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‘आंदोलनजीवी’, ‘शादी में फूफी’, ‘भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी’…राज्यसभा में फुल फॉर्म में दि...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में जवाब दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना से लेकर किसान आंदोलन तक तमाम मुद्दों पर विपक्ष को घेरा। पीएम मोदी ने राज्यसभा में तंज कसते हुए ऐसी बातें बोली, जिस पर विपक्षी नेता भी हंस पड़े। साथ ही MSP के मुद्दे पर एक बार फिर से किसानों को भरोसा देते हुए आंदोलन खत्म की अपील भी पीएम मोदी ने की। आइए आपको बताते हैं पीएम मोदी के राज्यसभा में दिए भाषण की खास बातें…

‘MSP रहेगी जारी, खत्म करें आंदोलन’

पीएम मोदी ने किसानों को MSP पर भरोसा देते हुए आंदोलन खत्म करने को कहा। पीएम मोदी ने कहा कि MSP थी, है और रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आगे बढ़ना चाहिए। गालियों को मेरे खाते में जान दें, लेकिन सुधार होने दें। बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उनको घर जाना चाहिए। आंदोलन खत्म करें, चर्चा जारी रहेगी। किसानों के साथ बातचीत जारी रहेगी। MSP थी, है और रहेगी।

‘मोदी है, मौका लीजिए’

राज्यसभा में विपक्ष पर पीएम मोदी ने जमकर हमला बोला। उन्होनें मजाकिया अंदाज में कहा कि आपने चर्चा के दौरान मेरे खिलाफ कई टिप्पणियां की। कोरोना की वजह से आप लोग फंसे रहते होंगे। घर में किचकिच भी चलती होगी। आप अपना सारा गुस्सा मेरे पर उतार दिया। इससे आपका मन हल्का हुआ होगा। चलो, मैं आपके काम तो आया, ये मेरा सौभाग्य है। आप ये आनंद लगातार लेते रहिए और मोदी है, मौका लीजिए।

मनमोहन सिंह का पढ़ा पुराना कथन

राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह के एक कथन को भी पढ़ा, जिसमें उन्होनें बड़े बाजार की वकालत की थीं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक कथन को कोट करना चाहता हूं। उन्होनें किसानों को अपनी उपज कहीं पर भी बेचने का हक देने की बात कही थी। इस हिसाब से तो इस पर गर्व करने की जरूरत है, क्योंकि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है।

‘परिवार में नाराज फूफी की तरह…’

राज्यसभा में पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि किसी ने भी किसान कानून पर चर्चा नहीं की। सबने यही कहा कि कानून को जल्दबाजी में लाया गया और बिना चर्चा के लाया गया। परिवार में शादी होती है तो फूफी नाराज होकर कहती है… मुझे कहां बुलाया… वो तो रहता है… इतना बड़ा परिवार है तो।’

‘बिना आंदोलन के जी नहीं सकते कुछ लोग’

पीएम मोदी ने कहा कि हम कुछ शब्दों से परिचित हैं, जैसे श्रमजीवी, बुद्धिजीवी। लेकिन बीते कुछ लोग आंदोलनजीवी हो गए। ये लोग किसी का भी आंदोलन हो, वहां पर नजर आ जाएंगे..चाहे वो स्टूडेंट का आंदोलन हो, मजदूर का या किसी और का..ये लोग आपको दिख जाएंगे। कभी पर्दे के पीछे कभी आगे। ये टोली आंदोलनजीवी की है, जो बिना आंदोलन के जी नहीं सकते हैं। हमें ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत है। ये आंदोलनजीवी ही परजीवी होते हैं, जो हर जगह नजर आते हैं।’

‘देश को हर सिख पर गर्व’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग भारत को अस्थिर करने की कोशिश करते हैं, जिनसे हमको सतर्क रहने की जरूरत है। पंजाब का बंटवारा हुआ, 1984 में दंगे, कश्मीर और नार्थ ईस्ट में जो कुछ हुआ उससे देश को नुकसान पहुंचा। कुछ लोग सिख भाइयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं। देश को हर सिख पर गर्व है।

‘…जब शास्त्री जी ने’

पीएम मोदी ने सदन में बोलते हुए कहा कि यहां पर केवल आंदोलन की ही बात हो रही है, लेकिन सुधारों पर कोई भी चर्चा नहीं हुई। जब लाल बहादुर शास्त्री जी ने कृषि सुधारों को किया, तो उनको भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, फिर भी वो पीछे नहीं हटे। तब लेफ्ट ने कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट कह दिया था। आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी कानून हो, कुछ समय के बाद उसमें सुधार होते ही हैं।

