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Russian Oil Payment: भारत से चीनी करेंसी में मिल रहा है पैसा, रूसी तेल को लेकर डिप्टी...

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Russian Oil Payment: भारत और रूस के बीच तेल व्यापार को लेकर एक बार फिर हलचल मच गई है। जहां एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा, वहीं दूसरी ओर रूस की तरफ से बिलकुल ही उल्टा दावा किया जा रहा है।

दरअसल, रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर अलेक्जेंडर नोवाक ने साफ कहा है कि रूस अभी भी भारत को कच्चे तेल के बड़े सप्लायर्स में शामिल है और यह रिश्ता लगातार मजबूत हो रहा है। यही नहीं, उन्होंने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि भारत अब रूसी तेल के भुगतान के लिए रूसी करेंसी ‘रूबल’ के अलावा चीनी करेंसी ‘युआन’ का भी इस्तेमाल कर रहा है।

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रूस की तरफ से क्या कहा गया? Russian Oil Payment

रूसी समाचार एजेंसी TASS को दिए इंटरव्यू में अलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि भारत ने हाल ही में कुछ भुगतान युआन में करना शुरू कर दिया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक ज़्यादातर लेन-देन रूबल में ही हो रहे हैं और युआन में पेमेंट की मात्रा फिलहाल काफी कम है।

इससे पहले माना जा रहा था कि भारत मुख्य रूप से रुपए में ही भुगतान करता रहा है, लेकिन अब इस नई जानकारी से यह साफ हो रहा है कि भारत और रूस के बीच तेल कारोबार में और भी कई विदेशी मुद्राएं शामिल हो चुकी हैं।

चीन के बाद भारत बना दूसरा सबसे बड़ा खरीदार

ऊर्जा और स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (Centre for Research on Energy and Clean Air – CREA) की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर महीने में भारत, चीन के बाद रूसी कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा। 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तब पश्चिमी देशों ने रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों के बाद रूस ने डॉलर के बजाय युआन और यूएई दिरहम जैसी मुद्राओं का उपयोग बढ़ा दिया, जिससे उसे वैकल्पिक भुगतान रास्ते मिल सके।

क्यों बढ़ा भारत का रूसी तेल आयात?

भारत ने हमेशा मिडिल ईस्ट से तेल खरीद पर ज़्यादा भरोसा किया है, लेकिन फरवरी 2022 के बाद हालात तेजी से बदले। यूक्रेन युद्ध के चलते रूस ने भारत को भारी छूट पर तेल देना शुरू किया, जिससे भारत का झुकाव रूस की तरफ बढ़ा। आंकड़ों के मुताबिक, रूस से भारत का तेल आयात पहले जहां कुल तेल आयात का सिर्फ 1% था, वो अब बढ़कर करीब 40% तक पहुंच गया है।

ट्रंप का दावा – मोदी ने दिया आश्वासन

अमेरिकी राजनीति में फिर से सक्रिय हो रहे डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उन्होंने पीएम मोदी से बात की और रूस से भारत के तेल आयात को लेकर चिंता जताई। ट्रंप के मुताबिक, “प्रधानमंत्री मोदी ने आज मुझे भरोसा दिलाया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ये एक बड़ा कदम है।” उन्होंने ये भी कहा कि अब चीन को भी यही करने के लिए मनाना होगा।

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Ashley Tellis Arrest: गोपनीय फाइलें, चीन के लिए जासूसी और एफबीआई की गिरफ्तारी— एशले ट...

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Ashley Tellis Arrest: अमेरिका में भारतीय मूल के जाने-माने राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ और दक्षिण एशिया नीति सलाहकार एशले टेलिस को एफबीआई (FBI) ने गोपनीय दस्तावेज़ों की अवैध रूप से चोरी और चीनी अधिकारियों से संदिग्ध संपर्क के आरोप में गिरफ्तार किया है। वर्जीनिया के वियना स्थित उनके घर पर छापेमारी के दौरान 1,000 से अधिक पन्नों के टॉप सीक्रेट और सीक्रेट दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। इन दस्तावेज़ों में अमेरिका की राष्ट्रीय रक्षा और वायुसेना की रणनीतियों से जुड़ी अहम जानकारियाँ थीं।

टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी क्लासिफाइड सिस्टम से गुप्त दस्तावेज़ प्रिंट किए, उन्हें अपने घर लाए और बाद में विदेशी अधिकारियों, खासकर चीनी प्रतिनिधियों, से मुलाकात के दौरान संवेदनशील चर्चाएँ कीं।

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एफबीआई की बड़ी कार्रवाई- Ashley Tellis Arrest

एफबीआई की टीम ने 11 अक्टूबर 2025 को टेलिस के घर पर तलाशी अभियान चलाया। जांचकर्ताओं को उनके बेसमेंट ऑफिस, फाइलिंग कैबिनेट्स और तीन काले बैगों में संवेदनशील दस्तावेज़ छिपे मिले। इनमें से कई पर “TOP SECRET” और “SECRET” का निशान लगा था।

एफबीआई ने अदालत में दायर हलफनामे में बताया कि 25 सितंबर को टेलिस को वॉशिंगटन डीसी स्थित स्टेट डिपार्टमेंट की ट्रूमैन बिल्डिंग में क्लासिफाइड कंप्यूटर से सैकड़ों फाइलें प्रिंट करते हुए कैमरे में रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने “यूएस एयर फोर्स टैक्टिक्स” नाम की एक अत्यंत गोपनीय रिपोर्ट को “इकॉन रिफॉर्म” नाम से सेव किया और प्रिंट करने के बाद डिजिटल फाइल हटा दी।

