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Who is Petal Gahlot: गिटार बजाने वाली ये शांत लड़की जब UN में बोली, तो पाकिस्तान की ब...

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Who is Petal Gahlot: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) की 80वीं बैठक में इस बार कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया। मौका था उस समय का जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर और आतंकवाद को लेकर झूठ का पुलिंदा पेश करने की कोशिश की। उन्हें शायद लगा था कि वो पुरानी स्क्रिप्ट पढ़ेंगे और दुनिया एक बार फिर उनके झूठ को सच मान लेगी। लेकिन इस बार भारत की ओर से आई एक तेजतर्रार और युवा डिप्लोमैट ने वो कर दिखाया जो पाकिस्तान को वर्षों तक याद रहेगा।

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हम बात कर रहे हैं पेटल गहलोत की। 33 साल की ये भारतीय राजनयिक इस समय न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रेटरी के तौर पर तैनात हैं। उन्होंने अपने दमदार भाषण में पाकिस्तान को उसी के शब्दों में जवाब देकर उसकी बोलती बंद कर दी।

कौन हैं पेटल गहलोत? Who is Petal Gahlot

पेटल गहलोत का जन्म नई दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा के बाद मुंबई के मशहूर सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वो दिल्ली आईं और लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर विमेन (LSR) से राजनीति विज्ञान में मास्टर्स किया। 2015 में उन्होंने UPSC क्लियर कर भारतीय विदेश सेवा (IFS) में जगह बनाई।

डिप्लोमैसी में आने के बाद उन्होंने विदेश मंत्रालय के यूरोप वेस्ट डिवीजन, पेरिस और सैन फ्रांसिस्को जैसे अहम मिशनों में काम किया है। उनकी तेज सोच, स्पष्ट बोलने की क्षमता और आत्मविश्वास उन्हें बाकी डिप्लोमैट्स से अलग बनाता है।

संगीत से भी है खास लगाव

एक राजनयिक होने के साथ-साथ पेटल एक बेहद कलात्मक इंसान भी हैं। उन्हें गिटार बजाना और गाना गाना बेहद पसंद है। खाली समय में वो अक्सर संगीत की दुनिया में खो जाया करती हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स से ये भी पता चलता है कि उन्हें प्रकृति से बेहद प्यार है। अपनी टीम के साथ उनका रवैया दोस्ताना रहता है, और वे डिप्लोमेसी में भी एक पर्सनल टच लेकर चलती हैं।

पाकिस्तान को सुनाया कड़वा सच

संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमेशा की तरह आतंकवाद और कश्मीर को लेकर भारत पर झूठे आरोप लगाए। लेकिन पेटल गहलोत ने बेहद तीखे और तथ्यों पर आधारित जवाब से पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा कर दिया।

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान बार-बार वही घिसा-पिटा झूठ दोहराता है। पेटल ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद पाकिस्तान की विदेश नीति का एक अहम हिस्सा रहा है। उन्होंने पाकिस्तान की दोहरी नीति को उजागर करते हुए कहा कि ये वही देश है जिसने 25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जिस्टेंस फ्रंट जैसे आतंकवादी संगठन का बचाव किया था वो भी तब, जब इसी संगठन ने पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों की हत्या की थी।

भारत की कूटनीतिक ताकत की नई पहचान

पेटल गहलोत का यह भाषण ना सिर्फ एक जवाब था, बल्कि ये दिखाता है कि अब भारत की डिप्लोमेसी सिर्फ बचाव में नहीं, बल्कि पूरी तैयारी और मजबूती के साथ फ्रंटफुट पर खेलने लगी है। उन्होंने जिस आत्मविश्वास और तथ्यों के साथ पाकिस्तान को बेनकाब किया, वह कई लोगों को प्रेरणा दे रहा है।

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Delhi Vasant Kunj Crime: वसंत कुंज के फर्जी बाबा चैतन्यानंद की करतूतें आईं सामने, यौन...

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Delhi Vasant Kunj Crime: श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SRISIIM), वसंत कुंज से जुड़े फर्जी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे उसकी पोल भी खुलती जा रही है। कभी मैनेजमेंट और नीति शास्त्र के लेक्चर देने वाला ये भगवाधारी अब खुद कानून से भाग रहा है। वजह है कम से कम 17 छात्राओं द्वारा लगाए गए यौन शोषण के गंभीर आरोप, साथ ही करोड़ों रुपये के घोटाले और फर्जीवाड़ा।

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फरार है फर्जी चांसलर, पुलिस के हाथ खाली- Delhi Vasant Kunj Crime

4 अगस्त 2025 को वसंत कुंज नॉर्थ थाने में चैतन्यानंद के खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद से ही वो फरार है। पुलिस की टीमें पांच राज्यों में उसकी तलाश कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। माना जा रहा है कि वह काफी शातिर तरीके से भूमिगत हो गया है। पुलिस को शक है कि उसके संस्थान के कुछ लोग और बाहरी संपर्क इस भगोड़े बाबा को छिपाने में मदद कर रहे हैं।

पहले भी दर्ज हो चुके हैं केस, लेकिन हर बार बचता रहा

यह कोई पहली बार नहीं है जब चैतन्यानंद के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हों। 2009 और 2016 में भी शिकायतें दर्ज हुई थीं। डिफेंस कॉलोनी थाने में हुई शिकायत की फाइलें आज तक खुली हैं, लेकिन रसूख और पैसों के बल पर बाबा हर बार कानून के शिकंजे से निकलता रहा। अब जब 17 छात्राओं ने खुलकर बयान दिए हैं, तो यह मामला फिर से तूल पकड़ चुका है।

