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Russia–Ukraine War: भारत अगर ट्रंप की मदद कर दे इस मामले में, तो… टैरिफ वॉर के बीच अम...

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Russia–Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध भले ही यूरोप में चल रहा हो, लेकिन इसकी गूंज अब भारत और अमेरिका के रिश्तों तक पहुंच चुकी है। अमेरिका के साउथ कैरोलिना से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने शुक्रवार को एक अहम बयान देकर सबको चौंका दिया। उन्होंने भारत से खुलकर अपील की है कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की युद्ध खत्म कराने की कोशिशों में मदद करे।

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यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच कुछ घंटे पहले ही फोन पर बातचीत हुई थी। इस कॉल में दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे हालात पर चर्चा की थी, और पीएम मोदी ने पुतिन को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।

ग्राहम का भारत से अनुरोध- Russia–Ukraine War

सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने शुक्रवार (8 अगस्त, 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत और अमेरिका के रिश्तों को सुधारने के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण काम भारत कर सकता है, वह है यूक्रेन में जारी संघर्ष को खत्म करने में राष्ट्रपति ट्रंप की मदद करना।” उन्होंने यह भी कहा, “भारत रूस से सस्ते तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है, जिससे पुतिन की युद्ध मशीन को ईंधन मिल रहा है। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से अपनी हालिया बातचीत में इस युद्ध को न्यायपूर्ण और सम्मानजनक तरीके से खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया होगा।”

मोदी-पुतिन की बातचीत और ग्राहम की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पोस्ट में बताया था कि उन्होंने अपने दोस्त राष्ट्रपति पुतिन से एक विस्तृत और सकारात्मक बातचीत की। पीएम मोदी ने पुतिन को इस साल के अंत में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया था। ग्राहम ने पीएम मोदी के इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी और भारत के प्रभाव को समझदारी से इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने कहा, “भारत का इस मामले में एक अहम प्रभाव है, और मुझे उम्मीद है कि वे इसे सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे।”

यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका

ग्राहम ने कहा कि भारत को इस युद्ध के निपटारे में एक अहम भूमिका निभानी चाहिए, खासकर जब भारत और रूस के बीच तेल व्यापार और अन्य आर्थिक रिश्ते बहुत गहरे हैं। भारत रूस से सस्ता तेल खरीदता है, जो पुतिन की युद्ध मशीन को चलाने के लिए जरूरी है। ग्राहम का मानना है कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके इस संघर्ष को खत्म करने में मदद कर सकता है, जिससे अमेरिका और भारत के रिश्ते और भी मजबूत हो सकते हैं।

पीएम मोदी और पुतिन के रिश्ते

प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन के बीच लगातार सकारात्मक रिश्ते रहे हैं। दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन और अन्य उच्च स्तरीय बातचीतों के माध्यम से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होते जा रहे हैं। इस बार पुतिन ने मोदी को यूक्रेन संकट के ताजातरीन घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी और मोदी ने भी उन्हें भारत में आयोजित होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन का न्योता दिया।

ग्राहम की चिंता और भारत से उम्मीदें

ग्राहम ने यह भी कहा कि भारत को अपने युद्ध से मुनाफा कमाने की कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने पहले भी ट्रंप के उस फैसले का समर्थन किया था, जिसमें भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात थी। ग्राहम का मानना है कि भारत जैसे देशों को रूस से तेल खरीदने की वजह से एक महत्वपूर्ण दायित्व उठाना होगा और उन्हें यह जिम्मेदारी समझनी चाहिए।

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India vs Pakistan: “अगर हम डूबे, तो आधी दुनिया को साथ ले डूबेंगे” – अमेरिका से पाकिस्...

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India vs Pakistan: दुनिया भले ही शांति और सहयोग की बातें कर रही हो, लेकिन पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने रवैये पर लौट आया है। इस बार धमकी किसी टीवी चैनल या रैली में नहीं, बल्कि अमेरिका की धरती से दी गई है  वो भी पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के मुंह से। टाम्पा शहर में एक डिनर के दौरान बोलते हुए मुनीर ने न सिर्फ भारत पर निशाना साधा, बल्कि सीधे-सीधे परमाणु युद्ध की धमकी दे डाली। उन्होंने कहा, “हम परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगा कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को साथ ले डूबेंगे।”

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यह पहला मौका है जब किसी देश का सेना प्रमुख अमेरिकी ज़मीन से तीसरे देश को खुलेआम न्यूक्लियर धमकी दे रहा है। ऐसे संवेदनशील मंच से इस तरह का बयान केवल पाकिस्तान की हताशा ही नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक असुरक्षा को भी दिखाता है।

भारत के डैम पर भी उगला ज़हर- India vs Pakistan

मुनीर ने ‘सिंधु जल समझौते’ को लेकर भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत सिंधु नदी पर कोई डैम बनाता है जो पाकिस्तान के पानी के बहाव को रोकता है, तो “हम उसे दस मिसाइलों से तबाह कर देंगे। हमारे पास मिसाइलों की कोई कमी नहीं है।”

गौरतलब है कि यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में भारत ने कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों के बाद सिंधु जल संधि की समीक्षा की बात कही थी। पाकिस्तान को डर है कि भारत इस कार्ड का इस्तेमाल करके पानी की आपूर्ति को नियंत्रित कर सकता है, जो वहां की कृषि और जीवनरेखा मानी जाती है।

