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सांवली होने की वजह से बिपाशा बसु को बचपन से ही सुनने पड़े ताने, एक्ट्रेस ने बताई आपबी...

अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हुई मौत के बाद पूरी दुनिया में ‘ब्लैक लाइफ मैटर’ को लेकर खूब चर्चा हो रही है. कई बड़े-बड़े हस्तियां इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने लगी. वहीं इसी बीच हिंदुस्तान यूनिलिवर कम्पनी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपनी फेमस ‘फेयर एंड लवली’ क्रीम से ‘फेयर’ शब्द हटाने का फैसला लिया. कम्पनी के इस कदम को लोगों ने खूब सराहा.

वहीं अब कई जानी-मानी हस्तियां भी कम्पनी का फैसला का समर्थन करते हुए अपनी आपबीती बताती हुई नजर आ रही है. बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस बिपाशा बसु ने हिंदुस्तान यूनिलियर के लिए गए इस फैसले के बाद एक लंबा-चौड़ा पोस्ट किया और बताया कि कैसे उन्हें बचपन से लेकर अब तक अपने रंग की वजह से क्या-क्या सुनना पड़ा.

बिपाशा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट करते हुए लिखा- ‘जब मैं बड़ी हो रही थी तो मुझे अक्सर ये सुनने को मिलता था कि बोनी सोनी से ज्यादा डार्क है. वो थोड़ी सांवली है. मेरी मां भी डस्की ब्यूटी थीं और मैं काफी हद तक उनके जैसी ही दिखतीं थी. लेकिन जब मैं बच्ची थीं तो इस बात को समझ नहीं पाई कि मेरे दूर के रिश्तेदार मेरे रंग को लेकर चर्चाएं क्यों करते थे.’

बिपाशा ने आगे लिखा- ‘जब मैं 15-16 साल की थी, तो मैनें मॉडलिंग शुरू कर दी और फिर मैनें सुपर मॉडल प्रतियोगिता जीती. इस दौरान मैनें सभी न्यूजपेपर में यही पढ़ा कि कोलकाता की ‘सांवली लड़की’ विजेता बनी. मुझे फिर से आश्चर्य हुआ कि डस्की मेरा पहला विशेषण क्यों है? फिर मैं अपने काम के लिए न्यूयॉर्क और पेरिस गई. यहां मुझे एहसास हुआ कि मेरी त्वचा का रंग वहां पर विदेशी था और मुझे इसकी वजह से ज्यादा काम और ध्यान मिला. ये मेरी एक और खोज थीं.’

एक्ट्रेस ने आगे लिखा- ‘जब मैं भारत वापस आई और मुझे फिल्मों के ऑफर मिलने लगे. मैनें अपनी पहली फिल्म में काम किया और तब मैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से पूरी तरह अजनबी थी. मुझे अचानक स्वीकार किया गया और प्यार मिला.  लेकिन वो विशेषण (रंग) मेरे साथ बना रहा, जिसे मैं तब पंसद और प्यार करने लगी थी. डस्की लड़की ने अपनी पहली ही फिल्म में दर्शकों को आकर्षित किया.’

बिपाशा ने कहा- ‘मेरे कामों के लिए लिखे गए अधिकतर आर्टिकल्स में मेरा सांवलापन ही मुख्य चर्चा होता था. इस मेरी सेक्स अपील से भी जोड़ दिया गया और बॉलीवुड में बड़े पैमान पर स्वीकार किया जाने लगा. मुझे कभी ये समझ नहीं आया. मेरे लिए सेक्सी एक पर्सानिलटी है, ना कि त्वचा का रंग. क्यों मेरी त्वचा के रंग की वजह से मुझे उस समय की एक्ट्रेस से अलग रखा गया? लेकिन ये ऐसा ही था. मुझे सच में ज्यादा अंतर नहीं दिखा, लेकिन लोगों ने देखा.’

बिपाशा बोलीं- ‘यहां खूबसूरती को लेकर लोगों की मानसिकता है कि एक एक्ट्रेस को कैसा दिखना और व्यवहार करना चाहिए. ऐसा दिखाया गया मैं अलग थी. हालांकि मुझे वो सब काम करने से नहीं रोक पाया जो मैं करना चाहती थीं. मुझे बचपन से ही अपने ऊपर विश्वास और गर्व था. मेरी त्वचा का रंग मुझे परिभाषित नहीं करता. मैं इसे प्यार करती हूं और इसे कभी बदलना नहीं चाहती.’

