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आयरन लेडी के नाम से मशहूर पहली महिला प्रधानमंत्री के इन 3 फैसलों ने बदल दी भारत की तस...

आयरन लेडी के नाम से मशहूर देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भारतीय राजनीति में इनकी एक अलग ही पहचान थी. इतना ही नहीं इनके द्वारा लिए गए फैसलों ने इन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार कर दिया. जिसके चलते आज भी इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए दुनियाभर में जानी जाती हैं.

एक प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए जिस तरह से उन्होंने देश के लिए जो कुछ भी किया उसे चाहकर भी भुलाया नहीं जा सकता है. अपने कार्यकाल के समय इंदिरा ने बहुत से महत्वपूर्ण और साहसिक फैसले लिए. जिसके कारण देश को आर्थिक मोर्चे पर मजबूत बनाया, तो आइये आपको इंदिरा गांधी की द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने भारत की तस्वीर को ही पूरी तरह से बदल दिया.

बैंकों का राष्ट्रीयकरण

आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के समय बैंकों के राष्ट्रीयकरण का खास फैसला लेते हुए 19 जुलाई, 1969 को 14 प्राइवेट बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया था. इन पर ज्यादातर बड़े औद्योगिक घरानों का कब्जा था. इंदिरा का ऐसा कहना था कि बैंकों के राष्ट्रीयकरण होगा तो बहुत अच्छा रहेगा, इसलिए क्योंकि उसी के वजह से देशभर में बैंक क्रेडिट दिया जा सकेगा. उस दौरान वित्त मंत्री का पद संभाल रहे मोरारजी देसाई ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था. जिसके बाद 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश लाते हुए 14 प्राइवेट बैंकों का स्वामित्व राज्य के हवाले किया गया.

इन बैंकों के पास उस दौरान देश की 70 फीसदी जमापूंजी थी, जिसके चलते जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया उसके बाद बैंकों की 40 फीसदी पूंजी को प्राइमरी सेक्टर में निवेश के लिए सुरक्षित रखा गया और फिर देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में कई बैंकों की शाखाएं खुली गईं. जिसके चलते जहां साल 1969 में 8261 शाखाएं थीं, तो वहीं साल 2000 में 65521 शाखाएं हो गईं. बता दें कि साल 1980 में 6 और बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया.

राजा-महाराजओं का राजभत्ता किया बंद

भारत में आजादी के पहले करीब 500 से अधिक छोटी बड़ी रियासतें थीं. सभी राजा-महाराजा को अपनी रियासत का देश में एकीकरण करने के एवज में भारतीय सरकार द्वारा हर वर्ष प्रिवी पर्स (राजभत्ता) बांधी गई थी. देसी रियासतों के एकीकरण के दौरान ये समझौता सरदार पटेल द्वारा किया गया था. इंदिरा ने राजभत्ता को सम्पात करने का निर्णय लिया था. उन्होंने इसे बंद करवाने के लिए साल 1971 में संविधान में संशोधन किया था. जिसके बाद राजा-महाराजों के सभी सहूलियत और अधिकारों को वापस लिया गया था.

बांग्लादेश का उदय

भारत का बंटवारा होने के बाद बंगाल से कटकर पूर्वी पाकिस्तान बना. यहां के नागरिकों के पास नागरिक अधिकार नहीं थे. इस दौरान पूर्वी पाकिस्तान के लोग पाकिस्तान की सेना के शासन में घुट-घुटकर जी रहे थे. पूर्वी पाकिस्तान की स्वायत्ता के लिए शेख मुजीबुर रहमान शुरूआत से संघर्ष कर रहे थे. यहां गृहयुद्ध शुरू हो गया और फिर फलस्वरुप भारत के असम में लगभग दस लाख बांगला शरणार्थी पहुंच गए, जिनके जाने से भारत में आंतरिक और आर्थिक संकट पैदा होने लगा. इतना ही बांग्लादेशियों के अनुरोध पर भारत को इस समस्या में हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके नतीजतन साल 1971 का युद्ध शुरू हो गया, इस दौरान लगभग 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया. जिसके चलते लंबे अवधि तक राजनीतिक अस्थिरता के बाद एक नए राष्ट्र यानि बांग्लादेश का उदय हुआ.

अब तक नहीं सुलझा गोविंदा-कृष्णा के बीच का विवाद? जानिए आखिर क्यों और कब मामा-भाजे के ...

