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Uttarakhand’s Chamoli Glacier burst: कुदरती कहर से कांप उठा उत्तराखंड, 100-150 लोगों ...

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बीजेपी शासित उत्तराखंड एक बार फिर से कुदरती कहर से कांप उठा हुआ है। उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल रेंज स्थित चमोली जिला के जोशीमठ डैम (Chamoli Glacier burst) के ढहने से भारी तबाही की आशंकाएं प्रबल हो उठी है। राज्य में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। गंगा किनारे बसे गांवो और शहरों में हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।

प्राकृतिक आपदा की जानकारी मिलते ही सभी एजेंसियां बचाव कार्य में जुट गई हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चमोली पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने जोशीमठ का जायजा लिया। तपोवन में मुख्यमंत्री रावत को बाढ़ की स्थिति के बारे में भारतीय सेना और ITBP के जवानों ने जानकारी दी।

राहत कार्य में लगे सेना के 6 कॉलम 

चमोली पहुंचे मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि नंदप्रयाग के बाद अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। अभी पानी का स्तर सामान्य से 1 मीटर ज्यादा है और ये लगातार घट रहा है। तमाम वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। खबरों के मुताबिक सेना के 6 कॉलम को स्थिति से निपटने के लिए लगाया गया है। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने उत्तराखंड सरकार और NDRF की बाढ़ की स्थिति से निपटने में मदद के लिए चौपर्स और सैनिकों को तैनात किया है। ऋषिकेश के पास स्थित मिलिट्री स्टेशन स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में मदद कर रहा है।

100-150 लोगों की मौत की आशंका

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मसले पर कहा है कि NDRF की 3 टीमें प्रभावित इलाके में पहुंच चुकी है। कई टीमें दिल्ली से उत्तराखंड एयरलिफ्ट की जा रही है। उन्होंने कहा, मैं उत्तराखंड के लोगों को आश्वासन देता हूं कि इस मुश्किल समय में मोदी सरकार उनके साथ खड़ी है और हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। (Chamoli Glacier burst)

बता दें, जोशीमठ तपोवन धौलीगंगा में ग्लेशियर टूट गया था। इससे अलकनंदा नदी में भी अचानक बेतहाशा जलस्तर बढ़ गया।  इस प्राकृतिक आपदा में 100 से 150 लोगों की मौत होने की आशंका है। उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रभावित इलाकों से होते हुए पानी नंदप्रयाग से आगे निकल गया है। साथ ही अलकनंदा के किनारे बसे गांवों में किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

9 साल तक साथ रहे थे जॉन-बिपाशा, इस एक ट्वीट की वजह से हुए जुदा…

बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस में से एक बिपाशा बसु अपने ग्लैमरस अवतार के लिए जानी जाती है. बिपाशा ने कई लोगों को अपना दीवाना बनाया है. साल 2016 में उन्होनें करण सिंह ग्रोवर से शादी कर ली थी, जिसके बाद से ही वो फिल्मों से दूरी बनाए हुए है. बिपाशा करण सिंह ग्रोवर के साथ फिलहाल खुशी से भरी जिंदगी बीता रही है.

कोई समय ऐसा भी था, जब बिपाशा और जॉन अब्राहम की जोड़ी हर तरफ छाई रहती थी. दोनों एक-दूसरे को काफी पसंद करते थे और साथ में जिंदगी बिताने के लिए एकदम तैयार थे. जॉन और बिपाशा को अक्सर साथ में देखा जाता था. वो एक-दूसरे के बर्थडे को काफी धूमधाम से मनाते थे. दोनों ने कई फिल्मों में भी साथ काम किया और इनकी जोड़ी लोगों के दिलों में उतर गईं थी.