एक्ट्रेस ने कहा- ‘पिछले 18 सालों में कई कम्पनियों ने स्किन केयर एंडोर्समेंट का बहुत पैसों के साथ ऑफर किया (कुछ बहुत लुभावने थे), लेकिन मैं हमेशा अपने सिद्धांतों पर डटी रहीं. इसे रोकने की जरूरत है. ये गलत सपना जो हम बेच रहे हैं कि फेयर ही लवली है और खूबसरत, जबकि देश के अधिकतर लोग सांवले है. ये जड़ों में काफी अंदर तक है. ये एक ब्रांड का बड़ा कदम है और दूसरे ब्राडों को भी जल्द ही ऐसा ही करना चाहिए.’

जानिए क्यों मनाई जाती है हरियाली तीज और क्या है इसका महत्व…

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हिन्दू धर्म में तीज त्यौहार का काफी महत्व होता है. ये शिव जी और पर्वती के अटूट प्रेम को दर्शाता है. हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर पड़ने वाले हरियाली तीज को देशभर में मनाया जा रहा है. सावन में हर तरफ हरियाली छाई होती है इसी बीच तीज पड़ता है, जिसे हरियाली तीज कहा जाता है. वहीं जो सुहागन महिलाएं पहली बार इस त्यौहार पर व्रत रख रही हैं, उन्हें कुछ अहम बातों का ध्यान रखना चाहिए, तो आइए आपको बताते हैं हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है और ये सुहागिन महिलाओं के लिए क्यों खास होता है, साथ ही किन पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए…

क्यों मनाया जाता है हरियाली तीज ?

कहा जाता है कि सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मां पार्वती ने शिव जी को कठिन तपस्या के बाद पाया था. जिनके तप से खुश होने के बाद शिव जी ने उन्हें पत्‍नी के तौर पर स्‍वीकार किया था. इसलिए इस पर्व को मां पार्वती को समर्पित है. मान्यता है कि अगर किसी लड़की की शादी नहीं हो पा रही है और किसी न किसी तरह से विवाह में अड़चन आ रही है, तो उसे इस दिन मां पार्वती की पूजा-अर्चना और व्रत करना चाहिए. वहीं, सुहागिन महिलाओं को शिव जी और मां पार्वती दोनों की पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

सुहागिनों के लिए है खास त्यौहार

हरियाली तीज सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है. अगर आपकी इसी साल शादी हुई है और ये आपका पहला हरियाली तीज पड़ रहा है, तो इस व्रत जरूर रखें. इसके अलावा नवविवाहित महिलाएं इस त्यौहार को अपने मायके में ही मनाती हैं. इस दिन विवाहित महिलाओं को नई चूड़ियां, पैरों में अल्ता और मेहंदी सहित सोलह श्रृंगार जरूर करना चाहिए.

इन बातों का रखें ध्यान

  • हरियाली तीज के दिन महिलाओं का सबसे पहले नहा लेना चाहिए, उसके बाद एक पटरे पर लाल कपड़ा बिछाकर मां पार्वती की मूर्ति को रेशमी वस्त्र और गहने से सजा दें. देवी के इस रूप को तीज माता भी कहा जाता है.
  • ध्यान रहें माता की मूर्ति अर्धगोले आकार वाली ही हो, ये आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगी. जिन्हें आपको पूजा स्थान में रखकर पूजा करनी हैं.

  • इस त्यौहार की पूजा में विशेष महत्व व्रत कथा का है, जिसके चलते हरियाली तीज व्रत कथा जरूर सुनें और इस दौरान अपने घर-परिवार और खासतौर पर अपने पति का ध्यान करें.
  • आपको बता दें कि इस तीज में व्रत के दौरान पानी नहीं पिया जाता है. साथी महिलाओं को पूरी तरह दुल्हन के जैसे ही सजना होता है.
  • वहीं जब शाम होने वाली होती है तब सभी महिलाएं नाचती और गाती हैं. कुछ महिलाएं तो इस मौके पर झूला भी झूलती हैं.

जब कंगना रनौत ने स्टार किड्स को किया था सपोर्ट, इन वायरल वीडियोज को लेकर एक्ट्रेस पर ...

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद बॉलीवुड में इनसाइडर-आउटसाइडर को लेकर लगातार बहस हो रही है. कई लोगों का ऐसा कहना है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में सुशांत के साथ भेदभाव किया गया, जिसकी वजह से सुशांत ने डिप्रेशन में आकर सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठाया.

वहीं इस मामले को लेकर बॉलीवुड की ‘क्वीन’ कंगना रनौत बेबाकी से अपनी राय रखती हुई नजर आ रही है. वो इस मामले को लेकर बॉलीवुड इंडस्ट्री पर लगातार हमला बोल रही है. कुछ दिन पहले ही कंगना ने एक इंटरव्यू में स्वरा भास्कर और तापसी पन्नू का नाम लेते हुए कहा था कि बॉलीवुड की कुछ एक्ट्रेस ने आउटसाइडर होने के बावजूद मामले पर चुप्पी साधी हुई है.

