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India-Pakistan Conflict: भारत-पाकिस्तान के तनाव में अमेरिका की एंट्री, CNN ने किया है...

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India-Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर अमेरिकी मीडिया हाउस सीएनएन (CNN) ने एक नया दावा किया है। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत के पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले के बाद अमेरिका को इस मामले में बीचबचाव करना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को इस बात का भय सताने लगा कि भारत ने पाकिस्तान को पूरी तरह से घेर लिया है और इससे दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का संकट उत्पन्न हो सकता है। हालांकि, भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और साफ शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम दो पक्षों के बीच हुई बातचीत का नतीजा है, न कि किसी तीसरे पक्ष के दबाव से।

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सीएनएन की रिपोर्ट में क्या कहा गया? (India-Pakistan Conflict)

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएनएन के एक कार्यक्रम में फरीद जाकरिया ने फॉरेन पॉलिसी मैगजीन के एडिटर इन चीफ रवि अग्रवाल से यह सवाल पूछा कि आखिरकार अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप क्यों करना पड़ा। रवि अग्रवाल ने जवाब दिया कि भारत ने पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों पर ऐसे हमले किए जो 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान के क्षेत्र में सबसे गहरे हमले माने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ये हमले गुरुवार और शुक्रवार के आसपास हुए और खास बात यह रही कि इनमें से कुछ हमले पाकिस्तान के परमाणु कमान केंद्रों के पास से होकर गुजरे।

रवि अग्रवाल ने कहा, “ऐसे हमले अमेरिका के लिए यह संकेत थे कि पाकिस्तान को भारत ने पूरी तरह घेर लिया है। अगर अमेरिका इसमें हस्तक्षेप नहीं करता तो संभावना थी कि यह संघर्ष और बढ़कर परमाणु हथियारों के इस्तेमाल जैसी गंभीर स्थिति तक पहुंच सकता है।”

भारत का जवाब: अमेरिका की मध्यस्थता को ठुकराया

भारत सरकार ने सीएनएन की इस रिपोर्ट को स्पष्ट तौर पर खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारत ने अमेरिका या किसी अन्य देश से पाकिस्तान के साथ संघर्ष में कोई मध्यस्थता स्वीकार नहीं की है। भारत का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो संघर्षविराम हुआ है, वह दोनों पक्षों के बीच बातचीत और परस्पर समझौते का परिणाम है। भारत की विदेश नीति में किसी भी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी को अस्वीकार किया जाता है।

संघर्ष की पृष्ठभूमि और बढ़ते तनाव

हाल के दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव में तीव्रता आई है। दोनों देशों के बीच हुई गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई के बाद भारत ने पाकिस्तान के गहरे इलाकों में हवाई हमले किए, जो पिछले दशकों में सबसे सशक्त हमले माने जा रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान ने भी पलटवार किया, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

इस तनाव के दौरान अमेरिका समेत अन्य विश्व शक्तियों ने स्थिति को काबू में रखने की कोशिश की, ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति को नुकसान न पहुंचे। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के हमले के बाद अमेरिका को इस स्थिति को संभालने के लिए सक्रिय भूमिका निभानी पड़ी, जिससे एक बड़े परमाणु संकट से बचा जा सके।

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BJP Leader Kissing Controversy: बलिया में भाजपा नेता बब्बन सिंह का अश्लील वीडियो वायर...

BJP Leader Kissing Controversy: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और द सहकारी चीनी मिल के चेयरमैन बब्बन सिंह रघुवंशी का एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वायरल वीडियो में बब्बन सिंह एक महिला डांसर को गोद में बैठाकर उसके साथ गले मिलने (किस) जैसी हरकत करते दिखाए गए हैं। यह वीडियो बिहार की एक बारात का बताया जा रहा है, जहां डांसर के साथ बब्बन सिंह की आपत्तिजनक हरकतें कैमरे में कैद हुईं। वीडियो के सामने आने के बाद इलाके में सियासी हलचल तेज हो गई है।

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वीडियो की माजरा और वायरल होने की कहानी- BJP Leader Kissing Controversy

जानकारी के मुताबिक यह वीडियो लगभग 20 दिन पुराना है। यह घटना बिहार की किसी बारात में हुई, जहां रंगारंग कार्यक्रम चल रहा था। वीडियो में बब्बन सिंह महिला डांसर को गोद में बिठाकर और उसके साथ आपत्तिजनक व्यवहार करते हुए नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होते ही बब्बन सिंह की छवि पर सवाल उठने लगे हैं और उनके खिलाफ तरह-तरह के कमेंट किए जा रहे हैं।

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बब्बन सिंह ने लगाया साजिश का आरोप, बताया पूरी बात

