैं.

विवादों में रहे हैं बॉलीवुड के अवॉर्ड शो

वहीं बॉलीवुड के अवॉर्ड्स शो भी काफी विवादों में घिरे रहते हैं. अक्सर लोग ऐसे आरोप लगाते हैं कि बॉलीवुड के अवॉर्ड्स शो फिक्स होते हैं और कई सितारे पैसे देकर इन्हें खरीद लेते हैं. कुछ महीनों पहले हुए फिल्मफेयर अवॉर्ड में जब फिल्म ‘गली बॉय’ को अधिकतर अवॉर्ड दिए गए थे, तब लोगों का इस पर काफी गुस्सा फूटा था.

इस दौरान गीतकार मनोज मुंतशिर ने ‘केसरी’ के अपने गाने ‘तेरी मिट्टी’ को फिल्मफेयर में अवॉर्ड ना मिलने पर नाराजगी जताई थी. साथ ही उन्होनें ये भी कहा था कि वो किसी भी अवॉर्ड शो में हिस्सा नहीं लेंगे. ऐसा पहली बार था, जब अवॉर्ड्स शो को लेकर विवाद हुआ हो.

जब ऋषि कपूर ने खरीदा था अवॉर्ड

बॉलीवुड के दिवंगत एक्टर ऋषि कूपर ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में चौंका देने वाला खुलासा किया था. ऋषि कपूर ने बताया था कि उन्होनें 50 साल पहले 30 हजार रुपये में एक अवॉर्ड खरीदा था.

1970 में ऋषि ने ‘मेरा नाम जोकर’ फिल्म से बाल कलाकार के तौर पर बॉलीवुड में कदम रखा. इसके तीन सालों के बाद साल 1973 में लीड एक्टर के तौर पर उन्होनें अपने करियर की शुरुआत की थी. ये फिल्म ‘बॉबी’ थी, जिससे डिंपल कपाड़िया ने भी बॉलीवुड में डेब्यू किया. इस मूवी के लिए ऋषि कपूर को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था, लेकिन उन्होनें इस अवॉर्ड को 30 हजार रुपये में खरीदा था.

ऑटोबायोग्राफी में किया था खुलासा

साल 2017 में आई ऋषि की ऑटोबायोग्राफी खुल्लम-खुल्ला में इसका जिक्र किया गया है. उन्होनें बताया था कि उस दौरान वो काफी यंग थे और अपनी फिल्म को मिली सक्सेस से काफी खुश थे, इसी वजह से उन्होनें ऐसा कदम उठाया. हालांकि वो इसे अपनी गलती मानते हैं. ऋषि कपूर ने कहा था कि उन्हें हमेशा इस बात का पछतावा रहा.

राहुल गांधी के करीबी यह दिग्गज नेता लेंगे गुलाम नबी आजाद की जगह, कांग्रेस ने लगाई नाम...

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हो गए हैं। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे। पिछले कई दिनों देश की सियासत में इस बात की चर्चा तेज हो गई थी कि गुलाम नबी आजाद के बाद राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कौन करेगा? राज्यसभा में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, आनंद शर्मा, पी चिदंबरम और राहुल गांधी के करीबी मल्लिकार्जन खड़गे का नाम सामने आ रहा था।

लेकिन आज देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मल्लिकार्जन खड़गे (Mallikarjun Kharge) के नाम को आगे किया है। खबरों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति वैंकैया नायडू को नेता विपक्ष चुने जाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सौंप दिया है।

खड़गे लेंगे गुलाम नबी आजाद की जगह

अब मल्लिकार्जन खड़गे (Mallikarjun Kharge) राज्यसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर गुलाम नबी आजाद की जिम्मेदारी को संभालेंगे। खड़गे कांग्रेस के दिग्गज और कद्दावर नेताओं में से एक हैं और साथ वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी के करीबी बताए जाते हैं। 78 वर्षीय खड़गे भारत सरकार में पूर्व रेल मंत्री के साथ-साथ श्रम और रोजगार मंत्री भी रह चुके हैं। वह 2009-2019 के दौरान कर्नाटक के गुलबर्गा क्षेत्र से सांसद थे। कर्नाटक में पले बढ़े खड़गे ने वकालत की पढ़ाई की है।

