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Google New Update: गूगल का नया अपडेट एंड्रॉयड यूजर्स के लिए खतरे की घंटी, पुराने फोन ...

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Google New Update: गूगल के नए अपडेट से दुनियाभर में एंड्रॉयड फोन इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोग प्रभावित हो सकते हैं। अगर आपका फोन Android 12 या इससे पुराना ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल कर रहा है, तो यह खबर खास आपके लिए है। गूगल का नया अपडेट एंड्रॉयड ऐप्स के काम करने के तरीके में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है, जिससे लाखों यूजर्स को सिक्योरिटी ब्रीच और ऐप्स के फेल होने का खतरा हो सकता है।

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क्या है गूगल का नया अपडेट? (Google New Update)

गूगल अब एंड्रॉयड ऐप्स को ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए एक नई तकनीक, Google Play Integrity API, की ओर शिफ्ट हो रहा है। इस टूल की मदद से डेवलपर्स को बॉट्स और फ्रॉड जैसी समस्याओं को पहचानने में मदद मिलेगी। गूगल का दावा है कि इस अपडेट के बाद, जो ऐप्स इस नए सिस्टम का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें अनधिकृत उपयोग से छुटकारा मिलेगा, जिससे ऐप्स को सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

Google New Update Android phone
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हालांकि, इस तकनीक के फायदे तो हैं, लेकिन इसका एक बड़ा नुकसान भी है। पुराने वर्जन (Android 12 और उससे पहले) पर काम कर रहे स्मार्टफोन्स में ऐप्स की कार्यक्षमता पर असर पड़ सकता है। यानी कि, इन फोन में ऐप्स या तो काम करना बंद कर सकते हैं या फिर उनमें गड़बड़ी आ सकती है। गूगल का यह कदम सिक्योरिटी को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, लेकिन पुराने वर्जन के उपयोगकर्ताओं के लिए यह एक चेतावनी बन गया है।

मई से अनिवार्य होगा Google Play Integrity API

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मई 2025 से Google Play Integrity API को सभी डेवलपर्स के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। इसका मतलब है कि डेवलपर्स अब देख सकेंगे कि उनके ऐप्स विभिन्न एंड्रॉयड वर्जन पर कैसे परफॉर्म कर रहे हैं। इस नए सिस्टम के चलते, ऐप्स में और भी तेज़, भरोसेमंद और प्राइवेट एक्सपीरियंस मिलेगा, जिससे यूजर्स की सुरक्षा और बेहतर होगी। लेकिन, Android 12 और उससे पुराने वर्जन पर काम कर रहे फोन में ऐप्स के फेल होने का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि इन वर्जन्स को इस नए सिस्टम का समर्थन नहीं मिलेगा।

20 करोड़ यूजर्स होंगे प्रभावित

आज भी लगभग 20 करोड़ एंड्रॉयड यूजर्स Android 12 या Android 12L वर्जन का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह संख्या काफी बड़ी है, और इन यूजर्स के लिए यह गूगल का अपडेट एक बड़ी समस्या बन सकता है। गूगल ने इन पुराने वर्जन्स को अब सिक्योरिटी पैच देना भी बंद कर दिया है, जिसका मतलब है कि इन वर्जन्स पर चलने वाले फोन अब “अनसेफ जोन” में आ चुके हैं। जब फोन सिक्योरिटी पैच से वंचित होता है, तो इसका मतलब है कि वह फोन साइबर हमलों के लिए ज्यादा संवेदनशील हो जाता है।

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इसका सीधा असर यह होगा कि इन पुराने वर्जन पर चलने वाले फोन के यूजर्स को अब साइबर अटैक का खतरा बढ़ जाएगा। इसके अलावा, इन फोन में ऐप्स काम करना बंद कर सकते हैं या उनकी कार्यक्षमता में गड़बड़ी हो सकती है।

क्या करना चाहिए?

यदि आपके पास भी Android 12 या उससे पुराना वर्जन का फोन है, तो गूगल का नया अपडेट आपको जल्द ही फोन बदलने की सलाह दे सकता है। पुराने फोन पर अब सिक्योरिटी पैच नहीं मिलेंगे, जिससे आपके फोन की सुरक्षा में कमी आ जाएगी। इस स्थिति से बचने के लिए, सबसे बेहतर कदम यही है कि आप अपने फोन को अपडेट करें या फिर नया फोन खरीदें, जो नए वर्जन को सपोर्ट करता हो। यह न केवल आपके डिवाइस की सुरक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि आपको ऐप्स के बेहतर एक्सपीरियंस का भी लाभ मिलेगा।

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Nawazuddin Siddiqui Bollywood Controversy: नवाजुद्दीन सिद्दीकी का बॉलीवुड पर बड़ा आरो...

