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Independence Day wishes: 15 अगस्त 2025 पर भेजें ये खूबसूरत देशभक्ति मेसेज, कोट्स और श...

Independence Day 2025: इस विशेष अवसर पर, आइए हम उन सभी वीरों को याद करें जिन्होंने हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन हमें एकता, प्रगति और देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास कराता है। तो चलिए आपको इस लेख में कुछ खास खूबसूरत देशभक्ति मेसेज (patriotic message)और कोट्स (Quotes)के बारें में बताते है जिन्हें आप भी अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर कर सकते हैं।

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के उद्धरण

  • “जब आधी रात को, जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा।” – जवाहरलाल नेहरू
  • “स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा।” – बाल गंगाधर तिलक
  • “आप जो बदलाव दुनिया में देखना चाहते हैं, वह आपको खुद में लाना होगा।” – महात्मा गांधी
  • “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।” – सुभाष चंद्र बोस
  • “वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते।” – भगत सिंह
  • “मेरे ऊपर पड़ने वाली एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी।” – लाला लाजपत राय
  • “आज़ादी का संरक्षण केवल सैनिकों का काम नहीं है। पूरे राष्ट्र को मज़बूत होना होगा।” – लाल बहादुर शास्त्री
  • “हम भारतीय हैं, पहले और अंत में।” – बी. आर. अम्बेडकर
  • “राष्ट्र की संस्कृति लोगों के दिलों और आत्मा में बसती है।” – महात्मा गांधी

स्वतंत्रता और देशभक्ति के प्रेरणादायक उद्धरण

  • “आज़ादी कभी भी किसी भी कीमत पर सस्ती नहीं होती। यह जीवन की साँस है। जीने के लिए एक आदमी क्या नहीं चुकाएगा?” – महात्मा गांधी
  • “आज़ाद होना केवल अपनी बेड़ियों को तोड़ना नहीं है, बल्कि उस तरह से जीना है जो दूसरों की स्वतंत्रता का सम्मान और उसे बढ़ाता है।” – नेल्सन मंडेला
  • “खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप दूसरों की सेवा में खुद को खो दें।” – महात्मा गांधी
  • “स्वतंत्रता को राज करने दो। इतने गौरवशाली मानव उपलब्धि पर सूरज कभी अस्त नहीं होगा।” – नेल्सन मंडेला
  • “स्वतंत्रता वह खुली खिड़की है जिसके माध्यम से मानव आत्मा की सूरज की रोशनी आती है।” – हरबर्ट हूवर

स्वतंत्रता दिवस की wishes

  • स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
  • जय हिंद! स्वतंत्रता दिवस की बधाई!
  • आओ तिरंगा लहराएँ, स्वतंत्रता का पर्व मनाएँ।
  • स्वतंत्रता के इस पावन पर्व पर, सभी को शुभकामनाएँ।
  • यह दिन हमें हमारे शहीदों की याद दिलाता है। सभी स्वतंत्रता दिवस की  शुभकामनाएँ।
  • आज हम सब मिलकर, आज़ादी का गीत गाएँगे, स्वतंत्रता दिवस की मनाएगे।
  • स्वतंत्रता दिवस के इस ऐतिहासिक दिन पर, आपको बहुत बहुत बधाई।
  • तिरंगे के सम्मान में, हम सब एक हैं।

Dr. Ambedkar Buddha Painting: जब डॉ. अंबेडकर ने कहा — मुझे चलता-फिरता बुद्ध चाहिए और ...

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Dr. Ambedkar Buddha Painting: जब भी डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम लिया जाता है, आमतौर पर संविधान निर्माता, समाज सुधारक, या दलितों के मसीहा जैसे विशेषण याद आते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि वे एक संवेदनशील कलाकार भी थे। एक ऐसे कलाकार, जिन्होंने अपनी कला के जरिए पूरे दर्शन को नया अर्थ दिया। और उनकी बनाई भगवान बुद्ध की खुली आंखों वाली पहली पेंटिंग इसका बेहतरीन उदाहरण है।

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जब आंखें सिर्फ बंद नहीं थीं, खुली भी थीं- Dr. Ambedkar Buddha Painting

भारत में सदियों से बुद्ध की मूर्तियों और चित्रों में आंखें बंद होती थीं। ध्यान, शांति और समाधि के प्रतीक के रूप में बुद्ध को अक्सर आत्ममग्न मुद्रा में दिखाया जाता रहा है। लेकिन डॉ. अंबेडकर ने पहली बार बुद्ध को खुली आंखों के साथ चित्रित किया — यह सिर्फ एक पेंटिंग नहीं थी, यह दर्शन, राजनीति और सामाजिक न्याय का एक नया प्रतीक बन गई।

बाबासाहेब का मानना था कि दुनिया के दुःख को समझने के लिए आंखें खुली होनी चाहिए। वे कहते थे, “मुझे एक चलता-फिरता बुद्ध चाहिए।” यानी एक ऐसा बुद्ध जो सिर्फ ध्यान में लीन न हो, बल्कि समाज के दुख-दर्द को देखे, समझे और उसका हल खोजे।