‘भारत को दुनिया के उपदेश की जरूरत नहीं’

पीएम मोदी बोले कि हमें लोकतंत्र को लेकर कई उपदेश दिए गए। हमें लोकतंत्र को लेकर दुनिया से सीखने की जरूरत नहीं। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं, जिसकी खाल ऐसे उधेड़ सकें। भारत लोकतंत्र की जननी है। भारत का प्रशासन लोकतांत्रिक है, इसकी परंपरा, संस्कृति, विरासत, और इच्छाशक्ति लोकतांत्रिक है, जो हमें एक लोकतांत्रिक देश बनाता है। ये सत्यम, शिवम, सुंदरम के मूल्यों से प्रेरित है।

कोरोना को लेकर भी विपक्ष को घेरा

कोरोना को लेकर भी पीएम ने विपक्ष को घेरा। उन्होनें कहा कोरोना काल में दुनिया भारत के लिए चिंतित थी। अगर भारत नहीं संभला, तो दुनिया पर संकट आएगा। लेकिन देश ने नागरिकों की रक्षा के लिए जंग लड़ी और आज पूरी दुनिया गर्व कर रही है कि भारत ने इस जंग को जीता। ये लड़ाई किसी सरकार या व्यक्ति की नहीं थी, बल्कि इसे पूरे हिंदुस्तान ने जीता। विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि कोरोना संकट में एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन उसका भी मजाक उड़ाया गया। विपक्ष ऐसी बातों में ना उलझे, जिनसे देश के मनोबल को चोट पहुंचता हो।

जानिए कैसा रहा ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया से अब तक का परिवारिक राजनीति सफर ...

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तब मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया, जब वो कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए. 2020 में मार्च महीने में सिंधिया ने ऐसा किया। सिंधिया के साथ उनके समर्थन 21 कांग्रेस विधायकों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि सत्ता पर काबिज कमलनाथ की सरकार गिर गई और एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान एमपी के सीएम बने.

ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी की ये इच्छा थीं कि उनका पूरा परिवार बीजेपी में ही रहे. हालांकि जिवाजी राव सिंधिया और विजया राजे सिंधिया के 5 बच्चों में से माधवराव और उनके पुत्र ज्योतिरादित्य ही कांग्रेस में थे इनके अलावा सभी बीजेपी में ही रहे. आज हम आपको ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में बताने के साथ ही उनका राजनीतिक इतिहास बताने जा रहे हैं, आइए जानते हैं…

ज्योतिरादित्य की दादी ने कांग्रेस से की थी शुरुआत

कांग्रेस पार्टी से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी और ग्वालियर की राजमाता विजयराजे सिंधिया ने अपना राजनीति सफर शुरु किया था. साल 1957 में उन्होंने गुना से लोकसभा सीट जीत हासिल कर संसद पहुंची थीं. वो कांग्रेस में 10 साल तक रहीं थीं, इसके बाद वो साल 1967 में जनसंघ में चली गईं थीं. इन्हीं के चलते उनके क्षेत्र में जनसंघ की मजबूती बढ़ी. साल 1971 में जिस समय इंदिरा गांधी की लहर पूरे भारत में थी उस दौरान भी यहां से जनसंघ तीन सीट जीतने में सफल रही.

पिता जनसंघ छोड़ कांग्रेस में हुए थे शामिल

केवल 26 साल की उम्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधव राव सिंधिया जनसंघ में रहने के दौरान सांसद बन गए थे. हालांकि साल 1977 में आपातकाल के बाद जनसंघ से वो अलग हो गए और साल 1980 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा. जिसके चलते वो केंद्रीय मंत्री भी बने. वहीं, साल 2001 में एक विमान दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी.

दोनों बुआओं की राजनीति में एंट्री

ज्योतिरादित्य की दोनों बुआ यशोधरा राजे सिंधिया और वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी राजनीति में एंट्री की. जिसके चलते वसुंधरा राजे सिंधिया साल 1984 में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हो गईं. बता दें कि ये राजस्थान की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. इनके बेटे दुष्यंत भी बीजेपी में हैं और राजस्थान की झालवाड़ सीट से सांसद हैं.