इसके बाद 10 अक्टूबर को उन्हें अलेक्जांद्रिया के मार्क सेंटर की एक सुरक्षित सुविधा से दस्तावेज़ चोरी करते हुए भी सुरक्षा कैमरों में कैद किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, टेलिस ने गुप्त नोट्स अपने लेदर ब्रीफकेस में रखे और उन्हें कार्यालय से बाहर ले गए।

चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातें

एफबीआई के अनुसार, सितंबर 2022 से सितंबर 2025 के बीच टेलिस ने कई बार चीनी सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। ये मुलाकातें वर्जीनिया के फेयरफैक्स इलाके के रेस्तरां में हुईं।

15 सितंबर 2022 की मुलाकात में टेलिस को एक मनीला लिफाफे के साथ रेस्तरां में प्रवेश करते और बाहर निकलते समय बिना उस लिफाफे के देखा गया। एफबीआई का दावा है कि इन बैठकों में टेलिस और चीनी अधिकारियों के बीच ईरान-चीन संबंधों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक और अमेरिका-पाकिस्तान रणनीतियों पर चर्चा हुई।

सितंबर 2025 की एक और मुलाकात में उन्हें चीनी अधिकारियों से लाल रंग का गिफ्ट बैग लेते हुए भी देखा गया। जांच एजेंसी को संदेह है कि इन्हीं मुलाकातों में गोपनीय सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ।

अमेरिका में चर्चा और झटका

यह मामला वॉशिंगटन डीसी के पॉलिसी सर्किल में सदमे की तरह आया है, क्योंकि एशले टेलिस को अब तक भारत-अमेरिका रणनीतिक रिश्तों के प्रमुख वास्तुकारों में गिना जाता था। वे लंबे समय से दक्षिण एशिया नीति पर अमेरिकी प्रशासन को सलाह देते रहे हैं।

64 वर्षीय टेलिस मुंबई में जन्मे हैं। उन्होंने सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज और मुंबई विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और बाद में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वे 2001 से अमेरिकी विदेश विभाग (State Department) में कार्यरत हैं और अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते (US-India Civil Nuclear Deal) में अहम भूमिका निभा चुके हैं।

वर्तमान में वे डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के ऑफिस ऑफ नेट असेसमेंट में कॉन्ट्रैक्टर और कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में सीनियर फेलो हैं। वे पहले राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के विशेष सहायक और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में वरिष्ठ निदेशक रह चुके हैं।

यात्रा से पहले एफबीआई की छापेमारी

एफबीआई अधिकारियों के मुताबिक, टेलिस 11 अक्टूबर की रात अपने परिवार के साथ रोम रवाना होने वाले थे, जहां उनका कार्य-संबंधी कार्यक्रम तय था। वे 27 अक्टूबर को मिलान होते हुए अमेरिका लौटने वाले थे। उसी दिन उनके घर पर छापा मारा गया और गोपनीय दस्तावेज़ों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ।

एफबीआई ने अदालत में कहा है कि टेलिस पर राष्ट्रीय रक्षा जानकारी को अवैध रूप से रखने (Unlawful Retention of National Defense Information) और विदेशी संपर्कों से गोपनीय जानकारियाँ साझा करने का मामला दर्ज किया गया है।

जांच जारी, कार्नेगी की चुप्पी

इस मामले पर जब मीडिया ने कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस से संपर्क किया, तो संस्थान ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। वहीं, अमेरिकी न्याय विभाग ने पुष्टि की है कि जांच में डिजिटल रिकॉर्ड्स, बैंक लेनदेन और विदेशी संपर्कों की भी पड़ताल की जा रही है।

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि अगर आरोप साबित हुए, तो यह मामला अमेरिकी इंटेलिजेंस सिस्टम की सबसे बड़ी सुरक्षा चूकों में से एक बन सकता है खासकर तब, जब इसमें चीन जैसे प्रतिद्वंद्वी देश का नाम सामने आया है।

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‘टॉप सीक्रेट’ दस्तावेज़ और चीनी मुलाकातें, Ashley Tellis के खिलाफ अमेरिकी जांच तेज

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Ashley Tellis: अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसने वॉशिंगटन के राजनीतिक गलियारों से लेकर खुफिया तंत्र तक में हलचल मचा दी है। भारत और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ माने जाने वाले एशली टेलिस पर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां लीक करने और चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातें करने के आरोप लगे हैं।

अमेरिकी न्याय विभाग (Justice Department) के अनुसार, टेलिस स्टेट डिपार्टमेंट में वरिष्ठ सलाहकार और डिपार्टमेंट ऑफ वॉर (पूर्व में ऑफिस ऑफ नेट असेसमेंट) के कॉन्ट्रैक्टर के तौर पर काम कर रहे थे। जांच में सामने आया है कि उन्होंने अपने वर्जीनिया स्थित घर में हजारों पन्नों वाले टॉप सीक्रेट दस्तावेज़ अवैध रूप से रखे थे। इन फाइलों में अमेरिकी वायुसेना की क्षमताओं, हथियार प्रणालियों और रणनीतिक तकनीकों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दर्ज थी।

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घर से बरामद हुए हजारों “टॉप सीक्रेट” दस्तावेज़- Ashley Tellis

फेडरल जांच एजेंसियों ने टेलिस के घर की तलाशी के दौरान हजार से ज्यादा दस्तावेज़ जब्त किए हैं जिन पर “TOP SECRET” और “SECRET” की मुहर लगी थी। अदालत में दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 12 सितंबर को टेलिस ने अपने एक सरकारी सहकर्मी से कई क्लासिफाइड फाइलें प्रिंट करवाई थीं। फिर 25 सितंबर को उन्होंने अमेरिकी वायुसेना की क्षमताओं से जुड़ी रिपोर्ट प्रिंट कराई, जो अब जांच के घेरे में हैं।

