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India at UNGA: टूटे रनवे और जले हैंगर को जीत बता रहे हैं शहबाज, UN में भारत ने कर दी ...

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India at UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक बार फिर पाकिस्तान ने अपने पुराने राग को दोहराते हुए भारत पर झूठे आरोप लगाए। लेकिन इस बार भारत ने भी पूरी तैयारी के साथ पलटवार किया। भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की नीयत, झूठ और आतंकवाद को लेकर उसकी दोहरी चाल को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया।

और पढ़ें: India at UNHRC: पाकिस्तान ने खुद पर ही गिराए बम, भारत ने UN में खोली पोल

आतंकवाद का ‘महिमामंडन’ ही पाकिस्तान की विदेश नीति- India at UNGA

पेटल गहलोत ने अपने बयान की शुरुआत में ही कहा कि सुबह इस महासभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भाषण सुना, जिसमें उन्होंने आतंकवाद का परोक्ष समर्थन किया और उसे एक तरह से महिमामंडित किया। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति की जड़ में ही आतंकवाद शामिल है।

उन्होंने याद दिलाया कि 25 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक ऐसे आतंकी संगठन ‘रेसिस्टेंस फ्रंट’ का बचाव किया था, जो जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार था।

ओसामा को छिपाने वाला देश शांति की बात कैसे कर सकता है?

गहलोत ने पाकिस्तान की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यही वो देश है जिसने ओसामा बिन लादेन को सालों तक अपने यहां पनाह दी, और फिर भी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जंग का दिखावा करता रहा। खुद उनके ही कई मंत्रियों ने यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने दशकों से आतंकी शिविर चलाए हैं।

एयरबेस की तबाही को जीत बता रहा पाकिस्तान!

भारत की राजनयिक ने पाकिस्तान द्वारा की जा रही झूठी ‘जीत’ के दावों की भी पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिस ‘जीत’ की बात कर रहा है, वह असल में भारतीय वायुसेना द्वारा तबाह किए गए पाकिस्तानी एयरबेस, जले हुए हैंगर, और टूटे रनवे हैं, जिनकी तस्वीरें सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान इसे जीत मानता है, तो बेशक वो इस भ्रम में खुश रह सकता है।”

आतंक के खिलाफ जवाबी कदम उठाना हमारा हक

गहलोत ने जोर देकर कहा कि भारत अपने निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा और आतंकवादियों व उनके समर्थकों में कोई फर्क नहीं करेगा। भारत दोनों को समान रूप से जिम्मेदार ठहराएगा और जवाब देगा।

तीसरे पक्ष की कोई जगह नहीं

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जितने भी मुद्दे हैं, वे केवल द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से ही सुलझाए जाएंगे। इसमें किसी तीसरे देश, संस्था या मंच की कोई भूमिका नहीं होगी।

शांति चाहिए तो पहले आतंकी ढांचे को खत्म करो

पेटल गहलोत ने पाकिस्तान के “भारत से शांति की इच्छा” वाले बयान पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सच में गंभीर हैं, तो रास्ता बहुत साफ है वो अपने देश में मौजूद सभी आतंकी ठिकाने बंद करें, भारत में वांछित आतंकियों को सौंपें, और आतंक को हर तरह की मदद देना बंद करें।”

धार्मिक उपदेश नहीं, पहले खुद को देखें

गहलोत ने कहा कि यह बेहद विडंबना की बात है कि पाकिस्तान, जो खुद नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता की नीतियों पर चलता है, वो दुनिया को धार्मिक सहिष्णुता का उपदेश देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जाहिर है, उन्हें आइने में देखने की बहुत देर हो चुकी है।”

भारत ने दी चेतावनी – ‘परमाणु ब्लैकमेल’ बर्दाश्त नहीं होगा

अंत में, भारत ने यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद को परमाणु धमकियों की आड़ में आगे नहीं बढ़ा सकता। भारत हर स्तर पर आतंक और उसके समर्थकों का मुकाबला करता रहेगा।

और पढ़ें: क्या Donald Trump ‘नार्सिसिस्ट’ हैं? मनोवैज्ञानिकों की नजर में कैसे है अमेरिकी राष्ट्रपति का व्यवहार?

गरबे में मेकअप बह न जाए, इसके लिए इन 5 आसान और असरदार मेकअप टिप्स

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Garba Night makeup tips: नवरात्रि का त्योहार आ गया है और गरबा और डांडिया का उत्साह हर तरफ है। रंग-बिरंगे कपड़ों और खूबसूरत गहनों के साथ, हर कोई चाहता है कि उसका मेकअप पूरी रात टिका रहे। हालाँकि, गरबा के उत्साह और पसीने के कारण अक्सर मेकअप बह जाता है। लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि हम आपको इस लेख में कुछ स्वेटप्रूफ़ मेकअप टिप्स के बारे में विस्तार से बताते हैं।

गरबा के लिए स्वेटप्रूफ़ मेकअप टिप्स

सबसे पहले अपनी त्वचा को अच्छी तरह से तैयार करें उसके बाद मेकअप लगाने से पहले, अपने चेहरे को अच्छी तरह से साफ़ करें और हल्का, तेल-मुक्त या जेल-आधारित मॉइस्चराइज़र लगाएँ।

