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IAS Manoj Kumar Singh: यूपी के नौकरशाहों की करोड़ों की संपत्ति का बड़ा खुलासा! भ्रष्ट...

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IAS Manoj Kumar Singh: उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार और अधिकारियों की करोड़ों की संपत्ति को लेकर हाल ही में एक बड़ा खुलासा हुआ है। 4 PM के संपादक संजय शर्मा ने प्रदेश के नौकरशाहों की गुप्त संपत्तियों और उनके भ्रष्टाचार के खेल की कहानी उजागर की है, जो पिछले कुछ वर्षों से चल रही लूट-पाट को बयां करती है। यह मामला प्रदेश की सत्ता और प्रशासन में व्याप्त गहरे भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर सामने लाता है।

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भ्रष्टाचार रोकने के दावे के बीच मुख्य सचिव पर आरोप- IAS Manoj Kumar Singh

4 PM के संपादक संजय शर्मा ने हाल ही में ट्वीट किया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी संभालने वाले राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के खिलाफ दस हजार करोड़ से अधिक की कमाई करने की प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई है। सीबीआई पहले भी उनके खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मांग चुकी है, लेकिन हर बार सरकार ने उनकी रक्षा की।

IAS Manoj Kumar Singh
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अभिषेक प्रकाश मात्र मोहरा, असली साजिश मुख्य सचिव की?

चार सौ करोड़ की रिश्वत के आरोप में निलंबित अभिषेक प्रकाश को इस मामले में केवल एक मोहरा बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि असली मास्टरमाइंड वही हैं, जो अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों को बलि का बकरा बनाते हैं। अभिषेक प्रकाश पर लगे आरोपों के पीछे भी मुख्य सचिव का हाथ बताया जा रहा है।

बेनामी संपत्ति के दस्तावेज़ों की मिली जानकारी, कार्रवाई न के बराबर

संजय शर्मा द्वारा की गई पोस्ट में इस बात का भी जिक्र है कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे एस.पी. गोयल और उनके परिवार के सदस्यों के पास अंसल जैसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में करोड़ों की बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ पाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई या जांच नहीं हुई। यह इस भ्रष्टाचार के नेटवर्क की गंभीरता को दर्शाता है।

संजय शर्मा ने लगाए हैं ये आरोप – https://x.com/Editor_SanjayS/status/1925147281738629127

अफसरों की सत्ता में गढ़ी गई लूट की गंगा

ये सभी अधिकारी मुख्यमंत्री के करीबी बताए जाते हैं, जिनके संरक्षण में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। यह सोचकर भय होता है कि जिनकी आधी से ज्यादा आबादी सरकारी योजनाओं पर निर्भर है, वही अधिकारी सत्ता के संरक्षण में करोड़ों की बंदरबांट कर रहे हैं।

लूट का खेल: कौन करेगा कार्रवाई?

पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार इतना गहरा है कि सवाल उठता है कि जब पूरे सिस्टम में ही गड़बड़ी हो तो आखिरकार इन लुटेरों को कौन सजा देगा? क्या यही व्यवस्था बनी हुई है जहां लूट करना योग्यता माना जाता है और नैतिकता का कोई मूल्य नहीं रह गया है?

मनोज कुमार सिंह: यूपी के नए मुख्य सचिव की पृष्ठभूमि

मनोज कुमार सिंह को सीएम योगी ने जुलाई 2025 तक यूपी का मुख्य सचिव बनाया है। 1988 बैच के मनोज कुमार सिंह सीएम के सबसे भरोसेमंद आईएएस अधिकारियों में से एक हैं और यूपी के आईएएस लॉबी में तेजतर्रार अफसरों की गिनती में आते हैं। इससे पहले वे कृषि उत्पादन आयुक्त, औद्योगिक विकास आयुक्त समेत कई अहम पदों पर कार्यरत रहे हैं। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 में 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौतों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

सीएम योगी को मिला केंद्र से ‘फ्री हैंड’

पिछले सात सालों में यूपी के चीफ सेक्रेटरी की नियुक्ति में केंद्र का बड़ा हस्तक्षेप रहता था, जिससे सीएम योगी को सामंजस्य बैठाने में कठिनाई होती थी। लेकिन मनोज कुमार सिंह की नियुक्ति के साथ पहली बार सीएम को पूरी स्वतंत्रता दी गई है और केंद्र ने इसमें कोई दखल नहीं दिया। यह राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है कि यूपी की कमान अब सीएम योगी के हाथ में पूरी तरह से है।