शोषण का शिकार बनीं EWS छात्राएं

जिन लड़कियों ने चैतन्यानंद के खिलाफ आवाज उठाई है, उनमें ज़्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राएं हैं। उन्हें करियर के मौके, विदेश यात्रा और स्कॉलरशिप का लालच देकर फंसाया जाता था। जो छात्राएं विरोध करतीं, उन्हें परीक्षा में फेल करने की धमकी मिलती। बताया गया है कि वॉर्डन तक इसमें शामिल थीं, जो लड़कियों को बाबा के कमरे में भेजने का काम करती थीं। WhatsApp पर अश्लील मैसेज भेजे जाते और फिर सबूत मिटाने के लिए चैट्स डिलीट कर दिए जाते। CCTV फुटेज तक टेम्पर किया जाता था।

16 साल पुराना है यह गंदा खेल

पूर्व छात्रों के मुताबिक, संस्थान में यह सिलसिला 2009 से ही चल रहा था। एक पूर्व छात्र ने ‘आज तक’ के कैमरे पर बताया कि ये एक “सिस्टेमैटिक शोषण” था, जिसमें बाबा का पूरा नेटवर्क काम करता था। लड़कियों को डराकर, धमकाकर और दबाव डालकर चुप कराया जाता था।

लग्जरी कारों का शौकीन, फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट का इस्तेमाल

चैतन्यानंद की लाइफस्टाइल भी किसी रईस से कम नहीं थी। पुलिस ने उसकी BMW और वोल्वो कार जब्त की है। वोल्वो कार पर फर्जी डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी, जिसके लिए अलग से एक केस दर्ज हुआ है। दावा है कि वो इन्हीं कारों से दिल्ली की सड़कों पर रौब झाड़ता घूमता था। BMW कार से ही वो फरार हुआ, लेकिन उसकी मंजिल अब भी रहस्य बनी हुई है।

फाइनेंशियल फ्रॉड: 20 करोड़ का गबन और 18 बैंक खातों पर कार्रवाई

मामला सिर्फ यौन शोषण का नहीं है। दिसंबर 2024 में जब संस्थान का प्रारंभिक ऑडिट हुआ, तब कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। जांच में पता चला कि चैतन्यानंद ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर असली ट्रस्ट की सारी कमाई अपनी जेब में डालनी शुरू कर दी थी। ट्रस्ट से जुड़े 18 बैंक खातों और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट को फ्रीज कर दिया गया है, जिनमें करीब 8 करोड़ रुपये हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, बाबा ने धार्मिक संस्थान की साख को अपनी निजी तिजोरी बना लिया था।

श्रृंगेरी पीठ ने तोड़ा रिश्ता, दर्ज कराई शिकायत

श्रृंगेरी मठ के प्रशासक पीए मुरली ने चैतन्यानंद के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। मठ ने बाबा को डायरेक्टर पद से हटा दिया है और उससे सभी आध्यात्मिक संबंध भी समाप्त कर दिए हैं। आरोप है कि बाबा ने मठ की संपत्तियों और फंड्स का निजी हित में दुरुपयोग किया, जो कि एक गंभीर आपराधिक विश्वासघात है।

कोर्ट ने ठुकराई अग्रिम जमानत याचिका

26 सितंबर 2025 को पाटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने साफ कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि ऐसे व्यक्ति को जमानत देना न्याय के खिलाफ होगा। कोर्ट को बताया गया कि बाबा खुद को UN प्रतिनिधि बताता था, जबकि वह एक फर्जीवाड़ा कर रहा था।

पुलिस का दावा: जल्द होगी गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस की DCP ऐश्वर्या सिंह ने कहा है कि पुलिस हर स्तर पर छानबीन कर रही है। कई जगह छापेमारी की गई है। तीन वॉर्डन से पूछताछ हो चुकी है, जो मैसेज डिलीट करने और सबूत मिटाने में शामिल थे। पुलिस को पूरा भरोसा है कि जल्द ही चैतन्यानंद को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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Fighter Jet MiG-21: फाइटर जेट मिग-21 की रिटायरमेंट के बाद क्या होता है? क्या आप इसे ख...

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Fighter Jet MiG-21: भारत की वायुसेना के इतिहास में एक बड़ा और भावनात्मक मोड़ आ गया है। देश का सबसे लंबा सेवा देने वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान, मिग-21, अब ऑपरेशनल ड्यूटी से पूरी तरह रिटायर हो गया है। 26 सितंबर 2025 को चंडीगढ़ एयरबेस पर हुए एक भव्य समारोह के साथ इसे आखिरी बार सलामी दी गई, जहां खुद एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसकी अंतिम उड़ान भरी। यह सिर्फ एक विमान का रिटायरमेंट नहीं, बल्कि एक पूरे युग का अंत है।

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मिग-21: भारतीय आसमान का ‘सैनिक’ Fighter Jet MiG-21

मिग-21 को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह सोवियत संघ में बना पहला सुपरसोनिक जेट था जिसे भारत ने अपनाया और फिर इसे अपनी ताकत बना लिया। इसने 1965 और 1971 के युद्धों, 1999 के करगिल संघर्ष और 2019 के बालाकोट स्ट्राइक में अहम भूमिका निभाई। कुल 874 मिग-21 विमानों को भारत ने हासिल किया था, जो दशकों तक हमारी हवाई सुरक्षा की रीढ़ बने रहे।

आखिर क्यों हुआ रिटायर?

