8 मार्च..ये दिन काफी खास होता है। क्योंकि दुनियाभर में इसे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के तौर पर मनाया जाता है। वैसे तो महिलाओं को सम्मान देने के लिए एक दिन काफी नहीं, ये हर दिन किया जाना चाहिए। लेकिन उनको स्पेशल फील कराने के लिए ये दिन मनाया जाता है। आज के समय की बात करें तो महिलाओं को सामान महत्व दिए जाने लगा है। चाहे कोई भी क्षेत्र हो, महिलाओं आज कहीं पर भी पीछे नहीं। हर जगह कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
International Women's Day: अपने इन अधिकारों के बारे में हर महिला को जरूर होना चाह...
मार्च में फिर कोरोना ले रहा यू-टर्न: सिर्फ महाराष्ट्र, केरल ही नहीं अब इन राज्यों में...
पिछले साल का वो वक्त तो आपको याद ही होगा, जब चीन से फैला कोरोना वायरस भारत में भी अपने पैर पसारने लगा था। देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे थे। देश में लॉकडाउन लगा दिया गया था, जो कई महीनों तक लगा रहा और इसने आम जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित करके रख दिया था। वो महीना पिछले साल मार्च का था।
देश में कोरोना रिटर्न?
एक साल बीत गया। कोरोना महामारी से जंग में भारत काफी आगे निकल रहा है। देश में कोरोना का वैक्सीनेशन भी जारी है। लेकिन एक बार फिर से देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। इत्तेफाक की ही बात है कि इस साल भी मार्च के महीने कोरोना यू-टर्न लेता हुआ नजर आ रहा है।
जहां एक वक्त ऐसा लग रहा था कि अब देश में कोरोना कंट्रोल में आ जाएगा। वहीं इसी बीच एक बार फिर से कई राज्यों में तेजी से कोरोना केस बढ़ने लगे है, जो टेंशन बढ़ा रहे। महाराष्ट्र, पंजाब समेत कई राज्यों में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।
पिछले 24 घंटों में आए इतने केस
बात अगर पिछले 24 घंटों में नए कोरोना केस की करें तो 18 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए। वहीं इस दौरान 97 लोगों ने इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई। फिलहाल देश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव केस 1 लाख 12 हजार के पार है। वहीं एक लाख 57 हजार से ज्यादा लोगों की मौत अब तक हुई।
वो राज्य जहां बढ़ रहे केस
सिर्फ महाराष्ट्र, केरल और पंजाब ही नहीं दूसरे भी कई राज्यों में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे, जिसमें तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा जैसे राज्य भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है। देश में बीते 24 घंटों में 18,599 नए केस सामने आए, जिसमें से 11,141 मामले अकेले महाराष्ट्र से है। 16 अक्टूबर के बाद अब ऐसा हुआ, जब राज्य में एक दिन में इतने केस सामने आए। वहीं इससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र से 10,187 नए केस आए थे। बीते 24 घंटों में कोरोना की वजह से महाराष्ट्र में 38 लोगों की मौत हुई।
वहीं बात अब दूसरे राज्य की करते हैं। केरल में बीते 24 घंटों में कोरोना के 2100 नए मामले सामने आए। इस दौरान 13 लोगों ने अपनी जान गंवाई। केरल मेंम अभी कोरोना के एक्टिव केस 41 हजार के पार हैं। इसके अलावा पंजाब ने भी टेंशन बढ़ाई हुई है। पंजाब में बीते 24 घंटों में कोरोना के एक हजार से अधिक केस सामने आए। इस दौरान 1043 नए लोग कोरोना से संक्रमित हुए, जबकि 17 लोगों की मौत हुई।
महाराष्ट्र, पंजाब और केरल तो पहले से ही चिंता का विषय बने हुए है। लेकिन अब इसके अलावा भी दूसरे राज्य में फिर से कोरोना के केस बढ़ते दिख रहे है। कर्नाटक में बीते 24 घंटों में कोरोना के 622 नए मामले आए और 3 की मौत हुई। वहीं गुजरात से भी 575 नए कोरोना संक्रमण के मामले आए है। साथ में तमिलनाडु में 567, तो मध्य प्रदेश से 429 नए मरीज मिले। हरियाणा में भी एक दिन में 300 से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आए। यहां 305 नए मरीज मिले।