दरअसल, गुलाम नबी आजाद का सांसद के तौर पर आज राज्यसभा में आखिरी दिन है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम को आगे बढ़ाया गया है। जम्मू-कश्मीर के सभी राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। ऐसे में देश के ऊपरी सदन में जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करने वाला मौजूदा समय में कोई नहीं होगा। जब तक प्रदेश में विधानसभा चुनाव नहीं होते हैं तब तक स्थिति कुछ ऐसी ही रहने वाली है।

5 बार राज्यसभा और 2 बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं आजाद

बता दें, 5 बार राज्यसभा सदस्य और 2 बार लोकसभा सदस्य रह चुके गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल समाप्त हो गया है। पिछले दिनों सदन में पीएम नरेंद्र मोदी समेत सत्ताधारी पार्टी और विपक्ष के नेताओं ने जमकर उनकी तारीफ की थी और उनसे जुड़ी किस्सों को शेयर किया था। पीएम मोदी उस दौरान भावुक भी हो गए थे।

खबरे तो यह भी आने लगी थी कि गुलाम नबी आजाद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने मीडिया के सामने इस बात को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा है कि जब कश्मीर में काले बर्फ पड़ने लगेंगे, तब वह इस बारे में सोचेंगे।

इसलिए “द ट्रेजडी किंग” कहलाए जाने लगे दिलीप कुमार, जानिए इनसे जुड़ी कुछ खास बातें

एक दौर था जब बॉलीवुड के इस अभिनेता के आने से लोगों की भीड़ लग जाया करती थी, अगर वो मुस्कुरा दिया करते थे तो कई लड़कियां उन पर कायल हो जाया करती थी. उनकी प्रेम कहानी को लोग मिसाल के तौर पर सुनाया करते हैं. देवदास, बिरजू राम, तो कभी श्याम की अदाकारी से सिनेमा घरों को खिलखिला कर दिया करते थे. जी हां, हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के ट्रैजडी किंग “दिलीप कुमार” की, जिन्होंने 11 दिसंबर, 1922 को जन्म लिया. आइए आपको दिलीप कुमार की जिंदगी से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में बताते हैं…

अभिनेता दिलीप कुमार बहुत शर्मिले स्वाभाव के है. ये फुटबॉल प्लेयर चाहते थे जिस वजह से एंक्टिंग में अवसर मिलने के बाद भी उन्होंने कॉलेज के ड्रामा में काम करने से साफ मना कर दिया था, वो बात अलग है कि इसका कारण उनके पिता लाला गुलाम अली सरवर खान थे, जो एक्टिंग को बहुत बुरी लाइन मानते थे.

बता दें कि अपने 40 साल के लंबे फिल्मी करियर में दिलीप कुमार ने केवल 67 फिल्में की, लेकिन उनकी लगभग सभी फिल्मों का काफी नाम रहा है. ऐसा कहा जाता है कि ये अपने किरदार में रिएलीटी लाने के लिए पूरी जी जान से लग जाते थे. फिल्म कोहिनूर में दिलीप कुमार को सिर्फ एक गाने में सितार बजाना था, इसके लिए उन्होंने कई सालों तक उस्ताद अब्दुल हलीम अली जाफर खां से सितार बजाने की ट्रेनिंग ली थी. इसके अलावा फिल्म नया दौर के लिए एक तांगे वाले का एक्ट करने के लिए उन्होंने तांगा चलाने की ट्रेनिंग ली थी, इसके बाद से वो द ट्रेजडी किंग कहलाए जाने लगे.

44 साल की उम्र में 22 साल की अभिनेत्री से हुई शादी

दिलीप कुमार एक बेहद खूबसूरत अभिनेत्री मधुबाला से काफी प्यार करते थे, लेकिन दोनों के बीच होने वाली जिद ने दोनो के प्यार भरे रिश्ते को तोड़ दिया, जिसके बाद से दिलीप कुमार ने किसी के साथ प्यार में न पड़ने की कसम ही खा ली थी, लेकिन चुलबुली अभिनेत्री सायरा बानो ने दिलीप कुमार के टूटे हुए दिल को फिर से जोड़ दिया, जिसके बाद 44 साल के दिलीप कुमार ने 22 साल की सायरा बानो के साथ शादी कर अपने नए रिश्ते की शुरूआत की. आज भी इन दोनों का प्यार पूरी तरह से जवां है.