भले ही मिग-21 ने भारतीय वायुसेना को गौरव दिलाया हो, लेकिन बीते कुछ सालों में इसके पुराने हो चुके सिस्टम और बढ़ते हादसों की वजह से इसे सेवा से बाहर करने का फैसला लिया गया। अब ये विमान किसी फ्रंटलाइन मिशन में शामिल नहीं होंगे।

रिटायरमेंट के बाद मिग-21 का क्या होगा?

मिग-21 की आखिरी दो स्क्वाड्रन – नंबर 23 (पैंथर्स) और नंबर 3 (कोब्रास) में मौजूद करीब 28 मिग-21 बाइसन विमानों को अब ‘नंबर प्लेटेड’ कर दिया गया है। इसका मतलब है कि ये स्क्वाड्रन नंबर और उनकी विरासत तो संरक्षित रहेगी, लेकिन नए विमान इन्हीं नामों से आगे चलेंगे।

ये विमान अब चंडीगढ़ से राजस्थान के नाल एयरबेस पहुंचाए जाएंगे, जहां इनकी तकनीकी जांच होगी, जरूरी डॉक्युमेंटेशन होगा और फिर तय होगा कि किस हिस्से को स्टोरेज में भेजना है, क्या डिस्प्ले के लिए तैयार करना है और क्या स्क्रैप करना है।

मिग-21 का ‘नया जीवन’

आपको बता ददें, रिटायरमेंट के बाद मिग-21 को ऐसे ही फेंक नहीं दिया जाता। इनमें से कुछ को देश के अलग-अलग म्यूज़ियम्स और हेरिटेज सेंटर्स में बतौर ‘गेट गार्जियन’ या शोपीस के रूप में लगाया जाएगा। दिल्ली के आईएएफ म्यूजियम, चंडीगढ़ के हेरिटेज सेंटर, बेंगलुरु के एचएएल म्यूजियम जैसे कई स्थानों पर पहले से मिग-21 को सजाकर रखा गया है।

इसके अलावा, कुछ एयरफ्रेम को इंजीनियरिंग कॉलेजों या ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स में ट्रेनिंग एड के रूप में दिया जा सकता है। कुछ को सुपरसोनिक टारगेट ड्रोन में बदलकर पायलट ट्रेनिंग में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे नए पायलट रियल कॉम्बैट जैसी परिस्थितियों में अभ्यास कर सकें।

क्या आम लोग मिग-21 खरीद सकते हैं?

इस सवाल का जवाब हां में तो है, लेकिन शर्तों के साथ। कोई भी आम नागरिक अगर मिग-21 को शोपीस की तरह रखना चाहता है, तो उसे एयरफोर्स हेडक्वार्टर्स के जरिए औपचारिक आवेदन करना होगा। इसके बाद एक सख्त जांच प्रक्रिया होती है, और केवल पूरी तरह डिमिलिटराइज्ड, उड़ान अयोग्य एयरफ्रेम ही सख्त नियमों के साथ दिए जाते हैं। ये फ्रेम सिर्फ उन्हीं को दिए जाते हैं जो उनके रख-रखाव और सही उपयोग की गारंटी दे सकें।

मिग-21 के पायलट्स का क्या?

अब जब मिग-21 को रिटायर कर दिया गया है, तो इसके पायलटों को भी नए विकल्प चुनने होंगे। कई पायलट अब एलसीए तेजस जैसे नए फाइटर जेट्स पर ट्रेनिंग ले सकते हैं। कुछ लोग टेस्ट पायलट बन सकते हैं, तो कुछ लॉजिस्टिक्स या एडमिन ब्रांच में जा सकते हैं। जरूरी ट्रेनिंग के बाद, वे किसी अन्य फाइटर स्ट्रीम में जा सकते हैं।

वायुसेना की नई तैयारी

बता दें, मिग-21 की रिटायरमेंट के बाद भारतीय वायुसेना के पास अब 29 फाइटर स्क्वाड्रन रह गई हैं, जबकि जरूरत 42 की है। ऐसे में आने वाले समय में एलसीए मार्क 1ए और अन्य नए जेट्स से स्क्वाड्रन को फिर से मजबूत किया जाएगा।

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क्या Donald Trump ‘नार्सिसिस्ट’ हैं? मनोवैज्ञानिकों की नजर में कैसा है अम...

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Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से वह खुद की तारीफ करते हैं, वो उन्हें और ज्यादा चर्चा में ला देता है। ये सिर्फ सामान्य आत्मविश्वास नहीं है, बल्कि एक हद तक जाकर खुद को महान साबित करने की चाहत है और यही वजह है कि ट्रंप को लेकर “Narcissism” यानी अति आत्ममुग्धता की चर्चा लगातार होती रही है। आइये इसे विस्तार से समझते हैं

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खुद की तारीफ में ट्रंप की दिलचस्पी या ज़रूरत से ज़्यादा भूख? Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप वो नेता हैं जो सार्वजनिक रूप से अपनी तारीफ करने में बिल्कुल भी नहीं झिझकते। वह कई बार खुद को “जीनियस” और “मेंटली स्टेबल” यानी मानसिक रूप से संतुलित बता चुके हैं। 2018 में उन्होंने एक बयान में कहा था, “मैं एक बेहद सफल बिजनेसमैन से टॉप टीवी स्टार बना और फिर पहली ही कोशिश में अमेरिका का राष्ट्रपति बन गया। अगर यह जीनियस नहीं है, तो और क्या है?” और फिर उन्होंने खुद को एक “स्टेबल जीनियस” तक कह दिया।