वायरल वीडियो को लेकर जब भाजपा नेता से बात की गई तो उन्होंने इसे पूरी तरह से फर्जी करार देते हुए राजनीतिक साजिश बताया। बब्बन सिंह ने साफ कहा, “मैं 70 साल का हूं और आज तक किसी महिला के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया। मैं पार्टी का पुराना और समर्पित कार्यकर्ता हूं।” उन्होंने बताया कि वीडियो बिहार की एक बारात में रिकॉर्ड किया गया है, जहां बांसडीह विधायक केतकी सिंह के पति के लोग मौजूद थे और उन्हीं ने उनकी छवि खराब करने के लिए यह वीडियो एडिट कर फैलाया है।

सियासत के बीच रिश्तेदारों के मतभेद का भी दावा

बब्बन सिंह ने इस पूरे मामले को स्थानीय सियासी माहौल से जोड़ा। उनका कहना है कि परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह उनके रिश्तेदार हैं और बलिया जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर मंत्री और केतकी सिंह के बीच मतभेद चल रहा है। “जब संजय मिश्रा जिलाध्यक्ष बने तो केतकी सिंह की पार्टी के लोग कनौजिया को जिलाध्यक्ष बनाना चाहते थे। वे नहीं बन पाए, इसलिए मेरी छवि खराब की जा रही है,” बब्बन सिंह ने बताया।

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वीडियो को बताया फर्जी और एडिटेड, पुलिस से शिकायत का ऐलान

बब्बन सिंह ने वीडियो में दिखाई गई हरकतों को पूरी तरह से फर्जी करार दिया। उन्होंने कहा, “डांसर जैसे मेरी गोद में बैठी, फिर उसके हाथों को छूना आदि सब नकली है। आजकल मोबाइल से कुछ भी संभव है।” उन्होंने आगे कहा कि वे बारात में आमंत्रित थे और रिवाज के अनुसार कलाकारों को पैसे दिए थे। “डांसर अपने आप मेरी तरफ आई और बैठ गई, मैंने कोई ऐसा काम नहीं किया जैसा वीडियो में दिखाया जा रहा है।” बब्बन सिंह ने इस मामले में पुलिस कप्तान को लिखित शिकायत करने की भी बात कही है।

सियासी मंच पर उभरा विवाद, बीजेपी में हलचल तेज

बलिया जिले में इस वायरल वीडियो के बाद राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता और विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर विभिन्न तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। बब्बन सिंह के चुनावी संभावित दावेदारी और पार्टी में उनकी स्थिति के मद्देनजर यह मामला पार्टी के लिए भी संवेदनशील हो गया है।

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CJI Justice BR Gavai: जस्टिस भूषण रामकृष्णा गवई बने 52वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति...

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CJI Justice BR Gavai: सुप्रीम कोर्ट के 52वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में जस्टिस भूषण रामकृष्णा गवई ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में हुई इस शपथ ग्रहण समारोह में न्यायाधीश ने अपनी मां से आशीर्वाद भी प्राप्त किया। सीजेआई के तौर पर जस्टिस गवई के सामने सबसे बड़ा और संवैधानिक तौर पर चुनौतीपूर्ण मामला राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 143(1) के अंतर्गत सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए 14 सवालों का जवाब देना होगा।

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राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा संवैधानिक सवाल- CJI Justice BR Gavai

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आर्टिकल 143(1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से यह पूछा है कि क्या अदालत विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर मंजूरी देने के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समय सीमा तय कर सकती है? यह सवाल इसलिए उठाया गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को एक अहम निर्णय सुनाया था, जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल और राष्ट्रपति को कुछ विधेयकों पर निर्णय लेने की समय सीमा दी गई थी। राष्ट्रपति ने इस फैसले पर संवैधानिक और विधिक सवाल उठाए हैं और इसे लेकर शीर्ष अदालत की राय मांगी है।

CJI Justice BR Gavai
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क्या सुप्रीम कोर्ट निर्धारित कर सकता है समय सीमा?

संविधान में राष्ट्रपति या राज्यपाल के लिए विधेयकों पर मंजूरी देने की कोई निर्धारित समयसीमा नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा है कि क्या कोर्ट अपने फैसले से इस तरह की सीमा तय कर सकती है, जबकि संविधान में इसकी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है। यह सवाल एक अहम संवैधानिक मुद्दा है, क्योंकि इससे कार्यपालिका और विधायिका के बीच संतुलन पर असर पड़ सकता है।

अनुच्छेद 143(1) के तहत राष्ट्रपति का सुप्रीम कोर्ट से सलाह मांगना

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 143(1) के तहत राष्ट्रपति कानूनी और संवैधानिक मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट से सलाह मांग सकते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने इसी अनुच्छेद का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से इन 14 सवालों का स्पष्टीकरण मांगा है। इस संदर्भ में कोर्ट को एक संविधान पीठ का गठन करना होगा, जिसमें कम से कम पांच न्यायाधीश शामिल होंगे, ताकि इस जटिल मुद्दे पर व्यापक चर्चा की जा सके।

