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Uttar Pradesh: खोया और पनीर में मिलावट का भंडाफोड़, बीते आठ अक्टूबर से करोड़ों की साम...

Poison mix Khoya-paneer: हाल ही में उत्तर प्रदेश में त्योहार सीजन के दौरान खोया और पनीर में मिलावट के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (Food Safety and Drug Administration) द्वारा 8 अक्टूबर से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। जिसमे अभी तक 4.67 करोड़ा मिलावटी खाद्य सामग्री नष्ट कर दी गई है। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।

मिलावटी खाद्य पदार्थों पर सख्त करवाई

त्योहारों पर आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने वालों की अब खैर नहीं, योगी सरकार ने उठाए कड़े कदम। जिसके चलते बीते 8 से 17 अक्टूबर, 2025 के बीच, राज्य भर में 3,394 क्विंटल (लगभग 3.39 लाख किलोग्राम) मिलावटी खाद्य पदार्थों को जब्त किया गया, जिनका कुल मूल्य लगभग ₹4.76 करोड़ है। इस में से 1,463 क्विंटल (लगभग 1.46 लाख किलोग्राम) ऐसे खाद्य पदार्थ मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त पाए जाने पर मौके पर ही नष्ट कर दिए गए, जिनकी अनुमानित कीमत लगभग ₹2.34 करोड़ थी।

अन्य सामान में भी मिलावट

वही कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक रिपोर्ट में 2,993 क्विंटल खाद्य पदार्थों को जब्त किया और 1,155 क्विंटल को नष्ट कर दिया है, जिनकी कीमत लगभग ₹3.88 करोड़ और ₹1.75 करोड़ बताया गया है। ध्यान देने वाली बात यह कार्रवाई मुख्य रूप से खोया (मावा) और पनीर पर सेंट्रिक हैं, लेकिन इसमें दूध, घी, मिठाई और सरसों के तेल जैसे अन्य खाद्य पदार्थ भी शामिल थे उनमे भी अनेक प्रकार की मिलावट पाई गयी है।

चार डेयरियों समेत छह लाइसेंस निलंबित

वही मिलावटी खाद्य सामग्री की छापे मारी में मथुरा (Mathura) के बाजना क्षेत्र (Bajanaa) में चार डेयरियों में मिलावट पाए जाने पर चार एफआईआर (FIR) दर्ज की गईं और छह लाइसेंस निलंबित कर दिए गए। दूसरी और अलीगढ़ (Aligarh) में 19,500 किलोग्राम मिलावटी खाद्य सामग्री (17.37 लाख रुपये) नष्ट कराई गई और 4,188 किलोग्राम सामग्री (23.55 लाख रुपये) जब्त की गई।

वहीं, बदायूं (Badaun) में 2,100 किलोग्राम छेना मिठाई और 960 किलोग्राम पनीर नष्ट कराया गया, गाजीपुर (Gazipur) में 1,439 किलोग्राम मिलावटी देसी घी, बुलंदशहर (Bulandshahr) में 1,325 किलोग्राम मिलावटी पनीर, प्रयागराज (Prayagraj)  में 5,295 किलोग्राम मिलावटी खाद्य तेल, संभल (Sambhal) में 2,500 लीटर दूध, सहारनपुर (Sarhanpur) में 1,060 किलोग्राम मिठाई और कानपुर (Kanpur) नगर में 550 किलोग्राम मिलावटी खोया नष्ट कराया गया।

छोटे दूकानदार पर नहीं होगी करवाई

इसके अलवा आपको बता दें, डॉ रोशन जैकब ने बताया कि ये छापेमारी सिर्फ बड़ी फैक्ट्रियो  में की जा रही है। जो की दिल्ली (Delhi), एनसीआर (NCR) क्षेत्र में दूध-पनीर की आपूर्ति करती हैं। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी के कहने पर ये अभियान चलाया गया जिसके चलते कई मिलावट करने वाले गिरोहों और माफिया पर सख्त करवाई की गयी हैं। साथ ही food officer को यह भी आदेश दिया की छोटे स्टाफ की दुकान पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं कि जाएगी।

दिवाली पर बेस्ट गिफ्ट ऑप्शन! इन चीज़ें अपनों को करें गिफ्ट, जो बनाएंगे आपके रिश्ते मज...

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Best Gift Options for Diwali: इन दिनों हर-तरफ दिवाली की रौनक छाई हुयी हैं। इस खास पर्व पर सभी एक दुसरे को खूब गिफ्ट्स भी देते है जो कि अपनों के साथ प्यार और स्नेह बाँटने का भी एक सुनहरा मौका है। इस खास दिन पर दिए जाने वाले उपहार सिर्फ़ एक दुसरे गिफ्ट्स देने तक सिमित नहीं होता हैं बल्कि ये आपकी भावनाओं और रिश्तों की गहराई को दर्शाते हैं। लेकिन अगर आप भी यह सोच रहे कि इस दिवाली ऐसा कौनसा गिफ्ट दिया जो यादगार बन जाये तो चलिए आपको इस लेख में उपहारों के कई बेहतरीन आइडिया के बारे में बताते हैं..जो आपके रिश्तों को मज़बूत बना सकते हैं।