मिल चुके हैं आठ फिल्म फेयर अवार्ड

आपको बता दें कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में फिल्म फेयर आवर्ड पाने वाले पहले अभिनेता दिलीप कुमार हैं. इन्होंने एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 8 फिल्म फेयर अवार्ड्स को हासिल किया है. इसके अलावा 19 बार इनका नाम नॉमिनेट हुआ है. इनकी डेडिकेशन के चलते फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे ने बेस्ट मेथड एक्टर कहा था.

'अगर पीएम कायर हैं तो….' राहुल के मोदी पर किए जुबानी हमलों पर भड़क उठी ...

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शुक्रवार सुबह कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चीन के मसले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार और खासकर प्रधानमंत्री को खूब घेरा। पैंगोंग झील को लेकर भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट का जो समझौता हुआ, उसको लेकर राहुल ने सरकार पर हमला बोला। इस दौरान उन्होनें प्रधानमंत्री को कायर बताते हुए कहा कि वो चीन के सामने खड़े नहीं हो सकते।

राहुल ने पीएम मोदी को कहे अपशब्द

इतना ही नहीं इस दौरान राहुल ने अपशब्दों का भी प्रयोग किया और कहा कि पीएम सेना के बलिदान पर थूक हैं। पीएम ने भारत माता का टुकड़ा चीन को गिफ्ट में दे दिया। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी को जो कुछ भी बोला, उस पर बीजेपी बिफर गई है। वो राहुल गांधी पर उनके बयान को लेकर पलटवार करती हुई नजर आ रही हैं। बीजेपी ने राहुल को ‘कुंदबुद्धि’, ‘कुंठित बुद्धि’, ‘पप्पू जी’ जैसे नामों से पुकारा गया। आइए बताते हैं आपको कि राहुल के बयान पर किसने क्या कहा?

नकवी ने यूं किया राहुल पर पलटवार

राहुल के बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा- ‘कोई सामान्य बुद्धि का व्यक्ति इस तरह की बेवकूफी भरे बयान दे नहीं सकता। ये कुंदबुद्धि है। उससे भी जरूरी, जिस तरह कुंदबुद्धि से भरपूर पप्‍पू जी के ऐसे बयान आ रहे हैं वो कांग्रेस का और बंटाधार कर रहे हैं।’

नकवी ने कहा- ‘कुंदबुद्धि पप्पू जी के कमाल का कोई रास्ता नहीं है। वो कहीं से सुपारी लेकर देश को बदनाम करने की और सुरक्षाबलों के मनोबल को तोड़ने की कोशिशों में लगे हुए हैं, तो इसका कोई इलाज नहीं।’

‘अपने दादा से पूछे…’

वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए राहुल के बयान पर कहा कि देश की जनता सबकुछ जानती है। रेड्डी ने कहा कि राहुल को अपने दादा से पूछना चाहिए, जिन्होनें भारत की जमीन चीन को दे दी। कौन देशभक्त हैं और कौन नहीं…जनता को सब मालूम है।

‘चीन के अघोषित प्रवक्ता बन गए राहुल’

वहीं बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने जवाब देते हुए कहा- ‘राहुल गांधी का स्तर नीचे गिरता चला जा रहा है। अगर पीएम कायर हैं तो जवाहर लाल नेहरू कौन थे? कायर कौन है? 1962 में नेहरू ने 38 किमी जमीन चीन को दे दी थी। राहुल चीन के अघोषित प्रवक्त बन गए हैं। वो सदन में रक्षा मंत्री को ठीक से सुनते भी नहीं।’

वहीं केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा- ‘हमारी सरकार ने पड़ोसी देश को बता दिया कि आप अगर भारत पर हमला करोगे, तो भारत भी वार करेगा। राहुल ना समझते हैं और ना ही समझने की कोशिश करते हैं। उनमें गंभीरता नहीं है, ये अपरिपक्व बयान है।’