तापसी ने शेयर किए कंगना की पुराने वीडियो

इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एक्ट्रेसस के बीच में कैट फाइट देखने को मिल रही है. कंगना के इंटरव्यू के बाद सोशल मीडिया पर तापसी और स्वरा एक्ट्रेस पर पलटवार कर रही है. अब तापसी पन्नू ने कंगना का कुछ पुराना वीडियो शेयर किए है, जिसमें वो स्टार किर्ड्स को सपोर्ट करती हुई नजर आ रही हैं.

इनमें से एक वीडियो में कंगना कहती हुई नजर आ रही हैं- ‘जिस बैकग्राउंड से मैं आती हूं, मेरे पिता एक बिजनेसमैन और मां टीचर हैं. मेरे ग्रैंडफादर IAS ऑफिसर और ग्रेट गैंडफादर स्वतंत्रता सेनानी थे. जब मैंने प्री मेडिकल एंट्रेंस (PMT) टेस्ट दे रही थी, तो मेरे लिए एक निश्चित कोटा था. क्योंकि मैं ऐसे परिवार से आती हूं. जब मैं इस इंडस्ट्री में आई तो मैनें स्टार किड्स को कैसे देखा? यहां उनके पास 30 फीसदी कोटा है. वैसे ही जैसे मेरे पास था. तो ये ऐसा है जैसे मैं उनके अधिकार क्षेत्र में आई. अगर कोई और PMT टेस्ट देगा, तो उसे वो कोटा नहीं मिलेगा. तो इसको मैं इस तरह से देखती हूं.’

तापसी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- ‘ओह..सारा कसूर ये कोटा सिस्टम का है. चलो ये आसान है समझना. हो गया सॉल्व, सिंपल. अब सब अच्छा है हमारी ‘टैरेटरी’ में और उनकी ‘टैरेटरी’ मतलब जिसकी भी है आप समझ जाओ यार.’

कई वीडियोज हो रही सोशल मीडिया पर वायरल

वहीं तापसी ने कंगना का एक और पुराना वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है, जिसमें वो महेश भट्ट की तारीफ करती हुई नजर आ रही हैं. ये वीडियो साल 2012 का बताया जा रहा है, जिसमें कंगना कहती नजर आ रही हैं- ‘मैं खुद को खुश-किस्मत मानती हूं कि मेरा पहला ब्रेक महेश भट्ट के साथ मिला. जो कला के बेहतरीन टीचर्स में से एक हैं.’ आज के समय में कंगना उन्हीं महेश भट्ट पर कई गंभीर आरोप लगाते हुई नजर आती है.

इसके अलावा इस वीडियो में कंगना ने आइटसाइडर-इनसाइडर पर बोलते कहा था- ‘एक बार फिल्म रिलीज हो जाए तो इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता. पहला ब्रेक मिलना मुश्किल होता है, लेकिन जब फिल्म रिलीज हो जाती है तो सब कुछ ऑडियंस पर निर्भर करता है. उनमें से बहुत सारे रिजेक्ट हो जाते हैं. इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां से आते हो. हर किसी का अपना स्ट्रगल होता है.’

तापसी पन्नू ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा- ‘अरे! तो अब फाइनल क्या है? मैटर करता है कि आप ‘इनसाइडर’ हैं या नहीं. यार, ये सब कुछ बहुत कन्फूजिंग होता जा रहा है. मैं साइन आउट करने जा रही हूं कि इससे पहले मैं भूल जाऊं कि मेरा स्टैंड क्या है.’

कंगना के ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. जहां आवाज उठाने के लिए बड़ी संख्या में लोग कंगना को सपोर्ट कर रहे हैं, तो वहीं इन वीडियो के वायरल होने के बाद कुछ लोग उन पर सवाल भी उठा रहे हैं. सोशल मीडिया पर ये मुद्दा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है.

अब फोन से बाहर निकल कर बात कर सकते हैं आपके परिजन, Jio ने यूं सपने को हकीकत में बदल ड...

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अब वो दिन दूर नहीं जब आप घर बैठे वीडियो कॉल के जरिये ही स्क्रीन में दिखाई दे रहे प्रियजन को फोन से बाहर अपने पास ला सकेंगे. इस बात पर यकीन करना थोड़े सपने जैसा लग रहा है न! लेकिन ये बात सौ प्रतिशत सच है. और ये सपना हमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी ने दिखाया है. आज कंपनी ने अपनी 43वीं एनुअल जनरल मीटिंग में मिक्स्ड रियलिटी स्मार्ट ग्लास लांच किया है. इसे कंपनी ने जियो ग्लास का नाम दिया है. आइये देखें इस जियो ग्लास की क्या हैं खासियतें.

