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Ancient civilizations Dream interpretation: प्राचीन सभ्यताओं में सपनों की भूमिका, रहस...

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Ancient civilizations Dream interpretation: सपनों को मानव इतिहास की सबसे रहस्यमय और गूढ़ घटनाओं में से एक माना जाता है। चाहे वे केवल मस्तिष्क की सक्रियता का नतीजा हों या फिर गहरे आध्यात्मिक संदेश, प्राचीन सभ्यताओं में सपनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। वे न केवल भविष्यवाणियों और ईश्वरीय निर्देशों के रूप में देखे जाते थे, बल्कि सामाजिक और धार्मिक जीवन का अहम हिस्सा भी थे।

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प्राचीन मेसोपोटामिया और मिस्र में सपनों की समझ- Ancient civilizations Dream interpretation

सबसे पहले सपनों की व्याख्याओं का दस्तावेजी प्रमाण प्राचीन मेसोपोटामिया और मिस्र में मिलता है। गिलगमेश महाकाव्य, जो लगभग 2100 ईसा पूर्व संकलित हुआ था, सपनों का सबसे पहला ज्ञात विवरण प्रस्तुत करता है। इस महाकाव्य में राजा गिलगमेश के सपनों को भविष्य के संकेत के रूप में देखा गया, जो उसकी जीवन यात्रा और मित्रता के निर्माण का आधार बने।

Ancient civilizations Dream interpretation

मेसोपोटामियाई लोग सपनों को तीन प्रकारों में वर्गीकृत करते थे – देवताओं के संदेश, भविष्यवाणियां, और स्वप्नदृष्टा की मनोवैज्ञानिक अभिव्यक्तियाँ। इसी तरह, प्राचीन मिस्रवासियों ने भी सपनों को इतना महत्व दिया कि उन्होंने सपनों की किताबें बनाईं। मिस्र के फुरसत काल में, रामेसेस द्वितीय के शासनकाल के दौरान, एक स्वप्न पुस्तक लिखी गई जिसमें 108 स्वप्नों के अर्थ बताए गए थे। इन सपनों को अच्छे या बुरे संकेतों के रूप में देखा जाता था और विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से उनकी व्याख्या की जाती थी।

स्वप्न ऊष्मायन: सपनों की प्राप्ति की प्राचीन विधि

प्राचीन सभ्यताओं में सपनों को प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता था, जिसे स्वप्न ऊष्मायन कहा जाता है। मिस्र, मेसोपोटामिया, ग्रीस और यहूदियों ने इस विधि को अपनाया। इस अनुष्ठान में स्वप्न व्याख्याकारों के पास जाकर कई तरह के अनुष्ठान और प्रार्थनाएं की जाती थीं ताकि विशिष्ट सपनों को प्राप्त किया जा सके और उनका सही अर्थ निकाला जा सके।

Ancient civilizations Dream interpretation

इस्लामी परंपरा में भी इस तरह के स्वप्न प्राप्त करने के अभ्यास को महत्व दिया गया है। सूफी संत इब्न अरबी ने स्पष्ट सपनों को देखने के लिए प्रशिक्षण की महत्ता पर बल दिया था। यह विश्वास था कि सपनों के माध्यम से व्यक्ति उच्च चेतना की अवस्था तक पहुंच सकता है।

धार्मिक दृष्टिकोण में सपनों का महत्व

प्राचीन और आधुनिक धार्मिक ग्रंथों में सपनों का महत्व अत्यधिक है। यहूदी धर्म में सपनों को ईश्वर और मानव के बीच संवाद का माध्यम माना जाता है। बाइबल में पैगंबर अब्राहम को स्वप्नों के जरिए निर्देश दिए गए, और इस्लाम में पैगंबर मुहम्मद ने अपने अनुयायियों को सपनों के महत्व की सीख दी। 13वीं सदी के विद्वान इब्न खाल्दुन ने सपनों को तीन श्रेणियों में बांटा – दिव्य ज्ञान, स्वर्गदूतों से संदेश, और शैतानी भ्रम।

सपनों की व्याख्या की कला

प्राचीन काल से ही सपनों की व्याख्या का विकास हुआ है। मिस्र, मेसोपोटामिया और मध्य पूर्व के विद्वानों ने इसे गहराई से समझने की कोशिश की। फारसी धर्म में सपनों को उनके घटित होने के दिन के अनुसार वर्गीकृत किया जाता था। उदाहरण के लिए, महीने के तीसरे दिन देखे गए सपने अक्सर झूठे होते थे, जबकि छठे दिन देखे गए सपने जल्दी सच हो जाते थे।

हालांकि सपनों की व्याख्या में हमेशा से ही व्यक्तिपरकता और संदिग्धता बनी रही है। इसी कारण प्राचीन कथाओं में एक ही सपने की अलग-अलग व्याख्याएँ पाई जाती हैं, जो दर्शाता है कि सपनों की व्याख्या जितनी कठिन थी, उतनी ही महत्वपूर्ण भी।

सपनों की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गहराई

प्राचीन सभ्यताओं में सपनों का स्थान केवल मनोरंजन या मानसिक प्रक्रिया तक सीमित नहीं था। वे सामाजिक जीवन, धार्मिक आस्थाओं और सांस्कृतिक विश्वासों के केंद्र में थे। सपने न केवल भविष्य की सूचना देने वाले माध्यम थे, बल्कि आत्मा, चेतना और मन के गूढ़ पहलुओं तक पहुंचने का जरिया भी थे।

आज भी, सपनों को समझने की खोज जारी है। चाहे वैज्ञानिक दृष्टिकोण हो या धार्मिक विश्वास, सपनों की यह प्राचीन यात्रा मानवता के मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक इतिहास का अभिन्न हिस्सा बनी हुई है।

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Covid-19 new JN.1 variant: कोरोना का JN.1 वैरिएंट क्या है? इंफेक्शन होने पर दिखने वाल...

