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एग्रेसिव लुक के साथ क्लासिक की वापसी: रॉयल एनफील्ड ने उतारी 650cc सेगमेंट की सबसे दमद...

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Royal Enfield Classic 650: रॉयल एनफील्ड ने अपनी लोकप्रिय मोटरसाइकिल क्लासिक 650 को नए सुनहरे कलर और नए एग्रेसिव लुक में लॉन्च कर दिया है। यह नया रंग उन लोगों को ज़रूर पसंद आएगा जो सिंपल लेकिन अनोखे स्टाइल पसंद करते हैं। खास तौर पर Royal Enfield Classic 650 के 125वें एनिवर्सरी स्पेशल एडिशन के लॉन्च की ओर इशारा करता है, जिसे हाल ही में EICMA 2025 मोटर शो में डिस्प्ले किया गया है। तो च्स्लिये इस लेख में जानते है इस बाइक में किस तरह के features को दिया गया हैं।

Royal Enfield Classic 650

अभी हाल ही में, अगस्त में, रॉयल एनफील्ड हंटर 350 (Royal Enfield hunter 350) बाज़ार में लॉन्च हुई थी, जो एक लोकप्रिय विकल्प थी। एक बार फिर, अपनी 125वीं एनिवर्सरी के उपलक्ष्य में, रॉयल एनफील्ड ने रॉयल एनफील्ड क्लासिक 650 (Royal Enfield Classic 650)  को एक खास सुनहरे रंग में लॉन्च किया है। एनिवर्सरी एडिशन की सबसे ख़ास बात इसका ‘Hypershift’ पेंट स्कीम है, जो लाल और सुनहरे रंगों के शेड्स में बदलता रहता है और इसे एक बेहद अट्रैक्टिव और प्रीमियम ‘रॉयल’ लुक देता है।

स्पेशल एडिशन की खासियतें

  • रेट्रो-मॉर्डन डिज़ाइन – इसमें टीयरड्रॉप फ्यूल टैंक (Teardrop fuel tank) और नसेल-स्टाइल हेडलैम्प (Nacelle-style headlamps) (जो अब LED अपग्रेड के साथ है) जैसे क्लासिक एलिमेंट्स (Classic Elements) बरकरार हैं, लेकिन 650cc इंजन और क्रोम फिनिशिंग इसे एक एग्रेसिव और दमदार अंदाज देते हैं।
  • प्रीमियम टच – इसमें क्रोम फिनिशिंग के साथ पॉलिश डुअल एग्जॉस्ट और रिमूवेबल पिलियन सीट जैसे फीचर्स भी हैं।

 इंजन और परफॉर्मेंस (Standard Classic 650)

स्पेसिफिकेशन विवरण
इंजन 647.95 cc, एयर/ऑयल-कूल्ड, पैरेलल-ट्विन, SOHC
अधिकतम पावर 34.6 kW (46.4 bhp) @ 7250 rpm
अधिकतम टॉर्क 52.3 Nm @ 5650 rpm
गियरबॉक्स 6-स्पीड, स्लिप-एंड-असिस्ट क्लच के साथ
ब्रेकिंग डुअल-चैनल ABS के साथ डिस्क ब्रेक (आगे 320mm, पीछे 300mm)
सस्पेंशन 43mm टेलिस्कोपिक फ्रंट फोर्क, ट्विन रियर शॉक

 Royal Enfield Classic 650 की कीमत

रॉयल एनफील्ड ने Classic 650 को तीन वेरिएंट और चार कलर ऑप्शन में लॉन्च किया है। इस बाइक का बेस वेरिएंट वल्लम रेड कलर में उपलब्ध है, जिसकी कीमत 3.37 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। इसका बर्निंगहॉर्स ब्लू (Burninghorse Blue) कलर भी इसी कीमत पर खरीदा जा सकता है। इसके बाद क्लासिक वेरिएंट को टील कलर में 3.41 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की कीमत पर खरीदा जा सकता है। इसका टॉप वेरिएंट क्रोम ब्लैक क्रोम कलर ऑप्शन में लॉन्च किया गया है, जिसकी कीमत 3.50 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है।

Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास हुआ धमाका! क्या था इसका कारण, और कितने प्रकार ...