कला में भी थे उतने ही गंभीर

बहुत कम लोग जानते हैं कि अंबेडकर एक अच्छे चित्रकार भी थे। उनका झुकाव कला की ओर बचपन से था। उन्होंने बी.आर. मदिलागेकर से चित्रकला सीखी, पेंटिंग पर कई किताबें पढ़ीं और यहां तक कि विंस्टन चर्चिल की ‘पेंटिंग ऐज़ अ पासटाइम’ नामक किताब ने उनके भीतर कलाकार को पूरी तरह से जगा दिया। जब वे चित्र बनाते थे, तो उसमें पूरी तरह डूब जाते थे।

उनकी पेंटिंग ‘खुली आंखों वाला बुद्ध’ कोई साधारण कला कृति नहीं थी। यह उनकी पूरी वैचारिक यात्रा, उनके संघर्ष और उनके क्रांतिकारी सोच की झलक थी। उन्होंने साफ कहा था — “बंद आंखें दुःख के आक्रमणों को नहीं देख पातीं, और आंखें खुली रखना ज़रूरी है, ताकि अन्याय को पहचाना जा सके।”

बुद्ध की आंखें: दर्शन की नई शुरुआत

डॉ. अंबेडकर की यह खुली आंखों वाली बुद्ध पेंटिंग ‘चरथ भिक्खु’, यानी चलने वाले भिक्षु की अवधारणा से जुड़ी थी। वे मानते थे कि बुद्ध सिर्फ विचार नहीं, क्रिया हैं। उन्होंने कलाकारों से कहा था कि “अब से सभी आंबेडकरवादी चित्रकारों को खुली आंखों वाला बुद्ध बनाना चाहिए।” यह अब एक आंदोलन बन चुका है — Ambedkarite Art Movement।

सिर्फ कला नहीं, क्रांति थी ये

आपको बता दें, बाबासाहेब की यह पेंटिंग किसी धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति नहीं थी, यह ‘जाति उन्मूलन’ की क्रांतिकारी भावना से जुड़ी थी। यह उतनी ही विद्रोही थी जितनी उनकी 22 प्रतिज्ञाएं, उतनी ही गूढ़ थी जितनी ‘हिंदू धर्म की पहेलियां’ और उतनी ही रचनात्मक जितनी भारत का संविधान।

बुद्ध की खुली आंखें न केवल एक कला का प्रतीक बन गईं, बल्कि वे सजगता, विरोध, जागरूकता और न्याय के दर्शन की शुरुआत भी थीं।

बाबासाहेब: कला के माध्यम से चेतना का प्रसार

यह बात आज शायद और ज़्यादा ज़रूरी हो गई है, जब हम अक्सर अंबेडकर को सिर्फ संविधान निर्माता के रूप में सीमित कर देते हैं। जबकि हकीकत यह है कि वे एक ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व थे जिन्होंने श्रमिकों के लिए 8 घंटे का काम तय किया, महिलाओं के अधिकारों के लिए हिंदू कोड बिल पेश किया, और डबल डॉक्टरेट हासिल करने वाले पहले भारतीय बने।

उनकी पेंटिंग और उनका दर्शन, दोनों ही एक साझा उद्देश्य की ओर इशारा करते हैं — एक ऐसा समाज जहां आंखें खुली हों, अन्याय को देखा जाए और उसके खिलाफ आवाज उठाई जाए।

डॉ. अंबेडकर की बनाई ‘खुली आंखों वाला बुद्ध’ महज़ एक कलाकृति नहीं है। यह इतिहास का एक अहम मोड़ है, जहां कला ने आंखें खोलीं और समाज को नया रास्ता दिखाया। बाबासाहेब ने बुद्ध को केवल ध्यानस्थ नहीं, जागरूक और सक्रिय रूप में देखा और यहीं से शुरू हुई एक नई क्रांति की कहानी, जो आज भी चल रही है।

इसलिए जब भी आप बुद्ध की आंखों को खुला देखें, याद रखिए यह सिर्फ एक चित्र नहीं है, यह बाबासाहेब की चेतना का प्रतिबिंब है, जो आज भी हमें देखने, समझने और बदलने की प्रेरणा देता है।

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Jolly LLB 3 Teaser: एक नहीं, दो जॉली, कोर्टरूम में दोगुना धमाल, ‘जॉली एलएलबी 3’ का टी...

Jolly LLB 3 Teaser: ‘जॉली एलएलबी’ फ्रेंचाइज़ी के तीसरे भाग का टीजर आखिरकार रिलीज हो गया है और इसने आते ही इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। फैंस लंबे समय से इस पल का इंतज़ार कर रहे थे कि कब अक्षय कुमार और अरशद वारसी एक ही स्क्रीन पर जॉली बनकर टकराएंगे। अब जब टीजर सामने है, तो फैंस का कहना है – “डबल जॉली, डबल फन और डबल धमाल!”

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‘जॉली एलएलबी 3’ का टीजरJolly LLB 3 Teaser

टीजर की शुरुआत होती है कोर्टरूम के माहौल से, जहां एक बार फिर से सौरभ शुक्ला ‘जज सुंदरलाल त्रिपाठी’ की भूमिका में नज़र आते हैं। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। जज के सामने एक नहीं बल्कि दो जॉली – अरशद वारसी (जगदीश त्यागी) और अक्षय कुमार (जगदीश्वर मिश्रा) खड़े हैं। दोनों के बीच तीखी बहस चल रही है और जज साहब परेशान होकर कह देते हैं – “हे भगवान, ये दोनों जॉली मेरी जिंदगी बर्बाद करने आए हैं!”