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Covid-19 new JN.1 variant Update : 2020 में कोरोना महामारी का खौफ इस कदर छाया हुआ था कि लोगों के अंदर आज भी अगर कोरोना का नाम लिया जाता है, तो जान का डर बैठ जाता है। तब से अभी तक कई वैरिएंट आ चुके है। इसी कड़ी में अभी हाल ही में भारत में एक बुरी खबर ने फिर से दस्तक दी है। 2020 में फैले जानलेवा कोरोना महामारी(Covid 19) के एक नए वैरिएंट ने फिर से भारत में जड़े ज़मानी शुरु कर दी है। 2 जून को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय(Ministry of Health and Family Welfare) ने कोरोना वायरस के संक्रमित लोगों के आकड़ों की सूची जारी की है जिसने अनुसार 2 जून तक भारत में 3961 संक्रमण के मामले देखने को मिले है तो वहीं 4 लोगो की मौत भी दर्ज की गई है।

कोरोना का नया जेएन 1 वैरिएंट Covid-19 new JN.1 variant

कोरोना के इस नए वैरिएंट को जेएन 1 वैरिएंट नाम दिया गया है। आखिर कैसे कर रहा है ये लोगो पर अटैक, कैसे होगी इसकी पहचान, क्या है इसके लक्षण और कैसे करे इस वैरियेंट से अपना बचाव, सब कुछ जानेंगे डिटेल से। 2025 की शुरू से ही भारत में जेएन 1 ने दस्तक दी थी। इसका पहला मामला केरल में देखने को मिला था। कोरोना का दो नए वैरिएंट आए है। एनबी .1.8.1 एनएफ.7 और जेएन 1 वैरिएंट, ये वैरिएंट भारत में ही जन्में है। कोरोना के मामले सबसे ज्यादा केरल में जहां 1,435 मामले देखने को मिले है। इसके बाद दूसरे नंबर पर है महाराष्ट्र जहां 506 मामले सामने आए है  और तीसरे नंबर पर है राजधानी दिल्ली जहां 483 मामले सामने आ चुके है।

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क्या है लक्षण symptoms of coronavirus new variant 

कोविड 19 के इस नए वेरिएंट एनबी .1.8.1 एनएफ.7 और जेएन 1 वैरिएंट से पीड़ित लोगों के लक्षणों को पता करने के लिए कुछ लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके कई लक्षण मुख्य है ।

  • सर्दी और सूखी खांसी होना
  • तेज बुखार होना या शरीर में ताप रहना
  • पूरे शरीर में हर वक्त बहुत दर्द रहना और सर में दर्द होना
  • खाने में स्वाद का पता न लगना और किसी तरह की खुशबू और बदबू का न आना
  • आवाज का हमेशा बैठे रहना
  • डायरिया होना या फिर दस्त होना

अगर इन लक्षणों को पाया जाता है तो तुरंत कोविड 19 की जांच कराना चाहिए। कोरोना का ये नया वेरिएंट आमिक्रोम वेरिएंट का ही हिस्सा है। जो पहली बार भारत में पाया गया था। नए वैरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम की इंटेक्सिंग की जा रही है, जिसमें ज्यादातर नमूनो की इंडेक्सिंग में जेएन1 वैरिएंट ही पाया गया है।

कैसे करें जांच औऱ बचाव how to prevent from coronavirus

चुंकि कोरोना वायरस से संक्रमित हो या न हो, इसका पता केवल जांच से ही लगाया जा सकता है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को लक्षणों के होने का अहसास भी होता है तो उसे खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। जेएन1 वैरिएंट शरीर में 10 दिनो तक रह सकता है। इसलिए जरूरी है कि इलाज शुरु करने और जांच की रिपोर्ट आने से पहले से ही व्यक्ति को मास्क लगा कर रखना चाहिए और भीड़ भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में काम करने वाले डॉक्टर का कहना है कि भले ही जेएन1 वैरिएंट तेजी से फैलता है। लेकिन इसके लक्षणों से ज्यादा नुकसान नहीं हो रहा है। ये केवल आम दिनों में होने वाले साधारण सर्दी-जु़काम जैसा ही है। इससे स्थित गंभीर होने के चासेंस काफी कम है।

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किसके लिए खतरनाक है नया वैरिएंट

कोरोना के नए वैरिएंट 60 साल से ज्यादा के उम्र के लोगो पर, बच्चों पर और गर्भवती महिलाओं और बिमार लोग, जिन्हें डायबीटिज, हार्ट संबंधी, फेफड़ों से संबंधित बीमारी हो, उन लोगो की इम्यूनिटी काफी कमजोर होती है। उन पर वैरिएंट जेएन1 का हमला काफी तेजी से हो सकता है और उन्हें ये नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए उनके बचाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार वाय़रस के उत्पन्न होने के बाद ये बार-बार नए रूपों में आता ही रहेगा। लेकिन जरूरी नहीं की ये हर बार ज्यादा खतरनाक हो। इसलिए पॉजीटिव रिपोर्ट आने के बाद भी घबराने की जरूरत नहीं है। केवल प्रिकॉशन के जरिए कोविड 19 के नए वैरिएंट से लड़ा जा सकता है।

World Bicycle Day: बच्चे, बड़े और बुजुर्ग सभी के लिए वरदान है साइकिलिंग, जानिए किन लो...

