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Aaj Ka Love Rashifal 5 Nov 2025: आज इन राशियों की प्रेम कहानी में आएगा बड़ा ट्विस्ट, ...

Love Rashifal Today, Aaj Ka Love Rashifal 5 Nov 2025: आज के समय में लोग ग्रह नक्षत्रों जैसी चीजों पर भरोसा नहीं करते लेकिन उन्हें नहीं पता कि आज का वर्तमान हो या 100 साल बाद का भविष्य, कब क्या होगा, इसकी सारी जानकारियां इन ग्रह नक्षत्रों की दशा और दिशा में छिपी हुई हैं. आपके जीवन में कब समृद्धि आएगी, आपकी लव-लाईफ कैसी रहेगी, इन सारी चीजों की जानकारियों हमें ग्रह नक्षत्रों की दशा से मिल सकती हैं. चलिए अब हम आपको बिना किसी देरी के आज यानी 5 नवंबर 2025 का लव राशिफल बताते हैं, और जानतें हैं कि आज के लव राशिफल में किन राशियों को प्यार मिलेगा, किन राशियों को अपने प्यार का साथ मिलेगा और किन राशियों को अपने आप पर संयम रखना होगा.

मेष राशि (Aries Love Horoscope)

मेष राशि के जातकों की लव-लाइफ में आज नकारात्मकता हावी रहेगी. आपको अपनी लव लाइफ में कुछ अस्थितरता का अनुभव हो सकता है. लव लाइफ में किसी भी तरह की खटास के लिए सबसे जरुरी है कि आप अपने पार्टनर से बेहतर संवाद बनाए रखे. उनसे हर चीज शेयर करें और मन में चल रही सारी भड़ास को पार्टनर के सामने निकाल कर रख दें. लेकिन इसमें आपको सावधानी भी बरतनी होगी कि आपके पार्टनर को किसी भी चीज को लेकर गलतफहमी न हो.

वृषभ राशि (Taurus Love Horoscope)

वृषभ राशि के जातकों के लिए आज नई शुरुआत के संकेत है. इस राशि के जातकों का रिश्ते में आगे बढ़ने के लिए आज का दिन काफी अनुकूल है. आज आपके किसी ऐसे शख्स की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जो आपकी भवनाओं और विचारों को समझता है. मौजूदा रिश्तों में मधुरता बनी रहेगी, रिश्ते में आपको नयापन का एहसास होगा और नए संबंधों में भी शुरुआत अच्छी हो सकती है. पार्टनर के साथ आपके आपसी संवाद और समझ आपके लव-लाइफ को समृद्ध बनाएंगे. अपने दिल के दरवाजे खुले रखें क्योंकि प्यार की बौछार आपके जीवन में आने वाली है.

मिथुन राशि Aaj Ka Love Rashifal 5 Nov 2025

अविवाहित मिथुन राशि के जातकों के लिए आज का दिन काफी शुभ है.  रिश्तों में आज थोड़ी सावधानी की आवश्यकता है. पार्टनर के सामने आज आप अपनी बातों को सौम्यता से रखें, गलतफहमी से बचें. खासकर अपने निकतम संबंधों में सौम्यता बनाए रखें…अपने प्रेमी से ऊंची आवाज में बात करने से बचे. आज के दिन आप कोई भी नई शुरुआत से पहले काफी अच्छे से सोच विचार कर ही किसी नतीजे पर पहुंचे.

कर्क राशि (Cancer Love Horoscope)

कर्क राशि के जातकों के लिए आज का दिन काफी रोमांटिक होने वाला है. आज आप भावनात्मक रूप से अपने  पार्टनर के साथ अच्छा संबंध बनाएंगे और साथ ही आपको काफी गहराई से जुड़ाव का अनुभव भी होगा. आज आपके किसी राज के खुलने की प्रबल संभावना है लेकिन आपकी समझ और प्यार से स्थिति संभली रहने की संभावना है.

सिंह राशि (Leo Love Horoscope)

सिंह राशि के जातकों के रोमांटिक रिश्ते में आज सहयोग और सामंजस्य रहेगा. जीवनसाथी या प्रेमी का साथ आपके मनोबल को ऊंचा रखेगा. आज नए प्रेम संबंधों में भी सकारात्मक शुरुआत हो सकती है. आज के दिन सिंह राशि वालों का आत्मविश्वास सातवें आसमान पर रहेगा.

कन्या राशि (Virgo Love Horoscope) Love Rashifal 5 Nov

कन्या राशि के जातकों की बातचीत में आज कटुता हो सकती है. आप आज किसी से भी तेज आवाज में बात करने से बचें. आज के दिन आपको वाणी पर नियंत्रण रखने और संय से काम लेने की नितांत आवश्यकता है. आपके रिश्ते में उतार चढ़ाव आ सकते हैं, जिससे आप थोड़ा असहज महसूस कर सकते हैं. धैर्य और सहानुभूति से काम लें.

तुला राशि (Libra Love Horoscope)

तुला राशि के जातकों के लव-लाइफ के लिए आज का दिन परफेक्ट है. आज आपको रिश्ते में स्थिरता और संतुलन देखने को मिलेगा. पार्टनर के साथ छोटी नोंक-झोंक को समझदारी से पार कर आप अपनी लव-लाइफ को और मधुर बना सकते हैं. अगर आप लंबे समय से अपने रिश्ते में किसी बात को लेकर चिंतित थे, तो आज उस बारे में खुलकर बात करने का दिन है.