कभी काफी अच्छी बॉन्डिंग शेयर करने वाले मामा और भांजे, गोविंदा और कृष्णा अभिषेक के रिश्तों में पिछले कई सालों से दरार आई हुई है। इनमें से एक बॉलीवुड के बड़े एक्टर हैं, जो एक्टिंग के साथ-साथ शानदार डासिंग से लोगों का दिल जीतते है, तो दूसरे जबरदस्त कॉमेडी करने के लिए जाने जाते है।

गोविंदा वाले एपिसोड में नहीं आए कृष्णा

वैसे तो कृष्णा अभिषेक अक्सर ही ‘द कपिल शर्मा शो’ में अपने मामा का नाम लेते हुए और उनके डांस स्टाइल को कॉपी करते हुए नजर आते है, लेकिन दोनों के रिश्ते फिलहाल ठीक नहीं हुए है। एक बार फिर से इन दोनों का रिश्ता सुर्खियों में आया। ये तब हुआ जब कपिल शर्मा शो के दिवाली स्पेशल एपिसोड में गोविंदा आए और इस दौरान कृष्णा अभिषेक एपिसोड में नहीं दिखे।

इसके बाद से ही इन खबरों को फिर हवा मिल गई कि अब तक गोविंदा और कृष्णा के बीच का विवाद सुलझ नहीं पाया है। इस दौरान गोविंदा ने बातों ही बातों में कृष्णा पर तंज भी कसा। दरअसल, जब चंदन प्रभाकर (चंदू) मजाक करते हुए कहते हैं कि वो कपिल को धक्के मारकर अमृतसर से मुंबई लाए और अब कपिल का खुद का शो है। इसके बाद गोविंदा ने इसको लेकर कृष्णा पर बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा- ‘कपिल तुझे काम दे ना दे, तेरे भांजे को जरूर देगा।’

भले ही इस दौरान गोविंदा ने किसी का नाम ना लिया हो, लेकिन ये साफ है कि उन्होनें कृष्णा अभिषेक को ही ताना मारा था। आइए हम आपको बताते हैं कि इन दोनों के बीच विवाद आखिर कब, क्यों शुरू हुआ?

जानें दोनों के बीच का पूरा विवाद…

ये पूरा विवाद सोशल मीडिया की एक पोस्ट को लेकर हुआ था। दरअसल, हुआ कुछ यूं कि साल 2018 में कृष्णा की पत्नी कश्मीर शाह ने एक ट्वीट किया, जिसको लेकर गोविंदा की पत्नी सुनीता भड़क गई। कश्मीर ने लिखा था कि ‘लोग जो पैसों के लिए डांस करते हैं।’ गोविंदा की पत्नी सुनीता को ये बात बुरी लगी।

हालांकि बाद में कश्मीरा शाह ने सफाई भी दी और कहा कि उन्होनें ये पोस्ट कृष्णा अभिषेक की बहन आरती सिंह के लिए लिखा था, लेकिन गोविंदा और उनकी वाइफ सुनीता नहीं मानी और कहा कि कश्मीरा ने ये उनके लिए ही लिखा था। कृष्णा ने कई बार उनको समझाने की भी कोशिश की।

इसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ लिया, तो कृष्णा ने वो पोस्ट कश्मीरा से डिलीट कराई। साथ ही उन्होनें ये भी मान लिया कि गलती कश्मीरा की थी। इसके बाद से दोनों परिवारों के बीच विवाद बढ़ने लगा। सुनीता ने ये भी दावा कि कृष्णा को जो कुछ भी फेम मिल, वो सिर्फ गोविंदा का भांजा होने की वजह से ही मिला।

इसके बाद सुनीता ने कृष्णा के परिवार के साथ रिश्ते खत्म कर दिए। साथ ही कश्मीरा ने भी कहा था कि जब अस्पताल में उनका एक बच्चा जिंदगी और मौत से लड़ रहा था, तो उस दौरान गोविंदा, सुनीता बच्चे को देखने भी नहीं आए। कश्मीरा ने ये भी दावा किया था कि दोनों के फोर्स किया था कि वो अपनी गलती मानकर मांफी मांगे।

पहले भी एपिसोड का हिस्सा नहीं बने थे कृष्णा

इसके बाद कृष्णा ने कई बार अपने मामा-मामी से रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी। इन सबके बाद कृष्णा ने अपने बच्चों के बर्थडे पर उनको इंवाइट किया, लेकिन वो पार्टी में नहीं आए थे। इस दौरान कृष्णा काफी दुखी हो गए थे। वहीं जब बीते साल गोविंदा, अपनी पत्नी और परिवार के साथ कपिल के शो में आए थे, तब सुनीता नहीं चाहतीं थी कि कृष्णा सेट पर मौजूद रहे। इस वजह से वो उस दौरान भी एपिसोड का हिस्सा नहीं थे। इस बाद भी जब गोविंदा शो में आए, तो कृष्णा एपिसोड में नजर नहीं आए। जिससे पता चलता है कि रिश्तों में दरार अब तक दूर नहीं हुई है। देखना होगा कि आखिर दोनों परिवार के बीच का ये विवाद आखिर कब तक सुलझ पाता है…?