World Bicycle Day: कहा जाता है साइकिल चालने से शारीर को कई फायदे होते है लेकिन क्या आप विश्व साइकिल दिवस  के बारे में जानते है अगर नहीं तो चलिए जानते है विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) 3 जून को मनाया जाता है, और यह साइकिलिंग के अनगिनत फायदों को उजागर करता है। साइकिल चलाना बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों सभी के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते है आखिर साइकिल चलने के फायदे के बारे में…

साइकिलिंग के फायदे

शारीरिक स्वास्थ्य – साइकिलिंग कैलोरी बर्न करने में मदद करती है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है, जिससे वजन कम करने और उसे बनाए रखने में मदद मिलती है। वही यह एक कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज है जो हृदय और फेफड़ों को मजबूत करती है, हृदय रोगों और स्ट्रोक के जोखिम को कम करती है। साइकिलिंग करने से पैरों, जांघों, कूल्हों और कमर की मांसपेशियों को मजबूत करती है।

जोड़ों पर कम दबाव –  यह एक लो-इम्पैक्ट व्यायाम है, जिसका अर्थ है कि यह जोड़ों पर दौड़ने या कूदने जितना दबाव नहीं डालता, जिससे यह सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। ध्यान देने वाली बात नियमित साइकिलिंग मधुमेह के खतरे को कम करने या नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।

रोगों से बचाव 

यह कुछ प्रकार के कैंसर, अवसाद, मोटापा और गठिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। साइकिल चलाने से एंडोर्फिन नामक ‘हैप्पी हार्मोन’ रिलीज होते हैं, जो मूड को बेहतर बनाते हैं और तनाव, अवसाद या चिंता की भावनाओं को कम करते हैं। आपको बता दें, साइकिल चलाने से प्रदूषण नहीं होता और यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है। वही यह परिवहन का एक सस्ता साधन है, जो ईंधन के खर्च और सार्वजनिक परिवहन की लागत को बचाता है। इसके अलवा  ट्रैफिक जाम से बचने का यह एक शानदार तरीका है।

किन लोगों को साइकिलिंग से बचना चाहिए 

  • घुटने की गंभीर समस्या या गठिया –  घुटने की गंभीर गठिया, लिगामेंट की चोट या कार्टिलेज की क्षति वाले लोगों को साइकिल चलाने से बचना चाहिए या डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही साइकिल चलाना शुरू करना चाहिए। साइकिल चलाने से घुटनों पर बार-बार दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है।
  • रीढ़ की हड्डी की समस्या – हर्नियेटेड डिस्क, स्लिप्ड डिस्क या गंभीर स्कोलियोसिस से पीड़ित लोगों के लिए साइकिल चलाना हानिकारक हो सकता है। साइकिल चलाते समय आगे की ओर झुकने की मुद्रा रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालती है।
  • गंभीर हृदय रोग – गंभीर हृदय रोग (जैसे हार्ट फेलियर या जिन्हें हाल ही में दिल का दौरा पड़ा हो) से पीड़ित लोगों को डॉक्टर से परामर्श किए बिना साइकिल चलाना शुरू नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है।
  • चक्कर आना या संतुलन की समस्या – जिन लोगों को अक्सर चक्कर आते हैं या संतुलन बनाने में परेशानी होती है, उन्हें नियमित साइकिल चलाने से गिरने का खतरा हो सकता है। ऐसे लोगों के लिए, एक स्थिर बाइक (जिम में) एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।

West Bengal Contractor Murder: मालदा में दिल दहला देने वाला मामला: दीवार के अंदर मिला...

West Bengal Contractor Murder: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में सोमवार को एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ, जिसमें एक 31 वर्षीय लेबर कॉन्ट्रैक्टर सद्दाम नदाफ का शव उसकी मायके की दीवार के अंदर से बरामद किया गया। यह घटना दक्षिण दिनाजपुर के टपन इलाके की है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है।

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सद्दाम नदाफ 18 मई से था लापता- West Bengal Contractor Murder

मृतक सद्दाम नदाफ मालदा के इंग्लिशबाजार के निवासी थे और मजदूरों को दूसरे राज्यों में भेजने का काम करते थे। 18 मई की रात वे अपने ऑफिस से निकले और वापस घर लौटे नहीं। उनकी पत्नी नसरीन खातून ने 23 मई को पुकुरिया थाने में लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में सद्दाम के रिश्तेदार रहमान नदाफ और कथित प्रेमिका मौमिता हसन को अपहरण का शक बताया गया था।

West Bengal Contractor Murder
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प्रेम-प्रसंग, व्यापार और ब्लैकमेलिंग के बीच फंसी हत्या

पुलिस की जांच के दौरान सामने आया कि सद्दाम और मौमिता के बीच व्यापारिक साझेदारी के साथ-साथ एक अवैध प्रेम-प्रसंग भी था। लगातार पूछताछ में मौमिता ने हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि झगड़े और विवादों के बाद सद्दाम की हत्या कर दी गई और शव को छुपाने के लिए उसकी लाश को दीवार के अंदर प्लास्टर कर दिया गया। मालदा के पुलिस अधीक्षक प्रदीप यादव ने बताया कि ब्लैकमेलिंग और तनावपूर्ण संबंधों के चलते यह हत्या हुई।

दीवार के अंदर सड़ा मिला शव

पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सद्दाम का शव दीवार से बाहर निकाला। शव बुरी तरह सड़ चुका था, जिससे पता चलता है कि हत्या कुछ समय पहले हुई थी। पूरी दीवार को प्लास्टर कर हत्या को छिपाने की कोशिश की गई थी।

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मौमिता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सद्दाम उसे ब्लैकमेल करता था और शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित करता था। उसने धमकी भी दी थी कि वह उसके पति को मार देगा। इस कारण वह मजबूर होकर ऐसा कदम उठाने पर मजबूर हुई।

पत्नी का आरोप: कई लोग शामिल

सद्दाम की पत्नी नसरीन खातून ने कहा कि यह हत्या केवल मौमिता की वजह से नहीं हुई, इसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं। उन्होंने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा, विशेषकर फांसी की सजा देने की मांग की। पुलिस भी इस मामले में अन्य संदिग्धों की संलिप्तता की जांच कर रही है। मौमिता और रहमान को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।

मामला प्रेम, धोखे और व्यापारिक विवाद का जटिल मिश्रण

यह मामला शुरू हुआ था प्रेम-प्रसंग से, बढ़ा व्यापारिक विवाद और ब्लैकमेलिंग में, और अंततः एक दर्दनाक हत्या में तब्दील हो गया। पुलिस इस हत्याकांड के पीछे के कारणों और जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर रही है, ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

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AC Water Benefits: गर्मियों में एसी से निकलने वाले पानी का फायदेमंद इस्तेमाल कैसे करे...

