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Ajay Devgn Movie: ‘मैदान’ बनी बोनी कपूर का घाटे का सौदा, 210 करोड़ खर्च कर भी नहीं नि...

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Ajay Devgn Movie: 2024 में रिलीज़ हुई अजय देवगन स्टारर फिल्म ‘मैदान’ जितनी बड़ी उम्मीदों के साथ बनाई गई थी, उतनी ही बड़ी निराशा लेकर आई। ये फिल्म सिर्फ एक बॉयोपिक नहीं थी, बल्कि प्रोड्यूसर बोनी कपूर का सपना भी थी, जिसे पूरा करने में उन्हें 5 साल लग गए। लेकिन जब फिल्म रिलीज़ हुई, तो बॉक्स ऑफिस पर वो धमाका नहीं कर सकी, जिसकी उम्मीद थी। फिल्म फ्लॉप हो गई और बोनी कपूर को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।

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सिर्फ 30% शूटिंग में ही छूट गए पसीने- Ajay Devgn Movie

हाल ही में एक इंटरव्यू में जब बोनी कपूर कोमल नाहटा से बात कर रहे थे, तो उन्होंने बताया कि फिल्म का सिर्फ 30% हिस्सा शूट करना ही इतना भारी पड़ गया था कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आगे कैसे काम पूरा होगा। उन्होंने कहा, “मैदान में मेरा पैसा डूब गया।” ये वो शब्द थे, जो सुनकर कोई भी फिल्ममेकर समझ सकता है कि सपना टूटने का दर्द क्या होता है।

120 करोड़ का बजट, 210 करोड़ में खत्म हुई फिल्म

फिल्म की शुरुआत जब हुई थी, तब बजट 120 करोड़ तय हुआ था। 2019 तक फिल्म का करीब 70% हिस्सा शूट भी हो चुका था। लेकिन फिर आया कोविड-19 का दौर, जिसने न सिर्फ देश-दुनिया को रोका बल्कि मैदान जैसी बड़ी प्रोजेक्ट्स को भी रोक दिया।

मार्च 2020 में जब टीम मैच के बड़े सीक्वेंस की शूटिंग शुरू करने वाली थी, तब तक 200 से 250 विदेशी खिलाड़ी भारत पहुंच चुके थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद सब ठप हो गया। बोनी ने बताया कि यूनिट को देश में तब तक रोके रखा गया जब तक आखिरी उड़ान की घोषणा नहीं हो गई।

चक्रवात ने भी तोड़ दिया सेट

कोविड के बाद जब कुछ राहत मिली और शूटिंग दोबारा शुरू करनी चाही, तो चक्रवात ने बोनी कपूर की मुश्किलें और बढ़ा दीं। उनका पूरा स्टेडियम वाला सेट तबाह हो गया। उन्होंने कहा, “मैं ये सब किसे समझाऊं?”

शूटिंग के दौरान यूनिट में 800 लोग होते थे, लेकिन कोविड की पाबंदियों के कारण उन्हें 150 लोगों की सीमा में काम चलाना पड़ा। खाने के लिए ताज होटल से खाना मंगवाना पड़ा, चार एम्बुलेंस और डॉक्टर सेट पर रखने पड़े, और सिर्फ खाने के लिए 5 टेंट लगाने पड़े।

बैंकोक में हुई शूटिंग, और बढ़ा खर्च

कोविड, चक्रवात और लॉकडाउन से जूझने के बाद भी फिल्म के कुछ हिस्से बैंकोक में शूट करने पड़े। इससे खर्च और बढ़ गया। बोनी कपूर ने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में फिल्म की लागत बढ़कर 210 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

उधार लेकर चुकानी पड़ी फीस

सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि फिल्म के फ्लॉप होने के बाद बोनी कपूर को उधार लेकर अपने वेंडर्स की फीस चुकानी पड़ी। उन्होंने बताया, “कुछ लोगों ने 10-15% तक अपनी फीस कम कर दी, क्योंकि उन्होंने चार साल तक धैर्य रखा। ये उनकी भी फिल्म थी।”

सपना अधूरा रह गया

बता दें, ‘मैदान’ एक ऐसी फिल्म थी, जो भारतीय फुटबॉल के गोल्डन एरा को दिखाने की कोशिश कर रही थी। अजय देवगन का दमदार अभिनय, शानदार स्पोर्ट्स ड्रामा और बड़े लेवल की प्रोडक्शन क्वालिटी सब कुछ मौजूद था। लेकिन कोविड जैसी बाहरी परिस्थितियों और बढ़ते बजट ने फिल्म को ऐसा झटका दिया, जिससे वो उबर नहीं पाई।

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Liquor In Pakistan: कागज़ों में हराम, सड़कों पर आम! जानें कैसे चल रहा है पाकिस्तान मे...

