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Blackbuck Leaving Bengaluru: बैंगलुरु में गड्डों से परेशान हुए 10 हजार करोड़ की कंपनी...

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blackbuck leaving Bengaluru: सोशल मीडिया पर एक खबर काफी वायरल हो रही है, कर्नाटक के सबसे बड़े औधोगिक शहर बैंगलुरु में मौजूद एक 10 करोड़ रूपये की कपंनी मालिक ने अचानक कंपनी को वहां बंद करने का फैसला कर लिया है। अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ…तो आपको बता दे कि इसका कारण है बैंगलुरु की सड़को पर मौजूद गड्ढे। जी हां, सड़को पर गड्ढो के कारण 10 हजार करोड़ की कंपनी हमेशा के लिए बैंगलुरु से बाहर जा रही है। क्या है पूरा मामला जानते है विस्तार से।

क्या है पूरा मामला

दरअसल बेंगलुरु में मौजूद डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म – ब्लैकबक के सीईओ और को फाउंडर राजेश कुमार याबाजी(Rajesh Kumar Yabaji, CEO and Co-Founder, BlackBuck) ने अपने सोशल मीडिया हैंडलर पर एक पोस्ट शेयर किया। जिसमें उन्होंने कहा कि –

बेंगलुरु के आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के बेलंदूर में मौजूद ब्लैकबक के ऑफिस में अब काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है। इसलिए हमने अब यहां से जाने का फैसला किया है। उन्होंने आगे भी कहा कि मुझे और सहकर्मियों को ऑफिस आने में करीब डेढ़ घंटे लग जाते है। हम अब बैंगलुरू की धूल और टूटी सड़को से तंग आ गए है। जबकि अभी आने वाले 5 सालों में सड़के ठीक करवाने की कोई नियत किसी की नहीं दिखाई दे रही है। इन हालातो को देखकर कंपनी को यहां से हटाना ही बेहतर है।

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10 साल पुरानी है कंपनी

आपको बता दे कि ब्लैकबग कंपनी 2015 में शुरु हुई थी, जिसका अधिकारिक नाम ज़िंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस (Zinka logistics Solution) है। आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के बेलंदूर में इसका हेडऑफिस है। बेंगलुरु शहर के आईटी कॉरिडोर में शामिल है। चुंकि ये एक सबसे व्यस्त क्षेत्र है इसलिए यहां वाहनों का आवागमन बहुत ज्यादा रहता है, मौसम और प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां की सड़के गड्डो से भरी पड़ी है। इस कारण दुखी होकर ब्लैकबक के सीओ ने इतना बड़ा फैसला किया है।

बताते चले कि ब्लैकबग ने पिछले 10 सालो में अपनी वैल्यू काफी बढ़ाई और बिजनस टूडे के मुताबिक 2025 के आधे साल बाद इसकी कुल वैल्यू 10 हजार 900 करोड़ रूपय है। ब्लैकबग ट्रक ऑपरेटरों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है, जिसके जरिये ऑनलाइन सर्विसेस दी जाती है। इसमें ट्रक ड्राइवरों को वाहन ट्रैकिंग, माल ढुलाई के लिए बाज़ार, पेमेंट जैसी सुविधायें देता है साथ ही उनके काम को और आसान बनाने के लिए फाइनेंस भी करता है। ट्रक ड्राइवर ऑपरेटर टेलीमैटिक्स का इस्तेमाल करके अपने गाड़ी में तेल भराने से लेकर टोल टैक्स तक का हिसाब रख सकते है, सात ही ये ट्रक की ट्रेकिंग करता है ताकि ड्राइवर और लोड किए गए सामान की सही जानकारी मालिकों के पास हो।

क्या बोले कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री

बैंगलुरु छोड़ कर जाने के इस फैसले के सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया पर कहने से ये मुद्दा काफी बड़ा हो गया है। जिसके बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बैंगलुरु की प्रतिष्ठा का बचाव करते हुए कहा कि हम किसी भी कंपनी को आने या जाने से नहीं रोक सकते है, ये उनका अपना फैसला है, लेकिन बैंगलुरु में आकर कंपनी शुरु करना या यहां काम करने की शुरुआत ही इसलिए की थी क्योंकि बेंगलुरु में सरकार जो सुविधा मुहैया कराती है उन बुनियादी ढाँचे की बराबरी कोई नहीं कर सकता है।

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शिवकुमार ने आगे कहा कि केवल गड्ढों के कारण इतनी बड़ी कंपनी छोड़ कर जाने का फैसला हजम होने लायक नहीं है। ये व्यवसाय के संबंधित फैसला हो सकता है। लेकिन वो इस तरह से सरकार को नहीं घेर सकते है। उनके इस तरह के बयान से कोई बैंगलुरु छोड़ कर नहीं जाने वाला है।

Neeraj Chopra ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में किया क्वालीफाई, अरशद न...