वृश्चिक राशि Aaj Ka Love Rashifal 5 Nov 2025

वृश्चिक राशि के जातकों के संबंधों में आज गहराई की संभावना है. पार्टनर के साथ आप जितना कंफर्टेबल रहेंगे, आपका रिश्ता उतना ही गहरा होगा. पार्टनर को सरप्राइज देकर आप आज का अपना दिन बेहतरीन बना सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि कुछ मामलों में आपको सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है. आज के दिन ऐसी परिस्थितियां आ सकती हैं कि आप गलतफहमी का शिकार हो जाएं. परंतु आपको सावधान रहना है.

धनु राशि (Sagittarius Love Horoscope)

धनु राशि के जातकों का प्रेम जीवन आज आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहेगा. आज आप अपने पुराने रिश्ते और मजबूती से आगे बढ़ाने का प्रयास करें. खास कर पार्टनर के साथ अच्छी बातचीत और समझ बनाए रखें. सोच-समझ कर बातचीत करें और अपने साथी की भावनाओं का सम्मान करें. Aaj Ka Love Rashifal 5 Nov 2025

मकर राशि (Capricorn Love Horoscope)

मकर राशि के जातकों की लव-लाइफ में आज रचनात्मकता और आकर्षण दोनों का ही असर देखने को मिलेगा. पार्टनर के साथ आज आप अच्छा वक्त बिताएंगे, आपका मेल-जोल बढ़ेगा. आज आप किसी कल्चरल आयोजन में दिलचस्पी दिखा सकते हैं, जो आपके प्रेम को और रोमांचक बनाएगा. मकर राशि के लोगों के लिए आज का लव टिप यह है कि आप अपने पार्टनर की तारीफ करना न भूलें…

कुंभ राशि (Aquarius Love Horoscope)

कुंभ राशि के जातक आज अपने लव-लाइफ में आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी का अनुभव करेंगे. आज सरकारी कामों के दौरान प्रेम संबंधों में सकारात्मकता देखने को मिल सकती है. अविवाहितों के लिए नए योग की संभावना है लेकिन ज्यादा उत्साह आपकी मानसिक शांति को भंग कर सकता है. संभावित जीवन साथी के साथ बातचीत गहरी होगी और आप एक दूसरे की भावनाओं को समझ पाएंगे.

मीन राशि Aaj Ka Love Rashifal 5 November

मीन राशि के जातकों के प्रेम संबंधों में आज सम्मान, प्रेम और सामंजस्य देखने को मिलेगा. आपका संबंध चाहे नया हो या पुराना, दोनों में ही आपको बहुत ज्यादा अपनापन महसूस होगा. पार्टनर के साथ बिताया गया आपका पल आपको काफी अलग एहसास कराने वाला है. आज के दिन संवेदनशील होना, आपकी ताकत हो सकता है.

आज 5 नवंबर 2025 का दिन कुछ राशियों के लिए प्रेम में नई शुरुआत लेकर आया है, प्रेम की नई कहानी लेकर आया है तो वहीं कुछ राशि के जातकों को अपने रिश्तों को समझदारी से संभालने की जरूरत है. आपको अपने प्रेमी पर भरोसा रखने और हालात को संयमित करने की जरुरत है…हमेशा याद रखें, प्यार में संवाद यानी बातचीत ही सबसे बड़ा समाधान है.

CA Topper 2025: हैदराबाद के तेजस मुंदड़ा ने AIR-2 हासिल कर रचा कमाल, बोले – “CA मेरे ...

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CA Topper 2025: इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सोमवार को CA सितंबर 2025 परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए, और इस बार हैदराबाद के तेजस मुंदड़ा ने अपनी मेहनत से सबका ध्यान खींच लिया। तेजस ने 492 अंक (82%) हासिल कर अखिल भारतीय रैंक (AIR) 2 अपने नाम की। उनकी यह सफलता न सिर्फ उनकी मेहनत का नतीजा है, बल्कि उस पारिवारिक परंपरा का भी हिस्सा है, जिसमें चार्टर्ड अकाउंटेंसी एक पेशा नहीं, बल्कि एक जुनून है।

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CA परिवार से आते हैं तेजस- CA Topper 2025

तेजस का परिवार चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का परिवार है उनके पिता और बड़े भाई दोनों CA हैं। ऐसे में उनके लिए इस प्रोफेशन का चयन लगभग तय था। उन्होंने कहा, “CA हमारे परिवार में चलता आ रहा है और मुझे बचपन से ही फाइनेंस में दिलचस्पी थी। मुझे लगता है कि यह ऐसा प्रोफेशन है जो वित्त की दुनिया की गहराई को समझने का सबसे अच्छा तरीका देता है।”

तेजस ने 2021 में CA फाउंडेशन पास की थी और तब से अब तक उन्होंने हर लेवल पहले ही प्रयास में क्लियर किया है  इंटरमीडिएट से लेकर इस साल की फाइनल परीक्षा तक।

“मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैंने AIR-2 हासिल की”

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में तेजस ने बताया कि नतीजे आने के बाद वो कुछ पल के लिए सन्न रह गए थे। उन्होंने कहा, “जब रिजल्ट देखा तो यकीन ही नहीं हुआ। कुछ सेकंड के लिए दिमाग ब्लैंक हो गया। इतनी बड़ी रैंक की उम्मीद नहीं थी… यह एहसास वाकई शानदार है और इसे शब्दों में बताना मुश्किल है।”

कठोर रूटीन और संतुलित जीवन

तेजस का कहना है कि सीए फाइनल के दौरान उनकी दिनचर्या बेहद अनुशासित थी। उन्होंने बताया, “मैं रोज लगभग 12 घंटे पढ़ाई करता था और साथ ही नियमित रूप से कसरत भी करता था। छह दिन पढ़ाई के बाद रविवार को दोस्तों के साथ 5 किलोमीटर की दौड़ लगाना मेरी दिनचर्या का हिस्सा था।”