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राष्ट्रपति के 14 सवाल: विस्तार से

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से कुल 14 सवाल पूछे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से यह पूछा गया है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के पास यह अधिकार है कि वह कार्यपालिका के सदस्यों जैसे राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधायकों द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय देने की समयसीमा तय कर सके। यह सवाल पिछले कुछ दिनों में विशेष रूप से चर्चा में आया है, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य कार्यपालिका सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर नाराजगी जताई थी।

जस्टिस गवई के सामने बड़ा संवैधानिक मसला

जस्टिस भूषण रामकृष्णा गवई ने मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने के साथ ही एक बेहद संवेदनशील और महत्वपूर्ण संवैधानिक मसले को संभालना शुरू कर दिया है। उनके सामने पहला और सबसे बड़ा काम राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए इन सवालों पर विचार करना होगा। इसके लिए वह एक संविधान पीठ का गठन करेंगे, जो देश के संविधान की व्याख्या करेगा और कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों के संतुलन को तय करेगा।

शपथ ग्रहण समारोह की कुछ खास बातें

शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायाधीश को शुभकामनाएं दीं। इसके बाद जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। न्यायपालिका में उनके नए कार्यकाल की शुरुआत इस संवैधानिक चुनौती के साथ हुई है, जो भारत के लोकतंत्र और शासन व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

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Ballia Crime News: बलिया में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दहलाया गांव...

Ballia Crime News: बलिया जिले के बहादुरपुर मोहल्ले से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की बेरहमी से हत्या कर उसे छह टुकड़ों में काट दिया। इसके बाद शरीर के अलग-अलग हिस्से घटना स्थल से दूर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए गए। यह मामला इलाके में दहशत फैलाने वाला है। घटना के बाद आरोपी प्रेमी का पुलिस एनकाउंटर कर गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि महिला समेत दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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पति की बेरहमी से हत्या और शरीर के टुकड़े फेंकने की सनसनीखेज कहानी- Ballia Crime News

बलिया के बहादुरपुर मोहल्ले में रहने वाले 62 वर्षीय देवेंद्र राम, जो बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) से रिटायर थे, की हत्या का मामला पुलिस के सामने आया है। उनकी पत्नी माया देवी (44) ने करीब चार साल पहले ट्रक ड्राइवर अनिल यादव (23) से प्रेम संबंध शुरू कर लिए थे। अनिल बलिया के सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद गांव का रहने वाला है।

प्रेम संबंध की खबर मोहल्ले और परिवार को हुई पता

धीरे-धीरे माया और अनिल के अफेयर की खबर मोहल्ले में फैल गई। देवेंद्र और उनके बच्चों को भी यह पता चल गया। इसके बाद घर में बार-बार अनिल को लेकर विवाद होने लगे। देवेंद्र कई बार अपनी पत्नी की पिटाई भी कर चुके थे। परेशान माया ने अनिल के साथ मिलकर देवेंद्र की हत्या की साजिश रची।

9 मई की रात की घटना: नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया पति, फिर काट डाला

माया ने पुलिस को बताया कि 9 मई की रात उसने अनिल को अपने घर बुलाया। उसके साथ मिथलेश और सतीश नाम के दो अन्य लोग भी थे। चारों ने मिलकर देवेंद्र की हत्या की योजना बनाई। माया ने देवेंद्र को फोन कर शहर वाले घर बुलाया। जैसे ही देवेंद्र घर पहुंचे, उन्हें कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला दिया गया जिससे वे पूरी तरह बेहोश हो गए। इसके बाद चारों ने मिलकर चाकू से देवेंद्र के शरीर को छह टुकड़ों में काट दिया।

टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंका, सिर घाघरा नदी में बहा दिया

शरीर के टुकड़ों को ठिकाने लगाने के लिए आरोपी करीब 38 किलोमीटर दूर खरीद गांव गए। वहां हाथ-पैर बगीचे में फेंक दिए और धड़ को एक कुएं में डाल दिया। सिर को घाघरा नदी में बहा दिया गया। इसके बाद चारों आरोपी वापस घर लौट आए और खून साफ किया।

गुमशुदगी दर्ज कर मामला भटकाने की कोशिश

दूसरे दिन यानी 10 मई को माया ने पुलिस में देवेंद्र की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, ताकि संदिग्धों की नजरों से बचा जा सके। लेकिन यह चालाकी चल नहीं पाई।