साल 1977 से अमेरिका रह रही वसुंधरा राजे की बहन यशोधरा जब साल 1994 में भारत लौटीं तो उन्होंने मां की इच्छा के अनुसार बीजेपी में शामिल हुईं. इसके बाद साल 1998 में उन्हें बीजेपी के ही टिकट पर चुनाव लड़ा. यशोधरा राजे 5 बार विधायक रह चुकीं हैं. इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान की सरकार में ये मंत्री भी रह चुकी हैं.

2002 में पहली बार बने सांसद

साल 2001 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पिता की मौत के बाद कांग्रेस पार्टी में उनकी जगह ली. जिसके चलते साल 2002 में गुना सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सांसद चुने गए. वो साल 2019 तक कभी भी चुनाव नहीं हारे, लेकिन जब साल 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

इस तरह शुरू हुई संधिया-कमलनाथ की तकरार

बहुत कोशिशों के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में सरकार तो बना ली. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया सीएम नहीं बन सके. कांग्रेस द्वारा कमलनाथ को मुख्य मंत्री बना दिया गया. जिसके बाद से ही दोनों में तकरार शुरू हो गई. वहीं, विधानसभा के 6 महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी जब सिंधिया को हार मिली तो उनके लिए ये दूसरा बड़ा झटका साबित हुआ.

मांग करने के बाद भी सिंधिया को मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष का पद नहीं मिला. इसके बाद राज्यसभा भेजे जाने के कारण सिंधिया और कमलनाथ में हो रही तकरार सामने आई थी. बता दें कि ज्योतिरादित्य द्वारा कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने को लेकर धमकियां भी दी गई थी. नवंबर 2019 में ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस के सभी पदों को छोड़कर दबाव बनाना का प्रयास किया. हालांकि उनकी ये प्रयास भी नाकाम रहा. मार्च 2019 में सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में चले गए. अब शिवराज के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज है.

ऋषभ पंत ने दिखाई दरियादिली, उत्तराखंड त्रासदी में डोनेट की अपनी मैच फीस

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देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड बीते दिन रविवार को एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा का शिकार बन गया। प्रदेश के कई इलाकों में ग्लेशियर टूटने से भीषण तबाही मची है। चमोली और जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से एका-एक जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ गया औऱ बाढ़ आ गई, जिसमें भारी जान और माल का नुकसान हुआ है।

खबरों के मुताबिक 200 से ज्यादा लोग लापता हैं, जबकि अभी तक 11 शव निकाले जा चुके हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि स्थिति पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है, बचाव दल लोगों को निकालने में लगे हैं। उत्तराखंड की इस त्रासदी पर पूरे देश की नजर टिकी हुई है। इसी बीच भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने उत्तराखंड में बचाव कार्य के लिए अपनी पूरी मैच फीस देने का ऐलान किया है।

चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट खेल रहे हैं पंत

रविवार देर रात पंत (Rishabh Pant) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा, ‘उत्तराखंड में हुए हादसे से बहुत दुख हुआ। राहत, बचाव के लिए अपनी मैच फीस देना चाहूंगा और अधिक लोगों से मदद करने की अपील करूंगा।‘

दरअसल, भारत और इंग्लैंड के बीच 4 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। सीरीज का पहला मैच चेन्नई में खेला जा रहा है। ऋषभ पंत पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम के सदस्य भी हैं। पहली पारी में उन्होंने बल्लेबाजी करते हुए 91 रनों की तेजतर्रार पारी खेली है। उत्तराखंड में घटित हुई प्राकृतिक आपदा को लेकर सोशल मीडिया पर उन्होंने दुख जताया है और लोगों से ज्यादा से ज्यादा सहायता करने की अपील की है।

पीएम मोदी और सीएम रावत ने किया मुआवजे का ऐलान

बता दें, इस घटना की खबर मिलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत घटनास्थल पर पहुंच गए और खुद स्थिति का जायजा लिया। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के लोगों को हर तरह से मदद करने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की है। साथ ही गंभीर रुप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने सभी मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है।

Ind vs Eng: सिराज ने पकड़ी कुलदीप की गर्दन….ये था मजाक या बात और कुछ? BCCI ने स...