मिठाई/चॉकलेट हैम्पर

सबसे सरल और इजी मिलने वाला गिफ्ट ड्राई फ्रूट्स (Dry fruits) एंड स्वीट्स यह स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट होता है। आप इसमें बादाम, काजू, पिस्ता, डार्क चॉकलेट और घर की बनी कुकीज़ शामिल कर सकते हैं। वही आप इसके छोटे-छोटे गिफ्ट्स हम्पेर्स भी बना सकते हैं। इसके अलवा हैंडमेड पारंपरिक मिठाइयों या होममेड चॉकलेट का एक सुंदर गिफ्ट हैम्पर भी तैयार करके दिया जा सकता हैं।

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घर को रोशन करने वाले गिफ्ट्स

डिज़ाइनर कैंडल सेट/फ्र्ग्रांस मोमबत्तियाँ- खुशबू, डिज़ाइनर या तैरती मोमबत्तियों का एक सेट जो दिवाली के माहौल में चार-चाँद लगा सकता हैं और एक सुकून भरा माहौल भी बनाएगा। वही दीवारों या दरवाज़ों पर लटकाने के लिए सुंदर डेकोरेट आइटम्स भी दे सकते ये भी एक बेहरतीन उपाय हो सकता हैं, या कोई सुंदर शोपीस।

इसके अलवा हरे-भरे इनडोर पौधे आपके घर की सुंदरता बढ़ाते हैं और पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं। ये दिवाली के बेस्ट और सुन्दर गिफ्ट है।

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कस्टमाइज़्ड गिफ्ट हैम्पर

कस्टमाइज़्ड गिफ्ट हैम्पर: ये तोहफा आप अपने खास को दे सकते हैं, जैसे उनकी पसंदीदा चीज़ों (चॉकलेट, सूखे मेवे, छोटे गिफ्ट कार्ड) से बना एक हाथ से बना हैम्पर। या फिर कपल मग, फोटो फ्रेम, या कुशन जिन पर कोई यादगार तस्वीर या जिसमे उनका नाम हो। इसके अलवा उनकी पसंद की किसी फिल्म का टिकट, किसी अच्छे रेस्टोरेंट का वाउचर, या किसी स्पा/एडवेंचर एक्टिविटी का वाउचर। इससे उन्हें अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा।

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उपयोगी और गैजेट्स गिफ्ट्स

आजकल इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स काफी ट्रेंड में हैं। जो दिवाली गिफ्ट के लिए एक बेहतरीन आप्शन हैं और घर की उपयोगी वास्तु भी है। स्मार्ट वॉच या स्मार्ट होम गैजेट (जैसे स्मार्ट स्पीकर) एक बेहतरीन विकल्प है। या फिर सुंदर टेबल लैंप, डिनर सेट या कुकवेयर जैसी उपयोगी घरेलू सजावट की चीज़ें।

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Tesla FSD: सेल्फ-ड्राइविंग का सपना या सेफ्टी से समझौता? टेस्ला की FSD टेक्नोलॉजी अब ज...

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Tesla FSD: एलन मस्क की कंपनी टेस्ला, जो अब तक ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी का चेहरा मानी जाती रही है, एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला उस फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) फीचर का है, जिसे एलन मस्क ने ड्राइविंग इतिहास का “सबसे बड़ा सॉफ़्टवेयर अपग्रेड” कहा था। लेकिन अब यही टेक्नोलॉजी अमेरिका की सबसे बड़ी सड़क सुरक्षा एजेंसी NHTSA (नेशनल हाईवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन) की जांच के दायरे में आ चुकी है।

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शिकायतों से उठे सवाल- Tesla FSD

FSD को लेकर कुछ समय से ड्राइवरों की शिकायतें सामने आ रही थीं। आरोप है कि कुछ टेस्ला गाड़ियाँ रेड लाइट पर नहीं रुकीं, कुछ ने गलत दिशा में गाड़ी चलाई, और कुछ मामलों में तो रेलवे क्रॉसिंग पर भी खतरा पैदा किया। NHTSA का कहना है कि FSD सिस्टम कई बार ड्राइवर को समय रहते हस्तक्षेप करने का मौका नहीं देता, खासकर रेलवे क्रॉसिंग और सड़क पार करने जैसे खतरनाक मोड़ पर।

29 लाख कारें जांच के घेरे में

यह कोई छोटी-मोटी जांच नहीं है। NHTSA के अनुसार, लगभग 2.9 मिलियन (29 लाख) टेस्ला गाड़ियाँ, जिनमें FSD सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है, जांच की जद में आ गई हैं। चाहे Model 3 हो, Model S, Model X या Model Y — सभी पर सवाल उठ रहे हैं। NBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ वीडियो में टेस्ला की कारें रेलवे क्रॉसिंग गेट्स के नीचे से गुजरती दिखाई दीं, जो सीधे-सीधे सुरक्षा नियमों का उल्लंघन है।