दिवाली पर इन पांच चीजों का देता हैं शुभ संकेत, पूरे साल बनी रहती हैं लक्ष्मी मां की क...

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दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन लोग गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इसके अलावा शाम को दीयों के पूरे घर को रोशन किया जाता है। दिवाली के दिन साफ-सफाई का भी खास ध्यान रखा जाता है। दिवाली पांच दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और भाई दूज पर ये त्योहार समाप्त होता है।

दिवाली के दिन कुछ खास चीजें होती हैं, जिनका दिखना काफी शुभ मााना जाता है। ऐसी मान्यताएं है कि इन चीजों को दिखने से घर में सुख शांति बनी रहती हैं और धन की कमी भी नहीं होती। कहा जाता है कि दिवाली के दिन कुछ खास चीजों के दिखना मां लक्ष्मी के घर में आगमन का सूचक होता है। आइए आपको बतातें हैं कि वो कौन-सी चीजें हैं, जिनका दिवाली के दिन दिखना बहुत शुभ माना जाता है…

काली बिल्ली

आमतौर पर जब लोगों के घर बिल्ली आती हैं, तो वो उसे भगा देते हैं। लेकिन दिवाली पर बिल्ली का दिखना बहुत शुभ माना जाता है। खासकर काली बिल्ली का। वैसे तो काली बिल्ली के रास्ता काटने को आम दिनों में अच्छा नहीं माना जाता, लेकिन दिवाली के दिन इसका दिखना लाभदायक माना जाता है। इसे लक्ष्मी मां के आगमन का सूचक माना जाता है। दिवाली के दिन काली बिल्ली जिस घर में जाती है, पूरे साल उस घर में धन की कमी नहीं होती। लेकिन अगर इस दिन कोई काली बिल्ली को मारकर भगाता है, तो उसको लक्ष्मी मां का क्रोध झेलना पड़ता है।

गाय

हिंदू धर्म में गाय को काफी महत्व दिया जाता है। लोग गाय को मां समान मानते हैं और पूजा भी करते हैं। दिवाली के दिन केसरी रंग की गाय दिखना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दिवालीपर केसरिया गाय के दर्शन होने पर सभी देवी-देवताओं का आशीवाद आपके साथ होता है। मुश्किलों से छुटकारा मिलता है और साथ ही घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।

उल्लू

उल्लू लक्ष्मी मां का वाहन है। दिवाली के मौके पर उल्लू का दिखना भी काफी शुभ होता हैं। दिवाली की रात उल्लू के दिखने से ये संकेत मिलता है कि लक्ष्मी मां का आशीर्वाद आप पर बना हुआ है। इस दिन उल्लू दिखने से कष्टों से छुटकारा मिलता है और घर में खुशियां बनी रहती हैं।

छछूंदर

इसके अलावा छछूंदर का दिखना भी शुभ संकेत देता है। दिवाली पर छछूंदर दिखने का ये मतलब होता है कि आप काफी भाग्यशाली हैं और साथ ही आपकी पैसों से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म होने लगती हैं। अगर दीपावली पर आपको छछूंदर दिखे तो उसे भगाएं नहीं, अपने रास्ते से जाने दें।

छिपकली

छिपकली से कई लोग डरते हैं। वैसे तो दिवाली लोगों को घरों में देखने को मिल ही जाती है। लेकिन पूजन के बाद छिपकली दिखना अच्छा माना जाता है। छिपकनी दिखना ये संकेत देता हैं कि मां लक्ष्मी प्रसन्न हैं। पुराणों के मुताबिक दिवाली पर ऐसा होने पर बिगड़े काम बनते हैं।

दीवाली में क्या है दीयों का महत्व? जानिए कब, कहां और किस तरह जलाने चाहिए?

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दीवाली अगर किसी के बिना पूरी तरह से अधूरी है तो को है दिए। जी हां मिट्टी के दिए। दीवाली की शाम को अमावस्या के अंधेरे को दूर करने के लिए दिए जला कर रोशनी की जाती है। लेकिन क्या आप दिया जलाने के महत्व के बारे में जानते है। और साथ ही क्या आप ये जानते है कि आप किस तरह से दिया जलाएं, जिससे आपके घर पर आने वाली सारी विपदाएं दूर हो जाये। आज हम आपको दिए जलाने के तरीकों के बारे में बताने जा रहे है।

घी या सरसो तेल का दीपक – ज्यादातर दीवाली में पूरे घर में दिया जलाने के लिए सरसो तेल का और पूजा के लिए घी का इस्तेमाल किया जाता है। तेल या फिर घी के दिए जलाने से घर की सारी नकारात्मक शक्ति बाहर चली जाती है । घर के लोगों को प्रसिद्धि मिलती है।

लक्ष्मी पूजन के समय जो दिया जलाया जाता है उसे उत्तर दिशा में जलाए। इसके अलावा दीवाली की रात में जलने वाली अखंड ज्योति को पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखे, इससे आपके शत्रुओं का विनाश होता है। दीपक जलाने से रोगों का निवारण भी होता है।

कैसे जलाए दीपक?