चीनी अधिकारियों से गुप्त मुलाकातों के सबूत

रिपोर्ट के मुताबिक, टेलिस ने पिछले कुछ वर्षों में कई बार चीनी अधिकारियों से निजी तौर पर मुलाकातें कीं। सितंबर 2022 में उन्हें वर्जीनिया के एक रेस्टोरेंट में चीनी प्रतिनिधियों के साथ देखा गया, जहां उनके हाथ में एक मनीला एनवेलप (गुप्त दस्तावेज़ों का फोल्डर) था। 11 अप्रैल 2023 को हुई एक और मुलाकात में वे ईरान-चीन संबंधों और नई सैन्य तकनीकों पर चर्चा करते सुने गए। इतना ही नहीं, उसी साल सितंबर में एक और डिनर मीटिंग में उन्हें चीनी अधिकारियों से “गिफ्ट बैग” लेते हुए भी देखा गया।

अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि टेलिस के पास टॉप सीक्रेट क्लियरेंस थी और वे अमेरिकी राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी अत्यंत गोपनीय योजनाओं तक पहुंच रखते थे।

सम्मानित विशेषज्ञ से संदिग्ध तक

एशली टेलिस कोई आम व्यक्ति नहीं हैं। वे Carnegie Endowment for International Peace जैसे प्रतिष्ठित थिंक टैंक में वरिष्ठ शोधकर्ता (Senior Fellow) रहे हैं और भारत-अमेरिका संबंधों, इंडो-पैसिफिक रणनीति और रक्षा सहयोग पर महत्वपूर्ण योगदान दे चुके हैं। 2001 में उन्होंने अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट में करियर शुरू किया था और लंबे समय तक दक्षिण एशिया नीति के प्रमुख सलाहकारों में शामिल रहे। लेकिन अब वही शख्स अमेरिकी सुरक्षा तंत्र को खतरे में डालने के आरोपों में घिर गए हैं।

एफबीआई और न्याय विभाग की संयुक्त जांच

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा है कि टेलिस पर राष्ट्रीय रक्षा जानकारी के अवैध कब्जे (unlawful retention of national defense information) का आरोप लगाया गया है। एफबीआई और डिपार्टमेंट ऑफ वॉर की टीमें यह जांच रही हैं कि क्या उन्होंने यह जानकारी वास्तव में चीन के साथ साझा की थी या नहीं। जांच में उनके डिजिटल डिवाइस, बैंक ट्रांजेक्शन और विदेशी संपर्कों की भी गहराई से जांच हो रही है।

अमेरिका में मचा बवाल, बढ़ी चिंता

इस मामले ने अमेरिकी प्रशासन में खलबली मचा दी है। वॉशिंगटन के कई विश्लेषक इसे हाल के वर्षों में हुए इंटेलिजेंस लीक स्कैंडल्स की नई कड़ी मान रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ “प्रोटोकॉल का उल्लंघन” नहीं, बल्कि संभवतः एक संगठित जासूसी नेटवर्क का हिस्सा भी हो सकता है।

फिलहाल, टेलिस के खिलाफ गिरफ्तारी की तैयारी चल रही है और अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश में हैं कि देश के इतने संवेदनशील राज आखिर चीन तक कैसे पहुंचे।

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NOTAM Begin Today: भारत के मिसाइल मिशन की नई उड़ान! बंगाल की खाड़ी में 3,550 किमी का ...

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NOTAM Begin Today: भारत की रक्षा गतिविधियां इन दिनों नई रफ्तार पकड़ चुकी हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश की सैन्य तैयारी और भी सक्रिय मोड में आ गई है। अब भारत ने बंगाल की खाड़ी में 3,550 किलोमीटर का NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है, जिसने दुनिया भर में चर्चा छेड़ दी है। यह NOTAM बुधवार, 15 अक्टूबर से लागू होकर 17 अक्टूबर 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस क्षेत्र को ‘नो-फ्लाई ज़ोन’ घोषित कर दिया गया है यानी यहां से किसी विमान या जहाज का गुजरना प्रतिबंधित है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इतने बड़े क्षेत्र को बंद करना किसी लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल टेस्टिंग की ओर इशारा करता है। कई विश्लेषक इसे भारत की अगली बड़ी छलांग अग्नि-6 मिसाइल से जोड़कर देख रहे हैं।

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ICBM की टेस्टिंग का संकेत- NOTAM Begin Today

डिफेंस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 3,550 किमी का यह दायरा सामान्य मध्यम दूरी की मिसाइलों से कहीं ज्यादा है। यह संकेत देता है कि भारत किसी इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण करने जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले कुछ दिनों में इस NOTAM के दायरे को लगातार बढ़ाया गया —

  • 6 अक्टूबर को यह 1,480 किमी था,
  • 7 अक्टूबर को बढ़ाकर 2,520 किमी किया गया,
  • और अब यह 3,550 किमी तक पहुंच गया है।

रेंज में इस तेजी से बढ़ोतरी से साफ है कि भारत इस बार किसी ऐसी मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है, जो हजारों किलोमीटर दूर तक सटीक वार करने में सक्षम होगी।

अग्नि-6 की तैयारी पर जोर

हालांकि सरकार ने यह नहीं बताया कि कौन-सी मिसाइल टेस्ट होगी, लेकिन रक्षा सूत्रों के मुताबिक यह अग्नि सीरीज की नई मिसाइल हो सकती है।
अग्नि परिवार में फिलहाल अग्नि-I (700 किमी रेंज) से लेकर अग्नि-V (5,000 किमी से ज्यादा रेंज) तक की मिसाइलें शामिल हैं। अब उम्मीद जताई जा रही है कि यह परीक्षण या तो अग्नि-V के उन्नत संस्करण का होगा या फिर लंबे समय से विकासाधीन अग्नि-VI का।