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Delhi Blast: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार (10 नवंबर) शाम करीब 6:52 बजे एक जोरदार धमाका हुआ। धमाका ह्यूंडई i20 कार में हुआ, जो लाल किला के गेट नंबर-1 के पास रेड लाइट पर रुकी हुई थी। धमाके की चपेट में आसपास की गाड़ियां भी आ गईं, और कई गाड़ियों के शीशे टूटने के साथ-साथ आग भी लग गई। शुरुआती जांच में यह मामला सीएनजी सिलेंडर का ब्लास्ट बताने की कोशिश की गई, लेकिन फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने विस्फोट के ट्रेसेस में अमोनियम नाइट्रेट को जांचने की बात कही है।

यह घटना एक आत्मघाती हमला या बम धमाका हो सकता है, और जांच एजेंसियां बारीकी से इस पर काम कर रही हैं। अब सवाल यह उठता है कि बम धमाके कितने प्रकार के होते हैं, और इनका असर किस तरह से होता है? आईए जानते हैं।

और पढ़ें: Delhi Attack Conspiracy: दिल्ली के लाल किले के पास हुआ धमाका… कश्मीर, फरीदाबाद और लखनऊ के आतंकी नेटवर्क का खुलासा

प्लास्टिक एक्सप्लोजिव (C4, Semtex): Delhi Blast

यह एक प्रकार का सॉफ्ट, गूंथा हुआ बम होता है, जिसे आमतौर पर पेशेवर आतंकी उपयोग करते हैं। C4 और Semtex जैसे प्लास्टिक एक्सप्लोजिव में एक विशेष डेटोनेटर लगाया जाता है, जिससे यह फटता है। यह बम आटे की तरह नर्म और लचीला होता है। इसका इस्तेमाल बड़े हमलों के लिए किया जाता है। यदि लाल किला ब्लास्ट में प्लास्टिक एक्सप्लोजिव का इस्तेमाल हुआ होता, तो इसका कनेक्शन किसी विदेशी हैंडलर से हो सकता था।

RDX: सबसे ताकतवर और खतरनाक

RDX (Research Department Explosive) एक सफेद पाउडर होता है, जिसे दुनिया के सबसे ताकतवर बमों में गिना जाता है। इसका इस्तेमाल बड़े आतंकी हमलों में किया जाता है। RDX का 1 किलो वजन 10 किलो TNT के बराबर धमाका कर सकता है। यह आमतौर पर सेना से चोरी किया जाता है या पाकिस्तान से तस्करी करके लाया जाता है। 1993 के मुंबई बम धमाके, 2008 के दिल्ली सीरियल ब्लास्ट, और 2011 के दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट में RDX का ही इस्तेमाल हुआ था। हालांकि, लाल किला ब्लास्ट में अभी तक RDX का कोई ट्रेस नहीं मिला है।

IED (Improvised Explosive Device): सबसे आम और खतरनाक

IED, यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, एक ऐसा बम है जिसे आतंकी खुद तैयार करते हैं। इसे बनाने में घर के सामान जैसे प्रेशर कुकर, पाइप, बैग या गाड़ी का उपयोग किया जाता है। इसमें आम तौर पर अमोनियम नाइट्रेट, शुगर, और पोटैशियम क्लोरेट जैसी सामग्री का इस्तेमाल होता है। इसे मोबाइल ट्रिगर, टाइमर या रिमोट से ब्लास्ट किया जाता है। लाल किला ब्लास्ट में IED के होने का शक जताया जा रहा है, क्योंकि विस्फोट में कोई पेशेवर हथियार नहीं मिला है। फरीदाबाद में हाल ही में पकड़े गए 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट केमिकल से IED बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

स्टिकी बम

स्टिकी बम एक छोटा बम होता है, जिसे मैग्नेट के जरिए किसी गाड़ी के नीचे चिपका दिया जाता है। इसे रिमोट से ब्लास्ट किया जाता है। यह बम आमतौर पर कश्मीर जैसे इलाकों में इस्तेमाल होते हैं, और लाल किला ब्लास्ट में इसका भी शक जताया जा रहा है। चूंकि धमाका कार के पिछले हिस्से से हुआ, इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि इसमें स्टिकी बम का इस्तेमाल हो सकता है।

कार बम (VBIED)

इसमें पूरी गाड़ी को विस्फोटक से भरा जाता है और कार में 50 से 500 किलो तक विस्फोटक रखा जाता है। लाल किला ब्लास्ट को इसी कैटेगरी में रखा जा सकता है, क्योंकि विस्फोट से पहले कार धीमी गति से रुकी थी और धमाका हुआ था। यह एक सुसाइड अटैक या रिमोट अटैक भी हो सकता है, जिसमें आत्मघाती हमलावर भी हो सकता है।