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Neeraj Chopra: भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर अपने खेल का लोहा मनवाया है। उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के फाइनल में पहले ही प्रयास में क्वालीफाई कर लिया। नीरज ने 84.85 मीटर का शानदार थ्रो किया और सीधे फाइनल में जगह बना ली। इस प्रदर्शन के साथ उन्होंने अपनी सफलता की ओर एक और कदम बढ़ाया है। अब उनका मुकाबला पाकिस्तान के अरशद नदीम, जर्मनी के जूलियन वेबर और अन्य बड़े एथलीटों से होगा।

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क्या था क्वालीफाई करने का मापदंड? Neeraj Chopra

मेन्स जैवलिन थ्रो के फाइनल में क्वालीफाई करने के लिए एथलीट्स को कम से कम 84.50 मीटर का थ्रो करना था। नीरज चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में इस दूरी को पार किया, जिससे उनका फाइनल में जाना तय हो गया। नीरज, जो ग्रुप ए में थे, पहले प्रयास में ही क्वालीफाई करने वाले पहले एथलीट बने। अब वे 18 सितंबर को तोक्यो में होने वाले फाइनल इवेंट में अपना जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं।

अरशद नदीम से मुकाबला: बदला या प्रतिद्वंद्विता?

इस फाइनल में एक दिलचस्प बात यह है कि नीरज चोपड़ा के पास पेरिस ओलंपिक 2024 में अरशद नदीम से ‘बदला’ लेने का सुनहरा मौका होगा। ओलंपिक में जहां अरशद नदीम ने 92.97 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड जीता, वहीं नीरज चोपड़ा को 89.45 मीटर के थ्रो के साथ सिल्वर से संतोष करना पड़ा था। अब चोपड़ा के पास अरशद से अपनी हार का हिसाब चुकता करने का एक बेहतरीन मौका है।

वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 के बाद का चैलेंज

नीरज चोपड़ा ने पिछली वर्ल्ड चैंपियनशिप, जो 2023 में हंगरी के बुडापेस्ट में हुई थी, में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ गोल्ड मेडल जीता था। वहीं अरशद नदीम ने उस चैंपियनशिप में सिल्वर हासिल किया था। इस बार नीरज चोपड़ा अपना खिताब डिफेंड करने के लिए पूरी तैयारी के साथ उतरेंगे।

वहीं, अरशद नदीम ने पेरिस ओलंपिक में अपनी जीत के बाद से खुद को एक मजबूत प्रतियोगी साबित किया है।

क्या देखने को मिलेगा नो हैंडशेक विवाद?

यह मुकाबला दोनों देशों के बीच एक खेल की प्रतिस्पर्धा से भी कहीं ज्यादा अहम हो गया है। हाल ही में एशिया कप में भारतीय क्रिकेट टीम और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बीच मैच के दौरान दोनों देशों के खिलाड़ियों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम फाइनल में एक-दूसरे से हाथ मिलाते हैं या नहीं।

समीप भविष्य की ओर बढ़ते नीरज

वहीं, नीरज चोपड़ा के लिए यह अवसर एक और उपलब्धि हासिल करने का हो सकता है। वह पहले ही एशियाई खेलों और ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर अपनी जीत के झंडे गाड़ चुके हैं, और अब उनकी नजरें वर्ल्ड चैंपियनशिप के गोल्ड पर हैं। इस मुकाबले को लेकर भारत सहित पूरी दुनिया की नजरें नीरज और अरशद के मुकाबले पर हैं, जहां दोनों एथलीट अपने देश के लिए गोल्ड जीतने की पूरी कोशिश करेंगे।

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जब बहुत ज़्यादा क्यूटनेस सहना मुश्किल हो जाए, जानिए क्या है ‘Cute Aggression’?