मैटीफ़ाइंग प्राइमर ज़रूर लगाएँ, खासकर टी-ज़ोन (माथे, नाक और ठुड्डी) पर। यह तेल को नियंत्रित करता है और मेकअप को लंबे समय तक टिकाए रखने में मदद करता है।

वही रोमछिद्रों को कसने और तेल को कम करने के लिए, मेकअप लगाने से पहले अपने चेहरे पर बर्फ के टुकड़े से हल्के हाथों से मालिश करें।

अपने बेस को हल्का और मैट रखें

गरबा के लिए हैवी, फुल-कवरेज फ़ाउंडेशन लगाने से बचें। इसके बजाय, बीबी क्रीम या हल्के मैट फ़ाउंडेशन का इस्तेमाल करें।

अपने बेस को सेट करने के लिए, खासकर तैलीय क्षेत्रों (टी-ज़ोन) पर, लूज़ या ट्रांसलूसेंट पाउडर लगाएँ। यह चमक को नियंत्रित करता है और मेकअप को लंबे समय तक टिकाए रखने में मदद करता है।

वाटरप्रूफ़/स्मज-प्रूफ़ उत्पाद चुनें

पसीने और घंटों नाचने के बावजूद अपने आई मेकअप को बरकरार रखने के लिए, वाटरप्रूफ़ आईलाइनर, काजल और मस्कारा का इस्तेमाल करें।

होंठों के लिए, लिक्विड मैट लिपस्टिक चुनें, क्योंकि ये क्रीम या ग्लॉसी लिपस्टिक की तुलना में ज़्यादा देर तक टिकती हैं और ट्रांसफ़र-प्रूफ़ होती हैं।

पाउडर और क्रीम की लेयरिंग

ब्लश और कॉन्टूर को ज़्यादा देर तक टिकाए रखने के लिए लेयरिंग का इस्तेमाल करें।

पहले क्रीम-बेस्ड ब्लश या कॉन्टूर लगाएँ, और फिर उसके ऊपर उसी शेड का पाउडर लगाएँ। इससे यह सुनिश्चित होता है कि अगर पसीने की वजह से एक परत धुंधली भी हो जाए, तो दूसरी परत अपनी जगह पर बनी रहेगी।

सेटिंग स्प्रे बहुत ज़रूरी

आपको बता दें, सेटिंग स्प्रे बहुत ज़रूरी है, अपना मेकअप पूरा करने के बाद, अपने लुक को लॉक करने के लिए मैट सेटिंग स्प्रे का इस्तेमाल ज़रूर करें। यह मेकअप को सील कर देता है और उसे धुंधले या बहने से रोकता है, जिससे वह पूरी रात ताज़ा रहता है।

Bihar Assembly Elections: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बिहार ...

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Gau Rakshak will contest Bihar assembly elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच बड़ी उठापटक देखने को मिल रही है। एक तरफ विपक्षी पार्टियां दलितों के मुद्दे को आगे करके अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है तो वहीं सत्ता पक्ष नए नए लुभावने स्कीम्स ला रही है। मतलब उन्हें अपनी जीत से है। उसके लिए छींटाकसी, आरोप प्रत्यारोप तो बेहद आम है, लेकिन इस बीच चुनाव से ठीक पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने एक बड़ा ऐलान करके सबको चौंका दिया है। उन्होने खुले तौर पर राजनीतिक पार्टियों को चुनौती दी है कि वो बिहार की सभी 243 विधानसभा सीट से अपना निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करेंगे.. लेकिन सवाल ये है कि आखिर चुनावो से कुछ दिनों पहले अचानक इतना बड़ा ऐलान क्यो किया गया। जानेंगे क्या है असली मामला।

क्या है असली मामला

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज(Jagadguru Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati Ji Maharaj) ने ऐलान किया है कि वो आगामी विधानसभा चुनावो में अपने 243 सीटो पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे, और वो सभी उम्मीदवार गौ रक्षक होंगे। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब जरूरी है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए और गौ माता की रक्षा औऱ सम्मान के लिए राजनीति में भी गौ रक्षक, गौ भक्त खुल कर सामने आये और दुनिया के सामने अपनी ताक़त दिखाएं। जिसकी शुरुआत बिहार से ही की जायेगी। उन्होंने रविवार को गौ रक्षा के लिए गौ मतदाता संकल्प यात्रा निकाल कर इस आंदोलन की शुरुआत भी कर दी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब गौ रक्षा की जायेगी। गौ हमारी संस्कृति और समाज का आधार है, आज गाय केवल आस्था का विषय नहीं है।

और पढ़ेः आज तेरे नाम का ज़हर खाऊंगी’, सांसद चंद्रशेखर के खिलाफ डॉ. रोहिणी की पोस्ट से गरमाई सियासत. 