स्मार्टफोन से कर सकते हैं कनेक्ट

इस जियो ग्लास में वर्चुअल असिस्टेंट भी है. साथ ही ये केबल के साथ आता है जिसके जरिये अपना स्मार्टफोन से आप इसे कनेक्ट कर सकते हैं. 75 ग्राम वजनी ये जियो ग्लास आपको बिलकुल बेस्ट इन क्लास मिक्स्ड रियलिटी एक्सपीरियंस देगा. इसके अलावा कंपनी ने इस ग्लास के ग्राफिक्स पर भी काफी काम किया है ताकि यूजर को हाई क्लास विजुअल एक्सपीरियंस मिले. इस इवेंट में कंपनी ने ग्लास की वर्किंग का डेमो भी दिखाया है. इस ग्लास के जरिये आप बोलकर एक साथ दो लोग से वीडियो कॉल पर बातचीत कर सकते हैं.

होगा इंसान के पास होने का एहसास

ये जियो ग्लास आपको बिलकुल रियलिटी का अनुभव कराएगी. इसका 3D होलोग्राफिक वीडियो कॉल सपोर्ट के जरिये आप वीडियो कॉल के जरिये अपने साथ को 3D के रूप में देख सकेंगे. फ़िलहाल अभी ये डिवाइस 25 एप को सपोर्ट करती है. साथ ही मुकेश अंबानी ने कुछ दिनों पहले कंपनी द्वारा लांच की गई जियोमीट वीडियो कांफ्रेंसिंग एप के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने बताया इस एप को करीब 50 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है. साथ ही इस एप को फोन और डेस्कटॉप दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

गूगल की भी बढ़ी जियो में दिलचस्पी

इस मीटिंग में अंबानी ने खुशखबरी देते हुए बताया कि गूगल भी जियो प्लेटफॉर्म्स में 7.7 फीसद पार्टनरशिप चाहती है. जिसके लिए वो कंपनी में 33737 करोड़ रुपये निवेश करेगी. इसके बाद अब रिलायंस के निवेश का आंकड़ा 1.52 लाख करोड़ पर पहुंच गया है. काफी कंपनियां लॉकडाउन के दौरान रिलायंस में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा चुकी हैं. इसके अलावा जियो और गूगल दोनों मिलकर एंड्रॉयड बेस्ड स्मार्टफोन के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने पर विचार कर रहे हैं.

लॉकडाउन में सबसे ज्यादा कमाने वाले उद्योगपति का नाम जानकर आप रह जाएंगे हैरान!

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने हर व्यक्ति को किसी ना किसी रूप से प्रभावित किया है. भारत में भी कोरोना संकट की वजह से लगाए गए लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर काफी असर पड़ा. जहां एक ओर लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में लोगों के काम-धंधे एकदम चौपट हो गए, वहीं इस दौरान भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के खूब कमाई की.

दुनिया के छठे अमीर व्यक्ति बने अंबानी

मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में छठे नंबर पर आ पहुंचे है. उन्होनें गूगल के को-फाउंडर लैरी पेज (Larry Page) को पीछे छोड़कर इस नंबर पर अपनी जगह बनाई है. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaire Index) के अनुसार मुकेश अंबानी की संपत्ति बढ़कर 72.4 अरब डॉलर हो गई है.

जानकारी के लिए आपको बता दें कि मुकेश अंबानी पूरे एशिया के ऐसे अकेले शख्स है, जो दुनिया के सबसे 10 अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल है. वो जून के महीने में ही इस लिस्ट में शामिल हुए थे और अब छठे नंबर पर आ गए है. सोमवार को रिलायंस के शेयरों में 3 फीसदी का इजाफा हुआ. जिसके बाद उनकी संपत्ति करीब 2.17 अरब डॉलर बढ़ गई और 72.4 अरब डॉलर हो गई.

ये हैं दुनिया के 10 सबसे अमीर व्यक्ति

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में सबसे टॉप पर अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस है, जिनकी नेटवर्थ 184 डॉलर है. वहीं दूसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स, तीसरे नंबर पर बर्नार्ड ऑर्नोल्ट है. फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग अरबपतियों की लिस्ट में चौथे नंबर पर और स्टीव बॉल्मर पांचवे नंबर पर हैं. इस लिस्ट में अब मुकेश अंबानी छठे नंबर आ पहुंचे हैं और उन्होनें गूगल के को-फाउंडर लेरी पेज को पीछे छोड़ा है, जो अब सांतवें नंबर पर आ गए हैं.

