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बिरसा मुंडा: आजादी का वो अनसंग हीरो जिन्हें अंग्रेजों ने दे दिया था जहर

बिरसा मुंडा, समाज के वो हीरो जिन्होंने अंग्रेजों के मन में इतना भय पैदा कर दिया जिसकी वजह से उनकी मौत आज भी एक रहस्यमयी घटना बनी हुई है. मुंडा को आज के समय में काफी संकुचित समाज वर्ग जानता है. क्योंकि आजादी के हीरो कहे जाने वाले मुंडा के संघर्ष को उचित सम्मान और पहचान नहीं मिल सकी जितनी देश के लिए कुर्बान होने वाले बाकी स्वतंत्रता सेनानियों को मिली है. आइये आजादी के इस अनसंग हीरो की जिंदगी की जानें रोचक दास्तां.

1875 में हुआ था जन्म

मुंडा को 19वीं सदी के आदवासी का प्रमुख जननायक कहा जाता है. उनका जन्म 15 नवंबर 1875 में बिहार प्रदेश के रांची जिले के उलीहातू गांव में हुआ था. उस दौरान झारखंड और बिहार एक ही राज्य हुआ करते थे और बंगाल का भी विभाजन नहीं हुआ था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई साल्गा गांव में की, जिसके बाद वो चाईबासा इंग्लिश मिडल स्कूल में पढ़ने आये. उन्होंने वहां पर क्रिश्चियनिटी को करीब से जाना. उन्होंने महसूस किया कि आदिवासी समाज हिंदू धर्म को सही से नहीं समझ रहा.

अंग्रेजों ने छीने आदिवासियों के अधिकार

जब भारत में अंग्रेजों का राज नहीं था तब उससे पहले जंगल और जमीन आदिवासियों के लिए मां के समान हुआ करते थे. लेकिन अंग्रेजों के आकर सब तहस नहस कर दिया. साथ ही आदिवासियों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया. लेकिन बिरसा मुंडा की अगुआई में आदिवासियों ने बेगार प्रथा के खिलाफ मोर्चा खोला और सफल रहे. इसके अलावा आदिवासी जो पहले से ही वहां की सामंती और जमींदारी व्यवस्था से लड़ते आ रहे थे उसे बिरसा मुंडा ने और धार देने का काम किया.

मुंडा ने डाले ‘उलगुलान’ के बीज

आदिवासियों को हमारे देश में हमेशा ही दरकिनार किया जाता रहा है. उनके संसाधनों को छीन कर उन्हें गुलाम के मानिंद जीने को विवश किया जाता है. लेकिन इसको ख़त्म करने के लिए मुंडा ने आदिवासियों के बीच ‘उलगुलान’ के बीज डाले थे. उलगुलान का अर्थ होता है उथल-पुथल. ये उलगुलान शोषण के खिलाफ, अपने हकों और अधिकारों को वापिस पाने के लिए, झूठ और फरेब के खिलाफ, ब्रितानी और सामंती व्यवस्था के खिलाफ थी. मुंडा मानते थे इन सब के खिलाफ ‘उलगुलान’ से बेहतर कोई जवाब नहीं है. इसके अलावा सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजाया था. उनके द्वारा गठित ‘गोरिल्ला सेना’ ने कई समय तक अंग्रेजों से जंग जीती.

रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत

birsa munda

25 साल की उम्र में चक्रधरपुर में बिरसा की गिरफ्तारी हो गई. ये माना जाता है कि अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक असर को देखते हुए कारागार में उन्हें जहर दे दिया गया था. लेकिन लोगों से कहा कि कारागार में हैजे की वजह से उनकी मौत हो गई. उन्होंने 9 जून 1900 में अपनी अंतिम सांस ली. लेकिन अंग्रेजों का ये तर्क किसी के गले नहीं उतरा. जिसके बाद देश आज भी भारत माता के हीरो के रूप में उन्हें याद करता है. हमारे देश के संसद के सेंट्रल हॉल में भी उनका चित्र टांगा गया है. 

आज दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे नीतीश कुमार, कहा- LJP की भूमिका तय करेगी BJ...

