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Chhath Puja 2025: छठ पूजा में इन 5 फलों से करें छठी मैया को खुश, बरसेगा धन और मिलेगा ...

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छठी मैया कौन से फाल अर्पण करें?

केला (Banana) – यह छठी मैया का प्रिय फल माना जाता है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। वही हर किसी में पूजा में उपयोग होने वाला बेहद ही खास फाल है जिसे कभी शुभ भी माना जाता हैं।

डाभ नींबू या अतर्रा नींबू (Grapefruit or a large variety of Lemon) – यह सामान्य नींबू से बड़ा होता है और छठी मैया को विशेष रूप से पसंद है इसे अक्सर छठ पूजा के यूज किया जाता हैं।

नारियल (Coconut) – इसे “श्रीफल” भी कहा जाता है और यह माता लक्ष्मी को प्रिय होता है। इसे अर्पित करने से घर में धन-संपत्ति बनी रहती है और इसे घर शुभ काम में भी उपयोग किया जाता है।

गन्ना (Sugarcane/Eakh) – गन्ना छठी मैया के प्रिय फलों में से एक है। कई लोग तो पूजा में गन्ने का घर बनाकर भी पूजा करते हैं। या फिर इसका मंडप भी बनाया जाता है जिसके चारो और दिए सजाये जाते हैं।

सिंघाड़ा (Water Chestnut) – यह पानी में उगने वाला फल है और माता लक्ष्मी को भी प्रिय माना जाता है। इसे चढ़ाने से धन-संपत्ति बनी रहती है।

छठी मैया को प्रसन्न कैसे करें?

  • सूर्य देव को अर्घ्य देना – छठ पूजा मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य (दूध और जल) देना सबसे महत्वपूर्ण विधान है।
  • ठेकुआ का प्रसाद – यह छठ पूजा का सबसे मुख्य और महत्वपूर्ण प्रसाद है, जो आटे, गुड़ और घी से तैयार किया जाता है। पूजा के दौरान और व्रत में पवित्रता (शुद्धता) का विशेष ध्यान रखा जाता है। व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और सात्विक जीवन जीते हैं। इसके अलवा आपको बता दें, कि छठ पर्व के दिन दान करना भी शुभ माना जाता है, खासकर गुड़ और गेहूं का दान।

Delhi Cuddle Therapy: दिल्ली-NCR में कडल थेरेपी का बिजनेस, अकेलेपन के नाम पर करोड़ों ...

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Delhi Cuddle Therapy: दिल्ली-NCR… भारत का सबसे बड़ा मेट्रोपॉलिटन रीजन। जहां सड़कें बड़ी हैं, फ्लाईओवर ऊंचे हैं और मॉल्स की कोई कमी नहीं, लेकिन दिलों के बीच फासले किसी रिंग रोड से भी ज्यादा चौड़े हो चुके हैं। यहां की करोड़ों की आबादी ऐसी है, जैसे कबूतर के जोड़े सटे हुए, लेकिन एक-दूसरे से अनजान। एक के घर में आहट होती है, दूसरे को पता तक नहीं चलता।

इसी भीड़ में अकेले होते जा रहे लोग अब “कडल थैरेपी” का सहारा ले रहे हैं। जी हां, पैसे देकर गले लगना, किसी के साथ बैठना, बातें करना और सिर्फ सुनना या सुना देना… कुछ घंटों के लिए भावनात्मक राहत की यह नई दुकान अब दिल्ली के कोनों-कोनों में खुल चुकी है।

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क्या है कडल थैरेपी? Delhi Cuddle Therapy

कडल थैरेपी, यानी गले लगने की थेरेपी, जिसमें किसी पेशेवर ‘थैरेपिस्ट’ के साथ सीमित वक्त के लिए एक भावनात्मक रिश्ता साझा किया जाता है। इसमें फिजिकल टच होता है लेकिन दावा ये है कि इसमें नो इंटिमेसी पॉलिसी अपनाई जाती है। यानी यौन संबंधों की कोई गुंजाइश नहीं कम से कम कागजों पर।

ये थैरेपी अब धीरे-धीरे भारत में पैर पसार रही है, खासकर दिल्ली जैसे महानगरों में, जहां अकेलापन अब कोई भावना नहीं, बल्कि एक सामाजिक स्थिति बन चुकी है।

aajtak.in की अंडरकवर रिपोर्टिंग

आजतक की टीम ने इस तेजी से उभरते प्रोफेशन पर गहराई से रिसर्च की। अंडरकवर नाम और फर्जी प्रोफेशन के साथ उन्होंने कडल थैरेपिस्ट से संपर्क किया।

फोन उठाती है एक महिला एजेंट, जो शुरुआत में ही बता देती है “मेल थैरेपिस्ट इस वीकेंड के लिए प्री-बुक्ड हैं। लेकिन फीमेल थैरेपिस्ट से फायदा नहीं होगा। क्रॉस-जेंडर कडलिंग ज्यादा एफेक्टिव मानी जाती है।”

हमारी बातचीत की अगली कड़ी में एंट्री होती है “रॉनी” की। पेशे से कडल थैरेपिस्ट, जिसने दावा किया कि उसने अमेरिका के टेनेसी में आठ साल पहले कडल थैरेपी सीखी थी। असल नाम बताने से इनकार, वीडियो कॉल पर मिलने से मना, और साफ कहा—”नो पिक्चर पॉलिसी है।”

सेशन कैसे होते हैं?