नोबेल की चाह और “Recognition Hunger”

ट्रंप ने न सिर्फ बार-बार अपनी तारीफ की, बल्कि वो खुद के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग भी कर चुके हैं। ये बात कोई एक-दो बार नहीं, बल्कि कई मौकों पर सामने आई है। उन्होंने ये दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रुकवाया था, और इसी आधार पर उन्हें नोबेल मिलना चाहिए। हालांकि भारत और पाकिस्तान दोनों ही पक्षों ने उनके इस दावे को नकार दिया।

जब कोई नेता खुद के लिए खुलेआम पुरस्कार की मांग करे, तो मनोविज्ञान की दुनिया में इसे Recognition-hunger और Narcissism के तौर पर देखा जाता है। यानी वो स्थिति, जब इंसान को हर वक्त तारीफ और मान्यता की तलब बनी रहती है।

मानसिक स्थिति और नार्सिसिज्म क्या होता है?

नार्सिसिज्म यानी अति आत्ममुग्धता, एक ऐसा स्वभाव होता है जिसमें इंसान खुद को जरूरत से ज्यादा अहमियत देता है। उसे लगता है कि वो सबसे ऊपर है, उसे हर समय तारीफ मिलनी चाहिए, और वह दूसरों की भावनाओं को ज्यादा तवज्जो नहीं देता। जब यह गुण किसी इंसान के काम, रिश्तों या सामाजिक व्यवहार में गड़बड़ी पैदा करने लगे, तो इसे Narcissistic Personality Disorder (NPD) कहा जाता है।

ट्रंप का व्यवहार कई बार इसी दिशा में जाता दिखा है। आलोचना को वह ‘फेक न्यूज’ या ‘धोखा’ कहकर खारिज कर देते हैं। उनके लिए जो तारीफ करे, वही सही है। ट्रंप अक्सर अपनी रैलियों और भाषणों में खुद को “सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति” और “विश्व का शांतिदूत” कहने से नहीं चूकते।

एक्सपर्ट्स की नजर में ट्रंप का व्यक्तित्व

अमेरिका और दुनिया भर के कई मनोवैज्ञानिक ट्रंप के रवैये को नार्सिसिस्टिक बताते हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हॉवर्ड गार्डनर से लेकर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट जॉर्ज साइमन तक, कई विशेषज्ञों ने ट्रंप को NPD का “क्लासिक केस” कहा है।

2017 में आई एक चर्चित किताब “The Dangerous Case of Donald Trump” में 27 मनोचिकित्सकों और एक्सपर्ट्स ने ट्रंप को अमेरिकी लोकतंत्र के लिए एक “स्पष्ट और वर्तमान खतरा” बताया था। इस किताब में उन्हें एक अराजक, स्वार्थी और अप्रत्याशित निर्णय लेने वाला नेता बताया गया है, जिसकी मानसिक स्थिति अमेरिका के लिए खतरनाक हो सकती है।

ट्रंप की अपील सिर्फ उनके समर्थकों में नहीं है, बल्कि वह खुद भी अपने ही सबसे बड़े फैन हैं। उन्होंने हाल ही में ओवल ऑफिस में बैठते हुए अपने कोट पर F-35 फाइटर जेट का लोगो तक लगा लिया जैसे वो ये जताना चाह रहे हों कि ताकत और महानता सिर्फ उनके साथ जुड़ी हुई है।

क्या यह व्यवहार बीमारी है?

हालांकि, इस पर सभी एक्सपर्ट्स का एकमत नहीं है। मशहूर मनोचिकित्सक और DSM-5 गाइडलाइन के लेखक एलन फ्रांसेस मानते हैं कि ट्रंप को मानसिक रोगी कहना सही नहीं होगा। उनका मानना है कि ट्रंप का यह व्यवहार एक रणनीति भी हो सकता है। वह कहते हैं, “बुरा व्यवहार हमेशा मानसिक बीमारी नहीं होता।” उन्होंने ट्रंप को “क्रेजी लाइक अ फॉक्स” यानी जानबूझकर उग्र और चालाक बताया है।

उनका तर्क है कि ट्रंप के आत्मकेंद्रित और दिखावटी स्वभाव ने उन्हें सफलता दिलाई है न कि परेशानी। इसलिए इसे मानसिक बीमारी कहना जल्दबाजी होगी।

ट्रंप और सहानुभूति की कमी

ट्रंप की भाषा और बयान अक्सर यह दर्शाते हैं कि उन्हें दूसरों की भावनाओं की ज्यादा परवाह नहीं है। चाहे वो प्रवासियों को “एलियन” कहना हो या गाज़ा को ‘सी फेसिंग प्रॉपर्टी’ कहकर विवाद खड़ा करना, उनके शब्दों में सहानुभूति की भारी कमी दिखती है।

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India at UNGA: टूटे रनवे और जले हैंगर को जीत बता रहे हैं शहबाज, UN में भारत ने कर दी ...

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India at UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में एक बार फिर पाकिस्तान ने अपने पुराने राग को दोहराते हुए भारत पर झूठे आरोप लगाए। लेकिन इस बार भारत ने भी पूरी तैयारी के साथ पलटवार किया। भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने ‘राइट टू रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान की नीयत, झूठ और आतंकवाद को लेकर उसकी दोहरी चाल को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया।

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आतंकवाद का ‘महिमामंडन’ ही पाकिस्तान की विदेश नीति- India at UNGA

पेटल गहलोत ने अपने बयान की शुरुआत में ही कहा कि सुबह इस महासभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भाषण सुना, जिसमें उन्होंने आतंकवाद का परोक्ष समर्थन किया और उसे एक तरह से महिमामंडित किया। उन्होंने साफ कहा कि पाकिस्तान की विदेश नीति की जड़ में ही आतंकवाद शामिल है।

उन्होंने याद दिलाया कि 25 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक ऐसे आतंकी संगठन ‘रेसिस्टेंस फ्रंट’ का बचाव किया था, जो जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के नरसंहार के लिए जिम्मेदार था।

ओसामा को छिपाने वाला देश शांति की बात कैसे कर सकता है?

