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UK Lord Mayor: जानें कौन है जसवंत सिंह विरदी? ब्रिटेन के पहले पगड़ीधारी सिख लॉर्ड मेय...

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UK Lord Mayor: ब्रिटेन में सिख समुदाय ने अपनी समृद्ध संस्कृति, मजबूत परंपराओं और अथक मेहनत के जरिए देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में एक खास मुकाम हासिल किया है। चाहे वह व्यवसाय में हो, समाज सेवा में या राजनीति में, सिखों ने ब्रिटेन की विविधता को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी धारा में, जसवंत सिंह विरदी का नाम खास पहचान के साथ उभरता है, जिन्होंने ब्रिटेन के कोवेंट्री शहर के पहले पगड़ीधारी सिख लॉर्ड मेयर बनकर इस समुदाय के योगदान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनकी कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता नहीं, बल्कि ब्रिटेन में सिख समुदाय के दृढ़ संकल्प और सांस्कृतिक समावेश का भी उदाहरण है।

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जसवंत सिंह विरदी का प्रारंभिक जीवन और पृष्ठभूमि- UK Lord Mayor

जसवंत सिंह विरदी का जन्म पंजाब में हुआ था। उनका बचपन कोलकाता में बीता, जहां उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की। 1960 के दशक में करीब 60 साल पहले उनका परिवार कोवेंट्री, ब्रिटेन में आकर बस गया। इससे पहले उनका परिवार केन्या में रहता था। ब्रिटेन में बसने के बाद जसवंत सिंह ने समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय होकर अपनी पहचान बनाई। साल 2023 में उन्होंने लॉर्ड मेयर के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभाली है, वहीं उनकी पत्नी कृष्णा ने लॉर्ड मेयरेस का पद ग्रहण किया।

UK Lord Mayor Sikhism in Britain
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कोवेंट्री में 17 साल की सेवा

लॉर्ड मेयर बनने से पहले, जसवंत सिंह ने कोवेंट्री के स्थानीय निकाय में 17 साल तक काउंसलर के रूप में काम किया। वे पिछले नौ साल से बाबलेक वार्ड के प्रतिनिधि थे। लॉर्ड मेयर की भूमिका में उन्होंने मेयर केविन मैटन का स्थान लिया, जबकि मल मटन को डिप्टी लॉर्ड मेयर बनाया गया है। इससे पहले जसवंत सिंह पिछले 12 महीनों तक डिप्टी लॉर्ड मेयर के पद पर कार्यरत थे।

पगड़ीधारी सिख लॉर्ड मेयर के तौर पर गर्व

जसवंत सिंह ने अपने पद ग्रहण के मौके पर कहा, “मैं अपने अपनाए हुए गृह नगर का लॉर्ड मेयर बनकर बेहद गर्व महसूस कर रहा हूं। इस शहर ने मुझे और मेरे परिवार को वर्षों तक बहुत कुछ दिया है। अब मुझे इसका प्यार दिखाने में खुशी होगी।” उन्होंने यह भी बताया कि एक सिख के रूप में ‘चेन्स ऑफ ऑफिस’ के साथ पगड़ी पहनना उनके लिए खास महत्व रखता है। उन्होंने कहा, “यह हमारे बहुसांस्कृतिक शहर को दर्शाएगा और शायद दूसरों को भी प्रेरित करेगा।”

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ब्रिटेन में सिख समुदाय की भूमिका

ब्रिटेन में सिख समुदाय की उपस्थिति और योगदान कई दशकों से महत्वपूर्ण रहे हैं। ब्रिटेन में सिखों की संख्या लगभग 5,35,000 है, जो कुल आबादी का 0.8 प्रतिशत है। लंदन के साउथ हॉल क्षेत्र को ‘मिनी पंजाब’ कहा जाता है, जहां भारत से जुड़े सांस्कृतिक प्रभाव गहराई से दिखते हैं। यहां गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा स्थित है, जो भारत के बाहर सबसे बड़ा गुरुद्वारा माना जाता है।

सिख धर्म और सामाजिक सुधार

इतना ही नहीं, ब्रिटेन में सिख समुदाय ने ‘सिख कोर्ट’ जैसी संस्थाएं भी बनाई हैं, जो पारिवारिक और सामाजिक विवादों को सिख धर्म के सिद्धांतों के अनुरूप हल करती हैं। 2019 में ब्रिटिश गृह विभाग ने धार्मिक कारणों से सिखों को कृपाण रखने का अधिकार दिया, जो उनके सांस्कृतिक पहचान के सम्मान की बड़ी पहल थी।

सिख सैनिकों के लिए ब्रिटिश सेना ने ‘नितनेम गुटका’ जैसी धार्मिक प्रार्थना पुस्तिकाएं जारी की हैं, जो सैन्य जीवन में उनकी धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा करती हैं और सिखों के लिए सम्मान एवं समावेश का प्रतीक हैं।

महाराजा दलीप सिंह से आधुनिक सिख समुदाय तक

ब्रिटेन में सिखों का पहला उल्लेखनीय आगमन महाराजा दलीप सिंह के रूप में हुआ था, जो पंजाब के अंतिम सिख शासक थे। 1849 में ब्रिटिश शासन के बाद उन्हें ब्रिटेन निर्वासित कर दिया गया था। 1911 में लंदन के पुटनी में पहला सिख गुरुद्वारा स्थापित हुआ। तब से लेकर आज तक ब्रिटेन में सिखों ने धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

वहीं, जसवंत सिंह विरदी की कोवेंट्री में लॉर्ड मेयर के रूप में नियुक्ति न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और सफलता का प्रतीक है, बल्कि ब्रिटेन के बहुसांस्कृतिक समाज में सिख समुदाय की बढ़ती भूमिका और स्वीकार्यता का भी संदेश है। यह उनके लिए एक गौरवशाली पल है, जो आने वाले समय में और भी प्रेरणादायक साबित होगा।

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मीना कुमारी की प्रॉपर्टी चर्चा में क्यों? अब कौन होगा करोड़ों की संपत्ति का मालिक, को...