पूजा के समय जो घी का दीपक आप जलाते है उसे सीधे जमीन पर कभी ना रखें। इसके लिए किसी भी अनाज जैसे कि चावल, गेंहू या फिर जौ की ढेरी बना कर उस पर दिया रखें। दीपक कहीं से भी टूटे हुए ना हो, ये अशुभता लाते हैं। इसके अलावा दिए को हमेशा लक्ष्मी गणेश की मूर्ति के सामने रखना चाहिए।

सबसे पहले मुख्य द्वार पर दिया जलाना चाहिए। इसके अलावा बेल पत्र के पेड़ के नीचे, तुलसी और शालिग्राम के पौधे के पास भी दिया जलाना चाहिए। अपने पास के मंदिर में जाकर एक दिया जरूर जलाना चाहिए। इन सब उपायों से माता लक्ष्मी की कृपा होती है। माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।

दिए की लौ आपके आस पास मौजूद नकारात्मक ताकत का भी सर्वनाश होता है। और किसी भी तरह की बुरी नजर से आपके घर परिवार की रखा होती है।

धनतेरस के दिन इन चीजों का जरूर करना चाहिए दान, आर्थिक तंगी होती है दूर

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हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दिवाली की तैयारियां जारी है। दिवाली का त्योहार पांच दिनों का होता है, जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। वैसे आम तौर पर धनतेरस दिवाली से दो दिन पहले होती है, लेकिन इस बार एक दिन पहले है। इस बार 13 नवंबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।

कहा जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करने से धन में वृद्धि होती है। इसके साथ ही घर में समृद्धि आती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन विशेषतौर पर मां लक्ष्मी और कुबरे के साथ भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से आपकी धन संबंधित सभी परेशानियां दूर होती है। आइए हम आपको आज बताते है कि धनतेरस पर किन चीजों का दान करना शुभ होता है… ?

धनतेरस के दिन क्या करें

धनतेरस के दिन खरीदारी करना तो बेहद शुभ होता ही है, इसके अलावा इस दिन प्रवेश द्वार पर दीप भी जलाना चाहिए। मान्यता है कि धनतेरस के दिन प्रवेश द्वार पर दीप जलाने पर घर में अकाल मौत का भय खत्म हो जाता है और परिवार की लौ हमेशा जलती रहती है। आइए आपको बताते हैं इस दिन किन-किन चिजों का दान करना चाहिए…

पीली वस्‍तुओं का दान

धनतेरस के दिन जरूरतमंदो को पीली वस्तुओं का दान करें। हो सके तो इस दिन पीले कपड़ों का दान करें क्योंकि इस दिन वस्त्र दान महादान माना जाता है। ऐसा करने से आपको विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

झाड़ू का दान

धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। इसके अलावा आप अपने करीबी को भी झाड़ू खरीदकर दे सकते हैं।

अन्नदान

धनतेरस के दिन अन्नदान करना भी महान दान माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की खास कृपा आप पर बनती है। इसलिए इस दिन किसी भी गरीब व्यक्ति को पेट भर भोजन जरूर कराएं।

मिठाई और नारियल का दान

धनतेरस पर जरूरतमंद को नारियल और मिठाई दान करने से आपके घर का भंडार भी साल भर भरा रहता है। इसके अलावा आपको कभी भी तंगी का सामना नहीं करना पड़ता।

लोहे की वस्तुएं करें दान

साथ ही धनतेरस के दिन लोहे की वस्तुओं का भी दान करना चाहिए। ऐसी मान्यताएं है कि ऐसा करना काफी शुभ होता है। लोहे के दान से दुर्भाग्य कोसों दूर भागता है। लोहे को शनिदेव की धातु भी माना जाता है। धनतेरस पर लोहा दान करने से शनि के शुभ फलों की प्राप्ति होती है और आशीर्वाद भी मिलता है।

Diwali 2020: लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा में इन चीजों को शामिल करना बिलकुल ना भूलें, होती...

