Home Blog Page 1248

क्या होता है डिप्रेशन? जिसकी वजह से मन में आते हैं आत्महत्या के विचार, जानिए इसके लक्...

बीते दिन बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी, जिसने हर किसी को झकझोंर कर रख दिया. जो सुशांत हमेशा अपने चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान लेकर चलते थे, उसी मुस्कुराहट के पीछे उन्होनें बहुत दर्द छिपा रखा था.

पिछले साल ही सुशांत की फिल्म ‘छिछोरे’ रिलीज हुई थी, जिसको लोगों ने खूब पंसद भी किया था. इस फिल्म में उन्होनें लोगों को जिंदगी से ना हारने का मैसेज दिया था, लेकिन आज वहीं सुशांत खुद इतना बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो गए. पुलिस के मुताबिक पिछले 6 महीनों से डिप्रेशन का इलाज करा रहे थे. आज हम आपको बताते हैं कि डिप्रेशन क्या होता है, जिसकी वजह से लोग आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं…

क्या होता है डिप्रेशन?

डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी होती हैं. डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति ज्यादातर उदास रहता है और उसके मन में अधिकतर नेगिटिव विचार आते हैं. कई बार व्यक्ति अपने आप को इतना असहाय महसूस करने लगता है कि वो खुदकुशी तक करने के बारे में सोचने लगता है.

सिर्फ मानसिक ही नहीं डिप्रेशन शारीरिक रूप से भी नुकसान पहुंचा सकता हैं. हर मरीज में इसके अलग लक्षण होते हैं. लेकिन डिप्रेशन का शिकार हर मरीज अपने आप को किसी परस्थिति में फंसा हुआ और खुद को अकेला महसूस करता है.

ये हो सकती हैं वजह…

डिप्रेशन की वजह कुछ भी हो सकती हैं. किसी करीबी की मृत्यु का सदमा, रिलेशनशिप में परेशानी, कोई चीज मन-मुताबिक ना होना, कर्ज सम्बन्धी दिक्कत, नौकरी में समस्या, बचपन का कोई हादसा जिसे भूला ना पाना जैसी कोई भी घटना डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं.

डिप्रेशन के लक्षण…

डिप्रेशन का शिकार लोगों के व्यक्तिव में कई बदलाव आते हैं. हर वक्त बैचेनी और असहाय महसूस करना, गुस्सा आना, चिड़चिड़ा रहना, ठीक से सो ना पाना, दिनभर सिर दर्द रहना, मन में नेगिटिव विचार आना, मूड ऑफ रहना, किसी काम में मन ना लगना, ज्यादा थकावट होना, यौन इच्छाओं में कमी डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं.

जब डिप्रेशन से शिकार व्यक्ति का तनाव ज्यादा बढ़ जाता है, तो मन में जान लेने के विचार आने लगते हैं. कुछ केस में ऐसे विचार आते-जाते रहते हैं. वहीं, कुछ मामलों में इस तरह के विचार इस कदर हावी हो जाते हैं कि शख्स आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार डिप्रेशन की वजह से हर साल 8 लाख लोगों अपनी जान लेते हैं.

ऐसा हो तो करें डॉक्टर से संपर्क

आज के समय में अधिकतर लोग इसे बीमारी नहीं मानते और इसको लेकर डॉक्टर से संपर्क नहीं करते. जब किसी शख्स के मन में लगातार नेगिटिव विचार और साथ ही खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश ख्याल आए तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा अपनी करीबियों और दोस्तों के साथ दिल की बातें शेयर करके मन को हल्का करना चाहिए.

अपनी प्रेमिका को लेकर काफी पोसेसिव थे विराट कोहली, इस इंग्लिश क्रिकेटर के बात करने पर...