‘ये नेहरू नहीं…नरेंद्र मोदी वाला भारत हैं’

इसके अलावा बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने राहुल के बयान पर ट्वीट करते हुए कहा- ‘राहुल गांधी अभी भी नेहरू को ही PM मानते हैं, इसलिए कायर, डरपोक, पराजित जैसे शब्दों से बाहर ही नहीं निकल पा रहे। विश्व भर में भारत की जयकार हो रही हैं, सेना के पराक्रम की प्रशंसा हो रही हैं और गांधी परिवार परेशान, हताश हैं ये नेहरू वाला नहीं, नरेंद्र मोदी वाला भारत हैं।’

बजरंग दल कार्यकर्ता रिंकू शर्मा की हत्या का क्या है सच? सोशल मीडिया पर मचा बवाल…...

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दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रिंकू शर्मा नाम के एक युवक की बुधवार रात को हत्या कर दी गई, जिसको लेकर बवाल मच गया है। दो समुदाय के बीच इस हत्या के बाद तनाव का माहौल बना गया है। पुलिस फोर्स को एहतियात के तौर पर तैनात किया गया। मामले में 4 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं सोशल मीडिया पर भी रिंकू शर्मा की हत्या को लेकर हंगामा मचा हुआ है। ट्विटर पर लोग इसे सांप्रदायिक हत्या करार देते हुए नजर आ रहे हैं। ये पूरा मामला क्या है, आइए इसके बारे में आपको बताते हैं।

दरअसल, दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में आधा दर्जन के करीब हमलावरों ने रिंकू शर्मा की हत्या की। हत्या के पीछे की वजह एक कार्यक्रम में हुआ विवाद बताया जा रहा है। रिंकू शर्मा बजरंग दल और बीजेपी की यूथ विंग का सदस्‍य था। इस मामले पर पुलिस का कहना है कि रिंकू घर के पास ही दोस्त की बर्थडे पार्टी में गया था। जिस दौरान कुछ लोगों के साथ उसका झगड़ा हो गया, जिसके बाद ही चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी।

परिवार का है ये कहना

वहीं परिवार के मुताबिक रिंकू की हत्या इस वजह से की गई क्योंकि वो इलाके में ‘जय श्री राम’ के नारे लगाया करता था। 5 अगस्त 2020 को जब राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्यक्रम था, इसकी खुशी में रिंकू ने श्री राम रैली निकाली थी, उस दौरान भी आरोपी पक्ष ने इस पर ऐतराज जताया था।

परिवार के मुताबिक इसके बाद से ही रिंकू आरोपियों के टारगेट पर आ गया था। रिंकू के भाई मनु ने कहा कि वो बजरंग दल से जुड़ा हुआ था और मंगोलपुरी का हनुमान चलीसा प्रमुख भी था। 5 अगस्त को रैली निकालने के दौरान ही हमारे साथ आरोपी पक्ष की अनबन हो गई थी। जिसके बाद से धमकियां मिल रही थीं। अब मौका मिलते ही उन्होनें भाई को मार दिया।

परिवारवालों ने आगे बताया कि बुधवार को रिंकू एक बर्थडे पार्टी में गया था, जहां उसका उन लोगों के साथ विवाद हो गया। तब तो मामला शांत हो गया, लेकिन इसके बाद वो लोग रिंकू के घर आ गए। सभी के हाथों में लाठी और डंडे थे। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने रिंकू पर चाकू से भी हमला किया। चाकू रिंकू की रीढ़ की हड्डी में फंस गया। इसके बाद रिंकू को अस्पताल लेकर जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

गिरफ्तार हुए 4 आरोपी

पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वो हर एंगल से मामले की जांच कर रहे हैं। धार्मिक जैसा मामला अब तक हमारी जांच में सामने नहीं आया। इन लोगों ने आपस में मिलकर रोहिणी में रेस्टोरेंट भी खोल था, जिसमें नुकसान होने को लेकर मनमुटाव था।

सोशल मीडिया पर मचा बवाल

वहीं इस पूरे मामले को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। लोग इसे सांप्रदायिक हत्या बताते हुए आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे है। इस मामले को लेकर कई नेता और सेलिब्रिटीज भी ट्वीट करते हुए नजर आ रहे हैं। रिंकू के लिए इंसाफ की मांग करने वालों में बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा, तजिंदर सिंह बग्गा शामिल है। इसके अलावा एक्ट्रेस कंगना रनौत ने भी इसको लेकर ट्वीट किया। सोशल मीडिया पर लगातार #JusticeForRinkuSharma ट्रेंड भी कर रहा है।

IND vs ENG second Test: काली पट्टी वाली पिच पर खेला जाएगा दूसरा टेस्ट, क्या बदलेगी टी...