Nawazuddin Siddiqui Bollywood Controversy: बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हाल ही में इंडस्ट्री में हो रहे रीमेक और सीक्वल्स पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उनका मानना है कि बॉलीवुड में लंबे समय से चुराई गई कहानियों पर फिल्में बनाई जा रही हैं और यहां क्रिएटिविटी की कमी हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड में जो कल्ट फिल्में हैं, वे भी असल में चोरी की गई हैं। उनका कहना है कि इंडस्ट्री में असली रचनात्मकता की बहुत कमी है, जिससे फिल्में अक्सर बोरिंग और बिना नई सोच के बनती हैं।

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चोरी की फिल्मों पर नवाजुद्दीन की प्रतिक्रिया- Nawazuddin Siddiqui Bollywood Controversy

हाल ही में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक इंटरव्यू के दौरान फिल्ममेकरों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “इंडस्ट्री में हमेशा से चोरी की कहानियां बनाई जाती रही हैं। चाहे वह गाने हों या फिर पूरी की पूरी फिल्म की कहानी, सब कुछ चुराया जाता है। हमारी इंडस्ट्री शुरू से ही चोरी करती रही है, तो फिर उस इंडस्ट्री से हम क्रिएटिविटी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?” नवाजुद्दीन ने यह भी कहा कि जब हम बात करते हैं बॉलीवुड की उन हिट फिल्मों की, जिन्हें हम कल्ट फिल्में कहते हैं, तो वे भी असल में चुराई हुई कहानियों पर आधारित होती हैं। उनका यह कहना था कि इन फिल्मों के सीन भी अन्य फिल्मों से चुराए गए होते हैं। इस तरह की फिल्मों को देखकर यह सोचने की बजाय कि वे कुछ नया पेश कर रहे हैं, हमें यह समझना चाहिए कि इनकी असलियत क्या है।

Nawazuddin Siddiqui Bollywood Controversy
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उन्होंने कहा, “यहां तक कि फिल्म बनाने के लिए बहुत बार वीडियो की वीडियो दी जाती थी और उसी को चिपका दिया जाता था। इस तरह से काम करने वाले लोग कैसे क्रिएटिव हो सकते हैं?” उन्होंने आगे कहा कि इस वजह से बॉलीवुड में अच्छे और क्रिएटिव कलाकारों का आना भी मुश्किल हो गया है। नवाज ने यह आरोप लगाया कि फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसी मानसिकता बन गई है जहां चोरी करना कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती।

अनुराग कश्यप पर भी दी प्रतिक्रिया

नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप के बारे में भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “आप अनुराग कश्यप को देखिए, जिन्होंने हमेशा ऑरिजिनल चीजें लाने की कोशिश की, लेकिन वह भी अब इंडस्ट्री छोड़ चुके हैं।” नवाज ने आगे कहा, “बहुत सारे ऐसे इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं, जो कुछ नया करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा है। अंत में वह भी उस दबाव में आकर वही करते हैं जो इंडस्ट्री में चल रहा है।”

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नवाजुद्दीन ने यह माना कि इंडस्ट्री में असली और स्वतंत्र रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता है, ताकि नए और इनोवेटिव विचार सामने आ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन डायरेक्टर्स और एक्टरों ने इस इंडस्ट्री में कुछ अलग करने की कोशिश की, उन्हें या तो हतोत्साहित किया गया या फिर उन्हें छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया।

नवाजुद्दीन की हालिया फिल्म ‘कास्टाओ’

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘कास्टाओ’ हाल ही में 1 मई को जी 5 पर रिलीज हुई है। इस फिल्म में उन्होंने कस्टम ऑफिसर कास्टाओ फर्नांडिस की भूमिका निभाई है, जो एक गोल्ड स्मगलिंग ऑपरेशन में शामिल था। नवाजुद्दीन ने इस फिल्म में अपने अभिनय से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि इस फिल्म के माध्यम से उन्होंने एक नई कहानी को प्रस्तुत किया, जो एकदम अलग और वास्तविक है। इस फिल्म के साथ, नवाजुद्दीन ने एक बार फिर साबित किया है कि वह किसी भी भूमिका में अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं।

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Inspirational Investor Story: विजय केडिया की प्रेरणादायक निवेशक कहानी, मुश्किलों से स...

Inspirational Investor Story: जीवन में हर किसी के सामने कठिनाइयां आती हैं, लेकिन कुछ लोग इन कठिनाईयों को अवसर में बदलने की क्षमता रखते हैं। विजय केडिया की कहानी इसी का उदाहरण है। वह एक मिडल क्लास परिवार से ताल्लुक रखते थे, लेकिन आज उनकी संपत्ति 1,400 करोड़ रुपये के आसपास है। उनकी सफलता की यह यात्रा आसान नहीं थी, बल्कि उन्होंने अपने संघर्षों को अपनी ताकत बनाया और शेयर बाजार में निवेश करके खुद को एक सफल निवेशक के रूप में स्थापित किया।

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विजय केडिया के संघर्ष की शुरुआत- Inspirational Investor Story

विजय केडिया का जन्म एक मिडल क्लास परिवार में हुआ था। उनके पिता स्टॉक ब्रोकर थे, और विजय का पालन-पोषण एक सामान्य जीवनशैली में हुआ। लेकिन जब वह 10वीं क्लास में थे, तो उनके जीवन में एक बड़ा संकट आया – उनके पिता का अचानक निधन हो गया। इसके बाद घर में कोई आय का स्रोत नहीं बचा। इस कठिन दौर में, विजय ने अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन उनके परिवार की स्थिति को सुधारने के लिए उन्हें कुछ नया करने की आवश्यकता महसूस हुई।

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शेयर बाजार में निवेश का कदम

विजय के पास उस समय कुछ ही विकल्प थे, और उन्होंने शेयर बाजार में अपनी किस्मत आजमाने का निर्णय लिया। हालांकि, शुरुआती दिनों में उन्हें बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और जोखिमों के बीच विजय ने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत की। धीरे-धीरे उन्होंने शेयर ट्रेडिंग में सफलता हासिल की, और उनकी ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव आने लगा।