जातीय संतुलन की परंपरा टूटी

बीजेपी के शासनकाल में पहली बार ऐसा हुआ है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव दोनों एक ही जाति के हैं। लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी ने मुख्यमंत्री को सीएस चुनने के लिए पूरा अधिकार दिया है। विश्लेषकों के अनुसार, यह लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार से मिली सीख के बाद सशक्त नेतृत्व देने की कोशिश है।

इसी बीच, उत्तर प्रदेश में नौकरशाही और राजनीतिक सत्ता के बीच घपलों का यह खुलासा प्रशासन की गहरी खामियों और भ्रष्टाचार की चपेट को दिखाता है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की नियुक्ति इस दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या वे इस जटिल भ्रष्टाचार के जाल को तोड़ पाएंगे? प्रदेश की जनता की उम्मीदें अब इसी पर टिकी हैं।

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Donald Trump White House: डोनाल्ड ट्रंप और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा...

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Donald Trump White House: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अपने आक्रामक अंदाज का परिचय देते हुए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से व्हाइट हाउस में जोरदार बहस की। यह मुलाकात 19 मई को वाशिंगटन में हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के बीच संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करने के लिए बैठकर बातचीत की। हालांकि, बातचीत के दौरान ट्रंप ने नस्लवाद के मुद्दे को उठाकर माहौल को गरमा दिया।

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ट्रंप ने उठाया नस्लवाद का मुद्दा, लगाया श्वेत किसानों के नरसंहार का आरोप- Donald Trump White House

मीटिंग के दौरान ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों का नरसंहार हो रहा है। उन्होंने इस बात को लेकर राष्ट्रपति रामफोसा को घेरना शुरू कर दिया। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि वहां हजारों श्वेत किसानों की हत्या हुई है। उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में एक वीडियो भी चलवाया, जिसमें कथित रूप से श्वेत किसानों के कब्रिस्तान दिखाए गए। इसके अलावा उन्होंने कुछ मीडिया आर्टिकल्स भी दिखाए जिनमें वाइट फार्मर्स पर लक्षित हमलों का जिक्र था। ट्रंप ने जोर देते हुए बार-बार ‘डेथ’ शब्द का प्रयोग किया।

रामफोसा ने आरोपों का खंडन किया, बताया अश्वेत लोग अधिक प्रभावित

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने ट्रंप के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका में बढ़ती हिंसा का शिकार ज्यादातर अश्वेत लोग हुए हैं, जबकि श्वेत किसानों की हत्या की संख्या अपेक्षाकृत कम है। रामफोसा ने वीडियो को पहली बार देखा होने की बात कही और इसकी जांच कराने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि उनके देश में सभी वर्गों को अपराध का सामना करना पड़ता है। उन्होंने साफ किया कि उनकी अमेरिका यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करना है।

रामफोसा का ट्रंप पर तंज, कतर के उपहार को लेकर भी हुई बातचीत

मीटिंग के दौरान रामफोसा ने ट्रंप पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी सरकार दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद को खत्म करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अफसोस है कि उनके पास ट्रंप को उपहार देने के लिए कोई विमान नहीं है। यह तंज कतर सरकार द्वारा ट्रंप को दिए गए 3400 करोड़ रुपए के लग्जरी प्लेन को लेकर था।

एक रिपोर्टर ने ट्रंप से इस महंगे विमान को स्वीकार करने की नैतिकता पर सवाल उठाया, जिस पर ट्रंप गुस्सा हो गए और रिपोर्टर को बेशर्म कहकर ऐसे सवाल पूछने से मना कर दिया। इसके जवाब में रामफोसा ने हंसते हुए कहा कि उनके पास ट्रंप को देने के लिए इतना महंगा विमान नहीं है। ट्रंप ने जवाब दिया कि यदि उनका देश यूएस एयर फोर्स को विमान देता तो वह उसे स्वीकार कर लेते।

बातचीत के दौरान माहौल हुआ तनावपूर्ण, लेकिन बैठक सकारात्मक रही

हालांकि, इन विवादों के बावजूद रामफोसा ने बैठक को सकारात्मक और अच्छी बताया। वह दक्षिण अफ्रीका के एक प्रभावशाली नेता हैं और फरवरी 2018 से देश के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं। वे अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं।

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क्या आप भी इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से हैं परेशान, रोज खाएं ये 3 फूड्स