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बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल कर सरकार बनाई। सरकार बनने के लगभग तीन महीनों बाद प्रदेश में पिछले दिनों मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। सरकार बनने के बाद पहली बार हुए मंत्रिमंडल विस्तार में एनडीए के 17 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। एनडीए के कुछ नेताओं ने इसे लेकर सवाल भी उठाए।

पिछले दिनों एक बीजेपी विधायक ने कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत संतुलन का ध्यान नहीं रखा गया। वहीं, दूसरी ओर कुछ दागी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विपक्षी पार्टियों ने नीतीश कुमार को निशाने पर लिया था। इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पहुंच गए हैं और आज गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं।

नीतीश कुमार का पूरा बयान

दिल्ली में नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने पीएम से मुलाकात के सवाल पर कहा, बिहार चुनाव के बाद मुझे आकर मिलना ही था, उसी को लेकर आए हैं। कोरोना का दौर चलने से पहले भी हम यहां आये थे। अब तो आने-जाने की शुरुआत हो गई है। राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार पर नीतीश कुमार ने कहा, वह तो हो ही गया है, कहीं कोई दिक्कत नही है।

एलजेपी की भूमिका बीजेपी तय करेगी

विपक्षी पार्टियों की ओर से मंत्रिमंडल में शामिल कुछ मंत्रियों को लेकर सवाल उठाए गए थे। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, जिनको बिहार के क-ख-ग-घ की जानकारी नहीं है, उनकी बातों पर क्या टिप्पणी करना। उन्होंने कहा, बिहार में 15 सालों में कितनी प्रगति हुई है, यह अध्ययन करने की बात है।

एनडीए गठबंधन में एलजेपी की भूमिका पर नीतीश कुमार ने कहा, उनलोगों ने बिहार के चुनाव में क्या किया, यह तो सबको मालूम है। आगे बीजेपी तय करेगी। हम तो कोई नोटिस नहीं लेते हैं।

एलजेपी को मिली थी 1 सीट पर जीत

बता दें, एनडीए गठबंधन में बीजेपी की सहोयगी पार्टियां जदयू और एलजेपी एक दूसरे को थोड़ा भी पसंद नहीं करती है। एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान समेत पार्टी के कई नेता लगातार बिहार की नीतीश सरकार पर हमलावर रहे हैं। बिहार चुनाव में एलजेपी ने जदयू को बड़ा झटका दिया था। चुनाव परिणाम के बाद जदयू के कई नेताओं ने आरोप लगाया था कि बिहार चुनाव में एलजेपी ने बोट कटवा का काम किया।

जिसके कारण कई सीटों पर जदयू की हार हुई थी। 243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में एलजेपी को बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मात्र 1 सीट पर जीत मिली थी, लेकिन पार्टी के किसी भी नेता को नीतीश मंत्रिमंडल में जगह नही मिली है। जिसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।

Miss India 2020: जानिए कौन हैं वो हसीना, जिसके सिर सजा ये ताज?

मिस इंडिया बनने का सपना हर साल कई लड़कियां देखती हैं। देश के अलग-अलग जगहों से लड़कियां इस कार्यक्रम में भाग लेती हैं। लेकिन इस दौरान केवल एक ही ऐसी लड़की होती है, जिसका ये सपना पूरा हो पाता है। इस बार ये ताज तेलंगाना की मानसा वाराणसी के सिर पर सजा। मानसा वाराणसी ने मिस इंडिया 2020 का खिताब अपने नाम किया है।

टॉप 3 में पहुंची ये तीन लड़कियां

10 फरवरी यानी बुधवार को मुंबई में मिस इंडिया 2020 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन हुआ था, जिसमें जीत हासिल कर मानसा वाराणसी मिस इंडिया 2020 बनीं। मानसा के साथ टॉप 3 में मान्या सिंह और मनिका शोकंद थीं। मान्या सिंह फेमिना मिस इंडिया 2020 कॉन्टेस्ट की रनर अप रहीं, वहीं मनिका शोकंद को मिस ग्रैंड इंडिया 2020 चुना गया।

जानिए कौन हैं मानसा वाराणसी?

मिस इंडिया 2020 का खिताब जीतने वाली मानसा वाराणसी के बारे में बात करें तो वो तेलंगाना की रहने वाली हैं। इससे पहले वो मिस तेलंगाना का खिताब भी जीत चुकी हैं। उनकी उम्र 23 साल हैं। मानसा ने कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री ली। उनको डांसिंग में काफी इंटरेस्ट है। मानसा ने 8 साल तक भरतनाट्यम और 4 साल तक क्लासिकल संगीत भी सीखा है। वो एक नामी फर्म के साथ बतौर ऐनलिस्ट जुड़ी थीं।