0

क्रिकेटर विराट कोहली (Virat Kohli) जितने आक्रामक फील्ड पर दिखते हैं, उतने ही वो अपने पर्सनल लाइफ में भी है. वे अपनी चीजों और अपने करीबी लोगों को लेकर काफी पोसेसिव भी है. एक चैट में पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर निक कॉम्पटन (Nick Compton) ने 2012 में भारत दौरे पर हुई एक ऐसी घटना का जिक्र किया जो विराट को बिलकुल पसंद नहीं आया था. निक ने बताया कि जब वो एक बार विराट की प्रेमिका से मिल कर बात कर रहे थे, तो विराट को इस बात से काफी आपत्ति हुई थी. जिसके बाद उनकी पूर्व प्रेमिका को लेकर पूरी इंग्लिश टीम ने काफी फब्तियां कसी थी.

विराट को होती थी जलन

निक ने बताया कि उसके बाद विराट को इतनी सी बात पर इतनी दिक्कत हुई कि सीरीज के दौरान कोहली ने बार बार उन्हीं को निशाना बनाया. निक ने उनकी पूर्व प्रेमिका से टकराने वाले वाकये को संक्षेप में बता कर कहा कि सीरीज से पहले वो केविन पीटरसन और युवराज सिंह के साथ बाहर थे और उनकी पूर्व प्रेमिका भी वहीँ मिल गई थी. जिसके बाद निक ने उनकी पूर्व प्रेमिका से बात की थी.

करने लगते थे कमेंट

निक ने बताया ये बात विराट को इतनी नागवार गुजरी कि जब भी वो बैटिंग करने जाते थे, तो ये भारतीय क्रिकेटर उन पर कमेंट करता था. उस दौरान ऐसा लगता था मानो वो बताना चाह रहे हों कि वो मेरी गर्लफ्रेंड है. लेकिन उस लड़की ने तो विराट को अपना एक्स बॉयफ्रेंड बताया था. आप समझ रहे हैं न कि मैं क्या कहना चाहता हूँ?

इंग्लिश टीम इस घटना को बनाना चाहती थी हथियार

जब इंग्लिश टीम को लगा कि विराट इस वाकये से चिढ़ गए हैं, तो उन्होंने इस घटना को विराट के ही खिलाफ हथियार बनाने की सोची. उन्होंने बताया हम इसका उस दौरान स्लेजिंग के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे. लेकिन ये हम पर ही भारी पड़ गई. विराट ने काफी अच्छे तरीके से कमबैक किया और एक शतक जड़ दिया. फ़िलहाल निक ने विराट की उस पूर्व प्रेमिका के नाम को सीक्रेट ही रखा है. बता दें कि उस दौरान इंग्लैंड की टीम ने 4 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज की थी. उस दौरान टीम की कप्तानी एलिस्टर कुक के हाथों थी जबकि भारत के महेंद्र सिंह धोनी कप्तान थे.

इन चीजों पर भूलकर भी नहीं करना चाहिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल, हो सकता है खतरनाक!

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी मुसीबत बना हुआ है. भारत समेत कई देशों में इसका कहर लगातार जारी है. 78 लाख से भी ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं, तो वहीं 4 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर के लोगों के मन में डर का माहौल बना हुआ है. ये वैश्विक महामारी छूने से भी फैलती है. ऐसे में सैनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है. डॉक्टर भी कोरोना के संक्रमण के बचने के लिए बार-बार हाथ धोने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में आजकल लोग किसी भी चीज को छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हो सकती हैं ये दिक्कतें

लोग सिर्फ हाथों के लिए ही नहीं, सैनिटाइजर का इस्तेमाल सब्जियों, फलो और खाने-पीने की अन्य चीजों पर भी कर रहे हैं, जो सही नहीं है. ऐसा करना खतरनाक भी साबित हो सकता है. डायरेक्ट खाने-पीने की चीजों पर सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने से स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कतें हो सकती हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक सैनिटाइजर का इस्तेमाल हाथों और मेटल से बनी हुई चीजों पर करना चाहिए.

फल-सब्जी में 7 घंटों तक रहता है वायरस

कोई भी सामान बाजार से खरीदकर लाने के बाद उसे कम से कम चार घंटे के लिए छोड़ देना चाहिए. ऐसे में अगर उस सामान में कोरोना वायरस होगा, तो भी वो खत्म हो जाएगा. सब्जी और फलों में कोरोना वायरस 7 घंटों तक रहता है. ऐसे में बाजार से इसे लाने के बाद कुछ घंटों के लिए अलग छोड़ देना चाहिए. जिस पैकेट या फिर कैरी बैग में सामान लाए हैं, उसको फेंक देना चाहिए. इसके बाद फल-सब्जियों को गर्म पानी से धो लेना चाहिए.

