Men die after hair transplant: हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाली खबर आई है, जहां 37 वर्षीय इंजीनियर विनीत कुमार दुबे की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद मौत हो गई। उनकी पत्नी जया त्रिपाठी ने इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तो चलिए इस लेख में आपको पूरा मामला बताते हैं और आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं जिन्हें हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए।
हेयर ट्रांसप्लांट के कारण इंजीनियर की मौत
बीते कुछ दिन पहले कानपुर से एक खबर सामने आई जहाँ जहां 37 वर्षीय इंजीनियर विनीत कुमार दुबे की हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद मौत हो गई। दरअसल, विनीत दुबे पनकी पावर प्लांट में सहायक अभियंता के पद पर कार्यरत थे। 11 मार्च को उनकी पत्नी अपने बच्चों के साथ गोंडा गई थीं। 13 मार्च को विनीत कल्याणपुर में एक निजी क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराने गए थे, जिसे एमबीबीएस डॉक्टर चलाते थे। वही 14 मार्च की सुबह जया को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें बताया गया कि विनीत का चेहरा सूज गया है और उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है। अचानक कॉल कट गई और फिर उस नंबर पर संपर्क नहीं हो सका। डॉक्टर का फोन भी बंद मिला। जिसके बाद जया ने कानपुर में अपने चाचा से कहा विनीत को अस्पताल ले जाया जाए।
विनीत की हालत बिगड़ने पर उसे रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 15 मार्च को उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद जया त्रिपाठी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। रावतपुर थाने में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 106 (1) के तहत एफआईआर दर्ज की गई, जो लापरवाही से मौत का कारण बनती है। पुलिस ने इंजीनियर को डॉक्टर से मिलवाने वालों के बयान दर्ज किए हैं। पुलिस ने डॉक्टर को पूछताछ के लिए बुलाया है, लेकिन वह अभी तक पेश नहीं हुआ है। मामले की जांच जारी है। आपको बता दें, इस घटना के बाद से हेयर ट्रांसप्लांट जैसी कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दी है।
जानें कि किसे हेयर ट्रांसप्लांट नहीं करवाना चाहिए
आम तौर पर, हेयर ट्रांसप्लांट को एक सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है, लेकिन कुछ चिकित्सा स्थितियाँ और कारक जटिलताओं के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि किसे यह उपचार नहीं करवाना चाहिए दरअसल, जिन लोगों का रक्त शर्करा स्तर ठीक से नियंत्रित नहीं है, उन्हें संक्रमण और घाव भरने में समस्या हो सकती है। वही गंभीर हृदय रोग वाले व्यक्तियों में सर्जरी के दौरान और बाद में जटिलताओं का जोखिम बढ़ सकता है। दूसरी और ऐसे विकारों वाले लोगों में सर्जरी के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है।
- इसके अलवा हेपेटाइटिस सी या एचआईवी ये संक्रमण प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर सकते हैं और संक्रमण के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- केलोइड्स बनने की प्रवृत्ति – यदि किसी व्यक्ति में केलोइड्स (असामान्य रूप से बढ़े हुए निशान) बनने की प्रवृत्ति है, तो प्रत्यारोपित क्षेत्र में मोटे निशान बन सकते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ – कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ उपचार के बाद अवास्तविक उम्मीदों और परिणामों को जन्म दे सकती हैं।
- कुछ प्रकार के बाल झड़ना – स्कारिंग एलोपेसिया जैसी स्थितियों में, हेयर ट्रांसप्लांट प्रभावी नहीं होते हैं और स्थिति को और खराब कर सकते हैं।
- दवाएँ – कुछ दवाएँ, जैसे रक्त पतला करने वाली दवाएँ, सर्जरी के दौरान जटिलताओं के जोखिम को बढ़ा सकती हैं।
- धूम्रपान – धूम्रपान रक्त प्रवाह को कम करता है और उपचार प्रक्रिया को धीमा कर सकता है, जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है और ग्राफ्ट के जीवित रहने में मुश्किल होती है।