कई राजनैतिक पार्टियों से मिल चुके है

गौ रक्षा के मुद्दे को लेकर शंकराचार्य जी ने बताया कि वो दिल्ली तक गए और कई राजनौतिक पार्टियों के मिले थे। लेकिन उनसे मिलकर उन्हे समझ आया कि गौ रक्षा की बात तो की जाती है लेकिन वो केवल चुनावी जुमले मात्र है, किसी की राय गौ रक्षा के नाम पर स्पष्ट नहीं है। इसलिए हमें ये समझ आ गया कि गौ रक्षा के लिए, सनातन धर्म की रक्षा के लिए खुद ही आगे आना पड़ेगा।

गौ को राष्ट्र माता करों घोषित

शंकराचार्य जी ने आगे कहा कि वो गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए एक लड़ाई लड़ रहे है। गाय की रक्षा तभी संभंव है जब उन्हें राष्ट्र की माता घोषित किया जायेगा। शंकराचार्य ने आगे कहा कि बिहार चुनावों में वो राज्य की जनता से अपील करेंगे कि जनता केवल उन्हें ही वोट दें जो गौ रक्षा का वचन दें और गौ को राष्ट्र माता घोषित करने के विचार पर सहमत हो। जो प्रतिभागी गौ रक्षा के लिए प्रतिबद्ध नजर आते है। मधुबनी के रांटी चौक स्थित एक होटल के सभागार में उन्होंने अपने भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई किसी एक व्यक्ति से या किसी भी एक पार्टी से नहीं है, बल्कि उस सोच से है, उस व्यवस्था से है, जो सनातन धर्म के लिए खतरा बनती जा रही है। हमारी संस्कृति को उपेक्षित समझती है। सरकार में जितने ज्यादा गौ रक्षक होंगे, देश में सनातन धर्म उतना ही फलेगा-फूलेगा।

शंकराचार्य जी की इस नीति से बिहार की कितनी प्रतिशत जनता प्रभावित होती है, ये तो आने वाला वक्त बतायेंगा। लेकिन शंकराचार्य जी के इस ऐलान से बिहार की राजनीतिक पार्टियों में जरूर बड़ी हलचल मच गई है।

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Lucknow viral news: प्रधानाचार्य ने बीएसए को बेल्ट से पीटा, महिला शिक्षा से नजदीरी बन...

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Principal attack on BSA by belt: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक शख्स दूसरे शख्स को बेल्ट से पीटते नजर आ रहे है। हालांकि सोशल मीडिया पर बेहद आम है इस वीडियो के वायरल होने के पीछे की वजह है बेल्ट से पिटने वाले शख्स।

दरअसल वीडियो में पिटने वाले शख्स का नाम अखिलेश प्रताप सिंह है और वो पेशे से बेसिक शिक्षा अधिकारी(BSA)है। और जो उन्हें बेल्ट से पीट रहे हैं वो उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य(Principal) बृजेंद्र वर्मा है। प्रधानाचार्य ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को जान से मारने की धमकी भी दी थी। विदाई के सामने आने के बाद प्रथम दृष्टया में तो ऐसा लगता है कि प्रधानाचार्य बीएसए पर अपने पद का इस्तेमाल करके उन्हें टॉर्चर कर रहे है, शहर कोतवाली पुलिस ने विदाई के आधार पर प्रिंसीपल को गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन जब सच्चाई सामने आई सबके आंखे फटी की फटी रह गई।

क्या है इस मामले की सच्चाई

दरअसल गिरफ्तारी के बाद जब प्रधानाचार्य से पूछताछ शुरु हुई तो बेहद ही हैरान करने वाला सच सामने निकल कर आया। प्रधानाचार्य ने बताया कि बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह अक्सर उन्हें फोन करके परेशान करता था, वो   उनके स्कूल के कामों में दखल अंदाजी करता था, और ये सब केवल स्कूल की एक शिक्षिका अवंतिका गुप्ता( Avantika gupta) को बचाने के लिए किया जा रहा था। अवंतिका गुप्ता और बीएसए काफी करीबी है, जिसका फायदा उठाकर अवंतिका अक्सर स्कूल से गायब रहती थी, इस बात की पुष्टि खुद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने भी की है।

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कैसे आया महिला शिक्षिका का एंगल

दरअसल इस वायरल वीडियो के बाद एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है..हालांकि हम इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करते है, लेकिन ऑडियो में आप प्रधानाचार्य बृजेद्र वर्मा और बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह के बीच की बातचीत सुनी जा सकती है जो कि महिला शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को लेकर थी। बृजेश वर्मा लगातार कह रहे है कि अवतिंका गुप्ता स्कूल नहीं आती है, गांव वाले उनके बारे पूछते है, वो रोज प्रधान के घर से होकर जाती है, लेकिन स्कूल नहीं आती है। इस पर अधिकारी ने कहा कि वो केवल अवंतिका गुप्ता की अनुपस्थिति में भी उनकी हाजिरी लगाये। प्रींसीपल के लाख कहने पर भी जब अधिकारी नहीं मानते मजबूरी में वो हाजिरी लगा रहे थे, लेकिन पिछले कुछ समय से दोनो के बीच तनाव ज्यादा बढ़ गया जिसे देखते हुए बीएसए ने प्रींसीपल को अपने ऑफिस बुलाया था। जहां पहले तो दोनों के बीच मामूली बातचीत हो रही थी, तभी जब अवंतिका गुप्ता के बारे में बात हुई तो बीएसए अधिकारी भड़क गए और बृजेश वर्मा को नौकरी से निकालने की धमकी तक दे डाली, जिससे गुस्साए बृजेश गुप्ता ने अपनी बेल्ट निकाल कर बीएसए को अच्छा खासा पीटा।