रॉनी ने बताया कि तीन घंटे के एक सेशन के लिए वह ₹4999 चार्ज करता है जो इस इंडस्ट्री में ‘रीजनबल’ माना जाता है। अन्य सेंटरों में ये रेट ₹10,000 से ऊपर तक जाता है।

सेशन की शुरुआत होती है आइस ब्रेकिंग से। एक एल-शेप सोफा पर साथ बैठकर खुलकर बातचीत की जाती है। थैरेपिस्ट बिना किसी जजमेंट के सुनता है चाहे ऑफिस की टेंशन हो, ब्रेकअप हो, या फैंटेसीज़।

रॉनी ने एक किस्सा साझा किया एक महिला क्लाइंट जो चेन्नई से गुड़गांव आई थी। लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में टूट चुकी थी, भावनात्मक रूप से पूरी तरह बिखरी हुई। उसके साथ उन्होंने ‘रिलेशनशिप डे रीक्रिएशन’ किया वही खाना, वही फिल्म, वही दिनचर्या जिससे वो फिर से इंसानी जुड़ाव महसूस कर सके।

सेफ्टी और सीमाएं

थैरेपिस्ट ने साफ किया कि यह एक भरोसे पर चलने वाला प्रोफेशन है। क्लाइंट चाहे तो डोक्युमेंटेशन (ID प्रूफ, एग्रीमेंट्स) करवाया जा सकता है। लेकिन ज़्यादातर लोग ऐसा नहीं करते, क्योंकि ‘विश्वास’ ही इसकी नींव है।

प्रोटोकॉल कुछ यूं हैं:

  • सेटअप में एसी, काउच, साउंड सिस्टम, पानी, कॉफी सब रहता है।
  • कोई क्लाइंट घर बुलाना चाहे या होटल में सेशन चाहें तो व्यवस्था हो सकती है।
  • नो रिकॉर्डिंग पॉलिसी कर तहत फोन दूर रखा जाता है।
  • सेशन के दौरान अगर इमोशनल आउटबर्स्ट हो जाए या क्लाइंट असहज महसूस करे, तो ब्रेक लिया जा सकता है।
  • कोई भी फिजिकल एक्टिविटी क्लाइंट की सहमति से ही होती है।

इंटिमेसी की लाइन कितनी पतली है?

बातचीत के दौरान कई सवाल सामने आते हैं:

  • अगर क्लाइंट खुद इंटिमेसी की ओर बढ़े?
  • अगर भावनात्मक जुड़ाव फिजिकल हो जाए?
  • अगर कडलिंग की आड़ में सेक्स वर्क शुरू हो जाए?

रॉनी कहते हैं, “हम खुद पहल नहीं करते। लेकिन अगर दोनों एडल्ट्स तैयार हों, तो हम रोकते भी नहीं।” यानी ना हां होती है, ना मना होता है।

कानूनी स्थिति क्या है?

आपको बता दें, भारत में कडल थैरेपी के लिए कोई रेगुलेटरी बॉडी नहीं है। न तो इसके लिए कोई मान्यता है, न लाइसेंसिंग सिस्टम। इसलिए यह पूरी तरह ‘ग्रे ज़ोन’ में आता है।

सीनियर एडवोकेट मनीष भदौरिया कहते हैं, “जब तक दो वयस्कों की सहमति से कडलिंग हो रही है, और सेक्स नहीं हो रहा, कोई दिक्कत नहीं। लेकिन अगर पैसे लेकर यौन संबंध स्थापित हुआ, तो यह इममॉरल ट्रैफिकिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत अपराध होगा।”

कडल थैरेपी को लेकर पुलिस का भी नजरिया सतर्क है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया—

“अगर किसी सेंटर में सेक्स वर्क की आड़ में कडलिंग हो रही हो, तो हम रेड डाल सकते हैं। पीड़िता की शिकायत पर FIR भी होगी। और अगर नाबालिग जुड़ा हो, तो पॉक्सो एक्ट लगेगा।”

क्या ये वेलनेस है या धोखा?

डॉ. उज्ज्वल सरदेसाई (मनोविज्ञानी, MGM कॉलेज इंदौर) कहते हैं:

“ऑक्सीटोसिन रिलीज़ तो होगा, लेकिन इसका लॉन्ग टर्म असर उल्टा भी हो सकता है। कडलिंग के जरिए अगर एक व्यक्ति भावनात्मक रूप से जुड़ जाए और फिर बार-बार ना मिले, तो डिप्रेशन बढ़ सकता है।”

उनके मुताबिक, किसी अनजान को पैसे देकर अपनापन खरीदना, एक तरह का भ्रम है, जो बाद में बड़ा मानसिक संकट बन सकता है।

संभावनाएं और खतरे साथ-साथ

कडल थैरेपी एक तरफ जहां अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के लिए तात्कालिक राहत देती है, वहीं इसका लंबे समय का असर, नैतिक और कानूनी प्रश्न भी पैदा करता है।

एक तरफ यहां “मेरे पास आओ, मैं गले लगूंगा” जैसे ऑफर हैं, दूसरी तरफ थैरेपी की आड़ में चल रहे सेंटर किसी सेक्स स्कैंडल में भी तब्दील हो सकते हैं।

Stranger Meets नामक प्रोग्राम, जहां अनजान लोग मिलते और एक-दूसरे को गले लगाते हैं, ये भी एक तरह से भावनात्मक स्पीड-डेटिंग है।

कहां खड़ा है समाज?