इसके बाद आठवें नंबर पर वारेन बफे और नौवें स्थान पर गूगल के को-फाउंडर सर्जे ब्रिन हैं और दसवें नंबर पर अमेरिका के कारोबारी एलन मस्क हैं.

दर्जनभर कम्पनियों ने किया जियो में निवेश

बीते कुछ महीनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने लगातार ग्रोथ की है. पिछले तीन महीनों में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जियो प्लेटफॉर्म्स पर 12 से भी अधिक विदेशी कम्पनियों ने निवेश किया है, जिसमें फेसबुक भी शामिल है. फेसबुक ने जियो में 44 करोड़ रुपये के करीब का निवेश किया था और 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी.

पिछले तीन महीनों में फेसबुक के अलावा सिल्वर लेक पार्टनर्स, विस्टा, जनरल अटलांटिक, केकेआर, मुबाडाला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटरटन, पीआईफ और इंटेल कैपिटल ने भी जियो में निवेश किया है. इन सभी निवेशों से अंबानी को एक लाख करोड़ से भी अधिक की रकम हासिल हुई है. इन निवेशों की वजह से ना सिर्फ रिलायंस कर्जमुक्त हो गई है, बल्कि कम्पनी के शेयर भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं.

शरद पवार ने की नेहरु और मोदी के लेह दौरे की तुलना, जानें कैसे अलग हैं दोनों की नीतिया...

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भारत चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव में अब थोड़ी नरमी जरूर आने लगी है. इस बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने पीएम की तारीफ की है. उन्होंने पीएम के लेह दौरे को देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरु से जोड़ा. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सेना के जवानों का आगे बढ़कर हौसला बढ़ाना काफी जरूरी है. बता दें 3 जुलाई को पीएम ने लेह के फॉरवर्ड पोस्ट जाकर जवानों को सरप्राइज दिया था. और साथ ही बिना नाम लिए चीन को बहुत सुनाया था. पीएम ने कहा था कि वो दोस्ती भी मन से करते हैं और दुश्मनी भी मन से करते हैं. पीएम की इस यात्रा के कुछ दिनों बाद चीन ने गलवान घाटी के विवादित इलाके से अपने सैनिकों को हटा लिया था.

मोदी और नेहरु के सीमा पर जाने में अंतर

पीएम मोदी और पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरु के सीमा पर जाने में अंतर है. दरअसल तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरु 1962 की जंग हार गए थे. उसके बाद वो तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंत राव चव्हाण के साथ LAC पर जवानों से मुलाक़ात करने गए थे. उस दौरान विपक्ष ने नेहरु की नीति की जबरदस्त आलोचना की थी. दरअसल इस युद्ध में चीन ने भारत की जमीन को हड़प लिया था. जिसके बाद नेहरु की छवि को काफी करारा झटका लगा था.

नेहरु के बयान की जबरदस्त आलोचना

पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरु ने ये भी कहा था कि अक्साई चीन एक बंजर इलाका है जहां घास भी नहीं उगती. इस बयान के बाद एक सांसद ने पलटवार करके कहा था कि उनके सिर पर बाल नहीं उगते तो क्या वो भी चीन को दे दें. नेहरु के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. पवार ने भले ही मोदी और नेहरु की तुलना कर दी हो लेकिन चीन के साथ संघर्ष में पीएम मोदी और नेहरु का काफी अलग अलग स्टैंड रहा है. गलवान वैली में मारे गए 20 जवानों की शहादत में भारत ने काफी कड़ा स्टैंड लिया. इस झड़प में चीन के 40 जवान भी मारे गए थे. पीएम ने कहा कि हमारे जवान मारते-मारते मरे हैं और देश की सीमा की तरफ आंख उठाने वाले को बख्शा नहीं जाएगा.

ड्रैगन रह गया था हक्का बक्का

1962 की लड़ाई में चीन के सामने भारतीय जवानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. उनके पास हथियार और ढंग के गोला बारूद तक नहीं थे. लेकिन इस बार जवानों में जोश कुछ अलग था. भारत ने इस बार तेजी से LAC पर जवानों की तैनाती की. वायुसेना और नौसेना को युद्ध के स्तर तक अलर्ट कर दिया गया. इस बात पर पीएम मोदी झुकने को नहीं तैयार हुए. पीएम मोदी ने साफ कहा था कि दुश्मन को करारा जवाब मिलेगा. सीमा पर हेकड़ी दिखा रहे ड्रैगन भारत के ऐक्शन को देख हक्काबक्का रह गया.