इस फिल्म से शुरू हुई थी लव स्टोरी…

जॉन और बिपाशा ने फिल्म ‘जिस्म’ में एक-साथ काम किया था और यहीं से दोनों के प्यार की शुरूआत हुई. धीरे-धीरे इन दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी. यहां तक की जॉन और बिपाशा ने एक-साथ लिव इन में भी रहना शुरू कर दिया था. दोनों ने एक-दूसरे को करीब 9 सालों तक डेट किया. लोग इन दोनों स्टार को एक होता हुआ देखने के लिए काफी उत्सुक थे. उसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि प्यार के ये दो पंक्षी हमेशा के लिए अलग हो गए. ज्यादातर लोग ये तो जानते ही हैं कि जॉन और बिपाशा एक समय में एक-दूसरे के प्यार में डूबे हुए थे, लेकिन कम ही लोग इनके अलग होने की पीछे की वजह को जानते होंगे. आइए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं…

अलग होने के पीछे ये थी बड़ी वजह

इन दोनों के जुदा होने के पीछे की वजह एक ट्वीट है. जी हां, एक ट्वीट ने सालों पुराने इस रिश्ते को तोड़ दिया था. बात साल 2014 के न्यू ईयर की हैं. इस दौरान फैन्स को नए साल की शुभकामनाएं देने के लिए एक ट्वीट किया था और इसी ट्वीट ने उन्हें बिपाशा से हमेशा के लिए जुदा कर दिया. जॉन अब्राहम ने ट्वीट करके लिखा था- ‘आपको और आपके प्यारों को साल 2014 की शुभकामनाएं. इस साल आपके जीवन में प्यार, बेहतर भविष्य और खुशियां आएं. लव, जॉन और प्रिया अब्राहम’.

दरअसल, इस ट्वीट से कुछ समय पहले बिपाशा और जॉन में थोड़े मनमुटाव की खबरें आने लगीं. इसके बाद अचानक से ये खबर फैली की जॉन ने अपनी NRI गर्लफ्रेंड प्रिया रूंचाल से शादी कर ली है. हालांकि शुरूआत में इस तरह की खबरों को झूठा माना गया, लेकिन ये ट्वीट करके जॉन ने अपनी और प्रिया की शादी को खबर को कंफर्म कर दिया. जॉन ने बिना किसी को बताए गुपचुप तरीके से शादी की थी.

यहां तक की इस शादी के बारे में बिपाशा बसु तक को नहीं पता था. शादी की खबर मिलने जानकर उन्हें गहरा सदमा लगा था. एक इंटरव्यू में बिपाशा ने इस बात का खुलासा किया था. उन्होनें कहा था कि इस सदमे से निकलने में मुझे कई महीनों का समय लग गया था. वो जॉन की वजह से ज्यादा लोगों से मिला भी नहीं करती थी और अपना ज्यादातर समय सिर्फ उन्हीं को दिया करती थीं.

जॉन की शादी के बाद बिपाशा का नाम कई लड़कों के साथ जुड़ा. आखिरकार साल 2016 में उन्होनें करण सिंह ग्रोवर के साथ शादी रचा ली.

RSS के निशाने पर मोदी सरकार, संगठन के नेता ने कहा- सत्ता का अहंकार सिर पर चढ़ा

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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ अब केंद्र की मोदी सरकार इस कानून को लेकर अपने सहयोगियों के भी निशाने पर है। RSS से जुड़े कुछ संगठनों ने पिछले महीनों इस कानून को लेकर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी थी। अब बीजेपी के पूर्व राज्यसभा सांसद और आरएसएस नेता ने केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को निशाने पर लिया है। आरएसएस नेता रघुनंदन शर्मा (Raghunandan Sharma) ने कहा है कि सत्ता का अहंकार नरेंद्र सिंह तोमर के सिर चढ़ गया है।

बूंद-बूंद से घड़ा खाली होता है…

आरएसएस नेता ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘प्रिय नरेंद्र जी, आप भारत शासन में सहयोगी एवम सहभागी हैं। आज की राष्ट्रवादी सरकार बनने तक हज़ारों राष्ट्रवादियों ने अपने जीवन और यौवन को खपाया है। पिछले 100 वर्षों से जवानीयाँ अपने त्याग समर्पण और परिश्रम से मातृभूमि की सेवा तथा राष्ट्रहित सर्वोपरि की विचार धारा के विस्तार में लगी हुई है।‘

उन्होंने अपने पोस्ट के जरिए कहा कि ‘आज आपको जो सत्ता के अधिकार प्राप्त हैं, वे आपके परिश्रम का फल है, यह भ्रम हो गया है।  सत्ता का मद जब चढ़ता है तो नदी, पहाड़ या वृक्ष की तरह दिखाई नहीं देता, वह अदृश्य होता है जैसा अभी आपके सिर पर चढ़ गया है। आरएसएस नेता ने कहा आप  प्राप्त दुर्लभ जनमत को क्यों खो रहे हो? कांग्रेस की सभी सड़ी गली नीतियाँ हम ही लागू करें यह विचार धारा के हित में नहीं है। बूंद बूंद से घड़ा खाली होता है, जनमत के साथ भी यही है।‘