Irritable Bowel Syndrome: अगर आप इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) से जूझ रहे हैं, तो पेट दर्द, ऐंठन, सूजन और अनियमित मल त्याग जैसी समस्याएं आपके लिए आम हो सकती हैं। Irritable Bowel Syndrome (IBS) एक पुरानी स्थिति है जो पाचन तंत्र को प्रभावित करती है, तो चलिए आपको इस लेख में कुछ खाद्य पदार्थ के बारे में बताते है जो इसके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।

इन 3 खाने की चीजो को आप कर सकते है 

1. दलिया (ओट्स)  

दलिया घुलनशील फाइबर (soluble fiber) का एक बेहतरीन स्रोत है। घुलनशील फाइबर पानी को अवशोषित करता है और जेल जैसा पदार्थ बनाता है, जिससे मल नरम होता है और आसानी से निकल पाता है। यह कब्ज और दस्त दोनों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है, जो IBS के सामान्य लक्षण हैं। इसे आप सुबह नाश्ते में दूध या पानी के साथ दलिया ले सकते हैं। इसमें फल (जैसे केला या बेरीज) और नट्स भी मिला सकते हैं।

2. पपीता – Papaya

पपीता में पपेन (papain) नामक एक एंजाइम होता है जो प्रोटीन को तोड़ने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है। यह पेट की सूजन और गैस को कम करने में भी सहायक हो सकता है। पपीता में पानी की मात्रा भी अधिक होती है, जो कब्ज को रोकने में मदद करती है। वही आप इसे सीधे खा सकते हैं या इसे अपनी स्मूदी में मिला सकते हैं। इसके अलवा आप पपीता का शेक बना कर भी पी सकते है।

3. दही (कम फैट वाला)

दही में प्रोबायोटिक्स (probiotics) होते हैं, जो जीवित बैक्टीरिया और यीस्ट होते हैं जो आंत के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। प्रोबायोटिक्स आंत में अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे IBS के लक्षण, जैसे सूजन और पेट दर्द, कम हो सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप कम फैट वाला और बिना चीनी वाला दही चुनें।इसे सादा खाएं, फलों के साथ या रायता बनाकर अपने भोजन के साथ लें। वही आप इसकी ठंडी लस्सी बनाकर भी पी सकते है जो काफी फायदेमंद होती है।

याद रखें: IBS के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने शरीर पर ध्यान दें और देखें कि कौन से खाद्य पदार्थ आपको सबसे अच्छे लगते हैं। इन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है, खासकर यदि आपके लक्षण गंभीर हैं।

Jyoti Malhotra conversion story: ज्योति मल्होत्रा जासूसी मामले में नया मोड़, धर्म परि...

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Jyoti Malhotra conversion story: हरियाणा के हिसार में पकड़ी गईं ज्योति मल्होत्रा के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोपों में लगातार नई बातें सामने आ रही हैं। सोशल मीडिया पर उसके धर्म परिवर्तन करने और किसी पाकिस्तानी अधिकारी से शादी करने जैसे दावे तेजी से फैल रहे थे। हालांकि, हिसार पुलिस ने इस मामले में बड़ा अपडेट देते हुए साफ किया है कि इन बातों को लेकर कोई ठोस प्रमाण अभी तक नहीं मिला है।

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जांच में नहीं मिला धर्म परिवर्तन या शादी का कोई सबूत- Jyoti Malhotra conversion story

पुलिस के अनुसार, अब तक की जांच से यह साबित नहीं हुआ है कि ज्योति ने अपनी असली पहचान छिपाकर धर्म परिवर्तन किया हो या उसने मुस्लिम बनकर किसी पाकिस्तानी अधिकारी से विवाह किया हो। जांच अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि ये सब अफवाहें और अटकलें हैं, जिनका कोई आधार नहीं है। ज्योति फिलहाल पुलिस की हिरासत में है, जहां उसकी पांच दिन की रिमांड समाप्त हो रही है। इस दौरान पुलिस ने उसके डिजिटल उपकरणों और वित्तीय गतिविधियों की गहन जांच की है।

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डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच जारी

ज्योति के मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत अन्य डिजिटल डिवाइसों की फॉरेंसिक जांच हो रही है। हालांकि, अब तक इस जांच में कोई सैन्य या गुप्त दस्तावेज लीक होने का ठोस सबूत नहीं मिला है। पुलिस फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जो आगे की जांच का रुख तय करेगी। व्हाट्सएप चैट की जांच को लेकर भी पुलिस ने अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन माना जा रहा है कि इन चैट्स में कई महत्वपूर्ण सुराग हो सकते हैं।