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Liquor In Pakistan: भारत और पाकिस्तान के बीच न सिर्फ राजनीति और संस्कृति में फर्क है, बल्कि शराब को लेकर सोच और कानून भी पूरी तरह अलग हैं। भारत में जहां शराब एक बड़ा और खुला व्यापार है, वहीं पाकिस्तान में यह कानूनी रूप से सीमित और धार्मिक रूप से प्रतिबंधित है। यहां शराब का न तो खुला बाजार है और न ही आम जनता के लिए इसकी पहुंच आसान है।

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Murree Brewery: पाकिस्तान की इकलौती मान्यता प्राप्त शराब निर्माता

पाकिस्तान में शराब का आधिकारिक स्रोत है मुर्री ब्रुअरी (Murree Brewery) जो देश की सबसे पुरानी और एकमात्र लाइसेंस प्राप्त शराब कंपनी है। यह ब्रुअरी अंग्रेजी स्टाइल की बीयर, वोडका, व्हिस्की और जिन जैसी वैरायटीज़ बनाती है। लेकिन यह शराब हर किसी को नहीं मिलती। इसे केवल सरकारी लाइसेंस प्राप्त दुकानों, कुछ फाइव स्टार होटलों और चुनिंदा क्लबों में ही बेचा जाता है।

केवल गैर-मुस्लिमों को मिलती है कानूनी अनुमति | Liquor In Pakistan

पाकिस्तान में शराब की बिक्री पर धार्मिक आधार पर भी पाबंदी है। मुसलमानों के लिए शराब पीना कानूनन और धार्मिक रूप से निषिद्ध है। हालांकि, गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों जैसे ईसाई, हिंदू और पारसी को विशेष सरकारी अनुमति से शराब खरीदने और पीने की इजाजत होती है। इसके लिए उन्हें कंट्रोल सेल्स शॉप्स से लाइसेंस के आधार पर शराब मिलती है।

देसी शराब का खतरा: सस्ती लेकिन जानलेवा

सरकारी नियमों और लाइसेंसिंग के चलते पाकिस्तान में शराब की आपूर्ति बेहद सीमित है। इसी वजह से वहां अवैध रूप से बनी देसी शराब का बड़ा नेटवर्क तैयार हो गया है। यह शराब गांवों और छोटे कस्बों में बिना किसी मानक या सुरक्षा उपाय के बनाई जाती है।
यह सस्ती जरूर होती है, लेकिन कई बार इतनी खराब क्वालिटी की होती है कि इसके सेवन से सामूहिक मौतों तक की खबरें सामने आ चुकी हैं।

हर साल पाकिस्तान के किसी न किसी हिस्से से जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की घटनाएं सामने आती हैं, खासकर त्योहारों या किसी खास मौके पर जब इसकी डिमांड बढ़ती है।

होटल और क्लब: गुपचुप शराब का दूसरा रास्ता

शराब के सीमित और नियंत्रित बाजार के बीच कुछ होटल और क्लब ऐसे भी हैं, जिन्हें विशेष लाइसेंस प्राप्त होते हैं। ये स्थान आमतौर पर विदेशी नागरिकों और डिप्लोमैट्स के लिए होते हैं, जहां अंग्रेजी शराब परोसी जाती है। लेकिन कई बार स्थानीय लोग भी इन क्लबों के जरिए शराब हासिल कर लेते हैं, जो पूरी तरह कानूनी तो नहीं माना जा सकता।

पाबंदी के बावजूद नहीं थमी शराब की मौजूदगी

पाकिस्तान में शराब को लेकर कानून चाहे जितना सख्त हो, लेकिन सच्चाई यह है कि समाज में शराब गुपचुप तरीकों से मौजूद है। जहां एक ओर मुर्री ब्रुअरी जैसे वैध स्रोत सीमित वर्ग के लिए शराब मुहैया कराते हैं, वहीं दूसरी तरफ देसी शराब का अनकंट्रोल्ड कारोबार आम लोगों के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।

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Radhakrishnan Vs Sudarshan Reddy: राधाकृष्णन के साथ बहुमत की गिनती, सुदर्शन के साथ सो...

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Radhakrishnan Vs Sudarshan Reddy: देश के नए उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मंगलवार को वोटिंग होगी, लेकिन इससे पहले ही सियासी पारा चढ़ गया है। मुकाबला है एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी INDIA गठबंधन के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच।
सत्ता पक्ष जहां अपने ‘नंबर गेम’ पर पूरी तरह भरोसे में है, वहीं विपक्ष ‘अंतरात्मा की आवाज़’ का हवाला देते हुए इस चुनाव को प्रतीकात्मक लड़ाई बना देना चाहता है।

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किसके पास कितनी ताकत? Radhakrishnan Vs Sudarshan Reddy

उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसदों द्वारा किया जाता है। जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कम से कम 392 वोटों की जरूरत है।
फिलहाल जो आंकड़े सामने हैं, उनके मुताबिक:

  • एनडीए को लगभग 439 सांसदों का समर्थन मिलने की उम्मीद है।
  • वहीं इंडिया ब्लॉक के पास लगभग 324 सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है।

यानि आंकड़ों के लिहाज से राधाकृष्णन की राह आसान दिख रही है, लेकिन विपक्ष को अब भी कुछ उम्मीदें बाकी हैं।

विपक्ष का दांव: ‘अंतरात्मा की आवाज़’

विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने एक वीडियो अपील जारी कर सांसदों से ‘संविधान की रक्षा’ के लिए उन्हें समर्थन देने की अपील की है। उन्होंने ये भी कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में कोई व्हिप नहीं होता, यानी सांसद अपनी अंतरात्मा के मुताबिक वोट डाल सकते हैं।

कांग्रेस, टीएमसी, सपा, राजद, वाम दल, आप और अन्य विपक्षी दलों ने सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में खुलकर प्रचार किया है। वहीं AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे नेता भी उनके समर्थन में खड़े हुए हैं।

विपक्ष को किससे उम्मीद?