Tragedy queen Meena kumari story: अगर हम आपसे पूछे कि अपनी आंखों से अदाकारी कर अगर कोई एक्ट्रेस फैंस का दिल लूट कर ले जाए तो किस एक्ट्रेस का नाम आपके जहां में आता है। हर वक्त नशे में डूबी रहने वाली एक्ट्रेस, जिसने अपने करियर में तो बहुत नाम कमाया था, लेकिन प्यार और शादी के मामले में इनकी किस्मत बेहद फूटी निकली। कहने वाले तो ये भी कहते हैं कि इस एक्ट्रेस को पति के जुल्मों सितम भी सहने पड़े थे, और हलाला जैसी कष्टदायक पीड़ा तक का सामना करना पड़ा। ये एक्ट्रेस जो मात्र 38 साल की उम्र में तन्हां जिंदगी जीने के बाद दुनिया को अलविदा कह कर चली गई थी। जी हां, हम बात कर रहे है ट्रेजेडी क्वीन के नाम से मशहूर एक्ट्रेस मीना कुमारी की। मीना कुमारी का नाम एक बार फिर से उछला है, लेकिन इस बार वजह न तो कोई उनकी फिल्म है और न ही उनकी जिंदगी का कोई अनछुआ पहलू। इस बार विवादों में फंसी है क्योंकि उनपर आरोप लगे है 162 परिवारों को घर से बेघर करने का। क्या है ये मामला, जानेंगे इस खबर में।

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क्या है पूरा मामला

मीना कुमारी ने साल 1952 में फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही से शादी कर ली थी। कमल अमरोही ने मीना कुमारी को 1951 में अपनी फिल्म अनारकली के लिए साइन किया था लेकिन महाबलेश्वर से मुंबई आते वक्त एक कर एक्सीडेंट में मीना कुमारी बुरी तरह घायल हो गई थी। उसे दौरान कमल अमरोही लगातार मीना कुमारी से मिलने अस्पताल जाया करते थे मीना कुमारी को कमल अमरोही का यह अंदाज काफी पसंद आया और वह उन्हें मन ही मन चाहने लगी। कमाल अमरोही ने भी मीना कुमारी के इस प्यार को स्वीकार किया और दोनों ने 1952 में शादी कर ली कमाल अमरोही मीना कुमारी से उम्र में 15 साल बड़े थे।

शादी के लिए तोहफा

कमाल अमरोही और मीना कुमारी ने एक साथ मिलकर शादी के तोहफे के रूप में 1959 में मुंबई के बांद्रा के पालीहिल में 11000 स्क्वायर यार्ड यानि की करीब 2.5 एकड़ की एक जमीन खरीदी थी। जिसकी कीमत उस वक्त 5 लाख रूपय थी। लेकिन 1966 में मीना कुमारी से तलाक होने के बाद कमाल अमरोही ने इस जमीन को कोज़िहोम कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी लिमिटेड को बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए लीज पर दे दी थी। जिसके लिए सोसायटी को हर महीने 8835 रुपए प्रति महीने किराया देना तय किया गया। लेकिन 1970 में अमरोही ने पूरा किराया न मिलने को लेकर शिकायत दर्ज की थी, लेकिन सोसाईटी ने तर्क दिया कि जमीन का पूरा हिस्सा अमरोही के नाम पर नहीं है इसलिए पूरा किराया नहीं दिया जा रहा है जिसका बाद  1990 में कमाल अमरोही ने इस कॉन्ट्रैक्ट को टर्मिनेट कर दिया , जिसका कारण था कि सोसायटी ने उन्हें न तो पूरा भुगतान किया है और न ही रेंट समय पर पे किया जा रहा था।

जमीन पर विवाद

1991 में अमरोही ने एक कैसे फाइल किया जिसमें उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट तो खारिज करके जमीन उन्हें वापिस दी जानी चाहिए, इसकी मांग की थी। उस समय अमरोही ने सोसाइटी को बकाया राशि 66060 रूपय देने की मांग की थी।हालांकि 1993 में कमाल अमरोही का निधन हो गया और उनके बेटे ताजदार अमरोही ने इस केस को आगे बढ़ाया, जिसे लेकर  23 अप्रैल 2025 को बांद्रा की स्मॉल कॉज कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए 6 महीने के अंदर सोसाईटी को खाली करने का आदेश सुनाया है। कोर्ट ने लीज़ एग्रीमेंट की धारा 14(ए) के हवाले से कहा कि अगर लीज की राशि या किराये की राशि सही समय पर भुगतान नहीं की जाती है तो मालिक को अधिकार है कि वो उन लीज के कॉंट्रेक्ट को खारिज कर अपने जमीन पर मालिकाना हक मांग सकते है। अमरोही की शिकायत के अनुसार सोसाइटी ने नियमों का उलंघन किया है। इसलिए ये कांट्रेक्ट खुद ही खारिज हो गया है।

