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दुनिया के तीसरे सबसे बड़े लोकतंत्र देश की करेंसी पर इस कारण छपे थे भगवान गणेश, भारत स...

भारत और इंडोनेशिया की संस्कृति में कई तरह से समानताएं हैं. अगर आप यहां जाते हैं तो एक बार के लिए आपको ये गलतफहमी भी हो सकती है कि आप कहीं भारत में ही तो नहीं है. आइए आपको इंडोनेशिया से जुड़ी खास बाते बताते हैं और साथ ही ये भी बताते हैं कि इंडोनेशिया की करेंसी में भगवान गणेश की तस्वीर छापने के पीछे क्या वजह थी…

सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश

दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश कहलाए जाने वाला इंडोनेशिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है. ये ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया के बीच हजारों द्वीपों पर फैला हुआ है. यहां पर मुसलमानों की सबसे अधिक आबादी है, लेकिन यहां हिन्दू धर्म का साफ तौर पर असर नजर आता है.

इस कारण करेंसी पर छपे थे भगवान गणेश

आपको बता दें कि इंडोनेशिया में हिन्दू देवी-देवताओं की काफी पूजा-पाठ की जाती है. इतना ही नहीं भगवान गणेश को तो यहां पर कला और बुद्धि का भगवान माना जाता है. इसी कारण से इंडोनेशिया की करेंसी पर पहले गणेश जी की तस्वीर अंकित होती थी. दरअसल, कुछ सालों पहले यहां की अर्थव्यवस्था में गिरावट आने लगी थी, ऐसे में यहां के अर्थशास्त्रियों ने विचार-विमर्श कर बाद में 20 हजार रुपयों के नए नया नोट जारी किए थे और इन सभी नोटों पर भगवान गणेश की फोटो को छापा गया. हालांकि, साल 1998 के बाद इंडोनेशिया में जारी हुए नए नोटों पर से भगवान गणेश की तस्वीर को हटा दिया गया था.

यहां की संस्कृति में रामायण-महाभारत का अस्तित्व

चाहे इंडोनेशिया की करेंसी की बात की जाए या फिर आम जन के जीवन की यहां की सांस्कृतिक विविधता नजर आ जाती है. यहां की संस्कृति में रामायण और रामायण मंचन का अहम हिस्सा है. एक मुस्लिम बहुल वाले देश की संस्कृति में रामायण-महाभारत का अस्तित्व भले ही हैरतअंगेज हो, मगर इंडोनेशिया में हिंदू धर्म समेत अपनी सांस्कृतिक पहचान के साथ काफी सहज है. इंडोनेशिया में हर कोई रामायण और महाभारत की कहानी जानता है. यहां के जकार्ता स्क्वेर में भगवान कृष्णा और अर्जुन की मूर्तियां भी स्थापित हैं.

हिंदू-मुस्लिम के बीच अच्छा रिश्ता

इंडोनेशिया में हिन्दू-मुस्लिम की गहरी दोस्ती तो इसी से साफ है जब यहां के मुसलमान रमजान में रोजा रखने के दौरान इफ्तार के बाद यहां के हिन्दू मंदिर में रामायण मंचन में हिस्सा लेने जाते हैं.

इस द्वीप पर करीब 60 फीसदी हिन्दू आबादी

इंडोनेशिया में जावा नामक एक प्रमुख द्वीप है, यहां पर करीब जहां लगभग 60 फीसदी हिंदू धर्म के लोगों की आबादी है. यहां 13वीं से 15वीं शताब्दी के बीच एक माजापाहित नामक हिंदू साम्राज्य काफी फला फूला, जिसके चलते यहां की संस्कृति, भाषा और भूमि पर हिंदू संस्कृति की न मिटने वाली छाप पड़ गई.

जगह-जगह पर मिलेंगे मंदिर

इंडोनेशिया में जगह-जगह पर भगवान शिव और विष्णु जी के मंदिर बने हुए हैं. यहां संस्कृत में लिखे हुए शब्द, रामायण-महाभारत का जिक्र काफी मिलता है. हालांकि पूरे इंडोनेशिया में हिन्दुओं की इतनी ज्यादा आबादी नहीं है, यहां 2 फीसदी से भी कम हिन्दूओं की आबादी है.

इंडोनेशिया का सिर्फ धर्म ही नहीं बल्कि यहां की भाषा भी भारत से काफी मिलती जुलती है. इनकी भाषा को ‘बहासा इंदोनेसिया‘ कहा जाता है. वहीं, इनके शब्दकोष में भी स्त्री और मंत्री जैसे शब्द होते हैं.