उनका मानना है कि कोचिंग शुरुआती चरण में काफी मददगार होती है। तेजस ने कहा, “कोचिंग आपको यह समझने में मदद करती है कि क्या और कैसे पढ़ना है। लेकिन इंटरमीडिएट के बाद मैंने स्व-अध्ययन पर भरोसा किया।”

चुनौतियों और सीख का संतुलन

तेजस के लिए सबसे मुश्किल दौर आर्टिकलशिप के समय आया, जब उन्हें पढ़ाई के साथ दफ्तर के काम को भी संभालना पड़ता था। उन्होंने बताया, “दिन में ऑफिस का काम और रात में पढ़ाई, दोनों में बैलेंस बनाना ही सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन मैंने अपनी पढ़ाई का प्रवाह कभी नहीं टूटने दिया”

दिलचस्प बात यह है कि तेजस ने इस दौरान खुद को सोशल मीडिया या ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म से पूरी तरह दूर नहीं रखा। “मैंने कभी सोशल मीडिया से दूरी नहीं बनाई। बस पढ़ाई और आराम के बीच संतुलन बनाए रखा,” उन्होंने कहा, इस मिथक को तोड़ते हुए कि सफलता के लिए मनोरंजन से पूरी तरह दूरी ज़रूरी है।

‘करो या मरो’ जैसा था लक्ष्य

तेजस के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंसी सिर्फ एक कोर्स नहीं बल्कि एक मिशन था। उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह करो या मरो वाली स्थिति थी। मेरे पास कोई बैकअप प्लान नहीं था। मैंने पूरी एनर्जी इसी में लगा दी।”

अब जब नतीजे आ चुके हैं, तेजस प्लेसमेंट के अगले चरण की तैयारी में जुट गए हैं। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2025 के आसपास ICAI की प्लेसमेंट प्रक्रिया शुरू होगी, और वे उसमें हिस्सा लेंगे।

कुल 11,466 उम्मीदवार बने चार्टर्ड अकाउंटेंट

आईसीएआई के अनुसार, इस बार कुल 11,466 उम्मीदवारों ने सीए बनने की पात्रता हासिल की है। धामनोद के मुकुंद आगीवाल 500 अंक (83.33%) के साथ टॉपर रहे, जबकि हैदराबाद के तेजस मुंदड़ा ने AIR-2 हासिल कर यह साबित किया कि जुनून और अनुशासन मिलकर किसी भी सपने को हकीकत बना सकते हैं।

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Bihar Election 2025: अगर एक सीट से 200 उम्मीदवार उतर जाएं, तो कैसे होगी वोटिंग? चुनाव...

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Bihar Election 2025: बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मी अब पूरे जोरों पर है। हर पार्टी अपने प्रत्याशियों की लिस्ट तैयार कर रही है और कई सीटों पर दावेदारों की लंबी कतार लगी है। लेकिन इस बार एक दिलचस्प सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर किसी विधानसभा क्षेत्र से 100 या 200 उम्मीदवार मैदान में उतर जाएं, तो वोटिंग कैसे होगी? क्या एक EVM मशीन इतनी भीड़ संभाल पाएगी? इसका जवाब है हां, और वो भी पूरी तकनीकी तैयारी के साथ।

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दो हिस्सों में बंटी होती है EVM- Bihar Election 2025

सबसे पहले जानिए कि EVM यानी Electronic Voting Machine काम कैसे करती है। यह मशीन दो हिस्सों में बंटी होती है कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट। कंट्रोल यूनिट चुनाव अधिकारी के पास रहती है, जबकि बैलेटिंग यूनिट वही होती है जिसमें वोटर उम्मीदवार के नाम और चुनाव चिन्ह के सामने बटन दबाता है।

अब बात आती है कि एक मशीन में आखिर कितने नाम फिट हो सकते हैं।

एक EVM में कितने उम्मीदवारों के नाम दर्ज हो सकते हैं?

एक साधारण EVM मशीन में अधिकतम 16 उम्मीदवारों के नाम दर्ज किए जा सकते हैं। यानी अगर किसी सीट पर 16 से ज्यादा प्रत्याशी हों, तो केवल एक मशीन से काम नहीं चलेगा। इस स्थिति में कई बैलेट यूनिटों को आपस में जोड़ दिया जाता है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी सीट पर 20 उम्मीदवार खड़े हैं तो दो बैलेट यूनिट लगाई जाएंगी। इसी तरह अगर उम्मीदवारों की संख्या 64 तक पहुंच जाए, तो चार मशीनें जोड़कर मतदान कराया जा सकता है।

अगर 200 उम्मीदवार हों तो?

अब आता है सबसे रोचक सवाल कि अगर उम्मीदवारों की संख्या 100 या 200 तक पहुंच जाए, तो क्या EVM जवाब दे देगी? नहीं, क्योंकि अब चुनाव आयोग के पास है M3 EVM, जो पहले की तुलना में कहीं ज्यादा उन्नत और सक्षम है।

यह M3 EVM एक साथ 24 बैलेटिंग यूनिटों तक को जोड़ सकती है। यानी इसमें 384 उम्मीदवारों (नोटा सहित) के नाम और चुनाव चिन्ह दर्ज किए जा सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर किसी विधानसभा सीट से 200 उम्मीदवार भी चुनाव लड़ें, तो भी EVM आसानी से वोटिंग प्रक्रिया संभाल सकती है।

अगर उम्मीदवारों की संख्या 384 से भी ज्यादा हो जाए तो?

