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Shahid Afridi controversy: शाहिद अफरीदी फिर विवादों में, दुबई में केरल समुदाय ने किया...

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Shahid Afridi controversy: पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी एक बार फिर से विवादों के केंद्र में आ गए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के खिलाफ अफरीदी ने बेहद आपत्तिजनक और विवादित बयान दिए थे, जिसने पूरे भारत में गहरा आक्रोश फैला दिया था। अब अफरीदी को लेकर एक और ऐसी खबर सामने आई है, जिसने इस नाराजगी को और बढ़ा दिया है।

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दुबई में हुआ भव्य स्वागत– Shahid Afridi controversy

शाहिद अफरीदी को हाल ही में दुबई में केरल समुदाय के लोगों ने एक समारोह में भव्य सम्मान दिया। वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों में देखा जा सकता है कि अफरीदी का ‘बूम बूम’ के नारे लगाकर जोरदार स्वागत किया गया। यह स्वागत ऐसे समय में हुआ है जब भारतीय जनता अभी भी अफरीदी के भारत और भारतीय सेना के खिलाफ कड़े बयानों को लेकर गुस्से में है। उनकी आलोचना को अक्सर भारत विरोधी और उकसाने वाला माना गया है।

सवाल उठे केरल समुदाय के इरादों पर

दुबई में शाहिद अफरीदी का सम्मान किए जाने के बाद लोगों ने केरल समिति के इरादों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर कई लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या उन्हें अफरीदी के भारत विरोधी बयानों की जानकारी थी? या जान-बूझकर उन्होंने उस व्यक्ति का स्वागत किया, जिसने भारतीय सुरक्षा बलों पर कटु टिप्पणी की हो? यह मामला अब विवाद का केंद्र बन चुका है और जनता के बीच इसे लेकर गहरी नाराजगी देखने को मिल रही है।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल ने जताई नाराजगी

इस घटना पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील सिंह श्योराण ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अफरीदी आतंकियों का समर्थन करते हुए भारतीय सशस्त्र बलों की आलोचना करते हैं, फिर भी दुबई में केरल समुदाय उनका स्वागत करता है। उन्होंने लिखा, “मेरा खून खौल उठता है और शर्म आती है। सीमा पर तैनात हमारे सैनिक जब यह देखेंगे तो क्या महसूस करेंगे? अफरीदी भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है।” उनकी इस प्रतिक्रिया ने भी इस मामले में और हलचल मचा दी है।

पहलगाम आतंकी हमले पर अफरीदी का विवादित बयान

पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम नागरिकों की हत्या हुई थी, जो पूरी तरह से एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना थी। इस घटना के बाद शाहिद अफरीदी पाकिस्तानी टीवी पर सामने आए और उन्होंने भारतीय सेना की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा था, “तुम लोगों की आठ लाख की फौज है कश्मीर में और यह हो गया। इसका मतलब है तुम नालायक हो, तुम सिक्योरिटी नहीं दे सके लोगों को।” इस बयान ने भारत में अफरीदी के प्रति आक्रोश को बढ़ा दिया था।

भारतीय जनता में गुस्से का माहौल

अफरीदी के इस बयान के बाद से ही भारत में उनकी आलोचना तेज हुई है। लोग उन्हें देश विरोधी और सेना की भावना को ठेस पहुंचाने वाला करार देते हैं। दुबई में उनके भव्य स्वागत को भी निंदनीय बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भारी आलोचना हो रही है और कई लोगों का कहना है कि ऐसे लोगों को सम्मान नहीं मिलना चाहिए जो देश की सुरक्षा बलों की इज्जत को ठेस पहुंचाएं।

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Who is Sharmistha Panoli: पश्चिम बंगाल पुलिस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ विवाद में शर्मिष्ठा प...

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Who is Sharmistha Panoli: कोलकाता पुलिस ने 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मामले में एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के आरोप में गुरुग्राम से गिरफ्तार किया है। गार्डनरीच थाने की पुलिस ने शुक्रवार को इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है। गिरफ्तारी के बाद शर्मिष्ठा को ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता लाया गया और शनिवार को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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क्या है मामला? (Instagram influencer Sharmistha Panoli)

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शर्मिष्ठा ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में बॉलीवुड एक्टर्स की चुप्पी पर एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था। इस वीडियो में उन्होंने एक खास धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। हालांकि बाद में उन्होंने विवादित वीडियो और संबंधित पोस्ट को हटा दिया तथा माफी भी मांगी। इसके बावजूद 15 मई को गार्डनरीच थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई। पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजने की कोशिश की, लेकिन शर्मिष्ठा और उनका परिवार अंडरग्राउंड हो गया था। इस पर वॉरंट जारी कर उनकी गिरफ्तारी की गई।

विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया और कार्रवाई

शर्मिष्ठा पुणे के सिंबायोसिस लॉ स्कूल में बीबीए-एलएलबी ऑनर्स के चौथे वर्ष की छात्रा हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद विश्वविद्यालय ने भी कदम उठाए हैं। प्रो चांसलर विद्या यरवेडकर ने कहा कि शर्मिष्ठा द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा न केवल अस्वीकार्य है, बल्कि विश्वविद्यालय की आचार संहिता का उल्लंघन भी है। इसलिए उन्हें तीन महीने के लिए अकादमिक और गैर-अकादमिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही उनके प्लेसमेंट पर भी रोक लगा दी गई है। प्रो चांसलर ने कहा, “हम वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को बढ़ावा देते हैं और सभी धर्मों तथा संस्कृतियों का सम्मान सिखाते हैं।”

वकील की दलीलें और न्यायिक प्रक्रिया

शर्मिष्ठा के वकील शमीमुद्दीन ने कहा कि उन्होंने अदालत में ज़मानत याचिका दायर की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शर्मिष्ठा का मोबाइल फोन और लैपटॉप ज़ब्त कर लिया है, जो अभियोजन के आरोपों की जांच के लिए उपयोगी हैं। अदालत ने उनकी याचिका सुनी, लेकिन पुलिस हिरासत की मांग को खारिज कर दिया। इसलिए शर्मिष्ठा को 13 जून तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ

शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर कई राजनेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस को सभी के लिए समान और उचित तरीके से काम करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट में कहा कि शर्मिष्ठा ने अपनी गलती स्वीकार की और माफी भी मांगी, लेकिन राजनीतिक दलों के नेताओं की आपत्तिजनक टिप्पणियों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती।

पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे मामले होते हैं जहां कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, लेकिन सनातनी समुदाय के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है।

कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने भी इस गिरफ्तारी को पुलिस की शक्तियों के दुरुपयोग बताया है। उन्होंने कहा कि जब तक यह साबित न हो कि सोशल मीडिया पोस्ट से कानून व्यवस्था बिगड़ी है, तब तक इस तरह की अंतरराज्यीय गिरफ्तारी अनुचित है।

कंगना रनौत ने किया सपोर्ट

कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर अपनी बात रखी है। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी में कहा कि शर्मिष्ठा ने अपनी बात रखने में कुछ कठोर शब्द इस्तेमाल किए, जो आजकल कई युवा बोलते हैं। उन्होंने माफी भी मांगी है, इसलिए अब उन्हें और ज्यादा परेशान या डराने की जरूरत नहीं है। कंगना का कहना है कि शर्मिष्ठा को जल्द से जल्द रिहा कर देना चाहिए।

Who is Sharmistha Panoli
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गिरफ्तारी की मांग करने वालों की राय

एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने शर्मिष्ठा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मिष्ठा ने इस्लाम और पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, जो पूरी मुस्लिम समुदाय के लिए अपमानजनक है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी की मांग भी की थी।

गिरफ्तारी के बाद वारिस पठान ने कहा कि किसी को भी किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

शर्मिष्ठा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक धर्म विशेष को लेकर विवादित टिप्पणी करती नजर आ रही हैं। इस वीडियो को लेकर पुलिस ने शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई।

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North East Heavy Rain: मूसलाधार बारिश से नॉर्थ-ईस्ट में तबाही, अब तक 25 मौतें, राहत क...

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North East Heavy Rain: नॉर्थ-ईस्ट भारत के असम, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 25 लोगों की जान जा चुकी है। मौसम विभाग ने पूरे क्षेत्र में बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है और अलर्ट जारी किया गया है। प्रभावित इलाकों में प्रशासन और आपदा राहत एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।

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असम में लैंडस्लाइड से पांच की मौत, एक परिवार को बड़ा नुकसान- North East Heavy Rain

असम की राजधानी गुवाहाटी में भीषण लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें पांच लोगों की मौत हुई है। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जान चली गई। लगातार बारिश की वजह से पहाड़ियों की मिट्टी कमजोर हो गई थी, जिससे बड़ी संख्या में मलबा गिरकर घरों को नुकसान पहुंचा। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में नए अलर्ट जारी कर सतर्कता बढ़ा दी है। इसके अलावा, असम के गोलाघाट जिले में दो और और लखीमपुर में एक व्यक्ति बाढ़ में डूबने से मारा गया। असम के 17 जिले इस आपदा से प्रभावित हैं, जहां 78,000 से अधिक लोग संकट में हैं। राहत शिविरों में 1,200 से अधिक लोग शिफ्ट किए गए हैं।

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अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ का कहर, गाड़ी बहने से 7 की मौत

चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। एक वाहन बह जाने के कारण सात लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घटना में दो लोग डूब गए। कुल मिलाकर इस राज्य में 9 लोगों की जान गई है। प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में पूरी तेजी से जुटा हुआ है और प्रभावित परिवारों को सहायता मुहैया कराई जा रही है।

मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में बाढ़ से 8 मौतें

मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में भी भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण 24 घंटों के भीतर आठ लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि लगातार बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं से जनजीवन प्रभावित हुआ है। इन राज्यों में बारिश रुक-रुक कर जारी है, जिससे हालात और खराब हो रहे हैं।

मणिपुर की राजधानी इम्फाल में जनजीवन ठप

मणिपुर की राजधानी इम्फाल में तीन दिनों से जारी बारिश ने जनजीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। शहर के कई हिस्सों में जलभराव की गंभीर स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की है और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। शहर में राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी: भारी बारिश का सिलसिला जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने नॉर्थ-ईस्ट के लिए आगामी दिनों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। असम के कई हिस्सों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जबकि बाकी राज्यों में ऑरेंज और येलो अलर्ट लागू किया गया है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

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राहत और बचाव कार्यों में NDRF, SDRF सक्रिय

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के साथ पुलिस और अग्निशमन दल राहत एवं बचाव कार्यों में सक्रिय हैं। वे प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। कई जिलों में राहत शिविर भी स्थापित किए गए हैं।

स्कूल बंद, परिवहन प्रभावित

बारिश के कारण असम के दो जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। गुवाहाटी एयरपोर्ट पर तेज हवा और भारी बारिश की वजह से उड़ानों का संचालन बाधित हुआ है। इसके अलावा, सड़क और रेलवे परिवहन भी प्रभावित हुआ है।

प्रशासन की सतर्कता और आगे की तैयारी

प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग प्रभावित इलाकों में लगातार क्षति का आकलन कर रहे हैं और प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता मुहैया करा रहे हैं। सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने और आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

इस प्रकार, नॉर्थ-ईस्ट भारत में मानसूनी बारिश ने जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। प्रशासन और आपदा राहत एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं ताकि लोगों की जान और संपत्ति को बचाया जा सके। आम नागरिकों से भी सावधानी बरतने और प्रशासन की मदद करने की अपील की गई है।

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Censor Board Action On Dhadak 2: धड़क 2 के साथ सेंसर बोर्ड ने निकाली दुश्मनी, 16 सीन ...