अमेरिका में सैन्य अफसरों से की मुलाकात

मुनीर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं और यह पिछले दो महीनों में उनकी दूसरी यात्रा है। इस बार उन्होंने अमेरिकी सेंट्रल कमान के निवर्तमान प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला के विदाई समारोह और एडमिरल ब्रैड कूपर के कमान संभालने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

इससे पहले जून में भी मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ डिनर में शामिल हुए थे जो आमतौर पर सिर्फ राष्ट्राध्यक्षों को ही दिया जाता है। उस समय दोनों देशों ने मिलकर ऊर्जा, सुरक्षा और व्यापार के मुद्दों पर बातचीत की थी।

‘भारत मर्सिडीज, हम डंपर ट्रक हैं’ – अजीब तुलना

मुनीर ने भारत की ताकत और पाकिस्तान की स्थिति की तुलना कुछ अजीब तरीके से की। उन्होंने कहा, “भारत एक फरारी या मर्सिडीज की तरह हाईवे पर दौड़ रहा है, जबकि हम एक रेत से भरा डंपिंग ट्रक हैं। पर सोचिए, जब ये दोनों टकराएंगे तो नुकसान किसका होगा?”

ये बयान ना सिर्फ गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व किस तरह भारत के विकास और अपनी नाकामी से बौखलाया हुआ है।

अंदर की बात: डर या दिखावा?

इस तरह के बयान अक्सर तब आते हैं जब कोई देश अपने अंदरूनी हालात से जूझ रहा होता है और बाहर दुश्मन का डर दिखाकर ध्यान भटकाना चाहता है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गिरावट पर है, आतंरिक राजनीति अस्थिर है, और सेना की छवि भी जनता में पहले जैसी नहीं रही। ऐसे में ‘भारत को डराओ’ वाला फार्मूला एक बार फिर अपनाया गया है।

लेकिन भारत अब 90 के दशक वाला नहीं रहा। दुनिया जानती है कि ऐसी गीदड़भभकियों से भारत न तो डरता है और न ही अपने कदम पीछे हटाता है।

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Virat Kohli ODI Retirement: विराट और रोहित की वनडे से विदाई की आहट? बीसीसीआई ने तोड़ी...

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Virat Kohli ODI Retirement: भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज खत्म हुए अभी दस दिन भी नहीं बीते और देश के दो सबसे चहेते क्रिकेटर विराट कोहली और रोहित शर्मा को लेकर चर्चाएं एक बार फिर तेज हो गई हैं। इस बार मुद्दा गंभीर है: क्या दोनों दिग्गज अब वनडे क्रिकेट से भी रिटायर होने वाले हैं? दरअसल, अक्टूबर में होने वाली भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज को लेकर एक बड़ी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि यह सीरीज शायद विराट और रोहित के वनडे करियर की आखिरी सीरीज हो सकती है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, अगर ये दोनों खिलाड़ी 2027 वर्ल्ड कप तक खेलना चाहते हैं, तो उन्हें अब घरेलू क्रिकेट खासतौर पर विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा लेना अनिवार्य हो सकता है।

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घरेलू क्रिकेट की शर्त भारी पड़ेगी? (Virat Kohli ODI Retirement)

बीसीसीआई अब चयन के लिए खिलाड़ियों की निरंतर फॉर्म और फिटनेस को देखते हुए घरेलू क्रिकेट को भी एक ज़रूरी कसौटी मान रहा है। जैसे इंग्लैंड टूर से पहले रणजी ट्रॉफी खेलना अनिवार्य किया गया था, वैसे ही वनडे चयन के लिए विजय हजारे ट्रॉफी में खेलना जरूरी किया जा सकता है।

यह शर्त विराट और रोहित जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर भारी पड़ सकती है। इस उम्र में जब वे अपने करियर के अंतिम मोड़ पर हैं, घरेलू टूर्नामेंट खेलना उनके लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। यही कारण है कि क्रिकेट गलियारों में ये अटकलें तेज़ हो गई हैं कि दोनों स्टार्स जल्द ही वनडे क्रिकेट को भी अलविदा कह सकते हैं।

टीम में बदलाव की बयार

वहीं, गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद टीम इंडिया का फोकस युवा खिलाड़ियों पर ज्यादा है। टी20 टीम पहले ही युवाओं के भरोसे चल रही है और हाल ही में इंग्लैंड में शुभमन गिल की अगुवाई में टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ कर भारत ने मजबूत संकेत दिए हैं कि अब वक्त बदलाव का है। अब यही फोकस वनडे टीम पर भी दिख रहा है।

बीसीसीआई ने तोड़ी चुप्पी

इन तमाम अटकलों के बीच बीसीसीआई ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है। बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने PTI को बताया कि अभी विराट या रोहित के संन्यास को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने साफ कहा, “ऐसे संवेदनशील मामलों में बोर्ड कभी जल्दबाजी नहीं करता। विराट और रोहित जैसे खिलाड़ियों की भावनाओं और उनके फैसलों का सम्मान किया जाएगा।”

उन्होंने ये भी बताया कि फिलहाल फोकस सितंबर में होने वाले एशिया कप और अगले साल के टी20 वर्ल्ड कप की तैयारियों पर है। बोर्ड ने ये भी स्पष्ट किया कि न तो किसी खिलाड़ी पर ‘फेयरवेल मैच’ का दबाव है, न ही कोई औपचारिक चर्चा हुई है।

क्या खुद लेंगे फैसला?