बात अब राजधानी दिल्ली की करते हैं। दिल्ली में एक वक्त ऐसा आ गया था, जब कोरोना के नए केस 100 से भी कम आने लगे थे। लेकिन एक बार फिर से दिल्ली में भी कोरोना में पैर पसार रहा है। दिल्ली में अब कोरोना केस 200 से अधिक आने लगे है। आज भी राजधानी में 286 नए कोरोना के मामले सामने आए। ये पिछले डेढ़ महीने में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा केस हैं।
केस बढ़ रहे, लेकिन टेस्टिंग नहीं
गौरतलब है कि जहां एक तरफ कोरोना का प्रकोप फिर से बढ़ने लगा है। वहीं दूसरी ओर टेस्टिंग नहीं बढ़ रही। केंद्र कई राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दे चुकी है। लेकिन इसके बावजूद टेस्टिंग की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा। जब देश में डेली केस 8 से 10 हजार तक सामने आ रहे थे, जब रोजाना 6 से 7 लाख टेस्टिंग हो रही थीं। वहीं अब जब इसके दोगुने यानी 18 हजार के ज्यादा केस सामने आने लगे, तब भी इतनी ही टेस्टिंग रोजाना हो रही है। बात अगर पिछले दिन की करें तो रविवार को 5 लाख 37 हजार से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग की गई।
भारत से दोस्ती करने के लिए छटपटा रहा ड्रैगन, सीमा विवाद को लेकर दिया ये बड़ा बयान
आज से कुछ महीने पहले तक भारत चीन के रिश्तों को लेकर ‘हिंदी चीनी भाई-भाई’ का नारा दिया जाता था। लेकिन बीते साल से दोनों देशों के रिश्तों में काफी खटास देखने को मिली हैं। भारत और चीन के बाद बॉर्डर विवाद के चलते तल्खियां बढ़ी हैं। सालों बाद ऐसा हुआ जब भारत चीन बॉर्डर पर झड़प हुई, जिसमें दोनों तरफ काफी नुकसान पहुंचा। हालात तो इतने बिगड़ गए थे कि युद्ध जैसी स्थिति बनती नजर आ रही है।
‘एक दूसरे पर शक करना बंद करें’
भारत ने इस पूरे विवाद के दौरान चीन को उसी की भाषा में जवाब हुआ, जिसके चलते ड्रैगन झुकने को मजबूर हुआ और अब विवाद सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अब दोनों देशों के बीच विवाद थोड़ा सुलझता हुआ दिख रहा है। वहीं इसी बीच अब चीन एक बार फिर से भारत को दोस्ती की राह पर आगे बढ़ने की सलाह दे रहा है। चीनी विदेश मंत्री ने रविवार को एक बयान देते हुए ये कहा कि भारत और चीन को एक दूसरे को गिराने बंद करना चाहिए। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे के लिए शक के भाव को कम करना चाहिए और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे दोनों देशों में सीमा विवाद का हल निकले।
‘सीमा विवाद इतिहास की देन’
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ती के अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन अब आपसी शक को खत्म करने की जरूरत है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होनें कहा कि इस पूरे विवाद को दोनों देशों द्वारा सुलझा लिया जाना और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना बेहद महत्वपूर्ण है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी आगे ये भी बोले कि सीमा विवाद एक ऐसी चीज है, जो इतिहास में छूट गई। लेकिन ये भारत-चीन के रिश्तों की पूरी कहानी नहीं है।
गौरतलब है कि चीनी विदेश मंत्री का भारत चीन की दोस्ती को लेकर ये बयान ऐसे वक्त में जब दोनों देशों के बीच पूर्व लद्दाख को लेकर समझौता हुआ और अपने सैनिक पीछे हटाने के लिए तैयार हुए। भारत-चीन के बीच जारी तनाव के बीच पूर्व लद्दाख से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों भारत चीन के रिश्तों का क्या होता है…क्या एक बार फिर दोनों देश विवाद को पूरी तरह सुलझाकर दोस्ती की राह पर दोबारा से आगे बढ़ते है या फिर नहीं?