टीजर में अरशद वारसी कहते हैं – “मैं बदल गया हूं माय लॉर्ड!” तो वहीं अक्षय कुमार उन्हें घूरते हुए बोलते हैं – “वे है असली जॉली!” बस फिर क्या, कोर्टरूम में मजेदार नोकझोंक शुरू हो जाती है। कॉमेडी और ड्रामा का ये मेल दर्शकों को फिर से हंसी से लोटपोट करने को तैयार है।

कास्ट और किरदारों की वापसी ने बढ़ाई एक्साइटमेंट

टीजर में जहां अक्षय और अरशद की केमिस्ट्री ने धूम मचा दी, वहीं सौरभ शुक्ला की कॉमिक टाइमिंग ने भी टीजर को जानदार बना दिया। इनके अलावा फिल्म में अमृता राव (संध्या त्यागी) और हुमा कुरैशी (पुष्पा पांडे मिश्रा) की वापसी भी होने जा रही है। अमृता ‘जॉली एलएलबी 1’ में थीं, जबकि हुमा ‘जॉली एलएलबी 2’ का हिस्सा थीं। ऐसे में इस बार की कहानी में दोनों पक्षों के पुराने किरदार फिर से सामने आ रहे हैं।

फैंस के रिएक्शन ने बढ़ाया हाइप

टीजर रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर फैंस ने भर-भरकर प्यार लुटाया। एक यूजर ने लिखा – “फाइनली अक्षय और अरशद का कॉमेडी के एरा में असली कमबैक हो रहा है।” दूसरे ने कहा – “अक्षय + अरशद + सौरभ = फुल एंटरटेनमेंट!” एक मजेदार डायलॉग ‘जांघिया बदलने से दस्त नहीं रुक जाते’ को लेकर भी काफी कमेंट्स आए, जिसे यूजर्स ने ‘एपिक’ बताया।

टीजर में एक बकरे की भी झलक दिखाई गई, जिस पर इंटरनेट पर मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई। किसी ने कहा, “क्या ये दोनों बकरे के लिए लड़ रहे हैं?” तो किसी ने मजाक में लिखा, “बकरा कैमियो ऑफ द ईयर!”

फिल्म की रिलीज डेट और निर्माण टीम

‘जॉली एलएलबी 3’ का निर्देशन सुभाष कपूर ने किया है, जिन्होंने इस फिल्म की कहानी भी लिखी है। फिल्म का निर्माण स्टार स्टूडियोज, केप ऑफ गुड फिल्म्स और कंगड़ा टॉकीज ने मिलकर किया है। प्रोड्यूसर के तौर पर आलोक जैन और अजीत अंधारे जुड़े हैं, जबकि सह-निर्माता नरेन कुमार और डिंपल खरबंदा हैं।

फिल्म 19 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी और माना जा रहा है कि ये बॉक्स ऑफिस पर बड़ा धमाका करेगी। खास बात यह है कि ‘जॉली एलएलबी’ की पहली फिल्म साल 2013 में आई थी जिसमें अरशद वारसी लीड रोल में थे और 2017 में आए दूसरे पार्ट में अक्षय कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अब तीसरे पार्ट में दोनों जॉली आमने-सामने होंगे, जो दर्शकों के लिए एक बिल्कुल नया अनुभव होगा।

सामाजिक मुद्दों के साथ हास्य की चुटकी

फिल्म केवल हंसी-मजाक तक सीमित नहीं रहने वाली। ‘जॉली एलएलबी 3’ भी पहले की तरह सामाजिक मुद्दों को लेकर कोर्टरूम ड्रामा के ज़रिए सवाल उठाएगी, जिसमें कॉमेडी और गंभीरता का संतुलन बना रहेगा। यह सुभाष कपूर की खासियत रही है, जिससे ये फ्रेंचाइज़ी लोकप्रिय हुई है।

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7 Best Green Teas: माचा से मोरक्कन मिंट तक, जानिए ग्रीन टी की सात किस्में जो आपके हेल...

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7 Best Green Teas: अगर आप भी उन लोगों में हैं जिन्हें चाय के बिना दिन शुरू करने में मजा नहीं आता, तो जरा एक बार ग्रीन टी को मौका दीजिए। ये कोई आम चाय नहीं है। ये वो ड्रिंक है जो न सिर्फ स्वाद में हल्का होता है, बल्कि सेहत के मामले में भी नंबर वन माना जाता है। ग्रीन टी दुनिया भर में हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए पसंद की जाती है और इसकी वजहें भी कमाल की हैं।

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सबसे पहले तो जान लीजिए कि ग्रीन टी कोई नई चीज़ नहीं है। सदियों से लोग इसे पीते आ रहे हैं। इसका खास गुण है इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स जो शरीर की अंदरूनी सफाई करते हैं, मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं और वजन घटाने में भी मदद करते हैं।

अब बात करते हैं इसके अलग-अलग फ्लेवर और स्टाइल की। ग्रीन टी का मतलब सिर्फ एक तरह की चाय नहीं है। इसमें कई वैराइटी मिलती हैं, और हर एक का स्वाद और फायदा अलग होता है।