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महिला शिक्षक का पत्ता कटा

प्रधानाध्यापक के इस खुलासे के बाद एक तरफ पूरे डिपार्टमेंट में बीएसए की जगहसाई शुरु हो गई तो वहीं काफी लंबे समय से ड्यूटी के नाम पर छुट्टी मना रही महिला शिक्षिका की हमेशा के लिए छुट्टी करते हुए उसे खुद बीएसए ने ही सस्पेंड कर दिया गया है। तो वहीं ऑडियो के वायरल होने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने बीएसए को भी सस्पेंड कर दिया है।  फिलहाल इस मामसे की आगे की जांच जारी है, अगर बृजेश वर्मा के आरोपो में सच्चाई हुई तो वो दिन भी दूर नहीं जब बीएसए अधिकारी भी संस्पेंड होने के साथ साथ सलाखो के पीछे नजर आयेंगें।     

 

इस नवरात्रि बनाएं मखाना खीर और शकरकंदी हलवा, व्रत का मज़ा हो जाएगा दोगुना।

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Makhana kheer: अगर आप भी अलग-अलग रेसिपी बनाने के शौकीन हैं और इस नवरात्रि आप भी एक जैसा फास्ट फूड खाकर थक गए हैं तो आप मखाना खीर (Makhana Kheer) और शकरकंद (Sweet Potato) की खीर बना सकते हैं, ये कुछ ही समय में तैयार हो जाती हैं। तो चलिए आपको इस लेख में मखाना खीर और शकरकंद का हलवा बनाने की विधि के बारे में विस्तार से बताते हैं।

मखाना खीर बनाने की ingredients

  • मखाना – 2 कप
  • दूध (फुल क्रीम या अपनी पसंद का) – 2 कप
  • चीनी (या गुड़ पाउडर/शहद) – 1/4 कप (स्वादानुसार)
  • इलायची पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच
  • घी – 1 बड़ा चम्मच
  • कटे हुए मेवे (बादाम, पिस्ता) – 1 बड़ा चम्मच
  • किशमिश – 1 छोटा चम्मच
  • केसर के धागे

मखाना खीर बनाने की रेस्पी

सबसे पहले एक कड़ाही में घी गरम करें। उसमे मखाने डालें और मध्यम-धीमी आँच पर हल्का सुनहरा और कुरकुरा होने तक भूनें। फिर भुने हुए मखानों को ठंडा होने दें और उन्हें मिक्सर में डालकर दरदरा पीस लें।

इसके बाद एक गहरे बर्तन में दूध उबालें। दूध में उबाल आने पर, पिसे हुए मखाने डालें और आँच धीमी कर दें और खीर को गाढ़ा होने तक पकाएँ। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि वह तले में न चिपके और जले नहीं। वही खीर के गाढ़ा होने पर, चीनी (या गुड़/शहद), इलायची पाउडर और मेवे डालें 2-3 मिनट और पकाएँ। और बाद में किशमिश और केसर के रेशों से सजाएँ और गरमागरम या ठंडा परोसें।

शकरकंद का हलवा

  • उबले हुए शकरकंद (मध्यम आकार के) – 2
  • घी – 4 से 6 बड़े चम्मच
  • गुड़ पाउडर (या चीनी/शहद) – 60 ग्राम (स्वादानुसार)
  • इलायची पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच
  • कटे हुए सूखे मेवे (काजू, बादाम) और किशमिश – 2 से 3 बड़े चम्मच

शकरकंद का हलवा विधि

सबसे पहले बिना धागे वाली शकरकंद को उबालें (या भाप में पकाएँ)। ठंडा होने पर, इन्हें छीलकर मसल लें या कद्दूकस कर लें। इसके बाद एक भारी तले वाले पैन में घी गरम करें और मसले हुए शकरकंद पैन में डालें और मध्यम आँच पर 5-7 मिनट तक या हलवे के पैन के किनारों से अलग होने तक भूनें।

इसके बाद मीठा करने के लिए गुड़ पाउडर (या चीनी/शहद) डालें और मिठास घुलने तक अच्छी तरह मिलाएँ। शकरकंद स्वाभाविक रूप से मीठे होते हैं, इसलिए अपनी पसंद के अनुसार मिठास कम-ज़्यादा करें। इसके अलवा आप उसमें सूखे मेवे और स्वाद के इलायची पाउडर, किशमिश डालें और 1-2 मिनट तक पकाएँ। शकरकंद के हलवे को गरमागरम परोसें। इसे कटे हुए मेवों या भुने हुए मखानों से सजाएँ।

आपको बता दें, इन दो व्यंजनों को बनाकर, आप अपने नवरात्रि व्रत को स्वादिष्ट और ताज़ा बना सकते हैं! ये आसानी से आर कम समय में बनकर तैयार हो जाती है।

इम्युनिटी बूस्ट करें नैचुरल तरीके से, इन 5 सब्जियों को बनाएं अपनी थाली का हिस्सा

Immunity boosting Vegetable: अगर आपको भी आपकी बॉडी अक्सर कमजोर फील होती है। तो फिर आप अपनी डाइट में कुछ खास सब्ज़ियों को शामिल करके कई बीमारियों से बच सकते हैं। ये सब्ज़ियाँ पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) से भरपूर होती हैं, जो आपकी इम्यूनिटी (Immunity) को मज़बूत बनाती हैं और शरीर को स्वस्थ रखती हैं। तो चलिए आपको इस लेख में उन सब्जियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में पालक, केल, और पत्ता गोभी (Spinach, kale, and cabbage) शामिल हैं। इनमें विटामिन A, C, K, फोलेट, और आयरन (Iron) जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सब्ज़ियां शरीर में सूजन को कम करती हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं।

