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UP Crime News: सुहागरात पर हुआ बड़ा खेल! घूंघट हटते ही दूल्हे से लूटी गई जिंदगी, जानि...

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UP Crime News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के म्योरपुर में एक दिलचस्प और चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दूल्हे के सपने तब चकनाचूर हो गए जब शादी के मंडप में घूंघट उठते ही एक लूट का साजिश खुल गई। पुलिस ने उस कुख्यात ‘लुटेरी दुल्हन गैंग’ का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी शादी कर दूल्हों को लूटकर फरार हो जाता था। इस गैंग ने कई शादियों के दौरान लूट की वारदातों को अंजाम दिया था, और अब इसका खुलासा पुलिस ने किया है।

म्योरपुर पुलिस ने इस गैंग की मुख्य सदस्य 23 वर्षीय रानी कुमारी को उसी लाल जोड़े में गिरफ्तार किया, जिसे पहनकर उसने 29 अक्टूबर को राजस्थान के रहने वाले रमेश कुमार से नकली फेरे लिए थे। पुलिस ने रानी के साथ उसकी मां माया देवी (50) और कथित पति रवि रंजन मौर्या (26) को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने जेवरात, नकदी और कई अन्य सामान बरामद किए।

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रानी कुमारी की गिरफ्तारी- UP Crime News

रानी कुमारी को पुलिस ने रात 2 बजे छापेमारी कर पकड़ा। एसपी अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में एएसपी त्रिभुवननाथ त्रिपाठी और सीओ राजेश कुमार राय की टीम ने थानाध्यक्ष कमल नयन दूबे के साथ सुपाचुआ में रानी के घर पर छापा मारा। रानी उस समय अपने बिस्तर पर लाल जोड़े में सो रही थी, जब पुलिस ने उसे धर दबोचा। पुलिस ने घर से सोने का मंगलसूत्र, चाँदी की पायल, ₹9,500 नकद, मोबाइल और खून के धब्बों वाले कपड़े जब्त किए।

पीड़ित दूल्हे का बयान

पीड़ित दूल्हे रमेश कुमार ने बताया कि शादी के बाद की रात, जब वो अपनी पत्नी के साथ सुहागरात के पल बिता रहा था, तभी रानी ने उसे चाकू दिखाकर धमकी दी, “चिल्लाया तो गला रेत दूंगी।” इसके बाद, रानी की मां माया देवी ने तुरंत सभी सामान समेटने शुरू कर दिए और भागने की योजना बनाई। जब पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ₹1.5 लाख और जेवर लूटे थे और बेचने के लिए रॉबर्ट्सगंज जाने वाले थे।

गैंग का असली सरगना फरार

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि रानी कुमारी पहले से ही रवि रंजन मौर्या की पत्नी थी, और यह गैंग कई राज्यों में नकली शादियां कर चुका था। रानी और उसकी मां का यह गैंग हर बार नया नाम और नया दूल्हा लेकर उसी पुरानी स्क्रिप्ट के साथ लूट की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस अब गैंग के फरार सरगना कृष्णा मौर्या और राजू माली की तलाश कर रही है, और जिलेभर में नाकेबंदी कर दी गई है।

पुलिस की जांच और चेतावनी

पुलिस को शक है कि यह गिरोह अब तक कई और दूल्हों को शिकार बना चुका है, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। पुलिस अब उन दूल्हों की तलाश में जुटी है जो इस गैंग का शिकार हुए हैं। एसपी अभिषेक वर्मा ने चेतावनी दी है कि शादी के नाम पर ठगी करने वाले अब जेल में ही अपनी सुहागरात मनाएंगे। पुलिस की टीम ने इस मामले में काफी सतर्कता बरती है और पूरे मामले की जांच जारी है।

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Sulakshana Pandit Death: 9 साल की उम्र में गाया पहला गाना, संजीव कुमार के इनकार के बा...

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Sulakshana Pandit Death: बॉलीवुड की पॉपुलर सिंगर और एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित का गुरुवार शाम, 7 नवंबर 2025 को निधन हो गया। वे 71 वर्ष की थीं और उनका निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ। सुलक्षणा पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं और उनका इलाज मुंबई के नानावटी अस्पताल में चल रहा था। हालांकि, अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने आखिरी सांस ली।

परिवार ने जानकारी दी कि सुलक्षणा पंडित का अंतिम संस्कार शुक्रवार, 8 नवंबर को विले पारले के पवन हंस श्मशान घाट में दोपहर 1 बजे किया जाएगा।

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म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री में योगदान- Sulakshana Pandit Death

सुलक्षणा पंडित का जन्म 12 जुलाई 1954 को एक संगीतकार परिवार में हुआ था। उनके चाचा पंडित जसराज जैसे महान शास्त्रीय गायक थे, और उनके भाई जतिन और ललित मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर्स के रूप में पहचान बना चुके हैं। उनकी बहन विजयता पंडित भी अभिनेत्री और गायिका रही हैं।

सुलक्षणा ने महज 9 साल की उम्र में गाना शुरू किया था और बहुत जल्द ही अपनी गायन कला से पहचान बनाई। 1967 में, उन्होंने फिल्म ‘तकदीर’ में लता मंगेशकर के साथ “सात समुंदर पार से” गाना गाया, जो बेहद लोकप्रिय हुआ। इसके बाद उन्होंने कई हिट गाने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, येशुदास, और उदित नारायण जैसे दिग्गज गायकों के साथ गाए।

साल 1975 में ‘संकल्प’ फिल्म के गाने ‘तू ही सागर है तू ही किनारा’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। इसके बाद उनका संगीत सफर और भी शानदार हो गया। 1980 में उनका एल्बम ‘जज्बात’ (HMV) रिलीज हुआ, जिसमें उन्होंने गज़लें गाईं।

संगीत का जुनून, विदेश में भी छाई सफलता

सुलक्षणा ने केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी गायकी का जलवा दिखाया। 1986 में उन्होंने लंदन के रॉयल अल्बर्ट हॉल में फेस्टिवल ऑफ इंडियन म्यूजिक में शानदार प्रस्तुति दी। उनकी आवाज़ आखिरी बार 1996 में ‘खामोशी: द म्यूजिकल’ के गाने ‘सागर किनारे भी दो दिल’ में सुनाई दी, जिसे उनके भाइयों ने कंपोज़ किया था।