माचा ग्रीन टी- 7 Best Green Teas

अगर आप ज्यादा ताकतवर असर चाहते हैं तो माचा बढ़िया है। ये पाउडर के रूप में आती है और इसे पीने का मतलब है आप पूरी पत्ती को पी रहे हैं यानी भरपूर फायदा। इसे पीने से तनाव कम होता है, फोकस बढ़ता है और शरीर एक्टिव रहता है। बस थोड़ा सा गर्म पानी लेकर माचा पाउडर को फेंटिए और तैयार हो जाइए एक दमदार कप के लिए।

सेनचा ग्रीन टी

जापान में सबसे पॉपुलर ग्रीन टी यही है। इसका स्वाद हल्का-सा घास जैसा लगता है, जो बहुत ताज़ा फील कराता है। इसमें फ्लोराइड भी होता है जो दांतों के लिए अच्छा है। इसे 70-80 डिग्री के पानी में बस एक-दो मिनट रखना होता है।

ग्योकोरो ग्रीन टी

ये थोड़ा महंगी ग्रीन टी होती है जो छांव में उगाई जाती है। इसका स्वाद थोड़ा मलाई जैसा और बहुत ही स्मूद होता है। ये दिमाग को शांत करने और एनर्जी बनाए रखने में मदद करती है।

होजिचा ग्रीन टी

इसका स्वाद थोड़ा अलग होता है क्योंकि ये भुनी हुई पत्तियों से बनती है। कम कैफीन होती है तो शाम या रात को पीना बेहतर रहता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में भी मदद करती है।

लोंगजिंग (ड्रैगन वेल)

चीन की खास ग्रीन टी। इसका स्वाद हल्का मीठा और थोड़ा नटी जैसा होता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स की भरमार होती है, जो दिल-दिमाग दोनों को फायदा पहुंचाते हैं।

जैस्मिन ग्रीन टी

इसमें जैस्मिन फूलों की खुशबू होती है। हल्का मीठा स्वाद और बहुत ही सुकून देने वाली चाय है। सूजन कम करने और दिल को हेल्दी रखने में काम आती है।

मोरक्कन मिंट टी

अगर आपको पुदीने वाली चाय पसंद है तो ये एकदम परफेक्ट है। पुदीने के साथ ग्रीन टी मिलती है, जिससे पेट की दिक्कतें दूर होती हैं और मूड भी फ्रेश रहता है।

ग्रीन टी को क्यों शामिल करें अपने डेली रूटीन में?

  • वजन घटाने में मदद करती है
  • दिल को हेल्दी रखती है
  • शरीर से टॉक्सिन्स निकालती है
  • दिमाग को फोकस करने में हेल्प करती है

परफेक्ट कप बनाने का तरीका?

  • पानी ज्यादा गर्म न करें, 70-80°C पर रखें
  • 1 से 3 मिनट ही रखें पत्तियों को, ज्यादा देर करेंगे तो स्वाद बिगड़ सकता है
  • माचा को अच्छे से फेंटना जरूरी है, नहीं तो गांठें रह जाएंगी

कुछ बातें ध्यान रखने वाली

ग्रीन टी वैसे तो सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पीने पर दिक्कत भी हो सकती है। ज्यादा कैफीन से नींद खराब हो सकती है, या पेट में जलन महसूस हो सकती है। दिन में 3 से 4 कप काफी हैं। अगर किसी हेल्थ कंडीशन से गुजर रहे हैं तो डॉक्टर से एक बार पूछ जरूर लें।

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Royal Enfield Hunter 350: रॉयल एनफील्ड हंटर 350 का नया अवतार आया सामने, ग्रेफाइट ग्रे...

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Royal Enfield Hunter 350: रॉयल एनफील्ड ने अपनी मशहूर मोटरसाइकिल Hunter 350 को नए रंग और नए तेवर के साथ बाजार में उतारा है। कंपनी ने 2025 मॉडल में नया ग्रेफाइट ग्रे कलर ऑप्शन पेश किया है, जो बाइक के मिड वेरिएंट में शामिल किया गया है। इस नए रंग की एंट्री के साथ अब हंटर 350 के कुल 7 रंग विकल्प हो गए हैं। नया कलर शेड उन लोगों को जरूर लुभाएगा, जो सिंपल लेकिन यूनिक स्टाइल पसंद करते हैं।

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नया कलर, पुराना भरोसा- Royal Enfield Hunter 350

ग्रेफाइट ग्रे वेरिएंट को मैट फिनिश के साथ पेश किया गया है, जो बाइक को एक प्रीमियम लुक देता है। इस पर दिया गया नीऑन येलो एक्सेंट इसकी स्टाइलिंग को और भी खास बनाता है। कहा जा रहा है कि ये एक्सेंट स्ट्रीट ग्रैफिटी आर्ट से प्रेरित हैं। डिज़ाइन के मामले में हंटर 350 में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इस नए कलर से बाइक की सड़क पर मौजूदगी और भी दमदार हो गई है।

फीचर्स में कोई समझौता नहीं

रॉयल एनफील्ड हंटर 350 का यह वेरिएंट भी उन्हीं फीचर्स के साथ आता है जो बाकी मॉडल्स में मिलते हैं। बाइक में LED हेडलाइट, ट्रिपर पॉड और टाइप-C USB फास्ट चार्जिंग की सुविधा दी गई है। साथ ही, 2025 में हुए अपडेट के तहत बाइक का ग्राउंड क्लीयरेंस 10 मिमी तक बढ़ाया गया है, जिससे राइड अब पहले से ज्यादा आरामदायक हो गई है।