ऑनलाइन गतिविधियों पर पुलिस का खास फोकस

पुलिस ज्योति की सोशल मीडिया गतिविधियों, ईमेल और इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप्स के जरिए उसके संपर्क और संवाद की तहकीकात कर रही है। जांच का मकसद यह पता लगाना है कि उसने कब और कैसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से संपर्क किया। अब तक मिले डिजिटल फुटप्रिंट से कोई संकेत नहीं मिला है कि वह देश की सैन्य या रणनीतिक जानकारी तक पहुंच रखती थी।

चार बैंक खातों की छानबीन, कोई संदिग्ध ट्रांजेक्शन नहीं

जांच में यह भी सामने आया है कि ज्योति के नाम पर चार अलग-अलग बैंक खाते हैं। पुलिस इन खातों की लेन-देन की पूरी पड़ताल कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से आर्थिक मदद तो नहीं मिली। अब तक की जांच में खातों से कोई संदिग्ध ट्रांजेक्शन नहीं पाया गया है, लेकिन बैंकिंग विशेषज्ञों और फॉरेंसिक साइंस लैब की मदद से और गहराई से जांच जारी है। इसके साथ ही डिजिटल वॉलेट, क्रिप्टोकरेंसी और मनी ट्रांसफर ऐप्स की संभावित जांच भी चल रही है।

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पाकिस्तान इंटेलिजेंस से संपर्क, लेकिन आतंकवाद से दूर

हिसार पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के संपर्क में जरूर थी, लेकिन आतंकवादी संगठन या गतिविधियों से उसका कोई नाता नहीं मिला है। किसी भी तरह की आतंकी साजिश में उसकी भागीदारी का कोई प्रमाण नहीं है। पुलिस ने यह भी साफ किया कि धर्म परिवर्तन या पाकिस्तानी अधिकारी से शादी जैसी खबरें पूरी तरह निराधार हैं।

पुलिस का बयान

हिसार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जांच में अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे कहा जा सके कि ज्योति ने देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां लीक की हों। हालांकि, जांच अभी जारी है और सभी पहलुओं पर गहनता से काम हो रहा है।”

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US Jewish Museum Firing: वॉशिंगटन में इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या, यहू...

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US Jewish Museum Firing: अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में एक गंभीर और चिंताजनक घटना हुई है, जहां इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना वॉशिंगटन के कैपिटल यहूदी म्यूजियम (Capital Jewish Museum) के बाहर हुई, जहां एक यहूदी कार्यक्रम चल रहा था। इस म्यूजियम में अमेरिकी यहूदी समिति (American Jewish Committee) की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

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घटना का विवरण और संदिग्ध की गिरफ्तारी– US Jewish Museum Firing

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आरोपी ने गिरफ्तारी से पहले ‘Free Palestine’ के नारे लगाए थे। वॉशिंगटन पुलिस प्रमुख पामेला स्मिथ ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों पीड़ित म्यूजियम के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर बाहर निकल रहे थे, तभी उन्हें गोली मारी गई। पुलिस का मानना है कि हमले को एक ही व्यक्ति ने अंजाम दिया, जो अब हिरासत में है।

म्यूजियम के बाहर हमलावर को चहलकदमी करते देखा गया था। जैसे ही लोग बाहर निकले, उसने हैंडगन निकाला और दो कर्मचारियों पर फायरिंग कर दी। इसके बाद वह म्यूजियम के अंदर गया, जहां सुरक्षा कर्मचारियों ने उसे पकड़ लिया।

अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

इस दर्दनाक घटना पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यहूदी विरोधी हिंसा को अब रोकना होगा। ट्रंप ने कहा, “अमेरिका में नफरत और कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं है। हम पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।”

US Jewish Museum Firing
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अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इसे “कायरतापूर्ण यहूदी विरोधी हिंसा” बताया और कहा कि वे इस हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

वहीं, वॉशिंगटन में इजरायली दूतावास के प्रवक्ता टैल नइम कोहेन ने कहा कि मारे गए दोनों कर्मचारी एक यहूदी कार्यक्रम में शामिल थे। उन्होंने स्थानीय और संघीय प्रशासन पर भरोसा जताया कि वे हमलावर को पकड़ेंगे और यहूदी समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

जांच में जुटी एजेंसियां

एफबीआई की ज्वॉइंट टेररिज्म टास्कफोर्स इस घटना की जांच कर रही है। होमलैंड सिक्योरिटी मंत्री क्रिस्टी नोएम ने कहा कि मामले की गहन जांच जारी है और जैसे ही नई जानकारी मिलेगी, वह साझा की जाएगी। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया।

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने भी कहा कि उनकी टीम वॉशिंगटन पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने जनता से पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए प्रार्थना करने की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र और इजरायली प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र में इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने इस हमले को यहूदियों के खिलाफ एक आतंकवादी कार्रवाई करार दिया। उन्होंने घटना को विश्वभर में बढ़ते यहूदी विरोधी रुझानों के संदर्भ में गंभीर बताया।

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Bihar Shakti Peeth Tour: बिहार के 9 प्रमुख शक्तिपीठ, आस्था, इतिहास और यात्रा की सम्पू...