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भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट (IND vs ENG second Test) चेन्नई के चेपक में 13 फरवरी से खेला जाने वाला है। 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड की टीम 0-1 से आगे चल रही है। इंग्लैंड के बल्लेबाज और गेंदबाज जबरदस्त फॉर्म में हैं। जो रुट की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम रिकार्ड पर रिकार्ड बनाते जा रही है। पहले टेस्ट में जो रुट ने टीम को फ्रंट से लीड किया था और शानदार दोहरा शतक जमाया था। जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया।

अगर हम भारतीय टीम की बात करें तो पहले टेस्ट की दोनों ही पारियों में भारत के शीर्ष क्रम के लगभग सभी बल्लेबाज बूरी तरह फ्लॉप रहे थे। कप्तान विराट कोहली भी कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके और भारत को 227 रनों के बड़े अंतर से करारी हार झेलनी पड़ी।

दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम पर वापसी करने का दबाव है। अगर दूसरे टेस्ट में कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया इंग्लैंड के सामने घुटने टेक देती है तो टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से लगभग पूरी तरह बाहर हो जाएगी। चेन्नई में भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच चेपक स्टेडियम की पिच नंबर 2 पर खेला गया था लेकिन दूसरा टेस्ट पिच नंबर 5 पर होगा। साफ है कि अब जब 22 गज का एरिया बदलेगा तो हालात भी बदलेंगे और मिजाज भी बदलेगा।

काली पट्टी वाली पिच बनेगी जीत की वजह

खबरों के मुताबिक भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मैच चेपक के जिस पिच पर खेला गया था उसकी मिट्टी लाल थी। लेकिन दूसरा टेस्ट पिच नंबर पर 5 पर खेला जाएगा, जो काली मिट्टी की बनी होगी। तमिलनाडु क्रिक्रट एसोसिएशन की ओर से इसे लेकर हरी झंडी मिल चुकी है। लाल मिट्टी वाली पिच टीम इंडिया को जमी नहीं। ऐसे में अब उम्मीद की जा रही है कि काली मिट्टी वाली पिच उनकी जीत की वजह बनेगी। बताया गया कि शुरुआती ओवरो में तेज गेंदबाजों को इस पिच से अतिरिक्त उछाल मिल सकती है और साथ ही स्पीनर्स भी इस पिच पर कहर ढा सकते हैं।

सीरीज में वापसी करने के प्रयास में टीम इंडिया

भारतीय टीम पहले टेस्ट मैच में मिली हार को भुलाकर वापसी करने का पूरा प्रयास करेगी। इस मैच में हमें टीम में कुछ बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। (IND vs ENG second Test) उम्मीद जताई जा रही है कि कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में जगह मिल सकती है क्योंकि पहले टेस्ट में टीम इंडिया को उनकी कमी साफ खली थी। बल्लेबाजी में बदलाव की संभावनाए कम हैं। दूसरी ओर इंग्लैंड की टीम भी दूसरे टेस्ट में भारत को मात देने का पूरा प्रयास करेगी।

पहले टेस्ट में इंग्लैंड के अनुभवहीन स्पीनरों ने कहर ढ़ाया था। डॉम बेस और जैक लीच ने पहली बार भारत में टेस्ट सीरीज खेली और इस जोड़ी ने 11 भारतीय बल्लेबाजों को आउट किया था। दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की टीम इस जोड़ी से कुछ वैसे ही प्रदर्शन की उम्मीद कर रही होगी। भारतीय समयानुसार चेन्नई के चेपक में दूसरा टेस्ट मैच सुबह 9:30 बजे स्टार्ट होगा।