पके खाने में नहीं होता डर

वहीं, कुछ लोगों को बाहर से ऑर्डर किए गए खाने में भी डर रहता है. हालांकि पके हुए खाने में कोई खतरा नहीं होता. लेकिन बाजार से खाने ऑर्डर करने पर कई चीजों का ध्यान रखना होता है, जैसे कि इसको घर तक कौन ला रहा, इसकी पैकिंग कौन कर रहा है. खाना बनने के बाद पैकिंग से लेकर डिलवरी तक इसको कई लोग छूते हैं. ऐसे में अगर जरूरी ना तो बाहर का खाना ना खाएं.

लॉकडाउन के दौरान Parle-G की निकली लॉट्री, 82 साल का टूटा रिकॉर्ड

कोरोना वायरस में लॉकडाउन के चलते तमाम बिजनेस ठप्प हो चुके हैं. कुछ बिजनेस अपनी लुढ़की गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस दौरान पारले-जी बिस्किट ने अपनी बिक्री का 82 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया. पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूर के लिए पार्ले-जी बिस्किट किसी अन्नदाता से कम नहीं था. महज 5 रुपये में मिलने वाले इस बिस्किट ने पैदल चलते मजदूरों का हर कदम पर साथ दिया. कुछ लोगों ने इसे खुद खरीदा, तो कुछ ने मदद के तौर पर दूसरों को दिया. काफी लोगों ने तो अपने घरों में इसका स्टॉक जमा कर लिया.

1938 से लोगों का फेवरेट

पार्ले जी 1938 से ही लोगो का फेवरेट रहा है. लेकिन लॉकडाउन के बीच ये अमीरों से ज्यादा गरीबों के सफ़र का साथी बना है. पारले कंपनी ने अभी तक सेल्स नंबर का तो खुलासा नहीं किया है, लेकिन ये जरूर बताया है कि पिछले 8 दशकों में मार्च, अप्रैल और मई इसकी बिक्री के सबसे अच्छे महीने रहे हैं. पार्ले प्रोडक्ट्स केटेगरी के हेड मयंक शाह का भी कहना है कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर 5 फीसदी तक बढ़ा है. इसमें से 80-90 परसेंट की ग्रोथ पारले जी की सेल से हुई है.

लॉकडाउन के समय शुरू कर दिया था ऑपरेशन

दरअसल पार्ले ने लॉकडाउन के कुछ समय बाद ऑपरेशन शुरू कर दिए थे. कुछ कंपनियों ने कर्मचारियों के आने जाने की व्यवस्था भी कर दी थी. ताकि वो आसानी से और सुरक्षित तरीके से काम कर सके. फैक्ट्रियां चालू होने पर इन कंपनियों का फोकस उन प्रोडक्ट्स का ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करना होता है जिनकी ज्यादा सेल होती है. सिर्फ पारले जी ही नहीं बल्कि लॉकडाउन के दौरान ब्रिटानिया का गुड डे, टाइगर, मिल्क बिकिस, बार्बर्न और मैरी बिस्कुट के अलावा पारले का क्रैकजैक, मोनैको, हाइड एंड सीक जैसे बिस्कुट भी खूब बिके.

ग्राहकों की ओर से आ रही थी खूब डिमांड

ग्राहकों की ओर से पारले जी की खूब डिमांड आ रही थी इसलिए कंपनी ने अपने सबसे कम कीमत वाले ब्रांड पारले जी पर फोकस किया. कंपनी ने अपने डिस्ट्रिब्यूशन चैनल को भी एक हफ्ते के अंदर रीसेट कर दिया, ताकि रिटेल आउटलेट पर बिस्कुट की कमी ना हो. मयंक शाह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान पारले जी बहुत से लोगों को आसान खाना बन गया. कुछ के लिए तो यह उनका इकलौता खाना था. जो लोग रोटी नहीं खरीद सकते वह भी पारले-जी बिस्कुट खरीद सकते हैं.