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आपको बता दे कि इस सोसाईटी में करीब 162 परिवार रहते है, सोसाईटी का कहना है कि उन्होंने सभी बकाया भुगतान कर दिए है। वो लोग करीब 20 सालों से एस्क्रो खाते में ब्याज और किराये का पैसा जमा करा रहे है। इस मामले को लेकर अब वो मुम्बई हाई कोर्ट में अपील करेंगे। वो लोग करीब 50 सालों से कोज़ीहोम कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में रह रहे है। उन्होंने सारे भुगतान किए है फिर वो अपना घर खाली क्यों करेंगे। हालांकि उन्होंने इस याचिका के खिलाफ  स्टे लोने की भी कोशिश की थी लेकिन वो सफल नहीं हो पाये।

फिलहाल ये केस ताजदार अमरोही के पक्ष में है, ऐसे में देखना ये है कि आगे इस केस में क्या नए मोड़ आते है। आपको बता दे कि ताजदार अमरोही मीना कुमारी के सौतेले बेटे है जो कमाल अमरोही की पहली पत्नी के बेटे है। जमीन मीना कुमारी के नाम से खरीदी गई तो उनका नाम उछलना स्वाभाविक है। लेकिन भले ही ट्रेजेडी क्वीन ने अपने सपनो के घर बनाने के लिए जमीन खरीदी हो मगर वो सपना उनकी तन्हा जिंदगी के साथ ही चला गया ।

Tej Pratap Yadav controversy: तेज प्रताप यादव के परिवार से निष्कासन पर पत्नी ऐश्वर्या...

Tej Pratap Yadav controversy: राजद से निष्कासित नेता लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में परिवार के फैसले और पार्टी से निष्कासन को लेकर कई सनसनीखेज बातें कही हैं। उन्होंने खुलकर कहा कि तलाक की जानकारी उन्हें भी सबसे पहले मीडिया से ही मिली और इस पूरे घटनाक्रम को उन्होंने चुनावी ड्रामे का हिस्सा बताया है।

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मीडिया से ही मिली जानकारी- Tej Pratap Yadav controversy

ऐश्वर्या ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमको सब मीडिया से पता चला है। तलाक की खबर भी मीडिया से ही मिली। ये सब लोग मिले हुए हैं। ये चुनाव की वजह से हो रहा है। पूरा परिवार ड्रामा कर रहा है। उनसे पूछिए मेरी जिंदगी बर्बाद करने की क्या जरूरत थी। मेरा क्या होगा, उनसे पूछिए।”

Tej Pratap Yadav controversy
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उनका यह बयान तेज प्रताप यादव द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने रिश्ते की तस्वीर पोस्ट करने के बाद आया है। इस पोस्ट के बाद लालू यादव ने तेज प्रताप को परिवार और राजद से छह साल के लिए बाहर निकाल दिया।

चुनावी ड्रामा का आरोप

ऐश्वर्या ने साफ तौर पर कहा कि यह सब चुनावी कारणों से किया गया है। उन्होंने कहा, “कल रात भी ये लोग मिले होंगे, बोला होगा कि सब शांत हो जाएगा। ये सब चुनाव की वजह से हो रहा है। हमको सारी जानकारी मीडिया से मिलती है।”

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उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से चोट पहुंचाई गई, तब सामाजिक न्याय कहां था। ऐश्वर्या ने कहा, “जब हमको मारा गया तब उनका सामाजिक न्याय कहां गया? मेरा न्याय कहां गया?”

लीगल एक्शन की तैयारी

जब उनसे कानूनी कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो ऐश्वर्या ने जवाब दिया, “हम उसके बारे में बाद में बात करेंगे। आप सात साल से देख रहे हैं, सब हम ही कर रहे हैं। मैंने यह लड़ाई अभी शुरू की है और आगे भी लड़ूंगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि लालू परिवार के अन्य सदस्य जैसे राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और लालू यादव खुद इस मामले से पूरी तरह वाकिफ हैं।

परिवार और पार्टी से निष्कासन

लालू यादव ने तेज प्रताप के निजी जीवन से जुड़े इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि जो लोग तेज प्रताप के संपर्क में रहना चाहते हैं, वे अपने विवेक से फैसला करें।

तेजस्वी यादव ने भी अपने भाई के खिलाफ पिता के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “जहां तक मेरी बात है, मुझे ये सब न तो पसंद है और न ही बर्दाश्त है। मैं अपना काम कर रहा हूं। बड़े भाई अपने फैसले खुद लेते हैं, वे परिपक्व हैं।”

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Television Chandrakanta Mystery : कहां और किस हाल में हैं TV की राजकुमारी चंद्रकांता?...