इस शताब्दी से हुई हिन्दू धर्म की स्थापना

इंडोनेशिया में हिन्दूओं कैसे पहुंचे ये पूर्ण रूप से साफ नहीं है, लेकिन ऐसा कहना है कि यहां पर 5वीं शताब्दी तक हिंदू धर्म स्थापित हो चुका था. जैसे-जैसे हिंदू साम्राज्य का असर में बढ़ोतरी होने लगी वैसे-वैसे 12वीं से 13वीं शताब्दी तक हिंदू और बौद्ध शासकों ने अपना कई द्वीपों पर अधिकार जमा लिया.

इंडोनेशिया में ज्यादातर 6 धर्मों के समुदाय हैं, जिनमें से हिन्दू धर्म को साल 1962 में जगह मिली. लोमबोक, जावा और बाली में हिंदू धर्म के बहुत सारे अनुयायी हैं. बता दें कि साल 1964 से ही हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था परिषद हिंदू धर्म इंडोनेशिया अस्तित्व में है. यहां पर हिन्दू धर्म के प्रभाव के अलावा बौद्ध धर्म का भी प्रभाव रहा है. इंडोनेशिया के बोरोबोदूर में दुनिया का बहुत बड़ा बौद्ध स्तूप है.

26 जनवरी को डिजिटल स्ट्राइक, 4-5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान…किसान आंदोलन के नाम पर विदे...

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किसान आंदोलन का मुद्दा अब देश से बाहर विदेशों में भी छाने लगा है। पॉप स्टार रिहाना के किसान आंदोलन के समर्थन में किए ट्वीट के बाद से ही इसको लेकर बवाल मचा है। रिहाना के अलावा भी कई इंटरनेशनल सेलब्रिटीज ने भी सोशल मीडिया के जरिए किसानों को अपना समर्थन दिया।

इंटरनेशनल सेलब्रिटी भी कूदे विवाद में…

लेकिन इसके बाद से ही सोशल मीडिया दो गुटों में बंट गया। एक तरफ तो वो लोग है, जो किसानों के पक्ष में आवाज उठाने वाले इंटनेशनल सेलब्रिटीज की तारीफ कर रहे हैं और दूसरी ओर वो लोग है जो भारत के मामले में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप करने पर भड़क रहे हैं। इस वक्त सोशल मीडिया पर ये मुद्दा सबसे ज्यादा सुर्खियों में बना हुआ है। कई बॉलीवुड सितारे भी इस मामले में उतर गए हैं और भारत के खिलाफ चल रहे प्रपोगैंडा को लेकर एकजुट होने की अपील लोगों से की।

…तो ये सब है प्लान का हिस्सा?

स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग भी उन लोगों में शामिल है, जिन्होनें किसान आंदोलन का समर्थन किया। लेकिन उनकी एक ट्वीट, जिसे वो डिलीट कर चुकी हैं उसको लेकर खासा बवाल हो रहा है। दरअसल, इस ट्वीट में ग्रेटा किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया कैंपेन का एक शेड्यूल शेयर किया गया था। जिसे उन्होनें बाद में डिलीट कर दिया।

ग्रेटा ने जो शेड्यूल शेयर किया था, उसमें किसान आंदोलन को लेकर भारत के खिलाफ विदेशी प्रोपेगेंडा की पोल खुली। ग्रेटा द्वारा शेयर डॉक्यूमेंट में भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना शेयर की थी। भले ही उन्होनें इस ट्वीट को डिलीट कर दिया हो, लेकिन कई लोग पहले ही डॉक्यूमेंट का स्क्रीनशॉट ले चुके हैं, जो सोशल मीडिया पर अब जमकर वायरल हो रहा है। इसके बाद से ही ग्रेटा सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गईं और उन्हें जमकर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रेटा द्वारा शेयर टूलकिट में क्या क्या था?

ग्रेटा ने अपनी ट्वीट में भारत की सत्ता पर काबिज पार्टी बीजेपी को फासीवादी बताया। साथ ही इस डॉक्यूमेंट में 5 बातें मुख्य तौर पर लिखीं थी, जिसमें ऑन ग्राउंड प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने की बात कही गई। इसके अलावा किसान आंदोलन के समर्थन में एकजुटता दिखाने के लिए फोटोज ई-मेल करने को कहा गया। डॉक्यूमेंट में लिखा था कि इन तस्वीरों को 25 जनवरी तक भेजें।