जानिए कैसा रहेगा 08 मार्च को आपका दिन
जैसा कि हम सभी जानते
हैं ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन में पड़ता है, जिसके चलते हमें कभी अच्छे तो कभी बुरे
दिनों का सामना करना पड़ता। वहीं आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज का राशिफल
आपके जीवन में क्या-क्या परिवर्तन लेकर आ सकता है। तो आइए आपको बताते हैं आज के
दिन के बारे में आपके सितारे क्या कहते हैं और 08 मार्च का दिन आपके लिए कैसा रहेगा…
मेष राशि- आपका दिन मिला जुला
रहने वाला है। आर्थिक समस्याएं कम होगी। मेहनत के नतीजे मिलेंगे। आज के दिन आपका
गुस्सा आपके बने बनाए काम बिगाड़ सकता है।
वृषभ राशि- दिन की शुरुआत अच्छी
होगी। रुके काम पूरे होने की संभावना है। जल्दबाजी में लिया फैसला भारी पड़ सकता
है। घर का माहौल सामान्य रहेगा।
मिथुन राशि- आपको थोड़ा संभलकर
रहना चाहिए। आज के दिन किसी पर भी आंख बंद कर भरोसा ना करें। करीबी ही आपको ठेंस
पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। दिन आपका तनाव से भरा बीतेगा।
कर्क राशि- आपका दिन ठीक ठाक
रहेगा। लंबे समय से चली आ रही परेशानियां कम होगी। घर का माहौल खुशियों से भरा
रहेगा। संतान की तरफ से अच्छी खबर मिलने के आसार है।
सिंह राशि- लव लाइफ बढ़िया
रहेगी। जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होंगे। दिन आपका बढ़िया रहने वाला है।
स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या को नजरअंदाज ना करें।
कन्या राशि- दिन आपका मिला जुला
रहेगा। कार्यक्षेत्र में अच्छा वक्त बिताएंगे। सीनियर आपके काम से प्रभावित होंगे।
आपकी सफलता से कुछ लोगों को जलन हो सकती हैं।
तुला राशि- दिन की शुरुआत
बढ़िया होगी। सुबह सुबह गुड न्यूज मिल सकती है। कामकाज के लिहाज से दिन बढ़िया
रहने वाला है। आज के दिन किसी से भी उलझने से बचें।
वृश्चिक राशि- दिन परेशानियों से
भरा बीतेगा। भविष्य को लेकर चिंतत रहेंगे। स्वास्थ्य डामाडोल रहने के आसार है। हर
परिस्थिति में कुछ खास लोगों का सहयोग मिलेगा।
धनु राशि- दिन आपका सामान्य
रहने वाला है। छात्रों को आज थोड़ी अधिक मेहनत की जरूरत है। लगन से किए कामों में
सफलता जरूर मिलेगीं। परिवार का माहौल आज बढ़िया रहेगा।
मकर राशि- आपका दिन भाग दौड़
से भरा बीतेगा। घर में कुछ मेहमानों का आगमन हो सकता है। दिन आपका सामान्य रहेगा।
स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें।
कुंभ राशि- दिन आपका शानदार
रहेगा। पुरानी परेशानियां कम होगी। खास लोगों के साथ अच्छा समय बिताएंगे। आर्थिक
स्थिति मजबूत होगी।
मीन राशि- आज के दिन किसी
अनजान व्यक्ति पर भरोसा ना करें। आसपास हो रही गतिविधियों पर नजर रखें। दिन आपका
सामान्य रहेगा। जल्दबाजी में किए काम मुसीबत बढ़ा सकते है।
8 मार्च को International Women's Day मनाने की वजह जानते हैं आप? जानिए इससे जुड़ा ...
महिलाओं का हमारे समाज में बहुत बड़ा योगदान होता है। एक नई
जिंदगी को इस दुनिया में जन्म देने वाली एक महिला ही होती है। चाहे वो मां के रूप
में हो, बहन के, पत्नी या फिर बेटी के रूप में हो…हर व्यक्ति की जिंदगी में
महिला का अहम रोल होता है। लेकिन फिर भी सदियों से महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले
कमतर समझा जाता है। महिलाओं के साथ भेदभाव, अत्याचार सदियों से चले आ रहे है।
लेकिन आज स्थिति काफी बदल गई है। आजकल महिलाएं, पुरुषों के साथ सिर्फ कंधे से कंधा
मिलकर ही नहीं चल रही, बल्कि उनसे आगे भी निकल रही हैं। किसी भी क्षेत्र में आजकल
महिलाएं पीछे नहीं है। दुनियाभर में ऐसी कई महिलाएं जो झंडे गाड़ रही हैं।
वैसे तो महिलाएं के सम्मान के लिए एक दिन काफी नहीं होता। लेकिन
फिर भी महिलाओं को स्पेशल फील कराने के लिए 8 मार्च को दुनियाभर में विमेंस डे के
तौर पर मनाया जाता है। कल यानी सोमवार को इंटनेशनल विमेंस डे है। क्या आप जानते
हैं कि आखिर 8 मार्च को ही क्यों महिला दिवस मनाया जाता है? इसकी
पीछे की वजह और इतिहास क्या है? कब इसे मनाने की शुरुआत हुई?