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Cute Aggression: आपने कभी नोटिस किया है कि जब कोई बच्चा बहुत प्यारा लगता है या किसी जानवर का बच्चा देखकर मन करता है कि उसे कसकर गले लगाएं, या गाल खींच लें तो ये महज मज़ाक या पागलपन नहीं है। इस अजीब-सी लगने वाली लेकिन आम भावना का नाम है: क्यूट एग्रेसन (Cute Aggression)।

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ये वो अहसास है जो हम सभी ने कभी न कभी महसूस किया है जब किसी की क्यूटनेस इतनी ज़्यादा हो कि दिल करता है उसे मसल दें, दबा लें या प्यार में झिंझोड़ दें। यह व्यवहार आमतौर पर मासूमियत भरा होता है, जिसका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि एक ज़बरदस्त इमोशनल ओवरलोड से खुद को संभालना होता है।

मेरे बेटे की मासूमियत और बिल्ली का बच्चा- Cute Aggression

बीबीसी की रिपोर्ट में, एक मां ने शेयर किया कि जब उनका बेटा घर में पालने वाले बिल्ली के बच्चे को देखता है, तो उसका चेहरा खिल उठता है। बार-बार मना करने के बावजूद वह उसे कसकर पकड़ लेता है। यह कोई शरारत नहीं, बल्कि उसके प्यार जताने का तरीका है।

दरअसल, यह भावना अकेले बच्चों तक सीमित नहीं है। वयस्क भी जब किसी बेबी के गुलाबी गाल या पालतू जानवर के भोले चेहरे को देखते हैं, तो उन्हें छूने, गले लगाने या यहां तक कि ‘काट’ लेने का मन करता है।

क्या है ‘क्यूट एग्रेसन’?

ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स की प्रोफेसर लिसा ए. विलियम्स बताती हैं कि क्यूट एग्रेसन दरअसल एक ऐसा तरीका है जिससे हमारा दिमाग अत्यधिक पॉज़िटिव इमोशन्स को बैलेंस करता है। जब हम कोई अत्यंत प्यारी चीज़ देखते हैं जैसे बच्चों की मासूम मुस्कान या पपी की भोली आंखें तो हमारा दिमाग ओवरलोड हो जाता है।

उस वक़्त हम जो महसूस करते हैं जैसे ‘काटने’ या ‘झिंझोड़ने’ की इच्छा वो दिमाग की तरफ से एक रिलीफ मेकेनिज़्म है। यह गुस्सा नहीं होता, बल्कि बेहद प्यार के इमोशन्स को संभालने का तरीका होता है।

क्यों होता है ऐसा?

जब भी हम किसी प्यारी चीज़ को देखते हैं, हमारा दिमाग डोपामाइन नाम का ‘फील-गुड’ हार्मोन रिलीज़ करता है। ये वही हार्मोन है जो हमें स्वादिष्ट खाना खाने, किसी उपलब्धि पर गर्व करने या किसी से प्यार होने पर महसूस होता है।

लेकिन कभी-कभी ये भावनाएं इतनी ज्यादा होती हैं कि दिमाग उन्हें कंट्रोल नहीं कर पाता। तब सक्रिय होता है दिमाग का एक हिस्सा एमीग्डाला, जो तुरंत उस उत्साह को थामने की कोशिश करता है। और तभी हम अजीब-सी ‘आक्रामक’ पर प्यारी प्रतिक्रिया देते हैं।

हर कोई ऐसा महसूस करता है?

मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि लगभग 50-60% लोग क्यूट एग्रेसन महसूस करते हैं, लेकिन सभी नहीं। जिन लोगों को ऐसा नहीं लगता, इसका मतलब यह नहीं कि वे भावनाहीन हैं। शायद वे इसे अलग तरीके से व्यक्त करते हैं, या उनकी प्रतिक्रिया ज़्यादा शांत होती है।

क्यों जरूरी है इसे समझना?

क्यूट एग्रेसन पूरी तरह सामान्य है। ये दिखाता है कि हमारा दिमाग कैसे बेहद पॉजिटिव और तीव्र भावनाओं को बैलेंस करता है। लेकिन अगर हम इन भावनाओं को कंट्रोल न कर पाएं, तो वह नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए, चाहे बच्चा हो या पालतू जानवर प्यार जताते वक़्त संयम भी ज़रूरी है।

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Tesla Model Y: टेस्ला की हाई-टेक कारों में बड़ा झोल! दरवाजे नहीं खुले, बच्चों को निका...

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Tesla Model Y: एलन मस्क की टेस्ला एक बार फिर अपने हाईटेक फीचर्स को लेकर विवादों में है लेकिन इस बार वजह कोई सॉफ्टवेयर अपडेट या सेल्फ-ड्राइविंग की गलती नहीं, बल्कि कुछ बेहद गंभीर है। अमेरिका में टेस्ला Model Y कारों के दरवाजे अचानक लॉक हो जाने और इलेक्ट्रॉनिक डोर हैंडल फेल होने की शिकायतें सामने आई हैं। इसका सबसे डरावना पहलू ये है कि कई मामलों में माता-पिता को अपने ही बच्चों को बाहर निकालने के लिए कार के कांच तोड़ने पड़े।

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क्या है पूरा मामला? Tesla Model Y