सूत्रों के मुताबिक, विराट और रोहित पहले ही टेस्ट और टी20 फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं और फिलहाल केवल वनडे खेल रहे हैं। अगर वो अब संन्यास का मन बनाते हैं तो इसकी जानकारी खुद बोर्ड को देंगे, जैसा कि उन्होंने इंग्लैंड दौरे से पहले किया था।

फैंस के लिए भावनात्मक पल

विराट कोहली और रोहित शर्मा ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट के स्तंभ रहे हैं, बल्कि करोड़ों फैंस की भावनाओं का हिस्सा भी हैं। ऐसे में अगर ये दोनों खिलाड़ी वाकई वनडे से भी रुख मोड़ते हैं, तो यह भारतीय क्रिकेट के एक युग के अंत जैसा होगा।

अब निगाहें अक्टूबर में होने वाली ऑस्ट्रेलिया सीरीज पर हैं। क्या ये दो दिग्गज आखिरी बार नीली जर्सी में नजर आएंगे? या एक आखिरी रन, एक आखिरी छक्का अभी बाकी है?

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Vaishno Devi Temple History: वैष्णो देवी के दरबार में एक अनोखी घटना: क्या सच में मां ...

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Vaishno Devi Temple History: जब आप जम्मू और कश्मीर के त्रिकुटा पर्वत की ऊंचाई पर स्थित वैष्णो देवी के मंदिर के बारे में सोचते हैं, तो आपको केवल धार्मिक आस्था और विश्वास की याद आती है। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि यहां के दर्शन एक चमत्कारी मोड़ पर भी बदल सकते हैं? आज हम आपको एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इस मंदिर के रहस्यों को और भी दिलचस्प बनाती है।

इस चमत्कारी घटना के बारे में जानने से पहले आइए जानते हैं वैष्णो देवी मंदिर के बारे में:

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प्राचीन ग्रंथों में वैष्णो देवी का उल्लेख: Vaishno Devi Temple History

वैष्णो देवी मंदिर का वर्णन प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में भी मिलता है। त्रिकुटा पर्वत के इस मंदिर में मां पार्वती के आशीर्वाद का तेज सदैव बना रहता है। मान्यता है कि यहां 33 करोड़ देवी-देवता हमेशा मां की पूजा और आराधना में लगे रहते हैं। इस गुफा का इतिहास भी बहुत दिलचस्प है। कुछ समय पहले तक यह गुफा काफी संकरी थी, लेकिन 1977 में एक नई गुफा बनाई गई, जिससे अब श्रद्धालु एक गुफा से मंदिर में प्रवेश करते हैं और दूसरी गुफा से बाहर निकलते हैं।

भैरव का शरीर और माता का त्रिशूल

आपको बता दें, मंदिर की गुफा में भैरव का शरीर रखा हुआ है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, माता वैष्णो ने भैरव को त्रिशूल से मारा था और उसका सिर उड़कर भैरव घाटी में चला गया था, जबकि शरीर वहीं रह गया। यह चमत्कारी घटना आज भी श्रद्धालुओं के लिए एक रहस्य बनी हुई है।

मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद से हर मनोकामना पूरी होती है

वैष्णो देवी की गुफा में मां के दर्शन करने से पहले लोग मन में कुछ विशेष कामना लेकर जाते हैं। भक्तों का मानना है कि मां अपनी सच्ची भक्ति से जुड़ी प्रार्थनाओं को कभी नकारती नहीं हैं और जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और विश्वास से मां से कुछ मांगता है, वह उसकी इच्छा पूरी होती है। यह मंदिर न केवल आस्था का, बल्कि चमत्कारों का भी केंद्र बना हुआ है।

साल 2014 की वो चमत्कारी घटना

इस मंदिर से जुड़ी एक चमत्कारी घटना साल 2014 में घटित हुई थी। दरअसल साल 2014 की एक दोपहर, मेरठ निवासी सुरवेश कुमार की गर्भवती पत्नी राज बाला (35) अपने पति के साथ वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने पहुंची थीं। वह गेट नंबर तीन पर खड़ी थीं और अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं। सब कुछ सामान्य था, लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ जो पूरी दुनिया को हैरान कर गया। राज बाला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वह वहीं बैठ गईं। सोचिए, वैष्णो देवी की पवित्र गुफा के बाहर, एक भक्त प्रसव कर रही थी—यह तो किसी के लिए भी कल्पना से परे था।

सहयोग से हुआ चमत्कारी जन्म

जैसे ही यह सूचना मंदिर प्रशासन को मिली, तुरंत भवन डिस्पेंसरी से एक मेडिकल टीम मौके पर पहुंची। पंक्ति में खड़ी अन्य महिलाओं ने भी मदद की और राज बाला ने वही बेटे को जन्म दिया। बाद में महिला और बच्चे को हेल्थ सेंटर ले जाया गया और पुलिस के अनुसार, उन्हें सभी स्वास्थ्य सुविधाएं दी गईं और फिर डिस्चार्ज कर दिया गया। यह न केवल वैष्णो देवी मंदिर के इतिहास में एक पहला मामला था, बल्कि यह एक चमत्कारी घटना बन गई, जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या सच में मां का आशीर्वाद इतना शक्तिशाली होता है?