करोड़ों की जायदाद, 25 बैंक अकाउंट..जयललिता की संपत्ति का मार्केट प्राइस सुनकर खड़े हो ज...

तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे जयललिता के भाई के बेटे और बेटी को उनकी करोड़ों की जायदाद का मालिक घोषित कर दिया गया है। लेकिन इस संपत्ति का उचित बाजार मूल्य जानने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में तीन आंकड़ों की पेशी हुई है।

उनके कानूनी उत्तराधिकारी जे दीपा और जे दीपक के मुताबिक इस संपत्ति का कुल मूल्य 188 करोड़ रुपये है। जबकि एआईडीएमके के पदाधिकारी का दावा है कि ये संपत्ति 913.13 करोड़ रुपये की कीमत की है। ये आंकड़े केवल उन चीजों से संबंधित हैं जो जयललिता ने 1991 से 1996 के बीच हासिल की थीं।

कुछ सवालों के खोजे जा रहे जवाब

अभी जयललिता के पसंदीदा समर रिट्रीट कोडानाड एस्टेट के बारे में कुछ सवालों के जवाब ढूंढे जा रहे हैं। ये 900 एकड़ में फैला हुआ है जिसको 1992 में खरीदा गया था। लेकिन खरीदे जाने के बाद ये अपने आकार से दोगुना हो गया है। अब इस एस्टेट के बारे में ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ये नया हिस्सा किस के नाम पर रजिस्टर्ड है, जोड़े गए हिस्से का रजिस्ट्रेशन हुआ है या नहीं। बता दें इसका मार्केट प्राइस 1 करोड़ रुपये प्रति एकड़ हैं।

चुनाव के दौरान 113 करोड़ थी संपत्ति

2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान जयललिता ने अपने हलफनामे में 113 करोड़ की संपत्ति लिखी थी। उस दौरान उन्होने चेन्नई के डॉ. राधाकृष्णन नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। इसके अलावा बैंक खातों में दस करोड़ तिरेसठ लाख रुपये जमा थे. जयललिता की संपत्ति में 27 करोड़ रुपये से अधिक के बांड, डिबेंचर और कंपनियों के शेयर थे. खास बात ये है कि इन संपत्ति का न ही कभी जयललिता ने बीमा कराया और न ही कभी अपना।ये था संपत्ति में शामिल

चल संपत्ति की बात जाये तो जयललिता के पास दो टोयटा प्राडो एसएयूवी, एक कंटेसा, एक एंबेसडर, महिंद्रा बोलेरो और महिंद्रा जीप सहित कुल नौ गाड़ियां हैं, जिसका बाज़ार मूल्य करीब 42 लाख रुपये बताया गया था. हलफनामे के मुताबिक उनके पास 21 किलो सोना मौजूद था जिसे कर्नाटक राजस्व विभाग ने जब्त कर लिया था। इसके अलावा जयललिता के पास बारह सौ पचास किलोग्राम चांदी के आभूषण थे, जिसका बाज़ार मूल्य तीन करोड़ 12 लाख 50 हज़ार रुपये बताया गया. उनके पास 25 बैंक अकाउंट थे जिसमें से उनके सात अकाउंट फ़ीज़ किए जा चुके हैं।

अचल संपत्ति के हिसाब से जयललिता पोएस गार्डेन में रह रही थीं. ये उनका अपना निवास था जो करीब 24 हज़ार वर्गफ़ीट में फैला हुआ है. इसका बिल्टअप एरिया 21 हज़ार वर्ग फ़ीट से कुछ अधिक है. इसका बाज़ार मूल्य लगभग 44 करोड़ रुपये बताया गया है. इस मकान के अलावा जयललिता की अचल संपत्ति में चार कमर्शियल इमारतें शामिल हैं, जिनका कुल मिलाकर बाज़ार मूल्य 13 करोड़ रुपये से ज़्यादा आंका गया है. इसके अलावा तेलंगाना के हैदराबाद और तमिलनाडु के कांचीपुरम में उनका 15 एकड़ और 4 एकड़ का प्लॉट है।