अमेरिका की सड़क सुरक्षा एजेंसी NHTSA (नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन) ने टेस्ला की 1.74 लाख Model Y कारों की जांच शुरू कर दी है। ये वो मॉडल हैं, जो 2021 में बनाए गए थे। जांच की वजह बनी कम से कम 9 शिकायतें, जिनमें दावा किया गया है कि कार के इलेक्ट्रॉनिक डोर हैंडल अचानक काम करना बंद कर देते हैं खासकर तब जब गाड़ी बंद हो चुकी हो और फिर किसी को पीछे की सीट का दरवाजा खोलना हो।

बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

सबसे चिंता की बात यह है कि चार मामलों में माता-पिता को कार की खिड़की तोड़नी पड़ी, ताकि वे अपने छोटे बच्चों को बाहर निकाल सकें। कार में पीछे की सीट पर बैठे बच्चों तक न तो मैन्युअल तरीके से पहुंचा जा सका, और न ही बाहर से कोई हैंडल खोलने का ऑप्शन मिला।

टेस्ला कारों में एक मैन्युअल डोर रिलीज़ सिस्टम होता जरूर है, लेकिन वह कार के अंदर मौजूद होता है और छोटे बच्चों के लिए उसका इस्तेमाल करना लगभग नामुमकिन है।

तकनीकी खराबी या डिज़ाइन की गलती?

प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये दिक्कत लो वोल्टेज की वजह से हो रही है। जब कार की बैटरी से पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिलती, तो इलेक्ट्रॉनिक हैंडल काम करना बंद कर देते हैं। कुछ मामलों में कार मालिकों ने खुद बैटरी बदलवाई, लेकिन उन्हें इससे जुड़ा कोई अलर्ट या वार्निंग पहले से नहीं मिला।

टेस्ला के लिए गंभीर चेतावनी

इस जांच के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या टेस्ला ने हाई-टेक फीचर्स पर ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान देकर बेसिक सेफ्टी को नज़रअंदाज कर दिया? खासतौर पर तब, जब मामला बच्चों की जान से जुड़ा हो।

इस पूरे घटनाक्रम से ये साफ हो गया है कि इनोवेशन और डिजाइन की दौड़ में जब सुरक्षा पीछे छूट जाती है, तो उसका असर आम लोगों की जिंदगी पर पड़ता है।

आगे क्या हो सकता है?

NHTSA ने अभी इसे “प्रारंभिक मूल्यांकन” कहा है। अगर एजेंसी को लगता है कि यह खामी यात्री सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है, तो वो टेस्ला को रिकॉल का निर्देश दे सकती है। इसका मतलब होगा कि लाखों कारों को वापस बुलाकर ठीक किया जाएगा।

यह मामला सिर्फ टेस्ला के लिए नहीं, बल्कि पूरी इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है कि तकनीक चाहे जितनी भी उन्नत हो जाए, सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

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Gorakhpur News: गोरखपुर में NEET छात्र की हत्या पर बड़ा एक्शन, चौकी प्रभारी समेत पूरी...

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Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर जिले में 19 साल के छात्र दीपक गुप्ता की बर्बर हत्या के बाद न सिर्फ इलाके में तनाव का माहौल है, बल्कि अब इस मामले में पुलिस विभाग पर भी कड़ा शिकंजा कसा गया है। सोमवार रात पिपराइच इलाके में गौ-तस्करों ने दीपक को अगवा कर मार डाला था। मंगलवार को इस घटना के विरोध में गांववालों ने जबरदस्त हंगामा और सड़क जाम किया, जिसके बाद पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगे। अब इस मामले में जंगल धूसड़ चौकी प्रभारी समेत पूरी पुलिस टीम को सस्पेंड कर दिया गया है, और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

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पहले शिकायत, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं- Gorakhpur News

गांववालों का कहना है कि गौ-तस्करों की गतिविधियों को लेकर कई बार पुलिस को जानकारी दी गई थी, लेकिन हर बार बात को नजरअंदाज कर दिया गया। यहां तक कि जिस रात दीपक की हत्या हुई, उस दिन भी चौकी इंचार्ज को तस्करों के आने की सूचना दी गई थी। जवाब में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि “मैं डंपर का इंतज़ाम कर रहा हूँ, आप लोग भी कुछ कीजिए।” इसी लापरवाही ने दीपक की जान ले ली।

कौन-कौन हुआ सस्पेंड?