14 रुपये के लिए तरसने वाली घटना

विजय के जीवन में एक समय ऐसा भी आया, जब उनके पास दूध का पैकेट खरीदने के लिए भी पैसे नहीं थे। एक दिन उनकी पत्नी ने उनसे दूध लाने को कहा, लेकिन विजय के पास सिर्फ 14 रुपये थे, जो दूध खरीदने के लिए भी पर्याप्त नहीं थे। उनका बच्चा भूख से तड़प रहा था, और विजय की यह स्थिति उन्हें गहरे तक झकझोर गई। हालांकि, उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और फिर से मेहनत करना शुरू किया। इस घटना ने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

बुल रन और बदलती किस्मत

1990 के दशक के शुरुआत में विजय ने कोलकाता छोड़कर मुंबई का रुख किया। यहीं उनकी किस्मत ने उनका साथ दिया। 1992 में जब शेयर बाजार में बुल रन (बुल मार्केट) आया, तो विजय ने इसका पूरा लाभ उठाया। उन्होंने कोलकाता से पंजाब ट्रैक्टर्स के शेयर खरीदे थे, जिनकी कीमत 35,000 रुपये थी। बुल रन के दौरान इन शेयरों की कीमत पांच गुना बढ़ गई। विजय ने इन शेयरों को बेचकर ACC के शेयर खरीदे, और यह निवेश भी उनके लिए बहुत मुनाफा देने वाला साबित हुआ। इसने उनकी वित्तीय स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया और उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।

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विजय केडिया का पोर्टफोलियो

विजय केडिया का पोर्टफोलियो अब बहुत मजबूत हो चुका है। 2009 में, उन्होंने अपनी पत्नी को एक दूध की कंपनी के शेयर गिफ्ट किए, और यह उन 14 रुपये का जवाब था जो उन्होंने पहले कभी नहीं खर्च कर पाए थे। आज, विजय केडिया को भारतीय निवेशकों में एक प्रमुख नाम माना जाता है। वह केडिया सिक्योरिटीज के संस्थापक भी हैं। दिसंबर 2024 तक, उनका नेट वर्थ लगभग ₹1,396.9 करोड़ (1,400 करोड़ रुपये) था। उनके पोर्टफोलियो में तेजस नेटवर्क्स और अतुल ऑटो जैसी कंपनियों के शेयर शामिल हैं, जो उन्हें बेहतरीन निवेश लाभ दे रही हैं।

डिस्क्लेमर: किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।

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SC judges Assets disclosed: सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति का खुलासा! वेबसाइट पर दी...

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SC judges Assets disclosed: सुप्रीम कोर्ट के जजों की संपत्ति की जानकारी अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। शीर्ष अदालत ने अपनी वेबसाइट पर इन जजों की संपत्ति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रकाशित की है, जिससे यह पता चलता है कि देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीशों के पास कितनी संपत्ति है और उनके पास क्या-क्या निवेश और संपत्तियाँ हैं।

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मुख्य न्यायाधीश और अन्य जजों की संपत्ति- SC judges Assets disclosed

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के पास कुल संपत्ति में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनके पास सावधि जमा (FD) और बैंक खातों में कुल 55.75 लाख रुपये हैं, जबकि सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) में उनका निवेश 1.06 करोड़ रुपये के आसपास है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों की संपत्तियों की जानकारी भी सार्वजनिक की गई है।

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14 मई को मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस बी आर गवई की संपत्ति भी प्रकाशित की गई है। जस्टिस गवई के पास 19.63 लाख रुपये बैंक खातों में और 6.59 लाख रुपये का निवेश PPF खाते में है। उनके पास दक्षिण दिल्ली में दो बेडरूम का डीडीए फ्लैट और कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में चार बेडरूम का फ्लैट है। इसके अलावा, गुरुग्राम में चार बेडरूम के फ्लैट में उनकी 56 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि उनकी बेटी के पास बाकी 44 प्रतिशत हिस्सा है। जस्टिस गवई ने यह भी जानकारी दी है कि हिमाचल प्रदेश में उनके पास एक पुश्तैनी घर है, जिसमें उनकी हिस्सेदारी है।

नए सीजेआई के पास संपत्ति की जानकारी

जस्टिस गवई के 14 मई को सीजेआई बनने से पहले, उनकी संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया गया है। जस्टिस गवई के पास महाराष्ट्र के अमरावती में एक घर और मुंबई तथा दिल्ली में आवासीय अपार्टमेंट हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें अमरावती और नागपुर में कृषि भूमि भी विरासत में मिली है। उन्होंने 1.3 करोड़ रुपये की देनदारी भी घोषित की है।

संपत्ति के विवरण में जीवनसाथी और आश्रितों की संपत्ति भी शामिल

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जानकारी में केवल जजों की संपत्ति ही नहीं, बल्कि उनके जीवनसाथी और आश्रितों की संपत्ति भी शामिल की गई है। जस्टिस ए एस ओका, जो 24 मई को रिटायर हो रहे हैं, उनकी संपत्ति में पीपीएफ में 92.35 लाख रुपये, एफडी में 21.76 लाख रुपये, और 2022 मॉडल की मारुति बलेनो कार के साथ-साथ 5.1 लाख रुपये का कार लोन भी शामिल है।

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जजों की संपत्ति की घोषणा पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने 1 अप्रैल को एक बैठक में यह निर्णय लिया था कि अपनी संपत्ति का विवरण सार्वजनिक किया जाए और इसे कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाए। इसके तहत, अब तक 33 जजों में से 21 की संपत्ति की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई गई है।

