Home Blog Page 49

BCCI Title Sponsor: टीम इंडिया को मिला नया जर्सी स्पॉन्सर, अपोलो टायर्स ने मारी बाजी ...

0

BCCI Title Sponsor: भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर अब एक नया नाम चमकने वाला है। लंबे समय से चल रहे कयासों और सस्पेंस को खत्म करते हुए अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) अब आधिकारिक रूप से टीम इंडिया का नया जर्सी स्पॉन्सर बन गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कुछ ही दिन पहले Dream11 के साथ स्पॉन्सरशिप डील को खत्म किया था, जिसके बाद से नए पार्टनर की तलाश शुरू हो गई थी।

और पढ़ें: Who is Mahieka Sharma: जैस्मिन वालिया से ब्रेकअप के बाद हार्दिक की लाइफ में आईं माहिका शर्मा? जानिए कौन हैं ये हसीना

Dream11 की जगह अब अपोलो टायर्स- BCCI Title Sponsor

Dream11 के साथ BCCI का करार लगभग 358 करोड़ रुपये का था, जो तीन साल के लिए था। लेकिन बदलते नियमों और सरकारी निर्देशों के चलते यह डील बीच में ही रोक दी गई। इसके बाद बीसीसीआई ने तुरंत नया टेंडर जारी किया और 16 सितंबर को हुई बोली प्रक्रिया में अपोलो टायर्स ने सबसे ज्यादा रकम की पेशकश कर बाजी मार ली।

हर मैच के बदले 4.5 करोड़ रुपये

अब सवाल ये उठता है कि अपोलो टायर्स इस करार में बीसीसीआई को कितनी रकम देगा? रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपोलो टायर्स हर मैच के लिए बीसीसीआई को 4.5 करोड़ रुपये देगा। यह रकम Dream11 की तुलना में ज्यादा है, जो प्रति मैच 4 करोड़ रुपये दे रहा था। यानी नए स्पॉन्सर के साथ BCCI को अब हर मैच में 50 लाख रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा।

यह नया करार 2027 तक के लिए है और इस अवधि में टीम इंडिया करीब 130 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलेगी। इस लिहाज से अपोलो टायर्स का ये स्पॉन्सरशिप डील करीब 585 करोड़ रुपये की हो सकती है।

अब आने वाले मैचों में टीम इंडिया की जर्सी पर अपोलो टायर्स का लोगो नजर आएगा, जो कंपनी के ब्रांड को भी एक नया ग्लोबल प्लेटफॉर्म देगा।

किन कंपनियों को टेंडर से रखा गया बाहर?

BCCI ने इस बार स्पॉन्सरशिप चयन में काफी सतर्कता बरती। टेंडर के लिए जो शर्तें (EOI) तय की गईं, उसके तहत गेमिंग, बेटिंग, क्रिप्टो, तंबाकू कंपनियों को बोली प्रक्रिया से बाहर रखा गया। इसके अलावा कुछ और सेक्टर्स की कंपनियों को भी भाग नहीं लेने दिया गया, जिनमें शामिल हैं:

  • खेल कपड़े बनाने वाली कंपनियां
  • बैंक और फाइनेंशियल कंपनियां
  • कोल्ड ड्रिंक ब्रांड
  • घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे पंखे, मिक्सर-ग्राइंडर
  • ताले और इंश्योरेंस कंपनियां

इसका उद्देश्य था कि केवल उन ब्रांड्स को मौका मिले, जो खेल और समाज की छवि को बेहतर बना सकें।

पहले कौन-कौन बने टीम इंडिया के जर्सी स्पॉन्सर?

अपोलो टायर्स से पहले कई बड़ी कंपनियां टीम इंडिया की जर्सी पर अपना नाम दर्ज कर चुकी हैं। इनमें सहारा, स्टार इंडिया, ओप्पो, बायजू और ड्रीम11 प्रमुख हैं। इनमें सबसे लंबा साथ सहारा इंडिया ने निभाया था, जो 2001 से 2013 तक यानी पूरे 12 साल तक टीम इंडिया का जर्सी स्पॉन्सर रहा। इसके बाद Star India और फिर Oppo, Byju’s जैसे ब्रांड आए और अब Apollo Tyres ने यह जिम्मेदारी संभाली है।

क्या बदलेगा अपोलो टायर्स के लिए?

इस डील के बाद अपोलो टायर्स को जबरदस्त ब्रांड एक्सपोजर मिलने वाला है। भारतीय क्रिकेट टीम की लोकप्रियता और इंटरनेशनल मैचों में हाई-विजिबिलिटी के कारण यह डील कंपनी की ब्रांड वैल्यू और मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के लिए काफी फायदेमंद होगी।

और पढ़ें: Asia Cup 2025: खून से सनी ज़मीन पर क्रिकेट का शो? भारत-पाकिस्तान मैच बना देश का अपमान 

अखंड दीप से घर में आएगी सुख-समृद्धि, जानें इसे जलाने की सही दिशा

0

Shardiya Navratri 2025: कुछ दिनों बाद ही शारदीय नवरात्री शुरू होने वाले है। जो की इस बार पूरे 10 दिन के होंगे। वही कुछ लोग इन नो दिनों तक अखंड जोत जलाकर व्रत करते हैं। लेकिन क्या आप अखंड जोत को जलाने की सही दिशा के बारे में जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में अखंड जोत जलाने की सही दिशा के बारे में बताते हैं।

नवरात्रि के दौरान दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में एक अनोखा दीपक जलाना चाहिए, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि आती है। यह दीपक देवी माँ की मूर्ति के सामने रखा जाता है। घी का दीपक देवी माँ के दाईं ओर और तेल का दीपक बाईं ओर रखना चाहिए। दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि इससे घर में दुर्घटना या हानि होने का खतरा बढ़ सकता है।

वास्तु के अनुसार अखंड ज्योत जलाना 

नवरात्रि में अखंड ज्योत जलाना बहुत शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा में अखंड ज्योत रखने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। वही कहाँ जाता है कि वास्तु के अनुसार, अखंड ज्योत रखने के लिए सबसे शुभ दिशा दक्षिण-पूर्व दिशा मानी जाती है। इस दिशा में जलाई गई अखंड ज्योति घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाती है।