विपक्ष की रणनीति है कि कुछ नॉन-अलाइन या न्यूट्रल दलों से समर्थन जुटाया जाए जैसे बीजेडी, बीआरएस और कुछ निर्दलीय सांसद।
हालांकि तेलंगाना के सीएम जगन मोहन रेड्डी से समर्थन की उम्मीद टूट गई है। सुदर्शन रेड्डी ने खुद जाकर मुलाकात की थी, लेकिन जगन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एनडीए को समर्थन देने का वादा कर चुके थे।

इसके बावजूद विपक्ष इस लड़ाई को एक नैतिक मुद्दा बनाकर पेश कर रहा है, एक संविधान विशेषज्ञ जज के रूप में सुदर्शन रेड्डी को आगे रखकर लोकतंत्र की रक्षा का संदेश देने की कोशिश की जा रही है।

सत्ता पक्ष की रणनीति: जीत का अंतर बढ़ाना

एनडीए को जीत का पूरा भरोसा है, लेकिन वे इस चुनाव को सिर्फ जीत तक सीमित नहीं रखना चाहते। बीजेपी की कोशिश है कि जीत का अंतर ज्यादा हो।
इसके लिए राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता लगातार संपर्क में हैं और निर्दलीय व छोटे दलों को साधने की कोशिश जारी है।

बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया, ताकि वोटिंग प्रक्रिया में कोई गलती न हो, क्योंकि यह गुप्त मतदान है और क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी रहती है।

सस्पेंस वाले वोट: किस ओर जाएंगे?

कुछ दल अब तक अपने पत्ते नहीं खोल पाए हैं। इनमें शामिल हैं:

  • बीजेडी के 7 सांसद
  • बीआरएस के 4 सांसद
  • अकाली दल, जेडपीएम, वीओटीटीपी और 3 निर्दलीय सांसद

इनके रुख से चुनाव में हल्का-फुल्का बदलाव आ सकता है। पिछली बार बीजेडी ने वक्फ संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान सांसदों को अपनी अंतरात्मा से निर्णय लेने की छूट दी थी। अब देखना होगा कि इस बार भी वही रास्ता अपनाया जाता है या नहीं।

‘संख्यात्मक’ बनाम ‘प्रतीकात्मक’ चुनाव

सीपी राधाकृष्णन का नाम एनडीए ने तब फाइनल किया, जब तय हो गया कि विपक्ष दक्षिण से ही किसी को मैदान में उतारेगा। एनडीए के पास संसदीय संख्या है, लेकिन विपक्ष के पास संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूत नैतिक तर्क है।

यह चुनाव अब केवल वोटों की गिनती नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश देने की कोशिश भी बन गया है। जहां एक ओर सत्ता पक्ष जीत का परचम फहराने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष इस चुनाव को संवैधानिक मूल्यों की परीक्षा बता रहा है।

नतीजे क्या कहेंगे?

उपराष्ट्रपति का चुनाव अब संख्याओं और सिद्धांतों के बीच की लड़ाई बन चुका है। जीत चाहे किसी की भी हो, लेकिन यह साफ है कि इस बार का मुकाबला पहले से कहीं ज्यादा दिलचस्प, रणनीतिक और प्रतीकात्मक बन चुका है।

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Indian Navy News: 2035 तक समुद्र में दिखेगा भारत का जलवा, 200 से ज्यादा युद्धपोतों और...

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Indian Navy News: भारत अपनी समुद्री ताकत को दिन-ब-दिन मजबूत और आधुनिक बनाने में जुटा है। बदलते वैश्विक हालात और समुद्री क्षेत्र की बढ़ती अहमियत को देखते हुए भारतीय नौसेना ने ब्लू-वॉटर फोर्स यानी एक ऐसी ताकत बनने का लक्ष्य रखा है, जो पूरे महासागरों में अपने हितों की रक्षा कर सके। 2035 तक नौसेना के पास 200 से ज्यादा युद्धपोत और पनडुब्बियां होने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि भारत समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ चीन-पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों से उत्पन्न खतरों का भी सामना कर सके।

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55 युद्धपोतों का निर्माण जारी- Indian Navy News

वर्तमान में भारतीय शिपयार्ड में 55 बड़े और छोटे युद्धपोत बनाए जा रहे हैं, जिनकी कुल लागत लगभग 99,500 करोड़ रुपये है। इसके अलावा नौसेना को स्वदेशी तौर पर 74 और युद्धपोतों के निर्माण के लिए 2.35 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। इन योजनाओं में नौ डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां, सात मल्टी-रोल स्टेल्थ फ्रिगेट, आठ एंटी-सबमरीन वॉरफेयर कोरवेट और 12 माइन काउंटरमेज़र पोत शामिल हैं। इसके अलावा, अगली पीढ़ी के चार विध्वंसक पोत और दूसरा स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर भी बनाए जाने की योजना है, जो रूसी आईएनएस विक्रमादित्य की जगह लेगा।