TV Chandrakanta Shikha Swaroop Mystery : कभी कभी टीवी पर कुछ ऐसे सीरियल बनाए जाते है जो हमेशा के लिए लोगों के जेहन में अपनी जगह बना लेते है। जैसे कि शक्तिमान, रामायण , महाभारत, आर्यमान, जैसे शोज है, जो आज भी प्रसारित किए जाए तो भी फैंस उतने ही मजे से देखते है जितना के तब देखा करते थे जब ये टीवी पर पहली बार प्रसारित हुआ था। इन्हीं शोज की लिस्ट में 1994 से लेकर 1996 तक दूरदर्शन पर टेलीकास्ट हुआ एक जादुई शो चंद्रकांता भी शामिल है।

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चंद्रकांता में कई दिग्गज सितारों को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाया तो वहीं कुछ आज गुमनामी के अंधेरे में है। इस सीरियल के जरिए सबकी चहेती बनने वाली चंद्रकांता को लेकर ऐसा कहा जा सकता है कि ये सीरियल उनके लिए लकी साबित नहीं हुआ था। आज करीब 30 साल से ऊपर का समय बीत चुका है, इस शो के कई सितारे जैसे कि पंकज धीर,शाहबाज खान,मुकेश खन्ना, अखिलेंद्र मिश्रा, परीक्षित साहनी, राजेंद्र गुप्ता जैसे कलाकार आज भी टीवी और फिल्म दोनों जगह पर राज कर रहे है लेकिन इस शो की जान चंद्रकांता का रोल करने वाली एक्ट्रेस शिखा स्वरूप कहां है। किस हाल है में टीवी की चंद्रकांता। आखिर क्यों हो गई वो गुमनाम। जानेंगे इस खबर के।

कहां है शिखा स्वरूप? Where is Chandrakanta

23 अक्टूबर 1970 को दिल्ली में जन्मी शिखा स्वरूप अपने कॉलेज के दिनों में ही मॉडलिंग करने लगी थी। शिखा स्वरूप शूटिंग में एक गोल्ड मेडलिस्ट भी है। उन्होंने 1988 में ऑल इंडिया पिस्टल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था। मॉडलिंग के दौरान ही उन्हें शो चंद्रकांता में काम करने का मौका मिला था। 1988 में शिखा ने मिस इंडिया इंटरनेशनल जीता था। शिखा ने करीब 11 फिल्मों में भी काम किया था। जिसमें 1990 में आवाज दें कहा है से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी, लेकिन 1994 में उनकी अंतिम फिल्म चीता आई थी, जिसके बाद शिखा ने फिल्मों से दूरी बना ली थी।
1994 में शिखा को दूरदर्शन के शो चंद्रकांता में काम करने का मौका मिला। सीरियल चंद्रकांता बहुत बड़ा हिट हुआ इसके बाद सीखने 1996 में युग और 1997 में शक्तिमान में काम किया था लेकिन टीवी इंडस्ट्री में भी वो चंद्रकांता के अलावा किसी और शो में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। नतीजा ये हुआ कि उन्होंने टीवी से भी दूरी बना ली।

बीमारी के कारण डूबा करियर

शिखा करीब 14 सालों तक एंटरटेनमेंट जगत से दूर रही। खबरों की माने तो शिखा के हेल्थ को लेकर कुछ समस्या हो गई थी। और इसलिए वो बहुत ज्यादा हेक्टिक काम नहीं कर सकती थी। शिखा ने सोशल मीडिया से भी दूरी बनाई हुई है। एक लंबी बीमारी से जूझने के बाद करीब 14 सालों बाद शिखा फिर से कहानी चंद्रकांता की शो ने नजर आई थी। इसके बाद शिखा जी टीवी के शो रामायण में नजर आई थी जिसमें उन्होंने कैकई का रोल किया था। शिखा स्वरूप अपनी जिंदगी काफी निजी रखना पसंद करती है। उन्होंने आर्मी पायलट दिल्ली के एक व्यवसायी राजीव लाल से 1992 में शादी की थी, लेकिन ये शादी भी ज्यादा दिनों तक नहीं चली और दोनों का तलाक हो गया। शिखा फिलहाल सिंगल है।

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शिखा भले ही फिल्म और टीवी जगह से दूर है लेकिन 53 साल की हो चुकी शिखा आज भी मॉडलिंग में सक्रिय है। वो मॉडलिंग जगह का जाना माना नाम है, जो अपने ग्लैमरस लुक के लिए काफी फेमस है। हालांकि वो लाइमलाइट से दूर रह कर एक शांत जिंदगी जी रही है।

INS Brahmaputra:आईएनएस ब्रह्मपुत्र की जबरदस्त वापसी, हादसे के बाद फिर से करेगा समुद्र...

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INS Brahmaputra: भारतीय नौसेना का स्वदेशी गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस ब्रह्मपुत्र जुलाई 2024 में मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में हुए एक गंभीर हादसे के बाद बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उस हादसे ने नौसेना और देशवासियों को झकझोर कर रख दिया था, लेकिन अब इस युद्धपोत के फिर से सेवा में लौटने की उम्मीद जगी है। वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों के अनुसार, इसके ‘फ्लोट और मूव’ यानी तैरने और चलने की क्षमताओं को इस साल के अंत तक या 2026 की शुरुआत तक बहाल कर लिया जाएगा, जबकि ‘फाइट’ यानी युद्धक क्षमता जून-जुलाई 2026 तक फिर से सक्रिय हो सकती है।

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हादसे का विवरण और नुकसान- INS Brahmaputra