बेटी की शिकायत पर पुलिस ने शुरू की जांच, 12 मई को मां को गिरफ्तार किया

देवेंद्र की छोटी बेटी सुप्रिया, जो कोटा में NEET की तैयारी कर रही है, जब पिता के लापता होने की खबर सुनकर जयपुर में रहने वाली बड़ी बहन के साथ बलिया पहुंची तो उन्होंने 12 मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसी के बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू की और 11 मई को खरीद गांव के बगीचे में कटे हुए हाथ-पैर बरामद किए। पुलिस ने माया को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने प्रेमी का किया एनकाउंटर में गिरफ्तार, अन्य आरोपी भी दबोचे गए

पुलिस ने देर रात आरोपी अनिल यादव का एनकाउंटर कर गिरफ्तारी की। इस दौरान अनिल के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने साथ ही दो अन्य आरोपियों मिथलेश और सतीश को भी चेकिंग के दौरान बिहार भागते हुए पकड़ लिया। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

पुलिस जांच जारी, बाकी हिस्सों की तलाश और सख्त कार्रवाई का ऐलान

एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच जारी है। मृतक के पांच टुकड़े बरामद हो चुके हैं, जबकि सिर की तलाश की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Lucknow Bus Fire News: लखनऊ में चलती बस में लगी भीषण आग, 2 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत

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Lucknow Bus Fire News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार तड़के एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। बिहार के बेगूसराय से दिल्ली जा रही एक एसी स्लीपर बस में चलते समय अचानक आग लग गई। हादसे में दो बच्चों, दो महिलाओं और एक पुरुष की जलकर मौत हो गई, जबकि कई यात्री झुलस गए। यह घटना लखनऊ के मोहनलालगंज इलाके में किसान पथ पर तड़के करीब 5 बजे हुई।

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धुएं से भरी बस में मची भगदड़, आग की चपेट में आए सोते यात्री- Lucknow Bus Fire News

चश्मदीद यात्रियों के मुताबिक, बस में पहले धुआं भरना शुरू हुआ और कुछ ही पलों में आग की तेज लपटें उठने लगीं। उस समय अधिकांश यात्री नींद में थे, जिससे उन्हें समय रहते बस से बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बस में अफरा-तफरी मच गई और कई यात्री अंदर ही फंस गए।

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ड्राइवर-कंडक्टर ने यात्रियों को छोड़ खुद बचाई जान

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही बस में आग लगी, ड्राइवर और कंडक्टर बस से कूदकर मौके से फरार हो गए। यात्रियों को बाहर निकलने में उस समय दिक्कत हुई क्योंकि ड्राइवर की सीट के पास एक अतिरिक्त सीट लगी थी, जिससे निकास में बाधा पहुंची। कई यात्री इसी कारण नीचे गिर गए और आग की चपेट में आ गए।

स्थानीय लोगों ने दी सूचना, 30 मिनट में पाया आग पर काबू

स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचित किया। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब 30 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। जब बचाव दल ने बस के अंदर प्रवेश किया, तो वहाँ पाँच जले हुए शव बरामद किए गए।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग की आशंका, जांच जारी

सहायक पुलिस आयुक्त (मोहनलालगंज) रजनीश वर्मा ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि बस के गियरबॉक्स में शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी। बस में उस वक्त अधिकांश यात्री सो रहे थे। अचानक फैली आग में कुछ यात्रियों को निकलने का मौका नहीं मिल पाया।

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आपातकालीन निकास भी नहीं खुला, आग के बाद भी नहीं रुकी बस

पुलिस के अनुसार, बस में आपातकालीन निकास द्वार भी काम नहीं कर रहा था, जिससे पीछे की सीटों पर बैठे यात्री अंदर ही फंस गए। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि बस में लगी आग की लपटें एक किलोमीटर दूर से भी देखी जा सकती थीं, और आग लगने के बाद भी बस कुछ दूरी तक चलती रही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक, दिए राहत के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भीषण हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने और घायलों के उचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

ड्राइवर और कंडक्टर की तलाश जारी, वायरल हो रहीं तस्वीरें

फिलहाल पुलिस फरार ड्राइवर और कंडक्टर की तलाश में जुटी है। मृतकों की पहचान और उनके परिजनों को सूचित करने की प्रक्रिया जारी है। वहीं, इस हादसे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो घटना की भयावहता को दर्शाते हैं।

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Pollachi Gangrape Case: कोयंबटूर पोल्लाची यौन उत्पीड़न केस में 6 साल बाद 9 दोषियों को...