वियतनाम में मिला 9वीं शताब्दी का शिवलिंग, विदेश मंत्री ने दी जानकारी

भारत और वियतनाम के सांस्कृतिक रिश्ते काफी पुराने कहे जाते हैं। साउथ ईस्ट एशिया में बसे छोटे से देश वियतनाम में पहले भी चौथी से लेकर 13वीं शताब्दी की बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म से जुड़ी कलाकृतियां पहले भी मिलती रही हैं। लेकिन अभी हाल ही में खुदाई करने पर यहां बलुआ पत्थर का विशाल शिवलिंग मिला है। इस शिवलिंग के बारे में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी है। उन्होने साथ में इसकी तस्वीरें भी शेयर की हैं।

एएसआई को मिला शिवलिंग

आश्चर्य की बात तो ये है कि ये शिवलिंग वियतनाम के माई सोन मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान एएसआई को मिला है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) गत बुदवार को एक संरक्षण परियोजना की खुदाई कर रही थी जिस दौरान उन्हें 9वीं शताब्दी का विशाल शिवलिंग मिला। ये बलुआ पत्थर से निर्मित है और खुदाई के दौरान इसे कोई हानि नहीं पहुंची है।

विदेश मंत्री ने किया ट्वीट

इस खोज पर एएसआई की प्रशंसा करते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि 9वीं शताब्दी का अखंड बलुआ पत्थर शिवलिंग वियतनाम के मई सन मंदिर परिसर में जारी संरक्षण परियोजना की नवीनतम खोज है। एएसआई की टीम को बधाई ।’

चंपा के राजाओं ने कराया था निर्माण

वियतनाम स्थित ‘माई सन मंदिर’ पर हिन्दू प्रभाव है और यहां कृष्ण, विष्णु तथा शिव की मूर्तियां हैं। यह परित्यक्त और आंशिक रूप से ध्वस्त हिन्दू मंदिर हैं। इनका निर्माण चंपा के राजाओं ने चौथी से 14वीं शताब्दी के बीच कराया था। मंदिर परिसर मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत के दुय फू गांव के पास स्थित है। मंदिर परिसर करीब दो किलोमीटर लंबी-चौड़ी घाटी में स्थित है जो दो पहाड़ों से घिरा हुआ है।

हिंदू राज्य था चंपा

वियतनाम का चंपा क्षेत्र प्राचीन काल में हिंदू राज्य और हिंदू धर्म का गढ़ था। यहां स्थानीय समुदाय चम का शासन दूसरी शताब्दी से 18वीं शताब्दी तक रहा था। चम समुदाय में ज्यादातर लोग हिंदू थे, लेकिन आगे चलकर इस समुदाय के कई लोगों ने बौद्ध और इस्लाम धर्म को अपना लिया। वियतनाम वॉर के दौरान एक सप्ताह में ही अमेरिका की बमबारी ने इस परिसर को बड़े पैमाने पर नुकासन पहुंचा था। इस दौरान यह मंदिर परिसर लगभग तबाह हो गया था।

ICC गाइडलाइन: अब पूरी तरह से बदल जाएगा क्रिकेट, खिलाड़ियों-अंपायरों को इन नियमों का क...

0

कोरोना वायरस का असर हर तरफ देखने को मिल रहा है. क्रिकेट भी इससे काफी प्रभावित हुआ है. बीते 2 महीनों से ज्यादा समय से कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला गया है. लेकिन अब ये बात हर कोई जानता है कि कोरोना वायरस लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है. WHO भी ये बात कह चुका है कि लोगों को इस वायरस के साथ रहकर जीना होगा क्योंकि लंबे समय तक सबकुछ बंद नहीं किया जा सकता.

लगभग हर देश में धीरे-धीरे आम जनजीवन पटरी पर आने लगा है. हालातों में सुधार आने के बाद क्रिकेट भी दोबारा से शुरु किया जाएगा. हालांकि कोरोना की वजह इसमें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. इसी को ध्यान में रखते हुए क्रिकेट का आयोजन दोबारा शुरु होने से पहले इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने गाइडलाइन जारी कर दी है. गाइडलाइन में घरेलू क्रिकेटरों से लेकर इंटरनेशनल खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, खेल, यात्रा और वायरस से सुरक्षा संबंधी सभी दिशा-निर्देश शामिल हैं.