मस्क का जवाब और आत्मविश्वास

टेस्ला के CEO एलन मस्क इस पूरे मामले को लेकर शांत नहीं हैं। उन्होंने लगातार सोशल मीडिया पर FSD की क्षमता के वीडियो और पोस्ट साझा किए हैं। हाल ही में उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें FSD वर्जन 14.1 ने लॉस एंजेलिस की भीड़भाड़ वाली ट्रैफिक में एक घंटे तक बिना किसी ड्राइवर की मदद के कार को चलाया। मस्क के अनुसार, पार्किंग, कंस्ट्रक्शन जोन और पैदल यात्रियों के बीच यह सिस्टम बिल्कुल स्मूद चला।

उन्होंने एक और वीडियो में दिखाया कि कैसे टेस्ला कार ने मल्टी-स्टोरी मॉल में पार्किंग से खुद ही प्रवेश और निकास किया, वो भी बिना ड्राइवर के किसी दखल के।

लेकिन अमेरिकी एजेंसियों के लिए मस्क के ये वीडियोज़ काफी नहीं हैं। उन्हें चाहिए पुख्ता सबूत कि यह तकनीक हर परिस्थिति में भरोसेमंद और सुरक्षित है।

FSD आखिर है क्या?

टेस्ला का FSD एक सेमी-ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम है। यह कैमरा, सेंसर और AI बेस्ड सॉफ़्टवेयर की मदद से ट्रैफिक सिग्नल, लेन, पैदल यात्री और अन्य वाहनों को पहचानकर खुद से निर्णय लेता है। लेकिन यह पूरी तरह ऑटोनॉमस नहीं है, यानी ड्राइवर को हर वक्त अलर्ट रहना होता है और ज़रूरत पड़ने पर कार का कंट्रोल संभालना होता है।

सवाल तकनीक का नहीं, जिम्मेदारी का है

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या तकनीक ने इंसानी सतर्कता को कमजोर कर दिया है? NHTSA की जांच इस बात पर फोकस कर रही है कि जब FSD असुरक्षित निर्णय लेता है, तो ड्राइवर को समय पर अलर्ट मिलता है या नहीं।

यह मुद्दा केवल टेस्ला तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाले समय की ऑटोनॉमस कार टेक्नोलॉजी और उसके नियमन को लेकर एक दिशा तय कर सकता है। जब गाड़ियां खुद से चलेंगी, तो गलती किसकी मानी जाएगी — टेक्नोलॉजी की, ड्राइवर की, या निर्माता की?

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Taliban Pakistan news: ‘दिल्ली से हो रहे फैसले’, अफगानिस्तान से तनाव पर पाकिस्तान ने ...

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Taliban Pakistan news: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। जहां एक ओर सीमा पर संघर्ष और हवाई हमलों ने हालात को गंभीर बना दिया है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने इस पूरे मामले में भारत पर सीधा आरोप लगाकर हलचल मचा दी है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया है कि अफगानिस्तान, भारत के इशारे पर “प्रॉक्सी वॉर” लड़ रहा है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

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पाकिस्तान का आरोप: अफगानिस्तान को चला रहा है भारत? Taliban Pakistan news

ख्वाजा आसिफ ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “अफगानिस्तान के फैसले अब काबुल में नहीं, बल्कि दिल्ली में लिए जा रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी का हालिया भारत दौरा, जिसमें उन्होंने 6 दिन बिताए, इसी रणनीति का हिस्सा था। पाकिस्तान का कहना है कि इस दौरे में अफगानिस्तान और भारत के बीच कुछ अहम ‘सुरक्षा संबंधी प्लान’ बने हैं, जिनका असर अब पाकिस्तान महसूस कर रहा है।

अफगान सीमा पर संघर्ष और भारत-पाक तनाव

इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई, जिसमें कई जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तानी सीमा में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।

इन घटनाओं के बीच अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर भी हिंसा बढ़ गई। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उन्होंने कंधार और काबुल में तालिबान के प्रमुख ठिकानों पर सटीक हमले किए हैं, जिनमें दर्जनों आतंकियों के मारे जाने की बात कही गई है।

48 घंटे का संघर्ष विराम, लेकिन हालात तनावपूर्ण

सीमा पर बिगड़ते हालात को देखते हुए, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे का अस्थायी संघर्ष विराम घोषित किया गया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के मुताबिक, यह फैसला तालिबान के अनुरोध पर हुआ है और यह बुधवार शाम 6 बजे से लागू हुआ है। वहीं अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि यह सीजफायर पाकिस्तान के आग्रह पर शुरू हुआ और यह शाम 5:30 बजे से लागू माना जा रहा है।

अफगानिस्तान ने अपनी सेनाओं को संघर्ष विराम का पालन करने का आदेश दिया है, लेकिन साथ में यह भी कहा है कि अगर कोई उकसावे की कार्रवाई हुई तो उसका जवाब दिया जाएगा।

पाकिस्तानी सेना का दावा

पीटीवी न्यूज के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में कंधार में तालिबान के दो बड़े ठिकानों – बटालियन संख्या 4 और बॉर्डर ब्रिगेड संख्या 6 – को नष्ट करने का दावा किया है। पाकिस्तान का कहना है कि इन हमलों में दर्जनों अफगान और विदेशी आतंकवादी मारे गए हैं। इसके अलावा सीमा पर हुई झड़पों में 40 से ज्यादा आतंकी मारे जाने और 15-20 के घायल होने की बात भी सेना ने कही है।

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IAS Nagarjun B. Gowda: 8 करोड़ की ज़मीन और 51 करोड़ का जुर्माना घटाने वाले IAS अफसर फ...