वहीं 26 जनवरी या उससे पहले डिजिटल स्ट्राइक #AskIndiaWhy के साथ ट्विटर पर पोस्ट करने को कहा। वहीं 4-5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लाने का प्लान था। यानी कि किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, फोटोज और हैशटैग को ट्रेंड करने की प्लानिंग। जिसके लिए फोटोज, वीडियो को 5 फरवरी तक भेजने को कहा गया। इसके अलावा 6 फरवरी को आखिरी दिन इस डॉक्यूमेंट में बताया गया। इसके अलावा इसमें कहा गया कि स्थानीय प्रतिनिधि से संपर्क करें, जिससे भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनेगा।

ग्रेटा द्वारा शेयर किए गए इस डॉक्यूमेंट में ये भी कहा गया कि ऑनलाइन याचिका दायर कर अडानी-अंबानी जैसे एकाधिकारवादियों पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया जाए। इसके अलावा 13-14 फरवरी को भारतीय दूतावास, मीडिया संस्थान और स्थानीय सरकारी दफ्तरों के पास आंदोलन करें, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करें।

ग्रेटा ने शेयर की नई टूलकिट

हालांकि हंगामा होने के बाद पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वालीं ग्रेटा थनबर्ग ने एक नई ट्वीट की, जिसमें उन्होनें अपडेटेड प्लान जारी किया है। इस नई टूलकिट में 26 जनवरी को विदेशों और भारत में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का प्लान को हटा दिया गया।

अपनी इस ट्वीट को लेकर ग्रेटा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रही हैं। अधिकतर लोग यही कहते हुए नजर आ रहे हैं कि रिहाना, मिया खलीफा और ग्रेटा जैसे लोग जो कृषि और किसानों के आंदोलन के बारे में जानते नहीं होंगे, वो भारत के आंतरिक मामलों में दखल क्यों दे रहे हैं? ग्रेटा की ट्वीट के बाद सवाल ये उठ रहा है कि इंटनेशनल सितारों का भारत के मामले में दखल देना क्या एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है? क्या भारत को बदनाम करने के लिए विदेशी प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है? सोशल मीडिया पर इस वक्त ये सब बहस का मुद्दा बना हुआ है।

जानिए कैसा रहेगा 04 फरवरी को आपका दिन

जैसा कि हम सभी जानते हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 04 फरवरी का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…

मेष राशि- आपका दिन सामान्य रहेगा। आर्थिक समस्याएं दूर होगी। मेहनत के नतीजे मिलेंगे। आज के दिन सेहत का खास ध्यान रखें।

वृषभ राशि- दिन की शुरुआत बढ़िया होगी। अटके काम पूरे होंगे। परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा। भविष्य से जुड़ा कोई फैसला जल्दबाजी में ना लें।

मिथुन राशि- आपका दिन मिला जुला रहेगा। छात्रों को मेहनत का फल मिलेगा। आज स्वास्थ्य डामाडोल रहेगा। किसी भी काम में आपका मन नहीं लगेगा।

कर्क राशि- आज के दिन थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। आज के दिन कार्यक्षेत्र में दिन चुनौती भरा बीतेगा। काम का दबाव बढ़ेगा। हर परिस्थिति में धैर्य बनाएं रखें।

सिंह राशि- दिन आपका ठीक ठाक रहेगा। नौकरीपेशा लोगों को संभलकर रहने की जरूरत है। आज किसी भी फैसले को लेने में जल्दबाजी बिलकुल ना दिखाएं। माता पिता की सलाह के बिना कोई बड़ा कदम ना उठाएं।

कन्या राशि- दिन आपका अच्छा रहेगा। लंबे समय से चली आ रही आर्थिक समस्याएं कम होगी। रुका हुआ धन मिलने के आसार है। दोस्तों के साथ अच्छा समय व्यतीत करेंगे।

तुला राशि- आपका दिन हर्षोल्लास से भरा बीतेगा। कामों में आ रही परेशानियां कम होगी। नए काम शुरू करने के लिए दिन शुभ है। परिवार का माहौल अच्छा रहेगा।

वृश्चिक राशि- दिन आपका मिला जुला रहने वाला है। परिवार में सुख शांति बनी रहेगी। खर्चें बढ़ने की संभावना है। आर्थिक स्थिति डामाडोल रहेगी।

धनु राशि- दिन आपका सामान्य रहेगा। कामकाज के सिलसिले में मेहनत के नतीजे मिलेंगे। आर्थिक परेशानियां कम होगी। स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें।

मकर राशि- आज के दिन किसी दूसरे के विवाद में पड़ने से बचें। घर में सुख शांति बनी रहेगी। दिन आपका अच्छा बीतेगा। लव लाइफ में थोड़ा तनाव रहने के आसार है।

कुंभ राशि- आज के दिन संभलकर रहें। किसी की भी बातों में ना आएं। दिन आपका तनाव से भरा बीतेगा। भविष्य की चिंता सताएगी।

मीन राशि- दिन आपका शानदार बीतेगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियां कम होगी। स्वास्थ्य में सुधार आएगा। आज के दिन गुस्सा पर कंट्रोल रखें।

क्रिकेट आस्ट्रेलिया के इन शर्तों को मानने के बाद ही IPL 14 में हिस्सा ले पाएंगे खिलाड...