Pollachi Gangrape Case: तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के पोल्लाची यौन उत्पीड़न मामले में एक ऐतिहासिक फैसले के तहत 6 साल बाद 9 दोषियों को उम्रभर की सजा सुनाई गई है। विशेष महिला अदालत की न्यायाधीश आर. नंदिनी देवी ने इन आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें मरते दम तक उम्रकैद की सजा दी। साथ ही, अदालत ने पीड़ितों को 85 लाख रुपए का मुआवजा भी देने का आदेश दिया। इस फैसले से न केवल न्याय मिला, बल्कि यह घटना भी न्यायिक इतिहास में एक मील का पत्थर बन गई है।

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दोषियों की सजा और मुआवजे का ऐलान- Pollachi Gangrape Case

इन 9 दोषियों में रिश्वंथ उर्फ एन सबरीराजन, के थिरुनावुक्कारासु, एम सतीश, टी वसंतकुमार, आर मणिवन्नन उर्फ मणि, पी बाबू उर्फ ‘बाइक’ बाबू, के अरुलानंथम, टी हारोनिमस पॉल और एम अरुणकुमार शामिल हैं। इन आरोपियों की उम्र 30 से 39 साल के बीच बताई गई है। इन सभी आरोपियों को सलेम सेंट्रल जेल से अदालत में लाया गया था। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376D (गैंगरेप) और 376(2)(N) (एक महिला से बार-बार गैंगरेप) के तहत इन्हें सजा सुनाई गई। इसके अलावा, अदालत ने इन आरोपियों पर 1.5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।

Pollachi Gangrape Case crime
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कैसे खुलासा हुआ था पोल्लाची यौन उत्पीड़न केस

यह मामला फरवरी 2019 में सामने आया था, जब एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया था कि कुछ युवक उसे एक कार में बैठाकर घूमने के बहाने बाहर ले गए और वहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इस कृत्य का वीडियो भी बनाया गया था, जिसे बाद में ब्लैकमेलिंग के रूप में इस्तेमाल किया गया। यह मामला सिर्फ एक लड़की का नहीं था, बल्कि बाद में पता चला कि ऐसे सैकड़ों मामले सामने आए हैं। आरोपी युवक फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए लड़कियों से दोस्ती करते थे और फिर उन्हें अकेला पाकर उनका यौन उत्पीड़न करते थे। इसके बाद वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था।

100 से अधिक लड़कियां बनीं शिकार

सीबीआई की जांच में यह सामने आया कि इस गैंग के द्वारा 100 से ज्यादा लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाया गया था। इन पीड़िताओं में अधिकांश स्कूल और कॉलेज की छात्राएं थीं, लेकिन वे सामाजिक डर के कारण अपनी पीड़ा का खुलासा नहीं कर पाईं। आखिरकार एक लड़की ने हिम्मत जुटाकर अपने परिजनों को बताया, जिसके बाद इस मामले की शिकायत पुलिस में की गई और जांच शुरू की गई।

सियासी बयानबाजी और फैसले का स्वागत

पोल्लाची यौन उत्पीड़न मामले में कोर्ट के फैसले का स्वागत तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और विपक्षी नेता एडप्पादी के पलानीस्वामी ने किया। मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि दोषियों को सजा दिलाने से तमिलनाडु की जनता को न्याय मिला है, और जिन लोगों ने आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी, उन्हें शर्म आनी चाहिए। पलानीस्वामी ने भी पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सीबीआई जांच की सराहना की और इसे पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।

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सीबीआई की महत्वपूर्ण भूमिका

इस मामले की शुरुआत में स्थानीय पुलिस द्वारा जांच की जा रही थी, लेकिन लोगों के विरोध और नाराजगी के बाद इसे सीबीआई के हवाले किया गया। सीबीआई ने इस मामले की पूरी तफ्तीश की और विस्तृत चार्जशीट दाखिल की। विशेष लोक अभियोजक जिशा के अनुसार, इस मामले में एक भी गवाह मुकरा नहीं हुआ और आठ पीड़िताओं ने गवाही दी, जिनकी पहचान गुप्त रखी गई थी।

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India vs Pakistan: लकी बिष्ट का पाकिस्तान को तगड़ा जवाब, ‘परमाणु हथियार रॉटविलर कुत्त...

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India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल अब भी बरकरार है, खासकर भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद। हालांकि, दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान किया गया है, लेकिन पाकिस्तान की लगातार हरकतें और आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोशिशें फिर भी जारी हैं। इन घटनाओं के बीच, पूर्व एनएसजी कमांडो और रॉ एजेंट लकी बिष्ट ने पाकिस्तान को तीखा जवाब दिया है। लकी बिष्ट ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार रॉटविलर कुत्ते की तरह होते हैं, जिन्हें कटवाने के लिए नहीं, बल्कि दिखाने के लिए रखा जाता है।

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पाकिस्तान में सैन्य शासन और भ्रष्टाचार का आरोप- India vs Pakistan