अन्य जजों की संपत्तियों का विवरण

जस्टिस सूर्यकांत के पास चंडीगढ़, गुरुग्राम और दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ संयुक्त रूप से आवासीय संपत्तियां हैं। उनके निवेश में 31 एफडी रसीदें भी शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 6.03 करोड़ रुपये है। वहीं, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के पास अहमदाबाद के गुलबाई टेकरा स्थित दीप्ति बैंक ऑफ इंडिया सोसाइटी में एक घर है। इसके अतिरिक्त, अहमदाबाद के नीतिबाग जजेज कोऑपरेटिव सोसाइटी में भी एक घर बन रहा है। उनके पास म्यूचुअल फंड में 60 लाख रुपये, PPF में 20 लाख रुपये और 50 लाख रुपये की जूलरी भी है। साथ ही, उनके पास 2015 मॉडल की मारुति स्विफ्ट कार भी है।

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Chenab History: कश्मीर की घाटियों से बहती चिनाब नदी, जिसे कभी चंद्रभागा के नाम से जाना जाता था, न केवल अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह प्रेम और बलिदान की अनगिनत कहानियों का भी हिस्सा रही है। सोहनी और महिवाल की अमर प्रेम कथा से लेकर पाकिस्तान द्वारा इस नदी का इस्तेमाल आतंकवाद के साधन के रूप में करने तक, चिनाब की कहानी वाकई दिलचस्प और कष्टकारी रही है।

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सोहनी और महिवाल का अमर प्रेम- Chenab History

सोहनी, कश्मीर के एक छोटे से गांव की कुम्हार की बेटी थी, जिसकी खूबसूरती और मेहनत ने एक नौजवान महिवाल को अपना दीवाना बना लिया। महिवाल, जो कश्मीर में भैंसें चराने का काम करता था, सोहनी के प्यार में इस कदर खो गया कि उसने अपना जीवन उसी के साथ बिताने की कसमें खाईं। लेकिन जैसे ही दोनों का प्यार खुलकर सामने आया, सोहनी के घरवालों ने महिवाल को भगा दिया और सोहनी की शादी कहीं और कर दी।

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सोहनी ने अपनी मोहब्बत को खोने के बजाय चिनाब नदी के पार महिवाल के पास जाने का साहस दिखाया। उसने पके हुए घड़ों की नाव बनाई और उस पर सवार होकर नदी पार की। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सोहनी की भाभी ने घड़ा बदल दिया और सोहनी का घड़ा नदी में गलकर टूट गया। नदी की धारा में बहते हुए महिवाल ने उसे देखा और अपनी प्रेमिका को खोने के बाद खुद को भी नदी में गिरा दिया। इस तरह, प्रेम की दास्तान का अंत एक ट्रैजिक मोड़ पर हुआ, और दोनों एक-दूसरे के गले में लिपटे हुए चिनाब के पानी में तैरते हुए सदा के लिए एक हो गए।

चिनाब नदी: प्रेम और आतंक का संगम

चिनाब नदी न केवल प्रेम की प्रतीक रही है, बल्कि इसका वर्तमान एक और स्याह पहलू भी है। कश्मीर और पाकिस्तान के बीच बहने वाली इस नदी का पानी अब एक नए उद्देश्य के लिए इस्तेमाल हो रहा है – आतंकवाद और नफरत। पिछले कुछ वर्षों से पाकिस्तान इस नदी के पानी को अपनी नापाक योजनाओं का हिस्सा बना रहा है, जबकि भारत ने इसके प्रवाह को रोकने के कदम उठाए हैं।

भारत ने चिनाब नदी के पानी को नियंत्रित करने के लिए बांधों के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे पाकिस्तान में पानी की कमी हो गई है और नदी के प्रवाह मार्ग पर पत्थरों के सिवा कुछ नहीं बचा है। यह नदी न केवल भूगोल के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्व रखती है।

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प्राचीन इतिहास और धार्मिक महत्व

चिनाब नदी का प्राचीन नाम चंद्रभागा था, जिसका उल्लेख महाभारत और स्कंद पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है। यह नदी भारतीय और पाकिस्तानी धार्मिक परंपराओं से जुड़ी हुई है, और इसके किनारे कई पवित्र स्थल स्थित हैं। महाभारत में चंद्रभागा नदी का उल्लेख किया गया है, और इसे भारतीय संस्कृति में गंगा और यमुना जैसी अन्य पवित्र नदियों के समान सम्मानित किया गया है।

चंद्रभागा का नाम अब पाकिस्तान के किनारे से लेकर भारत के जम्मू कश्मीर क्षेत्र तक फैला हुआ है। इसके साथ ही, यह नदी भारतीय वैदिक और पौराणिक कथाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चंद्रभागा का नाम कई स्थानों पर देखा जा सकता है, जैसे कि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले और ओडिशा के कोणार्क तट पर।

नफरत और आतंकवाद का साया

हालांकि चिनाब नदी का इतिहास प्रेम और बलिदान की अमर कहानियों से भरा हुआ है, लेकिन इस समय यह नफरत और आतंकवाद के अंधकारमय साये में डूब चुकी है। पाकिस्तान ने हमेशा इस नदी के किनारे से आतंकवादियों की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है, और अब भारत ने चिनाब नदी का पानी रोकने का फैसला लिया है। यह कदम भारतीय सुरक्षा के लिहाज से जरूरी था, लेकिन इसके साथ ही यह नदी अब प्रेम की धारा की बजाय नफरत और आतंकवाद की नदियों में बदल चुकी है।

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Mock Drills in India: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सुरक्षा तैयारियों के लिए मॉक ड्रिल, ...

