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Bihar 1st Phase Voting: तेजस्वी की साख, तेज प्रताप की वापसी और खेसारी का स्टार पावर –...

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Bihar 1st Phase Voting: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी की निगाहें इस बार भी राघोपुर सीट पर टिकी हैं, जहां से महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव मैदान में हैं। तेजस्वी का मुकाबला एक बार फिर भाजपा के सतीश कुमार से होने जा रहा है, जबकि जन सुराज पार्टी के चंचल कुमार भी इस सीट से ताल ठोक रहे हैं।
2020 के चुनाव में तेजस्वी यादव ने इसी सीट से 97,404 वोट हासिल कर 38,174 वोटों के बड़े अंतर से शानदार जीत दर्ज की थी। इस बार देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह इस रिकॉर्ड को दोहरा पाते हैं या नहीं।

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महुआ से चुनाव लड़ रहे हैं तेज प्रताप यादव- Bihar 1st Phase Voting

लालू परिवार के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इस बार अपनी सीट बदल ली है। वह अब महुआ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। पिछली बार 2020 में उन्होंने हसनपुर सीट से आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
महुआ में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है — तेज प्रताप यादव के सामने आरजेडी उम्मीदवार मुकेश रोशन और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संजय कुमार सिंह मैदान में हैं। इस सीट पर हर वोट की गिनती अहम मानी जा रही है।

अलीनगर से मैदान में मैथिली ठाकुर, आरजेडी ने दी बिनोद मिश्रा को टिकट

दरभंगा जिले की अलीनगर सीट पर इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। भाजपा ने यहां से लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है, जबकि आरजेडी ने बिनोद मिश्रा पर भरोसा जताया है।
2020 में इस सीट से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मिश्री लाल यादव ने 61,082 वोट पाकर आरजेडी के बिनोद मिश्रा को 3,101 वोटों से हराया था। इस बार मैथिली ठाकुर के आने से मुकाबला और भी टक्कर वाला हो गया है।

मोकामा में बाहुबली अनंत सिंह की साख दांव पर

मोकामा सीट पर इस बार राजनीतिक तापमान चरम पर है। एनडीए ने यहां से बाहुबली नेता अनंत सिंह को टिकट दिया है। हाल ही में उन्हें दुलारचंद यादव हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था, जिससे चुनाव का माहौल और गरम हो गया है।
पिछले चुनाव में अनंत सिंह ने 35 हजार वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इस बार उनके सामने सूरजभान सिंह की पत्नी मैदान में हैं, जिससे यह सीट एक हाई-प्रोफाइल मुकाबले में बदल गई है।

पटना की कुम्हरार सीट पर गणितज्ञ के.सी. सिन्हा की एंट्री

जन सुराज पार्टी ने पटना की कुम्हरार सीट से प्रोफेसर के.सी. सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। वह एक प्रसिद्ध गणितज्ञ और नालंदा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रह चुके हैं।
2020 के चुनाव में यह सीट भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा ने जीती थी। इस बार के.सी. सिन्हा के मैदान में उतरने से इस सीट पर एक नया समीकरण बनता दिख रहा है।

तारापुर में सम्राट चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर

तारापुर विधानसभा सीट इस बार सुर्खियों में है क्योंकि यहां से उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने आरजेडी के अरुण कुमार, जन सुराज पार्टी के संतोष कुमार सिंह, और जनशक्ति जनता दल के सुखदेव यादव मैदान में हैं।
यह सीट एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।

दानापुर में रामकृपाल बनाम रीतलाल की टक्कर

दानापुर सीट पर भाजपा के रामकृपाल यादव और आरजेडी के रीतलाल यादव आमने-सामने हैं। खास बात यह है कि रीतलाल यादव फिलहाल जेल में बंद हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता को देखते हुए मुकाबला बेहद दिलचस्प बना हुआ है।

लालगंज और रघुनाथपुर पर बाहुबली फैक्टर हावी

लालगंज विधानसभा सीट पर आरजेडी ने मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को टिकट दिया है, जो बीजेपी विधायक संजय कुमार सिंह को कड़ी टक्कर दे रही हैं।
वहीं, रघुनाथपुर सीट से आरजेडी ने दिवंगत बाहुबली मोहम्मद शाहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब पर भरोसा जताया है। पार्टी ने मौजूदा विधायक हरी शंकर यादव का टिकट काटकर 30 वर्षीय ओसामा को मौका दिया है।

छपरा से खेसारी लाल यादव की एंट्री, बढ़ा ग्लैमर फैक्टर

बॉलीवुड और भोजपुरी जगत की दुनिया से राजनीति में कदम रख रहे खेसारी लाल यादव इस बार छपरा सीट से महागठबंधन के उम्मीदवार हैं। उनके सामने भाजपा की छोटी कुमारी और निर्दलीय राखी गुप्ता मैदान में हैं।
खेसारी लाल की एंट्री से यह सीट न सिर्फ राजनीतिक बल्कि मनोरंजन की सुर्खियों में भी आ गई है।

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Rahul Gandhi Brazil Model Girl: राहुल गांधी बोले– ब्राजील की मॉडल ने डाले 22 वोट! लार...