परफॉर्मेंस में वही दम

इस नए वेरिएंट में भी वही भरोसेमंद 349cc का J-सीरीज इंजन मिलता है, जो 20.2 bhp की पावर और 27 Nm का टॉर्क जनरेट करता है। यह इंजन स्मूद राइडिंग के लिए जाना जाता है और शहर के ट्रैफिक से लेकर हाईवे की लंबी दूरी तक हर जगह बेहतर परफॉर्म करता है।

कीमत और बुकिंग

ग्रेफाइट ग्रे कलर में लॉन्च हुआ नया हंटर 350 वेरिएंट करीब ₹1.90 लाख (एक्स-शोरूम) की कीमत पर उपलब्ध है। ग्राहक इसे अपने नजदीकी रॉयल एनफील्ड डीलरशिप, कंपनी की वेबसाइट या एप के जरिए बुक कर सकते हैं।

बाकी वेरिएंट्स भी हैं दमदार

हंटर 350 के मिड वेरिएंट में अब तीन कलर हैं – रियो व्हाइट, डेपर ग्रे और अब ग्रेफाइट ग्रे। इसके अलावा, हंटर 350 के बाकी वेरिएंट्स में टोक्यो ब्लैक, लंदन रेड, रेबेल ब्लू और फैक्ट्री ब्लैक जैसे ऑप्शन भी मौजूद हैं, जिनकी शुरुआती कीमत ₹1.50 लाख (एक्स-शोरूम) से शुरू होती है।

कुल मिलाकर कहे तो, रॉयल एनफील्ड हंटर 350 का नया ग्रेफाइट ग्रे वेरिएंट उन ग्राहकों को ध्यान में रखकर लाया गया है, जो परफॉर्मेंस के साथ स्टाइल भी चाहते हैं। इसका लुक और कलर स्कीम, बाकी फीचर्स के साथ मिलकर, इसे एक बेहतर स्ट्रीट बाइक बनाते हैं। बाइक खरीदने की सोच रहे लोगों के लिए यह नया ऑप्शन एक ताज़गीभरा और प्रैक्टिकल विकल्प साबित हो सकता है।

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Agra News: “मैं तुम्हें सिंगर बना दूंगा” — फर्जी म्यूजिक डायरेक्टर ने सिपाही को दिखाय...

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Agra News: आगरा से आई एक हैरान कर देने वाली खबर ने सबको चौंका दिया है। एक जीआरपी सिपाही, जो गाने का शौकीन था, एक फर्जी म्यूजिक डायरेक्टर के जाल में फंस गया। उस ठग ने सिक्योरिटी मनी के नाम पर उससे भारी रकम 5.32 लाख रुपये हड़प लिए और फिर उसे फोन से ब्लॉक कर दिया। जब सिपाही को धोखे का एहसास हुआ, तो वो पूरी तरह से दंग रह गया। इस धोखाधड़ी के खिलाफ उसने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है और अब पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी है।

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इंस्टाग्राम पर मिली दोस्ती, बनाई भविष्य की उम्मीदें- Agra News

खबरों के मुताबिक, अरुण अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी आवाज़ में गाना रिकॉर्ड करके साझा करते हैं। 2024 के अंत में उन्हें इंस्टाग्राम पर मोहम्मद इरफान अली नाम की एक आईडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली। इस व्यक्ति ने खुद को म्यूजिक डायरेक्टर बताया और अरुण की गायकी की तारीफ करते हुए एक बड़ा संगीत कैरियर देने का वादा किया। उसने कई प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ ली गई अपनी झूठी तस्वीरें भी भेजीं, जिससे अरुण विश्वास करने लग गए कि सामने असली सुनहरा अवसर है।

सिक्योरिटी मनी के नाम पर हड़पे लाखों

फर्जी डायरेक्टर ने अरुण को यह भरोसा दिलाया कि उनका गाना रिकॉर्ड करने के लिए बिलीव म्यूजिक इंडिया कंपनी की सौदे की जरूरत है और इसके लिए पहले सिक्योरिटी मनी भरनी होगी। यह पैसा तीन महीने बाद वापस कर दिया जाएगा। मन ही मन अरुण खुश थे कि उनकी मेहनत रंग ला रही है, लेकिन यकीन में ढलते ही उन्होंने 7 अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच यूपीआई के माध्यम से कुल ₹5.32 लाख ट्रांसफर कर दिए।

सपने टूटे और नंबर हुआ ब्लॉक

पैसे ट्रांसफर हो जाने के बाद फर्जी डायरेक्टर ने काम न करने की बात करना शुरू कर दी। जब अरुण ने वापस रुपये की मांग की, तो आरोपी ने उन्हें तुरंत ब्लॉक कर दिया। यही नहीं, बाद में मिलने वाले कॉल्स पर धमकियाँ भी मिलने लगीं कि उसके “गैंगस्टरों” से संबंध हैं और नौकरी से भी हाथ धो बैठ सकता है। नादिर शाह नाम के एक व्यक्ति ने कॉल करते हुए नौकरी छिनने की भी धमकी दी।

और चीजें खुलीं तो टरपके पीछे पड़ गए

भरोसा टूटने के बाद अरुण ने जब शिकायत दर्ज कराई, तो सामने आया कि आरोपी ने पहले भी गुमराह करके लाखों लोगों को ठगा है। उन्होंने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया है। मामला दर्ज होते ही डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने आरोपियों को पकड़ने की बात कही और साफ चेतावनी दी कि साइबर ठगी के इस प्रकरण में जल्द कार्रवाई होगी।