भारत के पास 230 युद्धपोत तक पहुंचने का लक्ष्य

नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक, एक मजबूत नौसेना रातों-रात तैयार नहीं होती। इसके लिए लंबे समय तक योजनाबद्ध निर्माण की जरूरत होती है। फिलहाल नौसेना के पास लगभग 140 युद्धपोत हैं, जिनमें 17 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां और दो परमाणु-संचालित एसएसबीएन शामिल हैं। इसके साथ ही नौसेना के पास 250 से ज्यादा विमान और हेलिकॉप्टर हैं। योजना है कि अगले दशक में पुरानी पनडुब्बियों और जहाजों को हटाकर, नौसेना की ताकत बढ़ाकर 200 से ज्यादा युद्धपोत, 350 नौसैनिक विमान और हेलिकॉप्टर रखे जाएं। 2037 तक यह संख्या 230 युद्धपोतों तक पहुंच सकती है।

चीन-पाकिस्तान की बढ़ती समुद्री ताकत

दूसरी ओर चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना बनाई है, जिसके पास करीब 370 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं। चीन हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए अफ्रीका के जिबूती, पाकिस्तान के कराची और ग्वादर जैसे स्थानों पर आधार विकसित कर रहा है और नई जगहों की तलाश में भी है। चीन पाकिस्तान की नौसेना को भी मजबूत बना रहा है। पाकिस्तान के पास फिलहाल पांच पुरानी अगोस्ता श्रेणी की पनडुब्बियां हैं, लेकिन जल्द ही उसे आठ नई युआन या हंगोर श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां मिलेंगी, जिनमें एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) तकनीक भी होगी। यह तकनीक पनडुब्बियों को लंबी अवधि तक पानी के अंदर रहने में सक्षम बनाएगी, जिससे पाकिस्तान की समुद्री ताकत काफी बढ़ जाएगी।

छह नई पनडुब्बियों के निर्माण पर बातचीत

भारत के लिए यह चिंता की बात है कि उसकी पारंपरिक पनडुब्बी ताकत धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। इस कमी को पूरा करने के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और जर्मन कंपनी थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) के बीच छह नई डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर करीब 70,000 करोड़ रुपये की बातचीत चल रही है। इन पनडुब्बियों में AIP तकनीक के साथ लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइलें भी होंगी। इसके अलावा, फ्रांस की तीन और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण 32,000 करोड़ रुपये की लागत से करने की योजना है, लेकिन यह प्रोजेक्ट फिलहाल अटका हुआ है।

मौजूदा बेड़े की ताकत और भविष्य की उम्मीदें

अभी नौसेना के पास छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियां, सात पुरानी रूसी किलो क्लास और चार जर्मन एचडीडब्ल्यू पनडुब्बियां हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नई परियोजनाएं समय पर पूरी हों और मौजूदा बेड़े का अपग्रेडेशन हो, तो भारत अपनी समुद्री सीमाओं की सुरक्षा बेहतर तरीके से कर सकेगा। साथ ही हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान के बढ़ते प्रभाव को रोकने में भी सक्षम होगा।

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MP News: बुरहानपुर में कार के अंदर सोता मिला ड्राइवर, घंटे भर तक हाईवे पर लगा लंबा जा...

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MP News: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने लोगों को हैरत में डाल दिया। यहां रविवार दोपहर एक कार चालक ने हाईवे किनारे गाड़ी खड़ी की, लॉक किया और आराम से सो गया। लेकिन उसकी नींद ने पूरे इंदौर-इच्छापुर हाईवे को जाम में तब्दील कर दिया। आईए आपको बताते है क्या है पूरा मामला।

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हाईवे पर नींद की वजह से रुक गया ट्रैफिक- MP News

यह घटना शिकारपुरा थाना क्षेत्र के एलआईसी ऑफिस के पास की है। दोपहर करीब 3 बजे एक व्यक्ति अपनी कार लेकर आया और सड़क किनारे उसे खड़ा कर दिया। गाड़ी लॉक की और अंदर ही गहरी नींद में सो गया। शुरुआत में लोगों ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन थोड़ी ही देर में स्थिति बिगड़ने लगी।

चूंकि यह इलाका हाईवे का व्यस्त हिस्सा है, वहां गाड़ियों की आवाजाही काफी रहती है। कार का इस तरह बीच में खड़ा होना ट्रैफिक के लिए बड़ी रुकावट बन गया। धीरे-धीरे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और पूरा हाईवे जैसे ठप हो गया।

राहगीरों और पुलिस ने की जगाने की कोशिश

जैसे-जैसे ट्रैफिक रुकता गया, लोगों की बेचैनी बढ़ती गई। राहगीरों ने कार के शीशे पर बार-बार दस्तक दी, आवाजें लगाईं, लेकिन अंदर सो रहा शख्स टस से मस नहीं हुआ। सबको यही डर सताने लगा कि कहीं उसकी तबीयत तो खराब नहीं।

सूचना मिलने पर शिकारपुरा थाने से पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने मिलकर लगभग एक घंटे तक उस शख्स को जगाने की भरपूर कोशिश की। लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तब आखिरकार कार का पिछला शीशा तोड़ने का फैसला लिया गया।