गहलोत ने पाकिस्तान की कथनी और करनी पर सवाल उठाते हुए कहा कि यही वो देश है जिसने ओसामा बिन लादेन को सालों तक अपने यहां पनाह दी, और फिर भी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ जंग का दिखावा करता रहा। खुद उनके ही कई मंत्रियों ने यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने दशकों से आतंकी शिविर चलाए हैं।

एयरबेस की तबाही को जीत बता रहा पाकिस्तान!

भारत की राजनयिक ने पाकिस्तान द्वारा की जा रही झूठी ‘जीत’ के दावों की भी पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जिस ‘जीत’ की बात कर रहा है, वह असल में भारतीय वायुसेना द्वारा तबाह किए गए पाकिस्तानी एयरबेस, जले हुए हैंगर, और टूटे रनवे हैं, जिनकी तस्वीरें सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान इसे जीत मानता है, तो बेशक वो इस भ्रम में खुश रह सकता है।”

आतंक के खिलाफ जवाबी कदम उठाना हमारा हक

गहलोत ने जोर देकर कहा कि भारत अपने निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा और आतंकवादियों व उनके समर्थकों में कोई फर्क नहीं करेगा। भारत दोनों को समान रूप से जिम्मेदार ठहराएगा और जवाब देगा।

तीसरे पक्ष की कोई जगह नहीं

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जितने भी मुद्दे हैं, वे केवल द्विपक्षीय बातचीत के माध्यम से ही सुलझाए जाएंगे। इसमें किसी तीसरे देश, संस्था या मंच की कोई भूमिका नहीं होगी।

शांति चाहिए तो पहले आतंकी ढांचे को खत्म करो

पेटल गहलोत ने पाकिस्तान के “भारत से शांति की इच्छा” वाले बयान पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सच में गंभीर हैं, तो रास्ता बहुत साफ है वो अपने देश में मौजूद सभी आतंकी ठिकाने बंद करें, भारत में वांछित आतंकियों को सौंपें, और आतंक को हर तरह की मदद देना बंद करें।”

धार्मिक उपदेश नहीं, पहले खुद को देखें

गहलोत ने कहा कि यह बेहद विडंबना की बात है कि पाकिस्तान, जो खुद नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता की नीतियों पर चलता है, वो दुनिया को धार्मिक सहिष्णुता का उपदेश देने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जाहिर है, उन्हें आइने में देखने की बहुत देर हो चुकी है।”

भारत ने दी चेतावनी – ‘परमाणु ब्लैकमेल’ बर्दाश्त नहीं होगा

अंत में, भारत ने यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद को परमाणु धमकियों की आड़ में आगे नहीं बढ़ा सकता। भारत हर स्तर पर आतंक और उसके समर्थकों का मुकाबला करता रहेगा।

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गरबे में मेकअप बह न जाए, इसके लिए इन 5 आसान और असरदार मेकअप टिप्स

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Garba Night makeup tips: नवरात्रि का त्योहार आ गया है और गरबा और डांडिया का उत्साह हर तरफ है। रंग-बिरंगे कपड़ों और खूबसूरत गहनों के साथ, हर कोई चाहता है कि उसका मेकअप पूरी रात टिका रहे। हालाँकि, गरबा के उत्साह और पसीने के कारण अक्सर मेकअप बह जाता है। लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि हम आपको इस लेख में कुछ स्वेटप्रूफ़ मेकअप टिप्स के बारे में विस्तार से बताते हैं।

गरबा के लिए स्वेटप्रूफ़ मेकअप टिप्स

सबसे पहले अपनी त्वचा को अच्छी तरह से तैयार करें उसके बाद मेकअप लगाने से पहले, अपने चेहरे को अच्छी तरह से साफ़ करें और हल्का, तेल-मुक्त या जेल-आधारित मॉइस्चराइज़र लगाएँ।

मैटीफ़ाइंग प्राइमर ज़रूर लगाएँ, खासकर टी-ज़ोन (माथे, नाक और ठुड्डी) पर। यह तेल को नियंत्रित करता है और मेकअप को लंबे समय तक टिकाए रखने में मदद करता है।

वही रोमछिद्रों को कसने और तेल को कम करने के लिए, मेकअप लगाने से पहले अपने चेहरे पर बर्फ के टुकड़े से हल्के हाथों से मालिश करें।

अपने बेस को हल्का और मैट रखें

गरबा के लिए हैवी, फुल-कवरेज फ़ाउंडेशन लगाने से बचें। इसके बजाय, बीबी क्रीम या हल्के मैट फ़ाउंडेशन का इस्तेमाल करें।

अपने बेस को सेट करने के लिए, खासकर तैलीय क्षेत्रों (टी-ज़ोन) पर, लूज़ या ट्रांसलूसेंट पाउडर लगाएँ। यह चमक को नियंत्रित करता है और मेकअप को लंबे समय तक टिकाए रखने में मदद करता है।