पुलिस का संदेश: सोशल मीडिया पर सतर्क रहें

डीसीपी ने बताया कि ऐसे अपराधी आमतौर पर सोशल मीडिया पर लालच देकर लोगों को फंसाते हैं। वे बड़े बॉलीवुड या म्यूजिक स्टूडियो के साथ जुड़ाव का झांसा देकर पैसा हड़प लेते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। उन्होंने लोगों से एक चेतावनी भी दी: “अगर अजनबी नंबर से कोई कॉल करे, नौकरी या लाखों का काम दिलाने की बात कहे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।”

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Trump Tariffs On China: अमेरिका का बदला रुख: भारत पर 50% टैरिफ, चीन को दी 90 दिन की र...

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Trump Tariffs On China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन को लेकर अपनी आर्थिक नीतियों में साफ तौर पर दोहरा रवैया अपना लिया है। जहां एक तरफ भारत से आने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है, वहीं दूसरी तरफ चीन को 90 दिनों की टैरिफ राहत देकर एक बड़ा झटका दिया गया है। इस फैसले ने दोनों देशों के बीच अमेरिका के व्यवहार पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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चीन को राहत, भारत पर सख्ती- Trump Tariffs On China

12 अगस्त को अमेरिका और चीन की ओर से एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ को 90 दिनों के लिए होल्ड करने का फैसला लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा, “मैंने एक कार्यकारी आदेश पर साइन किया है, जिससे चीन पर टैरिफ की सस्पेंशन अवधि 90 दिनों तक बढ़ा दी गई है।”

गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में अमेरिका ने चीन पर 245 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी, जिसके जवाब में चीन ने भी 125 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ाने की बात कही थी। अब, यह टकराव शांत होता नजर आ रहा है, और व्यापारिक संबंधों को सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।

भारत को क्यों निशाना?

दूसरी तरफ भारत पर ट्रंप सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। भारतीय उत्पादों पर लगाया गया 50 प्रतिशत टैरिफ दो हिस्सों में है—25 प्रतिशत नियमित आयात शुल्क और 25 प्रतिशत रूस से तेल खरीदने की वजह से दंडात्मक टैरिफ। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत का रूस से तेल लेना अमेरिका की नीति के खिलाफ है।

पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि चीन भी रूस से तेल खरीदता है, लेकिन उस पर कोई दंड नहीं लगाया गया। यह स्पष्ट दोहरा मापदंड अब सवालों के घेरे में है।

ट्रंप और शी जिनपिंग के बदले रिश्ते

इस बीच ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ कर सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि “मेरे जिनपिंग के साथ बहुत अच्छे रिश्ते हैं और चीन का रवैया भी सकारात्मक रहा है।” यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और चीन ने टैरिफ मुद्दे पर लंदन और स्टॉकहोम में बैठकें की थीं और व्यापार को सामान्य बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं।

अमेरिका की नीति पर सवाल

भारतीय जानकार और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक इसे ट्रंप की मतलबपरस्त विदेश नीति करार दे रहे हैं। एक ओर भारत से रणनीतिक साझेदारी की बातें होती हैं, दूसरी ओर उस पर आर्थिक दंड लगाया जा रहा है। इस मुद्दे पर जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि “ट्रंप विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।”

वैश्विक बाजार पर असर

ट्रंप के इस फैसले से न सिर्फ भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ सकता है, बल्कि इससे वैश्विक व्यापार पर भी असर पड़ सकता है। अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में आ रही गर्मजोशी का असर एशियाई बाजारों और रणनीतिक संतुलन पर दिख सकता है। वहीं भारत, जो अमेरिका का करीबी सहयोगी रहा है, अब खुद को एक अलग स्थिति में पाता है।

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India Russia Oil Purchase: भारत और चीन ने रूसी तेल खरीदना छोड़ा, तो 150 डॉलर तक पहुंच...

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India Russia Oil Purchase: दुनिया में तेल की कीमतों को लेकर चल रही बहस एक बार फिर गर्म हो गई है। इस बार वजह हैं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के फैसले। इस मुद्दे पर प्रसिद्ध राजनीतिक विश्लेषक और लेखक फरीद जकारिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि अगर भारत और चीन ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो कच्चे तेल की कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को सीधे तौर पर मंदी की ओर धकेल देगा।

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ट्रंप के फैसले पर तीखा हमला- India Russia Oil Purchase

फरीद जकारिया ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाना पूरी तरह बेमतलब और तर्कहीन है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले 25 सालों से अमेरिका की विदेश नीति भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने पर केंद्रित रही है। क्लिंटन प्रशासन से लेकर बाइडेन सरकार तक, सभी ने भारत को रणनीतिक और आर्थिक साझेदार के रूप में देखा है। लेकिन ट्रंप का ये फैसला उस नीति के बिलकुल उलट है।

चीन ज्यादा खरीद रहा, लेकिन निशाना भारत पर

जकारिया ने साफ कहा कि अगर ट्रंप को रूसी तेल खरीदने से दिक्कत है, तो चीन पर भी उतना ही दबाव होना चाहिए, क्योंकि चीन भारत से कहीं ज्यादा मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है। लेकिन ट्रंप ने सिर्फ भारत को निशाना बनाया है, जो बताता है कि उनका फैसला अर्थशास्त्र से नहीं, बल्कि राजनीति से प्रेरित है।