अभिनय का सफर और बड़े कलाकारों के साथ काम

सुलक्षणा पंडित का अभिनय करियर 1970 और 80 के दशक में अपने चरम पर था। फिल्मी दुनिया में उनका सफर 1975 में फिल्म ‘उलझन’ से शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने कई नामी फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘संकोच’, ‘खंजर’, ‘बजरंग बली’, ‘भोला भाला’, ‘बंधन कच्चे धागे’, और ‘हेरा फेरी’ जैसी फिल्में शामिल हैं। सुलक्षणा ने उस दौर के सभी बड़े सितारों जैसे राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, शशि कपूर, संजीव कुमार, और शत्रुघ्न सिन्हा के साथ स्क्रीन शेयर की।

संजीव कुमार के साथ अधूरी प्रेम कहानी

सुलक्षणा की निजी ज़िंदगी में एक गहरी कहानी छिपी हुई थी, खासकर उनके प्रेम संबंध के बारे में जो कभी पूरे नहीं हो पाए। कहा जाता है कि वह अभिनेता संजीव कुमार से बहुत प्यार करती थीं। 1975 में, फिल्म ‘उलझन’ के दौरान उनका प्यार परवान चढ़ा और उन्होंने संजीव कुमार से शादी का प्रस्ताव रखा। हालांकि, संजीव कुमार ने इसे अस्वीकार कर दिया क्योंकि वह हेमा मालिनी से एकतरफा प्रेम करते थे।

संजीव कुमार का यह इनकार सुलक्षणा के लिए एक बड़ा झटका था। इसके बाद उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का फैसला लिया और अपना जीवन अकेलेपन में बिताया। संजीव कुमार की मौत के बाद, सुलक्षणा मानसिक रूप से बहुत प्रभावित हुईं और वह अपनी बहन विजयता पंडित के साथ रहने लगीं।

संजीव कुमार और सुलक्षणा पंडित की 40 साल पुरानी संयोग

एक संयोग के रूप में यह देखा जा सकता है कि संजीव कुमार का निधन 6 नवंबर 1985 को हुआ था और ठीक 40 साल बाद, 6 नवंबर 2025 को सुलक्षणा पंडित का निधन हुआ। यह एक दिलचस्प और भावनात्मक संयोग है जो सुलक्षणा के जीवन की कई अधूरी कहानियों और यादों को और भी गहरा कर देता है।

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Vande Mataram History: वंदे मातरम गीत पूरे हुए 150 साल, जानें इसे लिखने के पीछे का इत...

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Vande Mataram History: आज, 7 नवंबर 2025 को, भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना को 150 साल पूरे हो गए हैं। यह गीत, जिसे कभी देश के स्वतंत्रता सेनानियों का अमर नारा माना जाता था, आज भी हमारे मातृभूमि के प्रति प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। वंदे मातरम की कहानी एक साधारण कविता से राष्ट्रीय गीत बनने तक की यात्रा की मिसाल है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।

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वंदे मातरम की शुरुआत और प्रकाशन– Vande Mataram History

वंदे मातरम की रचना 7 नवंबर 1875 को बंगाली साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी। सबसे पहले यह गीत बंगाली मासिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में धारावाहिक के रूप में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद 1882 में बंकिम चंद्र ने इसे अपने प्रसिद्ध उपन्यास ‘आनंदमठ’ में शामिल किया। इस उपन्यास की कहानी संन्यासियों के एक समूह पर आधारित थी, जो मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार थे। यहां मातृभूमि को देवी मां के रूप में पूजा गया और देशभक्ति को धर्म के रूप में प्रस्तुत किया गया।

रवींद्रनाथ टैगोर और वंदे मातरम का संगीत

वंदे मातरम को संगीतबद्ध कर देश के सामने पेश करने का काम महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने किया। 1896 में कलकत्ता कांग्रेस अधिवेशन में उन्होंने इसे पहली बार सार्वजनिक रूप से गाया। इसके बाद यह गीत 7 अगस्त 1905 को राजनीतिक नारे के रूप में भी उभरा और बंगाल में विभाजन विरोधी आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन के दौरान इसे विरोध का प्रतीक बना लिया गया।

वंदे मातरम और स्वतंत्रता संग्राम

वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का अमर प्रतीक बन गया। नवंबर 1905 में पश्चिम बंगाल के रंगपुर इलाके के स्कूल में 200 छात्रों पर इसे गाने के लिए 5-5 रुपये का जुर्माना लगाया गया, लेकिन इससे आंदोलन की चिंगारी और भी तेज हो गई। महाराष्ट्र के धुलिया इलाके में 1906 में आयोजित बड़ी सभा में भी यह गीत गूंज उठा। लोकमान्य तिलक के जेल जाते समय सैकड़ों आंदोलनकारियों ने वंदे मातरम गाया, जिससे ब्रिटिश प्रशासन दहल उठा।

कलकत्ता में अक्टूबर 1905 में बंदे मातरम संगठन की स्थापना की गई। इस संगठन के सदस्य हर रविवार प्रभात फेरी निकालते हुए वंदे मातरम गाते थे। लोग स्वेच्छा से दान भी देते थे, और रवींद्रनाथ टैगोर भी कई बार इन फेरी में शामिल हुए। 20 मई 1906 को बारीसाल में आयोजित एक जुलूस में दस हजार से ज्यादा लोग पहुंचे। यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने साथ मिलकर वंदे मातरम के झंडे और नारों के साथ प्रदर्शन किया।

अंतर्राष्ट्रीय पहचान

1907 में मैडम भीकाजी कामा ने स्टटगार्ट, बर्लिन में पहला तिरंगा झंडा फहराया, जिस पर वंदे मातरम लिखा था। यह गीत भारत में राष्ट्रवादी आंदोलन को जगाने और ब्रिटिश शासन के विरोध में एक मजबूत हथियार बन गया। इसके प्रचार-प्रसार के लिए बिपिन चंद्र पाल ने अंग्रेज़ी में ‘वंदे मातरम’ नामक अखबार निकाला, जिसमें बाद में अरबिंदो भी संयुक्‍त संपादक बने।