राष्ट्रवाद को बलशाली बनाने में संवैधानिक शक्ति लगाओ

RSS नेता रघुनंदन शर्मा (Raghunandan Sharma) ने आगे लिखा कि ‘आपकी सोच कृषकों के हित की हो सकती है परंतु कोई स्वयं का भला नहीं होने देना चाहता तो बलात् भलाई का क्या औचित्य है। कोइ नंगा, नंगा ही रहना चाहता तो बल पूर्वक कपड़े क्यों पहनाना? आप राष्ट्रवाद को बलशाली बनाने में संवैधानिक शक्ति लगाओ, कहीं हमें बाद में पछताना ना पड़े। सोचता हूं विचार धारा के भविष्य को सुरक्षित रखने का संकेत समझ गए होगें।‘

बता दें, रघुनंदन शर्मा काफी पहले से भारतीय जनता पार्टी के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े हैं। वह मध्यप्रदेश से बीजेपी के राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं। किसान आंदोलन के मुद्दे पर उन्होंने केंद्र सरकार और कृषि मंत्री को निशाने पर लिया है औऱ साथ ही सत्ताधारी पार्टी को कई तरह की नसीहतें भी दी है।

'अहंकार छोड़ो, किसानों की तकलीफ समझो और कानून वापस लो….'- राहुल गांधी

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किसान आंदोलन को लेकर देश की लगभग सभी विपक्षी पार्टियां और विपक्ष के बड़े-बड़े नेता केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी इस मुद्दे पर लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही है। तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के तमाम बड़े नेता भी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर से किसान आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने मोदी सरकार पर किसानों के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया है।

किसान मोदी सरकार से कितने नाउम्मीद है…

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘किसान-मज़दूर के गांधी जयंती तक आंदोलन के निर्णय से उनके दृढ़ संकल्प के साथ ही ये भी साफ़ है कि वे मोदी सरकार से कितने नाउम्मीद हैं। अहंकार छोड़ो, सत्याग्रही किसानों की तकलीफ़ समझो और कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!’ राहुल गांधी इससे पहले भी किसान आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं और केंद्र सरकार से इन कानूनों को वापस लेने की अपील कर चुके हैं।

2 अक्टूबर तक आंदोलन जारी रखेंगे किसान

दरअसल, बीते दिन शनिवार को किसान संगठनों ने यूपी, दिल्ली और उत्तराखंड को छोड़कर देश के अन्य हिस्सों में 3 घंटे का चक्का जाम किया था। खबरों के मुताबिक चक्का जाम सफल भी रहा। जिसके बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत का बयान सामने आया था।

उन्होंने कहा, वे 2 अक्टूबर तक गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करते रहेंगे। कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग के साथ किसान पिछले 2 महीने से अधिक समय से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान नेताओं की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, तब तक किसानों की घर वापसी नहीं होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले कुछ ही दिनों में केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच फिर से बातचीत शुरु हो सकती है, और जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

‘अगर हमारे पास होती हनुमान की शक्तियां तो हम छाती चीर कर दिखाते कि किसानों के लिए हमा...

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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को लेकर देश में आंदोलन तेज है। दिल्ली की बॉर्डरों पर किसान पिछले 73 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी पार्टियों की ओर से तरह-तरह की बयानबाजियां हो रही है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता लगातार इस मामले पर केंद्र सरकार को निशाने पर ले रही है।

इसी बीच बीजेपी शासित उत्तराखंड के CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लिया है। साथ ही उन्होंने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोगों को इस बात को साबित करने की चुनौती दी कि ये कानून किसानों के लिए किस तरह से हानिकारक हैं।

कुछ संगठन किसानों के बीच भड़का रहे हैं गुस्सा

बीते दिन शनिवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अमेरिका में स्थित जस्टिस फॉर सिख्स जैसे संगठन किसानों के बीच गुस्सा भड़का रहे हैं। उन्होंने कहा, जो लोग किसान आंदोलन के पीछे हैं, वे देश को तोड़ना चाहते हैं।

सीएम रावत ने दावा किया कि नए कृषि कानूनों ने पारंपरिक मंडियों के अलावा किसानों को अपनी उपज बेचने की असली आजादी दी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करनेवालों को नुकसान होगा, अगर उन्हें यह साबित करने की चुनौती दी जाए कि ये कानून किसानों के लिए किस तरह हानिकारक हैं।‘

अगर हमारे पास हनुमान की शक्तियां होती तो….