21 जुलाई 2024 को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में खड़े आईएनएस ब्रह्मपुत्र में आग लग गई थी। 3,850 टन वजनी इस युद्धपोत पर लगी आग बुझाने के लिए पानी की भारी मात्रा में बौछार की गई, जिससे जहाज झुक गया और पलट गया। इस दुर्घटना में लीडिंग सीमैन सितेंद्र सिंह की शहादत हुई, जो मरम्मत कार्यों में लगे थे। जबकि अधिकांश क्रू मेंबर्स सुरक्षित बाहर निकले, कुछ ने समुद्र में छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। इसके बाद नवंबर 2024 में जहाज को ड्राई डॉक में ले जाकर नुकसान का पूरा आकलन किया गया और मरम्मत के लिए योजना बनाई गई।

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मरम्मत का विस्तृत कार्य

नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मरम्मत कार्य चरणबद्ध तरीके से प्रगति पर है। सबसे पहले जहाज के ढांचे, प्रणोदन प्रणाली और बिजली उत्पादन की मरम्मत पर जोर दिया जा रहा है ताकि इसे फिर से समुद्र में चलने योग्य बनाया जा सके। इसके साथ ही हथियार प्रणालियों और सेंसर को पुनः सक्रिय करने का काम भी जारी है। क्षतिग्रस्त उपकरणों को हटाकर डॉकयार्ड की वर्कशॉप में मरम्मत या प्रतिस्थापन किया जा रहा है। युद्धपोत के अनुभवी क्रू सदस्य भी इस मरम्मत प्रक्रिया में तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सुधार

आग लगने के बाद नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने मुंबई दौरा कर स्थिति का निरीक्षण किया और पश्चिमी नौसेना कमान को युद्धपोत को जल्द पुनः चालू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही एक विशेष कार्यबल (STF) का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व एक रियर एडमिरल कर रहे हैं। इस टीम ने नौसेना के सभी जहाजों से जुड़े सुरक्षा और संचालन मानकों की जांच कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में सुझाए गए सुरक्षा उपायों को देश की सभी नौसेना इकाइयों में लागू करने के निर्देश जारी किए गए।

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अप्रैल 2025 में हुई नौसेना कमांडर्स की चार दिवसीय कांफ्रेंस में भी इस सुरक्षा मुद्दे पर विशेष चर्चा हुई। हालांकि रिपोर्ट के बाद भी नौसेना में दो अन्य दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन सुरक्षा सुधारों को तेजी से लागू करने की प्रक्रिया जारी है।

भविष्य की दिशा

आईएनएस ब्रह्मपुत्र की मरम्मत नौसेना के लिए एक बड़ी प्राथमिकता है क्योंकि यह युद्धपोत 2000 से सेवा में है और भारतीय नौसेना की क्षमताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके पुनः सेवा में आने से नौसेना की ताकत और मजबूती दोनों में वृद्धि होगी। नौसेना के अधिकारी यह भी मानते हैं कि इस प्रक्रिया से भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी सबक भी मिलेंगे।

यह पहली बार है जब आईएनएस ब्रह्मपुत्र की सेवा में वापसी के बारे में आधिकारिक जानकारी सामने आई है। नौसेना डॉकयार्ड में मरम्मत कार्य तेजी से जारी है और उम्मीद है कि आने वाले वर्ष में यह युद्धपोत फिर से भारतीय जलसैन्य बलों की गरिमा बढ़ाएगा।

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Tharoor vs John Brittas: “ऑपरेशन सिंदूर” के बीच केरल की तुर्की सहायता पर सियासी विवाद...

Tharoor vs John Brittas: भारत की “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत वैश्विक कूटनीतिक पहल के दौरान केरल सरकार द्वारा 2023 में भूकंप से प्रभावित तुर्की को ₹10 करोड़ की वित्तीय मदद देने पर राजनीतिक विवाद गरमाया हुआ है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा की विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने इस कदम को गलत प्राथमिकता की उदारता करार दिया, जबकि सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने उन्हें “चुनिंदा स्मृति” का शिकार बताया। दोनों नेता फिलहाल “ऑपरेशन सिंदूर” के बहु-दलीय प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा हैं, जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूत करना चाहते हैं।

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थरूर का आरोप: केरल सरकार की प्राथमिकताएं गलत- Tharoor vs John Brittas

थरूर “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत अमेरिका, पनामा, गयाना, ब्राजील और कोलंबिया के दौरे पर हैं। उन्होंने केरल सरकार की 2023 में तुर्की को दी गई सहायता पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि जब केरल के वायनाड जैसे जिले में जुलाई 2024 में भीषण भूस्खलन हुआ, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए और कई गांव तबाह हो गए, तब वहां के लोगों को मदद की ज्यादा जरूरत थी। उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि केरल सरकार अब दो साल बाद तुर्की के व्यवहार को देखकर अपनी गलत उदारता पर पुनर्विचार करेगी।”

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जॉन ब्रिटास का पलटवार: थरूर के बयान को केरल विरोधी करार

दूसरी ओर, सीपीआई (एम) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने थरूर के आरोपों को एकतरफा और पक्षपाती बताया। वे “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया की यात्रा कर रहे हैं। ब्रिटास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “एक्स” पर लिखा, “थरूर के लिए मेरा सम्मान है, लेकिन यह टिप्पणी एकतरफा याददाश्त की निशानी है। क्या उन्हें नहीं पता कि केंद्र सरकार ने भी 2023 में ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत तुर्की और सीरिया को राहत सामग्री और एनडीआरएफ की टीमें भेजी थीं?”