राष्ट्रीय गीत का दर्जा

कांग्रेस के वाराणसी अधिवेशन में वंदे मातरम को पूरे भारत के समारोहों के लिए अपनाया गया। अंततः 24 जनवरी 1950 को इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया गया। आज भी यह गीत देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति अपार सम्मान का प्रतीक है।

150 साल का जश्न

केंद्र सरकार ने वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के मौके पर पूरे देश में एक साल तक समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देशभर में आयोजित विशेष कार्यक्रमों की शुरुआत की। 150 साल बाद भी वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं है, यह उन अनगिनत क्रांतिकारियों और देशभक्तों की गाथा है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना भारत को स्वतंत्र कराने के लिए संघर्ष किया। यह गीत आज भी हमें याद दिलाता है कि मातृभूमि के लिए प्रेम और समर्पण की भावना कभी कम नहीं हो सकती।

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Two Much OTT: ‘बूढ़े अफेयर छिपाने में माहिर हैं!’ ट्विंकल खन्ना के बोल्ड अंदाज ने काज...

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Two Much OTT: बॉलीवुड की पॉपुलर एक्ट्रेसेस ट्विंकल खन्ना और काजोल इन दिनों अपने हॉट टॉक शो ‘टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल’ को लेकर सुर्खियों में हैं। हर एपिसोड में दोनों अपनी मजेदार बातचीत और चुटीले सवाल-जवाबों से दर्शकों का मनोरंजन कर रही हैं। हालिया एपिसोड में फराह खान और अनन्या पांडे गेस्ट के रूप में शामिल हुए और इस एपिसोड ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। शो में सिर्फ हंसी ही नहीं, बल्कि रिश्तों और अफेयर्स जैसे संवेदनशील विषयों पर भी खुलकर चर्चा हुई।

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‘बुजुर्ग अफेयर छिपाने में माहिर’- Two Much OTT

शो के फेमस सेगमेंट ‘एग्री-डिसएग्री’ में ट्विंकल और काजोल ने गेस्ट्स से सवाल किया, “क्या बुजुर्ग लोग अपने अफेयर छिपाने में नौजवानों से बेहतर होते हैं?” ट्विंकल खन्ना तुरंत इस बात से सहमत दिखीं और हंसते हुए कहा,
“उम्रदराज लोग इसमें ज्यादा बेहतर हैं, उन्हें प्रैक्टिस होती है।”

इस पर फराह और अनन्या ने भी सहमति जताई, लेकिन काजोल ने अपनी राय रखते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि युवा लोग अपनी जिंदगी की हर बात छुपाने में ज्यादा माहिर हैं। अनन्या ने सोशल मीडिया का हवाला देते हुए कहा कि आजकल सब कुछ जल्दी ही सामने आ जाता है। वहीं फराह खान ने चुटकी लेते हुए कहा कि युवा लोग तब भी अक्सर अपनी हर बात पोस्ट कर देते हैं, जब वह प्यार में भी नहीं होते।

कपड़ों से तेज पार्टनर बदलना

बात आगे बढ़ी एक और मजेदार स्टेटमेंट की ओर – “आज के बच्चे अपने कपड़ों से भी तेज अपने पार्टनर बदलते हैं।” ट्विंकल खन्ना इस पर सहमत हुईं और इसे सकारात्मक रूप में देखती हैं। उन्होंने कहा,
“हमारे जमाने में लोग सोचते थे, ‘लोग क्या कहेंगे?’ लेकिन आजकल युवा सोचते हैं, ‘नहीं चल रहा तो आगे बढ़ो।’ यह अच्छी बात है।”

अनन्या पांडे ने भी ट्विंकल से सहमति जताई और कहा कि पार्टनर बदलना कोई नई बात नहीं है, बस पहले यह सब छुपाकर किया जाता था। ट्विंकल ने इसे आज की आज़ादी और खुलेपन के रूप में देखा।

शादी, अफेयर और अनुभव की बातें

यह पहला मौका नहीं है जब शो ने रिश्तों और अफेयर्स जैसे विवादास्पद विषय को छुआ है। इससे पहले एक एपिसोड में ट्विंकल और काजोल ने कहा था कि शादी में फिजिकल इंफिडेलिटी (शारीरिक बेवफाई) जरूरी नहीं कि रिश्ते तोड़ दे। उन्होंने बताया कि इमोशनल चीटिंग फिजिकल से ज्यादा बड़ा असर डालती है।

ट्विंकल खन्ना और अक्षय कुमार की शादी को 24 साल पूरे हो चुके हैं, जबकि काजोल और अजय देवगन की शादी जल्द ही 27 साल की होने जा रही है। दोनों की शादीशुदा जिंदगी और उनके अनुभव ही उन्हें आज अपने शो में इस तरह खुलकर बातचीत करने का आत्मविश्वास देता है।

सोशल मीडिया पर चर्चा और दर्शकों की प्रतिक्रिया

लेटेस्ट एपिसोड में अफेयर्स और रिश्तों पर खुलकर बातचीत ने सोशल मीडिया पर कई मीम्स और टिप्पणियों की बौछार ला दी। दर्शक ट्विंकल और काजोल के हास्य और अनुभव भरे अंदाज को पसंद कर रहे हैं। फैंस को यह शो इसलिए भी खास लगता है क्योंकि इसमें बॉलीवुड की बड़ी हस्तियों के व्यक्तिगत अनुभव और जीवन के अनुभवों को मजेदार अंदाज में पेश किया जाता है।

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Zubeen Garg Murder mystery: जुबिन गर्ग की मौत का पर्दाफाश! CID जांच में उजागर हुई जहर...