मानसा को बच्चों के लिए काम करना बेहद पसंद है। एक इंटरव्यू में उन्होनें बताया था कि एक बार वो कुछ बच्चों की टीचर बनीं। बच्चों से जुड़कर उनको ये महसूस हुआ कि हर हंसी और एक्शन के लिए एक कहानी है। जो कई बार खुशी तो कई बार दुखी कर देने वाली होती है। मानसा कहती हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा बच्चों के साथ जुड़कर, उन तक पहुंचकर उन्हें सुरक्षित महसूस करना चाहती हैं।

बॉलीवुड के ये सितारे बने इवेंट का हिस्सा

गौरतलब है कि हर चीज की तरह इस कार्यक्रम पर भी कोरोना महामारी का असर पड़ा। इस बार इस प्रतियोगिता की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल तौर पर आयोजित की गई। बता दें कि VLCC फेमिना मिस इंडिया 2020 के ग्रैंड फिनाले का आयोजन मुंबई के प्लश होटल में हुआ था। इस इवेंट में वाणी कपूर, नेहा धूपिया, अपारशक्ति खुराना, चित्रांगदा सिंह और पुलकित सम्राट जैसे सितारों ने शिरकत किया। इस इवेंट के होस्ट अपारशक्ति खुराना थे।

नेहा धूपिया इस मेगा इवेंट की ऑफिशियल पेंजेन्ट रहीं। पुलकित और चित्रांगदा सिंह मिस इंडिया फिनाले के पैनलिस्ट थे, जबकि इस रात की स्टार परफॉर्मर रहीं।

राज्यसभा से रिटायर होने के बाद बोले गुलाम नबी आजाद, कहा- अब नहीं है सांसद या मंत्री ब...

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कांग्रेस के दिग्गज नेता, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद राज्यसभा से रिटायर हो गए हैं। वह 5 बार राज्यसभा सांसद और 2 बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। कांग्रेस पार्टी में अब राज्यसभा में उनकी जगह भरने को लेकर मंथन शुरु हो गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि राहुल गांधी के करीबी राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे को सदन में आजाद की जिम्मेदारी मिल सकती है।

दूसरी ओर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह और पी चिदंबरम भी लाइन में है। इसी बीच राज्यसभा से रिटायर हुए सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि उन्हें अब न तो सांसद या मंत्री बनने की इच्छा है और न ही अब वह पार्टी में कोई पद लेना चाहते हैं।

1975 में थे यूथ कांग्रेस अध्यक्ष

बीते दिन बुधवार को गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोग अब उन्हें कई जगहों पर देख पाएंगे, क्योंकि अब वह फ्री हो चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं 1975 में जम्मू-कश्मीर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था। मैंने पार्टी में कई पदों पर काम किया है। मैंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे देश के लिए काम करने का मौका मिला। मैं खुश हूं कि मैंने ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। मुझे देश और दुनिया को जानने और समझने का अवसर मिला।‘

जब तक जिंदा हूं जनता की सेवा करुंगा

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि ‘मैं एक राजनेता के तौर पर अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हूं। मुझे लगता है कि जब तक मैं जिंदा रहूंगा, जनता की सेवा करता रहूंगा।‘ संसद में सत्तारुढ़ एनडीए समेत अन्य दलों की ओर से मिली बधाइयों पर भी गुलाम नबी आजाद ने प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, ‘हम कुछ लोगों को गहराई से समझते हैं तो कुछ को सतही तौर पर। जो मुझे गहराई से समझते हैं, उन्होंने सालों तक मेरा काम देखा है और इसलिए भावुक हो गए। मैं उन सबका आभारी हूं। मैं उन लोगों को भी धन्यवाद दूंगा जिन्होंने मुझे मैसेज किया, कॉल किया और मेरे लिए ट्वीट किया।‘

आजाद ने किया सभी का शुक्रिया

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘मैं प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विभिन्न दलों के सहयोगियों का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरी अपनी प्रशंसा की और जिनके साथ मुझे काम करने का अवसर मिला। मैं उनकी कामनाओं के लिए सभी का शुक्रगुजार हूं।‘ राज्यसभा से रिटायर होने के बाद अब राजनीतिक भविष्य को लेकर उन्होंने कहा, अब आप मुझे कई जगहों पर देख सकते हैं। मैं अब फ्री हो गया हूं। सांसद, मंत्री बनने की अब मेरी कोई इच्छा नहीं है। मैंने काफी काम कर लिया है। 

फिर से राज्यसभा भेजे जा सकते हैं गुलाम नबी आजाद

बता दें, केरल में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। मौजूदा समय में केरल में पिनराई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का केरल में दबदबा रहा है। 140 विधानसभा सीटों वाले केरल में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 47 सीटों पर जीत हासिल किया था।

दूसरी ओर अप्रैल 2021 में केरल की 3 राज्यसभा सीटें खाली हो रही है। जिनमें से एक सीट कांग्रेस को मिल सकती है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ ही महीनों में कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजाद को फिर से राज्यसभा भेज सकती है।

Twitter की ‘अधूरी’ कार्रवाई से खुश नहीं भारत सरकार…लिया जा सकता है ये बड़ा एक्शन! जान...