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Rahul Gandhi Brazil Model Girl: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एक बार फिर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में गंभीर गड़बड़ी हुई है और वोटर लिस्ट में 25 लाख फर्जी नाम शामिल किए गए हैं। राहुल ने कहा कि जांच में पता चला है कि “एक ब्राजील की मॉडल” ने हरियाणा में 22 बार वोट डाला।

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हरियाणा की वोटर लिस्ट में एक ब्राजील की मॉडल का नाम है। उसका नाम ‘मैथ्यूज फेररो’ बताया गया है। सवाल यह है कि आखिर इस मॉडल का नाम लिस्ट में आया कैसे?”

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ब्राजील की मॉडल लारिसा ने तोड़ी चुप्पी Rahul Gandhi Brazil Model Girl

राहुल गांधी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर “ब्राजीलियन मॉडल” को लेकर हलचल मच गई। जांच में पता चला कि जिस लड़की का नाम राहुल ने लिया, असल में उसका नाम लारिसा है, जो पहले मॉडलिंग में काम करती थीं लेकिन अब इस पेशे से दूर हैं। फिलहाल वह डिजिटल इंफ्लुएंसर के तौर पर एक्टिव हैं और इंस्टाग्राम पर काफी लोकप्रिय हैं।

राहुल गांधी के बयान के बाद लारिसा ने भी इंस्टाग्राम पर एक ब्राजीलियाई भाषा में वीडियो मैसेज पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका भारतीय राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

“भारत की राजनीति से कोई संबंध नहीं” – लारिसा

लारिसा ने अपने वीडियो में कहा,
“हेलो इंडिया, मैं हूं वो ब्राजीलियन मॉडल जिसके बारे में आप बात कर रहे हैं। सबसे पहले साफ कर दूं कि मेरा भारत की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे भारतीय पत्रकारों के लिए एक वीडियो करने को कहा गया था और मैं बस वही कर रही थी। सच कहूं तो मैं कभी भारत गई भी नहीं हूं।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं पहले मॉडल थी, अब डिजिटल इंफ्लुएंसर हूं। लेकिन मुझे भारत के लोगों से बहुत प्यार है। आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद… नमस्ते!”

“अब तो मैं भारत में फेमस हो गई हूं” – लारिसा का मज़ेदार जवाब

लारिसा ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब भारत से कई पत्रकार उनसे संपर्क कर रहे हैं और इंटरव्यू लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हंसते हुए कहा, “अब तो मैं भारत में फेमस हो गई हूं! सोचिए, एक ब्राजीलियन मॉडल भारत में फेमस हो रही है!”

उन्होंने कहा कि उनकी जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, उनमें से कई उनकी पुरानी तस्वीरें हैं, लेकिन उनमें दिख रही कुछ तस्वीरें उनके द्वारा साझा नहीं की गई थीं। लारिसा ने भारतीय लोगों के व्यवहार की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय लोग बेहद दयालु और सम्मानजनक हैं।

राहुल गांधी ने दोहराया—हर आठवां वोट फर्जी

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि हरियाणा में कुल दो करोड़ वोटर हैं, जिनमें से करीब 25 लाख वोट फर्जी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार की एक बड़ी वजह यही “फेक वोटर लिस्ट” है।

राहुल ने कहा, “हमारी टीम ने 5 लाख 21 हजार से ज्यादा डुप्लीकेट वोटर की पहचान की है। अगर हर आठ में से एक वोट फर्जी है, तो ये साफ तौर पर चुनावी धांधली का मामला है।”

अब क्या होगी आगे की कार्रवाई?

राहुल गांधी के आरोप के बाद अब चुनाव आयोग पर निगाहें हैं कि वह इस मामले में क्या कदम उठाएगा। वहीं, लारिसा का कहना है कि वह इस विवाद में नहीं फंसना चाहतीं, लेकिन भारत के लोगों से मिले प्यार को हमेशा याद रखेंगी।

भारत की सियासत में इस वक्त “ब्राजीलियन मॉडल” का नाम चर्चा का विषय बन गया है—एक तरफ राहुल गांधी का गंभीर आरोप, तो दूसरी तरफ लारिसा की मुस्कराती सफाई। मामला जितना अजीब है, उतना ही अब चर्चा का केंद्र भी बन चुका है।

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sujata ki khir Khani: जहां बुद्ध ने पाया मध्यम मार्ग का ज्ञान, सुजाता की खीर ने बदल द...