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IPL के चौदहवें सीजन को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अपनी तैयारियों में लग गया है। BCCI ने IPL 14 के लिए 18 फरवरी को चेन्नई में मिनी ऑक्शन (IPL Mini Auction) का ऐलान किया है। इस साल IPL फ्रेचाइजियों ने अपने कई स्टार खिलाड़ियों को बाहर किया है, जो पिछले सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन करने में नाकाम रहे थे।

ऐसे में 18 फरवरी को कई खिलाड़ियों की किस्मत का फैसला होगा। इसी बीच IPL के अगले सीजन के लिए क्रिकेट आस्ट्रेलिया की ओर से बड़ा बयान सामने आया है। किक्रेट आस्ट्रेलिया (Cricket Australia) ने कहा है कि इस साल होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 14) में हिस्सा लेने वाले अपने खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के अनुसार नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देगा।

IPL 13 में 19 AUS खिलाड़ियों ने लिया था हिस्सा

आज बुधवार को क्रिकेट आस्ट्रेलिया के चेयरमैन निक हॉकले (Nick Hockley) ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘IPL ने पिछले साल अपना बायो-सिक्योर बबल साबित किया था। हमारे पास जब इसके लिए आवेदन आएंगे तो हम हर मामले पर उनकी योग्यता के आधार पर विचार करेंगे।‘

दरअसल, आस्ट्रेलिया के कई बड़े खिलाड़ी पिछले काफी समय से आइपीएल का हिस्सा रहे हैं। आइपीएल के पिछले सीजन में आस्ट्रेलिया के 19 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। मौजूदा समय में उनमें से कई खिलाड़ियों को फ्रेचाइजियों ने रीलीज कर दिया है। जिनकी किस्मत का फैसला 18 फरवरी को होगा।

अप्रैल महीने में शुरु होगा IPL 14

बता दें, क्रिकेट आस्ट्रेलिया (Cricket Australia) ने मार्च में होने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा रद्द कर दिया है। आस्ट्रेलिया ने अफ्रीका में महामारी के कारण स्वास्थ्य और सुरक्षा की जोखिमों को देखते हुए यह फैसला लिया। हालांकि, मार्च में ही न्यूजीलैंड में होने वाली टी20 और टेस्ट सीरीज के कार्यक्रम में अभी तक किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि अप्रैल महीने के दूसरे सप्ताह से IPL के चौदहवें सीजन का आगाज होने वाला है। हालांकि, इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस बार भी कुल 8 टीमें नए अंदाज और कुछ नई खिलाड़ियों के साथ टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी। क्रिकेट फैंस बेसब्री से IPL की शुरुआत का इंतजार कर रहे हैं।

रिहाना की ट्वीट पर बॉलीवुड का रिएक्शन: अक्षय, अजय समेत तमाम सितारों मैदान में उतरे, क...

पॉप सिंगर रिहाना ने किसान आंदोलन को लेकर जब से ट्वीट किया है, तब से ये मुद्दा अब नेशनल से इंटरनेशनल होता जा रहा है। रिहाना की ट्वीट के बाद कई और इंटनेशनल सेलिब्रिटीज ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर ट्वीट किया और किसानों को अपना समर्थन दिया।

रिहाना की ट्वीट के बाद छिड़ी बहस

रिहाना की ट्वीट के बाद जिस तरह से कई दूसरे सेलिब्रिटी भारत के इस मामले में दखल देकर कमेंट कर रहे हैं, उसको लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। सोशल मीडिया दो गुटों में बंट चुका है। एक तरफ तो वो लोग हैं जो रिहाना, ग्रेटा और मिया खलीफा समेत दूसरे ग्लोबल स्टार्स पर इस मुद्दे को उठाने और किसानों का साथ देने के लिए उनकी तारीफ कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वो लोग हैं, जो इन सेलिब्रिटीज से भारत के आतंरिक मामलों में दखल देने के लिए उन पर नाराज होते हुए नजर आ रहे हैं।