4 चरणों में ट्रेनिंग शुरु करने की दी सलाह

ICC ने खिलाड़ियों को चार चरणों में ट्रेनिंग शुरु करने की सलाह दी है. पहले चरण में खिलाड़ियों को अकेले ट्रेनिंग शुरू करनी होगी. तो वहीं दूसरे फेज में 3 या उससे कम खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग कर सकते है. तीसरे चरण में 10 से कम खिलाड़ी अपने कोच के संग ट्रेनिंग कर पाएंगें. तो वहीं चौथे चरण में टीमें पूरे खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग कर पाएंगी. हालांकि इस दौरान खिलाड़ियों को एक-दूसरे को छूने से बचना होगा.

ये हैं ICC के अहम नियम

– ICC ने सभी इंटरनेशनल टीमों को ट्रेनिंग के लिए चीफ मेडिकल अफसर को नियुक्त करने को कहा है, जिसको सरकार के सभी नियमों का पालन कराना होगा.

– अब गेंद चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल पर बैन होगा.

– ट्रेनिंग से पहले और बाद दोनों समय सभी इक्विपमेंट को सेनिटाइज करना अनिवार्य होगा.

– खिलाड़ियों को गेंद का इस्तेमाल करते समय हाथों को बार-बार सेनिटाइज करना होगा.

– अब खिलाड़ियों को एक-दूसरे का सामान रखने से बचना होगा.

– प्रैक्टिस के दौरान भी खिलाड़ियों को सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े सभी नियमों का पालन करना होगा.

– अब अंपायरों को गेंद पकड़ने के लिए ग्लव्स का इस्तेमाल करना होगा.

– खिलाड़ियों को स्टेडियम में तैयार होने की जगह घर से ही तैयार होने की सलाह दी गई है, जिससे कॉमन फैसिलिटी का इस्तेमाल ना करना पड़े.

–  प्रैक्टिस के दौरान खिलाड़ी टॉयलेट नहीं जा पाएंगे.

– जश्न मनाने के लिए खिलाड़ियों को एक-दूसरे के संपर्क में आने से बचना होगा.

– एक-दूसरे की पानी की बोतेल, टॉवल आदि के इस्तेमाल पर भी रोक रहेगी.

– मैच के समय अपनी कैप, सनग्लासेस और तौलिया अंपायर या फिर किसी दूसरे साथी को नहीं दे सकेंगे.

– ट्रेनिंग और मैच के दौरान खिलाड़ियों के टेस्ट होगा और उनका टेंपरेटर की भी जांच की जाएगी.

– सभी टीमों को अपने और दूसरे देश की यात्रा के सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. वहां सेल्फ आइसोलेशन, क्वारंटीन के नियमों को मानना होगा. यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग और सफाई का भी खास ध्यान रखना होगा. हो सके तो यात्रा के लिए विशेष विमानों का प्रयोग करें.

– खिलाड़ियों के लिए होटल का एक पूरा फ्लोर बुक करें और सभी खिलाड़ियों को अलग-अलग कमरा दे. इसके अलावा होटल के खाने के स्तर का भी विशेष ध्यान रखा जाए.

आलिया को गाल पर किस करने चले थे रणबीर, लेकिन दोनों हुए ऑकवर्ड मूमेंट के शिकार!

लॉकडाउन के चलते देश की रफ्तार जैसे थम सी गयी है। फिल्मी वर्ल्ड में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। कोई बॉलीवुड स्टार अपनी पुरानी तस्वीर डाल कर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहा है तो किसी की पुरानी वीडियो खुद ब खुद वायरल हो रही हैं। इसी कड़ी में रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की भी वीडियो है सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। ये वीडियो एक किसिंग सीन का है जो ऑनलाइन खूब चर्चें बटोर रहा है।