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Mock Drills in India: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को और तेज कर दिया है। गृह मंत्रालय ने देश भर के सभी राज्यों को एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसके तहत सभी जगह सिविल डिफेंस की तैयारी की जाएगी। इस बीच, 7 मई 2025 को एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एयर रेड वॉर्निंग सायरन भी बजाया जाएगा। इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति या हवाई हमले की स्थिति में अपनी सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक करना है।

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क्या है एयर रेड वॉर्निंग सायरन? (Mock Drills in India)

एयर रेड वॉर्निंग सायरन उन देशों में लगाए जाते हैं जहां युद्ध का खतरा बना रहता है। यह सायरन नागरिकों को कुछ सेकंड पहले चेतावनी देता है ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर जा सकें। इजराइल और यूक्रेन जैसे देशों में भी हवाई हमले की चेतावनी देने के लिए एयर रेड सायरन का उपयोग किया जाता है। इजराइल तो हवाई हमले की जानकारी देने के लिए आधुनिक मोबाइल ऐप्स का भी इस्तेमाल करता है। भारत में भी एयर अड्डों और एयर फोर्स बेस पर एयर रेड सायरन स्थापित हैं। जब वायुसेना के रडार किसी दुश्मन के हमले को पकड़ लेते हैं, तो कुछ सेकंड पहले एयर रेड सायरन बजता है, जिससे लोगों को खतरे से बचने के लिए समय मिलता है।

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कैसे करें बचाव?

अगर युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है और दुश्मन बड़े शहरों को निशाना बनाता है, तो नागरिकों के पास बचाव के कई उपाय होते हैं। भारत में कई इमारतें और संरचनाएं ऐसी बनाई गई हैं जो हवाई हमलों को झेल सकती हैं। पूर्व DIG एस एस गुलेरिया के अनुसार, बड़े शहरों में बने अंडरपास और सबवे जैसी संरचनाएं हवाई हमलों के दौरान नागरिकों की रक्षा कर सकती हैं। इन संरचनाओं को इस तरह से मजबूत बनाया गया है कि इनमें रॉकेट या मिसाइल का टुकड़ा गिरने पर भी नागरिकों को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।

गुलेरिया ने कहा, “अगर आप एयर रेड सायरन सुनते हैं और आप खुली जगह में हैं, तो आपको नजदीकी फ्लाईओवर के नीचे शरण लेनी चाहिए। अगर आप इमारत में हैं, तो मुख्य द्वार से दूर, दीवारों से घिरे किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं, जैसे कि शौचालय।”

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मॉक ड्रिल का महत्व

इस मॉक ड्रिल का आयोजन नागरिकों को युद्ध जैसी परिस्थितियों में अपना बचाव करने के सही तरीकों के बारे में जागरूक करने के लिए किया जा रहा है। गृह मंत्रालय का कहना है कि यह ड्रिल नागरिकों को बताएगी कि वे एयर रेड सायरन की आवाज सुनते ही क्या करें और किस दिशा में जाएं। इसके अलावा, यह ड्रिल नागरिकों को उन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों के बारे में भी जानकारी देगी, जो उनकी सुरक्षा के लिए काम आ सकते हैं, जैसे अंडरपास और सबवे।

सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम

सुरक्षा बलों द्वारा इस ड्रिल को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में नागरिकों के पास पर्याप्त जानकारी हो और वे सही निर्णय ले सकें। साथ ही, यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि नागरिकों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा सके और उनकी जान को खतरे से बचाया जा सके। इस प्रकार की तैयारी देश की सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक साबित हो सकती है और नागरिकों को किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का सामना करने के लिए तैयार करेगी।

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The Kashmir War History: कश्मीर में पाकिस्तानी कबाइलियों का कहर! 78 साल पहले हिंदू पह...

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The Kashmir War History: कश्मीर की जंग कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह एक लंबी और जटिल कहानी है, जो लगभग आठ दशकों से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी है। पाकिस्तान ने हमेशा कश्मीर को अपना हिस्सा बनाने के लिए भारत के खिलाफ अपनी नापाक चालें चली हैं। इसी संघर्ष में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। यह हमला कश्मीर में एक और जख्म की तरह है, जो पाकिस्तान की नापाक करतूतों का परिणाम है। इस खबर में हम कश्मीर के जख्मों और उसके इतिहास की पूरी कहानी पर एक नजर डालते हैं।

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कश्मीर पर कबायली हमला (1947)- The Kashmir War History

जम्मू कश्मीर की राजनीति में पाकिस्तान का हस्तक्षेप 1947 में उस समय शुरू हुआ, जब कश्मीर के महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर को स्वतंत्र रखने का निर्णय लिया था। पाकिस्तान ने कश्मीर को अपना हिस्सा बनाने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया और 22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान के इशारे पर हज़ारों कबायली कश्मीर में घुस आए। इस कबायली हमले ने कश्मीर की सूरत बदल कर रख दी थी। यह हमला एक साल दो महीने और तीन दिन तक चला। पाकिस्तान द्वारा भेजे गए इन कबायली हमलावरों ने लूटपाट, हत्या और बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया। उन्होंने मुज़फ्फराबाद, डोमेल और उरी तक के इलाकों पर कब्जा कर लिया।