बॉलीवुड ने कुछ यूं दिया जवाब

रिहाना की ट्वीट के बाद से ही सोशल मीडिया पर ये पूरा मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है। वहीं अब रिहाना की ट्वीट पर बॉलीवुड के कुछ सितारों ने रिएक्ट किया, जिसमें अक्षय कुमार, अजय देवगन, करण जौहर जैसे कई सेलेब्स शामिल हैं। इन लोगों ने भी भारत के आतंरिक मामलों में दखल देने के लिए बाहरी लोगों को दखल नहीं देने की बात कही।

इन सभी सितारों ने विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी बयान को लेकर ट्वीट किया, जिसमें मंत्रालय की ओर से कहा गया कि किसी भी हालत में भारत बाहरी लोगों को अपना एजेंडा चलाने नहीं देगा। मंत्रालय ने साफ संदेश उन सेलेब्स को दिया, जो भारत के संवेदशनशील मुद्दे पर कमेंट कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि किसान आंदोलन भारत का आंतरिक मसला है और इस पर किसी भी दूसरे देश की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्रालय के इस मैसेज पर कई बॉलीवुड के सितारे भी सामने आए। अक्षय कुमार ने इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा- ‘किसान हमारे देश का अहम हिस्सा हैं और उनके मसलों को हल करने के लिए प्रयास किए जा रहे है और वो दिख भी रहे हैं। मतभेद पैदा करने वाले किसी व्यक्ति पर ध्यान देने की जगह एक सौहार्दपूर्ण संकल्प का समर्थन करें।

वहीं अजय देवगन ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा- ‘भारत और भारत की नीतियों के खिलाफ झूठे प्रचार करने वालों के चक्कर में ना फंसें। ये समय ऐसा है जब हमें एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है, बिना किसी अंदरुनी लड़ाई की।’

इसके अलावा सुनील शेट्टी ने ट्वीट कर लिखा- ‘हमें हमेशा चीजों का व्यापक दृष्टिकोण रखना चाहिए। आधे सच से ज्यादा खतरनाक कुछ भी नहीं हो सकता।’

इसके अलावा अनुपम खेर, करण जौहर, एकता कपूर जैसे कई सेलिब्रिटीज ने भी ट्वीट कर ऐसी ही बातें कहीं। इन दौरान इन सभी सितारों ने कुछ हैशटैग भी यूज किए, जो #IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda है।

क्या किया था रिहाना ने ट्वीट?

बता दें कि पॉप स्टार रिहाना ने बीते दिन उस खबर पर ट्वीट किया था, जिसमें किसान आंदोलन के चलते दिल्ली के बॉर्डरों पर इंटरनेंट बंद होने की जानकारी दी गई थीं। इस पर ट्वीट कर रिहाना ने कहा था- ‘हम इसके बारे में क्यों बात नहीं कर रहे?’ रिहाना की ये ट्वीट वायरल हो गई, जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस छिड़ी हुई हैं।

किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर बरसे राहुल गांधी, कहा- देश में नेतृत्व का अभाव

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किसान आंदोलन को लेकर पूरे देश में आंदोलन तेज हो गया है। विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर है। पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का बजट पेश किया था। जिसके बाद विपक्षी पार्टी के कई नेताओं ने खूब प्रतिक्रियाएं दी थी। इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड़ से सांसद राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार का काम किसानों को डराना या धमकाना नहीं है बल्कि इस समस्या का शांति से समाधान करना है।

क्या किसान दुश्मन हैं?

राहुल गांधी ने किसानों के धरना स्थल पर हुई किलेबंदी को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, सरकार प्रदर्शन वाली जगहों पर किलेबंदी क्यों कर रही है। किसान इस देश की ताकत हैं और यह समस्या देश के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘क्या सरकार किसानों से डरती है? क्या किसान दुश्मन हैं? वे लोग हमारे लिए फसल उपजाते हैं, हमें जिंदा रखते हैं।‘

मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को किसानों को सुनने की जरूरत है क्योंकि किसान वापस नहीं जाने वाले हैं, अंत में सरकार को पीछे हटना ही पड़ेगा। सरकार कह रही है कि एक फोन कॉल की दूरी पर सरकार है। उन्होंने कहा, ‘ये क्या है? किसान कह रहे हैं कि कानूनों को वापस लो और आप कह रहे हैं कि बातचीत करो। वो प्रधानमंत्री से बातचीत थोड़ी करना चाहते हैं, वो अपना कानून वापस लेना चाहते हैं।‘