ऐसी स्थिति बहुत ही दुर्लभ होती है, लेकिन चुनाव आयोग ने इसके लिए भी तैयारी कर रखी है। अगर किसी सीट पर 384 से ज्यादा उम्मीदवार हो जाएं, तो आयोग पेपर बैलेट यानी मतपत्रों का सहारा लेता है। तब पुराने जमाने की तरह कागज़ पर वोटिंग करवाई जाती है, जिससे सभी उम्मीदवारों को शामिल किया जा सके।

तकनीक और पारदर्शिता का मेल

EVM को लेकर हमेशा पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग बार-बार यह साबित करता आया है कि यह मशीन तकनीकी रूप से बेहद मजबूत और भरोसेमंद है। M3 EVM न सिर्फ ज्यादा उम्मीदवारों को समायोजित कर सकती है, बल्कि वोटिंग प्रक्रिया को तेज, सटीक और पारदर्शी भी बनाती है।

तो बिहार चुनाव 2025 में अगर किसी सीट पर 100 या 200 उम्मीदवार उतर भी आते हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं। EVM मशीनें पूरी तरह तैयार हैं चाहे मामला 20 उम्मीदवारों का हो या 200 का।

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Delhi Crime News: कहां गायब हो रही हैं दिल्ली की बेटियां? हर दिन 41 महिलाएं और बच्चिय...

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Delhi Crime News: दिल्ली, देश की राजधानी होने के बावजूद, महिलाओं और बच्चियों के लिए अब भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। दिल्ली पुलिस के ताज़ा आंकड़े इस सच्चाई को एक बार फिर उजागर करते हैं। इस साल 1 जनवरी से 15 अक्टूबर 2025 के बीच कुल 19,682 लोग लापता हुए हैं, जिनमें से 61 प्रतिशत यानी 11,917 महिलाएं और बच्चियां हैं। यानी औसतन हर दिन 41 महिलाएं या बच्चियां राजधानी से लापता हो रही हैं। वहीं 7,765 पुरुष (39 प्रतिशत) इस अवधि में गायब हुए हैं।

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कुल लापता लोगों में से आधे से ज्यादा अब भी लापता- Delhi Crime News

दिल्ली पुलिस के अनुसार, लापता व्यक्तियों में से करीब 55 प्रतिशत (10,780) लोगों का अब तक पता लगाया जा चुका है। इनमें से 6,541 महिलाएं (61%) और 4,239 पुरुष (39%) शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि कई बार लोग पारिवारिक झगड़ों या आर्थिक तनाव जैसी वजहों से घर छोड़ देते हैं, जबकि कुछ मामले आपराधिक गिरोहों से जुड़े होते हैं।

लापता बच्चों में भी बच्चियां ज्यादा

लापता लोगों में से 25 प्रतिशत (4,854) बच्चे और 75 प्रतिशत (14,828) वयस्क हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि लापता बच्चों में 72 प्रतिशत (3,509) बच्चियां हैं, जबकि केवल 28 प्रतिशत (1,345) लड़के हैं। इनमें से ज्यादातर मामले 12 से 18 वर्ष की किशोरियों के हैं, जो सबसे असुरक्षित वर्ग के रूप में उभर रही हैं।

इस आयु वर्ग में कुल 4,167 बच्चे लापता हुए, जिनमें से 78 प्रतिशत (3,258) लड़कियां और 22 प्रतिशत (909) लड़के हैं। पुलिस अब तक 68 प्रतिशत बच्चियों (2,231) और 72 प्रतिशत लड़कों (653) को खोजने में सफल रही है।

कम उम्र के बच्चों का भी हाल चिंताजनक

छोटे बच्चों के मामले भी कम चौंकाने वाले नहीं हैं। 0 से 8 वर्ष की उम्र के बीच 304 बच्चे लापता हुए, जिनमें 41 प्रतिशत (124) बच्चियां और 59 प्रतिशत (180) लड़के थे। इनमें से करीब 60 प्रतिशत बच्चियां और 51 प्रतिशत लड़के बरामद किए गए।
वहीं 8 से 12 वर्ष की उम्र के 383 बच्चों में 33 प्रतिशत (127) बच्चियां और 67 प्रतिशत (256) लड़के थे। इस श्रेणी में बरामदगी की दर थोड़ी बेहतर रही, जहां 72 प्रतिशत लड़कियां और 76 प्रतिशत लड़के खोज लिए गए।

पिछले दस सालों में भी महिलाओं का अनुपात ज्यादा

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह ट्रेंड नया नहीं है। 2015 से 2025 के बीच पिछले 10 वर्षों में कुल 2.51 लाख लोग लापता हुए, जिनमें 56 प्रतिशत (1,42,037) महिलाएं और 44 प्रतिशत (1,09,737) पुरुष थे। यानी हर दशक में लापता होने वाले लोगों में महिलाओं का अनुपात लगातार ऊंचा बना हुआ है।

पिछले साल यानी 2024 में ही 24,893 लोग लापता हुए थे, जिनमें से 59 प्रतिशत (14,752) महिलाएं और बच्चियां थीं। इनमें से 61 प्रतिशत (15,260) लोगों का पता लगाया जा चुका था। वहीं 2023 में भी लापता व्यक्तियों में 58 प्रतिशत महिलाएं थीं — जो दिखाता है कि यह लिंग आधारित असमानता लगातार बनी हुई है।

किशोरियां सबसे ज्यादा जोखिम में

पुलिस और सामाजिक संगठनों का मानना है कि किशोर उम्र की बच्चियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं। कई बार वे घर के झगड़ों, पढ़ाई के दबाव या सोशल मीडिया के बहकावे में घर छोड़ देती हैं। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि कुछ मामलों में ये बच्चियां मानव तस्करी या अन्य अपराधों की शिकार बन जाती हैं।

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Truck Drivers Rules in America: अमेरिका में भारतीय ट्रक ड्राइवरों पर संकट, अंग्रेजी द...