वाटरप्रूफ़/स्मज-प्रूफ़ उत्पाद चुनें

पसीने और घंटों नाचने के बावजूद अपने आई मेकअप को बरकरार रखने के लिए, वाटरप्रूफ़ आईलाइनर, काजल और मस्कारा का इस्तेमाल करें।

होंठों के लिए, लिक्विड मैट लिपस्टिक चुनें, क्योंकि ये क्रीम या ग्लॉसी लिपस्टिक की तुलना में ज़्यादा देर तक टिकती हैं और ट्रांसफ़र-प्रूफ़ होती हैं।

पाउडर और क्रीम की लेयरिंग

ब्लश और कॉन्टूर को ज़्यादा देर तक टिकाए रखने के लिए लेयरिंग का इस्तेमाल करें।

पहले क्रीम-बेस्ड ब्लश या कॉन्टूर लगाएँ, और फिर उसके ऊपर उसी शेड का पाउडर लगाएँ। इससे यह सुनिश्चित होता है कि अगर पसीने की वजह से एक परत धुंधली भी हो जाए, तो दूसरी परत अपनी जगह पर बनी रहेगी।

सेटिंग स्प्रे बहुत ज़रूरी

आपको बता दें, सेटिंग स्प्रे बहुत ज़रूरी है, अपना मेकअप पूरा करने के बाद, अपने लुक को लॉक करने के लिए मैट सेटिंग स्प्रे का इस्तेमाल ज़रूर करें। यह मेकअप को सील कर देता है और उसे धुंधले या बहने से रोकता है, जिससे वह पूरी रात ताज़ा रहता है।

Bihar Assembly Elections: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बिहार ...

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Gau Rakshak will contest Bihar assembly elections: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच बड़ी उठापटक देखने को मिल रही है। एक तरफ विपक्षी पार्टियां दलितों के मुद्दे को आगे करके अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है तो वहीं सत्ता पक्ष नए नए लुभावने स्कीम्स ला रही है। मतलब उन्हें अपनी जीत से है। उसके लिए छींटाकसी, आरोप प्रत्यारोप तो बेहद आम है, लेकिन इस बीच चुनाव से ठीक पहले जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने एक बड़ा ऐलान करके सबको चौंका दिया है। उन्होने खुले तौर पर राजनीतिक पार्टियों को चुनौती दी है कि वो बिहार की सभी 243 विधानसभा सीट से अपना निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा करेंगे.. लेकिन सवाल ये है कि आखिर चुनावो से कुछ दिनों पहले अचानक इतना बड़ा ऐलान क्यो किया गया। जानेंगे क्या है असली मामला।

क्या है असली मामला

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज(Jagadguru Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda Saraswati Ji Maharaj) ने ऐलान किया है कि वो आगामी विधानसभा चुनावो में अपने 243 सीटो पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे, और वो सभी उम्मीदवार गौ रक्षक होंगे। उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब जरूरी है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए और गौ माता की रक्षा औऱ सम्मान के लिए राजनीति में भी गौ रक्षक, गौ भक्त खुल कर सामने आये और दुनिया के सामने अपनी ताक़त दिखाएं। जिसकी शुरुआत बिहार से ही की जायेगी। उन्होंने रविवार को गौ रक्षा के लिए गौ मतदाता संकल्प यात्रा निकाल कर इस आंदोलन की शुरुआत भी कर दी है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा तभी संभव है जब गौ रक्षा की जायेगी। गौ हमारी संस्कृति और समाज का आधार है, आज गाय केवल आस्था का विषय नहीं है।

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कई राजनैतिक पार्टियों से मिल चुके है

गौ रक्षा के मुद्दे को लेकर शंकराचार्य जी ने बताया कि वो दिल्ली तक गए और कई राजनौतिक पार्टियों के मिले थे। लेकिन उनसे मिलकर उन्हे समझ आया कि गौ रक्षा की बात तो की जाती है लेकिन वो केवल चुनावी जुमले मात्र है, किसी की राय गौ रक्षा के नाम पर स्पष्ट नहीं है। इसलिए हमें ये समझ आ गया कि गौ रक्षा के लिए, सनातन धर्म की रक्षा के लिए खुद ही आगे आना पड़ेगा।

गौ को राष्ट्र माता करों घोषित

शंकराचार्य जी ने आगे कहा कि वो गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने के लिए एक लड़ाई लड़ रहे है। गाय की रक्षा तभी संभंव है जब उन्हें राष्ट्र की माता घोषित किया जायेगा। शंकराचार्य ने आगे कहा कि बिहार चुनावों में वो राज्य की जनता से अपील करेंगे कि जनता केवल उन्हें ही वोट दें जो गौ रक्षा का वचन दें और गौ को राष्ट्र माता घोषित करने के विचार पर सहमत हो। जो प्रतिभागी गौ रक्षा के लिए प्रतिबद्ध नजर आते है। मधुबनी के रांटी चौक स्थित एक होटल के सभागार में उन्होंने अपने भक्तो को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी लड़ाई किसी एक व्यक्ति से या किसी भी एक पार्टी से नहीं है, बल्कि उस सोच से है, उस व्यवस्था से है, जो सनातन धर्म के लिए खतरा बनती जा रही है। हमारी संस्कृति को उपेक्षित समझती है। सरकार में जितने ज्यादा गौ रक्षक होंगे, देश में सनातन धर्म उतना ही फलेगा-फूलेगा।

शंकराचार्य जी की इस नीति से बिहार की कितनी प्रतिशत जनता प्रभावित होती है, ये तो आने वाला वक्त बतायेंगा। लेकिन शंकराचार्य जी के इस ऐलान से बिहार की राजनीतिक पार्टियों में जरूर बड़ी हलचल मच गई है।

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Lucknow viral news: प्रधानाचार्य ने बीएसए को बेल्ट से पीटा, महिला शिक्षा से नजदीरी बन...