Censor Board Action On Dhadak 2:  ऐसा लगता है जैसे सेंसर बोर्ड टीम में बैठे लोगों ने करण जौहर से अपनी कोई जाति दुश्मनी निकाली है, तभी तो उनकी आगामी फिल्म धड़क 2 पर एक नहीं दो नहीं बल्कि 16 बार कैंची चली है। जी हां, साल 2018 में हॉनर किलिंग पर बनी फिल्म धड़क का सिक्वल लेकर आ रहे है कारण जौहर। धड़क में जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर ने डेब्यू किया था,  इस फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार भी मिला था, जिसे देखते हुए एक बार फिर से धड़क 2 लेकर आए है, हालांकि फिल्म तो काफी समय से बनकर रिलीज होने के लिए तैयार भी है। इस फिल्म में तृप्ति डीमरी और सिंद्धात चतुर्वेदी लीड रोल में है, तो वहीं करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन के तहत बनने वाली इस फिल्म को शाजिया इकबाल डायरेक्ट कर रही थी, लेकिन ऐसा लगता है कि धड़क 2 के कुछ डायलॉग और सीन सेंसर बोर्ड को नापसंद आए है, तभी तो सेंसर बोर्ड ने इस पर कैंची चलवा दी है या फिर पूरे सीन को ही बदलवा दिया है। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या था धड़क 2 में जिसके कारण सेंसर बोर्ड ने इतना कड़ा कदम उठाया है।

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कई सींस को लेकर विवाद

धड़क 2, चुंकि जातिवाद और ऑनर किलिंग्स जैसे मुद्दे पर बेस्ड है इसलिए सेंसर बोर्ड को ये तय करना था कि किस डायलॉग को फिल्म में इस्तेमाल किया जाए और किसे नहीं। इसके लिए सबसे पहले तुलसीदास जी के एक दोहे को हटा दिया गया। सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए 16+ की रेटिंग का सर्टिफिकेट दी है। जिसका मतलब होता यू का  सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट दिया है जिसका मतलब होता है यू यानी अनरिस्ट्रिक्टेड अथवा एडल्ट की निगरानी में देखी जाने वाली फिल्म, जिसमें 12 साल से अधिक के बच्चों को फिल्म देखने की परमिशन तो होती है लेकिन उनके साथ कोई एडल्ट होना चाहिए। या फिर 18 साल से ऊपर के लोग ही फिल्म देखने के लिए मान्य होंगे। हालांकि यू/ए 16+ का मतलब है कि इस फिल्म को केवल 16 साल की उम्र से ज्यादा वाले ही देख सकते है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कई डायलॉग को भी पूरी तरह से बदलवा दिया है।

सेंसर बोर्ड ने चलाई डायलॉग पर कैंची

कई ऐसे डायलॉग है जिससे सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी। जिसमें स्वर्णों का दलितों पर 3000 सालों से राज करने की बात को कई सालों से राज करने का बात करना हो या फिर चमार और भंगी जैसे जातिवाचक शब्दों पर भी कैंची चलवा कर इन्हें जंगली जैसे उपनामों से बुलाया जा रहा है। फिल्म धड़क 2 तमिल फिल्म ‘परियेरम पेरुमल’ की ही रिमेक बताई जा रहे है। आपको बता दें कि धड़क फिल्म भी मराठी फिल्म सैराट की रिमेक थी। तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी स्टारर धड़क 2 को 2024 में ही रिलीज करने की तैयारी चल रही थी लेकिन जब फिल्म पास होने के लिए सीबीएफसी के पास पहुंची तो अग्निपरिक्षा तब शुरु हुई।

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धड़क 2′ में एक डायलॉग है धर्म का काम है जिसमें हिंदू धर्म को सीधे तौर पर निशाने पर लिया गया है लेकिन सेंसर बोर्ड को ये डायलॉग विवादित लगा और उनके एथिक के खिलाफ था इसलिए इस पर कैंची चली और डायलॉग हुआ पुण्य का काम है। साथ ही दलितों के अत्याचार को लेकर एक निर्धारित समय का उल्लेख किया गया था, जिसमें रियल लाइन थी ‘3,000 साल का पिछला बकाया सिर्फ 70 साल में पूरा नहीं होगा’ लेकिन 3000 साल जैसा शब्द सेंसर बोर्ड को नामंजूर था इसलिए लाइनें में बदलाव किए गए और अब लाइन जो आपको देखने को मिलेगी वो ‘सदियों पुराने भेदभाव का पिछला बकाया सिर्फ 70 साल में पूरा नहीं होगा’।

जोर से पढ़ना होगा डिस्क्लेमर

दलितों को जलाने वाली लाइनों को तो पूरी तरह से बदल दिया गया साथ ही स्वर्णों पर कटाक्ष करने वाली कविता “ठाकुर का कुआं” को तो फिल्म से हटवा ही दिया। जातिगत गालियां देते हुए दलित का रोल करने वाले सिद्धांत के केरेक्टर पर एक ठाकुर द्वारा पेशाब करने का सीन भी मौजूद है लेकिन सेंसर बोर्ड ने इस पर भी कैंची चलवा कर इसे पांच सेकंड छोटा कर दिया, ताकि इस सीन पर ज्यादा तूल न दिया जा सके। साथ ही सिंद्धात के पिता को जातिवाचक गालियां देते हुए बेज्जत किया जाता है, इस सीन को तो फिल्म से ही उड़ा दिया गया, क्योंकि सेंसर बोर्ड को ये सीन फालतू लगा। फिल्म में 20 सेकंड के डिस्क्लेमर लगाया गया था, लेकिन सेंसर बोर्ड को वो काफी छोटा लगा इसलिए इसे 1 मिनट और 51 सेकंड लंबा कर दिया गया है। इतना ही नहीं सेंसर बोर्ड न सिर्फ फिल्म पर कैंची चलाई बल्कि डिस्क्लेमर को तो स्क्रिनिंग से पहले जोर से पढ़ने के भी आदेश दिए है।

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धड़क 2 साल 2025 में रिलीज होगी हालांकि ये किस दिन रिलीज होगी इसकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन फिल्म पर चली कैंची को लेकर फिल्म के मेकर काफी निराश है। उन्होंने कहा कि इससे फिल्म का ऑरिजिनल चार्म खत्म हो जायेगा, लेकिन सेंसर बोर्ड की मनमानी के आगे भला कौन टिकेगा। ऐसे में अब फिल्म के निर्माताओं की सबसे बड़ी चिंता ये है कि फिल्म इतने कट्स के बाद फैंस तक पहुंचेगी तो फैंस का इसपर क्या रिएक्शन आयेगा, कहीं ऐसा न हो कि तमाम कट्स के कारण जिस तरह फूले फ्लॉप हो गई, कुछ ऐसा धड़क 2 के साथ न हो जाए। वेल आप सेंसर बोर्ड की मनमानी को लेकर क्या सोचते है। क्या ऑरिजिनल फिल्म में बदलाव करना सही कदम है। हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

 

 

Bollywood Top Earning Movies: अबतक की सबसे कमाऊ मल्टी स्टारर फिल्में, TOP 10 लिस्ट मे...