वाराणसी में ‘आजतक’ से बात करते हुए, लकी बिष्ट ने पाकिस्तान के सैन्य शासन पर हमला करते हुए कहा, “जब तक पाकिस्तान में मिलिट्री राज होगा और आसिम मुनीर जैसे सेनाध्यक्ष और आसिम मलिक जैसे आईएसआई प्रमुख होंगे, तब तक पाकिस्तान की तरक्की संभव नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के पूर्व जनरल बाजवा के पास 13 अरब की संपत्ति है, लेकिन असल में यह आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा हो सकता है। उनका आरोप था कि पाकिस्तान की जनता को इस वॉर और आतंकवाद से कोई लाभ नहीं हुआ है, बल्कि इसका पूरा फायदा सेना के जनरल और आईएसआई प्रमुख ने उठाया है। बिष्ट ने पाकिस्तान की जनता से अपील करते हुए कहा कि जब तक आपका देश मिलिट्री कंट्रोल में रहेगा, तब तक आप तरक्की नहीं कर सकते। उन्होंने पाकिस्तान में लोकतंत्र की ओर कदम बढ़ाने का सुझाव दिया, तभी कुछ सुधार हो सकता है।

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ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ भारत की ताकतवर प्रतिक्रिया

लकी बिष्ट ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में भी बात की और कहा, “हमने 104 किलोमीटर घुसकर पाकिस्तान के आतंकी ट्रेनिंग कैंपों को नष्ट किया है। उनके एयर डिफेंस सिस्टम को भी उड़ा दिया और आईएसआई की बिल्डिंग को भी तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए।” बिष्ट ने स्पष्ट किया कि भारत की लड़ाई पाकिस्तान की जनता से नहीं, बल्कि आतंकवाद से है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की यह लड़ाई हमेशा जारी रहेगी, और जब भी आतंकवाद सिर उठाएगा, भारतीय सेना उसे मुंहतोड़ जवाब देगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का स्थायी समाधान नहीं है, लेकिन पाकिस्तान की लगातार हरकतों ने भारत को मजबूर किया है कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क रहे।

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर लकी बिष्ट की टिप्पणी

पाकिस्तान द्वारा परमाणु हमले की धमकी देने के सवाल पर लकी बिष्ट ने बेहद तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार रॉटविलर कुत्ते की तरह हैं, जैसे लोग रॉटविलर कुत्ते घरों में पालते हैं, ताकि वह दिखाने के लिए हो, न कि हमला करने के लिए। बिष्ट का मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार सिर्फ दिखावे के लिए हैं, और वे वास्तविक युद्ध में काम नहीं आते। यह बयान पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को लेकर भारत की स्थिति को स्पष्ट करता है कि भारत पाकिस्तान की धमकियों से डरने वाला नहीं है।

India vs Pakistan Lucky Bisht
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पाकिस्तान से सख्त चेतावनी: आतंकवाद को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा

लकी बिष्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का भी समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब कोई भी आतंकी हमला ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा और उसका सख्ती से मुकाबला किया जाएगा। बिष्ट ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और इसका उद्देश्य आतंकवाद को समाप्त करना है। प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट शब्दों ने पाकिस्तान को एक और चेतावनी दी है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हटेगा।

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Israel Saudi Arabia Abraham Accord: सऊदी अरब का अब्राहम समझौते में शामिल होने की ओर इ...

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Israel Saudi Arabia Abraham Accord: मध्य पूर्व में दशकों से चले आ रहे तनाव और टकराव के बाद अब एक नई कूटनीतिक तस्वीर उभरती नजर आ रही है। इज़रायल और कुछ प्रमुख अरब देशों के बीच अब्राहम समझौते के जरिए सामान्य रिश्ते स्थापित किए जा रहे हैं। इस समझौते के तहत, अब तक संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन, मोरक्को और सूडान जैसे देशों ने इज़रायल को मान्यता दी है और उससे औपचारिक संबंध स्थापित किए हैं। अब संकेत मिल रहे हैं कि सऊदी अरब भी इस दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहा है, जिससे यह समझौता और भी महत्वपूर्ण बन जाता है।

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पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का बयान: सऊदी अरब की दिशा में एक बड़ा कदम – Israel Saudi Arabia Abraham Accord

इस कूटनीतिक प्रक्रिया की पुष्टि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने सऊदी अरब की राजधानी रियाद में एक वैश्विक निवेश मंच पर बोलते हुए कहा कि वह दिन ऐतिहासिक होगा जब सऊदी अरब भी अब्राहम समझौते में शामिल होगा। ट्रंप ने कहा, “जब सऊदी अरब इस प्रक्रिया में शामिल होगा, तब आप मुझे और उन सभी को सम्मानित करेंगे जिन्होंने मध्य पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए कठिन प्रयास किए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत मत है कि सऊदी अरब जल्द से जल्द इज़रायल के साथ अपने रिश्ते सामान्य करे, हालांकि इस निर्णय का समय और तरीका पूरी तरह से सऊदी अरब पर निर्भर करेगा।