राज बाला की खुशी और मां का आशीर्वाद

राज बाला ने बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “मेरे पहले दो बच्चे थे, लेकिन इस बार मुझे मां से एक बेटे की उम्मीद थी। गर्भ का अंतिम समय था, फिर भी मैंने मां से प्रार्थना की थी कि मुझे लड़का दे दो। जब प्रसव पीड़ा शुरू हुई, तो मुझे ऐसा लगा जैसे मां ने मेरी प्रार्थना सुन ली और मुझे बेटा दिया।” राज बाला की आंखों में जो खुशी थी, वह शब्दों में नहीं बताई जा सकती। मां के आशीर्वाद से उसकी झोली में बेटा आ गया और उसकी जिंदगी में सुख और समृद्धि का आगमन हुआ।

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बेहद शर्मनाक! बेज़ुबान बिल्ली की हत्या, हैवानियत का वीडियो वायरल

Cat brutally killed: हाल ही में केरल से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जहाँ एक 32 साल के शख्स ने न सिर्फ़ एक मासूम बिल्ली की बेरहमी से हत्या कर दी, बल्कि उसका वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर शेयर भी कर दिया। कहा जा रहा है कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर मशहूर होने के लिए ऐसा किया। तो चलिए आपको इस लेख में पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते है।

फेमस होने के लिए मासूम बिल्ली हत्या 

आज के दौर में लोगों में सोशल मीडिया का क्रेज काफी बढ़ गया है। यह सिर्फ़ एक-दूसरे से जुड़ने का ज़रिया नहीं, बल्कि लोगों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक लोग अपने फ़ोन और कंप्यूटर पर फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर समय बिताते हैं। खैर, ये सब तो ठीक है, लेकिन सोशल मीडिया पर मशहूर होने के लिए लोग कोई भी हद पार कर रहे हैं। जी हाँ, ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है। जिसमें साफ़ देखा जा सकता है कि कैसे एक शख़्स एक बिल्ली को बेरहमी से मार डालता है।

दरअसल, ये बेहद चौंकाने वाला मामला है। केरल (Kerala) के पलक्कड़ ज़िले (Palakkad district) के चेरपुलस्सेरी (Cherpulassery) निवासी 32 वर्षीय शजीर इंटरनेट सेंसेशन बनने की चाहत में एक मासूम बिल्ली का हत्यारा बन बैठा। उसने न सिर्फ़ बेज़ुबान जानवर को बेरहमी से मार डाला, बल्कि इस घिनौनी हरकत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया (Social Media) पर शेयर भी कर दिया।

पुलिस ने किया शॉकिंग खुलासा

सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शजीर के इस अमानवीय कृत्य की हर तरफ से आलोचना होने लगी। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए एक पशु अधिकार कार्यकर्ता ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस जांच में और भी चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पता चला है कि बिल्ली के साथ यह क्रूरता केरल में नहीं, बल्कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में की गई थी।

वही पुलिस ने बताया कि आरोपी शजीर ने पहले बिल्ली को बड़े प्यार से खाना खिलाया, फिर उसे बेरहमी से मार डाला। इसके बाद उसने मरी हुई बिल्ली के कुछ अंगों का वीडियो बनाकर अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी ने सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स बढ़ाने के जुनून में यह घिनौना कृत्य किया था।

आरोपी पुलिस हिरासत में

फिलहाल, आरोपी पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ जारी है। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 325 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा पुलिस उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी जांच कर रही है।

Rahul Gandhi vs ECI Row: राहुल के 5 तीखे सवाल और EC का जवाब: “273 साल लगेंगे CCTV देख...

Rahul Gandhi vs ECI Row: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ECI) को लेकर एक बार फिर सियासी माहौल गरमा दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए, जिसे आयोग ने “फर्जी और बेबुनियाद” बताया है। इस तीखी नोकझोंक ने भारतीय लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रियाओं को लेकर बहस को फिर से हवा दे दी है।

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राहुल गांधी के पांच सीधे सवाल- Rahul Gandhi vs ECI Row

राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में चुनाव आयोग से पांच तीखे सवाल पूछे और लिखा: “भारत का लोकतंत्र बेशकीमती है – इसकी चोरी का अंजाम बहुत भयानक होगा। अब जनता बोल रही है – बहुत हुआ!”

उन्होंने जो पांच सवाल उठाए, वे सीधे तौर पर चुनाव आयोग की पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करते हैं:

  1. विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं दी जा रही? क्या छिपा रहे हो?
  2. CCTV और वीडियो सबूत मिटाए जा रहे हैं – क्यों? किसके कहने पर?
  3. फर्जी वोटिंग और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी क्यों हुई?
  4. विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने की कोशिश क्यों हो रही है?
  5. क्या चुनाव आयोग अब BJP का एजेंट बन चुका है? साफ-साफ बताओ।

चुनाव आयोग का सख्त जवाब

इन सवालों पर चुनाव आयोग ने विस्तृत प्रतिक्रिया जारी करते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी के आरोप न केवल गलत हैं बल्कि जनता को गुमराह करने की कोशिश भी हैं।

पहला सवाल: आयोग ने कहा कि डिजिटल वोटर लिस्ट की मांग को पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ बनाम ECI (2019) केस में खारिज कर दिया था। इसका मतलब है कि यह मांग कानूनी तौर पर स्वीकार्य नहीं है।

दूसरा सवाल: CCTV फुटेज मिटाने के आरोप पर आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई उम्मीदवार परिणामों को चुनौती देता है, तो हाई कोर्ट में याचिका दायर की जा सकती है, और ऐसे मामलों में CCTV फुटेज को सबूत के तौर पर सुरक्षित रखा जाता है। लेकिन अगर कोई याचिका ही नहीं दी गई तो फुटेज रखने का कोई औचित्य नहीं बनता।

273 साल का तर्क?