इम्यूनिटी के लिए लहसुन और प्याज

लहसुन और प्याज में एलिसिन नामक एक पदार्थ होता है। यह पदार्थ संक्रमण से लड़ता है, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसे अपने आहार में शामिल करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ब्रोकली

दूसरी ओर, ब्रोकली (Broccoli) में विटामिन सी (Vitamin C), के और अन्य एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) होते हैं। यह कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियों के खिलाफ बहुत प्रभावी है। आप इसे पकाकर या सब्जी के रूप में खा सकते हैं।

शकरकंद – शकरकंद (Sweet Potato) बीटा-कैरोटीन (Beta carotene) का एक बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। यह आँखों के लिए बहुत फायदेमंद है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। शकरकंद में मौजूद फाइबर (Fiber) पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है।

आँखों की रोशनी के लिए गाजर जरुरी 

गाजर – गाजर (Carrot) बीटा-कैरोटीन से भी भरपूर होता है, जो आँखों की रोशनी के लिए ज़रूरी है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को स्वस्थ रखते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। इसका सेवन आप कई तरह से कर सकते है आप इसे सलाद की तरह भी खा सकते या फिर आप गाजर का जूस भी पी सकते है।

आपको बता दें, इन सब्ज़ियों को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। जो आपके शारीर के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।

Chandra Shekhar Aazad Controversy: ‘आज तेरे नाम का ज़हर खाऊंगी’, सांसद चंद्रशेखर के ख...

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Chandra Shekhar Aazad Controversy: उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह राजनीतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत आरोप हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली और फिलहाल स्विट्ज़रलैंड में रिसर्च कर रहीं डॉ. रोहिणी घावरी ने चंद्रशेखर पर गंभीर निजी आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर खुदकुशी करने की धमकी दी है।

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बुधवार को एक्स (पहले ट्विटर) पर किए गए उनके कई पोस्ट्स ने देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों को हिला दिया। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “आप सबको मेरा अंतिम अलविदा, आज ही तेरे नाम का ज़हर खाऊंगी।” इसके साथ ही उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी टैग करते हुए लिखा कि उनकी बात किसी ने नहीं सुनी।

भावुक पोस्ट्स में छलका दर्दChandra Shekhar Aazad Controversy

डॉ. रोहिणी ने एक के बाद एक कई भावुक और आक्रोशित पोस्ट्स किए। उन्होंने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने उनका जीवन बर्बाद कर दिया और अब वही सोशल मीडिया पर खुशियां मना रहे हैं। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह फोटो पहले क्यों नहीं डाले? मेरा जीवन बर्बाद कर के अब आनंद ले रहा है। आज ही तेरे नाम का ज़हर खाऊंगी, तूने मुझे खत्म कर दिया।”

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने अपनी तीन साल की रिलेशनशिप की पीड़ा बयां करते हुए कहा, “रात 3 बजे तक रो-रोकर मुझे इस रिश्ते में बांधे रखता था। जब मैं कहती कि ये रिश्ता सही नहीं है, तो जान देने की धमकी देता था। अगर उस दिन मर गया होता, तो अच्छा होता।”

पहले भी लगाए थे गंभीर आरोप

रोहिणी पहले भी चंद्रशेखर पर कई गंभीर आरोप लगा चुकी हैं। उन्होंने दावा किया कि चंद्रशेखर ने उनसे शादी का वादा किया, भावनात्मक और मानसिक शोषण किया और जब वो इस रिश्ते से बाहर निकलना चाहती थीं, तो निजी तस्वीरों और वीडियो को लीक करने की धमकी दी गई।

इतना ही नहीं, रोहिणी ने यह भी आरोप लगाया कि चंद्रशेखर ने उन्हें यह कहकर धोखा दिया कि वह अविवाहित हैं, जबकि बाद में सच्चाई कुछ और निकली। उनके मुताबिक, राजनीतिक रैलियों और अभियानों में भी उनका इस्तेमाल किया गया।

कौन हैं डॉ. रोहिणी घावरी?

डॉ. रोहिणी घावरी वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखती हैं और इस वक्त स्विट्ज़रलैंड में पीएचडी कर रही हैं। साल 2019 में उन्हें मध्यप्रदेश सरकार से एक करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और जय श्री राम के उद्घोष को लेकर काफी चर्चाओं में रही थीं।

वो “जनपावर फाउंडेशन” नाम की संस्था चला रही हैं, जो दलित समाज के हक के लिए काम करती है। साल 2020 में उनकी मुलाकात चंद्रशेखर आज़ाद से हुई और फिर दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं।

महिला आयोग और पुलिस को दी शिकायत

बता दें, रोहिणी ने अपनी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग को दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 2021 से उनका और चंद्रशेखर का रिश्ता था। लेकिन 2024 में चंद्रशेखर के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनका रवैया पूरी तरह बदल गया।