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भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 5 फरवरी से हो गया है। दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच चेन्नई में खेला जा रहा है। पहले मैच की पहली पारी में इंग्लैंड ने बढ़त हासिल की हुई है। पहले बल्लेबाजी करते हुए 578 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। वहीं पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया की पहली पारी 337 रनों में ही सिमट गई और इंग्लैंड ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली।

मैच में एक तरफ जहां टीम इंडिया पिछड़ती हुई नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ ड्रेसिंग रूम में घटी घटना को लेकर काफी ज्यादा चर्चाएं सोशल मीडिया पर हो रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन करने वाले मोहम्मद सिराज और कुलदीप यादव के बीच हुए एक वाक्या ने लोगों को हैरान करके रख दिया।

कुलदीप की गर्दन पकड़ते नजर आ रहे सिराज

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रही है, जिसमें मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव की गर्दन पकड़ते हुए नजर आ रहे है। इस वीडियो के वायरल  होने के बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर बवाल मचा हुआ है और लोग BCCI से इसके खिलाफ एक्शन लेने की मांग कर रहे है। लेकिन इस पूरे मामले को लेकर BCCI की तरफ से अब तक कोई भी बयान नहीं दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम पर BCCI ने चुप्पी साध रखी है।

सोशल मीडिया में जो वीडियो वायरल हो रही है, उसमें साफ तौर पर देखने को मिल रहा है कि ड्रेसिंग रूम में सिराज लौट रहे खिलाड़ियों की पीठ थपथपा कर हौसला बढ़ा रहे होते हैं। लेकिन इसी बीच जब कुलदीप यादव वहां पर पहुंचते है, तो गुस्से में सिराज उन्हें कॉलर या गर्दन से पकड़कर अपनी ओर खींच लेते हैं। इस दौरान सिराज, कुलदीप से क्या कुछ कहते हैं, ये सुनाई नहीं दे रहा।

इस दौरान टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री भी मौजूद होते हैं। लेकिन उनकी आंखों के सामने ये घटना नहीं होतीं। वो सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए वीडियो में नजर आ रहे हैं।

इस पर BCCI ने अब तक नहीं दी सफाई 

सिराज और कुलदीप के बीच ये जो घटना घटी, उस पर कई तरह के सवाल उठ रहे है। सोशल मीडिया पर ये वीडियो चर्चाओं में बनी हुई है। लोग वीडियो की सच्चाई जानना चाह रहे हैं। क्या सिराज और कुलदीप के बीच महज कुछ मजाक चल रहा था, या फिर ये मामला गंभीर है…लोग इसकी सच्चाई BCCI से सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि अब तक तो BCCI ने इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। देखना होगा कि BCCI अपनी कब चुप्पी तोड़कर सफाई देता है।

मैच का अब तक का पूरा हाल जानिए…

बात अगर मैच की करें तो। भारत में कोरोना काल के बाद इंटनेशनल क्रिकेट की वापसी हो गई है। 5 फरवरी से भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा है। मैच में टॉस जीतकर इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के गेंदबाजों ने खूब धोया। पहली पारी में इंग्लैंड ने 578 रनों का बड़ा स्कोर बना दिया। इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने पहले टेस्ट मैच में 218 रनों की जबरदस्त पारी खेली।

वहीं इस विशाल स्कोर के बाद टीम इंडिया की बारी बल्लेबाजी करने की आई। टीम इंडिया को शुरुआत अच्छी नहीं मिल पाई। रोहित शर्मा महज 6 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए। वहीं गिल भी 29 रन ही पहली पारी में बना पाए। कप्तान कोहली 11 रन के स्कोर पर आउट हो गए। पुजारा ने 73 रनों और ऋषभ पंत ने 91 रनों और वॉशिगंटन सुंदर ने 85 रनों की शानदार पारी खेली। इंग्लैंड को पहली पारी में 241 रनों की लीड मिली।

दिल्ली के बदले अगर सरकार ने लद्दाख में किले लगाई होती तो हमारे जवान शहीद नहीं होते- अ...

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में लगी हुई है। आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी शुरु हो चुके हैं। पिछले दिनों पीएम मोदी की भतीजी ने भी बीजेपी की टिकट पर निकाय चुनाव में हिस्सा लेने की इच्छा जताई थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद पीएम मोदी के भाई प्रहलाद मोदी ने कई तरह के सवाल भी उठाए थे।

दूसरी ओर किसान आंदोलन की गूंज गुजरात से लेकर असम तक सुनाई दे रही है। किसान दिल्ली के बॉर्डरों पर पिछले 74 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस किसानों को बॉर्डर पर ही रोकने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रही है। आंदोलन वाले इलाकों में कंटीले तार के साथ-साथ सड़क में किले भी लगाई गई है।