  • दीपक का मुख – अखंड ज्योत का मुख (लौ) हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
  • पूर्व दिशा – पूर्व दिशा की ओर ज्योत रखने से आयु बढ़ती है और घर में सुख-शांति आती है।
  • उत्तर दिशा – उत्तर दिशा की ओर ध्यान केंद्रित करने से धन की प्राप्ति होती है और अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।

अखंड ज्योति को जमीन पर न रखे 

यदि आप पूजा करते वक़्त घी का दीपक जला रहे हैं, तो उसे माता की मूर्ति के सामने दूसरी ओर रखें। वही यदि तेल के दीपक जला रहे हैं, तो उन्हें बाहर रखें। ध्यान देने वाली बात अखंड ज्योति को कभी भी सीधे ज़मीन पर नहीं रखना चाहिए। इसे चावल से भरी किसी भी थाली के ऊपर रखना चाहिए या फिर दीपक के नीचे एक सिक्का रख देना चाहिए।

आपको बता दें, अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहनी चाहिए। अगर किसी कारणवश यह बुझ जाए, तो देवी माँ से क्षमा याचना करके इसे पुनः जलाएँ। इसके अलवा आपको बता दें, दीपक की लौ कभी भी दक्षिण दिशा की ओर नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है। वही कुछ मान्यताओं के अनुसार, लकड़ियाँ पश्चिम दिशा में रखने से दुख बढ़ सकते हैं। हालाँकि, कुछ अन्य उपायों में इसे शुभ बताया गया है, जिससे सुख-समृद्धि आती है और सभी दुखों से मुक्ति मिलती है।

Navratri colours 2025: शारदीय नवरात्रि 2025: जानिए नौ दिनों के नौ रंग, कब कौन-सा रंग ...

0

Navratri colours 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, शक्ति और साधना का महापर्व है। हर साल की तरह इस बार भी शारदीय नवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी। इस साल 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर (सोमवार) से शुरू होकर 2 अक्टूबर (गुरुवार) को विजयादशमी के साथ संपन्न होगी।

इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और हर दिन एक विशेष रंग का महत्व होता है। लोग न केवल अपने पहनावे में इन रंगों को अपनाते हैं, बल्कि पूजा स्थलों की सजावट, घर की थीम और एक्सेसरीज़ में भी इन रंगों का खास ख्याल रखते हैं।

और पढ़ें: Shardiya Navratri 2025: 9 नहीं, इस बार 10 दिन चलेंगे नवरात्र! जानिए घटस्थापना का सही समय और तिथि

अगर आप भी इस नवरात्रि पर मां दुर्गा की आराधना में रंगों के साथ आस्था जोड़ना चाहते हैं, तो जानिए किस दिन कौन-सा रंग पहनना शुभ माना जाता है:

पहला दिन – 22 सितंबर (सोमवार) Navratri colours 2025

देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन नारंगी रंग पहनना शुभ होता है। यह रंग उत्साह, एनर्जी और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।

दूसरा दिन – 23 सितंबर (मंगलवार)

इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। सफेद रंग पहनना अच्छा माना गया है, जो शांति, पवित्रता और साधना का संकेत है।

तीसरा दिन – 24 सितंबर (बुधवार)

मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। इस दिन लाल रंग का महत्व है, जो शक्ति, साहस और आत्मविश्वास को दर्शाता है।

चौथा दिन – 25 सितंबर (गुरुवार)

इस दिन पूजा होती है मां कूष्मांडा की। रॉयल ब्लू रंग पहनने से सकारात्मक ऊर्जा और स्थिरता बनी रहती है।

पांचवां दिन – 26 सितंबर (शुक्रवार)

मां स्कंदमाता की पूजा के दिन पीला रंग पहनना शुभ होता है। यह रंग ज्ञान, समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है।

छठा दिन – 27 सितंबर (शनिवार)

इस दिन होती है मां कात्यायनी की आराधना। हरा रंग पहनने से ताजगी, विकास और नई शुरुआत का भाव जुड़ता है।

सातवां दिन – 28 सितंबर (रविवार)

मां कालरात्रि की पूजा होती है। ग्रे रंग पहनना इस दिन शुभ माना जाता है। यह रंग संयम और स्थिरता का प्रतीक है।

आठवां दिन – 29 सितंबर (सोमवार)

इस दिन देवी महागौरी की उपासना होती है। बैंगनी रंग को आध्यात्मिक ऊर्जा और रहस्य की शक्ति से जोड़ा जाता है।

नौवां दिन – 30 सितंबर (मंगलवार)

नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। मोर हरा रंग पहनना सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना गया है।

शॉपिंग प्लान अभी से बना लें!

नवरात्रि में रंगों का इतना खास महत्व है कि लोग इन रंगों की तैयारी पितृपक्ष के दौरान ही शुरू कर देते हैं। आप चाहें तो अपने कपड़ों के साथ-साथ घर की सजावट, पूजा के स्थान, पर्दे, मोमबत्तियां या रंगलाइट्स में भी इन रंगों को शामिल कर सकते हैं। इससे ना सिर्फ वातावरण भक्तिमय बनेगा बल्कि मां दुर्गा की कृपा भी बनी रहेगी।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं और समाज में प्रचलित विश्वासों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे किसी भी धार्मिक या ज्योतिषीय उपाय को अपनाने से पहले अपनी व्यक्तिगत समझ और विशेषज्ञ सलाह जरूर लें।

और पढ़ें: Pitru Paksha 2025: सपनों के संकेतों से जानें, क्या आपके पूर्वज आपसे हैं प्रसन्न?

Bihar Election: जदयू की 50 सीटों पर फोकस: पिछली हार से सबक लेकर बनाई खास रणनीति, हर ब...