Bollywood Top Earning Movies: जब भी कोई फिल्म बनाई जाती है तब वो फिल्म हिट है या फ्लॉप, ये उस फिल्म की कमाई तय करती है। फिल्म जितना ज्यादा कमाई करती है, उसे उतनी बड़ी ब्लॉकबस्टर का टैग लगा दिया जाता है। आज हम आपको अब तक फिल्म इंडस्ट्री में बनी ऐसी 10 फिल्मों की सूची बताने जा रहे है जिसने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की है, बल्कि कई रिकॉर्डस भी तोड़े है।

3 ईडियट्स– इस लिस्ट में सभी पहले मिस्टर परफेक्टनिस्ट के नाम से फेमस ऐक्टर आमिर खान की फिल्म 3 ईडियट्स शामिल हैं। 3 ईडियट्स दिसंबर 2009 में रिलीज हुई थी। आमिर खान, करीना कपूर, आर. माधवन और शर्मन जोशी जैसे सितारों से सजी 3 ईडियट्स चेतन भगत की किताब 5 पॉइंट्स समवन से प्रेरित थी। इस फिल्म का बजट 55 करोड़ रुपए था लेकिन फिल्म को फैंस का इतना ज्यादा प्यार मिला कि फिल्म से कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस फिल्म ने 400 करोड़ 61 लाख रुपए का वर्ल्डवाइड बिजनेस किया था।

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बजरंगी भाईजान– एक 6 साल की मासूम पाकिस्तानी गूंगी लड़की को वापस उसके घर पहुंचने में किस तरीके से एक हनुमान भक्त पवन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसकी कहानी लोगों को काफी छू गई थी 2015 में रिलीज हुई बजरंगी भाईजान में सलमान खान करीना कपूर और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे सितारे मौजूद थे। 75 करोड़ के बजट में बनी फिल्म बजरंगी भाईजान ने बॉक्स ऑफिस पर वर्ल्डवाइड 18 करोड़ का बिजनेस किया था।

दंगल- हरियाणा के रहने वाले पूर्व रेसलर महावीर सिंह फोगाट का अपनी बेटियों को रेसलर बनाने की कहानी है दंगल। महावीर सिंह फोगाट के कैरेक्टर को आमिर खान ने प्ले किया था 23 दिसम्बर साल 2016 में रिलीज होने वाली दंगल का बजट 70 करोड रुपए था लेकिन इस फिल्म ने पूरी दुनिया में कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए इस फिल्म ने वर्ल्ड वाइड 2000 करोड़ से लेकर 2200 करोड़ का बिजनेस किया था जो आज तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म का रिकॉर्ड है।

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पद्मावत- 25 जनवरी 2018 को रिलीज होने वाली पद्मावत अपने रिलीज से पहले काफी विवादों में रही। क्रूर शासक अलाउद्दीन खिलजी का महारानी को हासिल करने का जुनून और महारानी पद्मावती का वीरता पूर्ण जौहर करने की कहानी को फिल्म में काफी रोमांचक तरीके से दिखाया गया। रणवीर सिंह दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर जैसे स्टार्स इस फिल्म में शामिल थे। इस फिल्म का टोटल बजट 190 करोड़ था लेकिन फिल्म ने करीब 572 करोड़ रुपए का बिजनेस किया।

पीके– दूसरी दुनिया से आए एक व्यक्ति को पृथ्वी पर जीने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता है इसे बेहद ही कॉमिक तरीके से दिखाया गया है फिल्म पीके में 19 दिसंबर 2014 को रिलीज हुई पीके आमिर खान की वन ऑफ द बेस्ट मूवी है इस फिल्म के लिए आमिर खान को बेस्ट एक्टर का नॉमिनेशन भी मिला था। फिल्म की कहानी धार्मिक मुद्दे पर होने के कारण काफी विवादों में भी रही। लेकिन बावजूद इसके फिल्म ने काफी अच्छा काम किया। यह फिल्म 122 करोड़ रुपए में बनकर तैयार हुई थी लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसकी कुल कमाई 769 करोड़ रुपए है

जवान– शाहरुख खान काफी लंबे समय के बाद एक ऐसी फिल्म लाए थे जिसने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई की। फिल्म जवान साल 2023 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई इस फिल्म में साउथ के एक्टर विजय सेतुपति ने किया था जिनके काम को काफी सारा गया करीब 300 करोड़ के बजट में बनी जवान नहीं बॉक्स ऑफिस पर 1148 करोड़ का बिजनेस किया था। फिल्म जवान भले ही शाहरुख की फिल्म थी लेकिन इस फिल्म में नारी शक्ति का काफी अच्छा उपयोग किया गया फिल्म में नयनतारा रिद्धि डोगरा सानिया मल्होत्रा प्रियामणि संजीत भट्टाचार्य गिरिजा ऑक लहर खान आलिया कुरैशी जैसे सितारों को लिया गया था।

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कल्कि 2898 एडी- कल्कि 2898 ए डी – साल 2024 की सबसे चर्चित और इंतजार की जाने वाली फिल्म है। अमिताभ बच्चन को अश्वत्थामा के रूप में देखना बेहद ही रोमांचक था। फिल्म में भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के जन्म को लेकर कहानी बताई गई है। हालांकि ये एक काल्पनिक कहानी है लेकिन फिल्म के सींस दिल को झकझोर देते है। इस फिल्म का सबसे बड़ा धामाका है कमल हासन। फिल्म में प्रभास और दीपिका पादुकोण जैसे सितारे मौजूद है। 600 करोड़ रुपए में बनने वाली कल्कि ने वर्ल्डवाइड करीब 1200 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था। हालांकि अभी इसका एक पार्ट आना अभी बाकी है।