सौरव गांगुली का बचपन में भूत से हुआ था एनकाउंटर, बताया हैरान करने वाला किस्सा

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आज 8 जुलाई को भारत के पूर्व कप्तान और मौजूदा BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली 48 साल के हो गए. अपने जन्मदिन भी गांगुली ने फैंस के साथ एक काफी हैरान कर देने वाला किस्सा शेयर किया है. गांगुली ने अपने बचपन की यादें ताजा करते हुए कहा था कि उन्होंने बचपन में भूत देखा था.

12 साल में हुई घटना

अपने जन्मदिन पर एक इंटरव्यू में बातचीत करते हुए गांगुली ने बताया कि जब वो 12-13 साल के थे तो उन्होंने अपने घर में भूत देखा था. गांगुली ने वो किस्सा शेयर करते हुए बताया कि उस वक़्त उनके घर में एक लड़का काम करता था. उस रविवार की शाम को मैं अपने परिवार के साथ ऊपर अपने कमरे में था. मुझे उस लड़के के पास जाकर चाय बनाने के लिए बोलकर आने को कहा गया. जब मैं रसोई में पहुंचा तो लड़का वहां से गायब था. जिसके बाद मैं घरवालों के पास वापिस आ गया.

बाऊंड्री वाल पर दौड़ रहा था लड़का

गांगुली आगे बोले कि घरवालों ने मुझे छत पर उसे देखकर आने को कहा लेकिन वो वहां भी नहीं था. उनके घर के पास कुछ झोपडियां बनी हुई थी तो मैंने वहां जाकर देखा कि वो छत की बाऊंड्री वाल पर दौड़ रहा था. हमारा छह मंजिल का मकान है, अगर वो वहां से गिर जाता तो मर जाता. मैंने उसे चिल्लाकर बहुत रोकने की कोशिश की लेकिन उसने सुना ही नहीं. मैंने ये पूरा वाकया भागकर नीचे अंकल को बताया कि लड़का पागल हो गया है. हम ऊपर की ओर भागे लेकिन वो हमें नहीं दिखा. बाद में हमने उसे पेड़ की पत्तियों पर पड़ा हुआ पाया. इसके बाद फायर ब्रिगेड को बुलाकर हमने उसे अस्पताल भिजवाया. बाद में अगले दिन शाम के पांच बजे वह लड़का हमारे घर आया. हम उससे दूर भागने लगे तो उसने बताया कि उसकी मां निश्चित दिनों में उसके शरीर में आती है.

सफल बल्लेबाजों में से एक हैं गांगुली

बता दें कि गांगुली को भारत क्रिकेट टीम के सफल कप्तानों में से एक कहा जाता है. उनका जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था. उन्होंने क्रिकेट में 1992 में डेब्यू किया था. उनको एक सफल बल्लेबाज भी कहा जाता है. उनके वनडे और टेस्ट क्रिकेट में बल्ले से 18 हजार से ज्यादा रन निकले है.

2004 का वो दिन जब बिहार में इस बाहुबली नेता ने दोहराया था विकास दुबे जैसा कांड, खौफ ख...

उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों के प्लान एंड प्लाट मर्डर से राज्य सरकार की कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है. अभी भी इसके पीछे का मास्टरमाइंड विकास दुबे पुलिस के हाथ नहीं आ पाया है और कहीं दुबका हुआ बैठा है. विकास की जानकारी पुलिस तक पहुंचाने वाले पर ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. इसके अलावा नेपाल बॉर्डर की सीमाएं पर चौकसी सख्त कर दी गई है ताकि विकास न भाग सके. ये पूरा घटनाक्रम बिहार के बाहुबली शहाबुद्दीन की याद दिलाता है जिसके घर पर साल 2004 में कुछ ऐसी ही वारदात हुई थी.

हत्या का था आरोपी

दरअसल बिहार में उस दौरान RJD की सरकार सत्ता में थी और शहाबुद्दीन RJD का ही बाहुबली नेता कहा जाता था. उसने 16 अगस्त 2004 को बिजनेसमैन चंद्रेश्वर प्रसाद उर्फ़ चंदा बाबू के दो बेटे राजीव और सतीश की रंगदारी के मामले में हत्या कर दी थी. उसने इन दोनों सगे भाइयों को तेजाब से नहला दिया था. उस दौरान सत्तासीन सरकार के नेता होने के चलते पुलिसकर्मी भी शहाबुद्दीन पर कार्रवाई करने से खौफ खा रहे थे.