घटना के बाद एसएसपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चौकी इंचार्ज ज्योति नारायण तिवारी, सिपाही अंकित यादव, राकेश यादव, संदीप यादव और हेड कांस्टेबल शाहिद खान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है ताकि यह तय हो सके कि घटना से पहले और बाद में पुलिस ने कितना सही या गलत काम किया।

ADG लॉ एंड ऑर्डर मौके पर पहुंचे

घटना की गंभीरता को देखते हुए ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश भी मंगलवार रात गोरखपुर पहुंचे। उन्होंने मौके का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवार से मिलकर कठोर कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही कहा कि वे खुद इस पूरे मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देंगे।

गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर किया हमला

मंगलवार को जैसे ही दीपक की हत्या की खबर फैली, गांववालों का गुस्सा फूट पड़ा। पिपराइच थाना क्षेत्र में लोगों ने तस्करों की एक गाड़ी को रोक लिया, जिसे बाद में भीड़ ने फूंक दिया। एक तस्कर को भी पकड़ लिया गया। जब पुलिस उसे हिरासत में लेने आई, तो लोगों ने पुलिस पर पथराव और हमला कर दिया। इस दौरान पिपराइच थानेदार का हाथ टूट गया, और एसपी नॉर्थ सहित कई पुलिसवालों को गंभीर चोटें आईं।

सीएम योगी ने दिया सख्त कार्रवाई का निर्देश

पूरा मामला जब लखनऊ तक पहुंचा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञान लिया। उन्होंने आला अधिकारियों को निर्देश दिया कि पीड़ित परिवार से मुलाकात कर भरोसा दिलाएं और दोषियों को बख्शा न जाए। इसके बाद DIG, DM और SSP ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से बात की और आश्वासन दिया, जिसके बाद पांच घंटे से चल रहा रोड जाम खत्म हुआ।

परिजनों की 5 मांगें, न्याय की लड़ाई जारी

दीपक के परिवार और गांववालों ने प्रशासन के सामने पांच मांगें रखी थीं, जिनमें मुख्य रूप से पुलिस पर कार्रवाई, तस्करों की गिरफ्तारी और मृतक परिवार को मुआवजा शामिल है। पुलिस टीम के सस्पेंशन के बाद आंशिक राहत तो जरूर मिली है, लेकिन परिजनों का कहना है कि जब तक मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

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Varanasi News: वाराणसी कचहरी में बवाल! वकीलों ने दरोगा को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, CCTV मे...

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Varanasi News: वाराणसी की कचहरी मंगलवार, 16 सितंबर को जंग का मैदान बन गई, जब वकीलों ने बड़ागांव थाने से आरोपी को लेकर पहुंचे सब-इंस्पेक्टर मिथिलेश प्रजापति और सिपाहियों पर हमला कर दिया। दिन-दहाड़े हुई इस मारपीट ने पूरे परिसर में अफरा-तफरी मचा दी। दरोगा मिथिलेश को बुरी तरह पीटा गया, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। फिलहाल उनका इलाज BHU ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है, जबकि तीन-चार सिपाही भी घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।

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क्या था मामला, जिससे भड़के वकील? Varanasi News

मामला एक पुराने जमीनी विवाद से जुड़ा है। कुछ दिन पहले बड़ागांव थाना क्षेत्र में जमीन को लेकर दो पक्षों में झगड़ा हुआ था। पुलिस ने दोनों ही पक्षों का चालान किया था। इनमें एक पक्ष से एक वकील भी शामिल था। आरोप है कि उसी दौरान SI मिथिलेश प्रजापति ने उस वकील को हिरासत में लेकर उससे बदसलूकी और मारपीट की थी।

इसी बात से नाराज़ वकीलों ने मौका देखकर सबक सिखाने की ठान ली। जब दरोगा एक आरोपी को लेकर कचहरी पहुंचे, तो पहले से तैयार दर्जनों वकीलों ने उन्हें घेर लिया और अचानक हमला बोल दिया। मारपीट की यह घटना कचहरी में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई है, जिसमें दरोगा पर लात-घूंसे बरसाते हुए वकील साफ नजर आ रहे हैं।

कैसे हुआ रेस्क्यू, क्या हालत है घायलों की?

