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CBSE Board 10th Result Live: CBSE 10वीं का रिजल्ट हुआ जारी, यहां चेक करें रिजल्ट

CBSE Board 1Oth-12th Result Live 2025 Date, CBSE Board कक्षा 12 Result 2025 Date Live Updates: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट आज घोषित हो गया. 12वीं में 88.39 फीसदी स्टूडेंट पास हुए हैं, वहीं, 10वीं में 93.66% बच्चे पास हुए हैं. लाखों छात्र-छात्राएं अपने रोल नंबर के साथ रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे. हालांकि, अब रिजल्ट जारी हो गया है. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आप अपना CBSE 10वीं और 12वीं रिजल्ट 2025 कैसे चेक करें (How to check CBSE 10th &12th results 2025) तो यह लेख आपके लिए ही है। आप यहां पर आसानी से अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।

CBSE 10th Results 2025 Live Updates

  • सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं के रिजल्ट में 19 लाख 99 हजार से ज्यादा छात्रों ने 90 प्रतिशत से ज्यादा स्कोर किया है. इसके अलावा 45 हजार 516 स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने 95 प्रतिशत से ज्यादा स्कोर किया है.
  • सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं का रिजल्ट उमंग ऐप पर कुछ ही देर में एक्टिव हो जाएगा. कई छात्रों को रिजल्ट देखने में मुश्किल हो रही है. हैवी ट्रफिक की वजह से वेबसाइट भी डाउन है. ऐसे में कुछ ही देर में रिजल्ट दोबारा देखा जा सकेगा.
  • सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं में इस साल लड़कियों ने बाजी मारी है. लड़कियों का पास प्रतिशत 95% और लड़कों का पास प्रतिशत 92.63% रहा है. वहीं, ट्रांसजेंडर का रिजल्ट 95 प्रतिशत रहा है.
cbse resukt
Source- CBSE
  • इस साल सीबीएसई बोर्ड कक्षा 1वीं में राजधानी दिल्ली का परिणाम 95.14 प्रतिशत रहा है.
  • सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं के रिजल्ट में इस साल त्रिवेंद्रम के छात्रों का परिणाम सबसे बेहतर रहा है. यहां 99.79 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं. इसके बाद दूसरे विजयवाड़ा है, यहां छात्रों का पास प्रतिशत 99.79 रहा है.
  • CBSE बोर्ड कक्षा 10वीं के रिजल्ट में इस साल 23 लाख 85 हजार 79 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें से 23 लाख 71 हजार 939 स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया और 22 लाख 21 हजार 636 स्टूडेंट्स पास हुए हैं. इस साल का कुल पास प्रतिशत 93.66 रहा है. इस साल परिणाम पिछले साल से 0.66 प्रतिशत बेहतर रहा है.
  • इस वर्ष कुल मिलाकर 44 लाख से अधिक छात्रों ने बोर्ड परीक्षाएं दी हैं. कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 18 मार्च को समाप्त हुई थीं, जबकि कक्षा 12वीं की अंतिम परीक्षा 4 अप्रैल को आयोजित की गई थी. पिछले साल यानी 2024 में CBSE ने कक्षा 12वीं और 10वीं दोनों के परिणाम एक ही दिन, 13 मई को जारी किए थे और इस साल भी 13 मई को 10वीं और 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए गए हैं.

CBSE 10th results 2025 Statewise

CBSE 10th results 2025, Statewise
Source- CBSE

CBSE Results 2025 – Main Points

विवरण  जानकारी
बोर्ड का नाम सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE)
परीक्षा का नाम हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025
रिजल्ट मोड ऑनलाइन
आधिकारिक वेबसाइट https://cbseresults.nic.in
रिजल्ट जारी होने की तारीख 12 मई 2025 (संभावित)
लॉगिन डिटेल नीचे देखें…

CBSE Board 1Oth-12th Result Live चेक करने का डायरेक्ट लिंक!

CBSE 10th Results 2025

CBSE 12th Results 2025






How to check CBSE 10th & 12th Result 2025?

सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2025 देखने के लिए छात्रों को ये जरूरी डिटेल्स दर्ज करनी होंगी:

  • रोल नंबर
  • एडमिट कार्ड आईडी
  • स्कूल कोड
  • जन्म तिथि

CBSE 12th Results 2025 Updates

  • इस साल एक लाख 11 हजार 544 छात्रों के 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा हासिल किए हैं.  वहीं, 24 हजार 867 छात्रों ने 95 प्रतिशत से ज्यादा अंक है.
  • CBSE बोर्ड 12वीं रिजल्ट में जेंडर वाइज पास प्रतिशत की बात करें तो, इस साल लड़कियों का पास प्रतिशत 91.64 रहा है वहीं, 85.70 रहा है और ट्रांसजेंडर का पास प्रतिशत 100% रहा है. इस साल का रिजल्ट साल 2024 से बेहतर रहा है. लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों के मुकाबले 5.94% बेहतर है.
  • इस वर्ष कुल मिलाकर 44 लाख से अधिक छात्रों ने बोर्ड परीक्षाएं दी हैं. कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 18 मार्च को समाप्त हुई थीं, जबकि कक्षा 12वीं की अंतिम परीक्षा 4 अप्रैल को आयोजित की गई थी.
  • CBSE के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी छात्र को परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए कम से कम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है. कक्षा 10वीं के लिए यह अंक कुल मिलाकर (यानी थ्योरी और आंतरिक मूल्यांकन को मिलाकर) देखे जाते हैं, जबकि कक्षा 12वीं में छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक हासिल करने होते हैं. अगर कोई छात्र बहुत कम अंतर (जैसे 1 अंक) से पास नहीं होता है, तो बोर्ड की ओर से उसे grace marks यानी अतिरिक्त अंक देने का भी निर्णय लिया जा सकता है.
  • CBSE बोर्ड कक्षा 12वीं का परिणाम जारी कर दिया गया है. इस साल लड़कियों का पास प्रतिशत 91.64 रहा है. वहीं, लड़कों का पास प्रतिशत 85.70% रहा है.
  • एक बड़ी बदलाव की बात करें तो इस बार से बोर्ड ने नई ग्रेडिंग प्रणाली ‘Relative Grading’ लागू की है, जो कि पुराने फिक्स्ड ग्रेडिंग पैटर्न से अलग है. पहले छात्रों को निश्चित अंकों की सीमा के आधार पर ग्रेड मिलते थे (जैसे 91–100 = A1), लेकिन अब छात्रों के ग्रेड उनके सहपाठियों के औसत प्रदर्शन के आधार पर तय किए जाएंगे. इसका उद्देश्य छात्रों पर पड़ने वाले शैक्षणिक दबाव को कम करना और प्रतिस्पर्धा को संतुलित करना है.