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अब्राहम समझौते का महत्व और उद्देश्य

अब्राहम समझौता एक ऐतिहासिक शांति प्रयास है, जिसे 2020 में आरंभ किया गया था। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य इज़रायल और अरब देशों के बीच कूटनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसके तहत भागीदार देश व्यापार, सुरक्षा, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देते हैं। इस पहल को “अब्राहम” नाम इसलिए दिया गया क्योंकि अब्राहम को यहूदी, ईसाई और इस्लाम तीनों धर्मों के साझा पैगंबर के रूप में माना जाता है। इस समझौते के माध्यम से, इन तीन धर्मों के मानने वालों के बीच संवाद और सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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सऊदी अरब का रुख और संभावित बदलाव

हालांकि सऊदी अरब ने अब तक इज़रायल को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन हाल के घटनाक्रम संकेत देते हैं कि वह धीरे-धीरे इस दिशा में बढ़ रहा है। क्षेत्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान के बढ़ते प्रभाव, क्षेत्रीय अस्थिरता और आर्थिक साझेदारी की संभावनाएं सऊदी अरब को इस निर्णय की ओर धकेल रही हैं। सऊदी अरब के लिए इज़रायल के साथ संबंधों को सामान्य करना न केवल सुरक्षा और सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो सकता है, बल्कि यह आर्थिक और क्षेत्रीय सहयोग के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

यूएई और बहरीन के उदाहरण

यूएई और बहरीन पहले ही इज़रायल के साथ कई व्यापारिक और रक्षा समझौते कर चुके हैं। इन देशों का इज़रायल के साथ सामान्य रिश्ता अब्राहम समझौते के तहत आगे बढ़ा है, और इन समझौतों ने मध्य पूर्व में व्यापारिक और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा दिया है। ऐसे में सऊदी अरब के लिए भी इस समझौते में शामिल होना एक रणनीतिक कदम हो सकता है, जो उसे मध्य पूर्व में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।

सऊदी अरब का निर्णय: मध्य पूर्व की राजनीति में बड़ा बदलाव

अगर सऊदी अरब इस समझौते में शामिल होता है, तो यह न केवल मध्य पूर्व की राजनीति में बड़ा बदलाव होगा, बल्कि यह इज़रायल-अरब संबंधों के लिए एक नया युग शुरू कर सकता है। इस कदम से न केवल दोनों देशों के बीच व्यापार और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह पूरी क्षेत्रीय स्थिरता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। सऊदी अरब का यह कदम संभावित रूप से अन्य अरब देशों को भी प्रेरित कर सकता है, जो अब्राहम समझौते में शामिल होने का विचार कर सकते हैं।

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Who is Anita Anand: कौन हैं अनीता आनंद, कनाडा की नई विदेश मंत्री जिन्होंने भगवद्गीता ...

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Who is Anita Anand: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने हाल ही में अपने मंत्रिमंडल में एक बड़ा फेरबदल किया है। इस फेरबदल में अनीता आनंद को कनाडा का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। अनीता आनंद को मेलोनी जोली की जगह यह पद सौंपा गया है, जिन्हें अब उद्योग मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। भारतीय मूल की अनीता आनंद की नियुक्ति को लेकर काफी चर्चा हो रही है, और उनके विदेश मंत्री बनने के बाद उन्हें शुभकामनाएं भी मिल रही हैं, जिनमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का संदेश भी शामिल है।

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अनीता आनंद की भारतीय पृष्ठभूमि और कनेक्शन- Who is Anita Anand

अनीता आनंद का जन्म 20 मई 1967 को कनाडा के नोवा स्कोटिया प्रांत के केंटविल शहर में हुआ था। उनके पिता का संबंध तमिलनाडु से है, जबकि उनकी मां पंजाब से हैं। हालांकि उनका परिवार कनाडा में बस गया था, अनीता ने हमेशा अपनी भारतीय जड़ों को गर्व से स्वीकार किया है। अनीता ने टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की प्रोफेसर के रूप में भी काम किया है।

राजनीति में कदम रखते हुए, अनीता ने 2019 में ओकविल से सांसद के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इस चुनाव में वे कनाडा की पहली महिला सांसद बनीं। इसके बाद, 2021 से 2023 तक वे कनाडा की रक्षा मंत्री रहीं और 2023 से 2024 तक ट्रेजरी बोर्ड की अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। अब, 2024 में उन्हें प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री के रूप में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