जिसकी तस्वीरे पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही थी। इसी बीच हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है।

पीएम मोदी चीन का नाम तक नहीं लेते

गुजरात के निकाय चुनावों में ओवैसी की पार्टी पहली बार अपनी किस्मत आजमाने उतरी है। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) खुद चुनाव प्रचार में लगे हैं। बीते दिन रविवार को गुजरात के भरुच में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने किसान आंदोलन के साथ-साथ लद्दाख के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है।

ओवैसी ने कहा, ‘अगर आपने लद्दाख में कीलें लगांई होती तो चीनी सैनिक भारत में नहीं घुसे होते। आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए। अगर आपका सीना 56 इंच का होता तो आप चीन को सबक सीखा चुके होते। मोदीजी ने एक बार भी चीन का नाम तक नहीं लिया। वह सभी लोगों का और सभी चीजों का नाम लेंगे लेकिन चीन का नहीं।‘

तीन कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों को लेकर भी जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा, तीन कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ है क्योंकि कृषि राज्य का विषय है इसलिए ऐसे में केंद्र का राज्य के विषय में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि इस कानून का विरोध कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है और आदिवासी-दलितों को नक्सली और मुस्लिमों को जिहादी बताया गया।‘

जानिए कैसा रहेगा 08 फरवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 8 फरवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। कामों में आ रही अड़चनें दूर होगी। आज किसी से खास तोहफा आपको मिल सकता है। किसी करीबी का स्वास्थ्य आपकी चिंता बढ़ा सकता है।

वृषभ राशि- दिन की शुरुआत बढ़िया होगी। धन लाभ होने के आसार है। परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा। नए काम शुरू करने के लिए दिन शुभ नहीं है।

मिथुन राशि- आपका दिन मिला जुला बीतेगा। आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। आज के दिन गुस्सा आपकी परेशानियां बढ़ा सकता है। हर परिस्थिति में अपनी सूझबूझ से काम लें।

कर्क राशि- आज के दिन आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। परेशानियों से घिरे रहेंगे। कुछ करीबियों से ही धोखा मिल सकता है। किसी भी हालत में संयम ना खोएं।

सिंह राशि- दिन आपका सामान्य रहेगा। नौकरीपेशा लोगों के हाथ आज अच्छा अवसर लग सकता है। परिवार में कुछ परेशानियां रहेगी। पार्टनर के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे।

कन्या राशि- आपका दिन बढ़िया बीतेगा। खुद को साबित करने के अवसर मिलेंगे। पुराने रोगों से छुटकारा मिलने के आसार है। भविष्य से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से बचें।

तुला राशि- आपको थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। किसी अनजान शख्स की बातों में आएं। परिवारवालों के साथ अच्छा वक्त बिताएंगे। दिन आपका ठीक ठाक रहेगा।

वृश्चिक राशि- कोई जोखिम भरे काम को हाथ में लेने से बचें। आपका दिन अच्छा बीतेगा। मनचाही चीज खरीद सकते है। ज्यादा तनाव लेने से बचने की जरूरत है।

धनु राशि- आज के दिन किसी पर भी अधिक भरोसा ना करें। किसी करीबी की बातें आपको ठेंस पहुंचा सकती है। दिन आपका मिला-जुला रहने वाला है। स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

मकर राशि- आपका दिन बहुत अच्छा बीतेगा। मन खुश रहेगा। बिगड़े काम भी बन सकते हैं। दोस्तों के साथ शानदार वक्त बिताएंगे।

कुंभ राशि- आज के दिन यात्रा पर जाने से बचें। स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें। दिन की शुरुआत  कुछ परेशानियों से होगी। लेकिन शाम होते होते सबकुछ सामान्य हो जाएगा।

मीन राशि- आपका दिन ठीक ठाक रहेगा। जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ेगा। आर्थिक स्थिति डामाडोल रहेगा। हर हाल में परिवारवाले सहयोग करेंगे।

IND vs ENG Chennai Test, Day 3: पंत-पुजारा का कमाल, भारत ने 6 विकेट पर बनाए 257 रन

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भारत और इंग्लैंड के बीच 4 मैचों के टेस्ट सीरीज (IND vs ENG Chennai Test Day 3) का शुभारंभ हो गया है। इंग्लैंड की टीम ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए 578 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया है। इंग्लिश कैप्टन जो रुट ने 218 रनों की लाजवाब पारी खेली। वहीं, भारत की ओऱ से आर अश्विन और जसप्रीत बुमराह सबसे सफल गेंदबाज रहे। दोनों ने इंग्लैंड के 3-3 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई।