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Truck Drivers Rules in America: कभी भारतीयों के लिए सपनों का देश कहे जाने वाला अमेरिका, अब वहां काम करने वालों के लिए मुश्किलों का देश बनता जा रहा है। ताज़ा मामला ट्रक ड्राइवरों की नौकरियों से जुड़ा है, जहां 7,000 से ज्यादा कॉमर्शियल ड्राइवर्स को “आउट ऑफ सर्विस” कर दिया गया है। इस छंटनी की सबसे बड़ी मार भारतीय मूल के ड्राइवरों पर पड़ी है, जो लंबे समय से अमेरिका की ट्रकिंग इंडस्ट्री में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं।

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ट्रंप के नए आदेश से बढ़ी भारतीयों की मुश्किलें- Truck Drivers Rules in America

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक नए एग्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर ने इस छंटनी की नींव रखी। उन्होंने अंग्रेजी को अमेरिका की आधिकारिक राष्ट्रीय भाषा घोषित करते हुए साफ कहा कि जो भी पेशेवर ड्राइवर इस भाषा को पढ़, समझ और बोल नहीं सकते, उन्हें अब ट्रांसपोर्ट सर्विस में काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी। यह आदेश 1 मार्च 2025 को जारी किया गया था, और अब अक्टूबर से इसका कड़ा पालन शुरू हो गया है।

अमेरिका की ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी सीन डफी ने बताया कि नए नियमों के तहत 7,248 ड्राइवरों को सेवा से बाहर किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित एशियाई मूल के, खासकर भारतीय ड्राइवर हैं। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह कदम देश की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में उठाया गया है, ताकि ड्राइवर ट्रैफिक सिग्नल, सुरक्षा निर्देश, बॉर्डर पेट्रोल या कार्गो नियमों को सही ढंग से समझ सकें।

सड़क सुरक्षा के नाम पर सख्ती, पर असर विदेशी ड्राइवरों पर ज्यादा

ट्रंप सरकार का तर्क है कि जब ड्राइवर अंग्रेजी में सक्षम होंगे, तभी वे ट्रैफिक से जुड़े संदेशों को सही तरीके से समझ पाएंगे। इससे सड़क हादसे कम होंगे और संचार में पारदर्शिता आएगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि ट्रक ड्राइवरों को अपने एम्प्लॉयर, ग्राहकों और अधिकारियों के साथ अंग्रेजी में संवाद करने की क्षमता होनी चाहिए।

लेकिन हकीकत यह है कि इस नीति का सबसे ज्यादा असर विदेशी मूल के ड्राइवरों, खासकर भारतीयों पर पड़ा है। अमेरिका में हज़ारों भारतीय ट्रक ड्राइवर छोटे शहरों और हाईवे रूट्स पर काम करते हैं, जहां भाषा की सीमाएं कई बार समस्या बनती हैं। अब अंग्रेजी दक्षता टेस्ट में असफल रहने वाले इन ड्राइवरों को सीधे नौकरी से निकाल दिया गया है।

देशभर में चल रहे हैं अंग्रेजी टेस्ट अभियान

ट्रंप प्रशासन ने इस आदेश के बाद पूरे देश में अंग्रेजी भाषा दक्षता जांच अभियान शुरू कर दिया है। बीते साल जहां 1,500 ड्राइवर्स को इसी वजह से हटाया गया था, वहीं इस साल यह आंकड़ा 7,000 से भी ज्यादा पहुंच गया है। अमेरिकी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि आगे और जांचें की जाएंगी, जिससे यह संख्या बढ़ सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में अमेरिका में सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी देखने को मिली थी, और कई हादसों में भारतीय मूल के ड्राइवर शामिल पाए गए थे। यही कारण है कि इस बार जांच और भी सख्त की गई है।

भारतीय समुदाय में बढ़ी बेचैनी

अमेरिका में बसे भारतीय ट्रक ड्राइवर इस फैसले से खासे परेशान हैं। कई लोगों का कहना है कि उनके पास अनुभव तो है, लेकिन भाषा की वजह से वे अब बेरोजगार हो गए हैं। कुछ ड्राइवरों ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा कि सरकार को सुरक्षा के नाम पर इंसान की आजीविका छीनने का हक नहीं होना चाहिए।

कुल मिलाकर, ट्रंप का यह नया फैसला अमेरिकी सड़कों की सुरक्षा के लिए भले ही एक कदम बताया जा रहा हो, लेकिन इसकी सबसे बड़ी कीमत प्रवासी भारतीय चुका रहे हैं। कभी “अवसरों की धरती” कहे जाने वाले अमेरिका में अब भारतीय ड्राइवरों के लिए काम करना किसी सपने से ज़्यादा संघर्ष बन गया है।

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Coffee for healthy liver: हेल्दी लिवर के लिए रामबाण है कॉफी! बस पीने का तरीका बदलें औ...

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Coffee for healthy liver: आजकल हर कोई कॉफी (Coffee) पीना पसंद करता है, कुछ लोग कॉफी के इतने दीवाने हो जाते हैं कि उन्हें हर घंटे कॉफी चाहिए होती है। वही कई रिसर्च के अनुसार यह भी माना जाता है कि यह लिवर के लिए बहुत अच्छा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं हेल्दी लिवर (healthy liver) के लिए कॉफी पीने का सही तरीका क्या होगा जो फैटी लिवर के खतरे को कम कर सकता है, अगर नहीं तो चलिए इस लेख में जानते हैं

कॉफी पीने का सही तरीका – Right way to drink coffee

रिसर्च और एक्केसपर्ट्स के अनुसार, सीमित मात्रा में और सही तरीके से कॉफ़ी का सेवन लिवर के लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। उदाहरण के लिए, ब्लैक कॉफ़ी पीना लिवर की सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद है। बिना चीनी, दूध या क्रीम वाली ब्लैक कॉफ़ी सबसे अच्छी मानी जाती है। इसमें अतिरिक्त कैलोरी नहीं होती, जो फैटी लिवर के लिए हानिकारक हो सकती है।