0

Bihar Election: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज होती दिख रही है। 2025 विधानसभा चुनाव को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। खासकर पार्टी ने 50 ऐसी विधानसभा सीटों को चिन्हित किया है, जहां पिछली बार उसे या तो भीतरघात का सामना करना पड़ा था या फिर पुराने सहयोगियों की वजह से नुकसान झेलना पड़ा था।

इन सीटों पर जदयू अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। पार्टी की रणनीति साफ है संगठन को मजबूत करना, बूथ स्तर पर पकड़ बनाना और मतदाताओं से सीधा संवाद बढ़ाना।

और पढ़ें: Nitin Gadkari Slams NHAI Officers: गडकरी का सिस्टम पर तगड़ा वार: “ऑर्डर देने वालों की वजह से मुझे गालियां खानी पड़ती हैं”

भीतरघात और पुराने सहयोगियों से मिली सीख- Bihar Election

2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू को कई सीटों पर ऐसी हार मिली थी, जहां मामला सिर्फ विपक्ष से नहीं था, बल्कि भीतरघात और रणनीतिक साज़िशों ने भी बड़ी भूमिका निभाई थी। खासकर उस समय एलजेपी के चिराग पासवान और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा ने कई सीटों पर जदयू के कोर वोट बैंक में सेंधमारी की थी। इसका असर सीधे तौर पर पार्टी के प्रदर्शन पर पड़ा।

अब हालात बदल चुके हैं। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों अब एनडीए के हिस्से हैं और जदयू के सहयोगी बन चुके हैं। लेकिन पार्टी को अभी भी यह डर सता रहा है कि इन सीटों पर पुराने नेता बागी होकर चुनाव न बिगाड़ दें। इसलिए इन 50 सीटों पर पार्टी ने कमर कस ली है।

टास्क के साथ मैदान में उतरे संगठन के पदाधिकारी

हाल ही में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने एक अहम बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों को टारगेट सौंपा है। इन 50 सीटों को लेकर सभी स्तर पर समीक्षा की गई और वहां विशेष ध्यान देने का फैसला लिया गया है।

पार्टी ने हर बूथ पर कम से कम 10 वफादार कार्यकर्ताओं की टीम खड़ी करने का प्लान बनाया था। लेकिन पार्टी का दावा है कि ये आंकड़ा अब खुद-ब-खुद बढ़ चुका है और कई बूथों पर अपेक्षा से ज्यादा सक्रिय कार्यकर्ता तैयार हो चुके हैं।

हर प्रकोष्ठ को भी अपना अलग-अलग टास्क दिया गया है ताकि किसी भी स्तर पर चूक न हो और एनडीए को मजबूती से जिताया जा सके।

बूथ स्तर पर मैनेजमेंट में कोई कमी नहीं

प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने साफ किया है कि इन 50 सीटों पर बूथ लेवल मैनेजमेंट सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हर वोटर से व्यक्तिगत संपर्क किया जा रहा है और कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे मतदाताओं से सीधा संवाद स्थापित करें। इससे पार्टी को न केवल फीडबैक मिल रहा है, बल्कि जमीनी पकड़ भी मजबूत हो रही है।

“बीती बातों को भूलकर आगे बढ़ चुकी है पार्टी” – विजय चौधरी

पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी का मानना है कि 2020 की हार अब अतीत की बात हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम आगे बढ़ चुके हैं। पार्टी हर सीट पर मेहनत कर रही है। कुछ सीटों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है और हम ऐसा कर भी रहे हैं। इस बार सहयोगी दलों के साथ एनडीए एकजुट है। कहीं कोई दिक्कत नहीं, कोई विवाद नहीं।”

उन्होंने भरोसा जताया कि इस बार न सिर्फ जदयू, बल्कि पूरे एनडीए की सीटों में इजाफा होगा।

और पढ़ें: Sushila Karki: कौन है नेपाल की नई PM, कहां तक की है पढ़ाई?

India US Trade Deal: कौन हैं ब्रेंडन लिंच? जो भारत-US ट्रेड डील को नई दिशा देने पहुंच...

0

India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ समय से अटकी पड़ी ट्रेड डील को लेकर अब एक बार फिर से हलचल शुरू हो गई है। दिल्ली में मंगलवार को दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें व्यापार से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बात की जा रही है। यह मीटिंग ऐसे वक्त में हो रही है जब दोनों देशों के बीच संबंधों में हाल ही में आई कड़वाहट अब थोड़ी नरम होती दिख रही है।

और पढ़ें: India Russia Relations: ‘रिश्ते खत्म करने की कोशिश नाकाम’, रूस ने अमेरिका को घेरा, भारत को बताया असली दोस्त

क्यों अटक गई थी बातचीत? India US Trade Deal

भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर अब तक पांच राउंड की बातचीत हो चुकी थी। लेकिन अगस्त के अंत में होने वाली छठी और सबसे अहम बातचीत से पहले ही मामला अटक गया। इसकी वजह थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक फैसला, जिसमें उन्होंने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया। यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीद को लेकर उठाया गया था।

इसके बाद अमेरिका ने भारत पर टैरिफ को और बढ़ाकर 50% तक कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच चल रही व्यापार वार्ता ठप पड़ गई। यही वजह रही कि अगस्त के आखिरी हफ्ते में तय की गई द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर कोई औपचारिक बातचीत नहीं हो पाई।

ट्रंप-मोदी की सोशल मीडिया बातचीत बनी ‘बात की शुरुआत’

हालांकि, कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना “बेहद अच्छा दोस्त” बताया और यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि भारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द से जल्द आगे बढ़े। पीएम मोदी ने भी इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि दोनों देशों के बीच बातचीत फिर शुरू हो सकती है और आज वही हो रहा है।

भारत पहुंचे अमेरिका के मुख्य वार्ताकार ब्रेंडन लिंच

सोमवार की रात अमेरिका के प्रमुख व्यापार वार्ताकार ब्रेंडन लिंच भारत पहुंचे। उन्होंने आते ही दिल्ली में अमेरिकी टीम का नेतृत्व संभाल लिया है। ब्रेंडन लिंच इस बैठक में अमेरिका की तरफ से सभी व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत करेंगे।

उनकी प्रोफाइल की बात करें तो लिंच अमेरिका के सहायक व्यापार प्रतिनिधि (USTR) हैं और उन्हें व्यापार नीति और इसके क्रियान्वयन का अच्छा खासा अनुभव है। उन्होंने बोस्टन कॉलेज से पढ़ाई और फिर जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से MBA किया है। 2013 से वे अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय से जुड़े हैं और अब तक कई देशों के साथ अहम व्यापार समझौतों का हिस्सा रहे हैं।

भारत की ओर से कौन है नेतृत्व में?

भारत की ओर से इस बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं राजेश अग्रवाल, जो कि वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव हैं। उन्होंने कहा है कि इस बार की बातचीत पूरी तरह व्यापारिक मुद्दों पर फोकस करेगी, और भूराजनीतिक मामलों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

क्या कह रहे हैं अधिकारी?