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IAS Nagarjun B. Gowda: मध्य प्रदेश में खंडवा जिले के जिला पंचायत सीईओ और IAS अफसर नागार्जुन बी. गौड़ा एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वजह है एक नया आरोप, जो सीधे उनकी संपत्ति और पहले से विवादों में चल रहे एक पुराने केस से जुड़ा है। हरदा के आरटीआई कार्यकर्ता आनंद जाट ने आरोप लगाया है कि गौड़ा ने भोपाल में 8 करोड़ रुपये की चार एकड़ जमीन कथित तौर पर रिश्वत के पैसों से खरीदी है।

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जमीन खरीदी, लेकिन रकम पर विवाद- IAS Nagarjun B. Gowda

जमीन की खरीद को लेकर आनंद जाट ने दावा किया है कि जिस भूखंड को नागार्जुन गौड़ा ने खरीदा है, वह भोपाल के फंदा ब्लॉक के फतेहपुर डोबरा गांव में स्थित है। आनंद के मुताबिक, उस इलाके में बाजार मूल्य करीब 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ है। यानी चार एकड़ की जमीन की कीमत करीब 8 करोड़ रुपये बैठती है।

हालांकि, जमीन के सरकारी दस्तावेजों में इसकी कीमत 94 लाख 76 हजार रुपये दर्ज है और रजिस्ट्री में इसे 90 लाख रुपये में खरीदा गया दिखाया गया है। जमीन दो लोगों के नाम पर खरीदी गई—IAS नागार्जुन गौड़ा और रोहित शर्मा (भोपाल निवासी)। दोनों को दो-दो एकड़ जमीन मिली है, और रजिस्ट्री के हिसाब से गौड़ा ने 45 लाख में 2 एकड़ जमीन खरीदी है।

लेकिन जैसा कि हर कोई जानता है, बाजार रेट और सरकारी गाइडलाइन रेट में बड़ा फर्क होता है। यही वजह है कि आनंद जाट ने इस डील को संदिग्ध बताया है।

रिश्वत के पैसों से खरीदी जमीन?

RTI एक्टिविस्ट आनंद जाट का आरोप है कि यह जमीन गौड़ा ने रिश्वत के पैसों से खरीदी, जो उन्होंने हरदा जिले में सड़क बनाने वाली एक निजी कंपनी से ली थी। दरअसल, मार्च 2024 में यह जमीन खरीदी गई थी, और इसके कुछ महीने पहले ही IAS गौड़ा ने उसी कंपनी पर लगे ₹51 करोड़ के जुर्माने को घटाकर महज ₹4,032 कर दिया था।

51 करोड़ से 4 हजार तक का सफर

यह मामला उस वक्त का है जब नागार्जुन गौड़ा हरदा में अपर कलेक्टर थे। सड़क निर्माण कंपनी पाथ इंडिया पर अवैध खनन के आरोप में ₹51.67 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था। लेकिन अफसर गौड़ा ने इस रकम को घटाकर महज चार हजार रुपये कर दिया।

आनंद जाट का आरोप है कि गौड़ा ने कंपनी के वकील की बातों को आधार बनाकर फैसला दिया, लेकिन प्रशासनिक रिपोर्ट और अमले की आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया। यहां तक कि खनन की सही माप के लिए दोबारा जांच नहीं कराई गई और यह बहाना बनाया गया कि तहसीलदार के पास मीटर नहीं है।

IAS अफसर ने क्या कहा?

जब आजतक ने इस मामले पर नागार्जुन गौड़ा से संपर्क किया, तो उन्होंने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा,

“हम शासकीय सेवा में रहते हुए जब भी कोई संपत्ति खरीदते हैं, तो शासन से अनुमति लेकर ही खरीदते हैं। मैंने भी वही किया है।”

आगे क्या होगा?

आनंद जाट ने कहा है कि वह इस मामले की ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने जा रहे हैं। उन्होंने आरोपों की जांच की मांग की है और दावा किया है कि इससे राज्य को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

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Bihar Elections 2025: राबड़ी को दी मात, अब तेजस्वी को दी चुनौती – बीजेपी का दांव फिर ...