CM त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ‘अमेरिका में स्थित जस्टिस फॉर सिख्स जैसे संगठन और पाकिस्तान संचालित लगभग 302 ट्विटर हैंडल के माध्यम से किसानों के बीच गुस्सा इसलिए पैदा किया जा रहा है क्योंकि वे नहीं चाहते कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री काल में भारत में किसान आगे बढ़ें।‘

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथित रुप से खतरनाक देशभक्त बताने पर प्रतिक्रिया दी। सीएम ने कहा, देशभक्त होना खतरनाक कैसे हो सकता है? त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आगे कहा कि ‘अगर हमारे पास (बीजेपी सरकार) के पास हनुमान की शक्तियां होती, तो हम यह दिखाने के लिए अपना सीना चीरकर दिखा देते कि उसने किसानों के लिए क्या है।‘

जानिए कैसा रहेगा 07 फरवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 07 फरवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन मिला जुला रहने वाला है। आर्थिक समस्याएं कम होगीं। परिवार में सुख शांति का माहौल बना रहेगा। नए कामों की शुरुआत करने से बचना चाहिए। 

वृषभ राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियां कम होगी। घर का माहौल ठीक ठाक रहेगा। आज के दिन किसी विवाद में पड़ने से बचें। 

मिथुन राशि- दिन की शुरुआत अच्छी होगी। कामों में आ रही दिक्कतें कम होगी। आज के दिन परिवारवालों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। 

कर्क राशि- दिन आपका सामान्य रहने वाला है। आर्थिक परेशानियां कम होगीं। कार्यक्षेत्र से अच्छी खबर मिलेगी। रुका हुआ धन मिलने के आसार है। 

सिंह राशि- आपका दिन अच्छा बीतेगा। लंबे वक्त से चली आ रही समस्याएं कम होगी। लव लाइफ बेहतर होगी। पार्टनर के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे।

कन्या राशि- आपका दिन परेशानियों से भरा बीतेगा। भविष्य की चिंता सताएगी। घर का माहौल सामान्य रहेगा। ज्यादा तनाव लेने से बचें। 

तुला राशि- आपका दिन शानदार बीतेगा। नौकरीपेशा लोगों को अच्छी खबर मिल सकती है। आज करीबियों के साथ बढ़िया वक्त बिताएंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।  

वृश्चिक राशि- आज के दिन किसी भी नए काम की शुरुआत करने से बचें। माता पिता की सलाह के बिना कोई बड़ा कदम ना उठाएं। आपका दिन ठीक ठाक रहेगा। आज के दिन किसी से उलझने से बचें। 

धनु राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। मनचाहे काम पूरे होंगे। करीबियों से सरप्राइज मिल सकता है। स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें। 

मकर राशि- दिन आपका मिला जुला रहेगा। घर में लंबे समय से चली आ रही टेंशन कम होगी। आज के दिन जीवनसाथी के साथ झगड़ा ना करें। गुस्से पर अपने कंट्रोल रखें। 

कुंभ राशि- आपका दिन सामान्य रहने वाला है। घर में सुख शांति बनी रहेगी। कार्यक्षेत्र से अच्छी खबर मिल सकती है। बाहर का खाने-पीने से बचें। 

मीन राशि- आपका दिन अच्छा बीतेगा। परेशानियां कम होगी। अनजान लोगों से मदद मिलेगी। जल्दबाजी में कोई फैसला लेना भारी पड़ सकता है। 

IND vs ENG Chennai Test, Day 2: इंग्लिश बल्लेबाजों के आगे बेदम हुए भारतीय गेंदबाज, इं...