किसान हमारी रीढ़ की हड्डी हैं…

राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी को देश की अर्थव्यवस्था नष्ट करने का प्रमुख कारण बताया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘आपने नोटबंदी की, फिर जीएसटी लागू की, आपने हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया। फिर कोविड आ गया, इसके बाद और नुकसान हुआ। जब उद्योगों को चोट लगी, तो हमारे किसानों ने हिंदुस्तान को बचाया। अब आप उनकी जिंदगी बर्बाद कर रहे हो। वो हमारी रीढ़ की हड्डी हैं।‘ उन्होंने कहा कि इस देश में नेतृत्व का अभाव है, कोई नेतृत्व नहीं है।

गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर घटी घटना को लेकर राहुल गांधी ने कहा, ये बीजेपी का मुद्दे से ध्यान भटकाने का तरीका है। अगर किसी ने गलत काम किया तो वह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। अगर आप पूरी तस्वीर को देखें तो सरकार पूरी स्थिति को नियंत्रण नहीं कर पा रही है। उन लोगों ने अर्थव्यवस्था से लेकर देश की तमाम चीजों को बर्बाद कर दिया है, इसलिए इस तरह का विवाद खड़ा कर लोगों को भटकाना चाहते हैं।

सबसे पैसा छीनकर 10-15 लोगों के पॉकेट में डाल रही सरकार

केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर टिप्पणी करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, मुझे उम्मीद थी कि सरकार हिंदुस्तान के 99 फीसदी लोगों की मदद करेगी। लेकिन ये बजट सिर्फ 1 फीसदी आबादी का बजट है। जो हमारे सूक्ष्म और लघु उद्योग के लोग हैं, जो किसान हैं, मजदूर और जवान हैं, उन सबसे पैसा छीनकर 10-15 लोगों के पॉकेट में डाल दिया है। हिंदुस्तान को अपनी जनता के हाथ में पैसे देने की जरूरत थी, हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत थी लेकिन सरकार जो कर रही है, उससे नहीं होगी।

रक्षा बजट में पैसे नहीं बढ़ाने को लेकर कसा तंज

कांग्रेस नेता ने सरकार द्वारा रक्षा बजट में पैसे नहीं बढ़ाने को लेकर भी मोदी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, ‘चीन हिंदुस्तान के अंदर आकर हमारी जमीन लेता है और आप बजट में चीन को क्या मैसेज दे रहे हैं कि हम अपना रक्षा पर खर्च नहीं बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि ये कौन सी देशभक्ति है और राष्ट्रवाद है कि सर्दी में हमारी सेना खड़ी है और उन्हें हम पैसे नहीं दे रहे हैं।‘

26 जनवरी हिंसा: वो 12 चेहरे जिनकी तलाश में पुलिस, ट्रैक्टर परेड के दौरान मचाया था उत्...

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26 जनवरी गणतंत्र दिवस को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटनाओं ने देश को शर्मसार किया। ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पाद मचाया। दिल्ली में जगह जगह पर हिंसक घटनाएं हुईं। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए दिल्ली पुलिस एक्टिव मोड में हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को 12 लोगों की तस्वीरें जारी की है, जिस पर लाल किले समेत अन्य जगहों पर पुलिस पर हमला करने का आरोप है।

जिन लोगों की तस्वीर पुलिस ने जारी की उन 12 उपद्रवियों के हाथ में लाठी डंडे थे और इन्होनें हिंसा के दौरान कई जगहों  पर हिंसा की और पुलिसवालों पर हमला किया था। क्राइम ब्रांच को हिंसा की जांच करते हुए वीडियो मिले थे। जिसकी फिर वीडियो एनेलेटिकल के जरिए और फॉरेसिंक टीम की मदद से चेहरों की पहचान की गई।

जिन 12 लोगों की पहचान हुई है, पुलिस उन आरोपियों की जानकारी जुटाने में लगी है जिससे इनको गिरफ्तार किया जा सके। ऐसा बताया जा रहा है कि ये सभी आरोपी पंजाब और यूपी के हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा की जांच काफी तेजी से की जा रही हैं। पुलिस लगातार इन हिंसा के पीछे जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में जुटी है। बीते दिनों पुलिस ने आम जनता से आरोपियों को पकड़ने के लिए मदद मांगी थीं। पुलिस ने कहा था कि अगर किसी के पास हिंसा से जुड़े कोई वीडियो, फोटोज या फिर अन्य चीज हो तो उसे साझा करें। क्राइम ब्रांच को सोशल मीडिया के जरिए अब तक करीबन एक हजार वीडियो मिल चुके हैं, जिनके जरिए आरोपियों की तलाश के लिए अलग-अलग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