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भारत सरकार और ट्विटर के बीच की तकरार गहराती ही चली जा रही है। किसान आंदोलन को लेकर खालिस्तानी समर्थकों के ट्विटर अकाउंट पर एक्शन लेने की मांग सरकार द्वारा की गई थी। जिनमें से कुछ पर तो ट्विटर ने एक्शन लिया। लेकिन कई अकाउंट्स पर अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।

ट्विटर ने नहीं किया ऐसा तो…

ट्विटर द्वारा की गई इस आधी-अधूरी कार्रवाई से भारत सरकार खुश नहीं है। सरकार ने ये साफ कर दिया है कि अकाउंट्स पर बैन लगाने के लिए जो लिस्ट ट्विटर को सौंपी गई थी, उसके साथ कोई भी ढील बरतने के लिए वो तैयार नहीं। ‘किसान नरसंहार’ जैसे हैशटैग चलाने वाले और भड़काऊ कंटेंट का प्रसार करने वाले अकाउंट्स को बंद करना ही पड़ेगा। खबर ये भी आ रही है कि भारत में ट्विटर के टॉप अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

ट्विटर ने 500 से ज्यादा अकाउंट्स पर लिया एक्शन

दरअसल, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोमवार को ट्विटर को 1178 अकाउंट्स बंद करने की एक लिस्ट सौंपी थीं। सरकार के मुताबिक ये अकाउंट कथित तौर पर पाकिस्तान और खालिस्तानी समर्थकों से जुड़े हुए हैं। सरकार ने ये दावा किया कि इन अकाउंटेस के जरिए ट्विटर पर किसान आंदोलन को लेकर ‘भ्रामक एवं भड़काऊ सामग्री’ प्रसारित कर रहे हैं।

भारत सरकार की इस मांग पर ट्विटर ने एक्शन लिया और 500 से अधिक अकाउंट्स पर रोक लगाई। हालांकि ट्विटर ने समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों और मीडिया के ट्विटर हैंडल पर कार्रवाई नहीं की। ट्विटर ने इस पर कहा कि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा। जिस पर सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि IT एक्ट की धारा 69ए के तहत आदेश का पालन नहीं करने पर उनके धैर्य अब जवाब देने लगा है।

…तो ट्विटर अपना रहा अलग रवैया?

गौरतलब है कि बुधवार को केंद्रीय IT सचिव अजय प्रकाश साहनी और ट्विटर के अधिकारियों मोनिक मेशे और जिम बेकर के बीच वर्चुअल बातचीत हुई। जिस दौरान साहनी ने ये स्पष्ट किया कि विवादित हैशटैग्स का इस्तेमाल ना तो पत्रकारीय स्वतंत्रता में आता है और ना ही अभिव्यक्ति की में। क्योंकि इस तरह का गैर जिम्मेदार कंटेंट भड़काने का काम कर सकता है और स्थिति को और गंभीर बना सकता है। साहनी ने इस दौरान अमेरिका के कैपिटल हिल और लाल किले की घटना का जिक्र किया और कहा कि ट्विटर अलग-अलग रवैया अपना रहा है।

इस बैठक में कहा गया कि अमेरिका में कैपिटल हिल पर हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने कई अकाउंट को बंद किया, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप का अकाउंट भी शामिल था। लेकिन 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद ट्विटर ने एक्शन क्यों नहीं लिया। खबरों के मुताबिक सरकार की ओर से साफ किया गया कि ट्विटर को उनके आदेशों का पालन करना ही पड़ेगा। ये बातचीत का मामला नहीं। ये देश का कानून है और उनकी ओर से उठाए कदमों से अगर कोई दिक्कते हैं तो वो कानूनी रास्ता भी अपना सकता है।’

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो सरकार के इस आदेश को लेकर ट्विटर अब कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। ट्विटर का कहना है कि वो अपने यूजर्स की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगा।

‘कू’ ऐप हो रहा पॉपुलर

गौरतलब है कि जहां ट्विटर और भारत सरकार के बीच इस मसले को लेकर तकरार बढ़ती जा रही है। वहीं इसी बीच एक ऐप सुर्खियों में आ गई है, जिसका नाम है ‘कू’। कू ऐप को भारत में ट्विटर पर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार के कई मंत्रियों और सितारों ने इस ऐप को डाउनलोड किया और लोगों से भी ऐसा करने की अपील की।