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sujata ki khir Khani: बिहार का गया शहर न केवल हिंदू धर्म के लिए पवित्र है, बल्कि यह बौद्ध धर्म की आस्था का भी केंद्र है। यह वही भूमि है, जहां भगवान बुद्ध ने तपस्या की, मध्यम मार्ग का ज्ञान पाया और फिर पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया। गयाजी में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं — कोई पिंडदान के लिए, तो कोई बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों को देखने के लिए।

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डुंगेश्वरी गुफा — जहां बुद्ध ने की छह वर्षों तक कठोर तपस्या (sujata ki khir Khani)

गया शहर से लगभग 12 किलोमीटर उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित डुंगेश्वरी गुफा, जिसे प्रागबोधि गुफा के नाम से भी जाना जाता है, बौद्ध धर्म के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। यह गुफा एक पहाड़ी के ऊपर बनी हुई है, जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति से पहले लगभग छह वर्षों तक तपस्या की थी।

कहा जाता है कि इस कठोर साधना के दौरान उनका शरीर अत्यंत कमजोर हो गया था। वे इतनी तपस्या में लीन थे कि शरीर कंकाल जैसा हो गया। तभी पास के गांव की एक गाय चराने वाली लड़की सुजाता ने उन्हें खीर खिलाई। यही वह क्षण था, जब बुद्ध को एहसास हुआ कि ज्ञान की प्राप्ति आत्म-त्याग से नहीं, बल्कि मध्यम मार्ग से संभव है।

मध्यम मार्ग का जन्मस्थान

बौद्ध ग्रंथों में डुंगेश्वरी गुफा को “मध्यम मार्ग का प्रारंभिक स्थल” बताया गया है। छह वर्षों की तपस्या और सुजाता के हाथों खीर ग्रहण करने के बाद, सिद्धार्थ ने यह समझा कि अत्यधिक सुख या कठोर तप, दोनों ही ज्ञान प्राप्ति के रास्ते नहीं हैं। इसी सोच से उन्हें “मध्यम मार्ग” की प्रेरणा मिली, जो बाद में बौद्ध दर्शन की नींव बनी।

गुफा के भीतर आज भी बुद्ध की एक विशेष स्वर्ण प्रतिमा स्थापित है, जिसमें वे ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं। यह प्रतिमा अपने भाव और मुद्रा में अन्य बुद्ध प्रतिमाओं से अलग मानी जाती है।

हिंदू और बौद्ध, दोनों के लिए पवित्र स्थल      

डुंगेश्वरी गुफा का धार्मिक महत्व केवल बौद्ध धर्म तक सीमित नहीं है। यहां डुंगेश्वरी देवी का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है, जिसकी वजह से यह स्थान हिंदू श्रद्धालुओं के बीच भी अत्यंत पूजनीय है। नवरात्र और सावन के महीनों में यहां बड़ी संख्या में भक्त मां डुंगेश्वरी के दर्शन के लिए आते हैं। इस कारण इसे महाकाल गुफा मंदिर भी कहा जाता है।

आस्था और इतिहास का संगम

यह स्थल न सिर्फ एक धार्मिक धरोहर है बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने इसी गुफा से निकलकर उरूवेला वन (वर्तमान में बोधगया) का रुख किया था, जहां उन्हें बोधिवृक्ष के नीचे “संबोधि” यानी ज्ञान की प्राप्ति हुई।

डुंगेश्वरी गुफा आज भी अपने भीतर हजारों वर्षों की अध्यात्मिक ऊर्जा समेटे हुए है। यहां का वातावरण शांति और साधना से भरा हुआ महसूस होता है। विदेशी पर्यटक जब यहां पहुंचते हैं, तो बुद्ध की साधना स्थली देखकर गहरे आध्यात्मिक अनुभव से गुजरते हैं।

पर्यटन और संरक्षण की जरूरत

गया के इस ऐतिहासिक स्थल पर देश-विदेश से लोग आते हैं, लेकिन उचित प्रचार-प्रसार और सुविधाओं की कमी अब भी महसूस होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस क्षेत्र का बेहतर तरीके से विकास किया जाए तो यह बौद्ध सर्किट का और भी महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।

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Bihar Elections 2025: पहले चरण की वोटिंग में उमड़ा जनसैलाब, लालू यादव बोले– “तवा से र...

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Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग आज सुबह 7 बजे से शुरू हो गई है। राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। सुबह से ही बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। चाहे युवा हों या बुजुर्ग, महिलाएं हों या पहली बार वोट डालने वाले मतदाता—हर कोई लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है।

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चुनाव आयोग द्वारा जारी शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 9 बजे तक कुल 13.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। वहीं, सहरसा जिले में सबसे अधिक 15.27 प्रतिशत वोटिंग हुई है। आयोग के अनुसार, इस चरण में 3,75,13,302 मतदाता वोट डालने के पात्र हैं, जिनमें 1,98,35,325 पुरुष, 1,76,77,219 महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।

लालू यादव की ‘रोटी पलटने’ वाली अपील चर्चा में- Bihar Elections 2025

वोटिंग के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने अनोखे अंदाज में मतदाताओं से अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा,
“तवा से रोटी पलटती रहनी चाहिए, नहीं तो जल जाएगी। 20 साल बहुत हुआ! अब युवा सरकार और नए बिहार के लिए तेजस्वी सरकार अति आवश्यक है।”

लालू यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस संदेश को मौजूदा सरकार पर तंज और बदलाव की जरूरत बताने वाला संदेश माना जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अब वक्त है बिहार को नई सोच और नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ाने का।

राजद ने दी ‘तेजस्वी की गारंटी’ की याद

इसी बीच, राजद के आधिकारिक एक्स हैंडल से भी मतदाताओं को संदेश जारी किया गया। पार्टी ने लिखा,
“याद रखिए, तेजस्वी की गारंटी ही आपकी खुशियों की गारंटी है। तेजस्वी यादव जी की गारंटी से ही आपका परिवार खुशहाल, प्रगतिशील और सुरक्षित रहेगा।”