अवार्ड फंक्शन की है ये वीडियो

ये वीडियो एक अवार्ड फंक्शन की है जिसमें एक अवार्ड के जीतने पर आलिया को स्टेज पर बुलाया जाता है। आसपास बैठे दीपिका पादुकोण और रणबीर सिंह तालियां बजा कर आलिया को बधाई देते नज़र आते हैं। आलिया के बगल में बैठे रणबीर भी काफी खुश हो जाते हैं और उन्हें गले लगाने के लिए अपनी तरफ खींचते है। लेकिन इसी बीच दोनों में एक आकवर्ड मूमेंट क्रिएट हो जाता है। और ये कैमरे में कैद हो जाता है।

गाल पर किस करना चाहते थे रणबीर

दरअसल रणबीर वीडियो में आलिया को पास बुलाकर उनके गाल पर किस करना चाहते थे। लेकिन वीडियो में अचानक से कुछ अजीब हो जाता है। बता दें कि रणबीर और आलिया के लव अफेयर की गॉसिप भी बॉलीवुड गलियारों में काफी चर्चा में है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों जल्द ही शादी करने जा रहे हैं। रणबीर के पिता ऋषि कपूर के अंतिम संस्कार में भी आलिया देखी गयी थी। साथ ही उनकी फैमिली पिक्चर्स में भी आलिया काफी बार नज़र आती हैं।

इन्स्टाग्राम पर शेयर कर चुकी हैं तस्वीरें

आलिया भट्ट लॉकडाउन में भी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। फैंस उनसे उनके पार्टनर का नाम भी पूछ रहे हैं। लेकिन दोनों ने कभी खुद से इस बारे में खुलासा नहीं किया है। ये कोई पहली बार नहीं है जब दोनों साथ में नज़र आये हों। हाल ही में रणबीर की गाड़ी में भी आलिया साथ बैठी नज़र आई थीं।

नेट बैंकिंग में इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना मिनटों में अकाउंट से उड़ सकते हैं हज...

0

कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन चल रहा है जिस वजह से अब ज़्यादातर लोग बैंक जाने की जगह ऑनलाइन नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसमें से नेट बैंकिंग का ज़्यादातर यूज़ पैसे ट्रांस्फर या रिकरिंग डिपॉज़िट या एफडी के लिए लोग कर रहे हैं। इस समय बैंक में भीड़ से बचने के लिए सबसे सेफ तरीका नेट बैंकिंग का ही है। लेकिन इसका इस्तेमाल करते समय आपको कुछ सावधानी बरतने की ज़रूरत है। आइये यहाँ जाने सेफ नेट बैंकिंग के लिए कुछ टिप्स जो आपको जानना जरूरी हैं।

बैंक की वेबसाइट का URL ही डालें

अगर एसएमएस या ईमेल पर कोई भी लिंक आए तो उसे क्लिक करके बैंक की वेबसाइट को बिल्कुल भी न ओपेन करें। हमेशा ध्यान रखें कि ब्राउजर के एड्रेस बार में जाकर यूआरएल टाइप करें और ये भी देख लें कि यूआरएल के पहले ‘https://’ और लॉक आइकॉन है या नहीं। क्योंकि ये हमेशा बैंक की ओरिजिनल वेबसाइट के साथ रहता है।

पब्लिक कम्प्युटर पर न करें लॉगइन

जितना हो सके उतना ध्यान रखें कि लाईब्रेरी, साइबर कैफे या ऑफिस जैसे पब्लिक प्लेस के कम्प्युटर पर नेट बैंकिंग को लॉगइन करने से बचें। क्योंकि इन कम्प्युटर में दिन भर में काफी सारे यूजर्स बैठते हैं और इससे आपके पासवर्ड चोरी होने के चांसेज काफी ज्यादा हैं। लेकिन अगर आपके पास मजबूरी है तो आप कंप्यूटर से कैश, ब्राउज़िंग हिस्ट्री और टेंप फ़ाईल्स को डिलीट करना न भूलें। साथ ही अगर ब्राउज़र में ‘Remember Id and Password’ का ऑप्शन आता है तो उसे न क्लिक करें या नो के ऑप्शन पर क्लिक करें।