जानिए कैसा रहेगा 11 फरवरी को आपका दिन

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जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता
है
, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो
कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का
राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं
आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और
11 फरवरी का दिन आपके लिए कैसा
रहेगा

मेष राशि- आपका दिन बढ़िया बीतेगा। भाग्य
का सितारा बुलंद रहेगा। मन मुताबिक आपके सारे काम पूरे होंगे। किसी भी काम को कल
पर ना टालें।

वृषभ राशि- आपका दिन सामान्य बीतेगा। कामों
में आ रही बाधाएं थोड़ी कम होगी। पार्टनर के साथ अच्छा दिन बीता पाएंगे। पैसों से
जुड़ी परेशानियों को सामना करना पड़ेगा।

मिथुन राशि- आपका आज का दिन मिला जुला रहेगा।
लव लाइफ में तनाव रहेगा। कार्यक्षेत्र में दिन तनाव से भरा बीतेगा। हर परिस्थिति में
संयम बनाए रखें।

कर्क राशि- आपका दिन ठीक ठाक बीतेगा। बिजनेस
में जोखिम भरा फैसला लेने से बचें। खर्चे बढ़ने के आसार है। दोस्तों के साथ हर
समस्या को शेयर करें।

सिंह राशि- आपका दिन बढ़िया बीतेगा। आज आप
आत्मविश्वास से भरपूर महसूस करेंगे। स्वास्थ्य शानदार रहेगा। किसी भी कानून का
उल्लंघन आज के दिन ना करें।

कन्या राशि- आपका दिन अच्छा बीतेगा। मौज
मस्ती के मूड में रहेंगे। मन आपका खुश रहेगा। किसी के लिए भी गलत शब्दों का प्रयोग
ना करें।

तुला राशि-  आपका आज का दिन उतार चढ़ाव से
भरा रहेगा। कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों का
सहयोग मिलेगा। नया काम शुरू ना करें।

वृश्चिक राशि- आज के दिन थोड़ा संभलकर रहें।
किसी पर भी आंख मूंद कर भरोसा ना करें। लव लाइफ सामान्य रहेगी। हर परिस्थिति में जीवनसाथी
का साथ मिलेगा।

धनु राशि- आपका दिन अच्छा रहेगा। किस्मत का
साथ मिलेगा। लंबे वक्त से रूके हुए काम पूरे होगे। मेहनत का फल मिलेगा।

मकर राशि- आज के दिन थोड़ा सतर्क रहे।
अनजान लोगों के बहकावे में ना आए। आपका दिन मिला जुला रहेगा। धन लाभ होने के आसार
है।

कुंभ राशि- आपका दिन ठीक ठाक बीतेगा।
पारिवारिक माहौल बढ़िया रहेगा। लंबे वक्त से रूके काम पूरे होंगे। जल्दबाजी में
कोई फैसला ना लें।

मीन राशि- दिन आपका शानदार बीतेगा। व्यापार
में लाभ होगा। पैसों से जुड़ी समस्याएं कम होने के आसार है। घर का माहौल बढ़िया
रहेगा।

IND vs ENG 2nd Test match prediction: इन खिलाड़ियों पर दांव लगा सकती है टीम इंडिया

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भारत और इंग्लैंड के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज का महासंग्राम शुरु हो गया है। पहले टेस्ट मैच में भारत दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम ने भारत को 227 रनों से मात दे दी और सीरीज में 0-1 से बढ़त बना लिया। चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में भारत के बल्लेबाज फ्लॉप साबित हुए। 

वहीं, इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने बेहतर खेल दिखाया। इंग्लिश कप्तान जो रुट ने मैच की पहली पारी में शानदार दोहरा शतक जमाया था। जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया। आर अश्विन ने इस मैच में सबसे ज्यादा 9 विकेट चटकाए थे, जिनमें से 6 विकेट उन्होंने दूसरी पारी में चटकाए थे। इंग्लैंड ने भारत को 420 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन भारत नाकाम रहा। (IND vs ENG 2nd Test match prediction)