CBSE 10th results 2025 Toppers

Name Percentage

CBSE 10th results 2025 Toppers

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रोल नंबर है सबसे अहम

सीबीएसई रोल नंबर आपकी पहचान का मुख्य जरिया है। चाहे आप DigiLocker, UMANG App या CBSE की आधिकारिक वेबसाइट्स का इस्तेमाल करें, हर प्लेटफॉर्म पर रिजल्ट देखने के लिए रोल नंबर जरूरी होगा।

SMS से भी मिलेगा रिजल्ट

अब आप SMS के ज़रिए भी रिजल्ट पा सकते हैं। बस नीचे दिए गए फॉर्मेट में मैसेज भेजें:

  • CBSE Class 10 Results Live:`cbse10 <रोल नंबर>` भेजें 7738299899 पर
  • CBSE Class 12 Results Live:`cbse12 <रोल नंबर> <स्कूल नंबर> <सेंटर नंबर>` भेजें 7738299899 पर

इसके बाद, आपके मोबाइल पर रिजल्ट का SMS आ जाएगा।

CBSE Results 2025 देखने के आधिकारिक प्लेटफॉर्म

CBSE Board 1Oth-12th Result Live 2025, 2024, 2023

सीबीएसई बोर्ड के परिणामों में पिछले कुछ सालों में काफी बदलाव देखने को मिले हैं. 2024 में, कक्षा 10 का पास प्रतिशत 93.60% और कक्षा 12 का पास प्रतिशत 87.98% रहा. वहीं, 2023 में कक्षा 10 का पास प्रतिशत 93.12% और कक्षा 12 का 87.33% था.2022 में रिजल्ट्स अधिक अच्छे थे, कक्षा 10 में पास प्रतिशत 94.40% और कक्षा 12 में 92.71% था. लेकिन 2021 में पास प्रतिशत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया थ.। कक्षा 10 का पास प्रतिशत 99.04% और कक्षा 12 का 99.37% था. यह वृद्धि महामारी से जुड़े मूल्यांकन के तरीके के कारण हुई थी. इसके अलावा, 2020 में कक्षा 10 का पास प्रतिशत 91.46% और कक्षा 12 का 88.78% रहा था.

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Virat Kohli Test cricket retires: टेस्ट क्रिकेट को छोड़ने का समय आया, विराट कोहली ने ...

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Virat Kohli Test cricket retires: भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया, जिससे क्रिकेट प्रेमियों के बीच यह खबर तेजी से फैल गई। इस फैसले के बाद, कोहली केवल वनडे क्रिकेट खेलेंगे। कोहली का यह संन्यास एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक नए दौर की शुरुआत को भी दर्शाता है। कोहली से पहले, भारतीय क्रिकेट के अन्य दिग्गज जैसे रविचंद्रन अश्विन और रोहित शर्मा भी टेस्ट क्रिकेट से बाहर हो चुके हैं।

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कोहली का टेस्ट करियर और रिकॉर्ड- Virat Kohli Test cricket retires

विराट कोहली ने अपना टेस्ट करियर जून 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में शुरू किया था। शुरुआत में ही कोहली का प्रदर्शन कुछ खास नहीं था, जहां उन्होंने पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 15 रन बनाए थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक से बढ़कर एक शानदार पारियां खेलीं और खुद को भारत के सबसे बड़े बल्लेबाजों में शामिल कर लिया। कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले और 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक लगाए, जो उनके महान करियर का हिस्सा बने। उनका टेस्ट क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसमें सात दोहरे शतक शामिल हैं, जो किसी भारतीय बल्लेबाज द्वारा सबसे अधिक हैं।

 

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कप्तानी में कोहली का प्रभाव

विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट में भारत के सबसे सफल कप्तान रहे हैं। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की, जिनमें से 40 मैचों में टीम को जीत मिली। कोहली की कप्तानी में भारत ने वर्ल्ड नंबर-1 की रैंक हासिल की, जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। उनका नेतृत्व भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले गया, और उनके नेतृत्व के दौरान भारतीय टीम का प्रदर्शन शानदार रहा।

कोहली का संदेश और टेस्ट क्रिकेट के प्रति प्यार

विराट कोहली ने अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करते हुए लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार ब्लू जर्सी पहने हुए 14 साल हो चुके हैं। यह सफर बहुत खास रहा है। इसने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से परखा और जीवनभर के लिए कुछ महान सीख दी। सफेद कपड़ों में खेलना हमेशा एक व्यक्तिगत अनुभव रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “यह संन्यास का फैसला आसान नहीं था, लेकिन मुझे लगता है कि यह सही समय है। मैंने टेस्ट क्रिकेट में अपना सबकुछ दिया है और यह मुझे मेरे उम्मीद से कहीं ज्यादा देने वाला रहा है।”

टी20 लीग के बावजूद टेस्ट क्रिकेट का महत्व

जब टी20 क्रिकेट और लीग क्रिकेट का जोर बढ़ा है, तब भी विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहचान बनाए रखी। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से जो जादू किया, वह प्रशंसकों को टेस्ट क्रिकेट से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाई। सर विव रिचर्ड्स, जिनके साथ उनकी तुलना अक्सर की जाती है, ने भी कोहली के योगदान को सराहा है।

विराट कोहली का अंतर्राष्ट्रीय करियर

विराट कोहली का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर शानदार रहा है। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 9230 रन बनाए, जबकि 302 वनडे मैचों में उन्होंने 14181 रन बनाए। इसके अलावा, उन्होंने 125 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले और 4188 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी के आंकड़े इस बात का गवाह हैं कि वे क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक रहे हैं।

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vikas khanna’s mystery girl – क्या है इस बच्ची के साथ विकास का रिश्ता, कै...