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हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को पूरे भारत में दीपावली मनाई जाती है। जिसका उत्तर भारत में खास महत्व है। अमावस्या की काली रात को, चारों तरफ दिए की रोशनी करके अंधेरे को दूर कर केवल प्रकाश ही फैला नजर आता है। दीवाली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्याहरों में से एक है। जिसके पूजन और परंपराओं का खास महत्व है। दीवाली के दिन प्रथम पूज्य श्री गणेश और धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

लोग अपनी श्रृद्धा के अनुसार चढ़ावा चढ़ाते है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूरी विधि विधान से पूजा करते है ।लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम जाने अनजाने ऐसी छोटी छोटी गलतियां कर बैठते है जिसका हमें पता भी नहीं होता लेकिन ये देवी को नाराज़ कर सकता है। आपके घर की सुख शांति को ख़त्म कर सकता है। इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे है जिससे माता लक्ष्मी आप पर प्रसन्न होगी और आपका भंडार हमेशा भरा रहेगा।

आज के समय में बनावटी चीजों का चलन बढ़ गया है और लोग फैंसी चीजे पर ज्यादा आकर्षित होते है, इसीलिए हमारी पुरानी परंपराए पीछे छूटने लगी है। लेकिन आपको बता दें की पूर्वजों की बनाई परम्परा का कोई न कोई बड़ा महत्व जरूर होता है। इन्हीं में से कुछ चीजों का इस्तेमाल पूजा में जरूर करना चाहिए। आज हमको इन्हीं छोटी छोटी मगर जरूरी चीजों के बारे में बताने जा रहे है।

मिट्टी के दीए – मिट्टी के दीए को सदियों से जलाया जाता रहा है। जिसके पीछे की वजह है इसमें मौजूद पंचतत्व। दरअसल दिए को बनाने में धरा, जल, अग्नि, वायु और आकाश सबकी जरूरत होती है और इसीलिए ये सबसे पवित्र माना जाता है। मिट्टी के दीए से ज्योत जलाने से घर की नकारात्मक शक्ति दूर हो जाती है ।

रंगोली बनाए – घरों के बाहर बनने वाली खूबसूरत अल्पना या फिर रंगोली का अपना महत्व है। रंगोली बनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और आपका जीवन रंगोली की रगों की तरह रंग बिरंगा रहता है।

साफ सफाई जरूर करें – दीवाली ने घर की साफ सफाई का महत्व सबसे ज्यादा है। आपको बता दें कि लक्ष्मी उन स्थानों पर निवास करती है, जहां स्वच्छता का पूरा खयाल रखा जाता है। इसलिए दीवाली के कुछ दिन पहले ही साफ सफाई जरूर कर लें।

पूजा में रखें ये चीजें – लक्ष्मी गणेश की पूजा के समय पीली कौड़ी, चांदी और तांबे के सिक्के भी पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए। पीली कौड़ी माता लक्ष्मी की काफी प्रिय है। साथ ही तांबे से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। पीली कौड़ी को पूजा के बाद एक एक करके कपड़े में बंधकर घर के अलग अलग कोनो में रख दे। इससे नकारात्मक शक्ति का विनाश होता है।

मंगल कलश जरूर रखे – लक्ष्मी गणेश की पूजा में मंगल कलश जरूर रखें। इस कलश ने तांबे या फिर कांसे के कलश के ऊपर नारियल रखे। उस कलश पर कलावा बांधे और आम के तोरण को जरूर रखें।

श्री यंत्र भी रखे पूजा में – लक्ष्मी जी को सबसे आसानी से प्रसन्न करने के लिए श्री यंत्र सबसे अचूक माना जाता है। श्री यंत्र लक्ष्मी जी का सूचक है और इसीलिए दीवाली की पूजा में श्री यंत्र का इस्तेमाल जरूर करे।

नेवेद जरूर रखे – लक्ष्मी गणेश पूजा में फलो का या फिर पांच मेवा का नेवेद जरूर रखे। ये माता को भोग लगाने के लिए है।

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है लेकिन अगर वो एक बार प्रसन्न हो जाती है तो आपके सभी कष्टों को निवारण हो जाएगा। लक्ष्मी गणेश की पूजा में इन तरीकों का इस्तेमाल करके आप अपनी पूजा को आसानी से सफल बना सकते है ।

दीपावली के दिन जरूर करनी चाहिए तुलसी के पौधे की इस तरह से पूजा, होते हैं बड़े फायदे!