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भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच के दूसरे दिन का खेल समाप्त हो चुका है। इंग्लैंड की टीम ने भारत के सामने पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया है। इंग्लैंड के कप्तान जो रुट ने पहली पारी में टीम को फ्रंट से लीड किया। 

भारत की शानदार बॉलिंग अटैक के सामने रुट (Joe Root) निडर होकर टीम की कमान संभाली और इंग्लैंड अब बड़े स्कोर की ओर बढ़ता चला जा रहा है।

इंग्लैंड ने दूसरे दिन 3 विकेट पर 263 रनों से आगे खेलना शुरु किया था। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड ने 8 विकेट के नुकसान पर 555 रन बना लिए हैं। इंग्लिश कप्तान ने 218 रनों की लाजवाब पारी खेली है।

छक्का लगाकर पूरा किया दोहरा शतक

इंग्लैंड के कप्तान जो रुट (Joe Root) ने चेन्नई टेस्ट के दूसरे दिन छक्के के साथ अपना दोहरा शतक पूरा किया। छक्के के साथ टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले वह इंग्लैंड के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने यह कमाल भारतीय स्पीनर आर अश्विन की गेंद पर किया।

दूसरे दिन बेन स्टोक्स और जो रुट के बीच चौथे विकेट के लिए कमाल की साझेदारी हुई। स्टोक्स को शाहबाज नदीम ने पुजारा के हाथों कैच कराया। स्टोक्स के रुप में इंग्लैंड को चौथा झटका लगा। जिसके बाद बल्लेबाजी करने आए होप के साथ रुट ने पारी को संभाला। दोनों के बीच अर्धशतकीय साझेदारी हुई।

चौथे सेशन में इशांत ने की शानदार गेंदबाजी

आर. अश्विन ने पोप को LBW कर चलता किया। जिसके थोड़े ही देर बाद शाहबाज नदीम ने जो रुट को LBW कर उनकी पारी का अंत किया। उन्होंने 377 गेंदों में 19 चौके और 1 छक्के की मदद से 218 रनों की शानदार पारी खेली। (IND vs ENG) 

जिसके बाद बल्लेबाजी करने आए इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जोस बटलर और डॉमिनिक बेस ने पारी को संभालने की कोशिश की। लेकिन इशांत शर्मा ने बटलर को बोल्ड कर इंग्लैंड को सांतवा झटका दिया। उसी ओवर में इशांत ने जोफ्रा आर्चर को बोल्ड कर दिया। दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक इंग्लैंड की ओर से बेस और लीच मैदान पर अड़े हैं।

सुंदर को नहीं मिला एक भी विकेट

भारतीय बॉलिंग की बात की जाए तो पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी इंग्लैंड के बल्लेबाज मजबूत भारतीय गेंदबाजी लाइन-अप पर भारी पड़े। हालांकि, दूसरे दिन के अंतिम सेशन में भारतीय गेंदबाजों ने बेहतरीन गेंदबाजी की। इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, शाहबाज नदीम और आर अश्विन ने अभी तक 2-2 विकेट चटकाए हैं। जबकि अपना दूसरा टेस्ट सीरीज खेल रहे वाशिंगटन सुंदर को अभी तक एक भी सफलता नहीं मिली है।

Farmers Protest: राकेश टिकैत ने दिया सरकार को अल्टीमेटम, इस तारीख तक नहीं लिए कानून व...

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नए कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन नवंबर महीने से जारी है। किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। लेकिन 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जो हिंसा हुई, उसके बाद कुछ समय के लिए किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता हुआ दिखने लगा था। हालांकि किसानों ने अपने आंदोलन को एक बार फिर से तेज करते हुए आज यानी शनिवार को चक्का जाम करने का फैसला लिया था।

चक्का जाम शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। चक्का जाम के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होनें केंद्र सरकार को नए कृषि कानून को वापस लेने के लिए 2 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया। उन्होनें किसानों को संबोधित करते हुए ये भी कहा कि सरकार के साथ हम किसी भी दबाव में बातचीत नहीं करेंगे। जब प्लेटफॉर्म बराबरी का होगा, तब ही बातचीत की जाएगी।

‘2 अक्टूबर तक लें कानून वापस नहीं तो…’

राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा- ‘सरकार को हमने कानून वापस लेने के लिए 2 अक्टूबर तक का वक्त दिया है। फिर हम आगे की योजना बनाएंगे। सरकार को या तो हमारी बात सुन लेनी चाहिए, नहीं तो अगला ऐसा आंदोलन होगा कि जिसका बच्चा फौज-पुलिस में होगा, उसका परिवार यहां रहेगा और उसका पतिा तस्वीर लेकर यहां बैठेगा। तस्वीर कब लानी होगी, ये भी मैं बता दूंगा।’

‘पूरे देश में करेंगे आंदोलन’

किसान नेता ने कहा कि सरकार या तो बिल वापस ले और MSP पर कानून बना दें…नहीं तो ये आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। हम पूरे देश में यात्रा करेंगे। देशभर में आंदोलन होगा। फिर मत कहिएगा कि ये कैसा आंदोलन है। हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक होगा। टिकैत बोले कि हम तिरंगे को मानते हैं। जब हमारे बच्चों की शहादत होती है, तो वो गांव में तिरंगे में ही लिपटकर आते हैं। तिरंगे का अपमान सहन नहीं किया जाएगा।

‘शर्तों के साथ नहीं होगी बातचीत’

सरकार पर हमला बोलते हुए किसान नेता राकेश टिकैत इनको देश से नहीं व्यापारी से लगाव है। इन्हें किसान से नहीं अनाज से लगाव है। इनको मिट्टी से नहीं अन्न से लगाव है। ये कील बोएंगे और हम अनाज।’  उन्होनें कहा कि अगर कोई ट्रैक्टर लेकर आ रहा है, तो उसको नोटिस भेजे जा रहे हैं। ये कहां का कानून होता है कि ट्रैक्टर नहीं चलेगा।

टिकैत बोले कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन शर्त के साथ बातचीत नहीं करेंगे। बराबरी का प्लेटफॉर्म मिलने पर ही बातचीत होगी।

गौरतलब है कि किसानों के चक्का जाम के बाद राकेश टिकैत ने ये बातें बोलीं। बता दें कि किसानों का चक्का जाम दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर दूसरे राज्यों में दोपहर 12 बजे से लेकर 3 बजे तक किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठ गए। चक्का जाम का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिला। किसानों ने हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में चक्का जाम का असर देखने को मिला।

‘बिहार सरकार से क़ानून व्यवस्था पर सवाल पूछिए तो वो हड़प्पा काल की बात करते है…...

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बिहार की सियासत में उथल-पुथल जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए गठबंधन ने जीत हासिल कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में सरकार बनाई लेकिन सरकार बनने के 3 महीने बाद भी अभी तक प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हुआ है। जिसे लेकर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं।

इससे इतर बिहार सरकार की ओर से इन दिनों लगातार नए-नए आदेश जारी किए जा रह हैं, जिसे लेकर विपक्षी पार्टियां प्रदेश सरकार पर हमलावर है। बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जोरदार हमला बोला है।

नीतीश कुमार पर बरसे तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लगातार ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा, ‘सरकार से क़ानून व्यवस्था पर सवाल पूछिए तो वो हड़प्पा काल की बात करते है। धरना-प्रदर्शन किजीए तो नए फ़रमान जारी करते है। दबाव डालिए तो लीपापोती के लिए किसी को भी बलि का बकरा बना देते है। थके और कमजोर मुख्यमंत्री की कोई नहीं सुन रहा। अपराधी और माफिया राज कर रहे है।‘

नेता प्रतिपक्ष ने कुछ खबरों को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मुख्यमंत्री नीतीश जी को कोटि-कोटि बधाई! गुरु गोविंद सिंह, भगवान महावीर, माता सीता की जन्मभूमि एवं बुद्ध और गाँधी की कर्मभूमि तथा विश्‍व को सर्वप्रथम गणतंत्र का ज्ञान देने वाली बिहार की महान धरा विश्वभर में आपके तानाशाही रवैये के कारण नकारात्मक चर्चा में है। शांत मन से सोच कुछ करिए।‘

वहीं, एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नीतीश कुमार को टैग करते हुए तेजस्वी यादव ने लिखा कि ‘दुनिया के जाने-माने अखबार व पत्रिकाओं में बिहार सरकार के अलोकतांत्रिक और तानाशाही फ़ैसलों की भर्त्सना हो रही है। सरकार को चाहिए कि वह शांत चित्त से सोच समझकर ही लोकतांत्रिक निर्णय ले। ऐसे फैसलों को वापस लिया जाना चाहिए, जिससे राज्य की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।‘

जानें क्या है पूरा मामला?