राजद ने अपने संदेश में लोगों से आग्रह किया कि वे इधर-उधर की बातों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी नौकरी, रोजगार, बदलाव, फैक्ट्री और बिहार की प्रगति जैसे असली मुद्दों पर वोट करें। पार्टी ने लिखा कि जिन बातों से आपका परिवार और जीवन प्रभावित होता है, वही असली मुद्दे हैं।

“बहकावे में न आएं, बिहारी स्वाभिमान जगाएं” – राजद

राजद ने आगे कहा कि अगर बिहार को फिर से अग्रणी राज्यों की कतार में लाना है, तो लोगों को भारी संख्या में मतदान केंद्र जाकर महागठबंधन के पक्ष में वोट करना चाहिए। पोस्ट में लिखा गया,
“किसी भी बहकावे, भटकावे या लालच में आकर अपना भविष्य बर्बाद न करें। बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य बन चुका है। इसे आगे लाने के लिए नौकरी और रोजगार सबसे जरूरी हैं। अपना बिहारी स्वाभिमान जगाइए और तेजस्वी सरकार बनाइए।”

मतदान में दिखा उत्साह, लंबी कतारों में खड़े मतदाता

बिहार के कई इलाकों से मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों की तस्वीरें सामने आ रही हैं। लोग सुबह से ही अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। महिलाओं और युवाओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।

पहले चरण की वोटिंग को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मतदान शांतिपूर्ण तरीके से जारी है।

पहले चरण से तय होगा चुनावी रुझान

बिहार विधानसभा चुनाव का यह पहला चरण बेहद अहम माना जा रहा है। इस चरण में होने वाली वोटिंग आगामी चरणों की दिशा और मतदाताओं के मूड का संकेत दे सकती है। एक ओर एनडीए अपनी सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है, वहीं राजद और महागठबंधन इस बार सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

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Fake Phone Charger Warning: स्मार्टफोन यूजर्स के लिए अलर्ट, गलत चार्जर लेने पर हो सकत...

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Fake Phone Charger Warning: आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। काम हो, सफर हो या मनोरंजन, यह गैजेट हर पल हमारे साथ रहता है। लेकिन भारत सरकार की उपभोक्ता जागरूकता एजेंसी ‘Jago Grahak Jago’ ने हाल ही में चेताया है कि गलत या नकली चार्जर का इस्तेमाल आपके स्मार्टफोन के साथ-साथ आपकी सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।

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एजेंसी ने अपने X अकाउंट से पोस्ट करते हुए कहा, “भूलकर भी गलत चार्जर का इस्तेमाल न करें।” अक्सर लोग सस्ते चार्जर की ओर आकर्षित हो जाते हैं, लेकिन ये नकली या सब-स्टैंडर्ड चार्जर न तो किसी सुरक्षा मानक का पालन करते हैं और न ही सर्टिफाइड होते हैं। इसके परिणामस्वरूप बिजली का झटका, शॉर्ट सर्किट और यहां तक कि आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है।

CRS मार्क वाला चार्जर ही सुरक्षित- Fake Phone Charger Warning

सरकार ने स्पष्ट किया है कि फोन और अपनी सुरक्षा के लिए हमेशा CRS (Compulsory Registration Scheme) मार्क वाला चार्जर ही खरीदें। CRS मार्क यह सुनिश्चित करता है कि चार्जर सरकारी सुरक्षा मानकों को पूरा करता है। पोस्ट में असली और नकली चार्जर के बीच फर्क भी दिखाया गया है, ताकि उपभोक्ता आसानी से पहचान सकें।

सब-स्टैंडर्ड चार्जर क्या हैं?

सब-स्टैंडर्ड या नकली चार्जर वे होते हैं, जो किसी ब्रांडेड कंपनी के न होकर फर्जी नाम से बेचे जाते हैं। इन पर CRS या BIS मार्क नहीं होता और इनमें खराब क्वालिटी के कंपोनेंट इस्तेमाल किए जाते हैं। कई बार ये चार्जर देखने में असली जैसे लगते हैं, लेकिन अंदर से पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते।

नकली चार्जर से संभावित खतरे

नकली चार्जर के इस्तेमाल से कई तरह के खतरे सामने आते हैं:

  • स्मार्टफोन की बैटरी ओवरचार्ज होकर फट सकती है या उसका बैकअप खत्म हो सकता है।
  • चार्जिंग के दौरान फोन का मदरबोर्ड खराब हो सकता है, जिसकी मरम्मत महंगी पड़ती है।
  • इलेक्ट्रिक शॉक या स्पार्किंग की घटनाएं हो सकती हैं।
  • कुछ मामलों में मोबाइल में आग लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं।

उपभोक्ताओं के लिए संदेश

सरकार की चेतावनी स्पष्ट है: अगली बार चार्जर खरीदते समय केवल CRS मार्क वाला ओरिजिनल चार्जर ही चुनें। थोड़ी सी सावधानी आपकी जान और स्मार्टफोन दोनों बचा सकती है। नकली चार्जर सस्ते लग सकते हैं, लेकिन उनके खतरे बहुत बड़े हैं।

स्मार्टफोन की लंबी उम्र और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मार्क, ब्रांड और सर्टिफिकेशन की जांच करना न भूलें। यह छोटी सावधानी भविष्य में बड़े नुकसान से बचा सकती है।

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Ghaziabad Software Engineer Death: गाजियाबाद में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की संदिग्ध मौत, ह...