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यहाँ “ऑपरेशन दोस्त” भारत सरकार की वह पहल थी, जिसके तहत 2023 के भूकंप के बाद तुर्की और सीरिया को तत्काल राहत पहुंचाई गई।

केरल सरकार का पक्ष

केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने थरूर की आलोचना को अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा, “2023 में जब तुर्की में विनाशकारी भूकंप आया, तब हमने मानवीय आधार पर सहायता भेजी थी। यह राशि विदेश मंत्रालय के माध्यम से दी गई थी। अब दो साल बाद इसे 2025 के सीमा विवाद से जोड़ना सही नहीं होगा।”

वायनाड की मांग और केंद्र सरकार पर आरोप

केरल सरकार ने वायनाड भूस्खलन के बाद केंद्र सरकार से ₹2,000 करोड़ की विशेष सहायता की मांग की थी, लेकिन उनका आरोप है कि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कोई खास पैकेज नहीं दिया। इस मामले को लेकर सीपीआई (एम) वायनाड जिले में मार्च निकाल रही है और केंद्र सरकार को क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगा रही है।

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Bangladesh News: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल! विरोध प्रदर्शन, हड़ताल के बीच जून ...

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Bangladesh News: बांग्लादेश में राजनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर तनाव बढ़ता जा रहा है। मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार की नीतियों के खिलाफ व्यापारिक और सरकारी क्षेत्रों में विरोध जारी है, जिससे देश की स्थिति बेहद अस्थिर बनी हुई है। राजधानी ढाका समेत कई जगहों पर अनिश्चितता की भावना छाई हुई है, और लोग भविष्य को लेकर चिंता में हैं।

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व्यापारियों का आक्रोश और बेरोजगारी का खतरा- Bangladesh News

बांग्लादेश टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन (BTMA) के अध्यक्ष शौकत अजीज रसेल ने व्यापार समुदाय की चिंताएं व्यक्त की हैं। रसेल ने कहा है कि वर्तमान हालात में व्यापारियों को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान बुद्धिजीवियों पर हुए अत्याचार जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने देश में अकाल जैसी आपदा का खतरा जताया है, क्योंकि लगातार बढ़ती बेरोजगारी ने आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाया है।

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रसेल ने बताया कि ईद-उल-अजहा से पहले श्रमिकों को बोनस और वेतन देने के लिए भी संसाधनों का अभाव है। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि निवेशकों को बुलाने की बात तो होती है, लेकिन विदेशी निवेशक वियतनाम जैसे अन्य देशों को ज्यादा लाभकारी मानते हैं।

सरकारी कर्मचारियों का विरोध और काम बंदी

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, सरकारी क्षेत्र भी अस्थिरता की चपेट में है। रविवार को बांग्लादेश सचिवालय में सरकारी कर्मचारी लगातार दूसरे दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे प्रस्तावित सरकारी सेवा (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, जिसे वे दंडात्मक और कर्मचारियों के अधिकारों के खिलाफ मानते हैं।

साथ ही, राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (एनबीआर) के अधिकारी भी नए अध्यादेश को रद्द करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। उन्होंने सोमवार से आयात-निर्यात गतिविधियों को अनिश्चितकाल के लिए रोकने की चेतावनी दी है, जिससे देश के व्यापारिक कारोबार पर भारी असर पड़ने की संभावना है।

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सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भी अपनी तीन सूत्री मांगों के समर्थन में सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं, जिसमें प्रारंभिक वेतन को राष्ट्रीय वेतनमान के 11वें ग्रेड के बराबर करने की मांग शामिल है।

मोहम्मद यूनुस की मुश्किलें और युद्ध जैसी स्थिति का बयान

अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में देश की राजनीतिक स्थिति को ‘युद्ध जैसी’ बताया है। उन्होंने कहा है कि अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगने के बाद से देश में अस्थिरता और संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है।

उनके मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा, “देश के अंदर और बाहर युद्ध जैसी स्थिति बन गई है, जिससे हम अपने विकास के रास्ते पर नहीं बढ़ पा रहे हैं। सब कुछ ध्वस्त हो गया है और हम फिर से गुलामी के दौर में लौट रहे हैं।”

यूनुस ने राजधानी ढाका के जमुना राजकीय अतिथि गृह में राजनीतिक दलों और संगठनों के लगभग 20 नेताओं से मुलाकात की। ये बैठकें ऐसे समय में हुईं जब यह खबरें आ रही थीं कि वे पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं।

चुनाव की नई समयसीमा और सैन्य मतभेद

पूर्व में मोहम्मद यूनुस ने दिसंबर 2025 तक चुनाव कराने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने छह महीने और समय की मांग की है। उनका कहना है कि चुनाव दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच होंगे और वे जून 30, 2026 के बाद पद पर नहीं रहेंगे।

इस बीच, बांग्लादेश की सेना ने चुनाव जल्दी कराने की मांग की है। सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ मिलकर दिसंबर 2025 तक चुनाव करवाने का दबाव बनाया है ताकि निर्वाचित सरकार समय पर सत्ता संभाल सके। सेना और सरकार के बीच म्यांमार के रखाइन राज्य में प्रस्तावित गलियारे को लेकर भी मतभेद हैं।

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Who is Qadir: कुख्यात बदमाश कादिर को पकड़ने गई पुलिस, भीड़ ने किया हमला, सिपाही की हु...