AC Water Benefits: गर्मी के मौसम में हर घर में एयर कंडीशनर (एसी) का इस्तेमाल आम बात हो गई है। एसी से ठंडक तो मिलती ही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसी से निकलने वाला पानी भी कई तरह से काम आ सकता है? अक्सर इस पानी को बेकार समझकर नालियों में बहा दिया जाता है, लेकिन यह पानी काफी हद तक शुद्ध होता है और इसे विभिन्न उपयोगों में लाया जा सकता है। आइए जानते हैं एसी के पानी के फायदे और इसे कैसे सही तरीके से इस्तेमाल करें।

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एसी से निकलने वाला पानी कैसे बनता है? (AC Water Benefits)

एसी में हवा को ठंडा करने के दौरान हवा की नमी (मॉइश्चर) कंडेंसेट होकर पानी में बदल जाती है। यही पानी एसी की पाइप से बाहर निकलता है। हालांकि यह पानी पीने योग्य नहीं होता क्योंकि इसमें हवा से आने वाली धूल और अन्य सूक्ष्म कण मिल सकते हैं। फिर भी इसके कई उपयोग घरेलू और बागवानी के लिए फायदे मंद होते हैं।

एसी के पानी का उपयोग कहां-कहां करें?

पौधों की सिंचाई:

एसी से निकलने वाला पानी पौधों को देने के लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है। इसमें क्लोरीन या अन्य रासायनिक तत्व नहीं होते, जिससे यह पौधों के लिए सुरक्षित होता है। आप इसे अपने गमलों या बागीचे में सीधे डाल सकते हैं। इससे जल संरक्षण भी होता है और पानी की बचत भी।

AC Water Benefits
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सफाई के काम:

एसी का पानी फर्श, खिड़कियां, बालकनी या घर के अन्य हिस्सों को साफ करने में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पानी शुद्ध होता है और घरेलू सफाई के लिए उपयोगी साबित होता है।

गाड़ी धोना:

अगर आपके पास वाहन है तो आप इसे धोने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। एसी का पानी साबुन या डिटर्जेंट के साथ मिलाकर गाड़ी की सफाई में लगाया जा सकता है।

एयर कूलर में पानी भरना

गर्मी में एयर कूलर का इस्तेमाल भी काफी होता है। एसी के पानी को आप कूलर में डाल सकते हैं, जिससे साफ और ठंडा पानी मिलता है। यह पानी कूलर की टंकी को भी स्वच्छ रखने में मदद करता है।

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इन्वर्टर की बैटरी में न डालें एसी का पानी

एसी से निकले पानी को इन्वर्टर या किसी भी बैटरी में डालना बिल्कुल सही नहीं होता। बैटरी कंपनियां भी स्पष्ट रूप से बताती हैं कि केवल डिस्टिल्ड वाटर ही बैटरी में डाला जाना चाहिए। एसी के पानी में कुछ अशुद्धियां हो सकती हैं जो बैटरी की लाइफ को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए इस पानी को इन्वर्टर की बैटरी में डालने से बचें।

इस तरह छोटे-छोटे बदलाव से न केवल आपकी बचत होगी, बल्कि पर्यावरण की भी रक्षा होगी। इस गर्मी में जब भी एसी चलाएं, उसके पानी का सदुपयोग जरूर करें और जल संरक्षण की दिशा में एक कदम बढ़ाएं।

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Who Is Wazahat Khan: कोलकाता में धार्मिक विवाद: शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के बीच श...

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Who Is Wazahat Khan: कोलकाता पुलिस द्वारा धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गुरुग्राम की लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले में शिकायतकर्ता वजाहत खान, जो खुद सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट के कारण जांच के घेरे में हैं, अब कोलकाता पुलिस की जांच का सामना कर रहे हैं।

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वजाहत खान पर कई शिकायतें दर्ज- Who Is Wazahat Khan

कोलकाता पुलिस के साइबर सेल और शहर के विभिन्न थानों में वजाहत खान के खिलाफ कम से कम सात शिकायतें दर्ज की गई हैं। इन शिकायतों में सोशल मीडिया पर उनके द्वारा सांप्रदायिक और भड़काऊ पोस्ट साझा करने के आरोप शामिल हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वजाहत खान के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच जारी है और जांच पूरी होने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इन शिकायतों में एक नाम प्रमुख एनजीओ प्रमुख प्रसून मैत्रा का भी है, जिन्होंने वजाहत खान को “आदतन अपराधी” करार देते हुए सवाल उठाया है कि जब शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ इतनी जल्दी कार्रवाई हुई, तो वजाहत खान के खिलाफ वैसी कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। फिलहाल वजाहत खान का ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिया गया है।

शर्मिष्ठा पनोली की स्वास्थ्य स्थिति चिंताजनक

शर्मिष्ठा पनोली की ओर से उनके वकील मोहम्मद समीमुद्दीन ने मीडिया को बताया कि उनकी मुवक्किला की सेहत लगातार बिगड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अलीपुर महिला सुधार गृह की स्थिति बेहद खराब और अस्वच्छ है, जहां शर्मिष्ठा को किडनी स्टोन की समस्या के साथ बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। वकील ने कोर्ट में याचिका दायर कर हिरासत में मौलिक अधिकारों की मांग की है। उन्होंने यह भी बताया कि शर्मिष्ठा निर्दोष हैं और उनकी जमानत के लिए पूरी कोशिश की जा रही है।

गिरफ्तारी का मामला: क्या कहा गया था वीडियो में?