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Ghaziabad Software Engineer Death: दिल्ली-एनसीआर के गाजियाबाद में सोमवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का शव ओयो होटल के कमरे में फांसी के फंदे से लटका मिला। मामला इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के शक्ति खंड-3 स्थित वन मॉल के पास बने होटल का है। मृतक की पहचान मेरठ निवासी रजत प्रताप सिंह भाटी (27 वर्ष), पुत्र संजीव भाटी के रूप में हुई है।

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कमरा नंबर 203 से मिली लाश, पुलिस ने दरवाजा तोड़कर निकाला शव

एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि 5 नवंबर की सुबह होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचना दी कि कमरा नंबर 203 का दरवाजा लंबे समय से बंद है और अंदर से कोई जवाब नहीं मिल रहा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर का नजारा देख सबके होश उड़ गए। रजत चादर से बने फंदे पर लटका हुआ मिला। कमरे से लैपटॉप, मोबाइल फोन और शराब की बोतलें बरामद की गई हैं।

दो दिन से होटल में रह रहा था इंजीनियर- Ghaziabad Software Engineer Death

पुलिस जांच में पता चला कि रजत 2 नवंबर से होटल में ठहरा हुआ था और अकेले रह रहा था। वह नोएडा की एक निजी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत था। शुरुआती जांच में पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन अभी तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

परिवार ने उठाए सवाल – “रजत ऐसा कदम नहीं उठा सकता”

दूसरी ओर, मृतक के परिवार ने आत्महत्या की थ्योरी पर सवाल उठाए हैं। परिजनों का कहना है कि रजत आर्थिक रूप से मजबूत था और मानसिक रूप से भी स्थिर था। पिता संजीव भाटी ने बताया कि बेटा हर महीने करीब 1.25 लाख रुपये की सैलरी कमाता था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह पूरी रकम घर नहीं भेज रहा था। परिवार का शक है कि कोई उसे मानसिक या आर्थिक दबाव में रखे हुए था।

परिजनों ने यह भी संभावना जताई कि इस मामले में किसी महिला या करीबी व्यक्ति की भूमिका हो सकती है। उन्होंने पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

पुलिस ने जुटाए सुराग, डिजिटल डिवाइस की जांच होगी

फिलहाल पुलिस ने होटल से मिले सभी साक्ष्य सील कर लिए हैं। रजत के मोबाइल और लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसकी आखिरी बातचीत किससे हुई थी और मौत से पहले वह किन परिस्थितियों में था।

एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा, “मामले की जांच आत्महत्या और हत्या – दोनों ही एंगल से की जा रही है। होटल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

जरूरी अपील

अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में खुदकुशी का विचार आता है, तो यह एक गंभीर मानसिक आपात स्थिति है। तुरंत मदद लें।
📞 जीवनसाथी हेल्पलाइन: 1800-233-3330
📞 टेलिमानस हेल्पलाइन: 1800-914-416

याद रखें — “हर मुश्किल का हल है, बस बात कीजिए।”

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Delhi Land Subsidence Danger: दिल्ली धंस रही है! जमीन से खतरे की चेतावनी, 17 लाख लोग ...

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Delhi Land Subsidence Danger: दिल्ली-NCR में पर्यावरण संबंधी संकट अब गंभीर रूप ले चुका है। राजधानी में जमीन धंसाव (Land Subsidence) की दर इतनी तेज़ हो गई है कि अगर शासन-प्रशासन और आम लोग समय रहते नहीं जागे तो यह बड़े पैमाने पर तबाही का कारण बन सकता है। हाल ही में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में जमीन लगातार धंस रही है और हजारों इमारतें संरचनात्मक रूप से खतरे में हैं।

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राजधानी में खतरे की स्थिति- Delhi Land Subsidence Danger

‘Building Damage Risk in Sinking Indian Megacities’ नामक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली में जमीन धंसने की अधिकतम दर सालाना 51 मिलीमीटर तक पहुँच चुकी है। इस समस्या के कारण राजधानी की 2,264 इमारतें उच्च संरचनात्मक जोखिम की श्रेणी में आ चुकी हैं। अनुमान है कि करीब 17 लाख लोग सीधे तौर पर इस संकट से प्रभावित हैं। अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि अगर हालात में सुधार नहीं हुआ, तो आने वाले समय में खतरे का दायरा और बढ़ सकता है।

गंभीर कारण: भूजल का अत्यधिक दोहन

अध्ययन के अनुसार दिल्ली में जमीन के लगातार धंसने का सबसे बड़ा कारण भूजल का अत्यधिक दोहन है। राजधानी की जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) में पानी की कमी से संकुचन की प्रक्रिया तेज हो गई है, जिससे जमीन नीचे धंस रही है। शोध में यह भी बताया गया कि मानसून के अस्थिर पैटर्न और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। सतही जल और भूजल की आपूर्ति मुख्य रूप से मानसून पर निर्भर करती है, और वर्षा में अनियमितता के कारण एक्विफर पर दबाव लगातार बढ़ रहा है।