शपथ ग्रहण और भारतीय विरासत

अनीता आनंद ने अपनी भारतीय विरासत को हमेशा गौरव के साथ स्वीकार किया है, और इस बार भी मंत्रिपद की शपथ लेते समय उन्होंने भारतीय संस्कृति को सम्मानित किया। उन्होंने शपथ लेने के दौरान हाथ में भगवद गीता रखी और अपनी कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता जताई। शपथ ग्रहण के बाद अनीता ने कहा, “मुझे कनाडा के विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया जाना एक बड़ा सम्मान है। मैं कनाडा के लोगों के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष दुनिया बनाने और उन्हें बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और हमारी पूरी टीम के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हूं।”

भारत के विदेश मंत्री की बधाई

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अनीता आनंद को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त होने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से बधाई दी। जयशंकर ने लिखा, “कनाडा के विदेश मंत्री के रूप में आपकी नियुक्ति पर बधाई। यह आपके और कनाडा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।”

कनाडा में लिबरल पार्टी की सरकार

कनाडा में लिबरल पार्टी की चौथी बार सरकार बनी है, जिसके तहत प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में हाल ही में हुए आम चुनाव में लिबरल पार्टी ने 343 सीटों में से 169 सीटें जीतीं। हालांकि पार्टी को बहुमत नहीं मिला, क्योंकि बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्यकता थी, लेकिन इसके बावजूद लिबरल पार्टी ने सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की है। इस सरकार के तहत अनीता आनंद को विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है, जो उनके करियर की एक और बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

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Pakistan announced compensation scheme: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने घोष...

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Pakistan announced compensation scheme: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया गया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, और भारत ने आतंकवादियों के खिलाफ एक निर्णायक कदम उठाया। इस हमले का जवाब पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने एक मुआवजा योजना की घोषणा करके दिया है। पाकिस्तान सरकार ने भारतीय हमलों में मारे गए नागरिकों और सैन्यकर्मियों के परिजनों को 1 करोड़ रुपए (10 मिलियन PKR) तक का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

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पाकिस्तान सरकार की मुआवजा योजना की जानकारी- Pakistan announced compensation scheme

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय हमलों में मारे गए नागरिकों और सुरक्षाबलों के लिए एक व्यापक मुआवजा योजना की घोषणा की है। इसके तहत, मारे गए नागरिकों के परिवारों को 1 करोड़ (10 मिलियन PKR) का मुआवजा दिया जाएगा। घायल नागरिकों को 10 से 20 लाख रुपये के बीच मुआवजा मिलेगा। वहीं, भारतीय हमलों में मारे गए सैनिकों के परिजनों को उनके रैंक के आधार पर 1 करोड़ से 1.8 करोड़ रुपये (10-18 मिलियन PKR) के बीच मुआवजा मिलेगा।

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मसूद अजहर के परिवार को मिल सकता है 14 करोड़ का मुआवजा

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के 14 रिश्तेदार इस हमले में मारे गए हैं, जिनमें उनकी बड़ी बहन, जीजा, भतीजा-भाभी, एक भांजी और कई बच्चे शामिल हैं। चूंकि मसूद अजहर इन रिश्तेदारों का वैध उत्तराधिकारी माना जाता है, ऐसे में संभावना है कि पाकिस्तान सरकार की ओर से उसे मुआवजे के रूप में 14 करोड़ रुपये मिल सकते हैं।

भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया

भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय सहित कई आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह से तबाह हो गई। भारतीय अधिकारियों के अनुसार, यह हमले सटीक थे और इनका उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जो पाकिस्तान और पीओके के विभिन्न क्षेत्रों में छिपे हुए थे।

सैन्यकर्मियों और उनके परिवारों के लिए भी मुआवजा

पाकिस्तानी सरकार ने यह भी घोषणा की है कि भारतीय हमलों में मारे गए सैन्यकर्मियों के परिजनों को उनके रैंक के आधार पर मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा, सैन्यकर्मियों के बच्चों को ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। मृत सैन्यकर्मियों की एक बेटी को शादी के लिए 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। घायल सैन्यकर्मियों को 20 से 50 लाख रुपये के बीच मुआवजा मिलेगा। पाकिस्तान सरकार ने यह भी वादा किया है कि भारतीय हमलों में क्षतिग्रस्त हुए घरों और मस्जिदों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।

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घायलों के इलाज का खर्च उठाएगी पाकिस्तान सरकार

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि शहीदों के बच्चों की देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी है, और उनकी सरकार इस दायित्व को पूरी तरह से निभाएगी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय हमलों में घायल हुए लोगों का इलाज सरकार द्वारा कराया जाएगा और इसका पूरा खर्च उठाया जाएगा। शहबाज शरीफ ने यह भी वादा किया कि पाकिस्तान की रक्षा और सम्मान में योगदान देने वाले किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा और उन्हें पुरस्कार से नवाजा जाएगा।

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