दिल्ली जैसे शहरों में, जहां लोग दिन भर मेट्रो में हजारों लोगों के बीच खड़े रहते हैं लेकिन किसी से बात नहीं करते, वहां “पेड इमोशनल इंटिमेसी” का यह कांसेप्ट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

ये रेफ्रिजरेटेड दोस्ती है जिसमें न गर्मजोशी है, न वक़्त के बाद कोई गारंटी। सब कुछ घड़ी की सुइयों पर टिका है।

गले लगने की यह थेरेपी जितनी मासूम लगती है, उतनी है नहीं। इसमें भावनाएं हैं, शरीर है, पैसा है और कई बार पनपते रिश्ते भी। और इन्हीं के बीच छुपे हैं कई सवाल—जिनका जवाब शायद वक्त ही देगा।

कडल थैरेपी फिलहाल भारत में वैधानिक रूप से ग्रे जोन में है। यह एक नई वेलनेस इंडस्ट्री बन रही है, जिसमें अकेलेपन की पीड़ा को टारगेट किया जा रहा है।

लेकिन इसके पीछे इमोशनल अटैचमेंट, पर्सनल बाउंड्रीज, कानूनी रिस्क और प्रोफेशनल एथिक्स के कई मुद्दे छिपे हैं। समाज को तय करना है कि वह इसे ‘थैरेपी’

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Nobel Prize Literature 2025: हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई को मिला सम्मान,...

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Nobel Prize Literature 2025: साहित्य के सबसे बड़े मंच पर इस साल हंगरी के चर्चित लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई ने बाज़ी मारी है। उन्हें 2025 का नोबेल पुरस्कार उनके उपन्यास ‘हर्श्ट 07769’ के लिए दिया गया है। यह उपन्यास एक छोटे से थुरिंजियन शहर की कहानी कहता है, जहां सामाजिक अराजकता, हिंसा और आगजनी की चपेट में आई ज़िंदगी को बेहद प्रभावशाली ढंग से दिखाया गया है। इसे आलोचकों ने “एक महान समकालीन जर्मन उपन्यास” करार दिया है।

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नोबेल समिति ने क्रास्ज़्नाहोरकाई की लेखनी को मध्य यूरोपीय परंपरा का विस्तार बताते हुए कहा कि उनका लेखन काफ्का से लेकर थॉमस बर्नहार्ड तक की शैली को समेटता है। समिति ने यह भी कहा कि उनका विजेता उपन्यास केवल एक शहर की कहानी नहीं है, बल्कि इंसानी भावना में आतंक और सौंदर्य को एक साथ पिरोने वाला साहित्यिक अनुभव है।

गहराई, जटिलता और आत्मनिरीक्षण से भरा लेखन- Nobel Prize Literature 2025

1954 में हंगरी और रोमानिया की सीमा के पास बसे छोटे से कस्बे ‘ग्युला’ में जन्मे क्रास्ज़्नाहोरकाई का साहित्यिक सफर आसान नहीं रहा। लेकिन उनके लेखन ने हमेशा गहराई और दार्शनिकता से पाठकों को बांधे रखा। वे लंबे, जटिल वाक्यों और असामान्य लेकिन गहरे भावों से भरी कहानियों के लिए पहचाने जाते हैं।

उनकी रचनाओं की तुलना अक्सर फ्रांज काफ्का और थॉमस बर्नहार्ड जैसे दिग्गज लेखकों से की जाती रही है। इनमें बेतुकापन, आध्यात्मिक खोज और जटिल मानसिक द्वंद्व की झलक मिलती है।

पहली सफलता और पूर्व का प्रभाव

क्रास्ज़्नाहोरकाई को अंतरराष्ट्रीय पहचान 1985 में आई उनकी पहली फिल्म आधारित रचना ‘सतन्तांगो’ से मिली, जिसमें एक बिखरते गांव की जिंदगी को बेहद शायराना लेकिन निराशाजनक अंदाज़ में दिखाया गया था।

सिर्फ यूरोप ही नहीं, लेखक ने चीन और जापान की यात्राओं से भी अपने विचारों को विस्तार दिया। उनके 2003 के उपन्यास ‘उत्तर में एक पर्वत, दक्षिण में एक झील, पश्चिम में रास्ते, पूर्व में एक नदी’ को इसी पूर्वी सोच से उपजा बताया जाता है। यह उपन्यास क्योटो के दक्षिण-पूर्व में घटने वाली एक रहस्यमयी यात्रा को बयान करता है।

पुरस्कार और दावेदार

नोबेल पुरस्कार के साथ क्रास्ज़्नाहोरकाई को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 8.7 लाख पाउंड) की धनराशि भी दी जाएगी। इस साल चीन की लेखिका कैन जू भी इस पुरस्कार की प्रबल दावेदार थीं। वह पिछले साल भी इस दौड़ में थीं, लेकिन तब यह सम्मान दक्षिण कोरियाई लेखक हान कांग को मिला था।

क्यों खास है ‘हर्श्ट 07769’?

‘हर्श्ट 07769’ को सिर्फ एक उपन्यास नहीं, बल्कि समाज, मनोविज्ञान और कलात्मक अभिव्यक्ति का संगम कहा जा रहा है। इसमें जोहान सेबेस्टियन बाख की सांस्कृतिक विरासत की छाया है और इस बात की पड़ताल है कि कैसे इंसानी भावना में एक ही समय पर डर और सुंदरता, दोनों रह सकते हैं।

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Betul news: बैतूल में आरएसएस प्रचारक के साथ मारपीट के बाद तनाव, विधायक ने बताई दंगा भ...