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हिन्दू धर्म में दिवाली के त्योहार का बहुत ज्यादा महत्व होता है। धनतेरस से लेकर भाई दूज लगातार पांच दिनों तक त्योहार को बढ़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग अपने घरों में दीप जलाते हैं। ये तो हम सभी जानते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष तौर पर पूजा की जाती है, लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है कि दिवाली के दिन तुलसी मां की पूजा करने का भी बड़ा महत्व होता हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि दिवाली पर क्या खास काम करने से आपका भाग्य चमक सकता है। तो आइए आपको बताते हैं…

दीप जलाएं

कार्तिक के महीने में तुलसी के पौधे पर दीया जलाना शुभ माना जाता है। इस तरह से अगर आप करते हैं तो दीपक और तुलसी माता से निकली पॉजिटिव एनर्जी आपके घर की हर एक नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देगी और फिर मां लक्ष्मी आकर्षित होते हुए आपके घर खीची चली आएंगी। दीपक जलाने के साथ साथ आपको मां तुलसी की पूजा करते हुए उनकी आरती भी करनी है। इस तरह से आप पर तुलसी मां प्रसन्न होंगी और आपकी भाग्य प्रबल करेगी।

स्वस्तिक बनाए

आपको दिवाली के दिन जमीन पर स्वस्तिक का चिह्न बनाना चाहिए और फिर उस पर तुलसी का गमला रखें। आप चाहे तो तुलसी के गमले पर या उसके पास भी स्वस्तिक बना सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर से बुरी नजरों का साया दूर होगा और बरकत होने लगेगी।

तुलसी के पत्तों का सेवन करे

दिवाली के दिन प्रसाद के तौर पर तुलसी के पत्ते खाना काफी फायदेमंद माना जाता है। इसका सेवन करने से आप में एक पॉजिटिव एनर्जी आती है। इतना ही नहीं आपका तन-मन शुद्ध होने के साथ ही आपका घर भी पॉजिटिव एनर्जी भरा रहेगा। इसलिए ध्यान रहे इस दिवाली आपको तुलसी मां की पूजा जरूर करनी है। दिवाली का त्योहार बड़ा ही पावन होता हैं। जिसके चलते अगर आप तुलसी मां की सच्चे मन से पूजा करेंगे, तो आपको अवश्य लाभ होगा और आपकी किस्मत चमक उठती हैं।

भूलकर भी ना खरीदें धनतेरस के दिन ये चीजें, वरना घर से जा सकती है बरकत

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त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है। देशभर में इस समय धनतेरस से लेकर दिवाली और भाई दूज की तैयारियां हो रही है। हिन्दू धर्म में त्योहारों का काफी महत्व होता है। मुख्य तौर पर दीपावली को पांच दिनों तक मनाया जाता है, जिनमें से एक धनतेरस का भी बड़ा महत्व होता हैं। धनतेरस के दिन लोग विशेष तौर पर धन की पूजा-पाठ करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन धन की पूजा करने से घर में बरकत बनी रहती हैं।

13 नवंबर को है धनतेरस

दशकों से धनतेरस पर नया सामान खरीदने की परंपरा चली आ रही है। जिसके चलते इस दिन ज्यादातर लोग सोना, चांदी के अलावा पांच तरह के बर्तन खरीदते हैं। इस दिन बाजार में रौनक देखने लायक होती है। लेकिन इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का साया इन त्योहारों पर भी पड़ेगा। त्योहारी सीजन में कोरोना केस बढ़ने की आशंका है, जिसकी वजह से सरकार ने लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। जिसकी वजह से बाजारों में हर साल वाली रौनक कम देखने को मिल सकती है।

कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार 13 नवंबर को मनाया जाएगा। धनतेरस पर सोना, चांदी और बर्तन खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आपको इस बारे में जरा सा भी अंदाजा है कि आपको धनतेरस पर कौन-कौन से सामान नहीं खरीदना चाहिए? आइए आपको बताते हैं…

नहीं खरीदनी चाहिए ये चीजें…

धनतेरस के दिन कुछ ऐसी खास चीजे होती हैं जिन्हें नहीं खरीदा जाता हैं। इस दिन इन वस्तुओं को खरीदना आपके और आपके परिवार के लिए अशुभ हो सकता हैं। धनतेरस के दिन जो चीजे नहीं खरीदनी चाहिए उसकी लिस्ट में सबसे पहला नाम लोहे से बनी वस्तु का है। इस दिन आपको लोहा या उससे बनी कोई चीज खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि इस दिन लोहा घर में लाना शुभ नहीं माना जाता हैं।

– वहीं इस लिस्ट में दूसरा नाम आता है काले रंग के कपड़े. धनतेरस के दिन आपको काले रंग के कपड़े नहीं खरीदने चाहिए और ना ही पहनने चाहिए, क्योंकि इस रंग को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिक माना जाता हैं।

धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। लेकिन इस दिन स्टील के बर्तन भी नहीं खरीदने चाहिए क्योंकि स्टील भी लोहा का ही दूसरा रूप होता है। स्टील की जगह कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदने चाहिए।