Chef Vikas khanna restaurant girl: मास्टरशेफ इंडिया के मोस्ट अवेटेड बैचलर जज शेफ विकास खन्ना(Vikas Khanna) अमेरिका में अपने देशी अंदाज में कुकिंग के लिए मशहूर है। अक्सर वो अपनी डिशेज के लिए तो चर्चा में रहते ही है लेकिन इस बार वो फिर चर्चा में आ गए हैं जिसका कारण कोई डिश नहीं, बल्कि एक लड़की है और वो भी छोटी बच्ची। विकास खन्ना को इस बच्ची से काफी लगाव भी है जिस कारण वो उनके रेस्टोरेंट बंगलो में भी कई बार नजर आ चुकी हैं, ऐसे में उनके फैंस चर्चा करने लगे है कि 54 साल के हो चुके विकास खन्ना अभी तक बैचलर है, तो फिर ये बच्ची कौन है और क्या है कारण इस बच्ची के उनके रेस्टोरेंट में शामिल होने का।

कौन है ये बच्ची? Who is mystery girl?

विकास खन्ना भारत के जाने माने शेफ है जो सालों के भारतीय व्यंजन को विदेशी धरती पर एक नए अंदाज में पेश करते आए है। यहीं कारण है कि डॉयचे वेले समाचार और गजट रिव्यू ने उन्हें दुनिया के 10 टॉप शेफ में जगह दी थी। बंगला ने मिशेलिन 2024 बिब गोरमंड अवार्ड भी जाती है। विकास खन्ना ने अभी हाल ही में 2024 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में इस्ट विलेज के मैनहेटन में एक रेस्ट्रोंट ऑपन किया है। जो अपने इंटरनल स्ट्रक्चर के लिए फेमस है उससे भी ज्यादा ये अमेरिका में भारतीय मसालों की खूश्बू, भारतीयों को भारत की याद दिलाने के लिए मशहूर है। लेकिन एक बार फिर से विकास खन्ना का ये बंगला चर्चा की विषय बन गया है, जिसका कारण है एक छोटी बच्ची। जो आजकल विकास खन्ना के साथ साथ रेस्टोरेंट में भी नजर आ रही है। वो अक्सर स्टाफ से बात करती नजर आ रही है, ऐसे में इस रहस्यमयी बच्ची को लेकर चर्चा होना तो लाजमी ही है, क्योंकि विकास बैचलर जो ठहरे, तो आपको बताते है कि कौन है ये मिस्ट्री गर्ल, जिसके कारण विकास खन्ना को लेकर हो रही है चर्चा।

और पढ़े: नवाजुद्दीन सिद्दीकी का बॉलीवुड पर बड़ा आरोप, “चोरी की कहानियों पर चल रहा है इंडस्ट्री का कारोबार. 

मायशा से विकास का रिश्ता!

दरअसल इस बच्ची का नाम है मायशा रिजवी। शेफ विकास खन्ना ने इसे खुद अपने रेस्टोरेंट में इंट्रज्यूज किया है। मायशा रेस्टोरेंट में बतौर इन्प्लोई आई है। वो न्यूरोडाइवर्जेंट नाम की बीमारी से ग्रसित है, जो कि ऑटिज्म का एक रूप होता है। मायशा विकास के रेस्टोरेंट में विकास के सहयोगी के रूप में काम करेंगी, जो रेस्टोरेंट की सजावट की व्यवस्था को देखेंगी, और रेस्टोरेंट में मिलने वाली सभी मिठाईयों की सजावट और बाकी की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देंगी।  रेस्टोरेंट बंगला की शुरुआत से ही मायशा विकास खन्ना के साथ रेस्टोरेंट के लिए काम कर रही है। मायशा न्यूरो डायवर्जेंट बीमारी से ग्रसित होने के कारण उनके देखने का, सोचने का और चीजों को समझने का नजरिया बिल्कुल अलग है। वह आम लोगों से बिल्कुल अलग सोचती है जो की रेस्टोरेंट की पूरे माहौल को और ज्यादा खुशनुमा और ऊर्जावान बनता है। मायशा की याददाश्त काफी तेज है, वो 3डी चीजों को आसानी से समझ सकती है जिससे उनकी रचनात्मक शैली बहुत ज्यादा बेहतर है।

लकी है मायशा Lucky Girl Mysha Rizvi

मायशा रिजवी विकास खन्ना के रेस्टोंरेंट के लिए बेहद लकी मानी जाती है। विकास खन्ना ने खुद मायशा को अपने रेस्टोरेंट के आगे बढ़ने का क्रेडिट दिया है। बंगलों को मिशेलिन 2024 बिब गोरमंड अवार्ड मिलने पर विकास खन्ना ने मायशा को लुईस विटॉन के टॉप्स और नेलपेंट गिफ्ट की थी। मायशा का टेलेंट उनकी उम्र से काफी बड़ा है, इस कारण मायशा को बंगलो में एक इम्प्लोय के बजाए फैमिली मेम्बर की तरह ट्रीट किया जाता है। विकास खन्ना के रेस्टोरेंट में पहली बार ब्रेल लीपी में मेन्यू पेश किया जाता है जो अपने में अनोखी बात है।

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वेल माय़शा को लेकर विकास खन्ना ने अपनी फीलिंग भी जाहिर की। उन्होंने बताया कि मायशा बेहद प्रतीभाशाली है, उनका स्पेशल चाइल्ड होना उन्हें और अनोखा बनाता है। विकास खुद क्लबफूट के साथ पैदा हुए थे और करीब 13 साल की उम्र तक सीधे चल नहीं पाते थे लेकिन उनकी मां के हौसले के बदौलत आज वो अपने पैरो पर भी खड़े है और दुनिया के फेमस शेफ में शुमार है। विकास इस कारण भी भावनात्मक रूप से मायशा से जुड़े हुए है। बताते चले कि विकास खन्ना ने अपने रेस्टोरेंट बंगलो को अपनी दिवंगत बहन राधिका के सपने के रूप में बनाया है।

India vs Pakistan: जहां भारत ने चाहा, वहीं गिरा कहर… इन सबूतों ने पाकिस्तानी सेना की ...