बता दें, पिछले दिनों बिहार पुलिस महानिदेशक की ओर से आदेश जारी किया गया था कि अगर कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होकर किसी आपराधिक घटना को अंजाम देता है तो उसे सरकारी नौकरी या ठेके नहीं दिए जाएंगे। जिसे लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है।

इस आदेश के ठीक पहले बिहार सरकार ने सोशल मीडिया को लेकर भी एक फरमान जारी किया था। उस आदेश के मुताबिक अब बिहार सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक या सरकारी अफसर के खिलाफ सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर की जाती है, तो ऐसा करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। बिहार सरकार के ऐसे फैसलों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

हंगामे की भेंट चढ़ रहा बजट सत्र: …तो क्या लोकसभा में भाषण नहीं देंगे पीएम मोदी?...

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इस वक्त किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बुरी तरह से घिरीं हुई हैं। एक तरफ तो सरकार को हजारों किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विपक्ष भी सड़क से लेकर संसद तक मोदी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमलावर है। संसद में बजट सत्र चल रहा है। इस दौरान भी किसान आंदोलन को लेकर दोनों सदनों में खूब हंगामा देखने को मिल रहा है।

केवल राज्यसभा में ही बोल सकते हैं पीएम

राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पेश किए जाने के बाद जब से संसद की कार्यवाही शुरू हुआ, विपक्षी पार्टियों ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र के खूब घेरा। विपक्ष के हंगामे के चलते पीएम मोदी अब तक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब तक नहीं दे सके। ऐसे में अब इस बात की संभावना जताई जाने लगी है कि प्रधानमंत्री इस बार सिर्फ राज्यसभा में ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दें।

दरअसल, शुक्रवार को राज्यसभा में अभिभाषण और किसान आंदोलन पर चर्चा पूरी हो चुकी है। ऐसे में अगर नरेंद्र मोदी लोकसभा की जगह केवल राज्यसभा में ही बोलते हैं, तो वो ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बन जाएंगे। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने सिर्फ राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब नहीं दिया।

दोनों सदनों में भाषण देते हैं पीएम, लेकिन…

परंपरा यही है कि प्रधानमंत्री दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बाद धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हैं। अब तक ऐसा सिर्फ दो ही बार हुआ, जब देश के प्रधानमंत्री ने लोकसभा में चर्चा का हिस्सा ना लिया हो। लेकिन इस दोनों ही बार राज्यसभा में भी प्रधानमंत्रियों ने भाषण नहीं दिया था।

1999 में ऐसा पहली बार हुआ था, जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। तब लोकसभा में उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया था। वहीं 2009 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब भी ऐसा हुआ था। उस दौरान तत्‍कालीन केंद्रीय मंत्री और लोकसभा के नेता प्रणब मुखर्जी ने दोनों सदनों में जवाब दिया था।

वैसे ऐसा अब तक चार बार हो चुका है, जब प्रधानमंत्री ने केवल लोकसभा में जवाब दिया हो और राज्यसभा में नहीं। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ जब किसी प्रधानमंत्री ने लोकसभा में भाषण नहीं दिया और राज्यसभा में दिया हो।

दरअसल, लोकसभा में अब तक राष्ट्रपति के अभिभाषण से जुड़े प्रस्ताव पारित नहीं हुए। हालांकि सरकार की पूरी कोशिश है कि वो गतिरोध को जल्द खत्म करें। वैसे शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को लोकसभा में जवाब देना था। लेकिन हंगामे की चलते लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित होती रही।

सोमवार को राज्यसभा में बोल सकते हैं पीएम

तय कार्यक्रम के मुताबित सोमवार को सुबह 10:30 बजे पीएम मोदी को राज्यसभा में बोलता हैं। ऐसे में अगर पीएम मोदी केवल राज्यसभा में इस बार बोलते हैं और लोकसभा में नहीं, तो वो ऐसा करने वाले पहले प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि संभावना ये भी जताई जा रही है कि पीएम मोदी राज्यसभा में भी ना बोले और उनकी जगह पर कोई वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राज्यसभा में धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर जवाब दें।