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Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है और पहले चरण के लिए नामांकन की अंतिम तारीख शुक्रवार को है। माहौल गरमा गया है और राजनीतिक दलों ने अपने-अपने मजबूत प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। इस बीच राज्य की सबसे चर्चित सीटों में से एक राघोपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह साफ है राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को यहां से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है।

वैशाली जिले की यह विधानसभा सीट लालू प्रसाद यादव के परिवार की पारंपरिक सीट मानी जाती है। यहां 1995 से अब तक लालू परिवार का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार मुकाबला पहले जैसा आसान नहीं लग रहा। विपक्ष की तरफ से एक बार फिर भाजपा प्रत्याशी सतीश कुमार यादव मैदान में हैं, जो इस सीट को लेकर लंबे समय से एक्टिव हैं और इसे तेजस्वी यादव के लिए एकतरफा लड़ाई नहीं बनने देने की पूरी कोशिश में जुटे हैं।

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राघोपुर का इतिहास: कभी गढ़, कभी चुनौती- Bihar Elections 2025

1995 में लालू यादव ने जनता दल के टिकट पर पहली बार राघोपुर से विधानसभा की सीट जीती थी। इसके बाद कुछ साल राजगीर यादव इस सीट से विधायक रहे, लेकिन 2000 में लालू यादव ने फिर वापसी की। फिर 2005 में दो बार हुए चुनावों में राबड़ी देवी यहां से विजयी हुईं।

लेकिन 2010 में तस्वीर बदल गई। नीतीश कुमार के सुशासन की छवि और भाजपा-जेडीयू गठबंधन की ताकत के बीच राबड़ी देवी इस सीट से सतीश कुमार यादव के हाथों करीब 13 हजार वोटों से हार गईं।

तेजस्वी की एंट्री और लगातार दो जीत

2015 में पहली बार तेजस्वी यादव ने राघोपुर से चुनाव लड़ा और 22 हजार वोटों से जीत दर्ज की। उस वक्त राजद और जेडीयू का गठबंधन था। वहीं सतीश कुमार इस दौरान भाजपा में शामिल हो चुके थे। 2020 के चुनाव में भी मुकाबला इन्हीं दो के बीच हुआ, लेकिन इस बार अंतर और ज्यादा बढ़ गया। तेजस्वी को जहां करीब 97 हजार वोट मिले, वहीं सतीश यादव 60 हजार पर ही रुक गए। एलजेपी के उम्मीदवार राकेश रौशन को भी यहां 25 हजार वोट मिले थे, जिससे साफ था कि अगर विपक्षी वोट एकजुट हो जाएं, तो मुकाबला करीबी बन सकता है।

2025 में विपक्ष एकजुट, लड़ाई होगी कांटे की?

इस बार चुनावी समीकरण पहले से अलग हैं। भाजपा, जेडीयू और लोजपा (रामविलास)—तीनों दल मिलकर तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा बना चुके हैं। ऐसे में सतीश कुमार यादव को फिर से मौका दिया गया है। अनुभव और स्थानीय पकड़ के दम पर वह इस चुनाव को रोमांचक बना सकते हैं।

यादव वोट बैंक पर पकड़ की असलियत?

राघोपुर सीट यादव बहुल है—करीब 32% यादव वोटर। राजद इस आधार पर यहां खुद को मजबूत मानती है, लेकिन पिछले चुनावों ने दिखाया है कि ये वोट बैंक पूरी तरह राजद के पक्ष में नहीं जाता। खासकर तब, जब विपक्ष एकजुट हो जाए।

नतीजा क्या होगा?

फिलहाल इतना साफ है कि राघोपुर की लड़ाई केवल ‘पारंपरिक सीट’ बनाम ‘विपक्षी गठबंधन’ की नहीं, बल्कि एक पुराने अनुभव और युवा चेहरे की भी है। सतीश यादव का स्थानीय नेटवर्क और भाजपा-जेडीयू का समर्थन तेजस्वी के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। तेजस्वी यादव को इस बार ज्यादा मेहनत करनी होगी, क्योंकि मैदान में चुनौती कमजोर नहीं, बल्कि बार-बार टक्कर देने वाला चेहरा है।

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Indore Kinnar News: इंदौर में 24 किन्नरों ने एक साथ पिया ज़हरीला पदार्थ, जानें ज़हर प...

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Indore Kinnar News: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के नंदलालपुरा इलाके में बुधवार को उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक साथ 24 किन्नरों ने ज़हरीला पदार्थ पी लिया। मामला बेहद संवेदनशील है, क्योंकि इसके कुछ ही घंटे पहले एक किन्नर ने दो पत्रकारों पर दुष्कर्म, मारपीट और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इस घटना ने न सिर्फ शहर को झकझोर दिया, बल्कि पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

पंढरीनाथ थाना पुलिस के मुताबिक, शिकायत करने वाली किन्नर ने बताया कि 24 मई को उसके डेरे के गुरु के खिलाफ एक केस दर्ज हुआ था। उसी केस के बहाने जून में दो पत्रकार पंकज जैन और अक्षय उसके डेरे पर आए। आरोप है कि दोनों ने पहले उसे धमकाया और फिर पंकज ने उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। साथ ही यह धमकी भी दी गई कि अगर उसने किसी को बताया, तो उसे एनकाउंटर में मरवा देंगे या समाज में बदनाम कर देंगे।