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Principal attack on BSA by belt: सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें एक शख्स दूसरे शख्स को बेल्ट से पीटते नजर आ रहे है। हालांकि सोशल मीडिया पर बेहद आम है इस वीडियो के वायरल होने के पीछे की वजह है बेल्ट से पिटने वाले शख्स।

दरअसल वीडियो में पिटने वाले शख्स का नाम अखिलेश प्रताप सिंह है और वो पेशे से बेसिक शिक्षा अधिकारी(BSA)है। और जो उन्हें बेल्ट से पीट रहे हैं वो उत्तर प्रदेश के सीतापुर में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य(Principal) बृजेंद्र वर्मा है। प्रधानाचार्य ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को जान से मारने की धमकी भी दी थी। विदाई के सामने आने के बाद प्रथम दृष्टया में तो ऐसा लगता है कि प्रधानाचार्य बीएसए पर अपने पद का इस्तेमाल करके उन्हें टॉर्चर कर रहे है, शहर कोतवाली पुलिस ने विदाई के आधार पर प्रिंसीपल को गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन जब सच्चाई सामने आई सबके आंखे फटी की फटी रह गई।

क्या है इस मामले की सच्चाई

दरअसल गिरफ्तारी के बाद जब प्रधानाचार्य से पूछताछ शुरु हुई तो बेहद ही हैरान करने वाला सच सामने निकल कर आया। प्रधानाचार्य ने बताया कि बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह अक्सर उन्हें फोन करके परेशान करता था, वो   उनके स्कूल के कामों में दखल अंदाजी करता था, और ये सब केवल स्कूल की एक शिक्षिका अवंतिका गुप्ता( Avantika gupta) को बचाने के लिए किया जा रहा था। अवंतिका गुप्ता और बीएसए काफी करीबी है, जिसका फायदा उठाकर अवंतिका अक्सर स्कूल से गायब रहती थी, इस बात की पुष्टि खुद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने भी की है।

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कैसे आया महिला शिक्षिका का एंगल

दरअसल इस वायरल वीडियो के बाद एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है..हालांकि हम इस ऑडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करते है, लेकिन ऑडियो में आप प्रधानाचार्य बृजेद्र वर्मा और बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह के बीच की बातचीत सुनी जा सकती है जो कि महिला शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को लेकर थी। बृजेश वर्मा लगातार कह रहे है कि अवतिंका गुप्ता स्कूल नहीं आती है, गांव वाले उनके बारे पूछते है, वो रोज प्रधान के घर से होकर जाती है, लेकिन स्कूल नहीं आती है। इस पर अधिकारी ने कहा कि वो केवल अवंतिका गुप्ता की अनुपस्थिति में भी उनकी हाजिरी लगाये। प्रींसीपल के लाख कहने पर भी जब अधिकारी नहीं मानते मजबूरी में वो हाजिरी लगा रहे थे, लेकिन पिछले कुछ समय से दोनो के बीच तनाव ज्यादा बढ़ गया जिसे देखते हुए बीएसए ने प्रींसीपल को अपने ऑफिस बुलाया था। जहां पहले तो दोनों के बीच मामूली बातचीत हो रही थी, तभी जब अवंतिका गुप्ता के बारे में बात हुई तो बीएसए अधिकारी भड़क गए और बृजेश वर्मा को नौकरी से निकालने की धमकी तक दे डाली, जिससे गुस्साए बृजेश गुप्ता ने अपनी बेल्ट निकाल कर बीएसए को अच्छा खासा पीटा।

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महिला शिक्षक का पत्ता कटा

प्रधानाध्यापक के इस खुलासे के बाद एक तरफ पूरे डिपार्टमेंट में बीएसए की जगहसाई शुरु हो गई तो वहीं काफी लंबे समय से ड्यूटी के नाम पर छुट्टी मना रही महिला शिक्षिका की हमेशा के लिए छुट्टी करते हुए उसे खुद बीएसए ने ही सस्पेंड कर दिया गया है। तो वहीं ऑडियो के वायरल होने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने बीएसए को भी सस्पेंड कर दिया है।  फिलहाल इस मामसे की आगे की जांच जारी है, अगर बृजेश वर्मा के आरोपो में सच्चाई हुई तो वो दिन भी दूर नहीं जब बीएसए अधिकारी भी संस्पेंड होने के साथ साथ सलाखो के पीछे नजर आयेंगें।     

 

इस नवरात्रि बनाएं मखाना खीर और शकरकंदी हलवा, व्रत का मज़ा हो जाएगा दोगुना।

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Makhana kheer: अगर आप भी अलग-अलग रेसिपी बनाने के शौकीन हैं और इस नवरात्रि आप भी एक जैसा फास्ट फूड खाकर थक गए हैं तो आप मखाना खीर (Makhana Kheer) और शकरकंद (Sweet Potato) की खीर बना सकते हैं, ये कुछ ही समय में तैयार हो जाती हैं। तो चलिए आपको इस लेख में मखाना खीर और शकरकंद का हलवा बनाने की विधि के बारे में विस्तार से बताते हैं।