मारपीट के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह दरोगा को वकीलों से छुड़ाया और पहले दीनदयाल अस्पताल, फिर BHU ट्रामा सेंटर भेजा गया। उनके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं। वहीं तीन से चार सिपाही भी हमले में घायल हुए हैं।

घटना के बाद पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और डॉक्टरों से उनका हालचाल जाना। डॉक्टरों के मुताबिक, SI मिथिलेश की हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन निगरानी जरूरी है।

पूरे जिले में मचा हड़कंप, प्रशासन मौके पर

जैसे ही यह खबर फैली कि कचहरी में वकीलों ने पुलिसकर्मियों की पिटाई की है, डीआईजी शिवहरी मीणा और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे। उनके साथ कई थानों की पुलिस फोर्स भी पहुंची और परिसर को घेरा गया।

दोनों अधिकारियों ने वकीलों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें। साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा भी दिया गया। बनारस बार और सेंट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी प्रशासन के संपर्क में हैं और उन्होंने भी हमले की निंदा करते हुए दोषी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही।

कचहरी में भारी पुलिस बल तैनात

घटना के बाद वाराणसी कचहरी में सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस और PAC की तैनाती कर दी गई है। फिलहाल माहौल शांत जरूर है, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है। प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

आगे क्या?

पुलिस ने CCTV फुटेज की जांच शुरू कर दी है और हमले में शामिल वकीलों की पहचान की जा रही है। जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई हो सकती है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो वकील हों या आम नागरिक।

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Dehradun Cloudburst: भारी बारिश से देहरादून में तबाही का मंजर, 17 की मौत, कई लापता, स...

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Dehradun Cloudburst: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सोमवार रात से शुरू हुई तेज बारिश ने शहर और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचा दी। तेज बारिश, बादल फटने और पहाड़ी मलबे की चपेट में आकर अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। दर्जनों मकान, दुकानें और होटल मलबे में दब चुके हैं। कई पुल और सड़कें टूट चुकी हैं, जिससे कई इलाके पूरी तरह कट गए हैं।

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सोमवार की रात बनी कहर की रात– Dehradun Cloudburst

सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात देहरादून की घाटी में जो हुआ, उसे लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे। सहस्रधारा और कार्लीगाड़ जैसे इलाकों में शाम को हल्की फुहारों से शुरुआत हुई, लेकिन रात 12 बजे के आसपास आसमान अचानक दहाड़ उठा और बादल फट पड़ा। तेज गड़गड़ाहट के साथ बारिश और मलबे का सैलाब पहाड़ों से नीचे बस्तियों की ओर दौड़ पड़ा।

लोगों की नींद धमाकों से टूटी और जब तक कुछ समझ पाते, घरों में पानी और कीचड़ घुस चुका था। लोग बच्चों और बुजुर्गों को संभालते हुए अंधेरे में जान बचाने के लिए दौड़ पड़े। चीख-पुकार के बीच कई लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने में कामयाब हुए, लेकिन कुछ इस मंजर में हमेशा के लिए खो गए।

बाढ़ में बहे मजदूर, बहा पंचायत भवन

देहरादून के पास खनन कार्य में लगे 15 मजदूर ट्रैक्टर ट्रॉली समेत मोठ नदी में बह गए। शाम तक इनमें से 8 के शव बरामद कर लिए गए, जबकि बाकी की तलाश जारी है। उधर, सुबह चार बजे एक बार फिर भारी बारिश हुई और मंझाड़ा गांव में पंचायत भवन मलबे की चपेट में आ गया। वहां मौजूद चार लोग बह गए, जिनमें से सिर्फ एक को जिंदा बचाया जा सका।

संपत्तियों का भारी नुकसान, सड़कें ठप

कार्लीगाड़ में 6-7 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं और चार अन्य घर आंशिक रूप से टूट चुके हैं। जल संस्थान का वाटर टैंक, दो पुल और सड़कें बह गईं। सहस्रधारा क्षेत्र में 25 से 30 दुकानों के साथ कई होटल और रिजॉर्ट तबाह हो गए हैं। एक रिजॉर्ट की दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। देहरादून से मसूरी जाने वाला मुख्य मार्ग भी कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गया है।

मवेशियों और फसलों का भी भारी नुकसान

गांवों में खड़ी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। कई मवेशी मलबे में दबकर मर चुके हैं। कार्लीगाड़ गांव के 45 परिवारों में से अधिकतर को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। चामासारी स्कूल को अस्थायी राहत शिविर में तब्दील कर दिया गया है।

प्रशासन की रेस्क्यू कार्रवाई जारी

जिलाधिकारी सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह ने खुद प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। प्रशासन ने राहत शिविर में रह रहे परिवारों को आश्वासन दिया है कि अगर वे किराए पर किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट होना चाहें, तो तीन महीने तक हर परिवार को ₹4000 किराया सहायता दी जाएगी।

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। अब तक करीब 70 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया जा चुका है।

अब भी बना है खतरा, बारिश का अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने देहरादून और आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।

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Navratri 2025: मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि में अपनाएं ये अचूक उपाय