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Bihar Shakti Peeth Tour: हिंदू धर्म में शक्ति पीठों का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जब भगवान शिव देवी सती के मृत शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से उनके अंगों को काटकर गिरा दिया। जहां-जहां देवी सती के अंग गिरे, वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। भारत भर में फैले 51 शक्तिपीठों में से कई बिहार में स्थित हैं, जो भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र हैं। आइए जानते हैं बिहार के उन प्रमुख शक्तिपीठों के बारे में, जो आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हैं।

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बड़ी पटनदेवी, पटना- Bihar Shakti Peeth Tour 

पटना में स्थित यह शक्तिपीठ देवी सती की दाहिनी जंघा के गिरने से जुड़ा है। यहां काले पत्थरों से निर्मित महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की मूर्तियां विराजमान हैं। स्थानीय मान्यता है कि यहां पूजन से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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छोटी पटनदेवी, हाजीगंज

बड़ी पटनदेवी से लगभग 3 किलोमीटर दूर यह मंदिर हाजीगंज क्षेत्र में है। पौराणिक कथा के अनुसार यहां सती का पट और वस्त्र गिरे थे। मंदिर में तीनों देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं और यह भी एक शक्तिपीठ माना जाता है।

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शीतला मंदिर, मघरा गांव

बिहारशरीफ के पास मघरा गांव में स्थित यह मंदिर भी एक प्राचीन शक्तिपीठ है। कहा जाता है कि यहां सती के हाथ का कंगन गिरा था। यहां जल चढ़ाने से बीमारियों से राहत मिलने की मान्यता है। मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुआं भी है।

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मंगला गौरी मंदिर, गया

गया शहर में स्थित यह मंदिर शक्तिपीठों में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां देवी सती का स्तन गिरा था। मंदिर तक 115 सीढ़ियों से चढ़कर पहुंचा जा सकता है। इस स्थल को ‘पालनपीठ’ भी कहा जाता है। यहां श्रद्धालु अपने पितरों के श्राद्ध कर्म भी कराते हैं।

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चामुंडा मंदिर, नवादा

नवादा के रूपौ गांव में स्थित चामुंडा मंदिर वह स्थान है जहां देवी का सिर गिरा था। यहां मंगलवार को विशेष भीड़ होती है। समीप के शिव मंदिर में प्राचीन शिवलिंग भी है।

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ताराचंडी मंदिर, सासाराम

कैमूर की पहाड़ियों में बसी यह गुफा शक्ति उपासकों के लिए पवित्र स्थल है। यह माना जाता है कि यहां देवी के नेत्र गिरे थे। पास में चार पवित्र झरने हैं, जिन्हें स्थानीय लोग सीता कुंड और माझरमुंड कहते हैं।

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चंडिका देवी मंदिर, मुंगेर

गंगा तट पर स्थित यह मंदिर देवी की दाहिनी आंख गिरने से जुड़ा है। यहां एक सोने की आंख स्थापित है। मान्यता है कि भगवान राम ने लंका विजय के बाद यहां देवी की पूजा की थी।

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उग्रतारा शक्तिपीठ, सहरसा

यहां देवी की बायीं आंख गिरी थी। मंदिर की मूर्ति पाल काल की है। कहा जाता है कि महर्षि वशिष्ठ ने यहां कठोर साधना की थी। उत्खनन में भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी मिली थी।

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अंबिका भवानी मंदिर, छपरा

यह शक्तिपीठ देवी सती के अंतिम विश्राम स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां कोई मूर्ति नहीं है, परंतु मंदिर के नीचे प्राचीन कुआं और देवी से जुड़ी वस्तुएं मिली हैं। चैत्र मास में यहां विशाल मेला लगता है।

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बिहार के इन नौ शक्तिपीठों की यात्रा केवल एक धार्मिक अनुभव नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन स्थलों पर जाकर भक्तगण न केवल आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं, बल्कि भारत की गहन धार्मिक परंपराओं से भी परिचित होते हैं। यदि आप भी देवी शक्ति की आराधना में विश्वास रखते हैं, तो बिहार के इन दिव्य स्थलों की यात्रा अवश्य करें।

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Chennai Super Kings: IPL 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स का निराशाजनक अंत, राजस्थान रॉयल्...