स्त्री 2- स्त्री 2 सरकटा का आतंक, नए कांसेप्ट के साथ लाई गई एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है। ये फिल्म राजकुमार राव के डूबते करियर के लिए भी काफी अहम साबित हुई। श्रद्धा कपूर का शैतान से लड़ने का तरीका काफी नया था। इस फिल्म को बनाने में करीब 120 करोड़ रुपए का खर्च आया था, जिसके बाद जब फिल्म रिलीज हुई तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि ये फिल्म कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी। फिल्म ने 874 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था।

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भूल भुलैया 3- भूल भुलैया 3 में जो ट्वीट ओर टर्न आए थे, उसके बारे में दर्शकों ने कभी कल्पना भी नहीं की थी। विद्या बालन, माधुरी दीक्षित और कार्तिक आर्यन की तिगड़ी ने सबको डराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस फिल्म में मौजूलिका का एक महिला न हो कर पुरुष का होना बेहद ही थ्रिल भरा था। ये केवल 150 करोड़ में बन कर तैयार हुई थी , लेकिन जब उसकी कमाई को देखेंगे तो इसने अपनी बाकी की दो फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया।।इसने कुल 423 करोड़ का बिजनेस किया था।

चेन्नई एक्सप्रेसः रोहित शेट्टी पहली बार अपने दोस्त अजय देवगन के बजाय शाहरुख खान के साथ लाई फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस को। चेन्नई एक्सप्रेस एक एक्शन कॉमेडी फिल्म है, जिसके डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर है। इस फिल्म में पहली बार सत्यराज भी हिंदी बोलते नजर आए थे। इस फिल्म को बनाने में 70 करोड़ रुपए लगे थे लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ते गई। इस फिल्म ने टोटल 423 करार रुपए का बिजनेस किया था।

ये है वो 10 फिल्म्स, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर जमकर धूम मचाई। इन फिल्मों में से आपको कौन सी फेवरेट है हमें कमेंट करके जरूर बताइए।

ट्रेन में उल्टी करते समय पत्नी पटरी पर गिरी, पति की गुहार अनसुनी 1 KM पैदल चलकर देखा ...

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Shivpuri news: हाल ही में मध्य प्रदेश केशिवपुरी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक नवविवाहिता महिला तेज रफ्तार ट्रेन से गिर गई। महिला उल्टी करते हुए ट्रेन के दरवाजे से बाहर झुकी, तभी उसका पैर फिसला और वह नीचे गिर गई। इस दौरान उसका पति ट्रेन के अंदर था। लेकिन जब तक वह गेट पर पहुंचा, महिला ट्रेन से गिर चुकी थी, तो आइए इस लेख में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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चलती ट्रेन से गिरी नवविवाहित महिला

हाल ही में मध्य प्रदेश के शिवपुरी से एक हैरान कर देने वाली खबर आई है जहां एक नवविवाहित जोड़ा विकास और शिवानी ट्रेन से सफर कर रहे थे तभी नवविवाहिता शिवानी शर्मा चलती ट्रेन से गिर गई। घटना रातौर रोड रेलवे ट्रैक के पास हुई। पति विकास जोशी ने तुरंत चेन खींचकर ट्रेन रोकी लेकिन ट्रेन नहीं रुकी जिसके बाद पति चलती ट्रेन से कूद गया और मोबाइल की टॉर्च जलाकर पत्नी को ढूंढने एक किलोमीटर पीछे गया जहां उसने शिवानी को पड़ा पाया।

जिसके बाद अंधेरे में पति अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लादकर करीब आधा किलोमीटर तक पैदल चलता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। बाद में जीआरपी अधिकारी आए और नियम-कायदों की बात करने लगे और उससे पूरे मामले को लेकर कागजों पर दस्तखत करने को कहा, जबकि उस समय उसकी पत्नी को इलाज की जरूरत थी। इसके बाद बड़ी मुश्किल से उसे गाड़ी मिली और फिर वह अस्पताल आ पाया जहां डॉक्टरों ने शिवानी को मृत घोषित कर दिया।

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शिवानी एलएलबी की छात्रा थी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विकास जोशी ग्वालियर के रहने वाले हैं और पेशे से वकील हैं। उनकी शादी 16 अप्रैल 2025 को शिवानी शर्मा से हुई थी। शिवानी एलएलबी की छात्रा थी और हाल ही में वह अपने पति के साथ परीक्षा देने उरई गई थी। परीक्षा के बाद दोनों मंगलवार को ग्वालियर लौटे और इंदौर लौटने के लिए ट्रेन में सवार हो गए। विकास ने बताया कि वह इंदौर में वकालत करता है और फिलहाल वहीं रहता है। दोनों मंगलवार रात ट्रेन से इंदौर जा रहे थे। उसी दौरान ये हादसा हुआ था। वही ये घटना एक बार फिर सरकरी सेवा पर सवाल पर सवाल उठती है।

शिलांग हनीमून पर गए इंदौर के दंपति 6 दिन से लापता, परिवार ने मेघालय पुलिस की कार्यप्र...

Indore Couple Missing: हाल ही में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है जहां हनीमून मनाने मेघालय (Meghalaya) गए इंदौर (Indore) के एक नवविवाहित जोड़े (Newly married couple) राजा रघुवंशी (30) और सोनम रघुवंशी (27) पिछले छह दिनों से लापता हैं जिससे उनके परिवार में हड़कंप मच गया है। जोड़े ने आखिरी बार 23 मई को परिवार से संपर्क किया था और तब से उनका कोई पता नहीं चल पाया है। पीड़ित परिवार ने इस मामले में जोड़े के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई लेकिन अभी तक कोई खबर नहीं है जिससे परिवार ने मेघालय पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं तो चलिए इस आर्टिकल में आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं।

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हनीमून के लिए इंदौर से शिलांग गया जोड़ा लापता

राजा और सोनम 20 मई को इंदौर से गुवाहाटी पहुंचे और फिर शिलांग गए। उन्हें आखिरी बार 23 मई को चेरापूंजी (सोहरा) में देखा गया था, जिसके बाद उनका पता नहीं चला। उनकी किराए की स्कूटी सोहरा रिम में ओसारा हिल्स के पास लावारिस मिली थी, जिसे असुरक्षित क्षेत्र माना जाता है। बाद में पास की एक खाई से दो बैग बरामद किए गए। वही  परिवार ने उनके की जानकारी देने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।