सूत्र बताते हैं कि अग्नि-6 में कई आधुनिक तकनीकें शामिल की जा रही हैं —

  • MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) प्रणाली, जिससे एक मिसाइल कई टारगेट्स को एक साथ भेद सकेगी।
  • बेहतर ठोस ईंधन प्रणाली (Solid Fuel Propulsion), जिससे लॉन्च टाइम कम और रेंज ज़्यादा होगी।
  • और सबसे अहम, इसकी मारक क्षमता एशिया से भी आगे तक फैली हो सकती है।

अगर यह सच है, तो भारत की सामरिक ताकत नए स्तर पर पहुंचने वाली है।

तेजस और मिसाइल प्रोडक्शन में रफ्तार

सिर्फ मिसाइल ही नहीं, भारत की अन्य रक्षा परियोजनाएं भी जोर पकड़ रही हैं।
DRDO और HAL (Hindustan Aeronautics Limited) के वैज्ञानिक तेज़ी से नए प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं।
तेजस MK-1A फाइटर जेट को जल्द ही वायुसेना को सौंपने की तैयारी चल रही है, जबकि अगली पीढ़ी के फाइटर जेट और एयर डिफेंस सिस्टम पर भी फोकस बढ़ा है।

रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि भारत इस समय अपने strategic deterrence यानी सामरिक संतुलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।

25 सितंबर को अग्नि-प्राइम की सफल टेस्टिंग

सिर्फ तीन हफ्ते पहले, 25 सितंबर 2025, को भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
यह दो-चरणीय मिसाइल 2,000 किमी तक मार कर सकती है और पुराने अग्नि-I सिस्टम की जगह लेगी।
अब इस नए NOTAM के बाद साफ है कि भारत मिसाइल विकास कार्यक्रम को एक के बाद एक तेज़ गति से आगे बढ़ा रहा है।

इस बार की टेस्टिंग ओडिशा के तट पर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से होने की संभावना है, और इसका लक्ष्य क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के गहरे समुद्र में रहेगा।

अंतरराष्ट्रीय निगरानी बढ़ी, चीन और अमेरिका अलर्ट पर

भारत के इस मिसाइल परीक्षण को लेकर दुनिया के कई देशों की नज़रें हिंद महासागर पर टिक गई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का ट्रैकिंग पोत “युआन वांग-5” मलेशिया के पोर्ट क्लांग से रवाना होकर हिंद महासागर की ओर बढ़ रहा है। यह जहाज उन्नत रडार और टेलीमेट्री सिस्टम से लैस है और माना जा रहा है कि यह भारत के संभावित मिसाइल टेस्ट पर नज़र रखने के लिए ही आया है।

इसी बीच, अमेरिका का ट्रैकिंग जहाज “ओशन टाइटन” भी भारत के पश्चिमी तट के पास ऑपरेट कर रहा है, जो मिसाइल डेटा कलेक्शन मिशन पर है।
ऐसी गतिविधियां यह दर्शाती हैं कि भारत की रक्षा क्षमताओं में हर नया कदम वैश्विक शक्तियों के लिए रणनीतिक मायने रखता है।

भारत की बढ़ती सामरिक क्षमता का संदेश

भारत लंबे समय से अपनी रक्षा नीति में ‘स्वदेशी आत्मनिर्भरता और रणनीतिक शक्ति’ पर जोर दे रहा है।
अग्नि-6 जैसी मिसाइल का परीक्षण न सिर्फ भारत की सैन्य तकनीक की परिपक्वता दिखाता है, बल्कि यह पड़ोसी देशों और वैश्विक शक्तियों के लिए यह स्पष्ट संदेश भी है कि भारत अब केवल क्षेत्रीय ताकत नहीं, बल्कि एक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक प्लेयर बन चुका है।

15 से 17 अक्टूबर के बीच होने वाला यह परीक्षण आने वाले समय में भारत की रक्षा रणनीति का अहम मोड़ साबित हो सकता है।

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IPS Puran Kumar: हरियाणा पुलिस में दो सुसाइड से मचा हड़कंप, एएसआई ने मरने से पहले IPS...

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IPS Puran Kumar: हरियाणा पुलिस इन दिनों लगातार हो रही दो आत्महत्याओं को लेकर सवालों के घेरे में है। पहले 7 अक्टूबर को आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने सुसाइड नोट में अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि मंगलवार को रोहतक साइबर सेल में तैनात एएसआई संदीप लाठर ने भी खुद को गोली मारकर जान दे दी। हैरान करने वाली बात यह है कि मरने से पहले संदीप ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने वाई पूरन कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

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एएसआई का सनसनीखेज दावा — “50 करोड़ की डील में गायब हुआ हत्या केस” IPS Puran Kumar

एएसआई संदीप लाठर ने अपने वीडियो में कहा कि हरियाणा का कुख्यात गैंगस्टर राव इंद्रजीत ने 50 करोड़ रुपये की डील के जरिए हत्या के एक केस से अपना नाम निकलवा लिया था। उसने दावा किया कि इस पूरे खेल में आईपीएस वाई पूरन कुमार की भी भूमिका रही। राव इंद्रजीत फिलहाल अमेरिका में छिपा हुआ है और “जेम्स म्यूजिक” नाम से एक कंपनी चलाता है। उसका लिंक हिमांशु भाऊ गैंग से बताया जा रहा है।

राव इंद्रजीत का नाम हाल के वर्षों में कई आपराधिक मामलों में जुड़ चुका है रोहतक फाइनेंसर मंजीत मर्डर केस, एल्विश यादव के घर हुई फायरिंग, और सिंगर फाजिलपुरिया पर हमले में भी उसका नाम सामने आया था। हरियाणा पुलिस के रिकॉर्ड में भी उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं।