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Betul news: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई नगर में गुरुवार शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जिला प्रचारक शिशुपाल यादव के साथ हुई मारपीट की घटना ने पूरे इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस हमले को केवल एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि “दंगा भड़काने की सुनियोजित साजिश” करार दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह घटना जानबूझकर अंजाम दी गई और इसका मकसद शहर का सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना था।

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क्या है पूरा मामला?- Betul news

गुरुवार की शाम मुलताई नगर में उस वक्त माहौल गरमा गया जब संघ प्रचारक शिशुपाल यादव का कुछ स्थानीय युवकों से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते यह बहस मारपीट में बदल गई। यादव के साथ कुछ युवकों ने हाथापाई की और उन्हें घायल कर दिया। यह खबर जैसे ही फैली, इलाके में दोनों समुदायों के लोग सड़कों पर उतर आए। गांधी चौक, बस स्टैंड और मुख्य बाजार जैसे प्रमुख स्थानों पर नारेबाजी होने लगी और दोनों पक्षों के बीच तनाव की स्थिति बन गई।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

घटना के तुरंत बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए। पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन ने जानकारी दी कि अब तक घटना में शामिल पांच युवकों को गिरफ्तार किया जा चुका है और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। साथ ही, मामले को गंभीरता से लेते हुए मुलताई थाना प्रभारी देवकरण डेहरिया को उनके पद से हटा दिया गया है, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।

एसपी जैन ने आम जनता से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

कलेक्टर ने लगाए प्रतिबंध

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले में धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए हैं। इस आदेश के मुताबिक, अब जिले में बिना पूर्व अनुमति के कोई भी रैली, जुलूस, धरना या सार्वजनिक सभा नहीं की जा सकती। प्रशासन का कहना है कि यह कदम कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी था।

विधायक रामेश्वर शर्मा का बयान

घटना की निंदा करते हुए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे पूरी तरह एक “साजिश” बताया। उन्होंने कहा, “यह षड्यंत्र कुछ तथाकथित युवकों द्वारा रचा गया है। वे बैतूल में दंगा कराना चाहते थे, लूटपाट और हिंसा की योजना थी।” उन्होंने साफ कहा कि सरकार इस मामले में कोई नरमी नहीं बरतेगी और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

उन्होंने धर्म गुरुओं से अपील की कि वे समाज में अमन-चैन बनाए रखने में योगदान दें और ऐसे असामाजिक तत्वों को सही रास्ता दिखाएं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि कोई नहीं मानेगा, तो कानून अपना काम करेगा।

माहौल अब भी तनावपूर्ण

घटना के बाद से मुलताई में भारी पुलिस बल तैनात है और हालात पर नजर रखी जा रही है। हालांकि प्रशासन के प्रयासों से स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन लोगों के बीच बेचैनी साफ देखी जा सकती है।

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Karwa Chauth 2025: कब दिखेगा चांद? जानिए अपने शहर का समय और व्रत खोलने की सही विधि

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Karwa Chauth 2025: देशभर की लाखों महिलाओं के लिए खास दिन आ गया है। 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को करवा चौथ का पर्व पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए निर्जल व्रत रखती हैं। सूरज उगने से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत होती है और दिनभर भूखे-प्यासे रहकर चंद्रमा के दर्शन के बाद ही व्रत खोला जाता है।

इस बार का करवा चौथ न केवल विशेष मुहूर्त में आ रहा है, बल्कि इसके साथ कई शहरों में चंद्रोदय के समय को लेकर लोगों में उत्सुकता भी है। आइए जानते हैं कि इस बार व्रत कब रखा जाएगा, चांद कब निकलेगा और व्रत खोलने की सही विधि क्या है।

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करवा चौथ की तारीख और तिथि- Karwa Chauth 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 को रात 10:54 बजे शुरू होगी और 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदया तिथि यानी जो तिथि सूर्योदय के समय होती है, उसे मान्यता दी जाती है। इसलिए इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा।

कब दिखेगा चांद? जानिए आपके शहर में चंद्रोदय का समय

द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ के दिन चंद्रमा के दर्शन लगभग रात 8:14 बजे के आसपास होंगे। हालांकि, अलग-अलग शहरों में चांद निकलने का समय कुछ मिनट आगे-पीछे रहेगा। यहां कुछ प्रमुख शहरों के लिए समय दिए गए हैं:

  • दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम: रात 8:13 बजे
  • मुंबई: रात 8:55 बजे
  • कोलकाता: शाम 7:45 बजे
  • चेन्नई: शाम 7:30 बजे
  • चंडीगढ़: रात 8:08 बजे
  • लुधियाना: रात 8:11 बजे
  • देहरादून: रात 8:04 बजे
  • शिमला: शाम 7:48 बजे
  • पटना: शाम 7:48 बजे
  • लखनऊ: रात 8:42 बजे
  • इंदौर: रात 8:33 बजे
  • भोपाल: रात 8:26 बजे
  • अहमदाबाद: रात 8:47 बजे
  • जयपुर: रात 8:22 बजे
  • रायपुर: शाम 7:43 बजे

करवा चौथ पर व्रत कैसे खोलें?