गणतंत्र दिवस पर हुई इस हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसवाले घायल हुए थे। कुछ पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट आई थीं। दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस अब तक 44 FIR दर्ज कर चुकी हैं।

ये है आरोपियों की तस्वीर-

गणतंत्र दिवस के दिन हुई हिंसा पर SC का सुनवाई से इनकार, कहा- जांच कर रही सरकार

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देश में इन दिनों किसान आंदोलन का मुद्दा गरमाया हुआ है। विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। बीते गणतंत्र दिवस को किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला था, जिसमें हिंसा और तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। कुछ उपद्रवी तत्वों ने ऐतिहासिक लाल किले पर झंडा भी फहराया था।

हालांकि, किसान नेताओं ने आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने वालों पर कार्रवाई की मांग की थी।गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसपर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आज बुधवार को सुनवाई (Supreme Court on Red Fort Violence) से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि इस मामले में उनके हस्तक्षेप की जरुरत नहीं है, क्योंकि जांच चल रही है।

हमारे हस्तक्षेप की जरुरत नहीं

चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि मामले में अभी हमारे हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है, हम याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, जांच का नतीजा एक तरफा निकलेगा ऐसा सोचना सही नहीं है। चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि सरकार जांच कर रही है। हमने पीएम का बयान भी सुना है तो आप सरकार के पास रिप्रेंजनटेशन दें। इस मामले पर प्रतिक्रिया देने के बाद उन्होंने याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की मंजूरी दी।

लाल किले पर झंडा लगाने वाले की नहीं हुई है गिरफ्तारी

बता दें, गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में हिंसा हुई थी। जिसमें 394 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और 30 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचा था। लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने वाले दीप सिद्धू को किसानों ने बीजेपी का कार्यकर्ता बताया था। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं के साथ उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। लेकिन इस घटना के बाद से वह फरार बताया जा रहा है। अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

गौरतलब है कि दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान पिछले 70 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और मोदी सरकार से कृषि कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक अभी तक 150 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कई राज्यों में किसान आंदोलन के मामले को लेकर महापंचायत हो रहे हैं। जिसके बाद और भी ज्यादा संख्या में किसानों के जुड़ने की संभावना है।

स्वर कोकिला लता मंगेशकर से जुड़ी जानिए कुछ बेहद ही दिलचस्प बातें…

लता मंगेशकर ने देश ही न ही विदेश में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी है। लता जी ने लोगों के दिल में अपने गीत से अलग पहचान बनाई है। लताजी का जन्म इंदौर शहर में हुआ था। 1940 में लताजी ने महज 11 साल की उम्र में गाना शुरु कर दिया था। उन्होंने पहली बार मराठी फिल्म “गडाभाऊ” में हिंदी गीत “माता एक सपूत की दुनिया बदल दे” को अवाज दी थी। 1989 में लता मंगेशकर को दादा साहब फाल्के अवार्ड मिला था। 2001 में उन्हे भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। लता जी सरल और निर्मम स्वभाव की है। सभी लोग उन्हें प्यार से दीदी कहकर पुकारते है।

बहन मीनाताई ने लताजी से जुड़े खुलासे किया

उम्र के इस पड़ाव में अगर आप सोचते है कि लता मंगेशकर अपने काम किसी ओर को करने को कहती है तो गलत सोचते है। लता जी की बहन मीनाताई मंगेशकर ने इंटरव्यू के दौरान कई खुलासे किए है। लता 90 साल की उम्र में भी गाना के रियाज करती है। इसी के साथ वो अपना खाना खुद बनाती है और सभी बच्चो को भी खिलाती है। आमतौर पर लता मंगेशकर मीडिया से दूरी बनाई नजर आती है। लेकिन सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहती है। इतना ही नही लता जी अलग-अलग मुद्दो पर ट्वीट भी करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि लता जी के ट्वीट कौन करता है क्या वो खुद करती है।

इसका जवाब लता मंगेशकर की बहन ने देते हुए कहा कि दीदी अपने सभी ट्वीट खुद करती है। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। पहले की तरह तानपुरा लेकर रियाज नहीं करती है। लेकिन गाना हर रोज गाती है। इतना ही नहीं दीदी हमारे बच्चों को अपने हाथ से खाना बनाकर खिलाती है।