अपने सेविंग अकाउंट की डीटेल चेक करते रहे

हमेशा ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन के बाद अपना सेविंग अकाउंट चेक करें। अगर इसमें आपको लगता है कोई गड़बड़ है तो अपने बैंक को इसके बारे में तुरंत जानकारी दें। हमेशा अपने पास बैंक का हेल्पलाइन नंबर रखें और साथ ही अपना अकाउंट नंबर हमेशा अपने फोन में सेव करके रखें ताकि जरूरत पड़ने पर वो आपके पास रहे। इसकी मदद से आप इमरजेंसी में अपना अकाउंट नंबर तुरंत ब्लॉक करवा सकते हैं।

समय समय पर बदलते रहें अपना पासवर्ड

अपने अकाउंट की सेफ़्टी के लिए समय समय पर पासवर्ड बदलते रहना जरूरी है। हर बार कुछ अलग पासवर्ड रखें और इसे किसी के साथ भी शेयर न करें। अगर अलग अलग नेट बैंकिंग है तो उसके लिए अलग अलग पासवर्ड रखें। साथ ही अपने फोन में इसे ऑफलाइन मोड में सेव करके रखें।

काम पूरा होने के बाद हमेशा करें लॉगआउट

नेट और मोबाइल बैंकिंग का काम खत्म होने के बाद हमेशा इसे लॉगआउट करना न भूलें। इसके अलावा अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बैंक में रजिस्टर कराएं ताकि आपको इसके अपडेट्स मिलते रहें। अगर कोई आपको कॉल करके या मैसेज के जरिये आपसे आपका इंटरनेट बैंकिंग यूज़र नेम, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड नंबर, सीवीवी या ओटीपी में से कुछ भी पूछता है तो उसे ये सारी जानकारी बिलकुल न बताएं।

3 मिनट की वीडियो कॉल में छीन लीं 3500 कर्मचारियों की नौकरी, उबर के फैसले की हो रही जम...

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर दुनियाभर पर पड़ रहा है. ना सिर्फ ये महामारी लोगों की जान ले रही बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लागू किया गया. लॉकडाउन की वजह से सभी कामकाज ठप पड़ गया और इस दौरान कई कम्पनियों को बहुत नुकसान हो रहा है. ऐसे में कुछ कम्पनियों ने लोगों की छंटनी करने शुरु कर दी है.

ऑनलाइन कैब सर्विस देने वाली कम्पनी Uber ने भी अपने यहां से बड़ी संख्या में लोगों की छंटनी की है. कम्पनी ने 3500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. लेकिन जिस तरह उबर ने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है उसकी सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है.

दरअसल, उबर ने सिर्फ तीन मिनट की जूम (Zoom) के जरिए की गई एक वीडियो कॉल पर 3500 कर्मचारियों को निकाल दिया. उबर ने कर्मचारियों को वीडियो कॉल पर कहा कि कोरोना वायरस बहुत बड़ी चुनौती बन गया है. व्यापार में बहुत मंडी है और कम्पनी के पास कई कर्मचारियों के लिए काम नहीं है.

वीडियो कॉल पर उबर ने कर्मचारियों से कहा कि हमने 3500 फ्रंटलाइन कर्मचारियों को निकालने का फैसला लिया है. आपका काम काफी प्रभावित हुआ है और आज आपका उबर के साथ काम करने का आखिरी दिन है. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग उबर के इस कदम की जमकर निंदा कर रहे है. लोगों का कहना है कि कम्पनी को कर्मचारियों को निकालने से पहले एक नोटिस देना चाहिए था. इस तरह अचानक कॉल करके 3500 कर्मचारियों की नौकरी छीनना सही नहीं है.

उबर कस्टमर सर्विस के प्रमुख रॉफिन शेवलॉ ने वीडियो कॉल के जरिए कर्मचारियों को नौकरी से निकाला. हालांकि इस दौरान शेवले ने कर्मचारियों का उबर के साथ जुड़े रहने और योगदान देने के लिए धन्यवाद कहा. उबर ने कहा कि उनकी कैब सर्विस का बिजनेस आधे के करीब हो गया है.

हालांकि अचानक निकाले गए इन कर्मचारियों को कम्पनी ने कुछ पैसे दिए है. जानकारी के मुताबिक उबर को इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2.9 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. कम्पनी ने अपनी बाइक और स्कूटर का कारोबार भी बंद कर दिया है.