22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने 30 मई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था। उन पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े एक वीडियो में कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सांप्रदायिक टिप्पणी करने का आरोप था।

यह शिकायत वजाहत खान ने 15 मई को गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी, जिसमें पनोली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295A (अब धारा 299) के तहत मामला बनाया गया। वीडियो में शर्मिष्ठा ने बॉलीवुड के कुछ मुस्लिम अभिनेताओं पर ऑपरेशन सिंदूर के विषय में चुप्पी साधने का आरोप लगाया था और कथित अपमानजनक भाषा का भी प्रयोग किया था।

हालांकि वीडियो को हटाने और सार्वजनिक माफी मांगने के बावजूद पुलिस ने पनोली को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

वजाहत खान के खिलाफ आरोप और विवाद

वजाहत खान खुद विवादों में फंस गए हैं। उन पर सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं और परंपराओं के खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ टिप्पणियां करने का आरोप है। उनकी खिलाफ गुवाहाटी, दिल्ली समेत कई जगह शिकायतें दर्ज हैं।

वजाहत खान का नाम कोलकाता के रशीदी फाउंडेशन से भी जुड़ा है, जिसने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सोशल मीडिया जांच में यह भी सामने आया है कि खान ने हिंदू समुदाय को निशाना बनाते हुए नफरत भरे भाषण पोस्ट किए थे, जिनमें हिंदू त्योहारों, मंदिरों और देवताओं का अपमान शामिल था। इसके अलावा उन्होंने पनोली की गिरफ्तारी की मांग करने और जश्न मनाने वाले पोस्ट भी किए।

इन पोस्ट्स के कारण उनके खिलाफ दिल्ली में दो आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें सांप्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप लगाया गया है।

सोशल मीडिया और कानूनी विवाद बढ़ा

शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी के बाद वजाहत खान के अकाउंट की जांच भी तेज हो गई है। विवाद बढ़ने पर उन्होंने कई विवादास्पद पोस्ट डिलीट भी किए हैं। इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया और कानूनी दोनों ही मंचों पर तीव्र बहस को जन्म दिया है।

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RCB vs PBKS IPL Final: 18 साल का इंतजार खत्म, कप्तान पाटीदार और श्रेयस पर है निगाहें,...

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RCB vs PBKS IPL Final: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन में अब वह वक्त आ गया है, जिसका इंतजार क्रिकेट प्रेमियों ने लंबे समय से किया है। इस बार फाइनल मुकाबला होगा पंजाब किंग्स (PBKS) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच, जो दोनों टीमों के लिए पहली बार आईपीएल का खिताब जीतने का मौका होगा। इस फाइनल में कप्तान रजत पाटीदार और श्रेयस अय्यर की अगुआई वाली टीमें आमने-सामने होंगी, लेकिन असली निगाहें विराट कोहली पर टिकी हैं, जो अब तक RCB के साथ आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीत पाए हैं।

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विराट कोहली की अग्निपरीक्षा- RCB vs PBKS IPL Final

विराट कोहली के लिए यह मैच सिर्फ एक फाइनल नहीं, बल्कि उनके करियर की सबसे बड़ी परीक्षा है। 2008 में भारत की अंडर-19 टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने पहली सफलता हासिल की थी। इसके बाद 2011 में विश्व कप, 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी, 2024 में टी20 विश्व कप और 2025 में फिर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का गौरव भी उन्हें मिला। लेकिन आईपीएल में तीन बार (2009, 2011, 2016) फाइनल खेलने के बावजूद ट्रॉफी उनके हाथ नहीं लगी।

RCB vs PBKS Final IPL
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अब 18 साल बाद, कोहली के हाथ में फिर यह मौका है कि वह अपनी टीम को पहली बार आईपीएल खिताब तक ले जाएं। उनके अनुभव, खेल भावना और दबाव में प्रदर्शन पर पूरी दुनिया की नजरें होंगी।

पंजाब किंग्स और श्रेयस अय्यर का मिशन

पंजाब किंग्स भी लंबे समय से आईपीएल ट्रॉफी जीतने के लिए प्रयासरत है। टीम आखिरी बार 2014 में फाइनल खेली थी, लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स से हार गई थी। इस बार श्रेयस अय्यर ने कप्तानी संभाली है, जिन्होंने पहले दिल्ली कैपिटल्स को 2020 में फाइनल तक पहुंचाया और 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ आईपीएल का खिताब जीता।

श्रेयस को इस बार पंजाब किंग्स के साथ अपनी कप्तानी की योग्यता साबित करने का सुनहरा मौका मिला है। वे मेगा ऑक्शन में 26.75 करोड़ रुपये में टीम से जुड़े थे। श्रेयस की बल्लेबाजी और नेतृत्व कौशल पंजाब को पहली ट्रॉफी दिला सकते हैं।

RCB का पिछला फाइनल सफर

RCB ने 2009 में अपना पहला फाइनल खेला था, लेकिन डेक्कन चार्जर्स के हाथों 6 रनों से हार गई थी। 2011 में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ दूसरा फाइनल भी हार गया। 2016 का फाइनल सबसे नजदीकी मुकाबला था, जहां सनराइजर्स हैदराबाद ने 8 रनों से जीत दर्ज की। कोहली ने उस सीजन में बेहतरीन प्रदर्शन किया था, लेकिन टीम खिताब से दूर रही।

RCB vs PBKS Final IPL
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अब 2025 में टीम के पास मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप, फॉर्म में गेंदबाज और नई रणनीतियों के साथ यह मौका है कि वह इतिहास बदल दे।

पंजाब का पिछला फाइनल अनुभव

2014 के आईपीएल फाइनल में पंजाब किंग्स ने 199 रनों का मजबूत स्कोर बनाया था, जिसमें विकेटकीपर रिद्धिमान साहा का नाबाद शतक शामिल था। लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स ने मनीष पांडे और पियुष चावला की मदद से 7 विकेट से मैच जीत लिया था। तब से पंजाब किंग्स ने ट्रॉफी जीतने का इंतजार किया है।

आईपीएल विजेता टीमों का इतिहास

आईपीएल के 18 सीजनों में कई टीमों ने खिताब जीते हैं। राजस्थान रॉयल्स, चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स, सनराइजर्स हैदराबाद, गुजरात टाइटन्स जैसे नाम विजेता रहे हैं। RCB और पंजाब किंग्स ऐसे दो बड़े क्लब हैं जिन्होंने अब तक ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन इस बार दोनों के पास अपनी किस्मत बदलने का मौका है।