पहले टेस्ट में मिली हार के बाद लगातार कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। टीम इंडिया के लिए उपकप्तान आजिंक्य रहाणे और रोहित शर्मा का फॉर्म चिंता का विषय बना हुआ है। तो वहीं, कुछ भारतीय गेंदबाज भी असरदार साबित नहीं हो रहे हैं। अगला मैच चेन्नई के चेपक में खेला जाने वाला है। ऐसे में भारतीय टीम दूसरे टेस्ट मैच में कुछ बदलावों के साथ उतर सकती है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अगले टेस्ट मैच में भारत के किन खिलाड़ियों को टीम में मौका मिल सकता है। 

टीम में बने रहेंगे रहाणे

भारत की ओर से ओपनिंग जोड़ी रोहित शर्मा और शुभमन गिल की रहने वाली है। तीन नंबर पर चेतेश्वर पुजारा का खेलना तय है। पहले टेस्ट में उन्होंने कुल 88 रन बनाए थे। चौथे नंबर पर कप्तान विराट कोहली बल्लेबाजी करने आते हैं। पांचवे नंबर पर आजिंक्य रहाणे खेलेंगे। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में उन्होंने क्रमश: 1 और 0 रन की पारियां खेली। इसके बावजूद भी कप्तान कोहली ने उनपर भरोसा जताया है। 

पहले मैच में हार के बाद आजिंक्य रहाणे से जुड़ी सवाल पर उन्होंने बताया कि आजिंक्य रहाणे भारतीय टेस्ट टीम की मजबूत कड़ी है। उनके काबिलियत पर किसी को कोई शक नहीं है। ऐसे में दूसरे टेस्ट में रहाणे का खेलना तय माना जा रहा है। भारतीय टीम विकेटकीपर बल्लेबाज में भी कुछ बदलाव नहीं करेगी। क्योंकि ऋषभ पंत पूरे फॉर्म में है। पहली पारी में पंत ने 91 रन बनाए थे। 

हार्दिक पांड्या हो सकते हैं टीम में शामिल

ऑलराउंडर के तौर पर सांतवे नंबर पर पहले टेस्ट मैच में वाशिंगटन सुंदर को मौका मिला था। पहली पारी में सुंदर ने 85 रन बनाए थे लेकिन उन्हें 1 भी विकेट नहीं मिला था। वहीं, दूसरी पारी में सुंदर 0 पर आउट हो गए थे। ऐसे में चेपक की पीच के हिसाब से भारतीय टीम में बदलाव किया जा सकता है। 

टीम के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या बेंच पर हैं। ऐसे में सुंदर की जगह उन्हें दूसरे टेस्ट में मौका मिल सकता है। गेंदबाजी में अश्विन का खेलना तय है। उन्होंने पहले टेस्ट मैच में 9 विकेट चटकाए हैं। वहीं, इशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह ने भी अच्छी गेंदबाजी की। शर्मा ने 3 तो बुमराह ने 4 विकेट चटकाए हैं। 

कुलदीप यादव को मिल सकता है मौका

स्पीनर के तौर पर अपना दूसरा टेस्ट मैच खेल रहे शाहबाज नदीम ने भी 4 विकेट चटकाए। लेकिन बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए। साथ ही वह इंग्लैंड के बल्लेबाजों के सामने फीके नजर आए। ऐसे में अगले टेस्ट मैच में शाहबाज नदीम की जगह कुलदीप यादव या अक्षर पटेल को टीम में मौका मिल सकता है।

गेंदबाजी में भारत के पास मोहम्मद सिराज और शार्दुल ठाकुर के रुप में बेहतर विकल्प मौजूद है। इंग्लैंड की टीम ने शानदार जीत हासिल की है। गेंदबाज और बल्लेबाजों ने अपना बेहतर खेल दिखाया है। ऐस में इंग्लैंड की टीम में बदलाव होने की संभावना काफी कम है।

IND vs ENG 2nd test Possible playing XI

Possible Playing XI of Team India: रोहित शर्मा, शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली (C), आजिंक्य रहाणे, ऋषभ पंत, हार्दिक पांड्या, आर अश्विन, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, इशांत शर्मा

Possible playing XI of England: रॉरी बर्न्स, डी सिब्ले, डेनियल लॉरेंस, जो रुट (c), बेन स्टोक्स, ओली पोप, जॉस बटलर, डॉम बेस, जोफ्रा आर्चर, जैक लीच, जेम्स एंडरसन

पीएम मोदी के आंदोलनजीवी वाले बयान पर सियासत तेज, जानें विपक्ष के बड़े नेताओं ने क्या ...