Who is Qadir: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक कुख्यात अपराधी को पकड़ने गई नोएडा पुलिस की टीम पर शनिवार देर रात एक संगीन हमला हुआ। इस हमले में पुलिस का एक सिपाही सौरभ शहीद हो गया, जबकि 2 से 3 अन्य पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस ने घायल सिपाही को तुरंत यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बदमाश कादिर उर्फ मंटा को पुलिस ने एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, पुलिस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

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बदमाश कादिर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मारा छापा- Who is Qadir

गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में छिपे कादिर को पकड़ने के लिए नोएडा के फेस-3 थाना पुलिस टीम रविवार (25 मई) की आधी रात के बाद साढ़े 12 बजे वहां पहुंची। कादिर पर लूट, रंगदारी, हथियार तस्करी और अन्य संगीन अपराधों के 16 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, कादिर एक हिस्ट्रीशीटर है और काफी समय से फरार था।

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पुलिस ने दबिश देकर कादिर को उसके घर से दबोच लिया। लेकिन जैसे ही पुलिस कादिर को लेकर गांव से बाहर निकल रही थी, उसका परिवार और कुछ समर्थक पुलिस टीम पर हमलावर हो गए। पंचायत भवन के पास छिपे बदमाशों ने पथराव शुरू कर दिया और फिर गोलीबारी भी की।

पुलिस पर फायरिंग, सिपाही सौरभ शहीद

पुलिस की तरफ से भी जवाबी फायरिंग हुई, लेकिन इस बीच गोली सिपाही सौरभ के सिर में लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सौरभ शामली जिले के रहने वाले थे और नोएडा पुलिस में तैनात थे। इस हमले में 2-3 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं, जिनकी हालत फिलहाल खतरे से बाहर बताई जा रही है।

बदमाश को एनकाउंटर में गिरफ्तार किया गया

पुलिस ने बदमाश कादिर को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, उसके साथियों की अभी भी तलाश जारी है। पुलिस ने बताया कि कादिर की उम्र लगभग 23 साल है और वह इलाके का एक कुख्यात अपराधी रहा है। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और पुलिस टीम पर हमला करने वालों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रखा है।

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कादिर पर दर्ज हैं कई आपराधिक मामले

कादिर के खिलाफ लूट, रंगदारी, हथियारों की तस्करी, चोरी समेत 16 संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय से फरार था और पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी। इस घटना से इलाके में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा और इस तरह की घटनाओं को दोबारा नहीं होने दिया जाएगा।

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Miss England 2024: मिस इंग्लैंड ने बीच में छोड़ा Miss World 2025 Competition, बोलीं—‘...

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Miss England 2024: दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिताओं में से एक, मिस वर्ल्ड 2025, इस बार हैदराबाद, भारत में आयोजित किया जा रहा है। विश्व के कई देशों से प्रतिभागी इस खिताब को जीतने के लिए यहां पहुंच चुके हैं और कड़ी मेहनत में जुटे हैं। प्रतियोगिता के दौरान ली गई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं, जिससे इस इवेंट को काफी ध्यान मिल रहा है।

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मिस इंग्लैंड 2024 का अचानक वापसी और आरोप- Miss England 2024

हाल ही में इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रतियोगिता में भाग लेने आईं मिस इंग्लैंड 2024, मिला मैगी (Milla Magee) ने 7 मई को भारत आकर केवल 9 दिन बाद, 16 मई को ही इंग्लैंड वापस लौटने का फैसला लिया। उन्होंने प्रतियोगिता छोड़ने का कारण गंभीर आरोप लगाकर स्पष्ट किया है।

 

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मिला मैगी ने इंटरव्यू में कहा कि उन्हें पूरे दिन जबरदस्ती मेकअप करवाया जाता रहा और बॉल गाउन पहनने को मजबूर किया गया। इसके साथ ही प्रतियोगिता के आयोजकों ने सभी कंटेस्टेंट को फाइनेंशियल सपोर्ट करने वाले मिडल-एड स्पॉन्सर्स के साथ घुलने-मिलने और उनकी खुशी का ध्यान रखने के लिए कहा गया।

मिला ने आगे बताया कि वे इस प्रतियोगिता में कुछ अलग करने आई थीं, लेकिन वहां उन्हें ‘मदारी के बंदरों’ की तरह बिठा दिया गया। उन्हें बार-बार ऐसा व्यवहार किया गया जैसे वे सिर्फ मेहमानों का मनोरंजन करें। उनका यह अनुभव बेहद निराशाजनक था और उन्होंने इसे ‘वेश्या जैसा महसूस’ करार दिया। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

विवाद के असर और प्रतिक्रिया

मिला मैगी के आरोपों के बाद इस प्रतियोगिता की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। कई लोग प्रतियोगिता के आयोजनों और व्यवस्थाओं को लेकर आलोचना कर रहे हैं, तो कुछ लोग इस मामले की गहराई से जांच की मांग कर रहे हैं। प्रतियोगिता में शामिल अन्य प्रतिभागियों और आयोजकों की ओर से फिलहाल इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं नंदिनी गुप्ता

इसी बीच, मिस इंडिया 2024, नंदिनी गुप्ता, इस प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। नंदिनी गुप्ता राजस्थान के कोटा की रहने वाली हैं और वे अपने देश के लिए इस प्रतिष्ठित खिताब को जीतने की पूरी कोशिश कर रही हैं।