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने इस बैठक को दोनों देशों के बीच सकारात्मक सोच और सहयोग की भावना का संकेत बताया है। उन्होंने कहा कि यह बैठक न सिर्फ मौजूदा मुद्दों को सुलझाने की कोशिश है, बल्कि भविष्य में होने वाली औपचारिक BTA वार्ताओं की राह भी तय करेगी।

टैरिफ का असर दिखा भारत के निर्यात पर

टैरिफ के इस झगड़े का सीधा असर भारत के अमेरिकी बाजार में निर्यात पर पड़ा है। आंकड़े बताते हैं कि जुलाई 2025 में भारत ने अमेरिका को 8.01 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जो अगस्त में घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया। इससे यह साफ है कि टैरिफ विवाद ने भारत को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचाया है।

क्या निकल सकता है आज की बैठक से?

आज की बैठक को एक ‘बड़ी शुरुआत’ के रूप में देखा जा रहा है। अगर सब कुछ सही रहा, तो आने वाले हफ्तों में दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर फिर से औपचारिक बातचीत शुरू कर सकते हैं।

जहां एक तरफ भारत अपने निर्यात को बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ स्थिर और भरोसेमंद रिश्ते चाहता है, वहीं अमेरिका भी चाहता है कि एशियाई बाजार में उसकी हिस्सेदारी मजबूत हो। ऐसे में यह मीटिंग दोनों देशों के लिए विन-विन सिचुएशन साबित हो सकती है।

और पढ़ें: India-Nepal Border opened: नेपाल में नई सरकार बनने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर लौटी रौनक, वाहनों की आवाजाही फिर से शुरू

Success Story: बिहार के रॉकी की कहानी: नौकरी छोड़ी, दिल्ली में चाय का ठेला लगाया, अब ...

0

Success Story: “सपने बड़े हों तो रास्ते खुद बन जाते हैं” — ये बात बिहार के मधुबनी जिले के रॉकी ने सच कर दिखाई है। एक वक्त था जब उन्होंने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी नहीं की और मामूली नौकरी से गुज़ारा चलाने की कोशिश की, लेकिन आज वही रॉकी दिल्ली के कनॉट प्लेस में चाय का ठेला लगाकर हर दिन हजारों रुपये कमा रहे हैं। उनकी कहानी सिर्फ एक बिजनेस शुरू करने की नहीं, बल्कि हालात से लड़ने और कुछ अलग करने की जिद की कहानी है

और पढ़ें: Prayagraj Shailendra Success Story: प्रयागराज के शैलेंद्र का कमाल! प्रॉपर्टी बेच बनाई ऐसी तकनीक, 100cc बाइक दे रही 176KM का माइलेज

अधूरी पढ़ाई, अधूरी नौकरी… लेकिन सपने पूरे- Success Story

रॉकी ने ग्रेजुएशन का आखिरी साल भी पूरा नहीं किया। उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ जिंदगी की सच्चाई ने जल्दी ही जकड़ लिया। तभी उन्होंने एक दोस्त के साथ दिल्ली आने का फैसला किया। कुछ वक्त उन्होंने बीकानेर में नौकरी की, जहां सैलरी 12 से 15 हजार रुपये महीने थी। लेकिन जल्दी ही उन्हें अहसास हो गया कि ये रास्ता उन्हें उनकी मंज़िल तक नहीं ले जाएगा।

उन्हें लगा कि इस कम सैलरी से वो अपने और अपने परिवार के सपने पूरे नहीं कर पाएंगे। तभी उन्होंने अपने चाचा से सलाह-मशविरा किया और खुद का कुछ करने की ठान ली।

कनॉट प्लेस में “रॉकी की चाय”

साल 2020 में जब लोग कोविड और लॉकडाउन के डर से अपने घरों में थे, उस वक्त रॉकी ने कुछ नया करने की ठानी। उन्होंने दिल्ली के कनॉट प्लेस के बाबा खरक सिंह मार्ग पर “रॉकी की चाय” नाम से अपना ठेला शुरू किया। शुरुआत आसान नहीं थी भीड़भाड़ वाले इलाके में ठेला लगाना, ग्राहकों को समझाना और दिनभर खड़े रहना… लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

धीरे-धीरे उनके स्वाद और मेहनत ने रंग दिखाना शुरू किया। आज उनके ठेले पर चाय, कॉफी, ब्लैक कॉफी, लेमन टी, कुल्हड़ चाय से लेकर मैगी तक मिलती है। सुबह 10 बजे से लेकर रात 10 बजे तक उनका ठेला चलता है, और अच्छे दिनों में वो 20 से 25 हजार रुपये की कमाई कर लेते हैं।

कुल्हड़ चाय बनी पहचान

रॉकी बताते हैं कि वे हर दिन 100 से 150 कप चाय बेचते हैं। उनका कहना है कि 20 रुपये की कुल्हड़ चाय उनके ग्राहकों को बेहद पसंद आती है और कोई भी पीकर निराश नहीं जाता। उनका मानना है कि चाय सिर्फ एक ड्रिंक नहीं, बल्कि लोगों को जोड़ने का ज़रिया है।

गर्मी के मौसम में काम थोड़ा धीमा हो जाता है, लेकिन सर्दियों और बारिश के मौसम में उनके स्टॉल पर भीड़ लगी रहती है।

नौकरी छोड़ने पर कोई पछतावा नहीं

जब रॉकी से पूछा गया कि क्या उन्हें पढ़ाई या नौकरी छोड़ने का पछतावा है, तो उनका जवाब सीधा और साफ था –

“नौकरी में पूरी जिंदगी किसी और के सपने पूरे करने में निकल जाती है। लेकिन बिजनेस से न सिर्फ अपना, बल्कि अगली पीढ़ी का भी भविष्य सुधारा जा सकता है।”

रॉकी मानते हैं कि नौकरी या बिजनेस – जो भी करें, उसमें ईमानदारी और मेहनत सबसे ज़रूरी है। उनका यह भी कहना है कि अगर आप अपने काम को लेकर जुनूनी हैं, तो रास्ते खुद बनते चले जाते हैं।

युवाओं के लिए एक प्रेरणा

आज रॉकी की कहानी उन लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो छोटी सी सैलरी से परेशान हैं या सोचते हैं कि बिना डिग्री के कुछ नहीं हो सकता। रॉकी ने दिखाया कि अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कुल्हड़ की चाय भी ज़िंदगी बदल सकती है।

और पढ़ें: Mitesh Khapra Success story: कौन हैं मितेश खापरा? टाइम मैग्जीन ने AI के क्षेत्र में टॉप 100 में क्यों दी जगह

Who is Mahieka Sharma: जैस्मिन वालिया से ब्रेकअप के बाद हार्दिक की लाइफ में आईं माहिक...