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Chennai Super Kings: चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की टीम के लिए IPL 2025 का सफर उम्मीदों के उलट रहा। मंगलवार, 20 मई को अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स (RR) ने उन्हें छह विकेट से हराकर न केवल टूर्नामेंट से विदाई ली, बल्कि चेन्नई की कमियों को भी पूरी तरह उजागर कर दिया। युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी की 57 रन की धमाकेदार पारी और आकाश मधवाल की घातक गेंदबाज़ी इस मैच की मुख्य बातें रहीं।

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CSK की बल्लेबाज़ी फिर ढही, मिडिल ऑर्डर ने संभाला मोर्चा- Chennai Super Kings

पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम ने महज 78 रन के स्कोर पर अपने 5 अहम विकेट गंवा दिए थे। हालांकि, आयुष म्हात्रे ने तेजतर्रार अंदाज़ में 20 गेंदों में 43 रन बनाकर पारी में जान डाली। इसके बाद डेवाल्ड ब्रेविस (42 रन) और शिवम दुबे (39 रन) की साझेदारी ने स्कोर को सम्मानजनक 187 तक पहुंचाया। राजस्थान के गेंदबाज़ों में आकाश मधवाल और युधवीर सिंह दोनों ने 3-3 विकेट लेकर चेन्नई की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

राजस्थान की आसान जीत, वैभव सूर्यवंशी चमके

लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान की शुरुआत ठोस रही। कप्तान संजू सैमसन ने 41 रन बनाए, जबकि यशस्वी जायसवाल ने 36 रनों की पारी खेली। सबसे ज्यादा प्रभावित किया युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने, जिन्होंने 33 गेंदों में 57 रन ठोककर जीत की नींव रख दी। ध्रुव जुरेल ने नाबाद 31 रन बनाकर टीम को 17 गेंद शेष रहते जीत दिला दी।

CSK के लिए एक और शर्मनाक सीजन

इस हार के साथ चेन्नई सुपर किंग्स के नाम कई अनचाहे रिकॉर्ड जुड़ गए। टीम ने इस सीजन में 10 मैच गंवाए — जो उनके IPL इतिहास की सबसे खराब बराबरी वाला प्रदर्शन है। इससे पहले 2022 में भी उन्होंने इतने ही मैच हारे थे।

सबसे चिंताजनक पहलू था लक्ष्य का बचाव करने में असफलता। चेन्नई इस सीजन जब भी स्कोर डिफेंड करने उतरी, उसे हार का सामना करना पड़ा। पांच में से पांच बार विपक्षी टीम ने लक्ष्य हासिल कर लिया, जो दर्शाता है कि गेंदबाजी वह ताकत नहीं रही जो कभी चेन्नई की पहचान थी।

अश्विन का फॉर्म रहा फीका

चेन्नई के लिए रविचंद्रन अश्विन का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। पूरे सीजन में उन्होंने सिर्फ 7 विकेट लिए, जो 2009 के उनके डेब्यू सीजन के बाद सबसे खराब प्रदर्शन है। उनके अनुभव और क्षमता के बावजूद वह प्रभाव नहीं छोड़ पाए, जिसकी टीम को जरूरत थी।

राजस्थान की चेजिंग में कमजोरी, लेकिन चेन्नई के खिलाफ मजबूत पकड़

राजस्थान रॉयल्स के लिए भी यह सीजन खास नहीं रहा, खासकर लक्ष्य का पीछा करते हुए। टीम ने 10 में से सिर्फ 2 मुकाबले ही चेज करते हुए जीते — एक गुजरात और एक चेन्नई के खिलाफ। एक मुकाबला सुपर ओवर में गंवाया और सात मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस प्रदर्शन के साथ RR ने न्यूनतम 10 मैच वाले किसी भी सीजन में सबसे कम चेज जीत प्रतिशत (20%) दर्ज किया।

लेकिन चेन्नई के खिलाफ उनका प्रदर्शन लगातार मजबूत होता जा रहा है। 2020 से अब तक RR ने CSK के खिलाफ खेले गए 10 में से 8 मुकाबले जीत लिए हैं, जिससे साफ है कि राजस्थान अब चेन्नई के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है।

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Doctor Death Devendra Sharma: दिल्ली पुलिस ने पकड़ा ‘डॉक्टर डेथ’ देवेंद्र...