व्रत खोलने से पहले दिनभर पूजा-पाठ के साथ संयम रखा जाता है। व्रत की शुरुआत सुबह सूर्योदय से पहले ‘सरगी’ से होती है, जो सास द्वारा दी जाती है। इसके बाद महिलाएं दिनभर बिना कुछ खाए-पिए व्रत रखती हैं।

शाम को करवा माता की पूजा की जाती है। पूजा में देवी को रोली, चावल, फूल, दीपक, मिठाई आदि अर्पित किए जाते हैं। कथा सुनने के बाद चंद्रमा के दर्शन किए जाते हैं। छन्नी से चांद देखने के बाद पति का चेहरा देखा जाता है और पति के हाथों से पानी ग्रहण करके व्रत खोला जाता है।

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Pakistan Airstrike on Kabul: काबुल में आधी रात को गूंजे धमाके, एयरस्ट्राइक की आशंका स...

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Pakistan Airstrike on Kabul: गुरुवार रात अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जो कुछ हुआ, उसने एक बार फिर पूरे क्षेत्र को चिंता में डाल दिया। रात करीब 12 बजे शहर के पूर्वी इलाकों, खासकर डिस्ट्रिक्ट 8 और अब्दुलहक चौक के आसपास तेज धमाकों की आवाजें सुनाई दीं। यह क्षेत्र न सिर्फ अफगान सरकार के कुछ अहम दफ्तरों के पास है, बल्कि आबादी वाला इलाका भी है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमानों की तेज आवाजें, फिर एक के बाद एक जोरदार धमाके और उसके बाद गोलियों की आवाजें, यह सब कुछ एक संभावित एयरस्ट्राइक की ओर इशारा करता है। हालांकि, अभी तक इस हमले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और ना ही किसी ने इसकी जिम्मेदारी ली है।

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टीटीपी के ठिकाने पर निशाना? Pakistan Airstrike on Kabul

अफगान मीडिया में आ रही शुरुआती रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये हमले एक विशेष कंपाउंड को निशाना बनाकर किए गए, जहां टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के कुख्यात नेता नूर वली महसूद के छिपे होने की सूचना थी। महसूद पाकिस्तान का नागरिक था और उस पर देश में कई आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है।

हालांकि अफगान तालिबान की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “काबुल शहर में धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हालात नियंत्रण में हैं और जांच जारी है। अभी तक किसी तरह की जनहानि की कोई रिपोर्ट नहीं है।”

मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान धमाके: संयोग या संदेश?

इस हमले का समय भी खासा मायने रखता है। ठीक उसी दिन, अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत पहुंचे थे। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है, जिसे कूटनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। ऐसे में काबुल में धमाके होना केवल संयोग नहीं लगता। यह किसी भी पक्ष की ओर से स्पष्ट संदेश देने की कोशिश हो सकती है।

पाकिस्तान की एक दिन पहले की चेतावनी

इन धमाकों से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में अफगानिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, “अब बहुत हो गया है, अफगान धरती से आतंकवाद अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने दावा किया कि अफगानिस्तान की जमीन पर 6,000 से 7,000 आतंकियों की मौजूदगी है, जो पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

आसिफ ने यह भी खुलासा किया कि कुछ साल पहले जब पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल काबुल गया था, तब अफगान पक्ष ने इन आतंकियों को हटाने के बदले वित्तीय सहायता मांगी थी। पाकिस्तान ने इस मांग को खारिज कर दिया और अब उसके बाद यह हमला एक जवाबी कार्रवाई की तरह देखा जा रहा है।

बढ़ता क्षेत्रीय तनाव

अब जबकि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्ते हैं, यह घटना दोनों देशों के बीच नए टकराव की भूमिका तैयार कर सकती है। एक ओर पाकिस्तान आतंकियों की मौजूदगी को लेकर नाराज है, वहीं तालिबान सरकार किसी भी प्रकार की संप्रभुता पर हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी।

हालांकि फिलहाल दोनों देशों की ओर से औपचारिक बयानों में संयम देखा जा रहा है, लेकिन जमीन पर हालात किसी संभावित सैन्य टकराव की आहट दे रहे हैं।

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Putin On Plane Crash: डिफेंस सिस्टम से ‘ब्लंडर’… अजरबैजान विमान हाद...

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Putin On Plane Crash: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पहली बार खुलकर स्वीकार किया कि दिसंबर 2024 में अजरबैजान के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह रूस की एयर डिफेंस फोर्सेज की गलती थी। यह विमान बाको से ग्रोजनी जा रहा था, जिसमें कुल 67 यात्री सवार थे। दुखद हादसे में 38 लोगों की जान चली गई। पुतिन ने बताया कि रूस की एयर डिफेंस ने उस दिन यूक्रेनी ड्रोन को निशाना बनाने के लिए मिसाइलें दागीं, लेकिन ये मिसाइलें विमान के बहुत करीब फट गईं, जिसके कारण विमान पश्चिमी कजाखस्तान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

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पुतिन ने मांगी आधिकारिक माफी- Putin On Plane Crash

इस हादसे को लेकर पुतिन ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से पहली बार आधिकारिक तौर पर माफी मांगी। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का भरोसा भी दिया। इससे पहले पुतिन ने हादसे को केवल दुखद घटना माना था, लेकिन जिम्मेदारी लेने से बचते रहे थे। अजरबैजान ने रूस पर इस दुर्घटना की सच्चाई छुपाने और घटना को दबाने का आरोप लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।

अजरबैजान की प्रतिक्रिया और जांच की मांग

अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने दुशांबे में पुतिन के साथ हुई बैठक में कहा कि वे चाहते हैं कि दुर्घटना की निष्पक्ष और पूरी जांच हो। उन्होंने रूस पर आरोप लगाया था कि वह असलियत को छुपाने की कोशिश कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, पुतिन की माफी और स्वीकारोक्ति का मकसद कूटनीतिक तनाव कम करना और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल करना है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस हादसे के बाद सुरक्षा के कदम और सहयोग मजबूत होंगे ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