उनका कहना है कि चंद्रशेखर ने उन्हें “कॉन्ट्रैक्ट मैरिज” का झांसा दिया और जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें भावनात्मक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। डॉ. रोहिणी ने यह भी कहा कि इस रिश्ते की वजह से वो डिप्रेशन में चली गई थीं और दो बार आत्महत्या करने की कोशिश भी कर चुकी हैं।

उन्होंने दिल्ली पुलिस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महिला आयोग को पत्र भेजकर न्याय की मांग की है।

विवाद को मिला राजनीतिक रंग

अब इस पूरे मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। डॉ. रोहिणी ने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा चंद्रशेखर को बचाने की कोशिश कर रही है। इससे मामला और भी अधिक संवेदनशील हो गया है। सोशल मीडिया पर भी लोग दो धड़ों में बंट गए हैं कुछ लोग डॉ. रोहिणी के समर्थन में खड़े हैं तो कुछ इसे निजी मामला बताकर चुप्पी साधे हुए हैं।

चंद्रशेखर की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं

इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक चंद्रशेखर आज़ाद की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन सोशल मीडिया पर मामला तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है।

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Raipur Jageshwar Awadhiya: 100 रुपए की रिश्वत का इल्ज़ाम… 39 साल तक लड़ा इंसाफ ...

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Raipur Jageshwar Awadhiya: रायपुर के 83 साल के जागेश्वर प्रसाद अवधिया को आखिरकार वो इंसाफ मिल गया, जिसका उन्होंने तकरीबन चार दशक तक इंतजार किया। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उन्हें 100 रुपये की रिश्वत के एक झूठे केस से बरी कर दिया है। लेकिन सवाल ये है कि अब इस फैसले का क्या मतलब है, जब एक ज़िंदगी पूरी तरह से टूट चुकी है?

जागेश्वर अवधिया कभी मध्यप्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MPSRTC) में बिल सहायक के पद पर कार्यरत थे। लेकिन साल 1986 में लगे एक बेबुनियाद आरोप ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। कोर्ट-कचहरी, सस्पेंशन, ट्रांसफर, आधी तनख्वाह, बच्चों की पढ़ाई अधूरी, पत्नी का दुख में निधन और खुद चौकीदारी तक करने की नौबत… ये सब उन्होंने सिर्फ इसलिए झेला, क्योंकि उन्होंने रिश्वत नहीं ली थी।

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कैसे शुरू हुआ सबकुछ? Raipur Jageshwar Awadhiya

साल 1986 में, रायपुर डिपो में जागेश्वर प्रसाद अपनी ड्यूटी पर तैनात थे। एक कर्मचारी अशोक कुमार वर्मा ने अपने बिल पास करवाने का दबाव बनाया, लेकिन जागेश्वर ने नियम के तहत कहा कि जब तक उच्च अधिकारियों से ऑर्डर नहीं मिलेगा, बिल पास नहीं कर सकता।

अगले ही दिन वर्मा 20 रुपए लेकर आया, जिसे जागेश्वर ने फटकार के साथ लौटा दिया। लेकिन वर्मा पीछे नहीं हटा। 24 अक्टूबर की सुबह जब जागेश्वर घर से ऑफिस निकल रहे थे, तो पास की किराने की दुकान पर वही कर्मचारी फिर आ धमका और जबरन ₹100 (दो 50 के नोट) उनकी जेब में डाल दिए।

जागेश्वर ने जेब से पैसे निकालने की कोशिश ही की थी कि लोकायुक्त की विजिलेंस टीम वहां पहुंच गई। वहां मौजूद भीड़ ने मान लिया कि जागेश्वर रिश्वत लेते पकड़े गए हैं।

इज्जत गई, नौकरी डूबी, परिवार बिखर गया

उसी दिन से उनकी ज़िंदगी पलट गई। लोग फुसफुसाने लगे कि सरकारी बाबू पकड़ा गया है। उनसे हाथ धुलवाए गए, नोटों पर कैमिकल टेस्ट कर दिखाया गया और मीडिया में खबर बनी। बावजूद इसके, वे बार-बार कहते रहे कि वे निर्दोष हैं।

1988 में उन्हें नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया। छह साल तक नौकरी से बाहर रहे। फिर रीवा ट्रांसफर किया गया, लेकिन आधी तनख्वाह पर। प्रमोशन और इंक्रीमेंट बंद हो गए।

चार बच्चों की पढ़ाई बीच में छूट गई। घर चलाना मुश्किल हो गया। पत्नी मानसिक तनाव से बीमार पड़ गईं और समय से पहले इस दुनिया से चली गईं। जागेश्वर कहते हैं, “ढाई हजार रुपए की तनख्वाह में घर चलाना नामुमकिन था। बच्चों की फीस तक नहीं भर पाया।”

रिटायरमेंट के बाद भी राहत नहीं

नौकरी से रिटायर होने के बाद पेंशन भी अटक गई। आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें स्कूल में चौकीदारी करनी पड़ी। कई बार दूसरों के घरों में छोटे-मोटे काम भी किए।

कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाते-लगाते उम्र निकल गई। आज 83 साल की उम्र में वे ठीक से सीढ़ियाँ भी नहीं चढ़-उतर सकते। उनकी अलमारी में कपड़ों से ज्यादा केस की फाइलें और दस्तावेज़ भरे हुए हैं।