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पीड़ित किन्नर ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों ने उससे डेढ़ लाख रुपये भी लिए। जब इस घटना के बारे में किन्नर समाज की नेहा नामक सदस्य से बात की गई तो उसने कहा कि इन पत्रकारों का गुटों के विवाद के चलते डेरे में आना-जाना शुरू हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पत्रकार किन्नरों को ब्लैकमेल करते थे और तीन महीने पहले रेप की यह घटना हुई थी। नेहा ने मांग की कि दोषियों को सख्त सजा मिले, क्योंकि अब किन्नर समाज भी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।

लंबे समय से चल रहा था गुटों में विवाद- Indore Kinnar News

जानकारी के अनुसार, किन्नर समाज में बीते कुछ महीनों से ‘गुरु गादी’ और संपत्ति को लेकर दो गुटो पायल गुरु और सीमा गुरु के बीच तनाव बना हुआ है। इस विवाद के कारण कई बार झगड़े हुए और मामला पुलिस तक पहुंचा। पूर्व में डीसीपी ऋषिकेश मीणा की देखरेख में एसआईटी बनाई गई थी, लेकिन उनके ट्रांसफर के बाद जांच लगभग ठप पड़ गई।

फिनाइल पीने से फैली दहशत

बुधवार शाम को जब करीब 24 किन्नरों ने फिनाइल पी लिया तो इलाके में हड़कंप मच गया। तुरंत पुलिस और एम्बुलेंस मौके पर पहुंची और सभी को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया। सीएमएचओ माधव हसानी ने बताया कि किन्नरों ने घर में सफाई में इस्तेमाल होने वाला फिनाइल पीया था। सभी की हालत फिलहाल स्थिर है, जबकि दो किन्नरों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है।

एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बसंत कुमार निंगवाल ने बताया कि सभी मरीज खतरे से बाहर हैं। हालांकि पुलिस अब तक यह साफ नहीं कर पाई है कि इतनी बड़ी संख्या में किन्नरों ने यह कदम क्यों उठाया।

पुलिस जांच में जुटी, लेकिन सवाल बरकरार

एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया और संयोगितागंज एसीपी के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। पुलिस ने पंकज और अक्षय के खिलाफ दुष्कर्म, मारपीट और धमकी की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है।

हालांकि यह घटना सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं, बल्कि पूरे किन्नर समाज के भीतर लंबे समय से चल रहे तनाव और उपेक्षा की एक तस्वीर भी है। अब देखना यह है कि प्रशासन और कानून व्यवस्था इस मामले को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या वाकई दोषियों को सजा दिलवाई जा सकेगी या यह मामला भी कुछ दिन बाद ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस से दिवाली तक अपनाएं ये खास तरीके

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Dhanteras to Diwali Puja remedies: धनतेरस से लेकर दिवाली तक, हर जगह चहल-पहल रहती है। हर कोई धनतेरस और दिवाली के लिए तरह-तरह के अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में लगा रहता है। लेकिन अगर आप भी इस उलझन में है कि इस धनतेरस से लेकर दिवाली तक मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कई की खास उपाय को करें। तो चलिए आपको इस लेख में विस्तार से उन उपायो के बारे में बताते है जो धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं।

धनतेरस के दिन के विशेष उपाय (Dhanteras Special Remedies)

माना जाता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी, पीतल या अन्य धातु के बर्तन/वस्तुएँ खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इससे धन में 13 गुना वृद्धि होती है। वही ये भी कहा जाता है कि अगर साबुत धनिया खरीदना और दिवाली के दिन इसे मां लक्ष्मी को अर्पित करना आर्थिक स्थिति मजबूत करता है।

हल्दी की गांठ भी काफी शुभ 

साबुत हल्दी की गांठ खरीदकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें और बाकी गांठों को लाल या पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी या धन स्थान पर रखें। इसके अलवा गोमती चक्र खरीदकर लक्ष्मी पूजन में अर्पित करें और बाद में तिजोरी में रखें।

दीपदान (यम दीपम): धनतेरस की शाम को घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके आटे का चौमुखा दीपक जलाना (यम दीपम) यमराज को प्रसन्न करता है और आरोग्य व सुख-समृद्धि लाता है।

कुबेर और लक्ष्मी पूजन: सूर्यास्त के बाद 13 दीपक जलाएं और कुबेर देव तथा तिजोरी की पूजा करें।

धनतेरस से दिवाली तक के उपाय

धनतेरस (Dhanteras) से दिवाली (Diwali) तक प्रतिदिन देवी लक्ष्मी को लौंग का एक जोड़ा अर्पित करें यह काफी शुभ माना जाता है। वही धनतेरस से दिवाली तक, अपने घर के मुख्य द्वार पर गौमूत्र या गंगाजल छिड़कें और दोनों ओर स्वस्तिक बनाएँ। आप देवी लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें और कमल गट्टे की माला से “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।