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India vs Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे संघर्ष के बाद अब सीमाओं पर अस्थायी शांति है, लेकिन इससे पहले भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी अड्डों को तबाह कर दिया। इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और सात से दस मई के बीच एलओसी पर पाकिस्तान के 40 सैनिक भी ढेर कर दिए गए।

और पढ़ें: Rahim Yar Khan Airbase: रहीम यार खान एयरबेस पर भारत का जवाबी हमला, पाकिस्तान ने एक सप्ताह के लिए किया नॉन-ऑपरेशनल

जनाजे में पकड़े गए पाकिस्तानी अधिकारी- India vs Pakistan

भारत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की सच्चाई उजागर करते हुए उन अधिकारियों की पहचान सार्वजनिक की, जो मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल थे। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक फोटो जारी की, जिसमें पाकिस्तानी सेना और सरकार के कई उच्च अधिकारी आतंकी के अंतिम संस्कार में दिखे। इनमें लाहौर की IV कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट जनरल फयाज हुसैन शाह, 11वीं इन्फेंट्री डिविजन के मेजर जनरल राव इमरान सरताज समेत अन्य अधिकारी शामिल थे।

सटीक एयरस्ट्राइक से आतंकी ढांचे ध्वस्त

भारत की वायुसेना ने मुरिदके, कोटली, बहावलपुर, महमून जोया, सवाई नाला, भिंबर और गुलपुर जैसे इलाकों में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर और बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख अड्डा पूरी तरह तबाह हो गया। सैटेलाइट तस्वीरों में इन इलाकों में भारी विनाश दिखाई दे रहा है। बहावलपुर के ‘सुभान अल्लाह’ ट्रेनिंग सेंटर में बनी मस्जिद के तीन गुंबद तक ध्वस्त हो गए।

पाकिस्तान की झूठी कहानी उजागर

भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान फर्जी दावे कर रहा है कि उसने भारत के सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया है, जबकि सच्चाई यह है कि भारत का एक भी बेस प्रभावित नहीं हुआ। वहीं भारत ने पाकिस्तान के चार एयरबेस को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिनमें नूर खान, रफीकी, मुरीद और रहीम यार खान शामिल हैं।

भारत के पास ठोस सबूत, सैटेलाइट से खुली पोल

सैटेलाइट और ड्रोन फुटेज के माध्यम से भारतीय सेना ने पाकिस्तान के झूठों की पोल खोल दी। एयर मार्शल एके भारती ने मुरिदके और बहावलपुर के आतंकी अड्डों पर हमले के सटीक सबूत पेश किए। इन तस्वीरों में मिसाइल हमलों से हुई बर्बादी साफ देखी जा सकती है।

सैन्य ठिकानों पर हमलों की पुष्टि

भारतीय वायुसेना ने 10 मई को आठ से ज्यादा पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें रडार स्टेशन, कंट्रोल सेंटर और हथियार डिपो शामिल थे। जैकोबाबाद के शाहबाज एयरबेस पर मेन एप्रन पर हमला हुआ, जबकि सरगोधा एयरबेस के रनवे पर भी क्षति पहुंची। पसरूर, चुनियन और आरिफवाला में एयर डिफेंस रडार सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।

सीजफायर से पहले भारत की बढ़त

11 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद सीजफायर पर सहमति बनी। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी सैन्य कार्रवाई केवल आतंकी अड्डों और सैन्य लक्ष्यों तक सीमित थी, किसी भी नागरिक क्षेत्र को निशाना नहीं बनाया गया।

और पढ़ें: Indus Waters Treaty: भारत ने सिंधु नदी के पानी का उपयोग देश के चार राज्यों के लिए किया, पाकिस्तान को नहीं मिलेगा एक बूंद भी पानी

Rahim Yar Khan Airbase: रहीम यार खान एयरबेस पर भारत का जवाबी हमला, पाकिस्तान ने एक सप...

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Rahim Yar Khan Airbase: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित रहीम यार खान एयरबेस को भारत के जवाबी हमले के बाद एक सप्ताह के लिए नॉन-ऑपरेशनल घोषित कर दिया गया है। यह फैसला पाकिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी ने लिया और इसके तहत 10 मई शाम 4 बजे से 18 मई शाम 5 बजे तक एयरबेस पूरी तरह से बंद रहेगा। इस बाबत एक नोटम (NOTAM) यानी नोटिस टू एयरमैन जारी किया गया है, जिसमें ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ का हवाला देकर रनवे की मरम्मत की बात कही गई है।

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भारतीय वायुसेना की सर्जिकल स्ट्राइक, रनवे पर बना बड़ा गड्ढा-Rahim Yar Khan Airbase

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने रहीम यार खान एयरबेस पर सटीक स्ट्राइक की। उपग्रह चित्रों और वीडियो फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि रनवे पर एक विशाल गड्ढा बन गया है। रनवे की कुल लंबाई करीब 3,000 मीटर थी, जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इसके अलावा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, दो हैंगर और रडार यूनिट को भी भारी नुकसान पहुंचा है। इस कारण एयरबेस से कोई भी विमान संचालन संभव नहीं है।

Rahim Yar Khan Airbase
Source: Google

पाकिस्तान की ओर से हमले पर चुप्पी, ‘वर्क इन प्रोग्रेस’ का बहाना

पाकिस्तान ने एयरबेस बंद करने के पीछे मरम्मत कार्य का कारण बताया है, लेकिन हमले की सच्चाई को छिपाने की कोशिश की गई। NOTAM में ‘WIP’ कोड का उपयोग किया गया है, जिसका अर्थ होता है कि कोई कार्य प्रगति पर है। अमेरिका की फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) और ICAO के अनुसार, यह संकेत करता है कि रनवे की सतह पर कार्य चल रहा है, लेकिन पाकिस्तान ने हमले का कोई सीधा ज़िक्र नहीं किया है।

शेख जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी प्रभावित

रहीम यार खान एयरबेस में ही शेख जायद इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी स्थित है, जो आम नागरिक उड़ानों के लिए इस्तेमाल होता है। फ्लाइटराडार24 के अनुसार, इस एयरपोर्ट पर एक ही रनवे है, जो अब पूरी तरह नष्ट हो चुका है। इस कारण नागरिक उड़ानों पर भी असर पड़ा है।

भारत ने कई सैन्य एयरबेस को बनाया निशाना

भारतीय वायुसेना ने 10 मई को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के कई सैन्य एयरबेसों को निशाना बनाया। इनमें रफीकी, मुरीद, चकलाला, सुक्कुर, रहीम यार खान, चुनियां, नूर खान और सरगोधा एयरबेस प्रमुख हैं। इन हमलों में कई एयरबेसों को गंभीर नुकसान पहुंचा है।