0

Who is Mahieka Sharma: भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या का खेल जितना चर्चा में रहता है, उतनी ही दिलचस्पी लोगों को उनकी पर्सनल लाइफ में भी रहती है। पिछले कुछ सालों में हार्दिक के अफेयर्स, रिलेशनशिप और शादी को लेकर सोशल मीडिया पर खूब बातें होती रही हैं। अब एक बार फिर वो अपनी लव लाइफ को लेकर चर्चा में हैं और इस बार नाम जुड़ा है मॉडल से एक्ट्रेस बनीं माहिका शर्मा से। आईए जानते हैं कौन है ये हसीना:

और पढ़ें: Asia Cup 2025: खून से सनी ज़मीन पर क्रिकेट का शो? भारत-पाकिस्तान मैच बना देश का अपमान

नताशा से अलग हुए हार्दिक, अब नया रिश्ता? Who is Mahieka Sharma

जैसा कि सब जानते हैं, हार्दिक पांड्या ने 2020 में नताशा स्टेनकोविक से शादी की थी। दोनों का एक बेटा भी है अगस्त्य। लेकिन बीते एक साल से दोनों के बीच दूरियां बढ़ती नजर आईं और हाल ही में उन्होंने डिवोर्स की पुष्टि की। डिवोर्स के बाद दोनों ने कहा कि वे आपसी समझ से अलग हुए हैं और उनके लिए उनका बेटा अगस्त्य सबसे ज़्यादा अहम है।

लेकिन अब हार्दिक की ज़िंदगी में किसी नए की एंट्री की अटकलें तेज हो गई हैं। इन खबरों की शुरुआत Reddit पर वायरल हुए एक वीडियो से हुई, जिसमें एक धुंधली तस्वीर के बैकग्राउंड में एक शख्स की झलक दिखी। कुछ यूज़र्स ने उस शख्स को हार्दिक पांड्या बताया और इसके बाद सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

वायरल हुआ ‘जर्सी नंबर 33’, इंस्टाग्राम पर एक्टिविटी भी बढ़ी

इसी वीडियो के साथ जर्सी नंबर 33 का जिक्र भी सामने आया, जो हार्दिक का फेवरेट नंबर है। इसके बाद Reddit से शुरू हुई यह चर्चा इंस्टाग्राम और ट्विटर तक जा पहुंची। फैंस ने गौर किया कि हार्दिक और माहिका एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैं। इसके अलावा माहिका की एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें वो हार्दिक की स्टाइल से मिलती-जुलती ड्रेस में नजर आईं।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by @angreziedaaru

फैंस के मिले-जुले रिएक्शन

हालांकि सब लोग इस अफवाह को सच मानने को तैयार नहीं हैं। एक Reddit यूज़र ने लिखा,

“मैं माहिका को काफी वक्त से फॉलो कर रहा हूं, वो क्रिकेट की कई रील्स पर रिएक्ट करती हैं। हो सकता है कि वे सिर्फ अच्छे दोस्त हों। हर चीज को अफेयर बना देना सही नहीं।”

लेकिन फैंस की जिज्ञासा तो बढ़ ही गई है, खासकर तब जब हार्दिक की शादी टूटने की खबर के तुरंत बाद किसी नए नाम से उनका नाम जुड़ रहा है।

कौन हैं माहिका शर्मा?

अब सवाल ये है कि माहिका शर्मा आखिर हैं कौन, जिनका नाम इतनी तेजी से हार्दिक पांड्या के साथ जोड़ा जा रहा है?

माहिका ने अपनी पढ़ाई इकोनॉमिक्स और फाइनेंस में की है। उसके बाद उन्होंने मॉडलिंग और फिर एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने तनिष्क, वीवो, यूनिक्लो जैसे बड़े ब्रांड्स के लिए ऐड किए हैं और कई म्यूजिक वीडियो में भी नजर आ चुकी हैं।

रनवे की बात करें तो उन्होंने मनीष मल्होत्रा, अनीता डोंगरे और तरुण तहिलियानी जैसे नामी डिजाइनर्स के साथ काम किया है। 2024 में उन्हें इंडियन फैशन अवार्ड्स में ‘मॉडल ऑफ द ईयर (न्यू एज)’ का अवॉर्ड भी मिला। उन्हें एले और ग्राजिया मैगज़ीन ने भी उभरती हुई फैशन आइकन के तौर पर पहचाना है।

पहले भी सुर्खियों में रहे हार्दिक के अफेयर

ये पहली बार नहीं है जब हार्दिक की लव लाइफ को लेकर बातें हो रही हैं। इससे पहले भी उनका नाम ब्रिटेन की सिंगर और टीवी पर्सनालिटी जैस्मीन वालिया से जुड़ चुका है। जब दोनों ने ग्रीस ट्रिप की तस्वीरें शेयर की थीं, तो वह जोड़ी भी सुर्खियों में आ गई थी। जैस्मीन को हार्दिक के कई मैचों में स्पॉट भी किया गया, खासकर 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान दुबई में भारत-पाकिस्तान मैच में।

अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं

फिलहाल, हार्दिक और माहिका दोनों ने ही अपने रिश्ते को लेकर कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया है। हो सकता है कि ये सिर्फ अफवाहें हों, या हो सकता है कि कुछ चल रहा हो लेकिन पब्लिक करने का वक्त अभी नहीं आया हो।

और पढ़ें: Ind vs pak: पाकिस्तान को मैदान में हराया, सूर्यकुमार का शहीदों को सलाम – बिना हाथ मिलाए लौटे ड्रेसिंग रूम

Dehradun Cloudburst: देहरादून के सहस्त्रधारा में बादल फटने से तबाही, चार की मौत – सीए...