150 डॉलर क्रूड: दुनिया के लिए बड़ा खतरा

जकारिया ने कहा कि अगर भारत और चीन ने एक साथ रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया, तो वैश्विक तेल बाजार में एक बड़ा गैप बन जाएगा। इससे कच्चे तेल की कीमत 150 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। उनका कहना है कि, “इतनी ऊंची कीमतों पर न केवल तेल आयातक देश बुरी तरह प्रभावित होंगे, बल्कि इससे अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में आर्थिक मंदी की स्थिति बन जाएगी।”

उन्होंने ये भी जोड़ा कि ट्रंप खुद कभी नहीं चाहेंगे कि अमेरिका फिर मंदी में फंसे। इसलिए इस तरह का कदम उल्टा असर डाल सकता है।

बाइडेन की नीति ज्यादा संतुलित

फरीद जकारिया ने बाइडेन प्रशासन की नीति को जिम्मेदार और व्यवहारिक बताया। उन्होंने कहा कि बाइडेन सरकार ने रूस पर दबाव बनाए रखते हुए यह सुनिश्चित किया कि तेल की वैश्विक आपूर्ति बनी रहे। इससे एक ओर तो दुनिया को तेल मिलता रहा और दूसरी ओर रूस को भी ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ। जकारिया के मुताबिक, ट्रंप का तरीका इसके मुकाबले ज्यादा संकीर्ण और खतरनाक है।

रिश्तों पर असर डाल सकता है ये टैरिफ

जकारिया ने चेताया कि ट्रंप की ये नीति भारत-अमेरिका के बीच वर्षों से बने गहरे रिश्तों को नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने लंबे समय तक भारत को एशिया में एक भरोसेमंद और स्थिर साझेदार माना है, लेकिन अब इन नीतियों से वो भरोसा डगमगाने लगा है।

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Bihar SIR News: बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर विवाद गहराया: सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा...

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Bihar SIR News: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। निर्वाचन आयोग द्वारा कराए गए विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) के तहत हजारों मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि कई जिंदा लोगों को भी मृत घोषित कर दिया गया है। इस प्रक्रिया पर विपक्ष पहले से ही सवाल उठा रहा था, और अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। भोजपुर जिले के एक मजदूर मतदाता ने अदालत में पेश होकर बताया कि बिना किसी सूचना या सत्यापन के उन्हें मृत बताकर मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद राज्य में मतदाता अधिकारों और चुनावी पारदर्शिता को लेकर नई बहस छिड़ गई है।

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मिंटू पासवान ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार- Bihar SIR News

दरअसल भोजपुर जिले के आरा विधानसभा क्षेत्र से आने वाले मतदाता मिंटू पासवान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मिंटू पासवान (उम्र 41 वर्ष, पिता उदय पासवान) ने बताया कि मतदाता सूची संशोधन के दौरान बीएलओ ने उन्हें बिना कोई सूचना दिए “मृत” घोषित कर दिया और मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि वे आरा नगर निगम के वार्ड नंबर 1, सिंगही कला के मतदान केंद्र संख्या 92 (पुराना) और 100 (नया) के नियमित मतदाता रहे हैं। उनका पुराना इपिक नंबर 0701235 है। मिंटू पेशे से मजदूर हैं और मैट्रिक पास हैं।

बिना सत्यापन ही काटा नाम

मिंटू का आरोप है कि बीएलओ उनके पास सत्यापन के लिए कभी आए ही नहीं। वह वार्ड पार्षद से बात कर चले गए और बाद में पता चला कि उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। जब उन्होंने शिकायत दर्ज कराई, तो बीएलओ करीब 10 दिन बाद आए और नाम दोबारा जोड़ने के लिए दस्तावेज़ों की लंबी सूची मांगने लगे।

एक नहीं, कई ‘जिंदा’ मतदाताओं के नाम हटा

मिंटू के अनुसार, यह गड़बड़ी सिर्फ उनके साथ नहीं हुई। उनके ही वार्ड की 69 वर्षीय फुलझारो देवी (पति कमला यादव, इपिक नंबर 2457935) का नाम भी मृत बताकर हटा दिया गया। वह वर्षों से मतदान करती आ रही हैं।

इसी तरह, वार्ड नंबर 35, धरहरा के निवासी:

  • शंकर चौहान (उम्र 64, इपिक नंबर 903331)
  • मदन चौहान (उम्र 73, इपिक नंबर 1309913)
  • सुधा देवी (उम्र 34, इपिक नंबर 1520642)

का नाम भी मृत घोषित कर सूची से हटा दिया गया है। इन सभी ने दावा-आपत्ति का फॉर्म भरकर अपनी शिकायत दर्ज की है।

बीएलओ की कार्यशैली पर उठे सवाल

इन सभी मामलों में एक बात समान रही बीएलओ ने बिना सत्यापन किए या संबंधित मतदाता से संपर्क किए बिना ही उनका नाम मृत बताकर काट दिया। जबकि चुनाव आयोग की ओर से बीएलओ को सख्त निर्देश दिए गए थे कि वे घर-घर जाकर सत्यापन करें। इससे मतदाता अधिकारों को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है।

विपक्ष का आरोप: जानबूझकर हो रही छंटनी

विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह प्रक्रिया सिर्फ तकनीकी खामी नहीं है, बल्कि सुनियोजित तरीके से खास वर्गों के लोगों को सूची से हटाने की साजिश है। इससे विधानसभा चुनाव में मतदाता गणना और नतीजों पर असर पड़ सकता है।

चुनाव आयोग की चुप्पी, सुप्रीम कोर्ट की नजर

वहीं, इस पूरे विवाद पर अभी तक निर्वाचन आयोग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है और अब सबकी नजर अदालत के रुख पर टिकी है।

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Rahul Gandhi News: रायपुर में राहुल गांधी की टीम ने गुप्त ट्रेनिंग कैंप शुरू किया, यु...