लो-फैट (Low-Fat) या स्किम्ड दूध का ही इस्तेमाल

वही अपनी कॉफी में चीनी (Sugar), सिरप या बहुत ज्यादा मीठी चीजों को मिलाने से बचें, क्योंकि ये फैटी लिवर की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। दूसरी और अगर आप ब्लैक कॉफी नहीं पी सकते हैं, तो लो-फैट (Low-Fat) या स्किम्ड दूध का ही इस्तेमाल करें और उसकी मात्रा भी कम रखें।

ज़्यादातर एक्सपर्ट्स और डॉक्टर्स मानते हैं कि रोज़ाना 2 से 4 कप ब्लैक कॉफ़ी पीना फायदेमंद हो सकता है। हालाँकि, अगर आपको उच्च ब्लड प्रेशर (blood pressure), अनिद्रा या पाचन संबंधी समस्याएँ हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।

कॉफी और लिवर हेल्थ के फायदे

हालाँकि कई रिसर्च से पता चलता है कि कॉफ़ी लिवर के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकती है। नियमित रूप से कॉफ़ी पीने से लिवर की कोशिकाओं में फेट का संचय कम हो सकता है और फैटी लिवर (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease – NAFLD/MASLD) का खतरा कम हो सकता है।

सिरोसिस और कैंसर का कम जोखिम

कॉफी लिवर फाइब्रोसिस (liver fibrosis) की बढ़ती स्थिति की गति को धीमा कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप सिरोसिस और लिवर कैंसर (hepatocellular carcinoma) का जोखिम कम होता है। इसके अलवा आपको बता दें, कॉफ़ी में क्लोरोजेनिक एसिड (chlorogenic acid) और पॉलीफेनॉल (Polyphenols) जैसे एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव (oxidative) तनाव और सूजन से लड़ने में मदद करते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपको किसी भी तरह की बीमारी है तो कॉफी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से अनुमति लें और उसके बाद ही इसका सेवन करें।

T20 World Cup win: BCCI का बड़ा ऐलान, वर्ल्ड चैम्पियन टीम इंडिया को मिलेंगे ₹51 करोड़

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Women’s World Cup: कहते हैं कि लड़कियाँ किसी से कम नहीं होतीं, और भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian women’s cricket team) ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है। उन्होंने एक बार फिर मैच जीतकर इतिहास रच दिया है। हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) की कप्तानी में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराया। वही  इस ऐतिहासिक जीत के बाद विश्व विजेता बनने पर बीसीसीआई (BCCI) ने पूरी भारतीय महिला टीम ने (खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ) को 51 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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भारतीय महिला टीम की शानदार जीत 

भारत की बेटियों ने जीत ली दुनिया, जीं हां भारतीय महिला टीम 2025 में वर्ल्‍ड कप चैंपियन बन इतिहास रच दिया है। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया ने 52 रनों से साउथ अफ्रीका को हराया और पहली बार ICC खिताब पर कब्‍जा किया। भारत से जीत के लिए मिले 299 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका 246 रनों पर ऑलआउट हो गई और मैच हार गई। इस जीत में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा का मैच विनिंग प्रदर्शन रहा।

शेफाली वर्मा बनी प्लेयर ऑफ द मैच

इस यादगार मैच में शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों में 7 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 87 रन बनाकर खेली और उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब मिला। महज 15 साल की उम्र में वो भारत की सबसे कम उम्र में टी20 क्रिकेट में डेब्यू करने वाली क्रिकेटर बन गईं। आपको बता दे कि शेफाली वर्मा वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा भी नहीं थीं…लेकिन प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद उनको मौका मिला और उन्होंने इतिहास रच दिया।

दीप्ति शर्मा को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया

दूसरी ओर, दीप्ति शर्मा ने उत्कृष्ट ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए 58 गेंदों पर 58 रन बनाए और 5 विकेट भी लिए। उनके इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का ख़िताब मिला। आपको बता दें, दीप्ति शर्मा उत्तर प्रदेश के आगरा की रहने वाली हैं, महज 17 साल की उम्र में डेब्यू करने वालीं दीप्ति की क्रिकेटर बनने की कहानी काफी दिलचस्प रही है।
दीप्ति के लिए ये सफर आसान नहीं रहा। पिता को ताने मिलने के बाद भी उन्होंने बेटी के सपनों को पूरा किया। वहीं दीप्ति के भाई ने बहन को क्रिकेटर बनाने के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी। इस वूमेंस वर्ल्‍ड कप में उन्‍होंने एक ऐसा रिकॉर्ड बना दिया है जो 52 साल के इतिहास में पहले कभी भी नहीं हुआ था।

BCCI ने दिया 51 करोड़ का इनाम

इसके अलावा, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव देवजीत सैकिया ने महिला क्रिकेट में ऐतिहासिक उपलब्धियों के सम्मान में एक बड़ी घोषणा की। बीसीसीआई ने खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ के लिए कुल ₹51 करोड़ की पुरस्कार राशि देने का फैसला किया है।

ये पुरस्कार हरमनप्रीत की टीम द्वारा महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के प्रयासों की सराहना करते हैं। इन प्रयासों की तुलना 1983 में कपिल देव की टीम द्वारा भारतीय क्रिकेट के पुनर्निर्माण से की जा रही है। यह घोषणा भारतीय महिला टीम द्वारा अपना पहला आईसीसी विश्व कप खिताब जीतने के बाद की गई थी।

Buddhist pilgrimage: नेपाल से थाईलैंड तक… लेकिन यूपी के इस शहर आए बिना अधूरी रहती है ...