Rahim Yar Khan Airbase
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ऑपरेशन सिंदूर में 100 आतंकी और 50 सैनिक मारे गए

भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत करीब 100 पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया है। इसके अलावा 40 से 50 पाकिस्तानी सैनिक और अधिकारी भी हताहत हुए हैं। भारतीय सेना ने इन हमलों में एयर-टू-सरफेस मिसाइलों का इस्तेमाल किया।

रहीम यार खान एयरबेस पर भारत की जवाबी कार्रवाई ने पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों की पोल खोल दी है। जहां एक ओर पाकिस्तान नुकसान को छिपाने की कोशिश कर रहा है, वहीं भारत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंकी हमलों का करारा जवाब दिया जाएगा। एयरबेस की अस्थायी बंदी और नोटम से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक सटीक और प्रभावशाली रही।

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Indian Punjab vs Pakistan Punjab: भारतीय पंजाब बनाम पाकिस्तानी पंजाब, सिख विरासत का ब...

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Indian Punjab vs Pakistan Punjab: पंजाब, एक ऐसा क्षेत्र जो भारत और पाकिस्तान के बीच बंटा हुआ है, सिख धर्म और उसकी समृद्ध विरासत का केंद्र रहा है। 1947 की विभाजन रेखा ने पंजाब को दो हिस्सों में बांट दिया—भारतीय पंजाब और पाकिस्तानी पंजाब। दोनों देशों में सिख विरासत के संरक्षण के प्रयासों में अंतर और समानताएं देखने को मिलती हैं। यह लेख दोनों पक्षों के प्रयासों की तुलना करता है और बताता है कि सिख धरोहर को संरक्षित करने में कौन बेहतर रहा है।

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भारतीय पंजाब: सिख विरासत का जीवंत केंद्र- Indian Punjab vs Pakistan Punjab

भारतीय पंजाब में सिख धर्म की गहरी जड़ें हैं, जहां 57.7% आबादी सिख है। अमृतसर का स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) सिखों का सबसे पवित्र स्थल है, जिसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा संरक्षित और प्रबंधित किया जाता है। SGPC ने न केवल गुरुद्वारों का रखरखाव किया, बल्कि सिख इतिहास और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों, संग्रहालयों और प्रकाशनों को भी समर्थन दिया।

Indian Punjab vs Pakistan Punjab
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भारत में सिख विरासत को संरक्षित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग भी किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, भारतीय राष्ट्रीय कला और सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH) ने पंजाब के ऐतिहासिक स्थलों का दस्तावेजीकरण किया है। 2009 में, संरक्षण वास्तुकार गुरमीत राय ने ग्रैंड ट्रंक रोड पर 1,100 से अधिक ऐतिहासिक संरचनाओं की सूची तैयार की, जिसमें गुरुद्वारे और सिख किले शामिल हैं। हालांकि, कुछ आलोचकों का कहना है कि शहरीकरण और आधुनिकीकरण के दबाव में कई छोटे सिख स्थल उपेक्षित हैं। 2024 में द ट्रिब्यून ने बताया कि पंजाब में कई विरासत संरचनाएं खराब स्थिति में हैं और तत्काल संरक्षण की आवश्यकता है।

पाकिस्तान मे सिख समुदाय की उपस्थिति और उनकी स्थिति

हाल के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान में सिखों की आबादी लगभग 15,000 से 20,000 तक है। इनमें से अधिकांश सिख पेशावर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते हैं। कुछ सिख अफगानिस्तान के साथ सीमा पर स्थित शहरों में भी बसे हुए हैं। इन सिखों की मुख्य भाषा अब पाश्तो है, और उन्होंने पंजाबी भाषा का उपयोग कम कर दिया है। पेशावर में दो गुरुद्वारे और कुछ स्कूल भी मौजूद हैं, लेकिन इस क्षेत्र में सिखों के खिलाफ कई अपराध बढ़े हैं, जिसमें लक्ष्य हत्या जैसी घटनाएं शामिल हैं। फिर भी, यह क्षेत्र सिख धर्म के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि गुरु नानक का जन्मस्थान ननकाना साहिब और गुरुद्वारा करतारपुर साहिब यहीं स्थित हैं। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (PSGPC) इन स्थलों के रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। हाल के वर्षों में, पाकिस्तान सरकार ने सिख धरोहर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं, विशेष रूप से धार्मिक पर्यटन के माध्यम से। 2019 में करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन ने भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए इस पवित्र स्थल तक पहुंच आसान बना दी।

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पाकिस्तान में सिख विरासत के संरक्षण को लेकर चुनौतियां भी हैं। 2019 में, हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि 90% सिख धरोहर स्थल पाकिस्तान में हैं, लेकिन कई उपेक्षित हैं। हालांकि, लाहौर की वॉल सिटी अथॉरिटी (WCLA) जैसी संस्थाएं सिख स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए काम कर रही हैं। 2025 में, टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि WCLA ने विश्व पंजाबी केंद्र के साथ समझौता किया है ताकि सिख तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। फिर भी, कुछ सिख संगठनों का दावा है कि पाकिस्तान में सिख समुदाय के अधिकार सीमित हैं, और कुछ स्थलों का रखरखाव अपर्याप्त है।

पाकिस्तान में ऐतिहासिक गुरुद्वारों का संरक्षण और चुनौतियां

वहीं, पाकिस्तान में कई महत्वपूर्ण सिख धार्मिक स्थल स्थित हैं, जिनमें गुरुद्वारा जन्मस्थान गुरु नानक देव (ननकाना साहिब), गुरुद्वारा दरबार साहिब (करतारपुर), और गुरुद्वारा डेरा साहिब (लाहौर) जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इन स्थलों का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व सिख समुदाय के लिए अत्यधिक है। 1947 के विभाजन के बाद पाकिस्तान में 130 से अधिक महत्वपूर्ण गुरुद्वारे पाए गए थे। इनमें से 28 गुरुद्वारे गुरु नानक, सिख धर्म के संस्थापक से जुड़ी हुई हैं, जिनमें गुरुद्वारा जनम स्थल ननकाना साहिब, गुरुद्वारा सच्छा सौदा, गुरुद्वारा पंजा साहिब, और गुरुद्वारा चक्की साहिब प्रमुख हैं।