Rahul Gandhi News: कांग्रेस पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को आगामी राजनीतिक रणनीतियों के लिए तैयार करने के उद्देश्य से रायपुर के वीआईपी रोड स्थित एक होटल में राहुल गांधी की टीम ने एक गुप्त ट्रेनिंग कैंप शुरू किया है। यह तीन दिन का कैंप पूरी तरह से गुप्त रखा गया है, जिसमें प्रदेश के 100 चुने हुए युवा कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हैं। इन कार्यकर्ताओं को आने वाले समय में पार्टी के लिए विभिन्न मोर्चों पर सक्रिय रूप से काम करने की रणनीतियां सिखाई जा रही हैं।

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कार्यक्रम की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त नियम- Rahul Gandhi News

इस ट्रेनिंग कैंप की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। मीडिया और सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम के बारे में कोई भी जानकारी साझा करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है। ट्रेनिंग के दौरान कार्यकर्ताओं के मोबाइल फोन अलग से रखवा दिए गए हैं और किसी को भी वीडियो या फोटो खींचने की अनुमति नहीं दी जा रही है, ताकि कार्यक्रम की कोई भी जानकारी बाहर न जा सके।

इसके अलावा, होटल परिसर में बाहरी लोगों का प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित है। सभी सेशनों पर कोर टीम की कड़ी निगरानी है और होटल के आसपास के क्षेत्रों में चुने हुए वालंटियरों की टीम सख्ती से तैनात की गई है, ताकि कोई भी अनचाही गतिविधि न हो।

सुबह से रात तक चल रहे सेशन

12 अगस्त से शुरू हुए इस ट्रेनिंग कैंप के सेशंस सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक चल रहे हैं। इन सेशन्स में पार्टी के इतिहास, आंदोलन के लिए रणनीतियां, जनहित के मुद्दों पर सरकार से मुकाबला करने के तरीके और जनता के बीच मुद्दों को कैसे उठाना है, जैसे विषयों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है।

इसके अलावा, टीमवर्क और नेतृत्व कौशल को भी खासा महत्व दिया जा रहा है। इसके लिए खेलकूद, प्रभात फेरी, सांस्कृतिक गतिविधियां और टीम बिल्डिंग एक्टिविटीज आयोजित की जा रही हैं, ताकि कार्यकर्ता न सिर्फ राजनीतिक दृष्टिकोण से, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी सशक्त हो सकें।

सिखाई जा रही संविधान और कानून की समझ

एक खास पहल के रूप में, इस ट्रेनिंग में शामिल अधिकांश कार्यकर्ता एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग से हैं। पार्टी का उद्देश्य इन युवाओं को केवल सक्रिय राजनीति में उतारना नहीं है, बल्कि उन्हें संविधान और कानून की समझ भी देना है, ताकि वे जनहित के मुद्दों पर मजबूती से खड़े हो सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रभावी कदम उठा सकें।

राहुल गांधी की टीम से गौरव और अभिषेक का नेतृत्व

इस ट्रेनिंग कैंप को राहुल गांधी की टीम से गौरव जायसवाल और अभिषेक त्रिपाठी लीड कर रहे हैं। ये दोनों नेता पहले भी राहुल गांधी के अभियानों में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिकाओं में रहे हैं। इस ट्रेनिंग कैंप का मुख्य उद्देश्य संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलनों की तैयारी करना है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष का मार्गदर्शन

जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभानु चिब भी शामिल होंगे। वे स्वयं ट्रेनिंग लेने वाले कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देंगे और उन्हें सिखाएंगे कि कैसे वे अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों को समझें और पार्टी के लिए बेहतर काम कर सकें।

कांग्रेस की युवा टीम का भविष्य

पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, यह ट्रेनिंग कैंप केवल संगठनात्मक मजबूती का हिस्सा नहीं है, बल्कि आने वाले समय में सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की दिशा में भी एक अहम कदम है। कार्यकर्ताओं को सिखाया जा रहा है कि वे जनता के बीच जाकर अपने मुद्दों को कैसे उठाएं, उनके बीच संवाद कैसे स्थापित करें और जनभावनाओं को जोड़कर बड़े आंदोलनों की नींव कैसे रखें।

कार्यक्रम के आखिरी दिन, कार्यकर्ताओं को एक विस्तृत ऐक्शन प्लान सौंपा जाएगा, जिसमें उनके क्षेत्रवार जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। माना जा रहा है कि यह कैंप कांग्रेस पार्टी के युवा विंग को पूरी तरह से सक्रिय करने की बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जो आगामी समय में पार्टी की ताकत को और बढ़ाएगा।

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