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Buddhist pilgrimage: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले का नाम आते ही इतिहास, आस्था और अध्यात्म की एक अनोखी छवि सामने आ जाती है। यमुना तट पर बसा यह शहर न सिर्फ प्राचीन काल से समृद्ध रहा है, बल्कि इसे भगवान बुद्ध की नगरी के रूप में भी पूरी दुनिया में जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान गौतम बुद्ध ने अपने जीवनकाल में यहीं चातुर्मास बिताया था। यही वजह है कि बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए कौशांबी की यात्रा एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव मानी जाती है।

इतिहासकार बताते हैं कि प्राचीन समय में कौशांबी को ‘कोसम’ या ‘कोसम ईनाम’ के नाम से जाना जाता था। माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने यहीं अपनी साधना की थी। बौद्ध अनुयायियों का यह भी विश्वास है कि जब तक वे कौशांबी नहीं आते, उनकी तीर्थ यात्रा अधूरी रहती है। इसी वजह से हर साल श्रीलंका, कम्बोडिया, थाईलैंड, म्यांमार और अन्य देशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

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बौद्ध और जैन धर्म का संगम स्थल- Buddhist pilgrimage

कौशांबी केवल बौद्ध धर्म ही नहीं, बल्कि जैन धर्म के इतिहास में भी बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कहा जाता है कि भगवान महावीर और भगवान बुद्ध, दोनों ही इस पवित्र भूमि पर आए थे। बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में कौशांबी की भूमिका इतनी महत्वपूर्ण रही कि यह स्थान एक समय आध्यात्मिक शिक्षाओं का केंद्र बन गया था। यहां के खंडहरों, स्तूपों और पुरातात्विक अवशेषों में आज भी उस गौरवशाली काल की झलक देखी जा सकती है।

विदेशी सरकारों ने बनवाए भव्य मंदिर

कौशांबी की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय पहचान को देखते हुए श्रीलंका और कम्बोडिया की सरकारों ने यहां भगवान बुद्ध को समर्पित भव्य मंदिर बनवाए हैं। ये मंदिर कौशांबी की पहचान को न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हैं। मंदिरों की वास्तुकला में एशियाई शिल्पकला की झलक देखने को मिलती है, जो श्रद्धालुओं के लिए बेहद आकर्षण का केंद्र है।

हर साल हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक और बौद्ध अनुयायी यहां आते हैं, ध्यान लगाते हैं और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को करीब से महसूस करते हैं। मंदिर परिसर में फैली शांति और अध्यात्म का वातावरण हर किसी को भीतर तक छू जाता है।

पर्यटन में बाधा बन रही ठहरने की कमी

हालांकि, एक बड़ी समस्या यह है कि कौशांबी में अभी भी रात्रि ठहरने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के बाद शाम ढलते ही वापस लौटना पड़ता है। कई यात्री चाहते हैं कि वे यहां रुककर ध्यान और साधना करें, लेकिन ठहरने की सीमित व्यवस्था उन्हें ऐसा करने से रोक देती है।

अगर यहां रात्रि विश्राम और पर्यटन से जुड़ी सुविधाओं को और विकसित किया जाए, तो यह न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए राहत भरा कदम होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगा।

कौशांबी की यह ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न हिस्सा है। यहां की मिट्टी में आज भी बुद्ध के उपदेशों की वह शांति और करुणा महसूस की जा सकती है, जो हजारों साल पहले उन्होंने मानवता को सिखाई थी।

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Varanasi News: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और थाईलैंड के महाचुलालोंगकोर्नराज विद्यालय विश्वविद्यालय (MCU) के बीच जल्द ही बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में एक बड़ा शैक्षणिक समझौता होने जा रहा है। यह साझेदारी भारत और थाईलैंड के बीच बौद्ध संस्कृति, दर्शन और शिक्षा को नई दिशा देने की ओर एक अहम कदम मानी जा रही है।

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थाईलैंड का यह विश्वविद्यालय वर्ष 1887 में राजा महामहाचुलालोंगकोर्न (राम पंचम) द्वारा स्थापित किया गया था और इसे बौद्ध शिक्षा, शोध और विपश्यना साधना के क्षेत्र में अग्रणी संस्थानों में गिना जाता है। सोमवार को MCU का एक विशेष प्रतिनिधिमंडल वाराणसी स्थित BHU के कला संकाय के पालि एवं बौद्ध अध्ययन विभाग पहुंचा, जहां दोनों देशों के बीच शैक्षणिक सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।

भाषाई और सांस्कृतिक संबंधों पर हुई गहन बातचीत- Varanasi News

बैठक के दौरान भारत और थाईलैंड के बीच पालि भाषा और थेरवाद बौद्ध परंपरा के ज़रिए मौजूद गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा की गई। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि अनुसंधान, शिक्षक एवं छात्र विनिमय, संयुक्त सम्मेलन और अनुवाद कार्यों के ज़रिए इन संबंधों को और मजबूत किया जाए। इसके लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर जल्द हस्ताक्षर किए जाएंगे।

थाईलैंड से आए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ. फ्रमहा युत्थना सिरीवान, प्रमुख बौद्ध अध्ययन विभाग (MCU), ने किया। उनके साथ डॉ. जुतारत तोंगिंजान, फ्रा ख्रु स्रीवचिरनिमित पैरोत, फ्रा महा थना सन्नारोंग, फ्रा खजोंसक तोंसली, कांदा पर्मसोम्बत, फिम्फया वेमुत्तेपुद्धवेज, उडोम ङामबूनप्लोड और कंलयानी सेर्मसिरिविवत शामिल थीं।