0

Dehradun Cloudburst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात हुई भारी बारिश ने एक बार फिर लोगों को डरा दिया। शहर के मशहूर पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा में देर रात बादल फटने की घटना सामने आई, जिससे इलाके में अचानक बाढ़ जैसे हालात बन गए। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।

और पढ़ें: Navjot Singh death: डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत की वो सुबह… चश्मदीद ने बताया हादसे का हर पल

देर रात सहस्त्रधारा में मची अफरा-तफरी: Dehradun Cloudburst

घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने तुरंत कंट्रोल अपने हाथों में लिया और एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और लोक निर्माण विभाग की टीमें मौके पर भेज दी गईं। आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की है। इलाके में भारी तबाही हुई है, कुछ दुकानें तेज बहाव में बह गईं।

प्रशासन की सतर्कता से समय रहते स्थानीय लोगों को रात में ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया, जिससे कई जानें बचाई जा सकीं। जेसीबी और अन्य भारी उपकरणों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। दो लोगों की तलाश युद्धस्तर पर हो रही है।

चंद्रभागा नदी भी उफान पर

इसी के साथ, बारिश का असर ऋषिकेश में भी देखने को मिला, जहां चंद्रभागा नदी उफान पर आ गई। नदी का पानी हाईवे तक पहुंच गया। SDRF की टीम ने वहां फंसे तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

सीएम धामी ने जताया दुख, खुद रख रहे हैं नजर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा,

“देहरादून के सहस्त्रधारा में देर रात हुई भारी बारिश से कुछ दुकानों को नुकसान पहुंचने की खबर मिली है। राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। मैं खुद हालात पर नजर बनाए हुए हूं। ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी लोग सुरक्षित रहें।”

पीएम मोदी और अमित शाह का फोन

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात की और हालात की जानकारी ली। दोनों नेताओं ने हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार उत्तराखंड के साथ पूरी तरह खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार जताया और बताया कि प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और हर स्तर पर राहत कार्य चल रहा है।

स्कूलों में छुट्टी, पुल क्षतिग्रस्त

जिलाधिकारी ने जिले के सभी स्कूलों (कक्षा 1 से 12 तक) में अवकाश घोषित कर दिया है। एसडीएम कुमकुम जोशी भी रात में मौके पर पहुंचीं और राहत कार्यों की निगरानी की।

भारी बारिश के चलते देहरादून-हरिद्वार हाईवे पर स्थित फन वैली और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास एक पुल को नुकसान पहुंचा है।

टपकेश्वर मंदिर और तमसा नदी में तबाही

बारिश की मार टपकेश्वर महादेव मंदिर तक पहुंच गई है। यहां मंदिर परिसर में 1-2 फीट मलबा भर गया है और तमसा नदी उफान पर है। मंदिर को भी काफी नुकसान पहुंचा है।

लाखों का नुकसान, अनहोनी टली

इस हादसे में कई दुकानों के बहने की खबर है, जिससे व्यापारियों को लाखों का नुकसान हुआ है। हालांकि प्रशासन की समय पर कार्रवाई से एक बड़ी अनहोनी टल गई।

फिलहाल पूरे क्षेत्र में रेड अलर्ट जैसी स्थिति है और प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

और पढ़ें: Ahmedabad Land Sinking: गुजरात में धीरे-धीरे धंस रही है ज़मीन: अहमदाबाद-सूरत में सबसे ज्यादा खतरा

Punjab Historical Forts: पंजाब के प्राचीन किले, जिनके पीछे छिपा है ऐतिहासिक रहस्य

0

Punjab Historical Forts: अगर आप कभी इतिहास में झाँकने का मन बनाएं, तो पंजाब जरूर जाइए। यहाँ के किले सिर्फ किले नहीं हैं… ये असल में ज़िंदा कहानियाँ हैं शौर्य की, बलिदान की, धर्म की और संस्कृति की। पंजाब की हवा में एक अलग ही रॉयल फील है, और उसकी वजह है यहाँ की वो विरासत जो आज भी हमारे सामने उसी शान से खड़ी है।

महाराजा रणजीत सिंह जैसे शासकों ने न सिर्फ एक साम्राज्य खड़ा किया, बल्कि अपने दौर की वास्तुकला को भी एक नई पहचान दी। आइए जानते हैं पंजाब के कुछ बेहद खास किलों के बारे में जहां इतिहास आज भी साँसें ले रहा है।

और पढ़ें: Sikhism in Siberia: न कोई गुरुद्वारा, न संगत… फिर भी साइबेरिया में जिंदा है सिख परंपरा की रूह

आनंदपुर साहिब किला – सिख इतिहास की नींव | Punjab Historical Forts

रूपनगर जिले में स्थित आनंदपुर साहिब किला सिर्फ एक किला नहीं, सिख धर्म का अहम पड़ाव है। एक तरफ शिवालिक की पहाड़ियाँ, दूसरी तरफ सतलुज नदी और बीच में ये मजबूत दीवारों वाला किला। कहते हैं, गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहाँ अपने जीवन के 16 साल बिताए। उन्होंने इस जगह को सैन्य मुख्यालय बना दिया था और यहां से कई रणनीतिक फैसले लिए गए।

होला मोहल्ला और बैसाखी जैसे त्योहारों पर ये जगह और भी गुलज़ार हो जाती है। उस समय तो यहाँ का माहौल इतना भव्य होता है कि लगता है जैसे इतिहास फिर से ज़िंदा हो गया हो।

किला मुबारक – भटिंडा की पहचान

अगर आप भटिंडा घूमने जाएं, तो किला मुबारक को मिस मत करिएगा। इसका निर्माण महाराजा आला सिंह ने करवाया था। 1764 में बना ये किला बहुत कुछ कहता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी जगह रजिया सुल्तान को कैद किया गया था, वो इंडिया की पहली और एकलौती महिला शासक थीं!