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Zubeen Garg Murder mystery: असम और पूरे उत्तर-पूर्व के संगीत प्रेमियों के लिए 19 सितंबर की तारीख हमेशा दुख की याद बनकर रह जाएगी। मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग की अचानक मौत ने सभी को सदमा पहुंचाया था। शुरू में यह माना गया कि सिंगापुर में उनका निधन एक हादसे में हुआ, लेकिन अब एसआईटी की जांच और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की पुष्टि ने मामला पूरी तरह बदल दिया है। उनके अनुसार, जुबिन की मौत किसी हादसे की वजह से नहीं, बल्कि साजिश के तहत की गई हत्या थी।

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जांच में सामने आई साजिश- Zubeen Garg Murder mystery

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने जानकारी दी कि जुबिन गर्ग की मौत के मामले में पाँच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन सभी के खिलाफ हत्या की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में 8 दिसंबर तक चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। हालांकि, एसआईटी की अंतरिम रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। इसका कारण यह बताया गया कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है।

जुबिन का मौत का मामला जटिल है। सिंगापुर में उनका पहला पोस्टमार्टम हुआ और बाद में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में दूसरा। दोनों रिपोर्टें अब असम पुलिस की सीआईडी और जुबिन की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग के पास हैं। बीते शनिवार सीआईडी की एडिशनल एसपी मोरामी दास खुद रिपोर्ट लेकर जुबिन के घर गईं, लेकिन गरिमा ने इसे वापस पुलिस को सौंप दिया। उनका कहना था कि जांच सीआईडी कर रही है, इसलिए वही तय करें कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करना है या नहीं।

बैंडमेट्स के बयान: मौत की गुत्थी

जुबिन के बैंडमेट्स के बयान इस केस में नई रहस्य की परतें खोल रहे हैं। शेखर ज्योति गोस्वामी, जो यॉट पर जुबिन के साथ मौजूद थे, ने सीआईडी के सामने कहा कि जुबिन की मौत डूबने से नहीं बल्कि जहर देने से हुई। उनका आरोप था कि यॉट पर जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा ने पूरी घटना पर नियंत्रण कर रखा था और जब जुबिन पानी में उतरे, तब उनकी तबीयत बिगड़ गई। शेखर ने दावा किया कि सिद्धार्थ ने अन्य लोगों को मदद करने से रोका और जुबिन को जाने दिया।

हालांकि, इस बयान में विरोधाभास भी है। शेखर खुद अब इस केस में आरोपी हैं। जुबिन की पत्नी गरिमा ने सवाल उठाया कि अगर शेखर सच में जहर देने की बात जानते थे, तो उन्होंने 15 दिन तक पुलिस को क्यों नहीं बताया।

पार्थो प्रतिम, जुबिन के एक अन्य बैंडमेट ने भी इस मामले में बयान दिया। उन्होंने बताया कि जुबिन को यॉट में जाने के पहले रात भर पार्टी में रखा गया और उनकी तबीयत बिगड़ने के बावजूद उन्हें समुद्र में तैरने भेजा गया।

पैसों और विवाद का पृष्ठभूमि

जुबिन की मौत के पीछे पैसों का विवाद भी सामने आया है। नॉर्थ ईस्ट इंडिया कल्चरल फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता का नाम इस मामले में आया है। आरोप है कि पैसों के झगड़े के कारण ही जुबिन को सिंगापुर बुलाया गया और उनकी मौत को हादसा दिखाने की कोशिश की गई।

सीआईडी की कार्रवाई

अब तक सीआईडी ने जुबिन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, ऑर्गेनाइजर श्याम कानू महंता, बैंडमेट शेखर ज्योति गोस्वामी और सिंगर अमृत प्रीतम को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों के मोबाइल जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। इसमें यॉट पर जुबिन की तैराकी का आखिरी वीडियो भी शामिल है। सीआईडी 19 सितंबर की रात के सभी वीडियो और साक्ष्यों की तलाश कर रही है।

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक और बड़ा खुलासा किया कि सीआईडी अब सिंगापुर नहीं जाएगी, बल्कि भारत में ही इस केस की पूरी जांच पूरी की जाएगी।

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Sikhism in Virginia: गुरुद्वारों की शांति से क्लासरूम तक, वर्जीनिया में सिख धर्म की अ...

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Sikhism in Virginia: कल्पना कीजिए, आप वर्जीनिया के रिचमंड शहर में चलते हैं। चारों तरफ शहर की हलचल, कारों की आवाज़, और अचानक आप पहुँच जाते हैं एक शांत, हरे-भरे जंगल के बीच, जहाँ एक गुरुद्वारा खड़ा है। यहाँ कदम रखते ही मन को अजीब सी शांति मिलती है।

यहीं से शुरू होती है वर्जीनिया के सिख समुदाय की कहानी एक ऐसा समुदाय जो अपने विश्वास, परंपरा और सेवा के मूल्यों को न केवल अपने गुरुद्वारों में निभाता है, बल्कि अब स्कूलों और क्लासरूम तक भी पहुंचा है। सिख लोगों का छोटा सा, मगर प्रभावशाली समुदाय, जो अपनी कहानियों और योगदान के जरिए अब पूरे राज्य में अपनी पहचान बना रहा है। आईए आपको वर्जीनिया और उसमें बसे सिख समुदाय के बारे में बताता हैं विस्तार से।

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वर्जीनिया कहां हैं? (Sikhism in Virginia)

आईए पहले वर्जीनिया की बात करते हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर Commonwealth of Virginia कहा जाता है, अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी और मिड-एटलांटिक क्षेत्र में स्थित है। अटलांटिक कोस्ट और एपलाचियन पर्वतों के बीच बसा यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। राजधानी रिचमंड और सबसे अधिक आबादी वाला शहर वर्जीनिया बीच हैं। वर्जीनिया की सबसे बड़ी आबादी फेयरफैक्स काउंटी में रहती है, जो नॉर्दर्न वर्जीनिया का हिस्सा है। कुल मिलाकर राज्य की आबादी 8.8 मिलियन से अधिक है।

आपको बता दें, इस राज्य में लगभग 6,792 सिख समुदाय के लोग रहते हैं, जो यहां की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

रिचमंड का शांत गुरुद्वारा

आइए आपको वर्जीनिया राज्य की राजधानी रिचमंड के गुरुद्वारे की कहानी सुनाती हूँ। यह गुरुद्वारा शहर के दक्षिण में, चिपेनहम पार्कवे के पास, 33 एकड़ के घने हरे-भरे जंगल में छुपा हुआ है। जैसे ही आप यहां कदम रखते हैं, आपको एक अलग ही शांति का एहसास होता है।