The Kashmir War History India
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महाराजा हरि सिंह के पास तीन विकल्प थे: कश्मीर को पाकिस्तान को सौंप दें, खुद लड़ाई करें (जो असंभव था) या फिर भारत से मदद लें। महाराजा ने भारत के साथ कश्मीर का विलय करने का निर्णय लिया, और इसके बाद भारतीय सेना ने कश्मीर की रक्षा में कदम रखा। भारतीय सेना ने बहादुरी से मुकाबला करते हुए कश्मीर के दो-तिहाई हिस्से पर कब्जा किया। इस संघर्ष के बाद संयुक्त राष्ट्र में मामला पहुंचा, और 5 जनवरी 1949 को सीज़फायर हुआ, जिसके बाद लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) का निर्माण हुआ।

भारत-पाकिस्तान युद्ध और संघर्ष

कश्मीर संघर्ष यहां खत्म नहीं हुआ, बल्कि इसके बाद पाकिस्तान ने भारत से तीन युद्ध लड़े:

  1. 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध – इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के 2,000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा किया। भारत के 3,264 जवान शहीद हुए, जबकि पाकिस्तान के 3,500 सैनिक मारे गए।
  2. 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध – इस युद्ध के बाद पाकिस्तान दो टुकड़ों में बंट गया, और बांग्लादेश का जन्म हुआ। भारत ने 15,000 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा किया, लेकिन शिमला समझौते के तहत उसे वापस कर दिया गया। इस युद्ध में भारत के 3,843 सैनिक शहीद हुए।
  3. 1999 करगिल युद्ध – यह युद्ध अब तक का सबसे खर्चीला था, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा कब्जे किए गए पोस्टों को वापस लिया। इस युद्ध में 522 भारतीय जवान शहीद हुए, जबकि पाकिस्तान के 700 सैनिक मारे गए।

आतंकी हमले और पहलगाम में युद्ध जैसे हालात

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर से युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए। इस हमले ने भारतीय सेना को खुली छूट दी है और स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है। यह घटना पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का एक और उदाहरण है, जो कश्मीर की स्थिति को और भी जटिल बना देती है।

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अगर भारत और पाकिस्तान के बीच आज युद्ध होता है, तो यह अब तक की सबसे महंगी जंग साबित हो सकती है। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही यह संघर्ष और भी विकट रूप ले सकता है, जो न केवल कश्मीर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए गंभीर परिणाम हो सकता है।

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गर्मी में लें इन मसालों का आनंद, पाएं ठंडक और स्वाद

Cooling effect of spices: गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने वाले कई ऐसे मसाले हैं जिनका आप खूब सेवन कर सकते हैं। ये न केवल आपके व्यंजनों का स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि आपको गर्मी से राहत दिलाने में भी मदद करते हैं। तो चलिए इस लेख में हम आपको उन मसालों के बारे में बताते हैं जिनकी तासीर ठंडी होती है।

गर्मियों में शरीर को ठंडक पहुंचाने मसाले 

  • इलायची (Cardamom)-छोटी और हरी इलायची अपनी सुखद खुशबू और ठंडक देने वाली तासीर के लिए जानी जाती है। यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है और शरीर को ठंडक पहुँचाती है। आप इसका इस्तेमाल चाय, शर्बत, मिठाई या फिर सब्ज़ी में भी कर सकते हैं।

  • पुदीना (Mint) – पुदीना अपने ताज़गी और ठंडक के लिए मशहूर है। यह पेट को आराम पहुंचाता है और गर्मी से राहत देता है। आप इसकी चटनी बना सकते हैं, रायते में मिला सकते हैं या शर्बत बनाकर पी सकते हैं।

  • धनिया (Coriander) – धनिया के पत्ते और बीज दोनों ही ठंडे होते हैं। यह पाचन में मदद करते हैं और शरीर को ठंडक देते हैं। आप इसे सब्जी, दाल, रायता या चटनी में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलवा धनिया के पानी में फाइबर और एंजाइम होते हैं जो पाचन में सुधार करते हैं और कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाते हैं।

  • सौंफ (Fennel) – सौंफ अपनी मीठी खुशबू और ठंडी तासीर के लिए जानी जाती है। यह पाचन को दुरुस्त रखती है और पेट की गर्मी को शांत करती है। आप इसे मुखवास के तौर पर चबा सकते हैं, चाय बना सकते हैं या फिर सब्जियों में डाल सकते हैं।

जीरा का पानी गर्मियों में बहुत फायदेमंद (Cumin) 

जीरा भले ही थोड़ा गर्म माना जाता है, लेकिन इसका पानी गर्मियों में बहुत फायदेमंद होता है। जीरे का पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और पाचन को भी ठीक करता है। भुने हुए जीरे को रायते या छाछ में डालकर पीने से ठंडक मिलती है। यह आपके शरीर को डिटॉक्स करता है, आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है, पाचन में सुधार करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ये छोटे-छोटे बदलाव आपके जीवन में बड़े स्वास्थ्य लाभ ला सकते हैं।

  • खसखस (Poppy Seeds) – खसखस की तासीर ठंडी होती है और यह शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करता है। इसका इस्तेमाल शरबत, मिठाई या फिर करी में किया जा सकता है।

  • मेथी (Fenugreek) –  मेथी के बीज और पत्ते दोनों ही ठंडी तासीर वाले होते हैं। यह पेट की गर्मी को शांत करते हैं और पाचन में सुधार करते हैं। आप मेथी के पत्तों की सब्जी बना सकते हैं या फिर मेथी के दानों को पानी में भिगोकर पी सकते हैं।

Hindu Temples in London-Canada: लंदन और कनाडा के हिंदू मंदिर, धार्मिक आस्था से लेकर स...