कार का शीशा तोड़कर निकाला गया बाहर

पुलिस और मौजूद लोगों ने मिलकर कार का पिछला शीशा तोड़ा और अंदर सो रहे चालक को बाहर निकाला। राहत की बात यह रही कि वह पूरी तरह सुरक्षित था, सिर्फ नींद में था। इसके बाडी उसे तुरंत थाने ले जाया गया, ताकि जांच की जा सके कि वह किस हालत में था और क्या कोई नशा वगैरह किया था।

कार को हटाने के बाद धीरे-धीरे हाईवे पर ट्रैफिक सामान्य हुआ। लेकिन तब तक सैकड़ों वाहन वहां फंसे रह चुके थे। एक घंटे से भी ज्यादा समय तक पूरे रूट पर जाम की स्थिति बनी रही, जिससे लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।

सवालों के घेरे में ड्राइवर की लापरवाही

इस अजीबोगरीब घटना ने ट्रैफिक व्यवस्था और चालक की ज़िम्मेदारी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भले ही शख्स सो रहा था, लेकिन इतनी व्यस्त सड़क पर इस तरह कार खड़ी करके आराम फरमाना न सिर्फ खुद के लिए, बल्कि दूसरों के लिए भी खतरे की वजह बन सकता था।

फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ड्राइवर से पूछताछ की जा रही है कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया और क्या वह नशे की हालत में था या किसी और वजह से इतनी गहरी नींद में चला गया।

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Delhi CM Rekha Gupta: ‘फुलेरा पंचायत’ बनी दिल्ली सरकार? CM रेखा गुप्ता के...

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Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता दिल्ली सरकार की आधिकारिक बैठकों में शामिल हो रहे हैं। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर मीटिंग की तस्वीरें साझा करते हुए आरोप लगाया कि मनीष गुप्ता सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं, जो पूरी तरह असंवैधानिक है।

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“फुलेरा पंचायत बन गई है दिल्ली सरकार”: सौरभ भारद्वाज का तंज | Delhi CM Rekha Gupta

AAP नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,

“दिल्ली सरकार अब फुलेरा पंचायत बन चुकी है। जैसे उस सीरिज़ में महिला सरपंच के पति ही पंचायत चलाते थे, वैसे ही अब दिल्ली में CM के पति सरकारी बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि हमने पहले भी ये मुद्दा उठाया था कि मुख्यमंत्री के पति मीटिंग और निरीक्षण में शामिल होते हैं। भारद्वाज ने आगे कहा, “यह लोकतंत्र और संविधान की सीधी अवहेलना है।”

परिवारवाद का मुद्दा भी उठाया

AAP नेताओं ने भाजपा पर परिवारवाद को लेकर भी हमला बोला। सौरभ भारद्वाज ने सवाल किया,

“कांग्रेस को परिवारवाद के लिए कोसने वाली भाजपा बताए कि क्या यह परिवारवाद नहीं है? क्या CM को अपनी पार्टी में कोई भरोसेमंद कार्यकर्ता नहीं मिला, जो यह ज़िम्मेदारी निभा सके?”

संजय सिंह ने कसा तंज: “दो CM – एक सुपर CM”

AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,

“फुलेरा पंचायत में आपका स्वागत है। मोदी जी ने दिल्ली में दो मुख्यमंत्री बना दिए हैं – एक रेखा गुप्ता और दूसरा उनका पति सुपर CM।”

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली की हालत 6 महीने में ही बिगाड़ दी है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सफाई: “विकास कार्यों की समीक्षा कर रही थी”

इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद X पर पोस्ट करते हुए सफाई दी। उन्होंने लिखा कि वह शालीमार बाग विधानसभा में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा कर रही थीं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे नियमित प्रगति रिपोर्ट दें और लंबित परियोजनाओं को समय पर पूरा करें।

उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए हार्वेस्टिंग प्वॉइंट्स बनाए जाएंगे, बाजारों का पुनरुद्धार होगा और टेढ़े-झुके पेड़ों को हटाने की कार्रवाई शुरू होगी।

BJP का पलटवार: “केवल महिला होने की वजह से हो रही आलोचना”

AAP के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि आम आदमी पार्टी मुद्दों की बजाय व्यक्तिगत हमले कर रही है। उन्होंने कहा,

“रेखा गुप्ता अपने निर्वाचन क्षेत्र की समीक्षा कर रही थीं, जिसका संचालन उनके पति करते हैं – जैसे शीला दीक्षित की बहन या अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल करती थीं।”

मालवीय ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के पति ने कोई आधिकारिक आदेश नहीं जारी किया और ना ही वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे।

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Mumbai Bomb Threat: “400 किलो आरडीएक्स और 14 आतंकी” मुंबई को उड़ाने की फर...