जिलेटिन स्टिक

जिलेटिन स्टिक माइनिंग में इस्तेमाल होती है और यह काफी छोटी होती है। इनका असर भले ही छोटा होता है, लेकिन यह भीड़-भाड़ वाले इलाके में घातक साबित हो सकता है। 2003 के मुंबई टैक्सी ब्लास्ट में जिलेटिन और अमोनियम नाइट्रेट का मिश्रण इस्तेमाल हुआ था। लेकिन, लाल किला ब्लास्ट में आग ज्यादा फैली और स्प्लिंटर (छर्रे) कम थे, इसलिए जिलेटिन के इस्तेमाल की संभावना कम बताई जा रही है।

अन्य बम: सुसाइड बम, लेटर बम और पाइप बम

सुसाइड बम में हमलावर खुद को बम के साथ ब्लास्ट कर देता है। लेकिन, लाल किला ब्लास्ट में ऐसी कोई संभावना नहीं दिख रही है। इसी तरह, लेटर बम और पाइप बम जैसे छोटे बम भी होते हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी अपनी योजना के तहत करते हैं।

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Bihar Election Helicopter Campaign: बिहार चुनाव में हेलीकॉप्टरों का चुनावी प्रचार, एक...

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Bihar Election Helicopter Campaign: बिहार के चुनावी मौसम में इस बार एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है। आसमान में गूंजते हेलीकॉप्टरों की आवाज और पटना हवाई अड्डे से उड़ते चार्टर्ड विमान, यह सब एक ऐसे चुनावी माहौल का हिस्सा थे, जिसमें राजनीति की एक नई परिभाषा लिखी जा रही है। पिछले कुछ हफ्तों में बिहार के विभिन्न इलाकों में जो हवाई प्रचार हुआ, उसने राजनीति, खर्च और रणनीति के लिहाज से एक नया रिकॉर्ड बना दिया।

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हेलीकॉप्टरों का असाधारण चुनावी अभियान- Bihar Election Helicopter Campaign

बिहार के राजनीतिक इतिहास में इस बार का प्रचार अभूतपूर्व था। दूसरे चरण के प्रचार के खत्म होने तक करीब 450 से अधिक हेलीकॉप्टर उड़ानें भरी गईं। यह संख्या न केवल बिहार के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा थी, बल्कि एक नई रणनीतिक दिशा का भी संकेत देती है। चुनावी प्रचार में इतनी बड़ी संख्या में हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल पहले कभी नहीं किया गया था।

रविवार शाम जैसे ही प्रचार की समय सीमा समाप्त हुई, आसमान में गूंजते हेलीकॉप्टरों की आवाज थम गई, लेकिन चुनाव प्रचार का जो असर था, वह लंबे समय तक बिहार की राजनीति पर छाया रहेगा। यह प्रचार केवल एक अभियान नहीं था, बल्कि एक ऐसे राजनीतिक युद्ध का हिस्सा था, जिसका खर्च करोड़ों रुपये में था। इस बार के चुनाव में 20 जिलों की 122 सीटों के लिए प्रचार किया जा रहा था, और इसे करने के लिए रोजाना लगभग 25 हेलीकॉप्टर और 12 चार्टर्ड विमान पटना हवाई अड्डे से उड़ान भरते थे।

खर्च और किराए का आसमान छूता आंकड़ा

यह चुनाव सिर्फ ज़मीन पर नहीं, बल्कि हवा में भी लाखों-करोड़ों के दांव पर खेला जा रहा था। हेलीकॉप्टरों और चार्टर्ड फ्लाइट्स का किराया भी आसमान छू रहा था। चार्टर्ड जेट का किराया 4 लाख से 9 लाख रुपये प्रति घंटा था, जबकि एक सिंगल-इंजन हेलीकॉप्टर का किराया लगभग 1.5 लाख रुपये प्रति घंटा था। वहीं, ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टर के लिए यह आंकड़ा 2.5 लाख रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक पहुंच जाता था।

इन आंकड़ों से साफ है कि इस चुनाव में नेता न केवल ज़मीन पर रैलियां कर रहे थे, बल्कि हवा में भी करोड़ों रुपये खर्च हो रहे थे। पटना हवाई अड्डे से रोज़ाना 4-5 चार्टर्ड विमान नेताओं को लेकर आते थे और फिर वे हेलीकॉप्टर से विभिन्न जिलों में रैलियां करने निकल जाते थे। इस पूरे हवाई अभियान की लागत करोड़ों रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।