फाइनल की अहमियत

3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाने वाला यह मुकाबला सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं, बल्कि 18 साल की तपस्या, उम्मीदों और ख्वाबों का टकराव होगा। विराट कोहली और श्रेयस अय्यर के नेतृत्व में दोनों टीमें पहली बार आईपीएल ट्रॉफी के लिए भिड़ेंगी। इस मैच में जीतने वाली टीम न केवल अपनी नई पहचान बनाएगी, बल्कि अपने फैंस की उम्मीदों को भी पूरा करेगी।

आईपीएल में अब तक की विजेता टीमें

सीजन        विजेता     उपविजेता
 2008  राजस्थान रॉयल्स  चेन्नई सुपर किंग्स को 3 विकेट से हराया
 2009  डेक्कन चार्जर्स  रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 6 रनों से हराया
 2010  चेन्नई सुपर किंग्स  मुंबई इंडियंस को 22 रनों से हराया
 2011  चेन्नई सुपर किंग्स  रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 58 रनों से हराया
2012  कोलकाता नाइट राइडर्स  चेन्नई सुपर किंग्स को 5 विकेट से हराया
 2013  मुंबई इंडियंस  चेन्नई सुपर किंग्स को 23 रनों से हराया
 2014  कोलकाता नाइट राइडर्स  पंजाब किंग्स को 3 विकेट से हराया
2015  मुंबई इंडियंस  चेन्नई सुपर किंग्स को 41 रनों से हराया
2016  सनराइजर्स हैदराबाद  रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 8 रनों से हराया
2017  मुंबई इंडियंस  राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स को 1 रन से हराया
2018  चेन्नई सुपर किंग्स  सनराइजर्स हैदराबाद को 8 विकेट से हराया
 2019  मुंबई इंडियंस  चेन्नई सुपर किंग्स को 1 रन से हराया
 2020  मुंबई इंडियंस  दिल्ली कैपिटल्स को 5 विकेट से हराया
2021  चेन्नई सुपर किंग्स  कोलकाता नाइट राइडर्स को 27 रन से हराया
 2022  गुजरात टाइटन्स  राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हराया
 2023  चेन्नई सुपर किंग्स  गुजरात टाइटन्स को पांच विकेट से हराया
 2024  कोलकाता नाइट राइडर्स  सनराइजर्स हैदराबाद को आठ विकेट

 

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Jagannath Rath Yatra: कोलकाता रथ यात्रा में पहली बार भगवान जगन्नाथ का रथ चलेगा सुखोई ...

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Jagannath Rath Yatra: रथ यात्रा का नाम सुनते ही भक्तों के मन में भगवान जगन्नाथ की भव्य सवारी और भक्तों की उमड़ी भीड़ की छवि उभरती है। इस बार कोलकाता में होने वाली रथ यात्रा कुछ खास और अनोखी होने जा रही है। 50 वर्षों से चलती आ रही परंपरा में पहली बार भगवान जगन्नाथ के रथ में ऐसे टायर लगेंगे जो भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमानों में उपयोग किए जाते हैं।

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48 साल से Boeing विमान के टायर पर चलता था रथ- Jagannath Rath Yatra

कोलकाता में ISKCON यानी इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस पिछले 5 दशकों से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन कर रहा है। इस पूरे समय रथ में पुराने Boeing-747 विमान के सेकेंड हैंड टायर लगते रहे, जो कोलकाता एयरपोर्ट से प्राप्त किए गए थे। ये टायर वर्षों तक रथ की भारी सवारी का भार संभालते रहे, लेकिन अब वे पुरानी हो चुके हैं। पिछले साल की यात्रा में रथ के एक्सल में समस्या आने लगी, जिससे नए और मजबूत टायर की जरूरत महसूस हुई।

Jagannath Rath Yatra ISKCON
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सुखोई फाइटर जेट के टायर MRF ने उपलब्ध कराए

ISKCON के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास के अनुसार, जब उन्होंने भारत की प्रमुख टायर निर्माता कंपनी MRF से संपर्क किया और सुखोई फाइटर जेट्स के टायर की मांग की, तो कंपनी के अधिकारी पहले आश्चर्यचकित हुए। लेकिन ISKCON की श्रद्धा और गंभीरता देखकर MRF की टीम स्वयं आकर पुराने टायरों की जांच करने आई और पुष्टि की कि वे सचमुच Boeing जेट के थे। इसके बाद MRF ने खुशी-खुशी चार नए सुखोई टायर उपलब्ध कराने का फैसला किया।

24 किलोमीटर का ड्राई रन और टायर की खासियतें

31 मई की रात को भगवान जगन्नाथ के रथ को नए सुखोई टायरों पर 24 किलोमीटर का ड्राई रन कराया गया। यह परीक्षण इसलिए किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि टायर पूरी तरह फिट हैं और रथ के भारी भार को आसानी से सहन कर सकते हैं। हर एक टायर की कीमत लगभग ₹1.72 लाख है और ये 16 टन तक वजन उठाने में सक्षम हैं।

27 जुलाई 2025 को होने वाली मुख्य रथ यात्रा में जब हजारों भक्त रथ के रस्से खींचेंगे, तो वे सिर्फ रस्से नहीं बल्कि उस रथ को खींच रहे होंगे, जिसके नीचे ऐसे टायर लगे होंगे जिन पर सुखोई लड़ाकू विमानों का भार उठता है।

ISKCON की 50 साल पुरानी परंपरा में नया अध्याय

ISKCON ने 1972 से लगातार कोलकाता में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया है। यह वैष्णव समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें हजारों श्रद्धालु सड़कों पर उमड़ते हैं और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचने का सौभाग्य पाते हैं। रथ यात्रा का मार्ग पूरे शहर में होता है और अंत में ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विशाल मेला लगता है।

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लगभग 50 साल बाद, इस यात्रा में पहली बार ऐसा होगा कि रथ पर सुखोई लड़ाकू विमानों के अत्याधुनिक टायर लगाए जाएंगे, जो न केवल रथ को मजबूती देंगे बल्कि इस पारंपरिक आयोजन में आधुनिक तकनीक का अद्भुत मेल भी साबित होंगे।

श्रद्धा और आधुनिकता का संगम

यह परिवर्तन न केवल रथ यात्रा की भव्यता को और बढ़ाएगा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आधुनिकता के संगम का प्रतीक भी होगा। जहां भगवान जगन्नाथ की भक्ति सदियों पुरानी है, वहीं सुखोई के टायर आधुनिक भारतीय वायुसेना की ताकत का परिचायक हैं। इस पहल से यह भी संदेश जाता है कि परंपरा और तकनीक साथ-साथ चल सकते हैं।

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Sonali boss: 22 awards winner for 1 film! 20 साल में 4 फिल्म, फिर भी इस महिला डायरेक्...