BHU ने थाईलैंड के प्रयासों की सराहना की

BHU के पालि एवं बौद्ध अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार यादव ने थाई प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और MCU द्वारा बौद्ध दर्शन और विपश्यना साधना के संरक्षण में निभाई जा रही भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी “वैश्विक बौद्ध अध्ययन को नई दिशा देने” का काम करेगी और भारत-थाईलैंड के बीच सांस्कृतिक सेतु को और मजबूत बनाएगी।

इस मौके पर डॉ. बुद्ध घोष, भिक्षु फ्राख्रुसुथमथावच्चायि माथी और विभाग के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। चर्चा में दोनों देशों के बौद्ध परंपराओं की समानता, ऐतिहासिक योगदान और आधुनिक युग में बौद्ध दर्शन के महत्व पर विस्तार से विचार किया गया।

क्या होगा सहयोग का दायरा

इस MoU के तहत दोनों विश्वविद्यालय मिलकर संयुक्त शोध परियोजनाएं, प्रोफेसर और छात्र एक्सचेंज प्रोग्राम, इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस और बौद्ध ग्रंथों के अनुवाद कार्य करेंगे। इसका उद्देश्य केवल शैक्षणिक सहयोग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बौद्ध विचारधारा और थेरवाद परंपरा को विश्व स्तर पर बढ़ावा देना भी होगा।

बौद्ध अध्ययन को मिलेगी नई ऊर्जा

BHU के बौद्ध अध्ययन विभाग की समृद्ध परंपरा और MCU के 138 साल पुराने अनुभव का मेल न केवल दोनों संस्थानों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि यह बौद्ध संस्कृति के प्रचार-प्रसार में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

इस सहयोग के ज़रिए भारत और थाईलैंड के बीच न केवल शैक्षणिक रिश्ते मजबूत होंगे, बल्कि बुद्ध की शिक्षाओं और पालि भाषा की विरासत को भी नई अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।

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Aishwarya Rai के ये 6 सेलेब्स हैं उनके ‘नो-फ्रेंड’ लिस्ट में, एक-दूसरे की...

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Aishwarya Rai: बॉलीवुड की आइकॉनिक अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन 1 नवंबर को अपना 52वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया। ग्लैमर की दुनिया में उनका नाम हर किसी के लिए जाना-पहचाना है, लेकिन इस खूबसूरत लुक और करिश्माई व्यक्तित्व के पीछे बॉलीवुड में उनके रिश्तों की एक अलग कहानी भी छुपी हुई है। कहा जाता है कि उनके इंडस्ट्री में कुछ खास दोस्त नहीं हैं और उनके ‘छत्तीस के आंकड़े’ यानी कुछ सेलेब्स के साथ ठीक रिश्ते नहीं हैं। आइए जानते हैं उन सेलेब्स के बारे में।

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रानी मुखर्जी- Aishwarya Rai

रानी मुखर्जी और ऐश्वर्या राय की केमिस्ट्री भी हमेशा चर्चा में रही। फिल्म चलते-चलते में ऐश्वर्या की जगह रानी को कास्ट किया गया था, जिससे दोनों के बीच तनाव और नाखुशी की खबरें आईं। इस फिल्म को लेकर उनके बीच का विवाद इंडस्ट्री में लंबे समय तक सुर्खियों में रहा।

सुष्मिता सेन

सुष्मिता सेन और ऐश्वर्या राय की नज़दीकी कभी नहीं रही। साल 1994 की मिस इंडिया प्रतियोगिता में सुष्मिता ने ऐश्वर्या को हराकर खिताब जीता था। इसके बाद से ऐश्वर्या और सुष्मिता के रिश्ते में खटास रही और दोनों कभी बहुत खास दोस्त नहीं बन पाईं।

करीना कपूर खान

ऐश्वर्या और करीना कपूर खान की बॉन्डिंग कभी खास नहीं रही। एक पुराना वीडियो वायरल हुआ था जिसमें करीना एक अवॉर्ड फंक्शन के दौरान ऐश्वर्या के हाथ से माइक छीनती हुई दिखाई दी थीं। इस घटना के बाद दोनों के बीच की दूरी मीडिया में खूब चर्चा का विषय बनी।

विवेक ओबेरॉय

विवेक ओबेरॉय और ऐश्वर्या का नाम पहले रिलेशनशिप में भी जुड़ा था। दोनों का ब्रेकअप होने के बाद से मीडिया और फैंस के बीच इसे ‘छत्तीस का आंकड़ा’ के रूप में देखा गया। इस ब्रेकअप ने उनके रिश्ते पर लंबे समय तक असर डाला।

सोनम कपूर

सोनम कपूर और ऐश्वर्या के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब सोनम ने एक इंटरव्यू में ऐश्वर्या को ‘आंटी’ कह दिया था। इस बयान के बाद दोनों के बीच तना-तनी की खबरें मीडिया में खूब छाईं।

इमरान हाशमी

ऐश्वर्या और इमरान हाशमी के बीच सीधे टकराव की खबरें ज्यादा नहीं हैं, लेकिन विवाद तब शुरू हुआ जब इमरान ने ऐश्वर्या के लिए ‘प्लास्टिक’ शब्द इस्तेमाल किया था। इसके बाद उनके बीच तना-तनी की खबरें मीडिया में आईं।

बॉलीवुड में दोस्ती और दुश्मनी का सिलसिला हमेशा ही सुर्खियों में रहता है, और ऐश्वर्या राय बच्चन के केस में यह और भी दिलचस्प नजर आता है। भले ही उनके फैंस उन्हें हमेशा ग्लैमरस और पर्फेक्ट इमेज में देखते हैं, लेकिन इंडस्ट्री में उनके रिश्तों की यह कहानी भी किसी ड्रामा से कम नहीं है।

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