Doctor Death Devendra Sharma: डॉक्टरों को आमतौर पर जिंदगी बचाने वाला माना जाता है, लेकिन जब कोई डॉक्टर खुद हत्याओं के पीछे हो तो ये सोच डरावनी हो जाती है। दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे डॉक्टर को गिरफ्तार किया है, जो ‘डॉक्टर’ नहीं बल्कि कुख्यात हत्यारा निकला। देवेंद्र शर्मा नाम के इस शख्स पर 100 से ज्यादा हत्याओं का आरोप है और वह पहले भी एक हत्या के मामले में फांसी की सजा पा चुका है।

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100 से ज्यादा हत्याएं, 9 साल का खौफनाक सफर- Doctor Death Devendra Sharma

पुलिस की जांच में सामने आया है कि देवेंद्र शर्मा, जो थाना छबड़ा, गांव पुरैनी अलीगढ़ का निवासी है, ने 1995 से 2004 के बीच 9 सालों में अपने गिरोह के साथ मिलकर 100 से ज्यादा हत्याएं की थीं। वह अपनी इन गुनाहों को छुपाने के लिए मरे हुए लोगों की लाशों को कासगंज की हजारा नहर में फेंक देता था। यहां की नहर में मगरमच्छ उन लाशों को खा जाते थे, जिससे कोई सुराग नहीं मिल पाता था। यह खुलासा पुलिस के लिए भी चौंकाने वाला रहा।

Doctor Death Devendra Sharma
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सजा भुगतने के बाद पैरोल पर घर गया, फिर हुआ फरार

डॉक्टर देवेंद्र शर्मा पर हत्या का मामला था और उसे जयपुर की सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वर्ष 2020 में उसे 20 दिन की पैरोल मिली, जिसके दौरान वह छर्रा थाने में अपनी नियमित हाजिरी लगाता था। इसी दौरान वह अपने गांव गया था, लेकिन आधे घंटे बाद ही वहां से लापता हो गया। उसके फरार होने की सूचना पुलिस को मिली और उसकी तलाश शुरू हुई।

दिल्ली में विधवा से शादी कर छुपा रहा था अपना असली चेहरा

पैरोल पर बाहर आने के बाद देवेंद्र शर्मा ने अपनी पहचान छुपाने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी कर ली। इसके बाद उसने उसके साथ रहना शुरू किया और प्रॉपर्टी के काम में लग गया। पुलिस की क्राइम ब्रांच ने छह महीने बाद उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी।

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गांव में फैली सनसनी, परिवार का कहना

गांव के लोग बताते हैं कि देवेंद्र शर्मा के पुस्तैनी मकान में कोई नहीं रहता। उसके पिता के नाम 14 बीघा खेती है, लेकिन देवेंद्र ने गांव में खेती और मकान बेचने की बात कही थी। उसके बाद वह गांव वापस नहीं आया। इस खबर से गांव में खलबली मची हुई है।

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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की दलीलें जारी, जानें इ...

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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अदालत के बीच कानूनी बहस जारी है। राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि अनुसूचित अपराध मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक ट्रिगर हो सकता है, लेकिन हर कंपनी की गतिविधि को मनी लॉन्ड्रिंग नहीं माना जा सकता। इसके जवाब में अदालत ने ईडी से कड़े सवाल किए कि क्या जांच एजेंसी के पास ऐसा ठोस सबूत है जिससे कहा जा सके कि शेयर, संपत्ति या किराया अपराध से उत्पन्न हुई आय है।

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अदालत ने पूछा, क्या ये शेयर अपराध की कमाई हैं? (National Herald Case)

सुनवाई के दौरान अदालत ने ईडी से पूछा कि क्या यंग इंडियन कंपनी के पास जिन शेयरों का आरोप है, वे अनुसूचित अपराधों से मिली कमाई का हिस्सा हैं। अदालत ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग की कार्रवाई के लिए यह तय करना जरूरी है कि क्या शेयर, संपत्ति और किराया अपराध से उत्पन्न हुई आय मानी जा सकती है या नहीं। अदालत का मानना है कि जांच एजेंसी को स्पष्ट तौर पर पहचान करनी होगी कि कौन सी संपत्ति अपराध की कमाई है।

National Herald Case Sonia-Rahul Gandhi
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ईडी का पक्ष: यंग इंडियन के पास कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं

ईडी ने कोर्ट को बताया कि यंग इंडियन कंपनी के पास लाभ के लिए कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं थी, बल्कि केवल शेयर जारी करने का काम किया गया। ईडी का दावा है कि शेयर, संपत्ति और किराया अपराध से प्राप्त धन की आय हैं, जबकि विज्ञापन और ऋण को इस मामले से अलग रखा गया है। इसके चलते अदालत ने ईडी से फोरेंसिक ऑडिट करने वाले विशेषज्ञों की जानकारी मांगी ताकि कंपनियों की वित्तीय गतिविधियों और शेयर जारी करने की प्रक्रिया की जांच की जा सके।

शेयर जारी करना धोखाधड़ी का मामला

ईडी ने कहा कि यंग इंडियन को आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की एक कंपनी एजेएल के शेयर धोखाधड़ी के जरिए जारी किए गए हैं। सुनवाई में ईडी ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल अपराध से मिली संपत्ति से संबंधित है। एक बार शेयर जारी हो जाने के बाद इसे संपत्ति माना जाता है, लेकिन उसकी उत्पत्ति अपराध से हुई हो तो वह मनी लॉन्ड्रिंग में आती है।

अप्रैल में दाखिल किया था आरोपपत्र

प्रवर्तन निदेशालय ने 15 अप्रैल को इस मामले में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। आरोपपत्र में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सामने रखा गया है, जिसके तहत यंग इंडियन कंपनी द्वारा कथित तौर पर फर्जी तरीके से शेयर जारी करने का आरोप है।

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अगली सुनवाई कब?

अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए फोरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट पर ध्यान देने की बात कही है। जांच एजेंसी से इस मामले की प्रामाणिकता और कंपनियों की वित्तीय गतिविधियों के सही दस्तावेज कोर्ट के सामने पेश करने को कहा गया है। इस बीच, इस केस पर कानूनी लड़ाई जारी रहने की संभावना है और आने वाले दिनों में अदालत में मामले की सुनवाई महत्वपूर्ण मोड़ ले सकती है।

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Kharge Attack On PM Modi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार की विदेश न...

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Kharge Attack On PM Modi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की 72 देशों की 151 विदेश यात्राओं, जिनमें 10 बार अमेरिका के दौरे भी शामिल हैं, के बावजूद भारत के वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति केवल दिखावटी है और इसमें कूटनीतिक सफलता का अभाव है।

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विदेश यात्राओं पर सवाल– Kharge Attack On PM Modi

खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी पिछले 11 वर्षों से लगातार विदेश दौरे कर रहे हैं, लेकिन हमारा देश अब अकेला पड़ गया है। 151 यात्राओं के बावजूद भारत वैश्विक मंच पर कमजोर नजर आ रहा है। क्या प्रधानमंत्री का काम केवल विदेश यात्राएं करना और फोटो खिंचवाना है?” उनका यह बयान मोदी सरकार की विदेश नीति पर गहरी असंतोष को दर्शाता है।

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भारत के घटते वैश्विक प्रभाव पर चिंता

खरगे ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को 1.4 अरब डॉलर का ऋण देने और आतंकवाद विरोधी अभियानों के बीच अचानक युद्ध विराम की घोषणा को भारत के घटते प्रभाव का संकेत बताया। उन्होंने कहा, “जब हमारी बहादुर सेना आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी, तब युद्ध विराम की घोषणा की गई, जो भारत की कूटनीति की कमजोरी को दर्शाता है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया

खरगे ने अमेरिकी राष्ट्रपति के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग सात बार संघर्ष विराम करवाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे देश के अपमान के रूप में बताया। उन्होंने कहा, “पूरा देश आतंकवादियों के खिलाफ एकजुट था, लेकिन मोदी सरकार इस मामले पर देश को स्पष्ट जानकारी नहीं दे रही है और इसे छुपाने की कोशिश कर रही है।”

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कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला

मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस मोदी सरकार की विदेश नीति से पूरी तरह असंतुष्ट है। पार्टी का मानना है कि प्रधानमंत्री के विदेश दौरे केवल दिखावटी हैं और भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत करने में विफल रहे हैं। इसके अलावा, पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में आई खटास और भारत के घटते वैश्विक प्रभाव ने सरकार की विदेश नीति की कमज़ोरी को उजागर किया है।

मल्लिकार्जुन खरगे की आलोचना ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर नई बहस छेड़ दी है। जहां मोदी सरकार विदेश यात्राओं को अपनी उपलब्धि मानती है, वहीं कांग्रेस का कहना है कि ये यात्राएं केवल दिखावा हैं और भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को सुधारने में नाकाम रही हैं।

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