पाकिस्तान में सिख धरोहर और उनका संरक्षण

पाकिस्तान में सिख धरोहर स्थलों का संरक्षण एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इन गुरुद्वारों में से कई पुराने समय से उपेक्षित पड़े हुए हैं। कुछ गुरुद्वारे तो पशु शरण और दुकानों के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं, जबकि कुछ में कोई नियमित देखभाल नहीं की जाती। इन स्थलों का अधिकांश हिस्सा एवाक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) के नियंत्रण में है, और सिख समुदाय का आरोप है कि इस कारण इन धार्मिक स्थलों का सही रख-रखाव नहीं किया जा रहा है।

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गुरुद्वारों के भवनों और भूमि के अधिकार का नियंत्रण ETPB के पास होने के कारण इन स्थलों के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को नजरअंदाज किया जा रहा है। कुछ सिख संगठनों का मानना है कि पाकिस्तान में इन स्थलों की उपेक्षा के कारण सिखों की धार्मिक धरोहर को नुकसान हो रहा है। साथ ही, भारत से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वीजा प्रतिबंध भी एक बड़ी समस्या है, जिससे वे अपनी धार्मिक स्थलों की यात्रा नहीं कर पाते।

पाकिस्तान और भारत में सिख धरोहर का संरक्षण

भारत और पाकिस्तान में सिख धरोहर के संरक्षण के प्रयासों में अंतर देखा जा सकता है। भारतीय पंजाब में सिख धर्म की जड़ें गहरी हैं। भारतीय पंजाब में सिख विरासत एक जीवंत सांस्कृतिक और धार्मिक परंपरा का हिस्सा है, जो SGPC और स्थानीय समुदायों के सक्रिय प्रयासों से फल-फूल रही है। वहीं, पाकिस्तानी पंजाब में सिख धरोहर को पुनर्निर्मित करने के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी और सिख समुदाय की कम संख्या के कारण कई स्थलों का रख-रखाव चुनौतीपूर्ण है।

यह कहना मुश्किल नहीं है कि कौन बेहतर है। भारतीय पंजाब में सिख विरासत जीवित और सक्रिय है, जबकि पाकिस्तानी पंजाब में इसे पुनर्जनन और वैश्विक पहुंच के माध्यम से पुनर्जनन की आवश्यकता है।

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Unnao Viral Video: उन्नाव में लापता बेटी के लिए दहाड़ता हुआ पिता, पुलिस पर उठे सवाल! ...

Unnao Viral Video: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। सदर कोतवाली के अंदर एक पिता अपनी लापता बेटी के लिए रोते हुए अधिकारियों से मदद की गुहार लगा रहा था। वीडियो में देखा जा सकता है कि यह पिता, जो राजन तिवारी नामक व्यक्ति हैं, दहाड़े मारकर रोते हुए पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं कि उनकी बेटी के मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और केवल झूठे आश्वासन दे रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और लोगों की भावनाओं को भी झकझोर रहा है।

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लापता बेटी के लिए पिता की बेबसी- Unnao Viral Video

शनिवार की देर शाम आदर्श नगर निवासी राजन तिवारी अपनी खोई हुई बेटी के मामले में सदर कोतवाली पहुंचे। वे थाने के अंदर जमीन पर बैठकर अपनी व्यथा सुनाते हुए अधिकारियों से यह कहते हुए दिखाई दिए कि उनकी बेटी 6 मई से लापता है, लेकिन अब तक पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। रोते हुए उन्होंने कहा, “हमारी बेटी 5 दिन से लापता है, लेकिन पुलिस हमें कोई मदद नहीं कर रही है। केवल झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं। हमें सिर्फ परेशान किया जा रहा है।” यह दृश्य देखकर किसी भी व्यक्ति का दिल दहल सकता है, क्योंकि एक पिता अपनी नन्ही बेटी को खोजने के लिए बेबस खड़ा है और उसकी मांग सिर्फ न्याय है।

पुलिस की कार्रवाई

उन्नाव के एएसपी, अखिलेश सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि सदर कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज किया गया है और पुलिस की टीम लड़की की तलाश में लगी हुई है। उन्होंने कहा, “लड़की की उम्र करीब 15-16 साल है और हमारी टीम काम कर रही है, हम जल्द ही उसे ढूंढ़ने में सफल होंगे।” हालांकि, पिता के लिए यह राहत की बात नहीं है क्योंकि उनका आरोप है कि पुलिस के पास ठोस जानकारी नहीं है और वे लगातार उन्हें झूठे आश्वासन दे रहे हैं।

मीडिया पर वायरल वीडियो

राजन तिवारी का दर्द और उनकी अपील, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक वायरल वीडियो के रूप में सामने आई। वीडियो में पिता अपने आंसू पोछते हुए एक अधिकारी से कह रहे हैं, “साहब, आप कोतवाली आ जाइए, या हम आपके घर आ जाते हैं। हमारी बेटी हमें नहीं मिली तो हम क्या करेंगे?” वीडियो में उनका कष्ट और पुलिस की लापरवाही साफ तौर पर महसूस की जा सकती है। 13000 से अधिक व्यूज और लोग उनके समर्थन में सोशल मीडिया पर आ रहे हैं।

लोगों का कहना है कि एक पिता की व्यथा को देखकर कोई भी भावुक हो सकता है, और इस तरह की स्थिति में पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए थी। यह वीडियो जहां एक ओर लोगों को सचाई और नाइंसाफी के बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग पुलिस की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।

लड़की की गुमशुदगी और पुलिस की कार्रवाई

परिवार के सदस्यों ने बताया कि लड़की स्कूल गई थी, लेकिन उसके बाद से उसकी कोई खबर नहीं आई। स्कूल से लौटने के बाद से वह घर नहीं पहुंची। इसके बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो गया है क्योंकि यह एक नाबालिग लड़की का गुम होना है, जो किसी भी परिवार के लिए बहुत बड़ी चिंता का कारण बन सकता है।

लोगों की प्रतिक्रियाएं और समर्थन

सोशल मीडिया पर लोग राजन तिवारी के साथ खड़े होते हुए उनका समर्थन कर रहे हैं। लोगों ने पुलिस से अपील की है कि वे जल्द से जल्द कार्रवाई करें और लड़की को उनके परिवार के पास सुरक्षित वापस लाने की कोशिश करें।

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Pitru Paksha Date 2025: पितृ पक्ष के दौरान अपनाएं ये खास उपाय, जानिए क्या करना चाहिए ...