अगर इन सवालों के जवाब आपको नहीं मालूम, तो आइए आज हम आपको इसके
बारे में बता देते हैं…
Women’s Day मनाने का इतिहास
विमेंस डे मनाने का इतिहास आज से 100 साल से भी ज्यादा
पुराना है। बात 1908 की है, जब न्यूयॉर्क में अपने अधिकारों के लिए 15 हजार महिलाएं
सड़क पर उतर आई। उन्होनें वोट देने का हक, ज्यादा वेतन और नौकरी के घंटे कम करने
को लेकर मार्च निकाला, जिसमें उन्हें सफलता भी मिलीं। इस मार्च के एक साल बाद वहां
पर सोशलिस्ट पार्टी ने अपना पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का फैसला लिया। बस
इसी के बाद इंटरनेशनल विमेंस डे मनाने की शुरुआत हुई।
फिर 1910 के डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में एक वुमेन कॉन्फ्रेंस के
दौरान में क्लेरा जेटकिन नाम की एक महिला ने इंटनेशनल स्तर पर महिला दिवस को मनाने
का आइडिया दिया। इस कॉन्फ्रेंस में 17 देशों से 100 महिलाएं शामिल हुई थीं। महिलाओं
ने सर्वसम्मति से क्लेरा के इस प्रस्ताव को मंजूर किया। इसके बाद पहला इंटरनेशनल विमेंस डे
साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में मनाया
गया था। हालांकि इसको औपचारिक रूप से मान्यता साल 1975 में मिलीं थी, जब संयुक्त
राष्ट्र संघ ने इस दिन को मनाने शुरू किया।
8 मार्च का ही दिन क्यों चुना गया?
अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर इस दिन को मनाने के लिए 8
मार्च का ही दिन क्यों चुना गया? दरअसल, क्लेरा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला
दिवस मनाने का सुझाव तो दे दिया था, लेकिन इसके लिए कोई भी तारीख तय नहीं की थीं।
लेकिन इसके बाद साल 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस यानि
खाना और शांति को लेकर हड़ताल की। उनकी इस हड़ताल का असर ये हुआ कि वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ना पड़ा। अंत में सरकार को महिलाओं
को वोट देने का हक दे दिया। जिस दिन ये हड़ताल शुरू हुई, तब 23
फरवरी थी। लेकिन ग्रेगेरियन कैलेंडर के मुताबिक उस दिन 8 मार्च था। जिसकी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की तारीख 8 मार्च तय हुई।
क्या है इस बार की थीम?
हर साल मनाए जाने वाले
इंटरनेशन विमेंस डे के लिए एक थीम भी तय की जाती है। बात अगर इस बार की थीम की
करें तो वो है- “महिला नेतृत्व: कोविड-19 की दुनिया में एक समान
भविष्य को प्राप्त करना” (“Women in leadership: an equal
future in a COVID-19 world”) है। क्योंकि दुनियाभर पर
महामारी कोरोना वायरस का साया पिछले एक साल से मंडराया हुआ है और इसके खिलाफ जंग
में महिलाएं भी पीछे नहीं है। इसलिए इस बार की थीम कोरोना महामारी से जुड़ी ही रखी
गई। वहीं पिछले साल इंटेरनेशनल विमेंस डे की थीम #EachForEqual थीं।
PM Modi in Kolkata: ममता बनर्जी, राहुल गांधी…पीएम ने रैली में किए चुन-चुनकर जुब...
बंगाल में सत्ता हासिल करने की लड़ाई दिन पर दिन तेज होती
जा रही है। सत्ताधारी पार्टी TMC को इस बार के चुनावों में बीजेपी से कड़ी
टक्कर मिलती हुई दिख रही हैं। बीजेपी ने बंगाल चुनाव (Bengal Election 2021) के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक
दी। पहले तो बीजेपी ने TMC के कई दिग्गज नेताओं को अपनी
पार्टी में शामिल कराकर ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को लगातार बड़े झटके दिए। वहीं इसके अलावा
चुनावों से ठीक पहले कई बड़े चेहरों का बीजेपी में आने का सिलसिला जारी है। आज
यानि रविवार को मशहूर एक्टर मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) बीजेपी में शामिल हुए।
वहीं रविवार को पीएम मोदी ने बंगाल चुनाव (PM Modi in Bengal) के लिए बीजेपी के
प्रचार को धारा देते हुए कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में एक विशाल रैली को संबोधित
किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी से लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत
लेफ्ट पर जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने बंगाल की सत्ताधारी पार्टी TMC पर
निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में TMC हाफ हुई थीं
और इस बार के विधानसभा चुनाव में वो पूरी तरह साफ हो जाएगी। वहीं प्रधानमंत्री ने
अपनी इस रैली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘हम
दो, हमारे दो’ वाले बयान पर भी पलटवार किया। आइए आपको बताते
हैं पीएम मोदी के इस संबोधन की बड़ी बातें…
ममता बनर्जी पर जमकर बरसे पीएम मोदी
पीएम ने अपनी इस रैली में ममता बनर्जी पर कई कड़े प्रहार
किए। उन्होनें कहा कि मैं ममता दीदी को कई सों से जानता हूं। ये दीदी नहीं जो वामपंथ के अत्याचारों के खिलाफ
अपनी आवाज उठाया करती थीं। दीदी पर अब अपना ही बस नहीं चलता। उनका कंट्रोंल कहीं
और है। इस वजह से वो ऐसी बातें करती है जो बंगाल की सोच और परंपरा के खिलाफ है।
पीएम ने कहा कि बंगाल की जनता ने ममता बनर्जी पर बदलाव के लिए भरोसा किया था।
लेकिन उन्होनें और उनके कडार ने इस भरोसे को तोड़ा। बंगाल को इन लोगों ने अपमानित
किया। यहां बहन-बेटियों पर अत्याचार किया।
‘भाई-भतीजावाद के संस्कार छोड़ नहीं पाई दीदी’
पीएम मोदी ने आगे ममता बनर्जी पर हमलावर होते हुए कहा कि
आपने एक भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना? बंगाल के लाखों
भतीजी-भीतिजियों को छोड़कर आप अपने भतीजे का लालच पूरे करने में लग गई। जिसकी वजह
से आपने कांग्रेस से बगावत की थी, उस भाई-भतीजावाद के संस्कारों को आप छोड़ नहीं
पाई।
‘नंदीग्राम में गिरेगी दीदी की स्कूटी’
बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर तंज कसते हुए पीएम बोले कि
मैं देखा कि कोलकाता की सड़कों पर दीदी ने हाल ही में स्कूटी चलाई। उस दौरान सब
लोग यही दुआ कर रहे थे कि कहीं दीदी की स्कूटी गिर ना जाएं। अगर उस दिन वो स्कूटी
गिर जाती तो वो गाड़ी बनाने वाले राज्य को जिम्मेदार ठहराती। उस दिन तो स्कूटी
नहीं गिरी लेकिन अब ममता दीदी ये तय कर चुकी है कि अपनी स्कूटी नंदीग्राम में ही
गिराएंगी। बता दें कि सीएम ममता बनर्जी इस बार नंद्रीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ने
जा रही हैं, जहां उनका मुकाबला TMC से बीजेपी में गए शुभेंदु अधिकारी से
होगा। नंदीग्राम से चुनाव लड़ने को लेकर ही पीएम मोदी ने उन पर ये तंज कसा
प्रधानमंत्री बोले कि इन चुनावों में एक तरफ टीएमसी है,
कांग्रेस-लेफ्ट है और दूसरी ओर बंगाल की जनता जो कमर कस चुकी है। आज ब्रिगेड
ग्राउंड की हुंकार सुनकर किसी को कोई संदेह नहीं रह जाएगा। कुछ लोगों को तो ऐसा लग
रहा होगा कि आज ही 2 मई आ गई।
‘गरीब दोस्तों के लिए करता रहूंगा काम’
इस रैली में पीएम
मोदी राहुल गांधी के बयान को लेकर भी जमकर बरसे। उन्होनें कहा कि आज कल मेरे
विरोधी ये कहते लगे हैं कि मैं दोस्तों के लिए काम करता हूं। हम सब ये जानते हैं
कि हम बचपन में जहां पले-बढ़े, जहां खेलते-कूदते हैं, जिनके साथ पढ़े होते है,
उनके साथ जिंदगीभर की पक्की दोस्ती होती है। मैं गरीबी में पला-बढ़ा और इसलिए उनके
दुख दर्द को अच्छे से अनूभव कर सकता हूं चाहे वो भारत के किसी भी कोना में क्यों
ना हो, क्योंकि वो हमारे दोस्त हैं। इसलिए मैं अपने दोस्तों के लिए काम करता हूं
और आगे भी ऐसे ही करता रहूंगा।
पीएम मोदी ने रैली में भरोसा दिलाते हुए ये कहा कि 75 सालों
में बंगाल से जो खोया, जो बंगाल से छीना गया, उसको वापस लौटाएंगे। वो बोले कि असोल
परिवर्तन का विश्वास दिलाने के लिए मैं यहां पर आया हूं। बंगाल का विकास, बंगाल की
स्थितियों को बदलने, बंगाल में निवेश बढ़ाने का विश्वास दिलाने आया हूं। मैं आपको
भरोसा दिलाता हूं कि यहां के युवाओं, किसानों, बहन-बेटियों के विकास के लिए हम 24
घंटे दिन रात काम करेंगे। पल-पल हम आप लोगों के लिए जिएंगे। आपके सपनों के लिए
जिएंगे। आपकी सेवा करने का काम करेंगे।
9 अप्रैल से शुरू होगी IPL 14 का खिताब जीतने की रेस: पहला मैच MI vs RCB का होगा, जानि...