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Mumbai Bomb Threat: गणेश चतुर्थी के अंतिम दिन अनंत चतुर्दशी से पहले मुंबई में बम धमाके की फर्जी धमकी से सनसनी फैल गई। धमकी में दावा किया गया था कि लश्कर-ए-जिहाद संगठन के 14 आतंकी मुंबई में दाखिल हो चुके हैं और वे 400 किलो आरडीएक्स से लदी 34 गाड़ियों के जरिए शहर को दहलाने की योजना बना रहे हैं। यह संदेश जैसे ही मुंबई ट्रैफिक पुलिस की व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर पहुंचा, पूरे सुरक्षा तंत्र में हड़कंप मच गया।

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24 घंटे में आरोपी पकड़ाया- Mumbai Bomb Threat

धमकी मिलने के तुरंत बाद मुंबई पुलिस, क्राइम ब्रांच और एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ने जांच शुरू की और महज 24 घंटे में नोएडा से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए आरोपी की पहचान अश्विन कुमार सुप्रा के रूप में हुई है, जो मूल रूप से बिहार के पटना का रहने वाला है और पिछले पांच सालों से नोएडा की एक हाईराइज़ सोसाइटी में रह रहा था।

नोएडा पुलिस की स्पेशल SWAT टीम ने सेक्टर 113 थाना क्षेत्र के सेक्टर 79 स्थित फ्लैट से अश्विन को दबोच लिया और बाद में उसे मुंबई पुलिस के हवाले कर दिया गया।

क्यों दी गई थी ये फर्जी धमकी?

जांच में खुलासा हुआ है कि अश्विन कुमार ने यह धमकी एक व्यक्तिगत दुश्मनी और आपसी झगड़े के चलते रची थी। उसने अपने पुराने दोस्त को फंसाने के इरादे से यह सनसनीखेज प्लान बनाया और आतंकवादियों के नाम पर दहशत फैलाने की कोशिश की।

अश्विन कुमार खुद को एक ज्योतिषी बताता है और उसकी अपनी पत्नी से भी लंबे समय से अनबन चल रही है। पुलिस को उसके मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल उसने धमकी भेजने में किया था। इतना ही नहीं, पुलिस ने सिम कार्ड जारी करने वाले दुकानदार को भी हिरासत में ले लिया है।

मुंबई रही हाई अलर्ट पर

धमकी भरे संदेश में 400 किलो आरडीएक्स और मानव बम की बात कही गई थी, ऐसे में मुंबई पुलिस ने इस धमकी को हल्के में नहीं लिया। चूंकि यह संदेश गणेश विसर्जन के दिन आया था, जब लाखों की भीड़ सड़कों पर होती है, इसलिए शहर को तुरंत हाई अलर्ट पर रखा गया। प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, रेलवे स्टेशनों और विसर्जन स्थलों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए थे।

पहले भी भेज चुका है फर्जी धमकी

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अश्विन कुमार कोई पहली बार ऐसा नहीं कर रहा। साल 2023 में भी वह जालसाजी के एक मामले में जेल जा चुका है। इससे पहले भी मुंबई ट्रैफिक पुलिस को इसी तरह की धमकियां मिल चुकी हैं, जो बाद में फर्जी निकली थीं।

पुलिस की अपील

मुंबई पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और यदि कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। साथ ही चेतावनी भी दी गई है कि इस तरह की फर्जी धमकियां देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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Tesla Model Y की भारत में ग्रैंड एंट्री, पहले ग्राहक बने महाराष्ट्र के मंत्री, पोते क...

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Tesla Model Y: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है और इसी कड़ी में टेस्ला ने अपनी बहुप्रतीक्षित Model Y को इस साल जुलाई में भारतीय बाजार में लॉन्च किया। लॉन्च के साथ ही टेस्ला ने देश के दो बड़े शहरों मुंबई और दिल्ली में अपने शोरूम भी खोले, जिससे कंपनी की भारत में एंट्री को लेकर ग्राहकों में उत्साह और बढ़ गया।

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अब टेस्ला ने भारत में Model Y की पहली डिलीवरी कर दी है और यह कार मिली है महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक को। उन्होंने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) स्थित टेस्ला एक्सपीरियंस सेंटर से अपनी नई इलेक्ट्रिक SUV की डिलीवरी ली।

जुलाई में ही की थी बुकिंग- Tesla Model Y

प्रताप सरनाईक ने टेस्ला के मुंबई शोरूम के उद्घाटन के तुरंत बाद जुलाई में ही कार बुक कर ली थी। अब दो महीने बाद उन्हें यह हाईटेक इलेक्ट्रिक कार डिलीवर कर दी गई है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये खरीददारी केवल एक लग्जरी या निजी निर्णय नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में हरित परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।

पोते को देंगे तोहफे में

सरनाईक ने कार डिलीवरी के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं इस कार को अपने पोते को गिफ्ट में देने जा रहा हूं, ताकि वह बचपन से ही टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक को समझे।” उन्होंने बताया कि वे चाहते हैं कि युवा पीढ़ी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाए और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक बने।

टेस्ला Model Y की खास बातें

भारत में टेस्ला Model Y को दो वेरिएंट में उतारा गया है:

  1. रियर-व्हील ड्राइव (RWD) – इसमें 60kWh की बैटरी दी गई है और यह एक बार फुल चार्ज में लगभग 500 किलोमीटर तक चल सकती है।
  2. लॉन्ग रेंज रियर-व्हील ड्राइव (LR RWD) – इसमें और बड़ी बैटरी है, जिससे कार की रेंज 622 किलोमीटर तक जाती है।