दिल्ली-NCR में क्षेत्रीय स्थिति

उपग्रह रडार (InSAR) डेटा के विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली के आसपास के शहरों में भी जमीन धंस रही है। बिजवासन में सालाना 28.5 मिमी, फरीदाबाद में 38.2 मिमी और गाजियाबाद में 20.7 मिमी की दर से जमीन नीचे जा रही है। दिल्‍ली के द्वारका क्षेत्र में कुछ जगहों पर जमीन सालाना 15.1 मिमी की दर से ऊपर उठती भी पाई गई है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि अगले 30 वर्षों में दिल्ली में 3,169 इमारतें उच्च जोखिम में होंगी और अगले 50 वर्षों में यह संख्या बढ़कर 11,457 तक पहुँच सकती है।

भारत के अन्य शहरों में स्थिति

अध्ययन में मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु का भी जिक्र किया गया है। मुंबई में 262.36 वर्ग किलोमीटर, कोलकाता में 222.91 वर्ग किलोमीटर और दिल्ली में 196.27 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र इस खतरे से प्रभावित है। इन महानगरों में भी इमारतों के धंसने और संरचनात्मक नुकसान का खतरा गंभीर है।

विशेषज्ञों की चेतावनी

अध्ययन के शोधकर्ताओं ने तीन मुख्य कारणों को जमीन धंसाव का जिम्मेदार बताया है:

  1. भूजल का अत्यधिक दोहन
  2. मानसून की अनियमितता
  3. जलवायु परिवर्तन

शोध में यह भी कहा गया कि पारंपरिक तरीकों से इमारतों की संरचनात्मक स्थिति का आकलन करना मुश्किल है, क्योंकि हर दरार खतरे का संकेत नहीं होती। इसलिए आवश्यक है कि जमीन धंसाव और इमारतों की क्षति का समग्र और मानकीकृत डेटाबेस तैयार किया जाए।

शोध निष्कर्ष में चेतावनी देता है कि जलवायु परिवर्तन, चरम मौसम की घटनाएं और भूमि धंसाव मिलकर भारत के शहरी बुनियादी ढांचे पर गंभीर संकट पैदा कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली और NCR में इस खतरे से निपटने के लिए समय रहते ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दशकों में हजारों लोगों की जिंदगी और संपत्ति को बड़ा जोखिम हो सकता है।

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Bollywood News: बॉलीवुड की चर्चित एक्ट्रेस करती हैं ‘वन नाइट स्टैंड’ से क...

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Bollywood News: बॉलीवुड की चमक-दमक भरी दुनिया हमेशा सुर्खियों में रहती है, लेकिन अब एक निजी जांच ने पर्दे के पीछे की जिंदगी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्राइवेट डिटेक्टिव तान्या पुरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में दावा किया कि बॉलीवुड की एक पॉपुलर एक्ट्रेस केवल ग्लैमर और अपीयरेंस के लिए नहीं, बल्कि कुछ गुप्त गतिविधियों के जरिए भी कमाई कर रही हैं। उनका यह खुलासा मनोरंजन जगत में चर्चा का विषय बन गया है।

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डिटेक्टिव के आरोप- Bollywood News

तान्या पुरी ने बताया कि यह एक्ट्रेस अलग-अलग देशों में जाती हैं, जहां वह रिबन काटने और अन्य ऑफिशियल अपीयरेंस करती हैं। लेकिन उनके अनुसार, ये केवल दिखावे के लिए होती हैं। पर्दे के पीछे वह होटल्स में क्लाइंट्स से मिलती हैं और घंटे या रात के हिसाब से उनसे शुल्क लेती हैं। डिटेक्टिव ने कहा कि उनके पार्टनर को भी इस बात का पता है।

तान्या ने सिद्धार्थ कानन को दिए इंटरव्यू में कहा, “कुछ समय पहले हमारे पास एक केस आया, जिसमें एक पार्टनर ने शक जताया कि उनके रिलेशनशिप में धोखा हो रहा है। हमने उनकी गतिविधियों की मॉनिटरिंग की तो पता चला कि वह केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं हैं। वह कई लोगों के साथ, अलग-अलग देशों में स्पेशल अपीयरेंस देती हैं।”

पारदर्शिता बनाम वास्तविकता

तान्या ने आगे कहा कि यह एक्ट्रेस लोगों से केवल दिखावे के लिए नहीं मिलती। वह अपीयरेंस के बहाने पैसे लेती हैं, लेकिन पर्दे के पीछे की वास्तविकता इससे काफी अलग है। उन्होंने कहा, “मेरा मतलब है कि वह पैसों के बदले फिजिकल प्लेजर देती हैं। उनकी टीम जब कॉन्ट्रैक्ट भेजती है, उसमें लिखा होता है कि यह स्पेशल अपीयरेंस है। लेकिन पर्दे के पीछे सिर्फ बातें नहीं होती।”