चुनाव आयोग ने तर्क दिया कि अगर देश भर के एक लाख पोलिंग स्टेशनों की CCTV फुटेज देखनी हो, तो यह लगभग 1 लाख दिन, यानी 273 साल का काम होगा। आयोग ने इसे व्यावहारिक और कानूनी रूप से अव्यवहारिक बताया।

राहुल ने खुद नहीं दी कोई शिकायत?

चुनाव आयोग ने ये भी बताया कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस ने कुछ गिनी-चुनी आपत्तियाँ दर्ज कराई थीं, लेकिन राहुल गांधी की तरफ से कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं आई।

या तो दस्तखत करो, नहीं तो माफी मांगो

सबसे तीखी बात ये रही कि आयोग ने राहुल से कहा कि या तो वह अपने आरोपों पर नियम 20(3)(B) के तहत विधिवत घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें, यानी औपचारिक रूप से अपना दावा दर्ज कराएं, या फिर देश से माफी मांगें।

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Independence Day 2025: आज़ाद भारत को सबसे पहले किसने अपनाया? जानिए आज़ादी के बाद की प...

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Independence Day 2025: 15 अगस्त 2025 को भारत अपनी आज़ादी की 79वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। हर साल की तरह इस बार भी देशभर में जश्न का माहौल होगा, तिरंगा लहराएगा, राष्ट्रगान गूंजेगा और उन शहीदों को याद किया जाएगा जिनकी कुर्बानी से हम आज आज़ाद हैं। लेकिन आज़ादी सिर्फ अंग्रेज़ों की गुलामी से निकलना नहीं था, असली परीक्षा तब शुरू हुई जब भारत को खुद को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के तौर पर पूरी दुनिया में पहचान दिलानी थी।

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क्या सिर्फ आज़ादी काफी थी? (Independence Day 2025)

15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश राज से आज़ादी तो पा ली, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान तभी मिलती है जब बाकी देश उस आज़ाद मुल्क को राजनीतिक मान्यता दें। यानी बाकी देश मानें कि “हां, भारत अब एक स्वतंत्र राष्ट्र है, जिससे हम राजनयिक संबंध बना सकते हैं”।

सबसे पहले भारत को किसने मान्यता दी?

शायद बहुत से लोगों को यह नहीं पता होगा कि आज़ाद भारत को सबसे पहले किस देश ने मान्यता दी थी। इस पर इतिहास में एकदम साफ जानकारी नहीं है। लेकिन कई रिपोर्ट्स और विश्लेषण के अनुसार, भारत को सबसे पहले मान्यता देने वाले देशों में अमेरिका का नाम सबसे ऊपर आता है।

बताया जाता है कि अमेरिका ने भारत की आज़ादी से पहले ही यहां दूतावास (Embassy) खोल दिया था। ये इस बात का संकेत था कि वह भारत के साथ रिश्ते बनाने को तैयार था और भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र की तरह देख रहा था।

अन्य देशों का समर्थन

आज़ादी के बाद सोवियत संघ (USSR), इंग्लैंड और फ्रांस जैसे देशों ने भी भारत को मान्यता दी और राजनयिक रिश्ते कायम किए। भारत धीरे-धीरे वैश्विक मंच पर अपनी जगह बनाता चला गया।

पाकिस्तान को किसने दी थी सबसे पहले मान्यता?

अगर बात भारत के पड़ोसी पाकिस्तान की करें, तो ईरान वह पहला देश था जिसने पाकिस्तान को मान्यता दी थी। उस समय ईरान को “इम्पीरियल स्टेट ऑफ ईरान” कहा जाता था। भारत और पाकिस्तान, दोनों ही नए राष्ट्र थे और दोनों को अंतरराष्ट्रीय पहचान पाने के लिए ऐसे सहयोग की ज़रूरत थी।

जिन देशों को भारत आज भी मान्यता नहीं देता

आज भारत खुद एक वैश्विक ताकत बन चुका है, लेकिन फिर भी कुछ ऐसे देश हैं जिन्हें भारत स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता नहीं देता। इनमें प्रमुख नाम हैं:

  • अब्काजिया: जिसे कई देश अब भी जॉर्जिया का हिस्सा मानते हैं।
  • कोसोवो: जो कि संयुक्त राष्ट्र का सदस्य नहीं है, लेकिन कई देशों ने उसे स्वतंत्र देश के रूप में स्वीकार किया है।
  • ताइवान: भारत, “एक चीन नीति” के तहत ताइवान को अलग देश नहीं मानता।
  • सोमालीलैंड: जो खुद को आज़ाद घोषित कर चुका है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे मान्यता नहीं मिली।

क्यों ज़रूरी है मान्यता?