दिवाली की रात के विशेष उपाय

  1. पीपल के पेड़ का उपाय – दिवाली की रात को लोहे के बर्तन में पानी, घी, शक्कर और दूध मिलाकर पीपल के पेड़ में अर्पित करें। साथ ही पांच तरह की मिठाई अर्पित करके घी का दीपक जलाएं और 11 बार परिक्रमा करें।
  2. श्री यंत्र की स्थापना –  दिवाली के दौरान श्री यंत्र की स्थापना और सही मंत्र उचारण के साथ पूजा करना धन वृद्धि में काफी सहायक होता है।
  3. इसके अलवा घर को पूरी तरह से साफ रखें और दीपक जलाकर रोशनी करें। चाहे तो मुख्य द्वार पर रंगोली बनाएं और मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए छोटे पैर चिन्ह (पाँव) बनाएं। इसके अलवा मां लक्ष्मी को खील और बताशा का भोग लगाएं।

Russian Oil Payment: भारत से चीनी करेंसी में मिल रहा है पैसा, रूसी तेल को लेकर डिप्टी...

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Russian Oil Payment: भारत और रूस के बीच तेल व्यापार को लेकर एक बार फिर हलचल मच गई है। जहां एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा, वहीं दूसरी ओर रूस की तरफ से बिलकुल ही उल्टा दावा किया जा रहा है।

दरअसल, रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर अलेक्जेंडर नोवाक ने साफ कहा है कि रूस अभी भी भारत को कच्चे तेल के बड़े सप्लायर्स में शामिल है और यह रिश्ता लगातार मजबूत हो रहा है। यही नहीं, उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि भारत अब रूसी तेल के भुगतान के लिए रूसी करेंसी ‘रूबल’ के अलावा चीनी करेंसी ‘युआन’ का भी इस्तेमाल कर रहा है।

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रूस की तरफ से क्या कहा गया? Russian Oil Payment

रूसी समाचार एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि भारत ने हाल ही में कुछ भुगतान युआन में करना शुरू कर दिया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक ज़्यादातर लेन-देन रूबल में ही हो रहे हैं और युआन में पेमेंट की मात्रा फिलहाल काफी कम है।

इससे पहले माना जा रहा था कि भारत मुख्य रूप से रुपए में ही भुगतान करता रहा है, लेकिन अब इस नई जानकारी से यह साफ हो रहा है कि भारत और रूस के बीच तेल कारोबार में और भी कई विदेशी मुद्राएं शामिल हो चुकी हैं।

चीन के बाद भारत बना दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

ऊर्जा और स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (Centre for Research on Energy and Clean Air – CREA) की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर महीने में भारत, चीन के बाद रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा। 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तब पश्चिमी देशों ने रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों के बाद रूस ने डॉलर के बजाय युआन और यूएई दिरहम जैसी मुद्राओं का उपयोग बढ़ा दिया, जिससे उसे वैकल्पिक भुगतान रास्ते मिल सके।

क्यों बढ़ा भारत का रूसी तेल आयात?

भारत ने हमेशा मिडिल ईस्ट से तेल खरीद पर ज़्यादा भरोसा किया है, लेकिन फरवरी 2022 के बाद हालात तेजी से बदले। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस ने भारत को भारी छूट पर तेल देना शुरू किया, जिससे भारत का झुकाव रूस की तरफ बढ़ा। आंकड़ों के मुताबिक, रूस से भारत का तेल आयात पहले जहां कुल तेल आयात का सिर्फ 1% था, वो अब बढ़कर करीब 40% तक पहुंच गया है।

ट्रंप का दावा – मोदी ने दिया आश्वासन

अमेरिकी राजनीति में फिर से सक्रिय हो रहे डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उन्होंने पीएम मोदी से बात की और रूस से भारत के तेल आयात को लेकर चिंता जताई। ट्रंप के मुताबिक, “प्रधानमंत्री मोदी ने आज मुझे भरोसा दिलाया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ये एक बड़ा कदम है।” उन्होंने ये भी कहा कि अब चीन को भी यही करने के लिए मनाना होगा।

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Ashley Tellis Arrest: गोपनीय फाइलें, चीन के लिए जासूसी और एफबीआई की गिरफ्तारी— एशले ट...

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Ashley Tellis Arrest: अमेरिका में भारतीय मूल के जाने-माने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ और दक्षिण एशिया नीति सलाहकार एशले टेलिस को एफबीआई (FBI) ने गोपनीय दस्तावेज़ों की अवैध रूप से चोरी और चीनी अधिकारियों से संदिग्ध संपर्क के आरोप में गिरफ्तार किया है। वर्जीनिया के वियना स्थित उनके घर पर छापेमारी के दौरान 1,000 से अधिक पन्नों के टॉप सीक्रेट और सीक्रेट दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। इन दस्तावेज़ों में अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा और वायुसेना की रणनीतियों से जुड़ी अहम जानकारियाँ थीं।

टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी क्लासिफाइड सिस्टम से गुप्त दस्तावेज़ प्रिंट किए, उन्हें अपने घर लाए और बाद में विदेशी अधिकारियों, खासकर चीनी प्रतिनिधियों, से मुलाकात के दौरान संवेदनशील चर्चाएँ कीं।