यहां के मुख्य ग्रंथी भाई कुलजीत सिंह हैं, और कीर्तन जथा में भाई हरजिंदर सिंह, भाई हरमनप्रीत सिंह और भाई दसमेश सिंह शामिल हैं। गुरुद्वारे में आप दिन में किसी भी समय आ सकते हैं। हर रविवार को प्रार्थना होती है, और उसके बाद होता है लंगर, यानी सामुदायिक भोजन।

लेकिन यह गुरुद्वारा हमेशा से नहीं था। शुरुआत में, सिख सेवाएँ महीने में केवल एक बार, अलग-अलग कम्युनिटी सेंटरों में होती थीं। तब कोलोनल सुरजीत सिंह बावा इसका नेतृत्व करते थे। 1984 में समुदाय ने सोचा कि क्यों न एक औपचारिक संगठन बनाया जाए और Sikh Association of Central Virginia (SACVI) की नींव रखी गई।

जैसे-जैसे लोगों की संख्या बढ़ी, चेस्टरफील्ड काउंटी में जमीन खरीदी गई और गुरुद्वारे का निर्माण 2000 में शुरू हुआ। 2002 में निर्माण पूरा हुआ और 2003 में भाई कुलजीत सिंह जी ग्रंथी के रूप में जुड़ गए।

शिक्षा में सिख धर्म का ऐतिहासिक कदम

अब यह कहानी सिर्फ गुरुद्वारों तक ही नहीं रुकी। वर्जीनिया ने हाल ही में अपने इतिहास और सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रमों में सिख धर्म को शामिल करने का निर्णय लिया। यह कदम छात्रों को न सिर्फ सिख धर्म के बारे में बताने वाला है, बल्कि उन्हें धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता को समझने का अवसर भी देगा।

सिख कोएलिशन के शिक्षा निदेशक हरमन सिंह कहते हैं,
“यह पहला कदम है जो छात्रों को कट्टरता और डराने-धमकाने से दूर रखने में मदद करेगा। इससे वे धार्मिक अज्ञानता से बचेंगे और समाज में बेहतर इंसान बनेंगे।”

सिख समुदाय के सदस्य दलजीत सिंह साहनी इसे ऐतिहासिक कहते हैं। उनका कहना है,
“अब छात्रों को पता चलेगा कि सिख अमेरिकियों ने अपने देश और समाज में कितना योगदान दिया। यह कदम सिखों की आवाज़ को सार्वजनिक रूप से मान्यता देगा।”

अमेरिका भर में सिख धर्म की पढ़ाई

वर्जीनिया अकेला नहीं है। अमेरिका के 17 राज्यों में अब स्कूलों में सिख धर्म पढ़ाया जाता है। इससे पहले यूटा और मिसिसिपी ने अपने सामाजिक अध्ययन पाठ्यक्रम में सिख धर्म और उसकी परंपराओं को शामिल किया। यूटा में लगभग 6,06,000 छात्रों और मिसिसिपी में 4,57,000 छात्रों को इसके बारे में पढ़ने का मौका मिला।

गुरुद्वारा से क्लासरूम तक

तो देखिए, वर्जीनिया में सिख धर्म सिर्फ गुरुद्वारों की प्रार्थनाओं तक ही सीमित नहीं रहा। अब यह क्लासरूम तक पहुँच गया है, जहां युवा पीढ़ी सिख धर्म के मूल्यों, उनकी सेवा और योगदान को समझ सकती है।

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Mohammed Shami IND vs SA: साउथ अफ्रीका सीरीज से बाहर 5 दिग्गज! मोहम्मद शमी तक हुए बाह...

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Mohammed Shami IND vs SA: भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ 14 नवंबर से शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए बीसीसीआई ने रविवार देर रात स्क्वॉड जारी किया। लेकिन इस टीम में कुछ ऐसे दिग्गज खिलाड़ियों का नाम नहीं था, जिनकी वापसी का फैंस लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। अब ऐसा लगता है कि इन खिलाड़ियों का टीम इंडिया में दोबारा खेलना लगभग नामुमकिन हो गया है। कुछ के तो करियर को खुद उन्होंने ‘गेम ओवर’ मान लिया है।

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हनुमा विहारी – संघर्ष के बाद भी अनदेखी (Mohammed Shami IND vs SA)    

2022-23 की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया के लिए कई बार संकटमोचक साबित हुए हनुमा विहारी का करियर भी रुक गया है। 32 साल के इस बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में लंबे संघर्ष के बाद टीम में जगह बनाई थी और कई बार मैच बचाने वाली पारियां खेलीं, लेकिन अब वे चयनकर्ताओं की योजना में नहीं दिखते। लगातार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें दोबारा मौका नहीं मिला है।

मोहम्मद शमी – फिट होने के बाद भी बाहर

टीम से सबसे बड़ा नाम जो बाहर रहा, वह है मोहम्मद शमी। रणजी ट्रॉफी में बंगाल की ओर से शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली। शमी ने हाल ही में खुद को पूरी तरह फिट बताया था और कहा था कि वे टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने चीफ सिलेक्टर अजीत अगरकर पर कुछ तीखे बयान भी दिए थे, जो शायद उनके खिलाफ चले गए। मैदान पर 200 से ज्यादा विकेट लेने वाले शमी का बाहर रहना फैंस को भी हैरान कर रहा है।

अजिंक्य रहाणे – उपकप्तान से बाहर का रास्ता

कभी भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान रहे अजिंक्य रहाणे भी अब टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं। 2019 में जब साउथ अफ्रीका भारत आई थी, तब रहाणे उपकप्तान थे। लेकिन 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेलने के बाद से वे चयनकर्ताओं की नजरों से दूर हैं। रणजी ट्रॉफी में उन्होंने छत्तीसगढ़ के खिलाफ 159 रनों की शानदार पारी भी खेली थी, मगर चयनकर्ताओं का रुख नहीं बदला। 37 साल के रहाणे अब शायद वापसी की उम्मीद छोड़ चुके हैं।