– इसके अलावा धनतेरस के दिन कांच का सामान भी नहीं खरीदना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि कांच के सामान का संबंध राहु ग्रह से होता है। जिसकी वजह से इसे धनतेरस के दिन खरीदना शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा धनतेरस के दिन धारधार वस्तुएं जैसे कैंची या फिर चाकू भी खरीदने से बचना चाहिए।

‘8 सालों से ट्राफी नहीं जीता पाए, तो जिम्मेदार कौन?’ गौतम गंभीर ने उठाए सवाल

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रॉयल चैंलेजर्स बैंगलोर (RCB) के आईपीएल का खिताब जीतने का सपना एक बार फिर से टूट गया। शुक्रवार को एलिमिनेटर मैच में सनराइडर्स हैदराबाद ने जीत हासिल की और आरसीबी मैच में हारकर ट्रॉफी जीतने की रेस से बाहर हो गई। आरसीबी के प्लेऑफ में पहुंचने के बाद फैंस को टीम से काफी उम्मीदें थी, लेकिन टीम के हार से उनको निराशा हाथ लगी।

मैच में विराट का खराब प्रदर्शन

मैच में हारने के बाद आरसीबी की टीम को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। खासकर टीम के कप्तान विराट कोहली को। विराट कोहली बीती रात खेले गए मैच में ओपनिंग करने के लिए मैदान में उतरे थे, जिसके बाद फैंस को उनसे एक अच्छी पारी की पूरी उम्मीद थी। लेकिन वो केवल 6 रन बनाकर ही पवेलियन लौट गए।

साल 2013 में विराट कोहली को आरसीबी का कप्तान बनाया गया था। लेकिन अब तक वो टीम को एक भी ट्रॉफी जिताने में कामयाब नहीं हो पाए। विराट के खराब प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर लोग उनको कप्तानी से हटाने की मांग कर रहे है। ऐसा ही कुछ टीम इंडिया के पूर्व कप्तान गौतम गंभीर ने भी कहा है।

गंभीर ने कहा- कप्तान बदलना चाहिए

आरसीबी की एलिमिनेटर में हार के बाद गौतम गंभीर ने कप्तान कोहली पर हमला बोला। उन्होनें कहा कि ये टीम प्लेऑफ में पहुंचने लायक भी नहीं थी। साथ ही गंभीर ने आरसीबी टीम को कप्तान बदलने की सलाह भी दी।

गंभीर से जब पूछा गया कि क्या आरसीबी को कप्तानी को लेकर कोहली के आगे सोचना चाहिए। तो इसके जवाब में उन्होनें कहा- ‘सौ प्रतिशत। क्योंकि यहां परेशानी जवाबदेही की है। बिना ट्रॉफी के टूर्नामेंट में 8 साल हो गए। 8 साल बहुत लंबा समय होता है। मुझे कोई भी ऐसे कप्तान, कप्तान छोड़िए खिलाड़ी के बारे में बता दें, जो 8 साल हो गए और खिताब नहीं जीता हो और टीम ने बरकरार रखा गया है। ये जवाबदेही होनी चाहिए। एक कप्तान को जिम्मदारी लेनी होती है।’

गौतम गंभीर ने आगे कहा- ‘ये सिर्फ एक साल की ही बात नहीं है। ना केवल इस साल के बारे में। मैं विराट के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन कहीं ना कहीं उनको अपना हाथ ऊपर करने की जरूरत है। उनको कहने की जरूरत है- ‘हां, मैं जिम्मेदार हूं, मैं जवाबदेह हूं।’ गंभीर ने ये भी कहा कि मैं सपोर्ट स्टाफ, कोच, बैटिंग कोच हर किसी के लिए दुखी हूं। हर साल कोच बदला जाता है, लेकिन समस्या कहीं और है।

बल्लेबाजी में फ्लॉप रहीं RCB की टीम

शुक्रवार को खेले गए मैच में विराट कोहली की टीम आरसीबी पहले बल्लेबाजी करने के लिए मैदान में उतरी थीं। विराट कोहली इस सीजन में पहली बार ओपनिंग के लिए आए और उनका साथ देने देवदत्त पडिकल देने मैदान में उतरे। लेकिन दोनों ही खिलाड़ी जल्द ही पेवलिनय लौट गए। विराट 6 रन तो पडिकल 1 रन पर ही आउट हो गए। मैच में किसी का भी बल्ला नहीं चला। केवल एबी डीविलयरर्स ने अर्धशतकीय पारी खेली थी। मोईन अली तो नो बॉल पर ही रन आउट हो गए, जिसके बाद उनको काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