दोनों वेरिएंट्स की टॉप स्पीड 201 किमी प्रति घंटा है, जो इसे परफॉर्मेंस के मामले में भी काफी दमदार बनाती है।

कीमत और कलर ऑप्शन

Model Y की कीमत की बात करें तो:

  • RWD वेरिएंट की दिल्ली एक्स-शोरूम कीमत ₹59.89 लाख से शुरू होती है।
  • LR RWD वेरिएंट की कीमत ₹67.89 लाख से शुरू होती है।

गाड़ी का स्टैंडर्ड कलर स्टील्थ ग्रे है, लेकिन ग्राहक चाहें तो इसके अलावा पर्ल व्हाइट, डायमंड ब्लैक, ग्लेशियर ब्लू, क्विकसिल्वर और अल्ट्रा रेड कलर में भी अपनी कार चुन सकते हैं। हालांकि इनके लिए एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा।

भविष्य की तैयारी

टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर काफी समय से चर्चाएं चल रही थीं। अब जब कंपनी ने आधिकारिक रूप से डिलीवरी शुरू कर दी है, तो आने वाले समय में इसकी सेल्स और डीलर नेटवर्क में भी विस्तार देखने को मिलेगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि टेस्ला के आने से भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की दुनिया में एक नई क्रांति आ सकती है।

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Shilpa Shetty-Raj Kundra: 60 करोड़ की ठगी के मामले में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा प...

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Shilpa Shetty-Raj Kundra: बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा एक बार फिर कानूनी पचड़ों में फंसते नजर आ रहे हैं। मुंबई पुलिस ने दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है। मामला एक बड़े आर्थिक घोटाले से जुड़ा है, जिसमें बिजनेसमैन दीपक कोठारी से 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। ये पूरा विवाद ‘बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की कंपनी से जुड़ा है, जिसमें शिल्पा और राज की भागीदारी बताई जा रही है।

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दीपक कोठारी का आरोप – “इन्वेस्टमेंट के नाम पर की गई ठगी” | Shilpa Shetty-Raj Kundra

दीपक कोठारी का आरोप है कि राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी ने उनके साथ धोखे से पैसे ऐंठे। उनका कहना है कि राज और शिल्पा ने उनके सामने बिजनेस में निवेश का प्रस्ताव रखा था, जिसमें 60 करोड़ रुपये लगाए गए। शुरुआत में इसे लोन बताया गया, लेकिन बाद में इसे टैक्स बचाने के बहाने निवेश दिखा दिया गया। इतना ही नहीं, इस रकम पर सालाना 12% ब्याज देने का वादा भी किया गया था।

कोठारी का दावा है कि शिल्पा शेट्टी ने खुद लिखित रूप से गारंटी दी थी, जिससे उन्हें भरोसा हुआ। लेकिन बाद में शिल्पा ने अचानक कंपनी के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया। और तो और, कोठारी को काफी बाद में पता चला कि जिस कंपनी में उन्होंने निवेश किया था, उसके खिलाफ पहले से ही 1.28 करोड़ रुपये का दिवालिया मामला चल रहा था।

शिल्पा और राज ने आरोपों से किया इनकार

शिल्पा और राज कुंद्रा की ओर से इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया गया है। उनका कहना है कि ये सब उन्हें बदनाम करने की कोशिश है। वहीं, आर्थिक अपराध शाखा ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। पुलिस अब शिल्पा और राज के ट्रैवल रिकॉर्ड खंगाल रही है, और कंपनी के ऑडिटर को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है।

पुराने विवादों से भी जुड़ा रहा है नाम

ये पहला मौका नहीं है जब राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी विवादों में घिरे हैं। इससे पहले भी दोनों का नाम कई बार सुर्खियों में रहा है।

शॉपिंग चैनल विवाद

2015 में राज कुंद्रा ‘बेस्ट डील टीवी’ नाम के होम शॉपिंग चैनल से जुड़े। जब उन्होंने इस्तीफा दिया, तो चैनल के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली, जिससे विवाद खड़ा हुआ। कुंद्रा ने इन आरोपों को भी अफवाह बताया था।

अश्लील फिल्म विवाद

2021 में राज कुंद्रा को मुंबई पुलिस ने अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह मामला भी लंबे समय तक मीडिया में छाया रहा।

IPL सट्टेबाजी मामला

2009 में दोनों ने IPL टीम राजस्थान रॉयल्स में निवेश किया था। 2013 में राज कुंद्रा का नाम सट्टेबाजी मामले में सामने आया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, उन्होंने खुद कुबूल किया था कि वे सट्टेबाजी में शामिल थे। इसके बाद BCCI ने उन्हें IPL से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया, और टीम पर दो साल का बैन लगा।

ब्लैकमेल और हिस्सेदारी विवाद

राजस्थान रॉयल्स के मालिक मनोज बडाले ने राज कुंद्रा पर ब्लैकमेल का आरोप लगाया था। बडाले के वकील का कहना था कि 2019 में हुए समझौते का उल्लंघन कर के कुंद्रा ने धोखे से उनकी हिस्सेदारी छीनी।

बिटकॉइन घोटाला

राज कुंद्रा से ईडी ने 2000 करोड़ रुपये के बिटकॉइन घोटाले में भी पूछताछ की थी। इस स्कैम का मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज बताया गया, जिसने एक वेबसाइट बनाकर लोगों से मोटी रकम वसूली थी। कुंद्रा का नाम इसमें प्रचार के तौर पर जुड़ा था।

पूनम पांडे केस

मॉडल पूनम पांडे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में शिकायत की थी कि उनकी तस्वीरें और वीडियो बिना इजाजत के इस्तेमाल किए गए। इसमें राज कुंद्रा और उनके साथी सौरभ कुशवाहा पर आरोप लगे थे। कुंद्रा ने इन आरोपों को भी खारिज कर दिया था।

क्या अब होगी गिरफ्तारी?