उमेश यादव – अनुभव के बावजूद नहीं मिला मौका

कभी भारतीय गेंदबाजी का अहम हिस्सा रहे उमेश यादव अब टीम में अपनी जगह वापस पाने के लिए तरस रहे हैं। 38 साल के उमेश के नाम 170 टेस्ट विकेट हैं, लेकिन अब चयनकर्ताओं की योजनाओं में उनका नाम नहीं है। उन्होंने अक्टूबर 2024 में रणजी ट्रॉफी का आखिरी मैच खेला था। फिटनेस और उम्र दोनों ही अब उनके खिलाफ जाती दिख रही हैं। शायद यही वजह है कि वे खुद भी समझ चुके हैं कि दोबारा भारतीय जर्सी पहनना मुश्किल है।

मयंक अग्रवाल – कभी ओपनिंग का भरोसेमंद नाम

2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में डेब्यू करने वाले मयंक अग्रवाल को भी टीम में जगह नहीं मिली। 34 साल के इस ओपनर ने भारत के लिए अब तक 21 टेस्ट खेले हैं, जिनमें चार शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं। लेकिन 2022 के बाद से वे टीम से बाहर हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाने के बावजूद चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया है। अब मयंक खुद भी मान चुके हैं कि वापसी की संभावना बेहद कम है।

आखिर सवाल यही – क्या इनका करियर खत्म हो गया?

टीम इंडिया में अब नई पीढ़ी को मौका दिया जा रहा है। उम्रदराज या पुराने खिलाड़ियों के लिए जगह लगातार कम होती जा रही है। ऐसे में इन पांचों दिग्गजों के लिए वापसी लगभग नामुमकिन लग रही है।

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Pak Army Chief Asim Munir: पाकिस्तान में बड़ा राजनीतिक बदलाव, फौज बनेगी असली सरकार, अ...

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Pak Army Chief Asim Munir: पाकिस्तान एक बार फिर से बड़े राजनीतिक मोड़ पर खड़ा है। वहां की सियासत अब पूरी तरह सेना के हाथों में जाने वाली है। ऐसा लग रहा है कि अब पाकिस्तान में “सरकार” का मतलब ही “फौज” होगा। शहबाज शरीफ सरकार संविधान में ऐसा संशोधन करने जा रही है, जिससे पाकिस्तान का लोकतांत्रिक ढांचा पूरी तरह बदल सकता है। इस बदलाव के बाद देश के असली फैसले प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति नहीं, बल्कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर लेंगे।

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान की सरकार संविधान में 27वां संशोधन करने जा रही है। CNN-News18 की रिपोर्ट के अनुसार, यह बिल 7 नवंबर को सीनेट में पेश किया जाएगा और माना जा रहा है कि अगले कुछ हफ्तों में इसे पास भी कर दिया जाएगा। इस संशोधन का मकसद पाकिस्तान में एक स्थायी ‘सिक्योरिटी स्टेट फ्रेमवर्क’ तैयार करना है, जिससे अगले 10-15 सालों तक सेना के पास नीति निर्धारण, रणनीतिक निवेश और संसाधनों पर पूरा नियंत्रण रहेगा।

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क्या-क्या बदलेगा इस संशोधन से- Pak Army Chief Asim Munir

इस बिल के बाद पाकिस्तान में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। सबसे पहले, एक नया संवैधानिक पद ‘फील्ड मार्शल ऑफ पाकिस्तान’ बनाया जाएगा। इस पद पर नियुक्त व्यक्ति का कार्यकाल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तरह 5 साल का होगा।
इस फील्ड मार्शल के पास तीनों सेनाओं के चीफ और आईएसआई प्रमुख की नियुक्ति करने की ताकत होगी। यानी अब यह तय करेगा कि फौज किसके आदेश पर चलेगी और कौन-कौन उसके अहम पदों पर बैठेगा।
इस पद को संवैधानिक सुरक्षा भी दी जाएगी। इसका मतलब है कि चाहे सरकार बदले या गिर जाए, फील्ड मार्शल के अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह देश की सुरक्षा से जुड़े फैसले अपनी मर्ज़ी से ले सकेगा।

इसके अलावा आर्मी एक्ट 1952 में भी बदलाव प्रस्तावित है। इस बदलाव के तहत पाकिस्तान के कमांड स्ट्रक्चर को बदला जाएगा। ‘चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी’ का पद हटाने और ‘वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ’ नाम से नया पद बनाने की तैयारी है।

विपक्ष का विरोध, लेकिन सरकार को समर्थन का भरोसा

विपक्षी दलों ने इस कदम को पाकिस्तान के लोकतंत्र पर हमला बताया है। उनका कहना है कि इससे देश एक बार फिर “सैन्य राज” के दौर में चला जाएगा। वहीं, PPP नेता बिलावल भुट्टो ने कहा कि उनकी पार्टी इस संशोधन पर अंतिम फैसला वर्किंग कमिटी की बैठक में लेगी। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक सत्तारूढ़ गठबंधन के पास बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त समर्थन मौजूद है।
कुछ कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस बिल में न्यायपालिका से जुड़े प्रावधान जैसे कि न्यायाधीशों का ट्रांसफर और संवैधानिक अदालत की शक्तियां घटाना न्यायिक स्वतंत्रता के लिए खतरा बन सकते हैं।

असीम मुनीर के लिए क्या मायने रखता है ये बदलाव

अगर यह संशोधन पास हो जाता है, तो जनरल असीम मुनीर पाकिस्तान के सबसे ताकतवर व्यक्ति बन जाएंगे। वे न केवल सेना बल्कि देश की सुरक्षा, संसाधन और रणनीतिक योजनाओं पर भी अंतिम फैसला लेंगे। किसी भी सरकार के आने या जाने से उनके अधिकारों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सरल शब्दों में कहें तो वे “सुपर पीएम” की भूमिका में होंगे।

लोकतंत्र या फौजी राज?

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार “फील्ड मार्शल” का पद संवैधानिक रूप से स्थायी बनने जा रहा है। दशकों से पाकिस्तान की सत्ता में सेना और सिविलियन सरकार के बीच रस्साकशी चलती रही है, लेकिन अब यह संशोधन सेना को संवैधानिक रूप से “सुप्रीम अथॉरिटी” बना देगा।

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Aaj Ka Love Rashifal 7 Nov 2025: आज इन राशियों की लव लाइफ में लगेगा बड़ा तड़का, जानिए...