आरसीबी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए केवल 131 रन ही बनाए। इसके बाद सनराइडर्स हैदराबाद की टीम मैदान में उतरी। हालांकि आरसीबी के गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन जरूर किया और टीम की उम्मीद को आखिरी तक बरकरार रखा। इस लो स्कोरिंग मैच में भी आरसीबी के गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा था। लेकिन केन विलियनसन की अर्धशतकीय पारी के आगे टीम को जीत नहीं मिल पाई। 19.4 ओवर में 4 विकेटों के नुकसान पर सनराइडर्स हैदराबाद की मैच में जीत गई और क्वालिफायर 2 में पहुंच गई। अब हैदराबाद की टीम का मुकाबला रविवार को दिल्ली कैपिटल्स से होगा।

ऐसी थी ‘विरुष्का’ की पहली मुलाकात, विराट ने कुछ इस तरह उड़ाया था अनुष्का का मजाक

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टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली का आज जन्मदिन है। विराट कोहली 32 साल के हो गए है। वो इन दिनों आईपीएल के लिए यूएई में है। विराट की कप्तानी में आरसीबी की टीम प्लेऑफ में क्वालिफाई कर गई है। शुक्रवार को आरसीबी का मैच हैदराबाद के साथ है। अगर आरसीबी की टीम मैच में हार जाती है, तो ट्रॉफी जीतने की रेस से बाहर हो जाएगी। वहीं अगर जीतने में कामयाब हो जाती है, तो आईपीएल 2020 का खिताब जीतने में एक कदम और करीब पहुंच जाएगी।

विराट के साथ यूएई में उनकी पत्नी और बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा भी साथ मौजूद है। वो कई मैचों में नजर आ रही है। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा का कपल काफी फेमस है। क्रिकेट और बॉलीवुड की इस जोड़ी की लवस्टोरी काफी दिलचस्प है। विराट और अनुष्का की जोड़ी जिसे उनके फैन्स ‘विरुष्का’ बुलाते है हर किसी की फेवरेट है। दोनों ही अक्सर किसी ना किसी वजह से चर्चाओं का हिस्सा बने रहते है। एक तस्वीर से लेकर इनकी हर वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होती है।

विराट-अनुष्का की पहली मुलाकात

2017 में इटली में दोनों ने शादी रचा ली थी जिसके बाद ये कपल हमेशा के लिए एक हो गए। अब दोनों जल्द ही माता-पिता बनने वाले हैं। विरुष्का की लवस्टोरी तो हर किसी ने सुनी होगी। सभी को पता है कि विराट और अनुष्का पहली बार एक शैम्पू की एड शूट के दौरान मिले थे। लेकिन किसी को ये नहीं पता होगा कि दोनों के बीच जब पहली मुलाकात हुई थी तब क्या हुआ था। कुछ समय पहले खुद कप्तान कोहली ने इसके बारे में एक इंटरव्यू में बताया था।

इस वजह से नर्वस थे विराट कोहली

विराट कोहली ने बताया था कि जब वो पहली बार अनुष्का से मिलने वाले थे तो वो काफी नर्वस थे। उन्होनें बताया कि पहले उन्हें नहीं पता था कि वो अनुष्का के साथ काम करने वाले है, लेकिन जब उन्हें पता चला तो वो काफी घबरा गए। उन्हें लगा कि वो एक प्रोफेशनल एक्टर के साथ स्क्रीन कैसे शेयर करेंगे। लेकिन जब अनुष्का उनके सामने आईं तो उन्होनें कई अजीबों-गरीब जोक्स मारे, जो अनुष्का को कुछ खास पंसद नहीं आए। जिसके बाद विराट और परेशान हो गए।

विराट ने आगे बताया था कि जब वो अनुष्का से मिले तो उस समय उन्होनें हील्स पहन रखीं थी। जिस वजह से अनुष्का काफी लंबी लग रही थी। दोनों जब साथ चल रहे थे तो विराट उनके आगे छोटे लग रहे थे। इसको लेकर भी विराट ने उनका मजाक बनाया। विराट ने कहा कि मैनें मान लिया कि उस समय मेरा जो व्यवहार था वो काफी बेवकूफी भरा था।

टीम इंडिया के कप्तान ने आगे कहा था कि भले ही उनकी पहली मुलाकात की अच्छी ना रही हो, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो गया। ये एड की शूटिंग 3 दिनों तक चली थी। इस दौरान वो काफी अच्छे दोस्त बन गए थे और वक्त के साथ उन्हें एहसास हो गया कि वो दोनों काफी हद तक एक जैसे हैं और एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकते। इसलिए दोनों ने हमेशा के लिए एक होने का फैसला ले लिया।