दूसरी और सोनम के भाई गोविंद रघुवंशी ने संदेह जताया है कि उन पर हमला किया गया होगा। उन्होंने कहा कि दंपत्ति डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज गए थे और एक चाय की दुकान पर भी रुके थे, जिसके बाद वे लापता हो गए। पुलिस और  मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रहे हैं और कहा कि पुलिस, स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण 24 घंटे तलाशी अभियान चला रहे हैं।

पीड़ित परिवार ने मेघालय पुलिस पर उठाये सवाल 

परिजनों ने मेघालय पुलिस की कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए कहा है कि सर्च ऑपरेशन बहुत धीमा है। उनका आरोप है कि इतने बड़े ऑपरेशन में सिर्फ एक डॉग स्क्वॉड का इस्तेमाल किया गया। इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने भी शिलांग पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की और प्रेमी युगल की तलाश में तेजी लाने की मांग की। वही आपको बात दे इस इलाके की ये कोई पहली घटना नहीं इस इलाके में पर्यटकों के लापता होने की यह दूसरी घटना है। अप्रैल में भी रामदैत गांव के जंगल से हंगरी के एक पर्यटक का शव बरामद हुआ था, जिसके बारे में माना गया था कि वह पहाड़ी से गिरा है।

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Ankita Bhandari Murder Case: अंकिता भंडारी हत्याकांड में आया बड़ा फैसला, तीनों आरोपिय...

Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आखिरकार शुक्रवार को कोटद्वार कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों—सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इससे पहले तीनों को हत्या, साक्ष्य छिपाने और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी करार दिया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) रीना नेगी की अदालत ने इस फैसले के साथ पीड़िता के परिजनों और राज्य के उन सभी लोगों को न्याय का भरोसा दिलाया है, जो पिछले तीन सालों से इस दिन की प्रतीक्षा कर रहे थे।

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तीन साल पुराने हत्याकांड ने झकझोरा था राज्य को- Ankita Bhandari Murder Case

यह मामला 18 सितंबर 2022 का है, जब यमकेश्वर क्षेत्र स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्या और उसके कर्मचारी सौरभ व अंकित ने मिलकर अंकिता की हत्या की और उसका शव चीला नहर में फेंक दिया। परिवार ने जब अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई और सोशल मीडिया पर मामला तेजी से वायरल हुआ, तो पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा।

Ankita Bhandari Murder Case
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इसके बाद पुलकित आर्या, जो कि तत्कालीन सत्ताधारी दल के एक पूर्व मंत्री का बेटा है, को गिरफ्तार किया गया। मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया और राज्यभर में जनता का आक्रोश देखने को मिला।

चार्जशीट से लेकर सुनवाई तक की पूरी प्रक्रिया

जांच की जिम्मेदारी विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी गई, जिसने मामले में करीब 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। चार्जशीट में 97 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से 47 गवाहों को अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में पेश किया। गवाहों के बयानों, सबूतों और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया।

मुख्य आरोपी पुलकित आर्या के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए। वहीं, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर धारा 302, 201 और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा चला।

फैसले के दिन कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा

चूंकि यह मामला बेहद संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल बन चुका था, इसलिए कोर्ट में फैसले के दिन भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कोर्ट परिसर और उसके आसपास पुलिस बल तैनात था। इससे पहले भी आरोपियों पर कोर्ट परिसर में हमले की कोशिश हो चुकी थी, जिसे देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क था।

परिजनों ने की फांसी की मांग

अंकिता के माता-पिता ने कोर्ट के फैसले के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि उन्हें उम्रकैद से संतोष नहीं है। उन्होंने आरोपियों के लिए फांसी की मांग की और कहा कि जिन्होंने उनकी बेटी की जिंदगी छीन ली, उन्हें जिंदा रहने का हक नहीं होना चाहिए। परिजनों का कहना है कि उम्रकैद से न्याय अधूरा है और इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद उत्तराखंड में विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रिया आई। अधिकतर लोगों ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया, लेकिन यह भी कहा कि ऐसे अपराधों में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए त्वरित न्याय होना चाहिए। कई संगठनों ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को और ठोस कदम उठाने होंगे।

न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम

करीब तीन सालों की कानूनी प्रक्रिया, सैकड़ों पन्नों की चार्जशीट और दर्जनों गवाहों के बाद यह फैसला सामने आया है, जिसे अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है। हालांकि परिजनों और जनता का एक वर्ग अब भी फांसी की सजा की मांग कर रहा है, लेकिन कोर्ट का यह फैसला न्याय व्यवस्था में जनता के विश्वास को मजबूती देता है।

अंकिता भंडारी हत्याकांड: आखिर क्या था पूरा मामला?

यह मामला सितंबर 2022 का है, जब उत्तराखंड के यमकेश्वर स्थित एक रिजॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी अचानक लापता हो गई। अंकिता, जो गढ़वाल के श्रीनगर की रहने वाली थी और एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती थी, की गुमशुदगी ने शुरुआत में ज्यादा ध्यान नहीं खींचा। लेकिन जब परिवार ने उसे खोजने की कोशिश की और पुलिस से गुहार लगाई, तब धीरे-धीरे मामला सामने आने लगा।

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परिवार की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया। इसी बीच सोशल मीडिया पर मामला फैल गया और जनता का गुस्सा उबाल पर पहुंच गया। बढ़ते दबाव के चलते पुलिस ने कार्रवाई तेज की और वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य और उसके दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारियों के बाद खुला राज

तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि अंकिता की हत्या कर दी गई थी और उसके शव को चीला नहर में फेंक दिया गया था। यह भी सामने आया कि यह घटना उसी दिन हुई थी जिस दिन वह लापता हुई थी—18 सितंबर 2022।

घटना के एक सप्ताह बाद चीला नहर से अंकिता का शव बरामद किया गया, जिससे पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। लोगों का गुस्सा भड़क उठा और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होने लगे। आरोपियों के रसूख और राजनीतिक संबंधों के कारण यह मामला और भी ज्यादा चर्चा में रहा।