Love Rashifal Today, Aaj Ka Love Rashifal 7 Nov 2025: ग्रह, नक्षत्र और तारों की दिशा, दशा पर हमारी जिंदगी काफी हद तक निर्भर करती है. हमारी सफलता, असफलता, प्यार, दोस्ती और दुश्मनी जैसी चीजें भी इन्हीं पर निर्भर है. आज 7 नवंबर 2025 (Daily Love Horoscope) का लव राशिफल भी कई राशियों के लिए प्यार का पैगाम लेकर आया है तो वहीं कई राशि के जातकों को आज भी मन मसोस कर रहना पड़ेगा. चलिए जानते हैं कि आज के लव राशिफल में किन राशियों की जिंदगी बदलने वाली है, किनके ऊपर आज प्यार की बरसात होगी और किन राशियों को अपने पर संयम बरतना होगा.

मेष राशि Aries Love Rashifal Today

मेष राशि के जातकों की लव लाइफ में आज थोड़ी मायूसी देखने को मिल सकती है. पार्टनर के साथ किसी पुराने मसले पर बहस के संकेत हैं. ऐसे में आपको संयम से काम लेना होगा और माहौल को शांत करने का प्रयास करना होगा. किसी पुराने साथी से आज बातचीत भी हो सकती है. मेष राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप अपने रिश्ते से जुड़ी बातें किसी तीसरे से शेयर न करे.

वृषभ राशि Taurus Love Rashifal Today

वृषभ राशि के जातकों के लव लाइफ में आज का दिन नई ऊर्जा लेकर आएगा. आज किसी पुराने रिश्ते में सुधार हो सकता है या कोई नई शुरुआत संभव है. वृषभ राशि के अविवाहित जातकों के लिए आज का दिन रोमांटिक मुलाकातों का संकेत दे रहा है. शादीशुदा जातकों को अपने पार्टनर की भावनाओं को समझने की जरूरत है. वृषभ राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि जल्दबाजी में कोई भी फैसला न लें, समय को अपना काम करने दें.

मिथुन राशि Gemini Love Rashifal 7 Nov 2025

आज मिथुन राशि के जातकों के लिए दिन प्यार और रोमांस से भरा रहेगा. आप अपने पार्टनर के साथ समय बिताकर खुश रहेंगे. कोई पुरानी गलतफहमी दूर हो सकती है जिससे आपके रिश्ते में मजबूती आएगी. मिथुन राशि के सिंगल जातक किसी आकर्षक व्यक्ति से प्रभावित हो सकते हैं. मिथुन राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आज आप अपने गुस्से को काबू में रखें, छोटी बातों को लेकर विवाद न बढ़ाएं.

कर्क राशि Cancer Love Rashifal Today

कर्क राशि के जातकों को अपनी लव लाइफ में आज भावनात्मक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है. आज पार्टनर के साथ अनबन या गलतफहमी हो सकती है लेकिन संवाद से हल संभव है. आज के दिन कर्क राशि के अविवाहित जातकों को नए रिश्ते में कदम रखने से पहले सोच-विचार कर लेना चाहिए. कर्क राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि किसी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, हमेशा अपने दिल की सुनें लेकिन दिमाग से निर्णय लें.

सिंह राशि Leo Love Rashifal Today

सिंह राशि के जातकों की लव लाइफ आज के दिन काफी खास रहेगी. पार्टनर के साथ गहरी और सादगी पूर्ण बातचीत, आपके रिश्ते में नई समझ और नजदीकी लाएगी. सिंह राशि के जातक अगर किसी को प्रोपोज करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए काफी अनुकूल है. इस राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप अपने रिश्ते में अहंकार को न आने दे और ऐसा कोई भी कदम न उठाए, जिससे गलतफहमी पैदा हो.

कन्या राशी Vigro Love Rashifal 7 Nov 2025

कन्या राशि के जातकों की लव लाइफ में थोड़ी अड़चन आने की संभावना है और आज के दिन आप अपने पार्टनर के साथ गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश कर सकते हैं. आज के दिन आपको अपनी लव लाइफ से जुड़ी चीजों में धैर्य और समझदारी से फैसला लेना होगा. कन्या राशि के अविवाहित लोगों के लिए आज का दिन भावनात्मक संतुलन लाने वाला रहेगा. इस राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि गुस्से में  बोले गए शब्द रिश्तों में दरार डाल सकते हैं. इसलिए पार्टनर के सामने जो भी बोलें, सोच समझ कर बोलें.

तुला राशि Libra Love Rashifal Today

आज तुला राशि के जातकों को अपनी लव लाइफ में स्थिरता और विश्वास मिलेगा. पार्टनर के साथ आपके पुराने मतभेद खत्म होंगे और दोनों के बीच आपसी समझ और बढ़ेगी, प्रगाढ़ होगी. आज का दिन आपकी प्यार भरी जिंदगी में एक नया मोड़ ला सकता है और आप अपने रिश्ते को एक नए नजरिए से देख सकते हैं. तुला राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप अपने पार्टनर से दिल की बात खुलकर कहें और यही आपके रिश्ते को मजबूत करेगा.

वृश्चिक राशि Scorpio Love Rashifal Today

वृश्चिक राशि के जातकों की लव लाइफ के लिए आज का दिन बेहद रोमांटिक और आत्मविश्वास से भरा रहेगा. आज आपके पुराने रिश्ते में नयापन आएगा और कोई पुराना मित्र या प्रेमी जीवन में फिर से लौट सकता है. साथ ही पार्टनर से जुड़ा कोई सुखद समाचार भी आपको प्राप्त हो सकता है. वृश्चिक राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखें, ओवर एक्साइटमेंट से बचें.