मिस वर्ल्ड 2025 के परिणाम 31 मई को घोषित किए जाएंगे, जब पता चलेगा कि नंदिनी गुप्ता भारत के लिए यह मुकाम हासिल कर पाती हैं या नहीं। देशभर की निगाहें नंदिनी पर टिकी हुई हैं, जो पूरे गर्व के साथ भारत का नाम रौशन करने के लिए मैदान में हैं।

मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता जहां ग्लैमर और सौंदर्य का उत्सव है, वहीं मिला मैगी के आरोपों ने इस आयोजन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रतिभागियों के अनुभवों को सम्मान और सुरक्षा मिलना बेहद आवश्यक है। इस विवाद के बीच, भारत की नंदिनी गुप्ता का प्रदर्शन देशवासियों की उम्मीदों को बंधाए हुए है।

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Mohak Mangal vs ANI: देश के उभरते यूट्यूब क्रिएटर मोहक मंगल ने ANI पर लगाए गंभीर आरोप...

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Mohak Mangal vs ANI: देश के तेजी से लोकप्रिय होते यूट्यूब क्रिएटर मोहक मंगल ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने भारत की प्रमुख समाचार एजेंसी ANI (एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल) पर कॉपीराइट कानूनों का दुरुपयोग करने और जबरन बड़ी रकम वसूलने का आरोप लगाया है। मोहक के इस आरोप ने यूट्यूब समुदाय में चर्चा की आग लगा दी है।

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मामला: कॉपीराइट स्ट्राइक और लाखों की मांग- Mohak Mangal vs ANI

मोहक ने बताया कि ANI ने उनके चैनल पर दो बार कॉपीराइट स्ट्राइक भेजी है। पहली स्ट्राइक उनके कोलकाता रेप केस पर आधारित 16 मिनट के वीडियो में ANI के 11 सेकंड के फुटेज के इस्तेमाल को लेकर आई। दूसरी स्ट्राइक “ऑपरेशन सिंदूर” पर बने 38 मिनट के वीडियो में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की 9 सेकंड की क्लिप के इस्तेमाल पर मिली।

यूट्यूब की नीति के मुताबिक, तीन कॉपीराइट स्ट्राइक मिलने पर चैनल को स्थायी रूप से डिलीट कर दिया जाता है। इस मामले में ANI ने मोहक से 45 से 50 लाख रुपये की मांग की, जिसे मोहक ने “डिजिटल फिरौती” बताया।

ANI की ओर से धनवसूली का आरोप

मोहक के अनुसार, ANI के एक कर्मचारी ने उनकी टीम को ईमेल के जरिए प्रस्ताव दिया कि 45 लाख रुपये + GST देने पर वे सभी स्ट्राइक हटा देंगे और ANI की एक साल की सब्सक्रिप्शन सेवा भी प्रदान करेंगे। बातचीत में ANI ने कई बार रकम घटाने और बढ़ाने के प्रस्ताव भी दिए, जैसे 30 लाख + GST एक साल के लिए और 40 लाख + GST दो साल के लिए।

ANI पर यह भी आरोप लगाया गया है कि वे अन्य यूट्यूबर्स से भी 15 से 50 लाख रुपये तक की वसूली करते हैं और चैनल डिलीट करने की धमकी देते हैं। मोहक ने दावा किया कि एक बड़े क्रिएटर ने हाल ही में 50 लाख देकर अपना चैनल बचाया है।

क्या था मामला “फेयर यूज” के तहत?

भारत में “फेयर यूज” की स्पष्ट व्याख्या नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि समाचार और विश्लेषणात्मक वीडियो में कुछ सेकंड का फुटेज न्यायसंगत उपयोग (Fair Use) के दायरे में आता है। मोहक ने कहा कि उन्होंने ANI का कोई फुटेज डाउनलोड नहीं किया, केवल न्यूज क्लिपिंग कुछ सेकंड के लिए दिखाई, जो फेयर यूज में आता है।

ANI के कर्मचारी की कथित धमकी और बातचीत

मोहक ने अपने वीडियो में ANI के कर्मचारी की कथित बातचीत के अंश भी साझा किए, जिसमें कहा गया:

  • “अब तक सिर्फ दो स्ट्राइक हैं, लेकिन आठ वीडियो पर स्ट्राइक फाइल की जा चुकी हैं।”
  • “अगर आज पैसे नहीं दिए गए, तो कल चैनल डिलीट कर दिया जाएगा।”
  • “हमारी एक बड़ी टीम है, जो केवल स्ट्राइक भेजने का काम करती है।”

यह बातचीत एक डिजिटल धमकी या कॉल सेंटर स्कैम जैसी प्रतीत होती है, जहां धमकी देकर भारी रकम वसूलने की कोशिश होती है।

सरकार को भेजी शिकायत

मोहक मंगल ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को शिकायत भेजी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने सरकार को सभी सबूत प्रदान कर दिए हैं और अब यह सरकार पर निर्भर है कि वे इस विवाद में न्यायसंगत निर्णय लें।

ANI की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

इस मामले पर ANI ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान या स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है। यदि मोहक के आरोप सत्य हैं, तो यह मामला कॉपीराइट कानूनों के दुरुपयोग और डिजिटल धमकी की गंभीर मिसाल बन सकता है।

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