रूस-अजरबैजान संबंधों पर असर

दुर्घटना से पहले दोनों देशों के रिश्ते मजबूत थे, खासकर व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक क्षेत्र में। लेकिन इस विमान हादसे ने दोनों देशों के बीच विश्वास में दरार पैदा कर दी। हादसे के बाद अजरबैजान ने अपने नागरिकों की सुरक्षा और रूस की कार्रवाई पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी। रूस में बसे अजरबैजानी समुदाय में भी चिंता और असंतोष बढ़ा। अलीयेव ने जोर देकर कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल और संचार व्यवस्था को बेहतर किया जाए।

पुतिन ने हादसे का पूरा सच बताया

पुतिन ने बताया कि दुर्घटना वाली सुबह रूस की एयर डिफेंस ने यूक्रेनी ड्रोन को नष्ट करने के लिए मिसाइलें दागीं, जो विमान से कुछ ही मीटर की दूरी पर फटीं। उन्होंने कहा कि मिसाइलें सीधे विमान पर नहीं लगीं, वरना विमान उसी जगह दुर्घटनाग्रस्त हो जाता। रूसी हवाई यातायात नियंत्रकों ने पायलट को मखचकाला में विमान उतारने की सलाह दी थी, लेकिन पायलट ने अपने घरेलू हवाई अड्डे और बाद में कजाखस्तान में उतरने की कोशिश की, जहां विमान क्रैश हो गया।

पहले भी हुई थी माफी, लेकिन जिम्मेदारी से बचा पुतिन

इससे पहले पुतिन ने अजरबैजान के राष्ट्रपति से माफी जरूर मांगी थी, लेकिन उस वक्त उन्होंने हादसे की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की थी। रूस की वायु परिवहन एजेंसी ने शुरुआती रिपोर्ट में कहा था कि विमान एक पक्षी से टकराने की वजह से मार्ग बदलने को मजबूर हुआ था।

मुआवजा और कानूनी कार्रवाई का आश्वासन

पुतिन ने कहा कि रूस ऐसे दुखद हादसों में मुआवजा देने के लिए हर संभव कदम उठाएगा और मामले से जुड़े अधिकारियों की कानूनी जांच भी होगी। यह स्वीकारोक्ति रूस-अजरबैजान के रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश के रूप में देखी जा रही है।

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Karwa Chauth 2025 gifts: पत्नी के लिए दिल छू लेने वाले स्पेशल गिफ्ट आइडियाज़

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Karwa Chauth Special Gift Ideas: करवा चौथ (Karwa Chauth 2025), जो इस साल शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को है, पति-पत्नी के प्रेम और अटूट बंधन का त्योहार है। लेकिन अगर आप भी इस कन्फ्यूजन (Confusion) में हो कि आप इस करवा चौथ अपनी वाइफ को क्या गिफ्ट दे तो चलिए आपको इस लेख में कुछ ऐसे खास तोहफे के बारे में बताते हैं जिसे देकर आप अपने पार्टनर को खुश कर सकते है और इस पल बेहद ही खास बना सकते हैं।

वाइफ को ज्वेलरी गिफ्ट

किसी भी महिला के लिए ज्वेलरी सबसे कीमती चीज़ मानी जाती हैं। करवा चौथ जैसे ख़ास मौके पर अपनी पत्नी को कोई खूबसूरत ज्वेलरी दे सकते है। या फिर एक लॉकेट, पेंडेंट या ब्रेसलेट जिस पर आप दोनों के नाम के Initials, शादी की तारीख, या कोई खास मैसेज लिखवा सकते हैं।

वही करवा चौथ के लिए सोने, हीरे, या चांदी के ज्वेलरी एक क्लासिक गिफ्ट हैं। आप एक सुंदर मंगलसूत्र, स्टाइलिश झुमके, या एक एलिगेंट कंगन चुन सकते हैं।

Karwa Chauth Gift Jewelry
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मेकअप बॉक्स एंड साड़ी

आप अपनी वाइफ को ट्रेडिशनल ऑउटफिट (Ethnic Outfit) ड्रेस या एक खूबसूरत साड़ी, लहंगा या अनारकली सूट भी दे सकते है। जो उनकी पसंद और स्टाइल के अनुसार हो। वही आपको बता दें, करवा चौथ पर पहनने के लिए लाल, गुलाबी या मैरून जैसे शुभ रंग के कपड़े बेहतरीन होते हैं।

दूसरी तरफ आप एक सुन्दर सा मेकअप बॉक्स (जिसमें चूड़ियाँ, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी और अन्य सोलाह शृंगार की चीज़ें हों) रखकर भी दे सकते हैं। ये भी काफी खूबसूरत तोहफा हो सकता हैं।

Karwa Chauth Gift saree
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सरप्राइज डिनर डेट

चाँद देखने के बाद आप आपनी वाइफ के लिए घर पर ही कैंडल-लाइट डिनर की तैयारी कर सकते हैं या किसी अच्छे रेस्टोरेंट में डिनर डेट पर भी जा सकते ये काफी यादगार और खुशनुमा पल होगा। वही इन दिनों पर्सनलाइज्ड गिफ्ट का ट्रेंड काफी चल रहा है। आप अपनी पत्नी को एक फोटो फ्रेम, मग, कुशन, या लकड़ी की पट्टिका उपहार में दे सकते हैं जिस पर आपकी तस्वीर और एक प्यारा सा मेसेज छपा हो। ऐसा उपहार हमेशा उसके दिल के करीब रहेगा, और जब भी वह इसे देखेगी, उसे आपकी याद आएगी।

Karwa chauth dinner date suprise
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Emerging Tech Conference 2025: AI वाला भारत, इमर्जिंग टेक कॉन्फ्रेंस 2025 में दिखा भा...