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Pitru Paksha Date 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष की अवधि का अत्यधिक महत्व है। यह समय पितरों और पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने, उनके आशीर्वाद प्राप्त करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित माना जाता है। पितृ पक्ष का आयोजन प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह में होता है, जो पूरे 15 दिनों तक चलता है। इस दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और तर्पण किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य पितरों की संतुष्टि और मुक्ति है। आइए, जानते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्या करना चाहिए।

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पितृ पक्ष की शुरुआत और समापन (Pitru Paksha Date 2025)

इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत 07 सितंबर 2025 को भाद्रपद पूर्णिमा तिथि से होगी, जो रात 01:41 बजे शुरू होगी और 11:38 बजे रात तक जारी रहेगी। इसका समापन 21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या के साथ होगा। यह समय पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का होता है, जब लोग अपने पुरखों को याद कर उनके लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं।

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पितृ पक्ष में क्या करें (Pitru Paksha Rituals)

  1. पितृ चालीसा और गीता का पाठ
    पितृ पक्ष के दौरान, पितृ चालीसा का नियमित पाठ करना लाभकारी माना जाता है। इसके साथ ही भगवद गीता के सातवें अध्याय का पाठ भी करना चाहिए। यह अध्याय पितृ मुक्ति और मोक्ष के संबंध में है, जो पितरों की आत्मा की शांति में सहायक होता है।
  2. दान की महिमा
    पितृ पक्ष में अन्न, कपड़े, भूमि, तिल, सोना, घी, गुड़, चांदी, और नमक जैसे आवश्यक सामग्रियों का दान करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इससे पितरों की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। यह दान उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
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पितृ पक्ष के दौरान क्या न करें (Things to Avoid During Pitru Paksha)

  1. शुभ कार्यों की मनाही
    पितृ पक्ष के दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश आदि करना वर्जित होता है। यह समय पितरों की पूजा और श्रद्धांजलि का होता है, और इस दौरान किसी नए कार्य की शुरुआत से बचने की सलाह दी जाती है।
  2. नया सामान खरीदना
    पितृ पक्ष में नए कपड़े, गहने, या वस्त्र खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा, इस अवधि में नया वाहन, घर या भूमि खरीदने से भी बचना चाहिए।
  3. मांसाहारी भोजन और मदिरा से परहेज
    पितृ पक्ष के दौरान मांसाहारी भोजन और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। यह समय धार्मिक साधना और आत्मशुद्धि का है, इसलिए इनसे दूर रहना चाहिए।
  4. नाखून और बाल काटने से बचें
    इस अवधि में नाखून और बाल काटने से भी बचना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो पितृ तर्पण और पूजा करते हैं। यह एक धार्मिक मान्यता है और इसे अनुशासन के रूप में माना जाता है।

पितृ पक्ष का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

पितृ पक्ष के दौरान श्रद्धालु अपने पूर्वजों को न केवल श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, बल्कि उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं। यह समय आत्मनिर्भरता और त्याग का होता है, जब लोग अपने पितरों से प्राप्त आशीर्वाद को सद्गति की ओर मार्गदर्शन करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान किया गया दान और साधना व्यक्ति को जीवन की हर कठिनाई से उबारने और मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय, लाभ और सलाह केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन विचारों का समर्थन Nedrick News नहीं करते हैं और पाठकों से अनुरोध करते हैं कि वे इसे अंतिम सत्य के रूप में न मानें और अपने विवेक का उपयोग करें।

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Indus Waters Treaty: भारत ने सिंधु नदी के पानी का उपयोग देश के चार राज्यों के लिए किय...

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Indus Waters Treaty: भारत ने सिंधु नदी के पानी को लेकर एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसे न केवल रणनीतिक दृष्टिकोण से, बल्कि देश के चार राज्यों के लिए वरदान माना जा सकता है। सरकार ने ऐलान किया है कि अब इस पानी का उपयोग राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और दिल्ली की जल आपूर्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। यह कदम विशेष रूप से 2019 में पुलवामा हमले के बाद लिया गया था, जब भारत ने पाकिस्तान को सिंधु नदी का पानी देना बंद कर दिया था। अब यह पानी भारत के सूखाग्रस्त और जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों की प्यास बुझाने में काम आएगा।

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जल शक्ति मंत्रालय की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई- Indus Waters Treaty

भारत सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय को युद्ध स्तर पर काम करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय इस महत्वपूर्ण कदम को धरातल पर उतारने के लिए दिन-रात जुटा हुआ है। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने स्पष्ट रूप से कहा है, ‘पाकिस्तान को अब एक बूंद भी पानी नहीं मिलेगा’ और साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि सिंधु जल समझौता 100% लागू किया जाएगा। पाटिल ने इस दिशा में कोई भी कोताही न बरतने का वचन दिया है, ताकि पानी का सही तरीके से उपयोग हो सके।

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गृह मंत्री अमित शाह की अहम भूमिका

इस फैसले के पीछे गृह मंत्री अमित शाह की रणनीतिक भूमिका रही है। उनकी अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें इस योजना के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई। अमित शाह ने इस योजना को लागू करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिन्हें अब सावधानीपूर्वक और धीरे-धीरे लागू किया जाएगा। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने इस बात को स्वीकार किया कि अमित शाह के सुझावों को पूरी तरह से अमल में लाया जाएगा, ताकि यह योजना सफलता की ओर बढ़े। हर कदम सोच-समझ कर उठाया जाएगा, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।

वर्ल्ड बैंक का स्पष्टीकरण

इस मुद्दे पर मीडिया में चल रही अटकलों पर वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा, ‘हमारी भूमिका केवल सुविधा प्रदान करने तक सीमित है।‘ बंगा ने यह भी कहा कि वर्ल्ड बैंक इस मामले में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करेगा और न ही कोई निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होगा। उनके अनुसार, मीडिया में जो अटकलें चल रही हैं, वो बेबुनियाद हैं। उनकी यह टिप्पणी भारत की स्थिति को स्पष्ट करती है कि इस मुद्दे में भारत पूरी तरह से स्वतंत्र है और किसी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।