Sonali Boss Film Director: जब भी कोई फिल्म बनती है तो उस फिल्म को बेहतर बनाने में सबसे बड़ा हाथ कलाकारों का नहीं बल्कि उस फिल्म के डायरेक्टर का होता है। पर्दे पर भले ही हमें किसी भी फिल्म की कहानी नजर आती है, फिल्में में काम कर रहे कलाकार नजर आते हैं, लोग फिल्में देखते है और फिल्म पसंद आई तो तारीफों के पुल बांधते हुए निकल जाते हैं लेकिन असल में एक फिल्म को मजबूत बनाने में फिल्म के निर्देशक का हाथ सबसे ज्यादा होता है। आज हम आपको एक ऐसी ही शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपने 20 सालों के करियर में महज 4 फिल्में बनाई हैं लेकिन ये चारों फिल्में एक से बढ़कर एक है। न केवल फैंस को ये पसंद आई बल्कि उनकी फिल्मों ने झोलिया भर भर कर अवॉर्ड भी जीते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं आज अपना 60 वा जन्मदिन मनाने वाली बॉलीवुड की मशहूर महिला निर्देशक सोनाली बोस की। 3 जून को सोनाली 60 साल की हो गई हैं। आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम उनकी लाइफ के कुछ अनकही जिंदगी के बारे में जानेंगे।

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कौन है सोनाली बोस- Who is Sonali Boss

जब डायरेक्शन की बात आती है तो अमूमन हम मेल डायरेक्टर के बारे में बात करते हैं लेकिन हमारी इंडस्ट्री में ऐसी कई फीमेल डायरेक्टर है जिन्होंने अपने काम से बड़ी पहचान बनाई है। इसी में एक है सोनाली बोस(Sonali Boss)। सोनाली बोस 2005 के फिल्म अमु( Film Amu) से फिल्म इंडस्टी में बतौर निर्देशक कदम रखा था। अमु फिल्म में सोनाली न सिर्फ डायरेक्टर थी बल्कि उन्होंने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था और फिल्म की कहानी भी सोनाली ने ही लिखी थी। लेकिन इसे फिल्म का रूप देने से पहले सोनाली ने अमु नाम की किताब लिखी थी और इसी नाम से फिल्म भी बनाई गई थी। इस फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा( Konkna Sen Sharma) ने बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया था, ये फिल्म 1984 में हुए सिख दंगों पर बेस्ड थी। इंग्लिश भाषा में बनी इस फिल्म को काफी पसंद किया गया। इतना ही नहीं अमु के लिए कई बड़े अवॉर्ड भी जीते थे सोनाली बोस ने। फिल्म अमु के लिए सोनाली को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।

20 साल में केवल 4 फिल्में – Sonali Boss Films List

सोनाली बोस बुक राइटर है।  फिल्म अमु के बाद उन्होंने 10 सालों का लंबा समय लिया था। जिसके बाद 2015 में उन्होंने बतौर डायरेक्टर मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ(margarita with a straw), 2019 में द स्काई इज पिंक, 2022 में मॉडर्न लव मुंबई (Modern Love Mumbai) नाम की फिल्मों को डायरेक्ट किया है। हालांकि 2012 में सोनाली ने चिटगांव फिल्म का बतौर राइटर और प्रोड्यूसर हिस्सा रही थी। मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ के लिए तो सोनाली के झोली में अवार्ड्स की बारिश हो गई थी। इस फिल्म को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, वॉशिंगटन डीसी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, वैसुअल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, ग्रैंड प्रिक्स जूरी अवॉर्ड में बेस्ट फिल्म समेत करीब 22 अवॉर्ड मिले थे।

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बाई-सेक्सुअल है सोनाली

सोनाली बोस ने अपने 20 साल के करियर में चुनिंदा फिल्में की है। सोनाली बोस 3 जून 1965 को कोलकाता के बंगाली परिवार में जन्मी थी। वो अपने कॉलेज के दिनों से ही एक एक्टिविस्ट के तौर पर सक्रिय रही है। सोनाली की फिल्में हमेशा आम फिल्मों से अलग होती है, लकिन उनकी फिल्मों का दर्शकों का बहुत प्यार मिलता है। सोनाली फिलहाल अमेजन ऑरिजिनल के लिए द नोटोरियस गर्ल्स ऑफ मिरांडा हाउस( The Notorious Girls of Miranda House) के निर्देशन में बिजी है। इसके अलावा वो दीक्षा बासु की नोवल द वाइंडफॉल(The Windfall) पर बेस्ड टेलीविजन सीरिज को डायेरेक्ट करने वाली है।

सोनाली बोस फिल्म इंडस्ट्री ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि वो वाइसेक्सुअल है और उनकी फिल्म मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ एलजीबीटी पर ही बेस्ड थी। वेल आपने सोनाली बोस की न सी फिल्म देखी है हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

Putin vs Europe Countries: पुतिन का नया खेल! रूस की सैन्य ताकत और यूरोप में बढ़ता खतर...