रिश्तों और व्यक्तिगत जीवन पर असर

इस खुलासे के सवाल पर कि क्या उनके पार्टनर ने रिलेशनशिप तोड़ दी, तान्या ने बताया कि ऐसा नहीं हुआ। पार्टनर केवल मानसिक शांति के लिए यह जानना चाहते थे कि असल में क्या हो रहा है। तान्या ने कहा, “90% लोग जो हमारे पास आते हैं, वह रिश्ते नहीं तोड़ते। क्योंकि यह पैसा उनके व्यवसाय या जीवन में मददगार साबित होता है। वह लोग जॉइंट बिजनेस भी कर रहे हैं और इन कमाई से उसे फंड करते हैं।”

महीने में कितने लोगों से मिलती हैं

तान्या ने बताया कि यह एक्ट्रेस महीने में लगभग 10 लोगों से मिलती हैं। वन नाइट स्टैंड के लिए चार्ज अलग-अलग होता है। उन्होंने कहा, “पैसे अलग-अलग होते हैं, 5 लाख, 10 लाख या 20 लाख एक रात के। यह क्लाइंट की जरूरत और पॉकेट पर निर्भर करता है।”

सार्वजनिक छवि और पहचान

तान्या ने इसके बारे में हिंट देते हुए कहा कि यह एक्ट्रेस जानी-मानी हैं। वह सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स करती हैं, रिबन कटिंग में शामिल होती हैं और सार्वजनिक अपीयरेंस करती हैं। लेकिन पर्दे के पीछे उनकी जिंदगी इससे बिल्कुल अलग है।
तान्या पुरी के इस खुलासे ने बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे की दुनिया पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला अभी जांच और पुष्टि के अधीन है, लेकिन इसने एक बार फिर साबित किया कि केवल ग्लैमर देखकर उद्योग की असली सच्चाई को समझना मुश्किल है। पर्दे पर दिखने वाला चेहरा और असली जिंदगी अक्सर एक दूसरे से बहुत अलग होती है।

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India arms global dominance: भारत का हथियारों में ग्लोबल कब्ज़ा! 85 देशों को बेचे 2.5...

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India arms global dominance: भारत अब दुनिया के नक्शे पर सिर्फ एक बड़ा रक्षा बाज़ार नहीं, बल्कि एक उभरती हुई रक्षा निर्यात शक्ति बन गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश ने 85 देशों को 2.5 अरब डॉलर से ज़्यादा के हथियार और रक्षा उपकरण बेचे हैं। यानी अब भारत ‘हथियार खरीदार’ से ‘हथियार सप्लायर’ की भूमिका में मजबूती से खड़ा है। सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में इस निर्यात को 5 अरब डॉलर तक पहुंचाने का है। साफ है ‘मेक इन इंडिया’ अब तेजी से ‘डिफेंड द वर्ल्ड’ में बदल रहा है।

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रक्षा निर्यात के इस नए युग में भारत की कई स्वदेशी तकनीकें अब विदेशी सेनाओं की पहली पसंद बन रही हैं। चलिए जानते हैं, कौन-कौन से भारतीय हथियार आज दुनिया भर में अपनी ताकत का लोहा मनवा रहे हैं।

पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर: कारगिल से लेकर विदेशी बॉर्डर तक| India arms global dominance

DRDO द्वारा विकसित पिनाका रॉकेट सिस्टम भारत का गर्व है। कारगिल युद्ध के दौरान इसकी ताकत पूरी दुनिया ने देखी थी। अब यह सिस्टम कई विदेशी सेनाओं के रडार पर है।
75 किलोमीटर की रेंज वाला यह रॉकेट लॉन्चर एक साथ कई टारगेट पर फायर कर सकता है। तेज़ रीलोडिंग और सटीक मारक क्षमता के कारण यह अब भारत के डिफेंस एक्सपोर्ट पोर्टफोलियो में अहम भूमिका निभा रहा है।

तेजस हल्का लड़ाकू विमान: विदेशी आसमानों की नई उड़ान

भारतीय वायुसेना की शान तेजस अब भारत के बाहर भी अपनी जगह बना रहा है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित यह हल्का, तेज़ और आधुनिक एवियॉनिक्स से लैस लड़ाकू विमान अर्जेंटीना और मलेशिया जैसे देशों के साथ चर्चा में है।
तेजस अपनी कम लागत, तकनीकी कुशलता और रखरखाव में आसानी के कारण पश्चिमी जेट्स का मजबूत विकल्प बन रहा है।

अर्जुन टैंक: भारतीय जमीनी शक्ति का प्रतीक

DRDO द्वारा डिजाइन किया गया अर्जुन टैंक भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का शानदार उदाहरण है। 120 मिमी की राइफल्ड गन और एडवांस फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस यह टैंक हर तरह के इलाके में कारगर है।
कई अफ्रीकी देशों ने इसके ट्रायल में दिलचस्पी दिखाई है, जिससे भारत का टैंक मार्केट में कदम और मजबूत हो रहा है।

ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल: भारत की सबसे बड़ी पहचान

भारत और रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस मिसाइल अब भारत के रक्षा निर्यात की सबसे बड़ी पहचान बन चुकी है। यह सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल 290 किलोमीटर तक के लक्ष्य को सटीकता से भेद सकती है।
फिलीपींस ने ब्रह्मोस की एक बड़ी डील पर हस्ताक्षर किए हैं, और वियतनाम, इंडोनेशिया समेत कई एशियाई देश इसमें गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। आने वाले वर्षों में यह मिसाइल भारत के लिए अरबों डॉलर का एक्सपोर्ट ब्रांड बन सकती है।

धनुष तोप: बोफोर्स से भी ताकतवर स्वदेशी तोप

धनुष हॉवित्जर, भारत की पहली स्वदेशी तोप, 38 किलोमीटर तक सटीक फायरिंग करने में सक्षम है। यह मशहूर बोफोर्स तोप का आधुनिक संस्करण है। नेपाल और म्यांमार जैसे देशों में इसके प्रदर्शन की चर्चा बढ़ रही है।

आकाश मिसाइल सिस्टम: आसमान से गिरती सटीक वार

25 किलोमीटर की रेंज वाली आकाश मिसाइल अब कई देशों की सुरक्षा रणनीति का हिस्सा बन सकती है। यह सतह से हवा में मार करने वाला सिस्टम एक साथ कई दुश्मन टारगेट को निशाना बना सकता है।
सऊदी अरब, केन्या और वियतनाम जैसे देश इस भारतीय सिस्टम को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।

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Uttarakhand Foundation Day 2025: देवभूमि के 25 साल, शराब फैक्ट्रियों और घोटालों पर वि...

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Uttarakhand Foundation Day 2025: उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 साल पूरे होने पर विधानसभा में आयोजित विशेष सत्र में तीखी बहस देखने को मिली। हर विधायक ने अपने विचार रखे, लेकिन हरिद्वार की खानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने सरकार पर जमकर सवाल खड़े किए। उन्होंने राज्य के 25 साल के विकास, भ्रष्टाचार के मामले और स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कड़ा हमला बोला। इस बहस ने सत्र की गरिमा को भी हिला दिया और अब सवाल उठ रहे हैं कि 25 साल में उत्तराखंड क्यों अपनी स्थायी राजधानी तक तय नहीं कर पाया।

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उमेश कुमार का तीखा आरोप- Uttarakhand Foundation Day 2025

उमेश कुमार ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य गठन के 25 साल पूरे होने के बावजूद कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। उन्होंने कहा, “हमें आज 25 साल पूरे होने पर राज्य के आगे के विकास रोडमैप पर बात बाद में करनी चाहिए। पहले यह देखना जरूरी है कि इन 25 सालों में राज्य में क्या हुआ। जो घोटाले हुए, उनके जिम्मेदार कौन हैं?”

उमेश कुमार ने कहा कि राजनीतिक संरक्षण में कई भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं और बाहरी कंपनियों को राज्य में प्रोजेक्ट देने में प्राथमिकता दी गई। उन्होंने बताया कि राज्य गठन से अब तक कई ऐसे मामलों की समीक्षा हो चुकी है, लेकिन इनका समाधान नहीं हुआ।

शराब फैक्ट्रियों पर उठे सवाल

निर्दलीय विधायक ने शराब उद्योगों को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना था कि उत्तराखंड में देवभूमि होने के बावजूद कई जगह शराब की फैक्ट्रियां लगाई गई हैं। “बताया गया था कि ये फैक्ट्रियां स्थानीय लोगों को रोजगार देंगी और स्थानीय उत्पादों से शराब तैयार की जाएगी। लेकिन आज बाहर से ट्रक भरकर शराब आ रही है, केवल बॉटलिंग हो रही है और करोड़ों रुपए का टैक्स सरकार का नुकसान कर रहा है,” उन्होंने सदन में कहा।

स्थायी राजधानी का मुद्दा

सत्र में सबसे महत्वपूर्ण विषय स्थायी राजधानी का रहा। उमेश कुमार ने सभी विधायकों से अपील की कि इस मुद्दे पर एकजुट हों और स्पष्ट निर्णय लें। उनका कहना था, “सरकार को तय करना चाहिए कि स्थायी राजधानी देहरादून में होगी या गैरसैंण में। 25 सालों में राज्य को अपनी स्थायी राजधानी नहीं मिली, जो बड़ा फेलियर है।”

सत्र की अवधि बढ़ाई गई

विशेष सत्र की चर्चा इतनी व्यापक हुई कि इसे एक दिन और बढ़ा दिया गया। अब 5 नवंबर को सरकार को इन सवालों का जवाब देना होगा। विधायक विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति, विकास परियोजनाओं की पारदर्शिता और प्रशासनिक चुनौतियों पर अपने विचार रख रहे हैं।

आगे का रोडमैप

उत्तराखंड के लोग इस सत्र से उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार न केवल उठाए गए सवालों का जवाब देगी, बल्कि भविष्य के लिए एक स्पष्ट और ठोस रोडमैप भी पेश करेगी। 25 साल के राज्य गठन का मूल्यांकन यह दर्शाता है कि कई क्षेत्रों में प्रगति हुई है, लेकिन कई संवेदनशील मुद्दों पर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता अब भी बनी हुई है।

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