किसी देश को मान्यता मिलना सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि उसके अंतरराष्ट्रीय अस्तित्व की नींव होती है। यह कूटनीतिक, आर्थिक और सामरिक संबंधों की शुरुआत का पहला कदम होता है।

एक लंबा सफर

भारत का ये सफर, अंग्रेज़ों की गुलामी से निकलकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र बनने तक, आसान नहीं रहा। लेकिन हर मान्यता, हर नए दोस्त देश और हर राजनयिक रिश्ते ने भारत को वहां पहुंचाया है जहां आज हम खड़े हैं गर्व, आत्मसम्मान और मजबूती के साथ।

15 अगस्त सिर्फ आज़ादी की तारीख नहीं, बल्कि हमारी पहचान बनने की कहानी का प्रतीक है — एक कहानी जो आज भी जारी है।

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Raksha Bandhan 2025: स्टारडम नहीं, साथ जरूरी है: जानिए बॉलीवुड के उन भाई-बहनों को जो ...

Raksha Bandhan 2025: 9 अगस्त को पूरे देश में रक्षाबंधन का त्योहार बड़े प्यार और धूमधाम से मनाया जा रहा है। मिठाइयों की खुशबू, राखियों की रंगत और रिश्तों की गहराई इस दिन को खास बना देती है। भाई-बहन का ये रिश्ता सिर्फ खून का नहीं होता, ये भरोसे, भावनाओं और नटखट नोक-झोंक का खूबसूरत मेल होता है। जहां आम लोगों के लिए ये दिन खास होता है, वहीं बॉलीवुड के भाई-बहनों के रिश्ते भी कुछ कम इमोशनल नहीं होते। लेकिन आज हम बात उन स्टार्स की नहीं कर रहे जो हर वक्त कैमरे के सामने रहते हैं, बल्कि उन भाई-बहनों की बात कर रहे हैं जो बॉलीवुड से तो जुड़े हैं लेकिन लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते हैं। फिर चाहे वजह निजी हो या प्रोफेशनल, इनका बंधन बेहद खास है।

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सैफ अली खान और सबा अली खान- Raksha Bandhan 2025

पटौदी खानदान के नवाब सैफ अली खान को कौन नहीं जानता। उनकी दो बहनें हैं – सोहा और सबा अली खान। जहां सोहा फिल्मों में एक्टिंग कर चुकी हैं और पब्लिक फिगर हैं, वहीं सबा अली खान ने लाइमलाइट से हमेशा दूरी बनाए रखी है। वो पेशे से ज्वेलरी डिज़ाइनर हैं और एक प्राइवेट लेकिन लग्जरी लाइफ जीती हैं। सबा सोशल मीडिया पर भी बहुत कम एक्टिव रहती हैं लेकिन फैमिली इवेंट्स में उनकी मौजूदगी हमेशा महसूस होती है।

शाहरुख खान और शहनाज

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की ज़िंदगी में उनकी बहन शहनाज का एक खास स्थान है। बहुत कम लोग जानते हैं कि शहनाज एक बेहद निजी जिंदगी जीती हैं और कैमरों से दूर रहना पसंद करती हैं। 1960 में जब उनके माता-पिता का देहांत हुआ था, तब शहनाज बुरी तरह टूट गई थीं और डिप्रेशन में चली गई थीं। उस वक्त शाहरुख ने सिर्फ एक भाई नहीं, बल्कि एक अभिभावक बनकर उनका साथ दिया। आज भी शाहरुख अपनी बहन का हर तरह से ख्याल रखते हैं।

अक्षय कुमार और अल्का भाटिया

अक्षय कुमार की बहन अल्का भाटिया बॉलीवुड में फिल्म प्रोड्यूसर हैं। उन्होंने फगली और सिंह इज़ ब्लिंग जैसी फिल्में बनाई हैं, लेकिन मीडिया से दूरी बनाकर रखी है। अल्का एक मजबूत और शांत स्वभाव की महिला हैं, और अक्षय खुद मानते हैं कि उनकी बहन उनका सबसे बड़ा इमोशनल सपोर्ट हैं। त्योहारों और फैमिली फंक्शन में दोनों की बॉन्डिंग अक्सर देखने को मिलती है।

अजय देवगन की बहनें – नीलम और कविता

अजय देवगन की दो बहनें हैं, नीलम और कविता, जो ग्लैमर वर्ल्ड से कोसों दूर हैं। ये दोनों अपनी फैमिली और निजी जिंदगी को तवज्जो देती हैं। हालांकि देवगन परिवार में होने वाले हर कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी रहती है। अजय और काजोल के साथ उनका रिश्ता बेहद करीबी है, जो इस बात का सबूत है कि स्टारडम से ऊपर रिश्ते होते हैं।

दीपिका पादुकोण और अनीषा पादुकोण

दीपिका जहां बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस हैं, वहीं उनकी छोटी बहन अनीषा पेशे से गोल्फर हैं और ‘Live Love Laugh Foundation’ की CEO भी हैं। अनीषा ने हमेशा खुद को कैमरों से दूर रखा है और एक शांत, फोकस्ड और आत्मनिर्भर जिंदगी जीती हैं। दीपिका कई बार बता चुकी हैं कि उनकी बहन उनका सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम हैं।

 

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कार्तिक आर्यन और कृतिका

यंग स्टार कार्तिक आर्यन की बहन कृतिका डॉक्टर हैं। दोनों सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के साथ मस्ती भरे वीडियोज़ शेयर करते रहते हैं। उनके बीच का रिश्ता दोस्ती और प्यार का एक प्यारा मिश्रण है।

 

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दिशा पटानी की बहन खुशबू

खुशबू पटानी ने एक समय भारतीय सेना में मेजर के तौर पर काम किया है और अब फिटनेस कोच और उद्यमी के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है। वह मीडिया से दूर रहना पसंद करती हैं लेकिन अपने काम और अनुशासन के लिए जानी जाती हैं।