“पूरन भ्रष्ट अफसर थे, गिरफ्तारी के डर से की आत्महत्या” — एएसआई

अपने आखिरी वीडियो में एएसआई संदीप लाठर ने वाई पूरन कुमार और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार और जातिवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाए। उसने कहा कि पूरन ने सिस्टम को जाति के नाम पर हाईजैक कर रखा था। एएसआई के शब्दों में — “पूरन भ्रष्ट अफसर थे, उन्होंने गिरफ्तारी के डर से सुसाइड किया। मैं अपनी शहादत देकर इस परिवार की जांच की मांग कर रहा हूं।”

संदीप ने यह भी कहा कि उसके पास पूरन के भ्रष्टाचार से जुड़े कई सबूत हैं और वह चाहता है कि उसकी मौत के बाद इन सब बातों की निष्पक्ष जांच हो।

परिवार ने पोस्टमार्टम से किया इनकार, खाप पंचायत करेगी फैसला

एएसआई संदीप लाठर का शव फिलहाल लाढ़ौत गांव में मामा के घर रखा गया है। देर रात तक पुलिस और परिवार के बीच पोस्टमार्टम को लेकर सहमति नहीं बन सकी। परिजनों ने कहा कि जब तक पूरे मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं मिलता, वे शव का पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे।
बुधवार को खाप और ग्रामीणों की मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।

आईपीएस वाई पूरन कुमार के शव का आज पोस्टमार्टम

उधर, 7 अक्टूबर को आत्महत्या करने वाले आईपीएस वाई पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम आज (बुधवार) पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में किया जाएगा। परिजनों ने अब अनुमति दे दी है। पुलिस की ओर से अदालत में याचिका दाखिल करने के बाद कोर्ट ने पूरन की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार को 15 अक्टूबर तक जवाब देने का आदेश दिया था।

पुलिस बोली— दोनों केसों की कड़ी तलाश में हैं

हरियाणा पुलिस ने दोनों घटनाओं की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल दोनों मामलों को जोड़कर देखा जा रहा है। फिलहाल, इस बात को लेकर कोई पुष्टि नहीं हुई है कि ये घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं या नहीं। जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।

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Bihar Elections 2025: सीट शेयरिंग से बढ़ी बिहार में सियासी दरार, महागठबंधन में रार तो...

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Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज़ है, लेकिन सियासी समीकरण उलझे हुए हैं। एक ओर एनडीए (NDA) ने सीट बंटवारे का ऐलान कर बाज़ी तो मार ली, मगर अंदरूनी खटास अब भी बरकरार है। वहीं महागठबंधन (MGB) में सीट शेयरिंग पर सहमति न बन पाने से हालात और बिगड़ते दिख रहे हैं। चुनावी रणभूमि में उतरने से पहले ही दोनों गठबंधनों के भीतर असंतोष और अविश्वास की आवाज़ें तेज हो गई हैं।

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महागठबंधन में दरार, कांग्रेस बनी रोड़ा- Bihar Elections 2025

महागठबंधन में सबसे बड़ी समस्या सीट बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी है। आरजेडी और कांग्रेस के बीच सहमति नहीं बन पा रही है। कांग्रेस कभी 70 तो कभी 100 सीटों की मांग कर रही है, साथ ही डिप्टी सीएम पद पर भी अड़ गई है। तेजस्वी यादव के फार्मूले पर कांग्रेस ने अभी तक अपनी मंज़ूरी नहीं दी है।
आरजेडी अपने स्तर पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने लगी है, जबकि कांग्रेस ने भी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। उसने अपने संभावित प्रत्याशियों की स्क्रीनिंग तक शुरू कर दी है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बातचीत बुधवार तक किसी नतीजे पर पहुंच सकती है।

एनडीए में भी सब ठीक नहीं

दूसरी तरफ नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए भी पूरी तरह एकजुट नहीं दिख रहा। भाजपा और जेडीयू के बीच 101-101 सीटों पर सहमति बनी है, जबकि चिराग पासवान की एलजेपी(आर) को 29 सीटें दी गई हैं। जीतन राम मांझी की हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 6-6 सीटों पर संतोष करना पड़ा। लेकिन, यह “सहमति” सिर्फ कागज़ों तक सीमित लगती है।
चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर शुरू से ही हार्ड बार्गेनिंग की। कभी 243 सीटों पर लड़ने की बात कही, तो कभी खुद को बिहार का नेतृत्वकर्ता बताने लगे। भाजपा नेताओं को पटना से दिल्ली तक उनके साथ लगातार बातचीत करनी पड़ी। आखिरकार काफी दबाव के बाद एलजेपी(आर) को 29 सीटें मिलीं, लेकिन इससे जेडीयू के भीतर असंतोष बढ़ गया।

नामांकन की रफ्तार धीमी

नामांकन की प्रक्रिया 10 अक्टूबर से शुरू हो चुकी है और आखिरी तारीख 17 अक्टूबर तय है। 18 को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बावजूद, अब तक दोनों गठबंधनों में से किसी ने भी पूरी उम्मीदवार सूची जारी नहीं की है।
एनडीए और महागठबंधन दोनों में ही केवल कुछ गिने-चुने उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। मोकामा से जेडीयू के अनंत सिंह का नामांकन खासा चर्चित रहा, तो परबत्ता से आरजेडी के डॉ. संजीव ने पर्चा दाखिल किया। जन सुराज और अन्य छोटे दल इस मौके का फायदा उठाते हुए तेजी से मैदान में उतर गए हैं।

दलों के बीच बढ़ी खटास, उत्साह में कमी

भले ही सीटों का ऐलान हो गया हो, लेकिन दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी साफ झलक रही है। एनडीए में कुछ सीटों के वितरण को लेकर नाराजगी है, जबकि महागठबंधन के घटक दलों में भरोसे की कमी। कई नेताओं ने खुले तौर पर असंतोष जाहिर किया है, वहीं कुछ समर्थकों ने इस्तीफे तक दे दिए हैं।
यह स्थिति बताती है कि दोनों गठबंधन अधूरे मन से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं, जिससे न सिर्फ उनका जोश कम हुआ है, बल्कि मतदाताओं में भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है।