मखाना खीर बनाने की ingredients

  • मखाना – 2 कप
  • दूध (फुल क्रीम या अपनी पसंद का) – 2 कप
  • चीनी (या गुड़ पाउडर/शहद) – 1/4 कप (स्वादानुसार)
  • इलायची पाउडर – 1/4 छोटा चम्मच
  • घी – 1 बड़ा चम्मच
  • कटे हुए मेवे (बादाम, पिस्ता) – 1 बड़ा चम्मच
  • किशमिश – 1 छोटा चम्मच
  • केसर के धागे

मखाना खीर बनाने की रेस्पी

सबसे पहले एक कड़ाही में घी गरम करें। उसमे मखाने डालें और मध्यम-धीमी आँच पर हल्का सुनहरा और कुरकुरा होने तक भूनें। फिर भुने हुए मखानों को ठंडा होने दें और उन्हें मिक्सर में डालकर दरदरा पीस लें।

इसके बाद एक गहरे बर्तन में दूध उबालें। दूध में उबाल आने पर, पिसे हुए मखाने डालें और आँच धीमी कर दें और खीर को गाढ़ा होने तक पकाएँ। बीच-बीच में चलाते रहें ताकि वह तले में न चिपके और जले नहीं। वही खीर के गाढ़ा होने पर, चीनी (या गुड़/शहद), इलायची पाउडर और मेवे डालें 2-3 मिनट और पकाएँ। और बाद में किशमिश और केसर के रेशों से सजाएँ और गरमागरम या ठंडा परोसें।

शकरकंद का हलवा

  • उबले हुए शकरकंद (मध्यम आकार के) – 2
  • घी – 4 से 6 बड़े चम्मच
  • गुड़ पाउडर (या चीनी/शहद) – 60 ग्राम (स्वादानुसार)
  • इलायची पाउडर – 1/2 छोटा चम्मच
  • कटे हुए सूखे मेवे (काजू, बादाम) और किशमिश – 2 से 3 बड़े चम्मच

शकरकंद का हलवा विधि

सबसे पहले बिना धागे वाली शकरकंद को उबालें (या भाप में पकाएँ)। ठंडा होने पर, इन्हें छीलकर मसल लें या कद्दूकस कर लें। इसके बाद एक भारी तले वाले पैन में घी गरम करें और मसले हुए शकरकंद पैन में डालें और मध्यम आँच पर 5-7 मिनट तक या हलवे के पैन के किनारों से अलग होने तक भूनें।

इसके बाद मीठा करने के लिए गुड़ पाउडर (या चीनी/शहद) डालें और मिठास घुलने तक अच्छी तरह मिलाएँ। शकरकंद स्वाभाविक रूप से मीठे होते हैं, इसलिए अपनी पसंद के अनुसार मिठास कम-ज़्यादा करें। इसके अलवा आप उसमें सूखे मेवे और स्वाद के इलायची पाउडर, किशमिश डालें और 1-2 मिनट तक पकाएँ। शकरकंद के हलवे को गरमागरम परोसें। इसे कटे हुए मेवों या भुने हुए मखानों से सजाएँ।

आपको बता दें, इन दो व्यंजनों को बनाकर, आप अपने नवरात्रि व्रत को स्वादिष्ट और ताज़ा बना सकते हैं! ये आसानी से आर कम समय में बनकर तैयार हो जाती है।

इम्युनिटी बूस्ट करें नैचुरल तरीके से, इन 5 सब्जियों को बनाएं अपनी थाली का हिस्सा

Immunity boosting Vegetable: अगर आपको भी आपकी बॉडी अक्सर कमजोर फील होती है। तो फिर आप अपनी डाइट में कुछ खास सब्ज़ियों को शामिल करके कई बीमारियों से बच सकते हैं। ये सब्ज़ियाँ पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) से भरपूर होती हैं, जो आपकी इम्यूनिटी (Immunity) को मज़बूत बनाती हैं और शरीर को स्वस्थ रखती हैं। तो चलिए आपको इस लेख में उन सब्जियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में पालक, केल, और पत्ता गोभी (Spinach, kale, and cabbage) शामिल हैं। इनमें विटामिन A, C, K, फोलेट, और आयरन (Iron) जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये सब्ज़ियां शरीर में सूजन को कम करती हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं।

इम्यूनिटी के लिए लहसुन और प्याज

लहसुन और प्याज में एलिसिन नामक एक पदार्थ होता है। यह पदार्थ संक्रमण से लड़ता है, कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसे अपने आहार में शामिल करने से आपका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है।

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ब्रोकली

दूसरी ओर, ब्रोकली (Broccoli) में विटामिन सी (Vitamin C), के और अन्य एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) होते हैं। यह कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियों के खिलाफ बहुत प्रभावी है। आप इसे पकाकर या सब्जी के रूप में खा सकते हैं।

शकरकंद – शकरकंद (Sweet Potato) बीटा-कैरोटीन (Beta carotene) का एक बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है। यह आँखों के लिए बहुत फायदेमंद है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। शकरकंद में मौजूद फाइबर (Fiber) पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखता है।

आँखों की रोशनी के लिए गाजर जरुरी 

गाजर – गाजर (Carrot) बीटा-कैरोटीन से भी भरपूर होता है, जो आँखों की रोशनी के लिए ज़रूरी है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आपकी त्वचा को स्वस्थ रखते हैं और कई बीमारियों से बचाते हैं। इसका सेवन आप कई तरह से कर सकते है आप इसे सलाद की तरह भी खा सकते या फिर आप गाजर का जूस भी पी सकते है।

आपको बता दें, इन सब्ज़ियों को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। जो आपके शारीर के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।