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Putin vs Europe Countries: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सैन्य क्षमताओं और यूक्रेन युद्ध के बाद उनकी रणनीति ने यूरोप में चिंता का माहौल बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन के बाद रूस बाल्टिक देशों या पोलैंड की ओर सैन्य कदम बढ़ा सकता है। सवाल यह है कि क्या रूस के पास इतने हथियार और संसाधन हैं कि वह अकेले पूरे यूरोप या नाटो गठबंधन से लड़ सके? चलिय रूस की सैन्य ताकत, उसकी कमजोरियां और यूरोप की तैयारी पर विस्तार से जानते है।

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रूस की सैन्य ताकत- Putin vs Europe Countries

रूस विश्व की सबसे बड़ी सैन्य शक्तियों में शुमार है, खासकर परमाणु हथियारों के मामले में। रूस के पास लगभग 5,580 परमाणु हथियार हैं, जो अमेरिका के बाद सबसे अधिक हैं। ये हथियार अमेरिका के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों की तुलना में चार गुना ज्यादा विनाशकारी हैं।

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रूस की सेना में लगभग 15 मिलियन सक्रिय सैनिक शामिल हैं, जो चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना है। उसके पास 12,500 टैंक, 30,000 बख्तरबंद वाहन और 6,500 तोपखाने मौजूद हैं। बेलारूस में भी रूस ने सामरिक परमाणु हथियार तैनात किए हैं और दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास होते रहते हैं।

सैन्य बजट की बात करें तो रूस अपने जीडीपी का 6.2 प्रतिशत हिस्सा रक्षा पर खर्च करता है, जो नाटो के कई देशों से अधिक है।

रूस की कमजोरियां और यूक्रेन युद्ध का प्रभाव

यूक्रेन युद्ध ने रूस की सैन्य शक्ति पर भारी असर डाला है। इस युद्ध में रूस ने अनुमानित 3 लाख से अधिक सैनिक खोए हैं, साथ ही हजारों टैंक और अन्य उपकरण भी नष्ट हुए हैं। रूस की कई सैन्य प्रणालियां अभी भी पुराने सोवियत मॉडल पर आधारित हैं, जो आधुनिक नाटो हथियारों से कमजोर साबित हो रहे हैं।

आर्थिक रूप से भी रूस दबाव में है। 2023 में उसका बजट घाटा 1.8 ट्रिलियन रूबल पहुंच गया। तेल की कीमतों में गिरावट के कारण उसकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

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नाटो की सैन्य शक्ति और संसाधन

नाटो में 31 सदस्य देश हैं, जिनमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और पोलैंड जैसे शक्तिशाली देश शामिल हैं। नाटो का सैन्य बजट 2024 में लगभग 1.3 ट्रिलियन डॉलर है, जो रूस के सैन्य खर्च से कई गुना अधिक है।

नाटो के पास 3.5 मिलियन से अधिक सक्रिय सैनिक हैं, जिनमें अमेरिका के 1.3 मिलियन, तुर्की के 4.81 लाख और पोलैंड के 2.16 लाख सैनिक शामिल हैं। इनके पास 5,000 से अधिक आधुनिक तोपखाने और 1,668 पांचवीं पीढ़ी के बख्तरबंद वाहन मौजूद हैं। नाटो के देशों के पास 6,000 से अधिक परमाणु हथियार भी हैं।

रूस अकेले यूरोप से लड़ सकता है?

संख्या, आर्थिक ताकत और तकनीकी दृष्टि से रूस अकेले पूरे यूरोप या नाटो से मुकाबला करने में सक्षम नहीं है। नाटो की सेना रूस से दोगुनी से अधिक है, जबकि नाटो देशों का संयुक्त जीडीपी 70 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है, रूस का मात्र 2 ट्रिलियन डॉलर।

नाटो का अनुच्छेद 5 सामूहिक सुरक्षा की गारंटी देता है, जो किसी एक सदस्य देश पर हमला पूरे संगठन पर हमला माना जाता है। रूस के लिए एक साथ 31 देशों से लड़ना बेहद मुश्किल होगा।

यूक्रेन युद्ध के बाद रूस को अपनी सेना पुनर्गठित करने में करीब पांच साल का समय लगेगा। फिर भी, रूस हाइब्रिड युद्ध और परमाणु हथियारों का सहारा लेकर नाटो को कमजोर करने की कोशिश कर सकता है।

अगला मोर्चा: बाल्टिक देश या पोलैंड?

विशेषज्ञों के अनुसार, रूस का अगला निशाना बाल्टिक देशों (एस्टोनिया, लातविया, लिथुआनिया) या पोलैंड हो सकता है। बाल्टिक देश रूस और बेलारूस से लगे हैं और सोवियत संघ के पूर्व भाग थे। पुतिन इन्हें रूस के प्रभाव क्षेत्र के अंतर्गत मानते हैं।

बाल्टिक देशों ने अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाई है और सुरक्षा के लिए बंकर, टैंक रोधी खाइयां आदि तैयार की हैं। रूस इन देशों को हाइब्रिड युद्ध के जरिए अस्थिर करने की कोशिश कर सकता है।

पोलैंड रूस का पुराना प्रतिद्वंदी है और यूक्रेन का समर्थक भी। पोलैंड अपनी सेना को 5 लाख तक बढ़ा रहा है और हर नागरिक को सैन्य प्रशिक्षण दे रहा है। उसने फ्रांस के साथ परमाणु सुरक्षा समझौता भी किया है। सुवालकी गैप, जो पोलैंड और लिथुआनिया के बीच 60 मील लंबा क्षेत्र है, रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है, और इसे कब्जाने से बाल्टिक देशों का नाटो से संपर्क कट सकता है।

यूरोप की तैयारियां

पोलैंड 2026 तक 1 लाख रिजर्व सैनिक तैयार करने की योजना बना रहा है। बाल्टिक देश रक्षा खर्च बढ़ा रहे हैं और नाटो के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। नाटो ने बाल्टिक और पोलैंड में आठ बैटलग्रुप तैनात किए हैं, जबकि अमेरिका पोलैंड में स्थायी बख्तरबंद ब्रिगेड की तैनाती की योजना बना रहा है।

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