आसान नहीं बिहार की राह

बिहार की सियासत हमेशा समीकरणों के संतुलन पर टिकी रही है। इस बार भी तस्वीर कुछ वैसी ही है बस फर्क इतना है कि अंदरूनी मतभेद ज़्यादा गहरे हैं।
नामांकन की आखिरी तारीख करीब है, मगर गठबंधन अब भी सीटों और उम्मीदवारों पर अटका है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब संगठन ही असमंजस में हैं, तो जनता तक भरोसे का संदेश कैसे पहुंचेगा?
शायद यही कारण है कि इस बार बिहार की चुनावी लड़ाई पहले से कहीं ज़्यादा पेचीदा और अप्रत्याशित नज़र आ रही है।

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B.Tech student rape case: SAU यूनिवर्सिटी में बीटेक छात्रा से सामूहिक यौन उत्पीड़न, प...

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SAU university rape case: राजधानी दिल्ली में एक बार फिर शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। दक्षिण दिल्ली स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (South Asian University) में बीटेक प्रथम वर्ष की एक 18 वर्षीय छात्रा ने चार लोगों पर सामूहिक यौन उत्पीड़न (Gangrape) का गंभीर आरोप लगाया है। यह घटना रविवार शाम विश्वविद्यालय परिसर के कन्वोकेशन सेंटर के पास हुई, जहां चार अज्ञात युवकों ने छात्रा को अकेला पाकर उसके साथ दरिंदगी की कोशिश की।

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कैसे हुआ पूरा हादसा- SAU university rape case

पुलिस के अनुसार, 12 अक्टूबर की दोपहर करीब तीन बजे मैदानगढ़ी थाना पुलिस को पीसीआर कॉल के जरिए सूचना मिली कि साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में एक छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस को पता चला कि चार लोग छात्रा को ऑडिटोरियम के पास बने एक खाली हिस्से में ले गए थे। वहां उन्होंने उसके कपड़े फाड़ दिए और आपत्तिजनक तरीके से छूने लगे। छात्रा ने पुलिस को बताया कि उन्होंने रेप करने की कोशिश भी की, लेकिन किसी तरह उसने खुद को छुड़ाया और मदद के लिए चिल्लाई। शोर सुनकर कुछ लोग वहां पहुंचे, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।

मेडिकल जांच और पुलिस कार्रवाई

घटना के बाद छात्रा बेहद डरी हुई थी। पुलिस ने तुरंत उसे अस्पताल भेजा, जहां उसकी मेडिकल जांच कराई गई और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की गई। उपायुक्त पुलिस (दक्षिण) अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें सामूहिक बलात्कार, अपहरण, गलत तरीके से रोकना और जहर देने की कोशिश जैसी धाराएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संदिग्धों की पहचान के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। छात्रा का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया जा चुका है और मामले की जांच तेज़ी से आगे बढ़ रही है।

कॉलेज प्रशासन पर भी गंभीर आरोप

मामले को और गंभीर बना दिया छात्रा की उस शिकायत ने, जिसमें उसने कॉलेज प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही का जिक्र किया है। पीड़िता के मुताबिक, जब उसने हॉस्टल इंचार्ज को पूरी बात बताई, तो उन्होंने घटना की गंभीरता को नजरअंदाज कर दिया और कहा कि पहले नहा लो और कपड़े बदल लो। एफआईआर में छात्रा ने लिखा है कि प्रशासन ने न केवल पुलिस को सूचित करने से इनकार किया, बल्कि जब उसने अपनी मां को वीडियो कॉल करके चोटों के निशान दिखाने की कोशिश की, तो हॉस्टल इंचार्ज और गार्ड ने उसे रोका। उसने यह भी बताया कि पहले से ही उसे धमकी भरे ईमेल और अश्लील संदेश मिल रहे थे, जिससे वह डरी हुई थी।

छात्रों का गुस्सा, कैंपस में प्रदर्शन

घटना के बाद यूनिवर्सिटी (SAU university rape case) में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। सैकड़ों छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और मांग की कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। उनका कहना है कि कॉलेज परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर है और कई बार शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। छात्रों ने कहा कि अगर प्रशासन ने इस बार भी मामले को दबाने की कोशिश की, तो वे बड़े स्तर पर विरोध करेंगे।

राजधानी में बढ़ते अपराधों पर फिर उठे सवाल

दिल्ली एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कटघरे में है। देश की राजधानी कहे जाने वाले इस शहर में छात्राओं और कामकाजी महिलाओं से जुड़े अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की यह घटना उस लंबी फेहरिस्त में नया नाम जोड़ती है, जो बताती है कि सुरक्षित माहौल देने के वादे अब भी अधूरे हैं। कुछ ही दिन पहले एक मेडिकल छात्रा के साथ नशीला पदार्थ खिलाकर रेप और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज हुआ था। अब यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर ऐसी वारदात ने दिखा दिया है कि न तो शिक्षा संस्थान सुरक्षित हैं, न ही प्रशासनिक निगरानी पर्याप्त है।
लोगों का कहना है कि जब राजधानी के बीचोंबीच स्थित प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में ऐसी घटना हो सकती है, तो बाकी जगहों की हालत का अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है।

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Jaisalmer Bus Fire news: जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर दर्दनाक बस हादसा! 20 की मौत, 16 गंभी...