उनका बेटा नीरज बताता है, “हमारा बचपन कोर्ट के बाहर खड़े रहकर बीता है। हमनें अपने पापा को कभी चैन से बैठे नहीं देखा। जो इंसान कभी ईमानदारी के लिए जाना जाता था, वो एक झूठे आरोप से बदनाम हो गया।”

अब मिला इंसाफ, पर बहुत देर हो गई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जागेश्वर प्रसाद को दोषमुक्त कर दिया है। कोर्ट ने माना कि उन पर लगाया गया रिश्वत का केस झूठा था। लेकिन अब जब सब कुछ लुट चुका है, तो ये फैसला उनके लिए एक औपचारिकता भर है।

वे खुद कहते हैं, “इंसाफ में इतनी देर हो जाए, तो वो इंसाफ जैसा महसूस नहीं होता।” उनका सवाल भी जायज है अब ये फैसला उन्हें क्या लौटा पाएगा? पत्नी का प्यार, बच्चों का भविष्य, उनकी खोई इज्जत?

अब सिर्फ एक आखिरी उम्मीद

अब जागेश्वर चाहते हैं कि सरकार कम से कम उनकी पेंशन और बकाया राशि जल्द दिलाए, ताकि बचे हुए दिन थोड़े सम्मान से जी सकें। वे कहते हैं, “मेरे पास अब ताकत नहीं बची कि मैं फिर से कोर्ट के चक्कर काटूं। बस इतना चाहता हूं कि किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।”

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Swami Chaitanyananda Saraswati: दिल्ली के वसंत कुंज स्थित एक नामी आश्रम में चल रहे काले कारनामों का सच अब सबके सामने आ गया है। आश्रम में पढ़ाई कर रही 17 छात्राओं ने आश्रम संचालक स्वामी चैतन्यानंद पर यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों के सामने आते ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जबकि आरोपी स्वामी चैतन्यानंद फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश में कई राज्यों में छापेमारी कर रही है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।

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आश्रम की चुप्पी टूटे और सामने आई काली हकीकत- Swami Chaitanyananda Saraswati

यह मामला दिल्ली के वसंत कुंज के एक प्रतिष्ठित आश्रम का है, जहां मैनेजमेंट कोर्स की पढ़ाई करने वाली छात्राएं रह रही थीं। 17 छात्राओं ने पुलिस को बताया कि स्वामी चैतन्यानंद ने उनके साथ छेड़छाड़ की, उनका यौन शोषण किया और अश्लील मैसेज भेजे। वह लड़कियों को वॉट्सऐप पर अपने कमरे में बुलाता था और विदेश ले जाने का लालच देता था। इसके साथ ही अगर छात्राएं उसकी बात नहीं मानतीं, तो वह उनकी परीक्षा में नंबर काटने और फेल करने की धमकी देता था।

आश्रम में कैसे चल रही थी डर की दास्तान?

छात्राओं का कहना है कि आश्रम में तीन महिला वॉर्डन भी आरोपी के साथ मिली हुई थीं। ये महिलाएं छात्राओं को धमकाती थीं और उनकी चैट डिलीट करवाती थीं ताकि कोई सबूत न बच पाए। पुलिस ने इन तीनों वॉर्डन के बयान भी दर्ज कर लिए हैं। बताया गया है कि घटना के वक्त आरोपी स्वामी लंदन में था, लेकिन आश्रम का प्रबंधन उसकी गैरमौजूदगी में भी उसके बनाए नियमों से चलता था।

पुलिस की सख्त कार्रवाई, कई केस दर्ज

पुलिस ने स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ अब तक पांच मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें यौन उत्पीड़न के अलावा धोखाधड़ी और धमकाने के भी मामले शामिल हैं। स्वामी पर मठ के साथ धोखाधड़ी करने का भी आरोप है, जिसकी जांच चल रही है। पुलिस उसकी तलाश में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। आरोपी की आखिरी लोकेशन आगरा मिली है।

आश्रम संचालक की कार पर मिला फर्जी यूनाइटेड नेशंस नंबर

जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी ने अपनी महंगी वॉल्वो कार पर फर्जी यूएन नंबर प्लेट लगाई थी। कार पर लिखा हुआ नंबर “39 UN 1” था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। जब पुलिस ने इसे यूनाइटेड नेशंस से जांचा, तो पता चला कि ऐसा कोई नंबर जारी नहीं हुआ है। यह सब आरोपी की शह पर हो रहा था, जिससे वह अपनी शान में निखार ला रहा था।

छात्राओं ने अदालत में भी दिए बयान

आश्रम में पढ़ रही लगभग 35 छात्राओं में से 17 ने पुलिस को बयान दिया है। सभी ने धारा 164 CrPC के तहत अदालत में भी बयान दर्ज कराए हैं। पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि आश्रम के कुछ महिला स्टाफ ने भी आरोपी स्वामी का साथ दिया और छात्राओं को उसकी मांगें मानने के लिए दबाव डाला। इसके अलावा, आश्रम में चल रहे इस काले खेल के खुलासे के बाद प्रशासन ने स्वामी को पद से हटा दिया है।

आश्रम प्रशासन का बयान और छात्रों के लिए आश्वासन

दक्षिणामन्या श्री शारदा पीठम, शृंगेरी आश्रम ने इस मामले में स्पष्ट बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त था, जिसके कारण पीठ ने उससे सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं। पीठ ने कहा कि उसके आचरण ने संस्था की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। साथ ही आश्रम ने यह भी भरोसा दिया है कि छात्रों के हितों की पूरी सुरक्षा की जाएगी और उनकी पढ़ाई तथा अन्य कार्यक्रमों में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी।

मामला क्यों बना खास?