इंग्लैंड की पारी समाप्त होने के बाद भारतीय टीम ने बैटिंग की शुरुआत की। लेकिन टीम के कुल 19 रनों के स्कोर पर टीम इंडिया के विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा खतरनाक गेंदबाज जोफ्रा आर्चर के शिकार बन गए। आर्चर ने उन्हें विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों कैच कराकर इंडिया को पहला झटका दिया।

पुजारा और पंत की जोड़ी ने किया कमाल

जिसके बाद बल्लेबाजी करने आए चेतेश्वर पुजारा ने शुभमन गिल के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाई। लेकिन टीम के 44 रनों के स्कोर पर गिल भी चलते बने। उन्होंने 5 चौके की मदद से 28 रनों की पारी खेली। जिसके बाद बल्लेबाजी करने आए विराट कोहली भी सस्ते में आउट हो गए।

उन्होंने 48 गेंदो में 11 रनों की पारी खेली और धाकड़ बॉलर डॉम बेस के शिकार बने। टीम के कुल 71 रनों के स्कोर पर भारत को कप्तान कोहली के रुप में तीसरा झटका लगा। फिर बल्लेबाजी करने आए उपकप्तान आजिक्य रहाणे भी मात्र 1 रन बनाकर आउट हो गए। जिसके बाद सारा दारोमदार दूसरे छोर पर बल्लेबाजी कर रहे चेतेश्वर पुजारा के कंधों पर आ गया।

पुजारा ने विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ मिलकर पारी को आगे बढ़ाया। दोनों के बीच सही समय पर 119 रनों की शानदार साझेदारी हुई। टीम के कुल 192 रनों के स्कोर पर चेतेश्वर पुजारा डॉम बेस के शिकार बने। उन्होंने 11 चौके की मदद से 73 रनों की पारी खेली।

इंडिया ने बनाए 6 विकेट पर 257 रन

जिसके बाद वाशिंगटन सुंदर के साथ पंत ने पारी को आगे बढ़ाया। लेकिन 91 रनों के निजी स्कोर पर पंत भी चलते बने। पंत ने अपनी पारी ने 9 चौके और 5 छक्के लगाए और उन्हें भी डॉम बेस ने ही आउट किया। मौजूदा समय में भारत ने 6 विकेट के नुकसान पर 257 रन बना लिए हैं। (IND vs ENG Chennai Test Day 3)

वाशिंगटन सुंदर और आर अश्विन पीच पर टिके हुए है। इंग्लैंड की ओर से डॉम बेस सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने भारत के शीर्ष क्रम को झकझोर कर रख दिया। बेस ने 4 विकेट चटकाए। वहीं, स्टार गेंदबाज जोफ्रा आर्चर ने दो बल्लेबाजों को आउट किया।

एक भारत रत्न का नाम हटाकर दूसरे भारत रत्न का नाम रखना सही नहीं: नवाब मलिक

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देश के कई राज्यों में इन दिनों ऐतिहासिक स्थल, शहर, स्टेशन समेत कई नामों को बदला जा रहा है। बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश के बाद अब बीजेपी शासित हरियाणा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। पिछले साल दिसंबर में हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद में स्थित बादशाह खान अस्पताल का नाम बदलने की अधिसूचना जारी की थी।

जिसके बाद विपक्ष ने इसका विरोध भी किया था। इसी बीच महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) ने भी हरियाणा सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने खट्टर सरकार से इस मामले पर पुन:विचार करने का आग्रह किया है।

नवाब मलिक का बयान

महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने बीते दिन शनिवार को मुंबई में मशहूर स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान की 131 वीं जयंती के मौके पर शनिवार को मुंबई  में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा। उन्होंने कहा कि बादशाह खान और अटल बिहारी वाजपेयी दोनों ही भारत रत्न से सम्मानित है। ऐसे में एक भारत रत्न का नाम हटाकर दूसरे भारत रत्न का नाम देना उचित नहीं है।

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने दिसंबर 2020 में फरीदाबाद में स्थित बादशाह खान हॉस्पिटल का नाम बदलने की अधिसूचना जारी की थी। जिसमें बादशाह खान अस्पताल का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करने की बात कही गई थी।

नवाब मलिक (Nawab Malik) ने कहा, अंग्रेजों के खिलाफ देश में हजारों लोगों ने अपनी जानें दी। तब जाकर हमें आज का दिन दिख रहा है। इन मे सीमांत गाँधी का नाम महत्वपूर्ण है। उनके काम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हमें अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कोई आपत्ति नहीं पर ये सम्मान वाजपेयी को किसी और तरीके से भी दिया जा सकता है। मलिक ने लोगो से अपील की है की वो सब साथ आकर खट्टर  सरकार के इस फैसले का विरोध करे।

एक ऐसा मंदिर जहां 16 श्रृंगार किए बिना नहीं होता पुरुषों का प्रवेश, कारण है मंदिर की ...