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Jaisalmer Bus Fire news: राजस्थान के जैसलमेर जिले में मंगलवार दोपहर एक ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। जोधपुर की ओर जा रही एक निजी एसी स्लीपर बस अचानक आग की चपेट में आ गई। हादसा जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर हुआ और देखते ही देखते आग ने पूरी बस को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इस भीषण आग में करीब 20 लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि 16 यात्री गंभीर रूप से झुलस गए। बस में कुल 57 लोग सवार थे।

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बस के अंदर धुआं भरने से बंद हो गया था दरवाजा- Jaisalmer Bus Fire news

स्थानीय लोगों और जांच अधिकारियों के मुताबिक, हादसे की वजह बस के सेंट्रल एसी सिस्टम में शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, इस बस को हाल ही में नॉर्मल बस से एसी स्लीपर में मॉडिफाई किया गया था और केके ट्रैवल्स ने इसे सिर्फ 5 दिन पहले ही इस रूट पर लगाया था। आग लगते ही बस के अंदर इतना धुआं भर गया कि दरवाजा ऑटो-लॉक हो गया और यात्री बाहर नहीं निकल सके। कई लोगों ने खिड़कियों के कांच तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन ज्यादातर लोग फंसकर रह गए।

स्थानीय लोगों और आर्मी ने किया रेस्क्यू

थईयात गांव निवासी कस्तूर सिंह ने बताया कि लोगों की चीखें दूर तक सुनाई दे रही थीं। उन्होंने कहा, “लोग कांच तोड़कर कूद रहे थे, जान बचाने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन काफी देर तक कोई फायर ब्रिगेड नहीं पहुंची। आखिर में सेना ने JCB की मदद से बस का गेट तोड़ा और लोगों को बाहर निकाला।” बताया जा रहा है कि बस से केवल 16 यात्रियों को ही जिंदा बाहर निकाला जा सका।

एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत

इस हादसे में सेतरावा के लवारन गांव के महेंद्र मेघवाल और उनके पूरे परिवार के पांच सदस्य की मौत हो गई। महेंद्र जैसलमेर में सेना के गोला-बारूद डिपो में कार्यरत थे और दीपावली मनाने के लिए परिवार के साथ गांव जा रहे थे। वहीं, स्थानीय पत्रकार राजेंद्र सिंह भी इस हादसे में जिंदा जल गए। इसके अलावा घायलों में एक कपल भी शामिल है, जो जोधपुर में प्री-वेडिंग शूट करवाकर लौट रहा था।

शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच शुरू

जली हुई हालत में शवों की पहचान कर पाना मुश्किल हो गया है, इसलिए प्रशासन ने डीएनए सैंपलिंग शुरू कर दी है। मृतकों और परिजनों के सैंपल जोधपुर और जैसलमेर में लिए जा रहे हैं। मंगलवार देर रात 19 शवों को जोधपुर लाया गया, जिनमें से एक पोटली में सिर्फ हड्डियां ही मिलीं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जोधपुर मेट्रो अस्पताल में बर्न वार्ड की विशेष व्यवस्था की गई है।

हादसे की जांच में जुटीं एजेंसियां

फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच चल रही है। शुरुआती जांच में एसी कम्प्रेशर फटने, शॉर्ट सर्किट और बस में पटाखे होने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय प्रशासन और फॉरेंसिक टीमें सभी संभावनाओं पर काम कर रही हैं।

मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

हादसे की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तुरंत जयपुर से जैसलमेर पहुंचे। उन्होंने मौके पर स्थिति का जायजा लिया और फिर जोधपुर अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर और सेना के अधिकारियों से पूरी जानकारी ली और पीड़ित परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया और एक्स (Twitter) पर लिखा कि वे इस दर्दनाक हादसे से व्यथित हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

सरकार की ओर से प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है।

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Abdul Aleem ZOHO: बिना डिग्री ZOHO में बना चीफ इंजीनियर! गार्ड की नौकरी से अब्दुल अली...

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Abdul Aleem ZOHO: तमिलनाडु के अब्दुल अलीम की, जिन्होंने अपनी मेहनत और सीखने की ललक से एक सिक्योरिटी गार्ड से ZOHO कॉर्पोरेशन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने तक का सफर तय किया। यहाँ तक उनके लिए आसान नहीं रहा है उन्होंने कई मुश्किलों के बाद इस मुकाम को हासिल किया हैं। तो चलिए आपको इस लेख में अब्दुल अलीम के बारे में विस्तार से बताते हैं।

अब्दुल अलीम की प्रेरणादायक कहानी

अब्दुल अलीम की कहानी दर्शाती है कि हुनर ​​और जुनून डिग्रियों से ज़्यादा कीमती होते हैं…दरअसल साल 2013 में, अब्दुल अलीम (Abdul Aleem ZOHO) सिर्फ़ ₹1,000 लेकर घर से निकले थे। उनके पास न तो कोई नौकरी थी और न ही कोई मार्गदर्शक। कुछ महीने बाद, उन्होंने ज़ोहो कॉर्पोरेशन (ZOHO Corporation) नामक एक स्टार्टअप में प्रोटोटाइप गार्ड के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उस समय, उन्होंने सिर्फ़ 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की थी और उन्हें HTML का थोड़ा-बहुत ज्ञान था।

कंपनी में काम करते हुए, उनकी मुलाकात ZOHO के एक वरिष्ठ कार्यकारी शिबू एलेक्सिस से हुई। शिबू ने अलीम की आँखों में कुछ सीखने का जुनून देखा। इसलिए एक दिन शिबू एलेक्सिस ने अलीम को कोडिंग सीखने का सुझाव दिया और उसे ट्रेनेंड करने की ऑफर दिया। अगले आठ महीनों तक, अलीम ने दिन में 12 घंटे की सुरक्षा गार्ड की शिफ्ट में काम किया और रात में प्रोग्रामिंग सीखी।