चार्जशीट और कोर्ट की प्रक्रिया

सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी (विशेष जांच दल) को सौंपी। जांच के बाद एसआईटी ने लगभग 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की। इस चार्जशीट में मालिक पुलकित आर्य समेत तीनों आरोपियों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य मिटाने और अनैतिक गतिविधियों से जुड़े धाराओं में आरोप तय किए गए।

मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 47 गवाहों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें जांच अधिकारी और प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल थे। करीब दो साल आठ महीने तक चले इस केस की सुनवाई अब अपने फैसले के मुकाम तक पहुंच चुकी है।

यह मामला न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी बन गया कि कैसे सत्ता और पैसा, अगर नियंत्रण से बाहर हो जाएं, तो मासूमों की जान पर बन आती है। अंकिता की कहानी अब सिर्फ एक केस फाइल नहीं, बल्कि न्याय की लड़ाई की मिसाल बन चुकी है।

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Sikh Surnames and Meanings: नाम में क्या रखा है? अगर वो सिख सरनेम हो, तो बहुत कुछ! जा...

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Sikh Surnames and Meanings: सिख सरनेम केवल एक उपनाम नहीं, बल्कि एक गहरे इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक विचारधारा की जीवंत पहचान हैं। ये नाम सिख समुदाय की उस समृद्ध परंपरा को दर्शाते हैं, जिसने सामाजिक समानता, आत्मसम्मान और निडरता को अपनाया है। वंशावली, इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए सिख सरनेमों को समझना एक रोमांचक यात्रा जैसा है, जो गुरु साहिबान की शिक्षाओं से शुरू होकर आज के वैश्विक समाज तक फैली हुई है।

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सरनेम की शुरुआत: गुरु गोबिंद सिंह जी का क्रांतिकारी कदम- Sikh Surnames and Meanings

सिख सरनेमों की शुरुआत का मुख्य आधार 1699 में हुआ, जब गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की। उन्होंने हर सिख पुरुष को “सिंह” (शेर) और हर सिख महिला को “कौर” (राजकुमारी) उपनाम देने का निर्देश दिया। यह निर्णय जातिवादी भेदभाव को समाप्त करने और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया था। यह सरनेम केवल नाम नहीं, बल्कि आत्मबल, साहस और सम्मान का प्रतीक बन गए।

हालांकि समय के साथ कई सिखों ने पारिवारिक या क्षेत्रीय पहचान के रूप में अतिरिक्त उपनाम अपनाने शुरू कर दिए, जो उनके पूर्वजों के व्यवसाय, निवास स्थान या विशेष गुणों से जुड़े थे।

सिख नामकरण की परंपराएं: पैतृक, क्षेत्रीय और व्यावसायिक जुड़ाव

सिख समाज में उपनाम अपनाने की परंपति व्यक्ति की पृष्ठभूमि और पारिवारिक धरोहर से जुड़ी होती है। ये उपनाम उनके पुश्तैनी गांव, काम या अन्य विशेषताओं को उजागर करते हैं।

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पैतृक उपनाम:

अक्सर सिख सरनेम पिता या वंश से जुड़े होते हैं। जैसे हरप्रीत सिंह या जसविंदर कौर – जहाँ ‘सिंह’ और ‘कौर’ पहचान के प्रतीक होते हैं, वहीं कई लोग इनके साथ पारिवारिक उपनाम भी जोड़ते हैं, जैसे धिल्लों, संधू या गिल।

जातिगत प्रभाव:

हालांकि सिख धर्म में जाति व्यवस्था को अस्वीकार किया गया है, लेकिन ऐतिहासिक प्रभावों के कारण कुछ सरनेम अब भी सामाजिक पृष्ठभूमि को दर्शाते हैं। जैसे मल्होत्रा, कपूर या आहूजा जैसे नाम व्यापारिक समुदाय से जुड़े माने जाते हैं।

क्षेत्रीय पहचान:

कुछ उपनाम पंजाब या उसके आसपास के क्षेत्रों की स्थानीयता दर्शाते हैं। ये उपनाम उस इलाके की संस्कृति, बोली और इतिहास से गहराई से जुड़े होते हैं।

व्यवसाय पर आधारित सरनेम:

कई सरनेम किसी व्यवसाय से जुड़े होते हैं, जैसे चड्ढा (व्यापारी वर्ग), बंसल (बिजनस परिवार), या ग्रेवाल (आधुनिक सोच के प्रतीक)।

लोकप्रिय सिख उपनाम और उनके अर्थ

सामान्य उपयोग में आने वाले उपनाम:

  • सिंह: शेर; वीरता और निडरता का प्रतीक
  • कौर: राजकुमारी; आत्मसम्मान और समानता का प्रतीक
  • ढिल्लों: समृद्धि से जुड़ा
  • गिल: प्रसन्नचित स्वभाव वाला व्यक्ति
  • संधू: योद्धा या बहादुर

अर्थपूर्ण सरनेम:

  • मान: सम्मान और प्रतिष्ठा
  • विर्क: साहसी व्यक्ति
  • चहल: फुर्तीला और गतिशील
  • भंगू: भंग वंशज
  • सिधू: ज्ञानी और धन्य

प्रसिद्ध सिख उपनाम:

  • आहूजा: समृद्ध वंश
  • बहल: महान या आदरणीय
  • चावला: रिश्तेदारी से जुड़ा नाम
  • ग्रेवाल: नवप्रवर्तन और रचनात्मकता का प्रतीक
  • वालिया: सामाजिक भागीदारी दर्शाने वाला नाम

सिख सरनेम: एक आध्यात्मिक और सामाजिक मिशन

सिख उपनामों की खूबी यह है कि वे केवल पहचान का माध्यम नहीं, बल्कि एक विचारधारा का हिस्सा हैं। गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के अनुसार, सभी मनुष्य समान हैं, और किसी का मूल्य उसकी जाति या वर्ग से नहीं बल्कि उसके कर्म और आचरण से तय होता है। यही भावना ‘सिंह’ और ‘कौर’ जैसे उपनामों में समाहित है, जो जातीय दीवारों को तोड़कर आत्मबल का आभास कराते हैं।