इस किले के दो हिस्से हैं किला मुबारक और किला अंदरून। अंदरून वाला हिस्सा कभी शाही निवास हुआ करता था, और इसकी दीवारों पर आपको मुगल और राजस्थानी आर्किटेक्चर की झलक मिल जाएगी।

ऊँचाई से शहर का व्यू लेना हो या शांत माहौल में इतिहास को महसूस करना हो यह जगह परफेक्ट है।

फरीदकोट किला – बहादुरी की इबारत

फरीदकोट शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर, NH15 पर एक किला है जो इतिहास को बहुत ही ख़ामोशी से सहेजे हुए है। फरीदकोट किला, जो शायद पंजाब का सबसे पुराना किला माना जाता है। इसकी दीवारें इतनी मजबूत हैं कि इन्होंने कई हमलों को बिना हिले सह लिया।

इस किले की खास बात है इसकी बनावट चूने और नानकशाही ईंटों से बना ये किला आपको पुराने पंजाब की असल झलक दिखाता है। इसके अंदर एक 22 फीट ऊंचा लकड़ी का दरवाज़ा है, जो सिख समुदाय की वीरता का प्रतीक माना जाता है। और हां, इस किले के अंदर बना शीश महल भी बड़ा खास है, जिसे शाही परिवार ने पूजा-पाठ के लिए इस्तेमाल किया करता था। यहाँ घूमने का सबसे बढ़िया टाइम अक्टूबर से मार्च के बीच होता है

गोबिंदगढ़ किला – अमृतसर के दिल में

अमृतसर के बीचोंबीच स्थित गुजर सिंह किला, जिसे गोबिंदगढ़ किला भी कहा जाता है, इतिहास में एक खास जगह रखता है। ये किला 1760 में भंगी मिसी राजाओं ने बनाया था, लेकिन बाद में महाराजा रणजीत सिंह ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। शुरुआत में ये किला मिट्टी का बना था, लेकिन बाद में इसे और मजबूत किया गया। खास बात ये है कि इसका नाम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के सम्मान में गोबिंदगढ़ रखा गया।

इस किले की डिजाइन पूरी तरह से सैन्य शैली की है। हर कोने में एक परकोटा यानी ऊंची दीवार है और चारों तरफ दो-दरवाजे हैं। पीछे वाला दरवाजा किलर गेट कहलाता है, जबकि मुख्य प्रवेश द्वार नलवा गेट के नाम से जाना जाता है। किले के चारों तरफ कई बुर्ज और खाई बनाई गई थीं ताकि कीमती खजाने को सुरक्षित रखा जा सके।

अगर आप अमृतसर घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अक्टूबर से मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस दौरान यहां का मौसम बहुत ही आरामदेह और सुहावना रहता है।

फिल्लौर किला – लुधियाना का गौरव

लुधियाना से करीब 14 किलोमीटर दूर, सतलुज नदी के किनारे बना है फिल्लौर किला। इसे महाराजा रणजीत सिंह के जनरल ने बनवाया था और अब ये एक पुलिस ट्रेनिंग अकादमी बन चुका है।

यहाँ मुस्लिम संतों की मजारें हैं और पीर-ए-दस्तगीर की दरगाह भी है, जो इसे एक सांस्कृतिक संगम बना देती है। एक समय में यह किला मुगलों और ब्रिटिशों के बीच काफी अहम रहा। आज ये साहस और बहादुरी की निशानी के तौर पर देखा जाता है।

बहादुरगढ़ किला – पटियाला की आन

पटियाला का ये किला भी इतिहास में एक मजबूत किरदार निभा चुका है। इसे महाराजा अरम सिंह ने दोबारा बनवाया था। इस किले में गुरुद्वारा साहिब पतशाही नौवीं है, जो इसे धार्मिक रूप से भी खास बनाता है।

इतना ही नहीं, यहाँ एक पुरानी मस्जिद भी है जिसे 1668 में सैफ खान ने बनवाया था। आज ये किला पंजाब पुलिस का स्थायी ट्रेनिंग सेंटर है।

गोबिंदगढ़ का फाँसीघर – एक कड़वी याद

ब्रिटिश राज के दौरान इस किले का एक हिस्सा था ‘फाँसीघर’। जनरल डायर, जो जलियाँवाला बाग कांड के लिए कुख्यात है, इसी किले में रहा करता था और उसने अपने बंगले के सामने फाँसीघर बनवाया था। यहीं से वह कैदियों को फाँसी देते देखता था।

ये हिस्सा आज भी खड़ा है — गवाह के तौर पर, उस दौर की क्रूरता का।

शाहपुर कंडी किला – पठानकोट की खूबसूरती

16वीं सदी का शाहपुर कंडी किला रावी नदी के किनारे स्थित है। ये जगह हिमालय की तलहटी में बसी है और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।

यहां एक पुरानी मस्जिद और पास में कुछ मुस्लिम संतों की कब्रें हैं। यहाँ का शांत वातावरण आपको सुकून देता है और साथ ही इतिहास से जोड़े रखता है।

इसलिए, अगर आप इतिहास को महसूस करना चाहते हैं, उन जगहों को छूना चाहते हैं जहाँ कभी रणभेरी बजती थी और शाही जुलूस निकलते थे तो पंजाब आइए। यहां हर किला, हर ईंट आपको कुछ न कुछ सिखा जाएगी।

यह सफर सिर्फ घूमने का नहीं होगा, बल्कि ये आपको उस मिट्टी से जोड़ देगा जिसने शौर्य, धर्म और परंपरा को जन्म दिया।

और पढ़ें: Gurdwara in Moscow: रूस में सिख समुदाय! मॉस्को में गुरुद्वारा नानक दरबार से जुड़ी संस्कृति के बारे में जानें

कभी नहीं थे पढ़ाई के पैसे, आज हैं 100 करोड़ की मालकिन, जानें Samantha Ruth Prabhu कैस...