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Emerging Tech Conference 2025: 5 अक्टूबर 2025 को आईआईटी दिल्ली के डोगरा हॉल में एक ऐसा आयोजन हुआ, जिसने भारत के तकनीकी भविष्य की दिशा को न सिर्फ स्पष्ट किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि अगर हम उभरती तकनीकों को सही दिशा में उपयोग करें, तो भारत दुनिया के तकनीकी मानचित्र पर अग्रणी स्थान हासिल कर सकता है।
हम बात कर रहे हैं इमर्जिंग टेक कॉन्फ्रेंस 2025 की, जिसका आयोजन विजन एआई इंडिया, जो कि विजन आईएएस की टेक्नोलॉजी सहायक कंपनी है, ने किया। इस सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा जैसे उभरते तकनीकी क्षेत्रों पर गहन चर्चा हुई।

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तकनीक, नीति और नवाचार का संगम- Emerging Tech Conference 2025

इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था विजन एआई इंडिया द्वारा, जो कि प्रतिष्ठित संस्थान विजन आईएएस की तकनीकी शाखा है। इसका उद्देश्य था भारत को एक तकनीकी महाशक्ति के रूप में तैयार करने की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों को एक मंच पर लाना, और उभरती तकनीकों पर एक व्यापक और व्यावहारिक चर्चा को आगे बढ़ाना।

Emerging Tech Conference 2025
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इस सम्मेलन ने शिक्षा, शासन और उद्योग से जुड़े लोगों को एक साथ लाकर यह पड़ताल की कि कैसे तकनीक भारत के नवाचार इकोसिस्टम को मजबूत कर सकती है और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में अपना योगदान दे सकती है।

प्रौद्योगिकियों का भविष्य पर प्रभाव

सम्मेलन में जोर देकर बताया गया कि ये तकनीकें कैसे भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की रीढ़ बन चुकी हैं:

  • AI अब केवल डेटा प्रोसेसिंग तक सीमित नहीं रहा, बल्कि डाटा-संचालित नीतियां, स्मार्ट प्रशासन और ऑटोमेशन से यह सरकारी कामकाज को नया रूप दे रहा है।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग तेजी से सुरक्षित कंप्यूटेशन, डिफेंस रिसर्च और साइंटिफिक इनोवेशन के क्षेत्र में काम कर रहा है, जो आने वाले वर्षों में मौलिक शोध का चेहरा बदल देगा।
  • ब्लॉकचेन पारदर्शिता और डिजिटल ट्रस्ट का आधार बनता जा रहा है, खासकर गवर्नेंस, बैंकिंग और रजिस्ट्रेशन जैसे सेक्टर्स में इसकी अहम भूमिका उभर रही है।
  • साइबर सुरक्षा अब केवल एक टेक्निकल टूल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल आत्मनिर्भरता की कुंजी बन चुकी है।

सम्मेलन के अहम बिंदु और चर्चाएं

इस कॉन्फ्रेंस में कई दिलचस्प सेशन्स आयोजित किए गए जिनमें विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा के प्रमुख विषय थे:

  • AI का प्रशासन में उपयोग और उसके प्रभाव
  • क्वांटम टेक्नोलॉजी में भारत की संभावनाएं
  • क्रिप्टोकरेंसी से आगे बढ़ते ब्लॉकचेन के प्रयोग
  • साइबर खतरों से निपटने की नई रणनीतियां

इन विषयों पर केवल तकनीकी पक्ष ही नहीं, बल्कि नीतिगत, सामाजिक और नैतिक पहलुओं पर भी चर्चा हुई।

साथ ही, डाटा प्रोटेक्शन, स्किल डेवलपमेंट, और शैक्षणिक व औद्योगिक साझेदारी जैसे मुद्दे भी चर्चा के केंद्र में रहे।

इमर्जिंग टेक हैकथॉन: नवाचार की प्रयोगशाला

कॉन्फ्रेंस का सबसे आकर्षक पहलू रहा इमर्जिंग टेक हैकथॉन, जिसमें देशभर के युवा इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में AI आधारित ऐसे समाधान पेश किए गए जो प्रशासन, पर्यावरणीय स्थिरता और उद्यमों के ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े जटिल मुद्दों को हल करने की क्षमता रखते हैं।

इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत का युवा वर्ग अब केवल शिक्षा या नौकरी तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि समस्याओं का समाधान पेश करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

विशेष अतिथियों और वक्ताओं की मौजूदगी

इस महत्वपूर्ण आयोजन में तकनीकी और शैक्षणिक जगत की कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें शामिल थे:

  • Prof. Salim Beg, Prof. AP Singh, Prof. Nisha Kant Ojha, Dr. Noor, Er. Samanvay Sharma, Dr. Lakshmi Eshwari, और Er. Chetan Sharma।
  • इंडस्ट्री और सरकारी क्षेत्र से Er. Anand Khare (Advisor, DoT), Dr. Hari Babu Srivastava (DG TM, DRDO), Er. AK Mishra (Director, UPPCTL), और Er. Ayush Gupta (Director HR, GAIL) जैसे वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
  • साथ ही, DRDO, CDoT, और CDAC जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों की मौजूदगी ने आयोजन की गंभीरता और स्तर को और ऊंचा किया।
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विजन एआई इंडिया की सोच और मिशन