उन्होंने कहा, ”आशा के बच्चे आते हैं तो उनको जो पसंद है वही बनाकर देती हैं। हमको आज भी वैसे ही संभालती हैं हमें कोई तकलीफ हो तो आज भी उनके पास ही जाते हैं। हृदयनाथ को तो अपना बेटा मानती हैं, मां-बाबा गए तो उनकी जगह दीदी ने ले ली। वही मां हैं वही बाबा हैं। हमारे गलत कामों पर भी दीदी को गुस्सा आता है तो खुद के ऊपर निकालती हैं हमारे ऊपर नहीं। हमें कभी नहीं डांटा। मैं, आशा या ऊषा आपस में झगड़ा करते हैं तो वही समझाती हैं।” लता मंगेशकर ने 70 साल तक हिंदी सिनेमा पर राज किया है। आज भी उनके गाने सुनकर दिल खुश हो जाता है। किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार के साथ न जाने कितने हिट गाने गाए है।

'ये लोग लिंचिंग और कत्ल करते हैं और फिर…', हिंदुओं के खिलाफ जहरीला भाषण...

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अलीगढ़ यूनिर्विसिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने एक बयान देकर महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा दिया। शरजील उस्मानी ने हिंदुओं को लेकर ऐसा विवादित बयान दिया, जिसको लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई। इस मामले को लेकर बीजेपी आगबबूला होती हुई और शरजील के खिलाफ एक्शन लेने की मांग उद्धव सरकार से करती नजर आईं। वहीं विवाद बढ़ने के बाद मामले पर एक्शन लेते हुए अब शरजील उस्मानी के खिलाफ केस दर्ज किया गया। शरजील उस्मानी कौन हैं? ऐसा उसने क्या कह दिया, जिस पर बवाल हो रहा है? आइए इस पूरे विवाद के बारे में आपको बताते हैं…

हिंदुओं को लेकर दिया विवादित बयान

पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में शरजील उस्मानी ने हिंदुओं के खिलाफ विवादित बयान दिया। इस कार्यक्रम में शरजील ने हिंदुओं के खिलाफ कई आपत्तिजनक बाते कहीं। शरजील ने कहा कि हिंदु समाज पूरी तरह से सड़ चुका है। उनके इस बयान पर काफी हंगामा होने लगा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शरजील के बयान पर खूब भड़के और सीएम उद्धव ठाकरे से शरजील के खिलाफ एक्शन की मांग करते हुए उन्हें एक चिट्ठी लिख डाली।

क्या कहा था शरजील उस्मानी ने…?

शरजील उस्मानी ने कार्यक्रम में विवादित बयान देते हुए कहा था- ‘हिंदुस्तान में हिंदू समाज सड़ गया है। चलती ट्रेन में जुनैद को मार देते है और कोई भी बचाने नहीं आता। ये लोग लिचिंग और कत्ल करते हैं। कत्ल करने के बाद घर जाने पर क्या करते होंगे? कोई नए तरह से हाथ धोता होगा, कोई दवा मिलाकर नहाता होगा। ये लोग हमारे बीच उठते-बैठते हैं, खाना खाते हैं, फिल्में देखते हैं और फिर अगले दिन किसी दूसरे को पकड़कर कत्ल करते और नॉर्मल लाइफ जीते हैं।’ शरजील ने इसके अलावा भी हिंदु समाज को लेकर कई विवादित बाते बोलीं।

कौन हैं शरजील उस्मानी?

यूपी के आजमगढ़ जिले के सिधारी में रहने वाले शरजील उस्मानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके हैं। वो तब चर्चाओं में आए थे, जब CAA के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में अपने साथियों के साथ मिलकर खुलकर हिस्सा लिया था। शरजील ने कई जगहों पर CAA के खिलाफ प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था। उन पर ये आरोप भी लगे थे कि वो AMU कैंपस में हुई हिंसा का हिस्सा था। जिसके चलते शरजील को जेल भी जाना पड़ा।

आपको बता दें कि पुणे के एल्गार परिषद में कार्यक्रम को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। 2 साल पहले इसको लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने कार्यक्रम पर रोक लगा दी। लेकिन लगातार मांग के चलते 30 दिसंबर की जगह 30 जनवरी को इस कार्यक्रम को आयोजित करने की शर्तों के साथ इजाजत मिली।

शरजील के खिलाफ केस दर्ज

अब शरजील उस्मानी के इस बयान को लेकर उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है। भारतीय युवा जनता मोर्चा के क्षेत्रीय सचिव प्रदीप गावड़े की शिकायत पर उस्मानी के खिलाफ केस दर्ज किया गया। शरजील के खिलाफ FIR IPC की धारा 153-ए के तहत पुणे के स्वारगेट पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई। उनके ऊपर भारत और हिंदू समाज के खिलाफ उकसाने और भड़काऊ भाषण देने के आरोप लगे।