क्रिकेट के महाकुंभ IPL के 14वें सीजन का आगाज एक महीने के बाद
होने जा रहा है। 9 अप्रैल से आईपीएल का 14वां सीजन शुरू
होगा। वहीं 30 मई को इसका फाइनल अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा। प्ले
ऑफ के मैच भी इस स्टेडियम में ही खेले जाएंगे। 9 अप्रैल को पहले मुकाबले में विराट
कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस के बीच खेला
जाएगा।
IPL मई में ही खत्म हो जाएंगे। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला 18 जून से खेला जाना है। बीते दिन ही इंग्लैंड को आखिरी टेस्ट मैच में हराकर टीम इंडिया इस चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई। WTC के फाइनल में भारत की टक्कर न्यूजीलैंड से होने जा रही है। 18 से 22 जून के बीच ये मुकाबला खेला जाएगा। इसको ध्यान में रखते हुए मई में ही आईपीएल को खत्म किया जा रहा है।
इन 6 जगहों पर होंगे मैच
IPL 2021 के मुकाबले 6 जगहों पर होंगे, जिसमें दिल्ली, मुंबई,
कोलकाता, बेंगलुरु, अहमदाबाद और चेन्नई शामिल है। मुंबई में कोरोना वायरस का कहर
एक बार फिर से बढ़ने लगा है। ऐसे में ये संभावनाएं जताई जा रही थीं कि इस बार यहां
टूर्नामेंट के मैच ना खेले जाएं। लेकिन कोरोना के बढ़ते केस के बावजूद मुंबई में
मैच होंगे। IPL के इस सीजन की सबसे खास बात ये है कि सभी मैच
न्यूट्रल वेन्यू पर खेले जाएंगे।
11 दिन खेले एक दिन में दो मैच
IPL 14 में 56 मैच खेले जाएंगे। लीग स्टेज में हर टीम 4 वेन्यू
पर मैच खेलेगीं। मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु में दस-दस मैच होंगे, जबकि
दिल्ली और अहमदाबाद में 8-8 मुकाबले होंगे। IPL 14 में 11
दिन डेबल हेडर (एक दिन में दो मैच) खेले जाएंगे। दिन के मैच दोपहर साढ़े तीन बजे
और शाम के मैच साढ़े 7 बजे से शुरू होंगे।
अभी नहीं मिलेगी स्टेडियम में फैंस को एंट्री
पिछले साल कोरोना महामारी की वजह से आईपीएल काफी महीनों तक
स्थगित हुआ था। 2020 में मार्च के अंत में शुरू होने वाला IPL का
13वां सीजन सितंबर-नंवबर महीने में खेला गया। इसके अलावा ये टूर्नामेंट भारत के
बाहर यूएई में हुआ था। वहीं इस बार IPL 14 का आयोजन भारत में
ही करने का फैसला लिया गया, लेकिन बिना दर्शकों के। यानि इस साल भी क्रिकेट के
फैंस को बिना स्टेडियम में जाए घर पर बैठकर ही IPL का मजा
लेना पड़ेगा। हालांकि फैंस की स्टेडियम में एंट्री को लेकर बाद में फैसला लिया जा
सकता है।
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के साए के बीच एक बार फिर से
क्रिकेट के फैंस का मनोरंजन करने आईपीएल लौट रहा है। पिछले साल सितंबर-नवंबर में हुए टूर्नामेंट
में मुंबई इंडियंस एक बार फिर से चैंपियन बनने में कामयाब हुई थीं। रोहित की
कप्तानी वाली टीम मुंबई इंडियंस से पांचवीं बार चैंपियन बनीं थीं। पिछली बार
दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहली बार फाइनल में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुई थीं।
हालांकि IPL का खिताब जीतने में कामयाब नहीं हुईं। अब तक तीन
टीमें ऐसी है, जिन्होनें एक बार भी आईपीएल की ट्रॉफी नहीं जीती। इसमें रॉयल
चैलेंजर्स बैंगलोर, किंग्स इलेवन पंजाब और दिल्ली कैपिटल्स के नाम शामिल है। देखना
होगा कि इस बार कौन-सी टीम IPL 14 का खिताब जीतने में कामयाब
होती है।
सांवला रंग पर लोग करते थे टिप्पणियां, डिप्रेशन में रहता था छात्र…अंत में आकर उठ...