दो पुलिसकर्मियों ने की प्लानिंग

इस वारदात के बाद सिवान के तत्कालीन सीएम डीएम सीके अनिल और एसपी एस रत्न संजय कटियार ने पूरी प्लानिंग की और शहाबुद्दीन के खौफ को पूरी तरह ख़त्म करने की ठान ली. दोनों अफसर भारी पुलिस बल के साथ बाहुबली नेता के प्रतापपुर वाले घर पर घेराबंदी करने पहुंचे. इसकी भनक शहाबुद्दीन के समर्थकों को पहले ही लग गई थी और वे पुलिस पर हमला करने के लिए तैयार बैठे थे. जैसे ही पुलिस बल नेता के घर पहुंचा, उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई. पुलिस बल ने भी जबरदस्त तरीके से काउंटरअटैक किया.

भारी मात्रा में मिले थे पाकिस्तानी हथियार

जब गोलीबारी थमी तो पुलिस शहाबुद्दीन के प्रतापपुर वाले घर के अंदर दाखिल हुई. वहां का नजारा देख कर खुद पुलिस के होश उड़ गए थे. बाहुबली नेता के घर से भारी मात्रा में पाकिस्तानी हथियार बरामद हुए थे. साथ ही एके-47 रायफल भी मिली थी. कई ऐसे हथियार मिले जिसे सिर्फ पाकिस्तानी सेना यूज करती है. इसके अलावा नेता के घर से कीमती जेवर और नकदी के अलावा शेर और हिरण की खाल बरामद हुई थी. इससे पहले 2001 में भी शहाबुद्दीन के चेलों ने छापा मारने आये तीन पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी.

अब इतने सालों बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी कुछ इससे भी भयावह मंजर देखने को मिला है.

रिलायंस जियो ने लांच की वीडियो कांफ्रेंसिंग एप JioMeet, इतने लोगों से एक साथ कर सकते ...

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रिलायंस जियो अपने यूज़र्स के लिए नई नई चीजें लांच करता रहता है. लॉकडाउन का दौर चल रहा है और लोगों में वीडियो कालिंग का क्रेज बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसकी पॉपुलैरिटी को देखते हुए अब बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने भी वीडियो कांफ्रेंसिंग एप JioMeet को लांच कर दिया है. ये गूगल प्ले स्टोर के साथ एप्पल स्टोर पर भी उपलब्ध है. साथ ही ये मोबाइल फ्रेंडली होने के साथ ही डेस्कटॉप फ्रेंडली भी है. यानि आप लैपटॉप या कंप्यूटर से भी इस एप को ऑपरेट कर सकते हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि आप इस एप के जरिये 100 लोगों से एक साथ वीडियो के माध्यम से जुड़ सकते हैं.

साफ़ सुथरा है यूजर इंटरफेस

जियो मीट एप का यूजर इंटरफेस चलाने में काफी ईजी है. ये ज़ूम से काफी मिलता जुलता है. इसमें मल्टी डिवाइस लॉगइन का सपोर्ट भी मिलता है. इसको आप 5 डिवाइसेज से कनेक्ट कर सकते हैं. इसके अलावा एप में कॉल के दौरान आप एक से दूसरे डिवाइस पर भी स्विच कर सकते हैं. इसके साथ इस एप में स्क्रीन शेयरिंग के साथ सेफ ड्राइविंग मोड का भी फीचर मिलता है.

ज़ूम और गूगल मीट को देगा टक्कर

इसके साथ रिलायंस ने जियो मीट एप को गूगल मीट, ज़ूम और माईक्रोसॉफ्ट की टक्कर में उतारा है. इस बारे में रिलायंस जियो इन्फोकॉम के सीनियर वाईस प्रेजिडेंट पंकज पवार के मुताबिक जियो मीट कई ख़ास सर्विस वाला प्लेटफोर्म है. इसको किसी भी डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम पर यूज़ कर सकते हैं. इसके अलावा ये आम वीडियो कांफ्रेंसिंग एप की तरह कोलैबोरेशन को लिमिट नहीं करता.

एजुकेशन के लिहाज से बनाया गया एप

जियो ने हाल ही में बताया था कि ये एप हेल्थ और एजुकेशन के लिहाज से बनाया गया है. इसके जरिये आप वर्चुअली डॉक्टर्स से कनेक्ट करके दवाई की पर्ची भी ले सकते हैं. आप ऑनलाइन लैब से टेस्ट और दवाइयां भी आर्डर कर सकते हैं. इस एप में आपको डॉक्टर्स के लिए डिजिटल वेटिंग रूम भी मिल जायेंगे. इसके अलावा स्टूडेंट्स और टीचर्स के लिए वर्चुअल क्लासरूम क्रिएट कर सकते हैं. इसमें आप पूरे सेशन को रिकॉर्ड कर सकते हैं. इस एप से टीचर आपको होम वर्क दे सकते हैं.

Father’s Day 2025: क्या आप जानते हैं कैसे हुई थी फादर्स डे की शुरुआत? इस दिन पिता को ...