0

Samantha Ruth Prabhu: साउथ फिल्म इंडस्ट्री की सबसे दमदार और चर्चित एक्ट्रेसेज़ की लिस्ट में अगर किसी का नाम सबसे ऊपर आता है, तो वो हैं समांथा रुथ प्रभु। आज उन्हें लोग ग्लैमर, सक्सेस और लग्ज़री लाइफस्टाइल से पहचानते हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का रास्ता बहुत आसान नहीं था। एक वक्त ऐसा भी था जब उनके परिवार के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वे समांथा की पढ़ाई का खर्च उठा सकें। आज वही लड़की 100 करोड़ की नेट वर्थ, आलीशान घरों और बड़ी फिल्मों की मालकिन बन चुकी है। आईए आपको समांथा के सक्सेस की अनसुनी कहानी बताते हैं।

और पढ़ें: जब माइकल जैक्सन ने 3 हजार डांसर्स में से Yamuna Sangarasivam को चुना, जानिए कहां हैं अब

गरीबी से शुरू हुआ सफर: Samantha Ruth Prabhu

समांथा का जन्म 28 अप्रैल 1987 को केरल के अलाप्पुझा में हुआ था। उनके पिता जोसफ प्रभु और मां निनेट प्रभु अलग-अलग सांस्कृतिक बैकग्राउंड से थे। दरअसल उनके पिता तेलुगु और मां मलयाली थी। समांथा का बचपन चेन्नई में बीता और उन्होंने होली एंजल्स एंग्लो इंडियन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। लेकिन 12वीं के बाद घर की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि आगे की पढ़ाई का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।

ऐसे में समांथा ने खुद अपने पैरों पर खड़े होने का फैसला लिया और मॉडलिंग करना शुरू कर दी। मॉडलिंग से मिलने वाली इनकम से उन्होंने चेन्नई के स्टेला मैरिस कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन पूरा किया।

मॉडलिंग से फिल्मों तक का सफर

मॉडलिंग करते हुए एक दिन समांथा पर फिल्ममेकर रवि वर्मन की नजर पड़ी। उन्होंने समांथा को पहली फिल्म ‘ये माया चेसावे’ के लिए साइन किया, जिसे गौतम मेनन ने डायरेक्ट किया था। फिल्म 2010 में रिलीज़ हुई और सुपरहिट साबित हुई। फिल्म में समांथा के अपोज़िट थे नागा चैतन्य, और दोनों की केमिस्ट्री को खूब सराहा गया।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by Samantha (@samantharuthprabhuoffl)

इस फिल्म के बाद समांथा को फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल डेब्यू का अवॉर्ड मिला और यहीं से उनका करियर चल पड़ा।

बीमारी से करियर पर ब्रेक

करियर की रफ्तार के बीच 2012 में समांथा को एक बड़ा झटका लगा। उन्हें इम्यूनिटी डिसऑर्डर हुआ था, जिसकी वजह से उन्हें मणिरत्नम की ‘कडल’ और शंकर की ‘आई’ जैसी दो बड़ी फिल्मों को छोड़ना पड़ा। इलाज के लिए उन्होंने फिल्मों से ब्रेक ले लिया। बाद में वे ‘ईगा’ जैसी फिल्मों से दोबारा लौटीं और खुद को साबित कर दिखाया।

शादी, तलाक और पर्सनल लाइफ का उतार-चढ़ाव

इसी बीच उनकी ज़िंदगी में प्यार की एंट्री हुई। खबरों की मानें तो, फिल्म ‘ये माया चेसावे’ के सेट पर ही समांथा और नागा चैतन्य के बीच नज़दीकियां बढ़ीं। दोनों ने करीब 7 साल तक एक-दूसरे को डेट किया और 2017 में शादी कर ली। ये शादी साउथ की सबसे बड़ी शादियों मे से एक थी। खबरों की मानें तो, ये शादी हैदराबाद में हिंदू और ईसाई रीति-रिवाजों से हुई, जिसमें करीब 10 करोड़ रुपये खर्च हुए।

लेकिन चार साल बाद 2021 में दोनों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तलाक की जानकारी दी। मीडिया में ये भी खबर आई कि नागा चैतन्य ने समांथा को 200 करोड़ की एलिमनी ऑफर की थी, लेकिन समांथा ने इसे ठुकरा दिया। बाद में उन्होंने इस खबर को पूरी तरह गलत बताया।

‘फैमिली मैन 2’ और ‘पुष्पा’ से पॉपुलैरिटी का नया दौर

इसी बीच, समांथा को वेब सीरीज़ ‘द फैमिली मैन 2’ से अपार पॉपुलैरिटी मिली। इस शो में उन्होंने तमिल विद्रोही ‘राजी’ का किरदार निभाया, जिसके लिए उन्होंने डेढ़ महीने की कॉम्बैट ट्रेनिंग ली और खुद अपने सारे एक्शन सीन किए। इस शो ने उन्हें ऑल इंडिया स्टार बना दिया।

इसके बाद फिल्म ‘पुष्पा’ के आइटम सॉन्ग ‘ओ अंटावा’ से उनकी पॉपुलैरिटी एकदम अलग लेवल पर पहुंच गई। इस गाने के लिए उन्हें 1.5 करोड़ रुपये फीस मिली थी। दिलचस्प बात ये है कि पहले उन्हें इस फिल्म में श्रीवल्ली का लीड रोल ऑफर हुआ था, लेकिन उन्होंने उसे मना कर दिया और सिर्फ गाने के लिए हां कहा।

बीमारी के बाद ब्रेक और अफवाहें

फिर व्यक्त आया साल 2022 का, ये वही साल था जब समांथा ने खुद खुलासा किया कि उन्हें Myositis है, जिसकी वजह से उन्हें एक्टिंग से ब्रेक लेना पड़ा। इलाज के लिए वो अमेरिका गईं और इस दौरान ये अफवाह भी फैली कि उन्होंने किसी साउथ सुपरस्टार से 25 करोड़ की मदद ली है। समांथा ने इस खबर को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी कमाई से ही इलाज करवाया है और किसी से मदद नहीं ली।

लग्ज़री लाइफ और करोड़ों की संपत्ति

वर्तमान की बात करें तो, आज समांथा की नेटवर्थ करीब 100 करोड़ रुपये है। उनके पास हैदराबाद के ‘जयभेरी ऑरेंज काउंटी’ में 7.8 करोड़ का 3BHK फ्लैट है, जिसमें 6 पार्किंग स्लॉट हैं और सी-फेसिंग लोकेशन है। मुंबई में भी उनका एक 15 करोड़ का अपार्टमेंट है। साथ ही उनके पास जुबली हिल्स में एक प्रॉपर्टी है, जो तलाक के बाद उन्हें मिली थी। खरबरों की मानें तो, वो एक फिल्म के लिए 3 से 5 करोड़ तक चार्ज करती हैं और कई ब्रांड्स की एंबेसडर भी हैं।

और पढ़ें: Manoj Bajpayee-Anurag Kashyap: दुश्मन बना लिए, हाथ तोड़ लिया… अनुराग के गुस्से पर बोले मनोज बाजपेयी