शरीर का क्या रंग है…क्या ये आपके लिए मायने रखता है? शायद
रखता होगा…क्योंकि आज भले ही हम कितना भी आगे क्यों ना बढ़ गए हो..हम कितना भी
क्यों ना ये कह लें कि हम काफी एडवांस हो चुके है। लेकिन आज ही हमारे समाज में कई
ऐसे लोग है, जो गोरे रंग को काफी महत्व देते हैं। आज भी सांवले और काले रंग के
लोगों को कई तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। किसी के रंग पर टिप्पणी
उसको किस तरह से अंदर तक आहत करती है…इसका एक ताजा मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा
से सामने आया।
15वीं मंजिल से कूदकर दी जान
नोएडा के सेक्टर 49 में 17 साल के लड़के ने सांवलें रंग की
वजह से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। उसने सोसाइटी की 15वीं मंजिल से कूदकर
अपनी जान दे दीं। मॉर्किंग वॉक पर गए लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद
शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
इस दौरान पुलिस को लड़के के परिवारवाले ने बताया कि उनका
बच्चा सांवले रंग की वजह से तनाव में रहा करता था। उसको ये समझाया भी गया कि रंग
वगैरह से कोई भी फर्क नहीं पड़ता। लेकिन वो फिर में इसके चलते डिप्रेशन में चला
गया और इसी दौरान सुसाइड जैसा बड़ा कदम उठा लिया।
मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार तड़के 17 साल के संयम ने
आत्महत्या की। सुबह जब लोग मॉर्किंग वॉक पर निकले तो इस मामले की जानकारी मिली,
जिसके बाद सूचना पुलिस को दी गईं। संयम के रूम से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला।
सांवले रंग पर कमेंट से था परेशान
थानाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने मुताबिक सेक्टर 142 स्थित
मोबाइल कंपनी में प्रशांत गढिया नौकरी करते थे। वो अपने परिवार के साथ महागुन
मॉडर्न सोसाइटी में रहते हैं। उनका बेटा संयम शहर के एक नामी स्कूल में 11वीं
क्लास में पढ़ता था। शनिवार तड़के 4:30 बजे संयम ने
सोसाइटी की 15वीं मंजिल से
कूदकर सुसाइड कर ली।
थानाध्यक्ष ने कहा कि बच्चा पढ़ने में अच्छा था और वो
मिलनसार भी था। वो अपने रंग की वजह से अक्सर परेशान रहता था। उसके सांवले रंग को
लेकर किसी ने कमेंट कर दिया था। पहले भी छात्र ने इस तरह का कदम उठाने की कोशिश की
थीं। वो इस दौरान भी काफी तना में था। फिर माता पिता ने उसे समझाया। इस बात को
लेकर वो अक्सर ही परेशान रहा करता था। परिजन उसको समझाते रहते थे। लेकिन अब अंत
में आकर संयम ने ये बड़ा कदम उठा ही लिया।
कभी तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बने थे मिथुन, इस घोटाले में आया नाम और फिर…ऐसा रह...
पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सियासत चरम पर पहुंची हुई है। आज बंगाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली करने जा रहे हैं। पीएम मोदी की ये रैली कई मायनों में खास होने जा रही है। बॉलीवुड एक्टर मिथुन चक्रवर्ती भी इस रैली में पीएम मोदी के साथ नजर आएंगे। इस दौरान वो बीजेपी ज्वॉइन करने की पूरी संभावनाएं है। वैसे तो मिथुन चक्रवर्ती के बीजेपी में जाने की आशंकाएं तभी से लगाई जाने लगी थी, जब वो बीते दिनों RSS प्रमुख मोहन भागवत से मिले थे।
बीजेपी के होंगे मिथुन चक्रवर्ती
हालांकि ऐसा नहीं है कि मिथुन चक्रवर्ती अब राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं। उनकी सियासी पारी तो 2011 में ही शुरू हो गई थीं। इस दौरान वो तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बन गए थे, लेकिन बाद में उन्होनें राजनीति से संन्यास भी ले लिया था। हालांकि इसके बाद अब मिथुन बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। फिल्मों में तो मिथुन का खूब सिक्का चला, लेकिन राजनीति में वो अब तक कमाल नहीं दिखा पाए। आइए आज एक नजर डालते हैं मिथुन चक्रवर्ती के सियासी सफर पर…
कभी लेफ्टिस्ट थे मिथुन…
शारदा चिटफंड में आया नाम और फिर…
राजनीति से अलग होने की मिथुन की शुरुआत तो उसी वक्त हो गई थीं, जब शारदा चिटफंड घोटाले में उनका नाम आ। दरअसल, शारदा चिटफंड कंपनी के मिथुन ब्रांड एंबेडसर थे। इस घोटाले को लेकर ED उनसे पूछताछ भी कर चुकी है। शारदा चिटफंड में नाम आने के बाद मिथुन ने एक करोड़ बीस लाख के करीब रुपये लौटा दिए। ये पैसा उन्होनें ये कहकर वापस किया कि वो किसी के साथ भी फर्जीवाड़ा नहीं करना चाहते। इसके बाद से ही ऐसी संभावनाएं जताए जाने लगी थीं कि मिथुन राजनीति से अलग हो जाएंगे।
अब मिथुन बीजेपी का हिस्सा बनकर अपनी सियासी पारी को दोबारा से शुरू कर सकते हैं। बंगाल चुनाव से ठीक पहले वो पार्टी का हिस्सा बन रहे हैं। उनके बीजेपी में जाने से चुनावों पर क्या असर पड़ता है, ये देखना दिलचस्प होगा।
'आपकी बात नहीं सुने अधिकारी…तो बांस उठाएं और…' गिरिराज सिंह ने दि...