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आज के दौर में सिख उपनामों की प्रासंगिकता

आधुनिक सिख नामकरण प्रणाली में अक्सर पारंपरिक नाम के साथ पारिवारिक उपनाम भी जोड़ा जाता है। जैसे – अमनदीप सिंह सिद्धू या हरलीन कौर मान। इससे व्यक्ति की धार्मिक पहचान के साथ-साथ पारिवारिक और सामाजिक जुड़ाव भी बना रहता है।

सिख उपनामों का यह मिश्रण, जहां एक ओर इतिहास को जीवित रखता है, वहीं दूसरी ओर नई पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखता है।

विरासत से जुड़ने का माध्यम

सिख सरनेम न केवल नाम होते हैं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही एक अमूल्य धरोहर हैं। ये नाम साहस, आत्मसम्मान, समानता और सेवा भावना का प्रतीक हैं। चाहे आप अपने पूर्वजों की जानकारी जुटा रहे हों, या अपने बच्चे के लिए एक अर्थपूर्ण नाम की तलाश कर रहे हों—सिख उपनामों की दुनिया में हर नाम एक कहानी कहता है।

इन नामों को जानना और समझना एक ऐसी यात्रा है, जो आपको इतिहास, संस्कृति और एक जीवंत विरासत से जोड़ती है। यह सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि पहचान, गर्व और परंपरा का प्रतीक है – जिसे समझना न केवल ज्ञानवर्धक है, बल्कि दिल को भी छू जाता है।

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Split AC offer: गर्मी में राहत के लिए Amazon पर स्प्लिट AC पर भारी छूट, 1.5 टन मॉडल्स...

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Split AC offer: गर्मी और उमस के मौसम में घर को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल सबसे प्रभावी उपाय माना जाता है। जब बारिश के बाद भी वातावरण भारी और असहनीय हो जाता है, तब सिर्फ पंखे या कूलर से ठंडक मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में स्प्लिट AC की जरूरत महसूस होती है। इस बार Amazon पर 1.5 टन स्प्लिट AC पर आकर्षक छूट चल रही है, जो खरीदारों के लिए खास तोहफा साबित हो सकती है। साथ ही बैंक डिस्काउंट की सुविधा से आपकी खरीदारी और भी किफायती हो जाएगी। आइए जानते हैं इस समय कौन-कौन से AC मॉडल बेहतर दामों पर उपलब्ध हैं और उनकी खासियतें क्या हैं।

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Panasonic 1.5 टन स्प्लिट AC- Split AC offer

Panasonic का 1.5 टन स्प्लिट AC इस समय 30% की छूट के साथ ₹44,990 में उपलब्ध है, जबकि इसकी असली कीमत ₹64,400 है। इसके अलावा इस पर ₹2,500 का अतिरिक्त बैंक डिस्काउंट भी मिल रहा है। यह AC 5-स्टार एनर्जी रेटिंग के साथ आता है, जो बिजली की बचत करता है और बिजली बिल कम आता है। इसमें 7-इन-1 कूलिंग मोड है, जो विभिन्न मौसमों और परिस्थितियों में बेहतरीन ठंडक प्रदान करता है। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाला AC चाहते हैं।

Daikin 1.5 टन स्प्लिट AC

Daikin के 1.5 टन स्प्लिट AC पर भी 36% की छूट मिल रही है, जिसकी कीमत ₹37,490 है, जबकि इसकी मूल कीमत ₹50,400 है। इसके साथ ₹2,000 का बैंक डिस्काउंट भी उपलब्ध है। यह AC 3-स्टार एनर्जी रेटिंग के साथ आता है। Daikin की अच्छी कूलिंग और भरोसेमंद तकनीक इसे एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है। जो ग्राहक मध्यम बजट में एक भरोसेमंद AC चाहते हैं, उनके लिए यह उपयुक्त विकल्प हो सकता है।

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Godrej 1.5 टन स्प्लिट AC

बजट फ्रेंडली विकल्पों में Godrej 1.5 टन स्प्लिट AC काफी लोकप्रिय है। इस पर 38% की छूट मिल रही है और कीमत ₹31,990 है, जबकि इसकी असली कीमत ₹45,000 है। साथ ही ₹2,000 का बैंक डिस्काउंट भी लागू है। यह AC 3-स्टार एनर्जी रेटिंग के साथ आता है और इसमें कंवर्टिबल 5-इन-1 कूलिंग मोड दिया गया है, जो मौसम के हिसाब से ठंडक का स्तर बदलने की सुविधा देता है। यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है जो कम बजट में अच्छा प्रदर्शन चाहते हैं।

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Lloyd 1.5 टन स्प्लिट AC

Lloyd का 1.5 टन स्प्लिट AC भी छूट के साथ ₹39,990 में उपलब्ध है, जबकि इसकी असली कीमत ₹66,900 है। यह 40% की भारी छूट को दर्शाता है। इसमें 5-स्टार एनर्जी रेटिंग है, जो बिजली बचाने में मदद करता है। साथ ही 5-इन-1 कूलिंग मोड भी शामिल है, जिससे आप अपनी पसंद के अनुसार कूलिंग स्तर चुन सकते हैं। इस पर भी ₹2,000 का बैंक डिस्काउंट उपलब्ध है। यह AC उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो अच्छी एनर्जी एफिशिएंसी और कूलिंग तकनीक दोनों चाहते हैं।

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कुल मिलाकर

Amazon पर चल रहे इस AC सेल में 1.5 टन स्प्लिट AC की खरीदारी करना इस गर्मी में अच्छा विकल्प हो सकता है। चाहे आप हाई एंड Panasonic या Lloyd की गुणवत्ता चाहते हों या बजट में Godrej और Daikin जैसे विकल्प पसंद करते हों, यहां हर तरह के खरीदार के लिए कुछ न कुछ मौजूद है। साथ ही बैंक डिस्काउंट की सुविधा से यह और भी किफायती साबित होगा। गर्मी से राहत पाने और घर को ठंडा रखने के लिए इस मौके का फायदा जरूर उठाएं।

नोट: ऑफर्स समय-समय पर बदल सकते हैं, इसलिए खरीदारी से पहले Amazon वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी जरूर जांच लें।

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