कियारा आडवाणी और मिशाल

कियारा जहां फिल्म ‘वॉर 2’ जैसी बड़ी फिल्मों का हिस्सा हैं, वहीं उनके छोटे भाई मिशाल म्यूजिक इंडस्ट्री में नाम कमा रहे हैं। 2022 में उन्होंने यूट्यूब पर अपना पहला गाना “नो माई नेम” रिलीज़ किया था। वो रैपर और म्यूजिक प्रोड्यूसर हैं और कैमरे से दूरी बनाए रखते हैं।

रणवीर सिंह और रितिका भवनानी

रणवीर सिंह भले ही अपने एनर्जी और दमदार एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं, लेकिन उनकी बहन रितिका भवनानी एकदम उलट हैं। रितिका लाइमलाइट से बहुत दूर रहती हैं। उन्हें पब्लिक अपीयरेंस पसंद नहीं है, और वो अपने सुकून भरे जीवन में ही खुश रहती हैं। हालांकि रणवीर अपनी बहन से बेहद करीब हैं। रक्षाबंधन हो या बर्थडे, रणवीर हमेशा रितिका के साथ अपने बॉन्ड को खास अंदाज़ में सेलिब्रेट करते हैं। रितिका एक पशु-प्रेमी हैं और उनकी सादगी, रणवीर की शोहरत से भी अलग एक खास पहचान बनाती है।

प्रियंका चोपड़ा और सिद्धार्थ चोपड़ा

ग्लोबल आइकन प्रियंका चोपड़ा के छोटे भाई सिद्धार्थ चोपड़ा लाइमलाइट से दूर रहकर अपने पैशन को जी रहे हैं। सिद्धार्थ एक पेशेवर शेफ हैं और होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई लंदन से की है। इसके अलावा, उन्होंने म्यूजिक और फिल्म प्रोडक्शन में भी रुचि ली है। प्रियंका और सिद्धार्थ के बीच का रिश्ता बेहद मजबूत है। दोनों कई इंटरव्यू में एक-दूसरे के लिए प्यार और सम्मान जाहिर कर चुके हैं। सिद्धार्थ भले ही बॉलीवुड का हिस्सा नहीं बने, लेकिन बहन के लिए उनका सपोर्ट हमेशा अडिग रहा है।

ऐश्वर्या राय और आदित्य राय

मिस वर्ल्ड और बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन के भाई आदित्य राय एकदम लो-प्रोफाइल इंसान हैं। वो इंडियन मर्चेंट नेवी में इंजीनियर हैं और फिल्मों से दूर अपने प्रोफेशनल और फैमिली लाइफ में बिजी रहते हैं। आदित्य ने एक फिल्म दिल का रिश्ता को प्रोड्यूस भी किया था, लेकिन बाद में उन्होंने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली। ऐश्वर्या कई बार बता चुकी हैं कि उनका भाई हमेशा उनकी प्रेरणा और सहारा रहा है।

सनी देओल और उनकी बहनें अजीता व विजेता देओल

धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल और बॉबी देओल ने बॉलीवुड में खूब नाम कमाया, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी दो बहनें भी हैं अजीता और विजेता देओल। ये दोनों बहनें हमेशा मीडिया और शोहरत से दूर रही हैं। वो सोशल मीडिया पर भी कम ही नजर आती हैं, लेकिन फैमिली इवेंट्स में उनकी मौजूदगी दिखती है। देओल परिवार के बीच इन बहनों का एक खास स्थान है। सनी और बॉबी, दोनों अपने परिवार से बेहद जुड़े हुए हैं और बहनों के साथ उनका रिश्ता भी बेहद भावनात्मक और करीबी है।

 

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Ajit Doval Russia Visit: अजीत डोभाल की पुतिन से मुलाकात, भारत-रूस रिश्तों में आई नई ग...

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Ajit Doval Russia Visit: जब दुनिया की बड़ी ताकतें आपसी खींचतान में उलझी हों और कूटनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हों, ऐसे समय में भारत ने एक बार फिर अपना संतुलित लेकिन साफ संदेश दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस वक्त रूस के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर रिश्तों की मजबूती पर चर्चा की है। और सबसे अहम बात – पुतिन के भारत दौरे की तारीखें अब लगभग तय मानी जा रही हैं।

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डोभाल की ये यात्रा ऐसे समय हो रही है जब अमेरिका, भारत और रूस की बढ़ती नजदीकियों से असहज नजर आ रहा है। खासकर उस वक्त, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही है। लेकिन भारत साफ कर चुका है कि उसकी विदेश नीति पूरी तरह स्वतंत्र है और राष्ट्रीय हित सबसे ऊपर हैं।

पुतिन से मुलाकात: रिश्तों में भरोसे की गर्मी- Ajit Doval Russia Visit

गुरुवार को मॉस्को में एनएसए डोभाल की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अहम मुलाकात हुई। बातचीत के बाद डोभाल ने कहा कि पुतिन भारत यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और दौरे की तारीखें लगभग तय हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत-रूस संबंध “खास, पुराने और भरोसेमंद” हैं, और हालिया हाई-लेवल बैठकों ने इस साझेदारी को और मजबूत किया है।