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चार राज्यों के लिए नई उम्मीद

इस ऐतिहासिक फैसले का सबसे बड़ा फायदा राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, और दिल्ली के लोगों को होगा। इन राज्यों में पानी की भारी कमी लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है। अब तक पाकिस्तान की ओर बहने वाला सिंधु नदी का पानी बर्बाद हो जाता था, लेकिन अब इस पानी का सही उपयोग किया जाएगा। इससे न केवल इन राज्यों में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या हल होगी, बल्कि यह इन क्षेत्रों में समृद्धि और विकास के नए अवसर भी प्रदान करेगा।

सिंधु जल समझौता: एक नज़र में

सिंधु जल समझौता 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था। इस समझौते के तहत सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों का पानी दोनों देशों के बीच बांटा गया था। हालांकि, भारत ने हमेशा इस समझौते का पालन किया है, लेकिन अब भारत सरकार ने एक सख्त रुख अपनाया है और अपने हिस्से के पानी का पूरा उपयोग करने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत की बढ़ती जल आवश्यकताओं को पूरा करने और देश के जल संकट को सुलझाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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India Powerful Missile Force: भारत की मिसाइल ताकत से थर्राया पाकिस्तान! ब्रह्मोस से अ...

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India Powerful Missile Force: भारत ने अपनी सुरक्षा रणनीति को और भी मजबूत करने के लिए आधुनिक और घातक मिसाइल तकनीकों का निर्माण किया है। ये मिसाइलें न केवल रक्षा के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि युद्ध के हालात में दुश्मन देश खासकर पाकिस्तान के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं। पाकिस्तान के सीमावर्ती और बड़े शहर जैसे लाहौर, इस्लामाबाद और कराची अब भारतीय मिसाइलों की सीधी जद में हैं। आइए विस्तार से जानते हैं भारत की उन मिसाइल क्षमताओं के बारे में, जो चंद मिनटों में पाकिस्तान की नींव हिला सकती हैं।

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ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल: रफ्तार और सटीकता का बेजोड़ मेल- India Powerful Missile Force

भारत-रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों में गिना जाता है। इसकी गति मैक 3 (3700 किमी/घंटा) तक है और यह 700 किमी तक मार कर सकती है। जमीन, समुद्र, वायु और पनडुब्बी—हर प्लेटफॉर्म से दागी जा सकने वाली यह मिसाइल रडार से बचते हुए बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है।

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  • लाहौर को यह मात्र 72 सेकंड में तबाह कर सकती है।
  • इस्लामाबाद तक पहुंचने में इसे 5 मिनट से भी कम समय लगता है।
  • कराची को नष्ट करने में 6 मिनट से कम का समय।

शौर्य मिसाइल: हाइपरसोनिक रफ्तार वाला अदृश्य हथियार

यह परमाणु-सक्षम क्वासी-बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी रेंज 1900 किमी तक है और गति मैक 7.5 (9266 किमी/घंटा)। मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म के कारण इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है।

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  • लाहौर: 20-30 सेकंड में टारगेट
  • इस्लामाबाद: 3-4 मिनट
  • कराची: 4-5 मिनट

हाइपरसोनिक गति के चलते दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा देना इसके लिए आसान है।

प्रलय मिसाइल: सीमावर्ती इलाकों की रक्षा में तैनात

यह शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 500 किमी और गति मैक 5 से अधिक है। इसमें MIRV तकनीक है जो इसे एक साथ कई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम बनाती है।

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  • लाहौर: 30-40 सेकंड
  • इस्लामाबाद: 2-3 मिनट
  • कराची: 3-4 मिनट

LoC और LAC जैसे तनावपूर्ण इलाकों में इसकी तैनाती से भारत की जवाबी क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।

अग्नि-5: भारत का सबसे घातक अंतरमहाद्वीपीय हथियार

5500 से 8000 किमी की रेंज वाली यह मिसाइल भारत की परमाणु नीति की रीढ़ है। इसकी गति मैक 24 (लगभग 29,652 किमी/घंटा) है और यह MIRV से लैस है, यानी एक मिसाइल से कई शहरों को निशाना बनाया जा सकता है।

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  • लाहौर, इस्लामाबाद, कराची — कोई भी शहर हो, यह महज़ 2-3 मिनट में नष्ट कर सकती है।

यह न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन तक को सीधे निशाने पर रखती है।

हाइपरसोनिक मिसाइल: भविष्य की तकनीक अब भारत के पास

भारत ने हाल ही में स्क्रैमजेट तकनीक से लैस हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया है। इसकी गति मैक 5 से अधिक और रेंज 1000+ किमी है। यह मिसाइल रडार से बचते हुए बेहद कम समय में लक्ष्य तक पहुंचती है।

  • लाहौर: 20-30 सेकंड
  • इस्लामाबाद: 2-3 मिनट
  • कराची: 3-4 मिनट

भारत-पाक मिसाइल क्षमता की तुलना

भारत के पास आधुनिक तकनीकों, रेंज, और गति के मामले में बढ़त है। उसकी मिसाइलें सटीक, मल्टी-टारगेटेड और परमाणु हथियारों से लैस हैं। वहीं पाकिस्तान की गौरी, शाहीन और अबाबील मिसाइलें 2700 किमी तक ही सीमित हैं और MIRV तकनीक सीमित रूप में मौजूद है।

रणनीतिक असर और संभावित खतरे

हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है। पाकिस्तान को डर है कि भारत इन मिसाइलों का इस्तेमाल कर सर्जिकल स्ट्राइक से भी बड़ा कदम उठा सकता है। हालांकि दोनों देश परमाणु-संपन्न हैं, ऐसे में किसी भी गलती या गलतफहमी से हालात बेकाबू हो सकते हैं।

फिर भी एक बात स्पष्ट है—भारत की मिसाइल प्रणाली ने उसे ऐसा रणनीतिक और सामरिक बढ़त दी है जो न केवल दुश्मनों के मन में डर पैदा करती है, बल्कि भारत की सुरक्षा नीति को मजबूत नींव भी देती है।

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