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राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलनजीवी का जिक्र किया था। जिसपर जमकर सियासत हो रही है। विपक्षी पार्टियों के कई नेताओं ने पीएम मोदी को देश की आजादी के लिए हुए आंदलनों को याद दिलाया, उनके इस बयान की निंदा की और तंज भी कसे। इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इसे लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा है कि वह आंदोलनजीवी हैं और उन्हें इस पर गर्व है।

कांग्रेस के नेताओं ने उठाए सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘मुझे आंदोलनजीवी होने पर गर्व है।  सर्वोत्कृष्ट (सबसे अच्छे) आंदोलनजीवी महात्मा गांधी थे।‘

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आंदोलनजीवी पर प्रतिक्रिया देते हुए पिछले दिनों कहा था कि ‘मोदी जी, इन आंदोलन जीवियों के बारे में आपकी क्या राय है: महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, चंद्र शेखर आज़ाद…अगर ये आंदोलन ना करते तो, क्या आज देश आज़ाद होता? पहले बोलो, फिर तोलो!’

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने आंदोलनजीवी शब्द को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मोदी जी आप क्या हैं? परजीवी भाषणजीवी आंदोलनजीवी स्वजीवी? या जैसा समय वैसा भेस?’

अखिलेश यादव ने बोला हमला

वहीं,समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ‘आंदोलनों से स्वतंत्रता पाने वाले देश में आंदोलनरत किसानों-नागरिकों को ‘आंदोलनजीवी’ जैसे आपत्तिजनक शब्द से संबोधित करना हमारे देश के क्रांतिकारियों एवं शहीदों का अपमान है। आज़ादी के आंदोलन में दोलन करने वाले आंदोलन का अर्थ क्या जाने। भाजपा शहीद स्मारक पर जाकर माफ़ी माँगे!’

जानें, क्या था पीएम मोदी का पूरा बयान?

बता दें, पीएम मोदी ने बीते सोमवार को राज्यसभा में विदेशों से आंदोलन को प्रभावित करने के प्रयासों का जिक्र किया था। पीएम ने विदेशी विध्वंसक विचारधारा’ (एफडीआई) करार दिया और कहा कि देश में आंदोलनकारियों की नई नस्ल ‘आंदोलन जीवी’ पैदा हो गई है जो बिना किसी हंगामे के नहीं रह सकती। 

उन्होंने कहा था कि ‘हम लोग कुछ शब्दों से बड़े परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी, बुद्धिजीवी…ये सभी शब्दों से परिचित हैं लेकिन पिछले कुछ समय से मैं देख रहा हूं कि देश में एक नई तरह की जमात पैदा हो गई है, एक नई बिरादरी पैदा हुई है और ये आंदोलनजीवी, ये जमात आप देखोगे.. वकीलों का आंदोलन हैं वहां नजर आएंगे, स्टूडेंट का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे..मजदूरों का आंदोलन है वो वहां नजर आएंगे। ये हर जगह पहुंचकर गुमराह करते हैं।‘

IND vs ENG: 31 मैचों में 84 विकेट लेने वाला यह भारतीय खिलाड़ी होगा टीम में शामिल!

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भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत को 227 रनों से करारी शिकस्त मिली। इंग्लिश कैप्टन जो रुट के शानदार दोहरे शतक और जैक लीच-जेम्स एंडरसन की धारदार गेंदबाजी के आगे भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए। 420 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम मात्र 192 रनों पर सिमट गई। 

लंबे समय से प्लेइंग इलेवन में कुलदीप यादव का सेलेक्शन नहीं होने को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। पिछले दिनों पूर्व खिलाड़ियों ने दावा किया था कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में कुलदीप यादव कारगर हो सकते थे लेकिन उन्हें टीम में जगह नहीं मिली। इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कुलदीप यादव के जोड़ीदार यजुवेंद्र चहल को टेस्ट टीम में लाने की मांग की है। बकायदा इसे लेकर उन्होंने एक ट्वीट भी किया है।

चहल ने 31 प्रथम श्रेणी में चटकाए हैं 84 विकेट

आकाश चोपड़ा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि ‘टीम इंडिया को टेस्ट टीम में लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को जल्द से जल्द शामिल करना चाहिए। दूसरे टेस्ट के लिए वे उपलब्ध नहीं हो पाएंगे, लेकिन बायो-बबल को देखते हुए उनको तीसरे टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया जाना चाहिए।‘ 

दरअसल, यजुवेंद्र चहल लगभग 5 साल पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर चुके हैं। लेकिन शानदारा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें अभी तक टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। चहल ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 31 मुकाबले के 48 पारियों में कुल 84 विकेट चटकाए हैं। 44/6 उनका बेस्ट परफॉरमेंस रहा है।