कई मंदिरों में महिला के प्रवेश या फिर उनसे जुड़े तो आप कई किस्से और कहानियां जरूर सुनी होंगी लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना या देखा है जहां पर पुरुषों को मंदिर में जाने से पहले 16 श्रृंगार करना पड़ता हो? अगर नहीं, तो आइए हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताते हैं जहां प्रवेश करने से पहले पुरुषों को महिलाओं की तरह ही साज-श्रृंगार करना पड़ता है, जिसके बाद ही वो मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं.

हम जिस अद्भुत मंदिर की बात कर रहे हैं वो देश के राज्य केरल में स्थित है. इस मंदिर का नाम “कोट्टनकुलंगरा देवी” है. ये एक प्रचानी मंदिर है. यहां पर जाने से पहले पुरुषों को महिलाओं की तरह ही श्रृंगार करना होता है. बता दें कि ये मंदिर केरल के कोल्‍लम जिले में स्‍थापित है. यहां पूजा करने के लिए खास नियम जोए हुए हैं. इस नियम के मुताबिक कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर में सिर्फ महिलाएं ही आकर पूजा कर सकती हैं. ऐसे में अगर कोई पुरुष इस मंदिर में आकर पूजा करना चाहता है तो उसे महिला का रूप धारण करना पड़ेगा, इसलिए उसे महिलाओं के जैसे ही श्रृंगार करना होता है.

सिर्फ थोड़े से श्रृंगार से ही नहीं होता मंदिर में प्रवेश

आपको बता दें कि इस मंदिर में केवल ऐसे ही पुरुष प्रवेश कर सकते हैं जिन्होंने पूरा 16 श्रृंगार किया होता है. महिलाओं की तरह थोड़ा सा श्रृंगार या फिर बिना 16 श्रृंगार किए इस मंदिर में जाने की आज्ञा नहीं होती है.

सदियों से चला आ रहा है ये रिवाज

केरल में स्थित कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर से जुड़ा ये नियम बरसों पुराना है जो कि सदियों से चला आ रहा है. इस मंदिर से जुड़ी मान्यता के मुताबिक जो पुरुष 16 श्रृंगार कर इस मंदिर में आता है उसके सभी कार्य पूरे होते हैं. इसके अलावा उन्हें सुंदर पत्नी मिलने के साथ ही अच्छी नौकरी की भी प्राप्ति होती है.

‘चाम्‍याविलक्‍कू’ पर्व में श्रृंगार करना होता है जरूरी

हर वर्ष इस मंदिर में ‘चाम्‍याविलक्‍कू’ त्यौहार आयोजित किया जाता है. इस दौरान इस मंदिर में हजारों की संख्‍या में पुरुष आते हैं और महिलाओं की तरह 16 श्रृंगार कर इस पर्व का हिस्सा बनते हैं. बता दें कि ऐसे लोग जो दूसरे शहरों से आते हैं उनके लिए मंदिर में एक मेकअप रूम भी बना हुआ है, यहां वो 16 श्रृंगार कर सकते हैं.

मंदिर से जुड़ी कथा

कोट्टनकुलंगरा देवी मंदिर से जुड़ी कथा की माने तो यहां देवी खुद ही प्रकट हुईं थीं. इसके बाद यहां पर देवी मां का मंदिर बनाया गया था. बता दें कि इस मंदिर में बनें गर्भगृह पर किसी भी तरह की कोई छत भी नहीं है और ये ऊपर से खुला है.

हर वर्ष बढ़ती है प्रतिमा

ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में जो ‘कोट्टनकुलंगरा देवी’ की प्रतिमा स्थापित है वो हर वर्ष बढ़ती है. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की माने तो उनके मुताबिक ये एक चमत्कारी मंदिर है और यहां कोट्टनकुलंगरा देवी की प्रतिमा हर वर्ष कुछ इंच जरूर बढ़ती है.