लुकआउट सर्कुलर का मतलब साफ है कि अगर शिल्पा या राज देश छोड़ने की कोशिश करते हैं तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोका जा सकता है। जांच एजेंसियां अब इस पूरे मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। ट्रैवल रिकॉर्ड से लेकर वित्तीय लेनदेन और कंपनी के बैकग्राउंड तक सब कुछ खंगाला जा रहा है।

फिलहाल, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। अगर आरोप साबित होते हैं, तो ये मामला और भी बड़ा रूप ले सकता है।

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Punjab Floods: पंजाब की बाढ़ त्रासदी में मदद को आगे आए अक्षय, हरभजन और दिलजीत

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Punjab Floods: इन दिनों पंजाब भीषण बाढ़ की चपेट में है। ब्यास, सतलुज, रावी और घग्गर जैसी नदियों का पानी उफान पर है, और इसका असर राज्य के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में साफ देखा जा सकता है। सड़कों पर पानी भर गया है, खेतों में खड़ी फसलें तबाह हो गई हैं और हजारों लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में हैं। हालात ऐसे हैं कि कई जगहों पर नाव से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ रहा है।

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इस मुश्किल घड़ी में जहां सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, वहीं फिल्म, खेल और म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े कई सितारे भी दिल खोलकर मदद के लिए सामने आए हैं। कोई करोड़ों की आर्थिक मदद कर रहा है, तो कोई गांव-गांव जाकर राहत पहुंचा रहा है।

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार, क्रिकेटर हरभजन सिंह, सिंगर दिलजीत दोसांझ, एक्टर एमी विर्क, और समाजसेवी अभिनेता सोनू सूद, ये वो नाम हैं जो न सिर्फ बड़े पर्दे पर हीरो हैं, बल्कि अब ज़मीन पर भी पंजाब के रियल हीरोज़ बनकर उभरे हैं।

अक्षय कुमार ने दिए 5 करोड़, कहा – ये सेवा है | Punjab Floods

बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार ने इस आपदा में सबसे बड़ा योगदान देते हुए 5 करोड़ रुपये दान किए हैं। उन्होंने इस मदद को ‘दान’ नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी बताया। अक्षय का कहना है कि जब लोग तकलीफ में हों, तो चुप बैठना मुमकिन नहीं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “मैं इस योगदान को सेवा मानता हूं। संकट की इस घड़ी में अपने राज्य के लोगों की मदद करके मैं खुद को धन्य मानता हूं। मेरी प्रार्थनाएं पंजाब के लोगों के साथ हैं।”

हरभजन सिंह ने दी 10 नावें, खुद कर रहे निगरानी

पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने इस मुश्किल वक्त में ना सिर्फ आर्थिक सहायता दी है, बल्कि 10 नावें दान करके बचाव कार्यों में तेजी लाने का संकल्प लिया है। उन्होंने खुद प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत शिविरों का जायजा लिया।

हरभजन ने एक वीडियो संदेश में कहा, “सरकार, संगठनों और आम जनता को मिलकर काम करने की ज़रूरत है। मैं पीएम मोदी से अपील करता हूं कि पंजाब की इस आपदा में और मदद दी जाए।”

एमी विर्क बना रहे 200 घर, फिल्म की रिलीज टाली

पंजाबी सिंगर और एक्टर एमी विर्क ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 200 घर बनाने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म “निक्का जैलदार 4” की रिलीज भी स्थगित कर दी है ताकि फोकस राहत कार्यों पर बना रहे।

दिलजीत दोसांझ ने गोद लिए 10 गांव

दिलजीत दोसांझ ने इस आपदा को सिर्फ एक अस्थायी संकट न मानते हुए, दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कदम उठाया है। उन्होंने माझा क्षेत्र के 10 गांवों को गोद लिया है, जहां उनकी टीम सोलर एनर्जी, राशन और मेडिकल सपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया करा रही है।

 

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उनकी मैनेजर सोनालीका की अगुआई में यह पूरा अभियान चल रहा है, और रिपोर्ट्स के मुताबिक ये एक सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

सोनू सूद ने कहा – पंजाब मेरी आत्मा है

सोनू सूद, जिन्हें लोग लॉकडाउन में मसीहा कहने लगे थे, उन्होंने इस बार भी पीछे हटने का नाम नहीं लिया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने भावुक होकर कहा, “पंजाब मेरी आत्मा है। चाहे कुछ भी हो जाए, हम पंजाबी हैं, पीछे नहीं हटते।”
उनकी बहन मालविका सूद पंजाब में ग्राउंड लेवल पर राहत सामग्री का वितरण कर रही हैं।

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