धनु राशि Dhanu Love Rashifal 7 Nov 2025

धनु राशि के जातकों की लव लाइफ में आज का दिन बेहद खुशनुमा रहेगा. पार्टनर के साथ आप अच्छा समय व्यतीत कर सकते हैं और कहीं बाहर घूमने का भी प्लान कर सकते हैं. इस राशि के सिंगल जातक किसी आकर्षक शख्स की ओर खिंचाव महसूस कर सकते हैं. धनु राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि अपने पार्टनर की तारीफ करना और उनकी बातों को सुनना रिश्ते में मिठास बढ़ाएगा. Aaj Ka Love Rashifal 7 Nov 2025

मकर राशि Capricorn Love Rashifal Today

मकर राशि के जातकों की लव लाइफ में आज का दिन आत्मविश्वास और सकारात्मकता से भरा रहेगा. अगर आपके रिश्ते में कोई उलझन है तो संवाद के ज़रिए आप उसे सुलझा सकते हैं. जीवनसाथी या पार्टनर के साथ समय बिताने से आपका मन प्रसन्न रहेगा. मकर राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप ज्यादा उत्साहित न हो, संतुलन बनाए रखें और पार्टनर के साथ अपने व्यवहार में कोमलता रखें.ioship y love horoscopr

कुंभ राशि Aquarius Love Rashifal Today

आज कुंभ राशि के जातकों की लव लाइफ में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं लेकिन समझ और धैर्य से सबकुछ सामान्य हो सकता है. आपके किसी पुराने रिश्ते में फिर से नजदीकी आ सकती है. इस राशि के सिंगल जातकों को किसी पुराने जानकार से मुलाकात लाभदायक हो सकती है. कुंभ राशि के जातकों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप अपने पार्टनर की बातों को ध्यान से सुनें और जल्दबाजी में निर्णय न लें.

मीन राशि Pisces Love Rashifal 7 Nov 2025

मीन राशि के जातकों की लव लाइफ में आज का दिन प्रेम और इमोशन से भरा रहेगा. आज पार्टनर के साथ आपके संबंधों में अपनापन बढ़ेगा, जुड़ाव गहराएगा और आपसी समझ में सुधार होगा. आज का दिन किसी रोमांटिक सरप्राइज के लिए भी शुभ है. मीन राशि के लोगों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप संवेदनशील रहें और अपने पार्टनर की भावनाओं का सम्मान करें.

आज, 7 नवंबर के प्रेम राशिफल के मुताबिक प्यार में बातचीत और विश्वास सबसे बड़ा समाधान है. संयम, समझ और भावनात्मक जुड़ाव आपके रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं.

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Surat Crime News: सूरत में एमपी के युवक को चाकू की नोंक पर तलवे चटवाए, वीडियो वायरल ह...

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Surat Crime News: गुजरात के सूरत से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। वीडियो में मध्य प्रदेश के सीधी जिले के एक युवक के साथ अमानवीय बर्ताव किया गया है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि युवक को चाकू की नोंक पर धमकाया जा रहा है, उससे तलवे चटवाए जा रहे हैं, और उसे मारपीट कर माफी मांगने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया है।

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“भोला भाई” के नाम पर धमकाया गया युवक- Surat Crime News

पीड़ित युवक की पहचान 26 वर्षीय सुधीर पांडेय के रूप में हुई है, जो मध्य प्रदेश के सीधी जिले के ग्राम नकझर खुर्द का रहने वाला है। परिजनों के अनुसार, सुधीर सूरत में नौकरी करने गया था, जहां एक व्यक्ति, जिसे लोग “भोला भाई” के नाम से जानते हैं, ने उसे धमकाया और उसकी वीडियो रिकॉर्ड कर ली।

परिवार ने बताया कि 4 नवंबर की रात यह वीडियो सुधीर के ही व्हाट्सऐप और फेसबुक स्टेटस पर दिखाई दिया। उसी रात के बाद से उसका मोबाइल फोन बंद हो गया और अब तक उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। परिजनों को आशंका है कि उसके साथ कोई बड़ी अनहोनी हो गई है।

वीडियो में गिड़गिड़ाता नजर आया सुधीर

वायरल वीडियो में सुधीर की हालत बेहद दयनीय नजर आ रही है। वह बार-बार ‘भोला भाई’ से रहम की भीख मांगते हुए कहता दिख रहा है,
“भोला भाई, मुझे माफ कर दो… अब कभी गलती नहीं होगी… छोड़ दो, अब कभी सूरत नहीं आऊंगा।”
उसकी आवाज में डर और दर्द दोनों साफ झलकते हैं। वीडियो देखकर यह समझना मुश्किल नहीं कि उस पर किस हद तक दबाव बनाया गया।

परिवार में मचा हाहाकार, मां नेत्रहीन, पिता रो-रोकर बेहाल

सुधीर के पिता महेश पांडेय ने बताया कि उनका बेटा सूरत की एक कंपनी में काम करता था और वही घर का एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। सुधीर की मां कमला पांडेय नेत्रहीन हैं और पूरे परिवार का सहारा सिर्फ सुधीर ही था।

पिता ने कहा, “जब वीडियो देखा तो पैरों तले जमीन खिसक गई। अब तक न उसका फोन लग रहा है, न कोई खबर मिल रही है। हमें डर है कि कहीं उसके साथ कुछ गलत न हुआ हो।”

परिवार लगातार प्रशासन और पुलिस से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।

वीडियो के बाद से रहस्यमय तरीके से गायब सुधीर

वीडियो वायरल होने के बाद से सुधीर का कोई अता-पता नहीं है। न तो उसका फोन चालू है और न ही किसी ने उसे देखा है। परिजनों ने सूरत पुलिस और मध्य प्रदेश पुलिस दोनों से लिखित शिकायत की है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कहा है कि वीडियो की लोकेशन और टाइमिंग ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है।

सोशल मीडिया पर गुस्सा, इंसाफ की मांग तेज

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा है। कई यूज़र्स ने गुजरात और मध्य प्रदेश की पुलिस से सुधीर को जल्द ढूंढने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है।

फिलहाल जांच जारी, परिवार की आंखें टिकी पुलिस पर

यह मामला अब सिर्फ एक वीडियो का नहीं, बल्कि इंसानियत की सीमा लांघ जाने का प्रतीक बन गया है। सुधीर पांडेय के परिवार को अब सिर्फ एक उम्मीद है कि उनका बेटा सुरक्षित मिले और “भोला भाई” जैसे लोगों को कानून सख्त सजा दे।

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