हमारे जीवन में दो लोगों का सबसे ज्यादा महत्व होता है, वो होते हैं हमारे माता और पिता. हमारी मां हमें जन्म देती है, तो पिता हमने चलना सिखाते है. मां हमें सपने दिखाती है, तो पिता हमारे सपनों को पूरा करने के लिए अपनी जी-जान लगा देते है. वैसे तो हमेशा ही हमारे लिए माता-पिता प्यारे होते है, लेकिन उनको स्पेशल फील कराने के लिए हर साल मदर्स डे और फादर्स डे (Father’s Day) मनाया जाता है.

मदर्स डे मई के पहले रविवार को मनाया जाता है और फॉदर्स डे जून के तीसरे रविवार को होता है. इस साल फादर्स डे 21 जून को मनाया जाएगा. क्या आप जानते हैं कि फादर्स डे की शुरूआत कैसे और कब हुई थी? क्यों ये हर साल जून के तीसरे रविवार को ही मनाया जाता है? वैसे तो फादर्स डे को लेकर कई कहानियां है, लेकिन आज हम आपको उनमें से सबसे मशहूर कहानी बताने जा रहे है…

1910 में हुईं थी फादर्स डे की शुरुआत

फादर्स डे की शुरुआत अमेरिका के वॉशिंगटन से हुई थी. पहली बार फादर्स डे 19 जून 1910 को मनाया गया था. वॉशिंगटन के स्पोकन शहर की रहने वाली सोनोरा स्मार्ट डॉड को सबसे पहले फादर्स डे मनाने का आइडिया आया था. उसे ये आइडिया मदर्स डे से ही आया था. दरअसल, सोनोरा डॉड की मां का निधन उसके बचपन में ही गुजर गई थी, जिसके बाद उसके पिता विलियम स्मार्ट ने बच्चों की परवरिश की. सोनोर के पिता ने काफी मुश्किल से सभी बच्चों का पालन-पोषण किया लेकिन कभी मां की कमी महसूस नहीं होने दी.

इसकी वजह से सोनोरा का अपने पिता के प्रति काफी सम्मान था. साल 1909 में मई महीने में सोनोरा मदर्स डे पर चर्च गई थी. चर्च में आयोजित कार्यक्रम में हर कोई मां की अहमियत बता रहा था. बस यही से सोनोरा को फादर्स डे मनाने का ख्याल आया. मदर्स डे से सोनोरा को ख्याल आया कि पिता के सम्मान में कोई भी दिन है ही नहीं.

सोनोरा चाहती थीं कि अगले साल उसके पिता के जन्मदिन को फादर्स डे मनाया जाए, जो 5 जून को होता था. हालांकि कुछ परेशानियों के चलते 5 जून को तो फादर्स डे मनाना संभव नहीं हो पाया, लेकिन उसके कुछ ही दिन बाद 19 जून 1910 को मनाया गया. उस दिन भी रविवार ही था.

फिर साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी. साल 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने इसे राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया. वहीं 1966 में अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने पहली बार फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने का फैसला लिया. 1972 में राष्ट्रपति रिचर्स निक्सन ने नियमित अवकाश घोषित किया. अब फादर्स डे सिर्फ अमेरिकी ही नहीं पूरी दुनिया में मनाया जाता है.

ऐसे मनाएं फादर्स डे…

फादर्स डे के दिन कई लोग अपने पिता को स्पेशल फील कराने के लिए उनके मनचाहे तोहफे देते है या फिर उनके साथ घूमने जाते है. इस बार देश समेत पूरी दुनिया में महामारी कोरोना वायरस का साया है, तो ऐसे में इस बार फादर्स डे अपने पिता के साथ घर पर ही मनाएंगें तो अच्छा रहेगा.

फादर्स डे के दिन आप अपने पिता को हैंडमेड तोहफे देकर या फिर उनकी पंसद की कोई चीज बनाकर खुश कर सकते हैं. इसके अलावा घर पर आप केक बनाएं, अपने पापा के साथ गेम खेलें. आजकल की जिंदगी में वैसे तो हर कोई काफी व्यस्त रहता है, ऐसे में हमें ना तो अपने दिल की बातें माता-पिता से शेयर कर पाते और ना ही उनकी सुन पाते हैं. फादर्स डे आप अपने पिता से दिल की हर बात शेयर करें और उनके दिल की भी बाते सुनें. साथ ही उन्हें ये भी बताएं कि आपकी जिंदगी में उनकी क्या अहमियत है. यकीन मानिक बिना महंगे तोहफे दिए ही इन सबसे आपके पिता का फादर्स डे बहुत स्पेशल बन जाएगा.