कड़ी मेहनत से बनाया ऐप – Abdul Aleem ZOHO

उन्होंने कड़ी मेहनत के बाद एक साधारण सा ऐप (App) बनाया, जो यूजर इनपुट को विज़ुअल रूप में दिखाता था। जिसके बाद शिबू एलेक्सिस ने अलीम के इस ऐप को एक मैनेजर को दिखाया। अलीम को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। शुरुआती हिचकिचाहट के बावजूद, मैनेजर ने उन्हें बताया कि ZOHO में कॉलेज की डिग्री नहीं, बल्कि आपका कौशल (Skill) मायने रखता है।

कंपनी में शुरू किया काम 

वही जब अलीम ने इंटरव्यू दिया तो सब कोई हैरान रह गए और अलीम ने इंटरव्यू पास कर लिया और उसी कंपनी में आज आठ साल बाद एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर (Software Development Engineer) के रूप में काम करना शुरू कर दिया। आपको बता दें आज, अब्दुल अलीम ZOHO में एक सफल सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर हैं और उनकी कहानी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है। कि अगर महेनत और जूनून हो तो इन्सान क्या कुछ नहीं कर सकता है।

Diwali Cleaning Tips: किचन कैबिनेट्स की जमी हुई चिकनाई उड़ाएं चुटकियों में – दीवाली स...

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Diwali Cleaning Tips: दीवाली आते ही घर की सफाई का सिलसिला शुरू हो जाता है। हर कोना चमकाना ज़रूरी लगता है क्योंकि मान्यता है कि मां लक्ष्मी साफ-सुथरे घर में ही आती हैं। वैसे तो पूरे घर की सफाई अहम होती है, लेकिन किचन, खासतौर पर किचन कैबिनेट्स की सफाई सबसे ज्यादा सिरदर्द बन जाती है। खाना बनाते वक्त तेल के छींटे, मसालों की नमी और धुएं की परतें कैबिनेट्स को चिपचिपा और गंदा बना देती हैं। नतीजा – दाग, गंध और लकड़ी या लैमिनेट का खराब होना।

अगर आप सोच रहे हैं कि इसे कैसे आसानी से साफ किया जाए, तो घबराइए नहीं। यहां हम आपको कुछ ऐसे आसान, असरदार और घरेलू टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी किचन कैबिनेट्स को फिर से चमका सकते हैं और वो भी बिना किसी महंगे क्लीनर के।

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गर्म पानी और नमक – सिंपल लेकिन असरदार तरीका

इस देसी नुस्खे को आजमाकर देखें, खासकर अगर आपके कैबिनेट्स लकड़ी के हैं।

कैसे करें इस्तेमाल

  • गर्म पानी में थोड़ा नमक मिलाएं।
  • एक कपड़े को उसमें भिगोकर निचोड़ें और कैबिनेट्स को पोंछें।
  • ज़रूरत पड़े तो थोड़ा रगड़ें।

इससे सतह को नुकसान नहीं पहुंचेगा और चिपचिपाहट भी खत्म हो जाएगी।

सिरका और बेकिंग सोडा – चिपचिपे दागों का सॉल्यूशन | Diwali Cleaning Tips

किचन में जमा ग्रीस और जिद्दी दागों को हटाने के लिए सिरका और बेकिंग सोडा का कॉम्बिनेशन बेस्ट माना जाता है।

ऐसे करें इस्तेमाल

  • एक स्प्रे बॉटल में बराबर मात्रा में सिरका और पानी मिलाएं।
  • इसमें 1 चम्मच बेकिंग सोडा डालें और अच्छे से हिलाएं।
  • इस मिक्सचर को कैबिनेट्स पर स्प्रे करें और 10 मिनट के लिए छोड़ दें।
  • फिर माइक्रोफाइबर या नरम कपड़े से पोंछ लें।

इससे न सिर्फ ग्रीस हटेगा, बल्कि कैबिनेट्स पर नैचुरल शाइन भी लौट आएगी।

नींबू और डिशवॉश लिक्विड – सफाई के साथ महक भी

नींबू का सिट्रिक एसिड तेल और गंध दोनों को दूर करता है।

ऐसे करें इस्तेमाल

  • गुनगुने पानी में 2 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच डिशवॉश लिक्विड मिलाएं।
  • एक स्पॉन्ज से कैबिनेट्स को साफ करें और फिर सूखे कपड़े से पोंछ लें।
  • पुरानी बदबू भी खत्म हो जाएगी और किचन में एक फ्रेशनेस आ जाएगी।

नारियल तेल – पुरानी लकड़ी को नया लुक

लकड़ी के कैबिनेट्स अगर पुराने लगने लगे हैं तो नारियल तेल आपकी मदद कर सकता है।

ऐसे करें इस्तेमाल

  • कुछ बूंदें नारियल तेल की कपड़े में लें।
  • कैबिनेट्स पर सर्कुलर मोशन में रगड़ें।
  • 10 मिनट बाद सूखे कपड़े से पोंछ लें।

इससे लकड़ी में नमी आएगी और नेचुरल ग्लो भी लौटेगा।

माइक्रोफाइबर कपड़ा – डेली क्लीनिंग का सीक्रेट

अगर कैबिनेट्स को रोजाना साफ किया जाए, तो गंदगी जमने का मौका ही नहीं मिलेगा। हर दिन माइक्रोफाइबर कपड़े से हल्के हाथों से पोंछना शुरू करें। हफ्ते में एक बार गुनगुने पानी से क्लीनिंग करें – इससे पॉलिश भी बरकरार रहेगी।

इंटीरियर भी करें साफ – सिर्फ बाहर नहीं

हम अकसर बाहर की सफाई करते हैं, लेकिन अंदर की सफाई उतनी ही ज़रूरी है।

कैसे करें

  • कैबिनेट्स को खाली करें।
  • सूखे कपड़े से डस्ट हटाएं।
  • हल्के डिटर्जेंट वाले पानी से पोंछें और पूरी तरह सूखने दें।
  • चाहें तो पेपर लाइनर बिछाएं, इससे अगली बार क्लीनिंग आसान होगी।

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