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Navratri Vidhi – Vidhan 2025: भारत में हर साल दो बार नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि दोनों ही बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती हैं। कुछ ही दिनों में नवरात्रि शुरू होने वाली है और इसे लेकर कई मान्यताएँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि नवरात्रि का पावन पर्व देवी दुर्गा की आराधना का विशेष समय होता है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस दौरान कुछ खास अनुष्ठान करने से भक्तों पर उनकी असीम कृपा होती है। अगर आप भी देवी दुर्गा की कृपा पाना चाहते हैं, तो यहां कुछ सरल और चमत्कारी उपाय दिए गए हैं जो आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति ला सकते हैं।

1. कलश स्थापना और पूजा

  • नियम और विधि –  नवरात्र के पहले दिन, यानी प्रतिपदा को, शुभ मुहूर्त में कलश की स्थापना करें। कलश में जल भरकर उसमें सिक्का, सुपारी, अक्षत, लौंग और इलायची डालें। कलश के मुख पर आम के पत्ते और नारियल रखें।
  • महत्व –  माना जाता है कि कलश में समस्त देवी-देवता और तीर्थों का वास होता है, जो घर में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं।

2. अखंड ज्योत जलाना

  • विधि – पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के सामने अखंड ज्योत जलाएं। यह ज्योत शुद्ध घी या तेल से जलाई जा सकती है।
  • महत्व – अखंड ज्योत को मां दुर्गा के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है। यह घर से नकारात्मकता को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

3. दुर्गा सप्तशती का पाठ

  • विधि – नवरात्र के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत फलदायी होता है। यदि पूरा पाठ न कर सकें, तो कम से कम सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।
  • महत्व – यह पाठ मां दुर्गा की शक्ति और महिमा का वर्णन करता है, और इसे करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

4. कन्या पूजन

  • विधि – अष्टमी या नवमी तिथि को नौ कन्याओं का पूजन करें। उन्हें घर बुलाकर भोजन कराएं, दक्षिणा दें और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
  • महत्व – कन्याओं को मां दुर्गा का साक्षात स्वरूप माना जाता है। उनका पूजन करने से मां दुर्गा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

5. लौंग का जोड़ा और कपूर

  • विधि – मां दुर्गा की आरती करते समय लौंग का एक जोड़ा और कपूर जलाएं।
  • महत्व – यह उपाय घर से सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने और धन-समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है। आपको बता दें, इन उपायों को श्रद्धापूर्वक करने से मां दुर्गा की कृपा आप पर सदैव बनी रहेगी।

Supreme Court News: ‘जाओ, भगवान से स्वयं कुछ करने के लिए कहो…’, सुप...

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Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर में भगवान विष्णु की सात फुट लंबी टूटी मूर्ति को ठीक करने या नई मूर्ति स्थापित करने की याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका राकेश दालाल द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने दावा किया था कि मुगलों के हमलों में मूर्ति का सिर टूट गया था, और भक्तों को पूजा करने का उनका अधिकार प्रभावित हो रहा है।

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CJI ने याचिका को ‘पब्लिसिटी का हथकंडा’ बताया- Supreme Court News

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी आर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई के दौरान इसे ‘पब्लिसिटी का हथकंडा’ करार दिया। CJI गवई ने याचिकाकर्ता से कहा, “यह सिर्फ पब्लिसिटी के लिए किया जा रहा है… जाओ, भगवान विष्णु से खुद कहो कि कुछ करें। अगर तुम उनके इतने बड़े भक्त हो, तो प्रार्थना करो, ध्यान लगाओ।”

ASI को सौंपा गया फैसला

कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि खजुराहो मंदिर की देखभाल पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के जिम्मे है और मूर्ति की स्थिति को ठीक करने का निर्णय उसी पर निर्भर करेगा। सीजेआई ने कहा, “यह पुरातत्व की चीज़ है, और एएसआई को तय करना है कि मूर्ति ठीक होगी या नहीं।” इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी सुझाव दिया कि यदि भक्तों को पूजा में कोई समस्या नहीं है, तो वे मंदिर में स्थित शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं।

याचिकाकर्ता का दावा और कोर्ट का जवाब

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में पेश की गई मूर्ति की तस्वीर में भगवान विष्णु के सिर को पूरी तरह से टूटने का दावा किया। उन्होंने कहा कि मूर्ति का सिर क्षतिग्रस्त होने के कारण पूजा में रुकावट आ रही है, जो भक्तों के हक का उल्लंघन है। हालांकि, कोर्ट ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एएसआई ने पहले ही यह स्पष्ट किया है कि मूर्ति को बदलने का कोई सवाल नहीं है क्योंकि यह संरक्षण नियमों के खिलाफ है।

कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई यूजर्स ने CJI के बयान को हिंदू आस्थाओं का अपमान बताया। शशांक शेखर झा ने ट्वीट किया, “हिंदुस्तान में एक हिंदू भगवान विष्णु की टूटी मूर्ति ठीक करने की गुहार लगाता है, और सीजेआई न सिर्फ मदद करने से मना करते हैं, बल्कि भक्त की आस्था का मजाक उड़ाते हैं।”

एडवोकेट विनीत जिंदल ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “यह शर्मनाक है कि CJI ने भगवान के संदर्भ में इस तरह की टिप्पणी की। अगर किसी अन्य धर्म के संदर्भ में ऐसा होता, तो क्या वे इस तरह के शब्द कह सकते थे? निश्चित ही नहीं।”

क्या यह मामला अब सियासी रंग ले सकता है?

इस मामले ने अब एक सियासी मोड़ ले लिया है। कई लोग यह मांग कर रहे हैं कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करें और भगवान विष्णु की मूर्ति की मरम्मत की दिशा में कदम उठाएं। जानकारों का मानना है कि हालांकि एएसआई के नियम सख्त हैं, लेकिन भक्तों की आस्था और भावनाओं को भी महत्व देना चाहिए।

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भोजपुरी एक्ट्रेस Vannu D Great का छलका दर्द, पति मनी मेराज पर लगाए गंभीर आरोप

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Vannu D Great: भोजपुरी सिनेमा की जानी-मानी एक्ट्रेस और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर वन्नू डी’ग्रेट इन दिनों अपनी प्रोफेशनल नहीं, बल्कि पर्सनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने एक इमोशनल वीडियो शेयर कर यह दावा किया है कि उनकी शादी एक्टर मनी मेराज से हुई थी, लेकिन अब वो उन्हें छोड़कर चले गए हैं और इस रिश्ते को स्वीकार भी नहीं कर रहे।

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वीडियो में छलका दर्द: “आप जहां हैं, वापस आ जाइए” Vannu D Great

वन्नू ने अपने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट करते हुए भावुक अंदाज में मनी मेराज से अपील की कि वो वापस आ जाएं। उन्होंने कहा,

“मेराज, आप जहां भी हैं, वापस आ जाइए। आपके मम्मी-पापा से भी यही कहना है कि हम लोग पति-पत्नी हैं। मैंने आपकी बात मानकर अब तक ये सब छिपाकर रखा था।”

 

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वीडियो में वन्नू लगातार रोती नजर आती हैं। उनका कहना है कि लोग पहले ही उन्हें इस रिश्ते को लेकर आगाह कर चुके थे, लेकिन उन्होंने सब कुछ नजरअंदाज किया क्योंकि उन्हें मनी मेराज पर भरोसा था।

“लोग बोले थे छोड़ देगा, लेकिन मैंने किसी की नहीं सुनी”

वन्नू ने कहा कि लोग उन्हें चेतावनी देते थे कि चूंकि मनी मेराज मुसलमान हैं, इसलिए वो एक दिन उन्हें छोड़ देंगे।

“लोग कहते थे कि ये जिहादी है, मुसलमान है, सच्चा नहीं है। एक दिन जरूर छोड़ देगा। लेकिन मैंने कभी धर्म के आधार पर किसी को नहीं परखा। मैं आज भी नहीं मानती कि वो इसलिए छोड़ गया।”

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई है। कुछ लोग वन्नू का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ सवाल उठा रहे हैं कि क्या वाकई दोनों की शादी हुई थी।

अभी तक नहीं आया मनी मेराज या उनके परिवार का रिएक्शन

वन्नू के वीडियो के सामने आने के बाद से अब तक मनी मेराज या उनके परिवार की ओर से कोई भी आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। न ही शादी को लेकर उन्होंने कोई पुष्टि की है, न ही इन आरोपों का खंडन किया है।

कौन हैं मनी मेराज?

मनी मेराज भोजपुरी इंडस्ट्री में एक उभरता हुआ नाम हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब वीडियो से की थी। बताया जाता है कि एक समय वो चिकन बेचकर जीवन गुजारते थे, लेकिन सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने अपने टैलेंट को दिखाया और फिर भोजपुरी फिल्मों में एंट्री मिल गई।

वन्नू डी’ग्रेट की सोशल मीडिया मौजूदगी

वन्नू एक्ट्रेस के साथ-साथ सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 7.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं और वो अपने ग्लैमरस अंदाज और एक्टिविटी के लिए जानी जाती हैं। उनका यह वीडियो देखकर फैन्स भी काफी इमोशनल हो गए हैं।

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