अश्विन ने लिए सबसे ज्यादा विकेट

बता दें, इंग्लैंड के खिलाफ पहली पारी में कोई भी भारतीय गेंदबाज असरदार साबित नहीं हुआ। नतीजतन इंग्लैंड ने जो रुट के 218 रनों की बदौलन 578 रन ठोक दिए। जिसके जवाब में भारतीय टीम 337 रनों पर सिमट गई। जिससे इंग्लैंड को 241 रनों की बढ़त मिल गई। 

दूसरी पारी में आर अश्विन ने कमाल की गेंदबाजी की और इंग्लैंड की टीम 178 रनों पर ऑलआउट हो गई। इंग्लैंड ने भारतीय टीम को जीत के लिए 420 रनों का लक्ष्य दिया। लेकिन भारतीय टीम का शीर्ष क्रम फ्लॉप रहा और टीम को 227 रनों से हार मिली। दूसरी पारी में कप्तान विराट कोहली ने सबसे ज्यादा 72 रन बनाए।

चेन्नई में हुए पहले टेस्ट मैच में आर अश्विन ने सबसे ज्यादा 9 विकेट चटकाए। वहीं, इंग्लिश बल्लेबाज जो रुट ने दोनों पारियों को मिलाकर 258 रनों की पारी खेली। जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था।

मौत के इस आइलैंड पर जाने वाला नहीं आया कभी वापस, सरकार ने लगाई हुई है पाबंदी!

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दुनियाभर में कई आइलैंड हैं जिनमें से कई तो अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं तो कुछ अपनी एक अलग विशेषता की वजह से पहचाने जाते हैं, लेकिन आज हम आपको जिस एक आइलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं वो देखने में जितना खूबसूरत है उससे कई ज्यादा डरावना भी है. इसे मौत का आइलैंड कहने में कोई दो राय नहीं है, तो आइए आपको इस खतरनाक आइलैंड के बारे में विस्तार से बताते हैं…

दरअसल, हम बात कर रहे हैं वेनीसिया झील के उत्तर में स्थित आयरलैंड की. जिसे मौत के आयरलैंड के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि यहां जाने वाला व्यक्ति अपनी मौत को खुद दावत देने की तरह होता है, क्योंकि इस आइलैंड पर जो भी जाता है वो कभी वापस लौटकर नहीं आता है.

बता दें कि इस आइलैंड से जुड़ी एक खौफनाक कहानी भी है. जिसके चलते यहां पर कोई भी जाना पसंद नहीं करता है. इतना ही नहीं सरकार की ओर से तो यहां जाने पर लोगों का प्रतिबंध है.

कहा जाता है कि कई हजार साल पहले इस आयरलैंड पर प्लेग के मरीजों को लाकर छोड़ दिया गया, जिसकी वो वहां पर ही मर जाएं. वहीं, जिन लोगों की मृत्यु हो जाती थी उन्हें यहीं पर दफना दिया जाता था. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि इस आइलैंड पर प्लेग के मरीजों की संख्या बहुत अधिक हो चुकी थी, जिसके चलते इस आइलैंड पर करीब एक लाख 60 हजार लोग जिंदा जला दिए गए थे, इसके बाद से इस जगह को भूतिया आयरलैंड भी कहा जाने लगा था.

वो बात अलग है कि साल 1922 में यहां पर एक मेंटल हॉस्पिटल भी बनवाया गया था, लेकिन कुछ सालों बाद इसे बंद कर दिया गया. जिसके पीछे का कारण ये भी कहा जाता है कि हॉस्पिटल के डॉक्टरों से लेकर नर्स और मरीजों तक इस आइलैंड पर बहुत सारी असामान्य चीजें दिखाई देने लगी थी. इस अस्पताल के बंद हो जाने के बाद से ये आइलैंड वीरान पड़ा रहा.

वहीं, बाद में इस आइलैंड को सरकार ने साल 1960 में एक शख्स को बेच दिया. ऐसा कहा जाता है कि असामान्य घटनाओं के दौरान वो शख्स इस आइलैंड पर अपने परिवार के साथ कुछ दिनों तक यहां पर रहा, लेकिन बाद में वो भी इसे छोड़कर चला गया.

उसके बाद से ये आयरलैंड खाली पड़ा हुआ है, यहां पर कोई भी नहीं रहता है. इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि यहां पर मछुआरे तक मछली पकड़ने के लिए नहीं जाते हैं. बहुत बार तो उन्हें जाल में मरे हुए इंसानों की हड्डियां मिली, जिसकी वजह से ये भी वहां जाने से डरते हैं.