डोभाल की ताबड़तोड़ बैठकों का मकसद

पुतिन से मुलाकात के अलावा, डोभाल ने रूस के पहले उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से भी बातचीत की। दोनों देशों के बीच रक्षा, सैन्य-तकनीकी सहयोग, नागरिक विमान निर्माण, मेटल इंडस्ट्री और केमिकल सेक्टर जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।

इसके बाद रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू से भी डोभाल मिले। शोइगू ने भारत-रूस दोस्ती को “समय की कसौटी पर खरी” बताया और ज़ोर दिया कि पुतिन और पीएम मोदी की अगली मुलाकात की तारीख जल्द से जल्द तय होनी चाहिए।

पीएम मोदी और पुतिन की फोन पर बात

इससे कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर लंबी बातचीत भी हो चुकी है। मोदी ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी और लिखा,

“आज मेरी दोस्त व्लादिमीर पुतिन से बहुत अच्छी बातचीत हुई। उन्होंने यूक्रेन मुद्दे पर ताज़ा जानकारी दी, जिसका मैंने स्वागत किया। हमने भारत-रूस के द्विपक्षीय रिश्तों की प्रगति की समीक्षा की और इस साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई।”

मोदी ने साथ ही पुतिन को साल के अंत में भारत आने का न्योता भी दिया है।

अमेरिका को क्या संदेश?

डोभाल की रूस यात्रा और पुतिन के संभावित भारत दौरे को कूटनीतिक नजरिए से बेहद अहम माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका, भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर नज़र बनाए हुए है।

इसके साथ ही पीएम मोदी का आगामी चीन दौरा, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा से फोन पर बातचीत, और रूस के साथ रणनीतिक संवाद ये सब अमेरिका को एक ही बात साफ-साफ कह रहे हैं

भारत अब ‘तटस्थ’ नहीं, बल्कि ‘स्वतंत्र और संतुलित’ कूटनीति का मजबूत चेहरा बन चुका है।

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Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर में भारत की बड़ी कामयाबी: S-400 ने गिराए पाकिस्तान क...

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Operation Sindoor: भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया है, जो न सिर्फ पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भारत की सैन्य क्षमता का साफ संकेत भी है। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हाल ही में दावा किया है कि “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान भारत के अत्याधुनिक S-400 मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों को हवा में ही मार गिराया।

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इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के एक AEW&C/ELINT (एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल / इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस) विमान को भी 300 किलोमीटर दूर से निशाना बनाकर तबाह किया गया। ये सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि पाकिस्तान की निगरानी और रणनीतिक योजना को झटका देने वाला हमला था।

जेकबाबाद और भोलारी एयरबेस भी बने निशाना- Operation Sindoor

एयर चीफ ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के जेकबाबाद एयरबेस पर खड़े F-16 लड़ाकू विमान भी इस ऑपरेशन में भारत की कार्रवाई का शिकार बने। ये विमान उस समय रनवे पर नहीं बल्कि पार्किंग में थे, फिर भी सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट किया गया।

इसके अलावा, भोलारी एयरबेस पर खड़े AEW&C विमान को भी टारगेट किया गया। यह दिखाता है कि भारतीय सेना के पास न केवल तकनीकी क्षमता है, बल्कि दुश्मन की हर गतिविधि पर पैनी नजर भी है।

ऑपरेशन सिंदूर: एक जवाब, एक संदेश

ऑपरेशन सिंदूर, मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक छोटी लेकिन बेहद गंभीर सैन्य झड़प का हिस्सा था। इस दौरान भारत ने अपनी हवाई श्रेष्ठता (Air Superiority) साबित करने के लिए S-400 के साथ-साथ ब्रह्मोस जैसे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।

इस ऑपरेशन ने ये साफ कर दिया कि भारत न सिर्फ अपनी सुरक्षा में सक्षम है, बल्कि जरूरत पड़ने पर दुश्मन को उसके घर में घुसकर जवाब देने की ताकत भी रखता है।

क्या है S-400 और क्यों है इतना खास?

S-400 रूस से खरीदा गया एक आधुनिक सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसकी रेंज करीब 400 किलोमीटर तक है। भारत ने इसे 5.4 बिलियन डॉलर में खरीदा था। ये एक साथ 80 लक्ष्यों को ट्रैक और निशाना बना सकता है।

S-400 की इसी ताकत ने ऑपरेशन सिंदूर में भारत को वो बढ़त दी, जिससे दुश्मन को कुछ समझ में आने से पहले ही उसकी रणनीति धराशायी हो गई।

पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका

F-16 जैसे लड़ाकू विमान और AEW&C जैसे हाई-टेक निगरानी संसाधनों का नुकसान पाकिस्तान की वायुसेना के लिए काफी गंभीर है। AEW&C विमान उनकी हवाई रणनीति की रीढ़ माने जाते हैं – उनका खत्म होना पाकिस्तान को अपनी पूरी रणनीति पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर सकता है।

क्या बढ़ेगा तनाव?

हालांकि एयर चीफ एपी सिंह के इन दावों की स्वतंत्र पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन अगर ये दावे सच साबित होते हैं, तो यह भारत की हवाई शक्ति की एक बड़ी छलांग है। दूसरी तरफ, इससे भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्ते और भी नाजुक हो सकते हैं।

आगे की योजना?

सूत्रों की मानें तो भारत अब S-400 की और यूनिट्स खरीदने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा S-500 जैसे अगली पीढ़ी के सिस्टम को भी लाने की योजना है, जिसकी रेंज 600 किलोमीटर तक होगी।

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