यह मामला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि आश्रम में पढ़ाई कर रही अधिकांश छात्राएं EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी की हैं। ये छात्राएं जीवन में बेहतर अवसर पाने के लिए यहां आई थीं, लेकिन उनके साथ हुई इस घटना ने उनके सपनों को झकझोर दिया है। 4 अगस्त 2025 को दर्ज शिकायत में बताया गया कि ये छात्राएं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (PGDM) कर रही थीं, जिनके साथ स्वामी ने ऐसी हरकतें कीं।

पुलिस की सक्रियता और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने आश्रम की सीसीटीवी फुटेज, हार्ड डिस्क सहित अन्य सबूत जब्त कर जांच के लिए भेज दिए हैं। दिल्ली के दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने कहा है कि इस मामले की जांच पूरी गंभीरता से की जा रही है। आरोपी की तलाश में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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Delhi-NCR New Expressway: दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट तक बनेगा नया एक्सप्रेसवे, ट्रैफिक ज...

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Delhi-NCR New Expressway: दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। केंद्र सरकार ने दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने वाले एक नए 30 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है। इस सड़क के बनने से जहां एक ओर दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट की दूरी कम होगी, वहीं दूसरी ओर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक का दबाव भी कम हो सकेगा।

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यमुना किनारे बनेगा नया एक्सप्रेसवे- Delhi-NCR New Expressway

यह नया एक्सप्रेसवे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर बनेगा और यमुना नदी के किनारे-किनारे चलता हुआ पुश्ता रोड को नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इस प्रस्ताव को सबसे पहले गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा ने सामने रखा था, जिसे अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का भी समर्थन मिल गया है।

नितिन गडकरी ने हाल ही में जेवर एयरपोर्ट साइट पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण के दौरान इस परियोजना को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के तहत करवाने की बात कही और भरोसा दिया कि फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

1.2 लाख करोड़ के विकास प्रोजेक्ट्स का हिस्सा

यह एक्सप्रेसवे सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार की एक बड़ी कड़ी है। गडकरी ने बताया कि इस क्षेत्र में 1.2 लाख करोड़ रुपये के विकास प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जिनमें से करीब 50% काम पूरा हो चुका है। आने वाले समय में सरकार और 40,000 से 50,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स पर निवेश करने को तैयार है।

मार्च 2025 में नोएडा अथॉरिटी ने इस रिवरसाइड एक्सप्रेसवे को इन-प्रिंसिपल मंजूरी दे दी थी, लेकिन इसे लागू करने की जिम्मेदारी यूपी एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) को सौंपी गई थी। हालांकि, नोएडा अथॉरिटी ने सुझाव दिया कि इसे NHAI को सौंपा जाए ताकि बेहतर क्रियान्वयन और फंडिंग सुनिश्चित हो सके। अब जब केंद्र सरकार की हरी झंडी मिल चुकी है, तो ये योजना अब आगे बढ़ने के लिए तैयार है।

ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

फिलहाल नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर हर दिन करीब 5 लाख वाहन चलते हैं। इनमें से 2 लाख वाहन सिर्फ दिल्ली के DND फ्लाईवे से आते हैं, जबकि अन्य वाहन चिल्ला बॉर्डर, कालिंदी कुंज और सेक्टर 15, 16, 18 और 37 से नोएडा में दाखिल होते हैं। ऐसे में जरा सी चूक से पूरा रूट जाम हो जाता है।

डॉ. महेश शर्मा ने बताया कि यह नया एक्सप्रेसवे एक बायपास की तरह काम करेगा, जिससे दिल्ली से आने वाले वाहन बिना नोएडा की भीड़ में फंसे सीधे जेवर एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा, “जेवर एयरपोर्ट की पूरी क्षमता का लाभ तभी मिलेगा, जब वहां तक सीधा और सुगम रास्ता तैयार होगा।”

पहले बनी सड़क का बुरा हाल

गौरतलब है कि 2014 में यमुना पुश्ता रोड का 11 किमी का हिस्सा खोला गया था, लेकिन सिर्फ एक साल में उसमें गड्ढे पड़ने लगे और सुरक्षा कारणों के चलते वह लगभग बंद हो गया। इस बार प्रशासन सतर्क है और NHAI की देखरेख में इस प्रोजेक्ट को बेहतर डिजाइन और टिकाऊ निर्माण के साथ पूरा किया जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट की टाइमलाइन

यह प्रोजेक्ट ऐसे समय में आया है जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) की शुरुआत अब दूर नहीं है। यूपी सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा है कि सितंबर 2025 में घरेलू और कार्गो उड़ानें, जबकि नवंबर 2025 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो जाएंगी।

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