केंद्रीय मंत्री
गिरिराज सिंह एक बार फिर से अपने बयान को लेकर चर्चाओं में आ गए हैं। गिरिराज ने
अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में हाल ही में ऐसा बयान दिया, जिसको लेकर विवाद
खड़ा हो गया। दरअसल, भरे मंच पर शनिवार को गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर कोई भी
अधिकारी आपकी बात नहीं सुनते, तो बांस उठाएं और मारिए। गिरिराज के इस बयान को लेकर
RJD उन पर हमलावर हो गई है। RJD ने सरकार पर हमला बोलते
हुए कहा कि ये सरकार चल रही है, या फिर महाजगंलराज?
भरे मंच पर ये बोले गिरिराज सिंह
दरअसल, बेगूसराय में एक सभा में शामिल होने के लिए केंद्रीय
मंत्री गिरिराज सिंह पहुंचे थे। इस दौरान एक शख्स ने उनको सीओ से गलती करने और
उनकी बात नहीं सुनने की फिरयाद कर दी। जिस पर गिरिराज सिंह मंच से ही बोले कि अगर
कोई अधिकारी आपकी बात नहीं सुन रहा, तो दोनों हाथों से बांस उठाएं और उनकी पिटाई
कर दें। केंद्रीय मंत्री आगे बोले कि छोटी छोटी बातों को लेकर मुझे बोलने की जरूरत
नहीं। सांसद, विधायक, डीएम, गांव के मुखिया, एसडीएम, बीडीओ इन सबका काम जनता की
सेवा करता है।
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि ये आपका हक है। अगर आपके अधिकार
का कोई हनन करता है, तो गिरिराज सिंह आपके साथ हमेशा खड़ा रहेगा। आप MLA, मुखिया
या एसपी के बल पर नहीं हैं। वो अगर आपकी बात नहीं सुनते तो बांस से मारें। अधिकारी
नहीं सुन रहे…ये मैं नहीं सुनना चाहता। हम ना नाजायज करेंगे और ना ही नाजायज
बर्दाश्त करेंगे। हम किसी भी अधिकारी को ना तो नाजायज काम करने को कहते हैं और ना
हम किसी अधिकारी के नाजायज नंगा नृत्य को बर्दाश्त कर सकते हैं।
गिरिराज के बयान पर RJD का हमला
उनके इस बयान को लेकर RJD ने हमला बोला। RJD
की तरफ से इस बयान को लेकर ट्वीट करते हुए कहा- ‘एक तरफ नीतीश कुमार जी युवाओं से कहते हैं कि सरकार या अधिकारी का विरोध
करोगे, धरने पर बैठोगे या सोशल मीडिया पर लिखोगे तो जेल भेज देंगे, नौकरी नहीं
देंगे। दूसरी तरफ सनकी गिरिराज सिंह कहते हैं अधिकारियों को बांस उठाकर मारो। ये
सरकार चल रही है या महाजंगलराज चल रहा है?
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं जब केंद्रीय मंत्री गिरिराज
सिंह ने विवादित बयान दिया हो। वो अक्सर ही अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चाओं में
बने रहते हैं। हाल ही में राहुल गांधी के मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय वाले बयान
को लेकर गिरिराज सिंह ने हमला बोला था। उन्होनें राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए
कहा था कि वो इटली से बाहर नहीं निकल पाते। उनका दिमाग सिर्फ इटली में ही रहता है।
वो किसानों को भ्रम में डाल रहे हैं। राहुल को गेहूं और जौ में फर्क नहीं पता। वो
बाधी और बाधा में फर्क नहीं जानते। उनकी वजह से दुनिया में हमारे देश की बदनामी हो
रही है।