 

Rose Day 2021: जानिए क्यों मनाया जाता है रोज डे और गुलाब के अलग-अलग रंगों का क्या होत...

हर साल 7 फरवरी से वेलेंटाइन वीक की शुरूआत होती है. 7 फरवरी को रोज डे (Rose Day) मनाया जाता है. इस दिन प्रेमी जोड़े एक दूसरे को गुलाब (Rose) देते हुए अपने प्यार का इजहार करते हैं. रोज डे क्यों मनाया जाता है और अलग-अलग रंग के गुलाब का क्या मतलब होता है वो हम आपको बताने जा रहे हैं.

क्यों मनाया जाता है रोज डे 

“गुलाब” इस फूल के जरिए कोई भी अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस कर सकता है. इसलिए गुलाब को सबसे अच्छा मूक प्रतीक माना जाता है. साथ ही रोज डे मनाने को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि महारानी विक्टोरिया के समय में लोगों ने अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करने के लिए गुलाब का आदान-प्रदान करने की परंपरा शुरु की. गुलाब के कई रंगों में से लाल रंग के गुलाब को प्यार और जुनून का प्रतीक माना जाता है, तो वहीं लाल के अलावा रंग के गुलाबों का अलग-अलग अर्थ होता है. आइए आपको गुलाब के अलग-अलग रंगों के बारे में बताते हैं…#

लाल गुलाब (Red Rose)

लाल रंग का गुलाब प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस रंग का गुलाब भावुकता और प्यार की गहराई को दर्शाता है. अगर आप किसी से मोहब्बत करते हैं तो उसे लाल रंग दे सकते हैं. अपने प्यार का इजहार करने के लिए लाल रंग के गुलाब सबसे उपयुक्त माना जाता है.

गुलाबी गुलाब (Pink Rose)

अगर आप किसी की तारीफ और प्रशंसा करना चाहते हैं तो उसे गुलाबी रंग का गुलाब दें.  गुलाबी रंग का गुलाब ग्रेस और अपनेपन को दर्शाता है. इस गुलाब को देने से खुशी दिखाई जाती है.

पीला गुलाब (Yellow Rose)

पीले रंग के गुलाब को दोस्ती का प्रतीक माना जाता है. पीला गुलाब खुशी, सांमजस्य, सच्चाई और अपनेपन को दर्शाता है. अगर आप किसी को अपना दोस्त बनाना चाहते हैं तो उसे पीला रंग का गुलाब दे सकते हैं.

सफेद गुलाब (White Rose)

सफेद गुलाब शांति और एकता का रंग माना जाता है. इसके अलावा इस रंग का गुलाब शाश्वत और शुद्ध प्रेम को दर्शाता है. वहीं, अगर आप अपने रिश्ते को लंबे वक्त तक बरकरार रखना चाहते हैं तो अपने पार्टनर को सफेद रंग का गुलाब दे.

नारंगी गुलाब (Orange Rose)

नारंगी रंग का गुलाब पैशन और एनर्जी का प्रतीक है. अगर आप अपने प्रेमी से बहुत प्यार करते हैं तो उन्हें नारंगी रंग का गुलाब दें.

बैंगनी रोज (Purple rose)

बैंगनी रंग का गुलाब रॉयल्टी को दर्शाता है. इस रंग का गुलाब पहली नजर या आकर्षण पर प्यार का इजहार करने हेतु भी दिया जाता है. अगर आप किसी से प्यार करते हैं और कह नहीं पा रहे हैं तो उसे बैंगनी गुलाब दे दें वो समझ जाएगा या जाएगी.

काला गुलाब (Black rose)

काला गुलाब दुश्मनी को दर्शाने वाला रंग होता है. इसलिए बेहतर होगी आप इस रंग के गुलाब को किसी को भी न दें वरना क्योंकि ये आपकी दुश्मनी को दर्शाता है.

नीला गुलाब (Blue rose)

नीला गुलाब शांति और सौम्यता प्रदान करने वाला रंग होता है. ये प्राकृतिक तौर पर तैयार नहीं होता है और इसे बनाया जाता है.

हरा गुलाब (Green Rose)

हरे रंग का गुलाब सुख, संपत्ति, उपज का प्रतीक है. इस रंग के गुलाब को उन्हें दें जिन्हें आप जीवन में कामयाबी और हमेशा तरक्की करता हुआ देखना चाहते हैं.