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Hindu Temples in London-Canada: क्या आप जानते हैं कि लंदन और कनाडा में कुछ ऐसे हिंदू मंदिर हैं जो सिर्फ पूजा स्थल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उदाहरण भी हैं? इन मंदिरों में न सिर्फ भव्य पूजा-अर्चना होती है, बल्कि सांस्कृतिक उत्सव, धार्मिक अनुष्ठान और सामुदायिक गतिविधियों के माध्यम से भारतीय जड़ों को मजबूत करने का काम भी किया जाता है। इन मंदिरों की वास्तुकला, धार्मिक अनुष्ठान और उनके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। अगर आप भी इन अद्भुत धार्मिक स्थलों के बारे में जानने के इच्छुक हैं, तो चलिए एक यात्रा पर चलते हैं और जानते हैं लंदन और कनाडा के प्रमुख हिंदू मंदिरों के बारे में।

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लंदन के प्रमुख हिंदू मंदिर- Hindu Temples in London-Canada

बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर (नेसडेन मंदिर)

स्थान: नेसडेन, लंदन

खासियत:

यह यूरोप का पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जिसे 1995 में स्थापित किया गया। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर भारतीय वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित इस मंदिर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें दीपावली और होली के भव्य आयोजन शामिल हैं। मंदिर परिसर में ‘अंडरस्टैंडिंग हिंदुइज्म’ प्रदर्शनी है, जो हिंदू धर्म और संस्कृति को समझाने का प्रयास करती है।

BAPS Shri Swaminarayan Mandir
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श्री वेंकटेश्वर (बालाजी) मंदिर

स्थान: कैरी, उत्तरी लंदन

खासियत:

यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर (बालाजी) को समर्पित है और तिरुपति मंदिर की शैली में निर्मित है। दक्षिण भारतीय वास्तुकला और पूजा पद्धतियों का पालन करते हुए यहां विशेष रूप से दक्षिण भारतीय समुदाय के लिए धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। मंदिर में नियमित वैदिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इसके अलावा, यहां पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देने वाले आयोजनों का भी आयोजन किया जाता है।

Sri Venkateswara Temple
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लंदन श्री मुरुगन मंदिर

स्थान: ईस्ट हैम, लंदन

खासियत:

भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) को समर्पित यह मंदिर खासतौर पर तमिल हिंदू समुदाय द्वारा पूजित है। थाई पुसम जैसे तमिल त्योहारों का भव्य आयोजन इस मंदिर में किया जाता है। मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली को दर्शाती है और यहां तमिल समुदाय की सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित होती हैं।

Sri Murugan Temple, London
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कनाडा के प्रमुख हिंदू मंदिर

हिंदू सभा मंदिर

स्थान: ब्रैम्पटन, ओंटारियो

खासियत:

यह कनाडा का सबसे बड़ा हिंदू मंदिरों में से एक है, जो 1970 के दशक में स्थापित हुआ था। विभिन्न हिंदू देवताओं जैसे राम, शिव, और गणेश को समर्पित इस मंदिर में नवरात्रि और दीपावली जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का केंद्र बन चुका है। मंदिर में योग, ध्यान और बच्चों के लिए धार्मिक कक्षाएँ आयोजित की जाती हैं। हाल ही में इस मंदिर को खालिस्तान समर्थकों के हमले का शिकार होना पड़ा, जिसने स्थानीय समुदाय को एकजुट किया।

श्री वेंकटेश्वर मंदिर

स्थान: टोरंटो, ओंटारियो

खासियत:

भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित यह मंदिर दक्षिण भारतीय भक्तों का प्रमुख केंद्र है। तिरुपति मंदिर की पूजा पद्धतियों और वैदिक अनुष्ठानों का पालन करते हुए यहां नियमित भक्ति सभाएँ और सामुदायिक भोज आयोजित होते हैं। मंदिर परिसर में सांस्कृतिक हॉल भी है, जहां संगीत और नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

लक्ष्मी नारायण मंदिर

स्थान: सरे, ब्रिटिश कोलंबिया

खासियत:

यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है और उत्तर भारतीय शैली में निर्मित है। यहां हवन, भजन और सत्संग जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर को नवंबर 2024 में खालिस्तान समर्थकों द्वारा तोड़फोड़ का सामना करना पड़ा, जिसकी व्यापक निंदा की गई थी।

त्रिवेणी मंदिर

स्थान: टोरंटो, ओंटारियो

खासियत:

त्रिवेणी मंदिर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम का प्रतीक है। यहां विभिन्न हिंदू परंपराओं को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाता है। मंदिर में नियमित धार्मिक प्रवचन, सांस्कृतिक उत्सव और सामुदायिक सेवा का आयोजन किया जाता है। नवंबर 2024 में सुरक्षा चिंताओं के कारण भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा एक कार्यक्रम रद्द कर दिया गया था।

लंदन और कनाडा के ये हिंदू मंदिर भारतीय संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लंदन के मंदिर अपनी वास्तुकला और सांस्कृतिक योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि कनाडा के मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं, बल्कि ये समुदायों को एकजुट करने में भी सक्रिय हैं। इन मंदिरों में न केवल पूजा की जाती है, बल्कि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान और सामुदायिक सेवाएँ भी आयोजित की जाती हैं, जो हिंदू धर्म के विविध पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं। इन स्थलों की मौजूदगी प्रवासी भारतीयों के लिए सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है और यहां के धार्मिक आयोजनों के माध्यम से संस्कृति का संरक्षण और प्रचार किया जाता है।

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UNESCO World Heritage Sites: भारत की 10 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल! अद्भुत सांस्कृतिक ...