इस आयोजन की अगुवाई कर रहे अजय कुमार सिंह, जो कि विजन एआई इंडिया और विजन आईएएस के संस्थापक और निदेशक हैं, उन्होंने कहा:

“तकनीक को यदि सामाजिक भलाई, नैतिकता और विकास से जोड़ा जाए तभी उसका असली मूल्य सामने आता है। नवाचार सिर्फ लाभ के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए होना चाहिए।”

वहीं विजन एआई इंडिया के सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन, कमेन्द्र कुमार, जिनके पास वैश्विक ICT सेक्टर में लगभग 40 वर्षों का अनुभव है, उन्होंने कहा:

“आज भारत तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है, बशर्ते हम युवाओं को मार्गदर्शन और स्टार्टअप्स को सहयोग दें। विजन एआई इंडिया इसी दिशा में काम कर रहा है — हाथ पकड़कर आगे बढ़ाने वाला एक प्लेटफॉर्म बनकर।”

विजन एआई इंडिया: एआई युग के लिए भारत की तैयारी

विजन एआई इंडिया की नींव विजन आईएएस की विश्वसनीय विरासत पर रखी गई है। इसका मुख्य फोकस है:

  • भारत को AI-संचालित भविष्य के लिए तैयार करना
  • गवर्नेंस, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट में तकनीक को अपनाकर बदलाव लाना
  • सरकारों और संस्थानों के साथ मिलकर टेक-ड्रिवन समाधान तैयार करना

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Karwa chauth wishes: अपने लव वन को भेजें ये दिल छू लेने वाले खास मैसेज!

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Karwa chauth wishes: करवा चौथ का पवित्र त्यौहार इस वर्ष शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 यानी आज मनाया जा रहा है। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि इस करवा चौथ पर आप अपने पार्टनर को कौन से मेसेज (Message) और शुभकामनाएँ (Wishes) भेज सकते हैं जो आपके दिल को छू जाएँ, तो इस लेख में हम आपको करवा चौथ की कुछ बेहतरीन शुभकामनाएँ और संदेश के बारे में बताएँगे जो आप अपने लव वन को भेज सकते हैं। ये दिल को छू लेने वाले मेसेज आपके प्यार को और गहरा कर सकते हैं।

करवा चौथ Wishes – Karwa Chauth Wishes for Husband

  1. चांद की पूजा करके करती हूँ मैं बस एक दुआ, लग जाए तुम्हें मेरी भी उम्र, हर गम रहे तुमसे जुदा। हैप्पी करवा चौथ!
  2. मेरे दिल की हर धड़कन में बस तुम बसो, करवा चौथ पर मेरी हर दुआ तुम्हारे नाम हो। आपकी लंबी उम्र और खुशियों के लिए यह व्रत!
  3. न भूख का एहसास, न प्यास की है आस, बस तुम्हारी लंबी उम्र की करती हूँ कामना, यही तो है पति-पत्नी के अटूट बंधन का साथ। करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!
  4. तुम सिर्फ मेरे पति नहीं, मेरी ताकत हो, तुम्हारा साथ हर दर्द की राहत है, करवा चौथ पर दिल से दुआ है यही, हर पल मेरे पास हो तुम। हैप्पी करवा चौथ!
  5. चाँद की रोशनी जैसी तुम्हारी मुस्कान मेरे जीवन को रोशन करे। सिर्फ आज ही नहीं, हर दिन तुम्हारे लिए मेरी दुआ है। करवा चौथ मुबारक हो मेरे जीवनसाथी!

पत्नी के लिए रोमांटिक मैसेज 

  1. ऐ चांद अब मैं बच्चा नहीं कि तुझसे डर जाऊँगा, अब डराने का वक्त मेरा है, अपने वक्त पर निकल कर देख लेना, तुझसे भी सुंदर एक चांद मेरा है! हैप्पी करवा चौथ माय लव!
  2. उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा, आसमान पर चांद पूरा था मगर आधा लगा। तुम्हारे बिना मेरा जीवन अधूरा है। करवा चौथ की ढेर सारी शुभकामनाएं!
  3. तेरी एक मुस्कान पर मैं ये दुनिया वार दूँ, हर जन्म में बस तेरा ही साथ स्वीकार दूँ। रखा है व्रत आज, बस तेरी लम्बी उम्र के लिए, तुम्हें पाना ही है मेरी पूजा, तुम्हें ही सब कुछ मान दूँ। हैप्पी करवा चौथ!
  4. तुम्हारी मुस्कान में मेरी दुनिया बसती है, तुम्हारे बिना ये दिल अधूरा सा रह जाता है। व्रत की इस पवित्र रात में, मेरे दिल की हर दुआ सिर्फ तुम्हारे लिए है। करवा चौथ मुबारक!
  5. तेरी ख़ुशी से दिल को आबाद करता हूँ, गम को दिल से आजाद करता हूँ, बस एक गुजारिश है तुमसे, जिंदगी भर मुझे ऐसे ही प्यार करना। करवा चौथ की शुभकामनाएं मेरी प्यारी पत्नी!
  6. करवा चौथ का व्रत है न्यारा पत्नियों का प्यार इसमें है सारा सदा बनी रहे ये रिश्ता हमारा. हैप्पी करवा चौथ!