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एफबीआई की बड़ी कार्रवाई- Ashley Tellis Arrest

एफबीआई की टीम ने 11 अक्टूबर 2025 को टेलिस के घर पर तलाशी अभियान चलाया। जांचकर्ताओं को उनके बेसमेंट ऑफिस, फाइलिंग कैबिनेट्स और तीन काले बैगों में संवेदनशील दस्तावेज़ छिपे मिले। इनमें से कई पर “TOP SECRET” और “SECRET” का निशान लगा था।

एफबीआई ने अदालत में दायर हलफनामे में बताया कि 25 सितंबर को टेलिस को वॉशिंगटन डीसी स्थित स्टेट डिपार्टमेंट की ट्रूमैन बिल्डिंग में क्लासिफाइड कंप्यूटर से सैकड़ों फाइलें प्रिंट करते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने “यूएस एयर फोर्स टैक्टिक्स” नाम की एक अत्यंत गोपनीय रिपोर्ट को “इकॉन रिफॉर्म” नाम से सेव किया और प्रिंट करने के बाद डिजिटल फाइल हटा दी।

इसके बाद 10 अक्टूबर को उन्हें अलेक्जांद्रिया के मार्क सेंटर की एक सुरक्षित सुविधा से दस्तावेज़ चोरी करते हुए भी सुरक्षा कैमरों में कैद किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, टेलिस ने गुप्त नोट्स अपने लेदर ब्रीफकेस में रखे और उन्हें कार्यालय से बाहर ले गए।

चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातें

एफबीआई के अनुसार, सितंबर 2022 से सितंबर 2025 के बीच टेलिस ने कई बार चीनी सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। ये मुलाकातें वर्जीनिया के फेयरफैक्स इलाके के रेस्तरां में हुईं।

15 सितंबर 2022 की मुलाकात में टेलिस को एक मनीला लिफाफे के साथ रेस्तरां में प्रवेश करते और बाहर निकलते समय बिना उस लिफाफे के देखा गया। एफबीआई का दावा है कि इन बैठकों में टेलिस और चीनी अधिकारियों के बीच ईरान-चीन संबंधों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक और अमेरिका-पाकिस्तान रणनीतियों पर चर्चा हुई।

सितंबर 2025 की एक और मुलाकात में उन्हें चीनी अधिकारियों से लाल रंग का गिफ्ट बैग लेते हुए भी देखा गया। जांच एजेंसी को संदेह है कि इन्हीं मुलाकातों में गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ।

अमेरिका में चर्चा और झटका

यह मामला वॉशिंगटन डीसी के पॉलिसी सर्किल में सदमे की तरह आया है, क्योंकि एशले टेलिस को अब तक भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों के प्रमुख वास्तुकारों में गिना जाता था। वे लंबे समय से दक्षिण एशिया नीति पर अमेरिकी प्रशासन को सलाह देते रहे हैं।

64 वर्षीय टेलिस मुंबई में जन्मे हैं। उन्होंने सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज और मुंबई विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे 2001 से अमेरिकी विदेश विभाग (State Department) में कार्यरत हैं और अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते (US-India Civil Nuclear Deal) में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

वर्तमान में वे डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के ऑफिस ऑफ नेट असेसमेंट में कॉन्ट्रैक्टर और कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में सीनियर फेलो हैं। वे पहले राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के विशेष सहायक और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में वरिष्ठ निदेशक रह चुके हैं।

यात्रा से पहले एफबीआई की छापेमारी

एफबीआई अधिकारियों के मुताबिक, टेलिस 11 अक्टूबर की रात अपने परिवार के साथ रोम रवाना होने वाले थे, जहां उनका कार्य-संबंधी कार्यक्रम तय था। वे 27 अक्टूबर को मिलान होते हुए अमेरिका लौटने वाले थे। उसी दिन उनके घर पर छापा मारा गया और गोपनीय दस्तावेज़ों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ।

एफबीआई ने अदालत में कहा है कि टेलिस पर राष्ट्रीय रक्षा जानकारी को अवैध रूप से रखने (Unlawful Retention of National Defense Information) और विदेशी संपर्कों से गोपनीय जानकारियाँ साझा करने का मामला दर्ज किया गया है।

जांच जारी, कार्नेगी की चुप्पी

इस मामले पर जब मीडिया ने कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस से संपर्क किया, तो संस्थान ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, अमेरिकी न्याय विभाग ने पुष्टि की है कि जांच में डिजिटल रिकॉर्ड्स, बैंक लेनदेन और विदेशी संपर्कों की भी पड़ताल की जा रही है।

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि अगर आरोप साबित हुए, तो यह मामला अमेरिकी इंटेलिजेंस सिस्टम की सबसे बड़ी सुरक्षा चूकों में से एक बन सकता है खासकर तब, जब इसमें चीन जैसे प्रतिद्वंद्वी देश का नाम सामने आया है।

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