UNESCO World Heritage Sites: भारत, जो चार प्राचीन सभ्यताओं में से एक है, अपनी विविध सांस्कृतिक धरोहर, वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। 2023 तक, भारत के पास कुल 40 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें से 32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित धरोहर स्थल हैं। आइए, जानते हैं भारत के 10 प्रमुख यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के बारे में, जो इसके अद्वितीय इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं।

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ताज महल, आगरा (UNESCO World Heritage Sites)

ताज महल, मुग़ल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया गया एक भव्य मकबरा है। यह स्थल दुनिया के सबसे खूबसूरत मकबरों में से एक माना जाता है और कवि रवींद्रनाथ ठाकुर ने इसे “शाश्वतता के गाल पर आंसू की बूँद” कहा था। सफेद संगमरमर से बने इस इमारत में भारतीय और पारसी वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण है। यह हर समय अलग-अलग रंगों में बदलता है – सुबह में सुनहरा, दिन में सफेद और रात में चाँदी जैसा चमकता है।

UNESCO World Heritage Sites taj mahal
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मानस नेशनल पार्क, असम

असम में स्थित मानस नेशनल पार्क, जो हिमालय की तलहटी में स्थित है, एक जैविक विविधता से भरपूर स्थल है। यह पार्क भारतीय गैंडे, हाथी, बाघ और कई अन्य दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों का घर है। इसे बर्ड वॉचिंग के लिए भी आदर्श स्थान माना जाता है और यहां पर्यटकों को जीप सफारी, हाथी सफारी और नदी राफ्टिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का अनुभव मिलता है।

Manas National Park, Assam
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सूर्य मंदिर, कोणार्क

कोणार्क का सूर्य मंदिर 13वीं शताब्दी का एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला में एक विशाल पत्थर की रथ-गाड़ी का चित्रण है, जिसमें 12 जोड़ी पहिए और सात घोड़े दिखाई देते हैं। यह मंदिर अपनी अद्वितीय कला और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, और 1984 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी।

Sun Temple, Konark
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आगरा किला

आगरा किला, जो यमुनापार स्थित है, मुग़ल सम्राटों का एक प्रमुख किला था। यह किला लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसमें कई महत्वपूर्ण महल और कक्ष शामिल हैं, जो मुग़ल वास्तुकला की उत्कृष्टता को दर्शाते हैं। आगरा किला से ताज महल का दृश्य भी अत्यधिक आकर्षक होता है।

Agra Red Fort
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फतेहपुर सीकरी

फतेहपुर सीकरी, जो एक समय मुग़ल साम्राज्य की राजधानी था, मुग़ल वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह स्थल प्रसिद्ध बुलंद दरवाजा, Jama मस्जिद और पंच महल जैसी इमारतों के लिए जाना जाता है। फतेहपुर सीकरी को 1571 में मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा स्थापित किया गया था और यह 14 साल बाद पानी की कमी के कारण खाली कर दिया गया।

Fatehpur Sikri
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महाबलीपुरम के स्मारक

महाबलीपुरम, तमिलनाडु में स्थित, प्राचीन पालव वंश के स्थापत्य कला का एक अद्भुत उदाहरण है। यहां के रथ, मंदिर और विशाल शिल्पकृतियाँ भारतीय वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरण हैं। इन स्थापत्यों में “गंगावतरण” की राहत कला विशेष रूप से प्रसिद्ध है। 1984 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।

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अजंता और एलोरा की गुफाएँ

अजंता और एलोरा की गुफाएँ, महाराष्ट्र में स्थित, प्राचीन भारतीय बुद्धिज्म और हिन्दू धर्म की महान कृतियाँ हैं। इन गुफाओं में गहरी खुदाई की गई मंदिरों और चित्रित दीवारों पर उकेरी गई कला, भारतीय सभ्यता की गहरी समझ और धार्मिक आस्थाओं का प्रतिबिंब है।

Ajanta and Ellora Caves
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जंतर मंतर, जयपुर

जयपुर में स्थित जंतर मंतर, एक प्राचीन खगोलशास्त्र वेधशाला है, जो भारत के प्राचीन खगोलशास्त्र की अविश्वसनीय उपलब्धियों को दर्शाता है। यहां सूर्य घड़ी, मेरिडियन और अन्य खगोलशास्त्र यंत्रों का इस्तेमाल किया जाता था। यह स्थान भारतीय खगोलशास्त्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

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काज़ीरंगा नेशनल पार्क, असम

काज़ीरंगा नेशनल पार्क, असम में स्थित है, और यह एक सींग वाले गैंडे का सबसे बड़ा आवास है। यहाँ की जैव विविधता और प्राचीन वन्यजीवों के संरक्षण के प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। यह पार्क बाघ, हाथी, और अन्य संकटग्रस्त प्रजातियों का घर है।

Kaziranga National Park, Assam
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गोवा के चर्च और मठ

गोवा के चर्च और मठ, जो पुर्तगाली उपनिवेशकाल के दौरान बनाए गए थे, गोवा की कैथोलिक वास्तुकला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन चर्चों में से बासीलीका ऑफ बॉम जीसस, जिसमें सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेष रखे गए हैं, एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।

Churches and Convents of Goa
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