राजनीतिक रणनीतियों की जंग

हेलीकॉप्टरों और विमानों का यह प्रचार अभियान कुछ नेताओं की रणनीति का हिस्सा था। उदाहरण के लिए, राजद के नेता तेजस्वी यादव ने प्रचार के आखिरी दिन ही अरवल, रोहतास और जहानाबाद में 16 रैलियां कीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी दोनों चरणों में कुल 84 रैलियों को संबोधित किया, जिनमें से 73 रैलियां उन्होंने हेलीकॉप्टर से कीं। यह तेज प्रचार इस बात का संकेत है कि इस बार दांव बहुत ऊंचा था और नेताओं को सीमित समय में ज़्यादा से ज़्यादा क्षेत्रों में पहुंचने की आवश्यकता थी।

जनता और नेताओं के बीच की खाई

जहां एक ओर बड़े नेता हेलीकॉप्टर से रैलियों में जा रहे थे, वहीं दूसरी ओर जन सुराज जैसे नेताओं ने पैदल चलकर गांव-गांव जाकर प्रचार किया। यह दो अलग-अलग राजनीतिक सोच को दर्शाता है – एक तरफ महंगी, चमकदार और हवाई प्रचार की रणनीति, तो दूसरी तरफ सच्चाई और जनता के बीच की सीधी जुड़ाव वाली सरल रणनीति। यह फर्क इस बात को सामने लाता है कि क्या चुनावी खर्च में कमी लाने के लिए सख्त नियम बनाए जाने चाहिए, ताकि लोकतंत्र में संतुलन बना रहे।

मतदाताओं की अहमियत

इस चुनाव में कुल 3.7 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मत का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसमें 1,302 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 136 महिलाएं भी शामिल हैं। प्रमुख हस्तियों जैसे कि भाजपा की श्रेयसी सिंह और जदयू की मंत्री लेसी सिंह ने इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई है। यह आंकड़े इस चुनाव की गहराई और विविधता को दर्शाते हैं।

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Delhi Attack Conspiracy: दिल्ली के लाल किले के पास हुआ धमाका… कश्मीर, फरीदाबाद और लखन...

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Delhi Attack Conspiracy: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हुआ भीषण बम ब्लास्ट अब एक बड़े आतंकी हमले की शक्ल लेता जा रहा है। शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे सुरक्षा एजेंसियां और भी चौकस हो गई हैं। इस हमले का तार फरीदाबाद, कश्मीर और लखनऊ से जुड़े एक जटिल आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। घटनास्थल से मिली जानकारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, और इस हमले को लेकर कई बड़े खुलासे हो रहे हैं।

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जांच की दिशा: फरीदाबाद, कश्मीर और लखनऊ कनेक्शन- Delhi Attack Conspiracy

हमले के बाद, जांच एजेंसियों की कड़ी नजर फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पर थी। जब फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर से कुछ संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी हुई, तब इस पूरे नेटवर्क की परतें धीरे-धीरे खुलनी शुरू हो गईं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में एक बड़ा विस्फोटक जखीरा बरामद हुआ। इसके बाद, जांच के दौरान डॉ. शाहीन शाहिद, जो लखनऊ की रहने वाली हैं, की भी गिरफ्तारी हुई, और अंत में, डॉ. उमर मोहम्मद नामक संदिग्ध आतंकी की तलाश शुरू हुई।

मुजम्मिल की गिरफ्तारी से खुला बड़ा जाल

डॉ. मुजम्मिल शकील पुलवामा के निवासी हैं और फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में सीनियर डॉक्टर के तौर पर काम कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में उनकी गिरफ्तारी हुई। पूछताछ में मुजम्मिल ने कई अहम राज़ खोले। उसकी निशानदेही पर, पुलिस ने धौज इलाके में एक किराए के कमरे पर छापा मारा और वहां से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 20 टाइमर, और 20 बैटरियां बरामद कीं। यह सामान पिछले पंद्रह दिनों में मुजम्मिल तक पहुंचा था। पुलिस का अनुमान है कि इसे किसी बड़े विस्फोट के लिए इकट्ठा किया गया था।

मुजम्मिल का कनेक्शन जैश-ए-मोहम्मद से था, और इस संदिग्ध के फोन और लैपटॉप से कई एन्क्रिप्टेड संदेश मिले, जो आतंकवादियों से उसके संपर्क की पुष्टि करते हैं।

जैश-ए-मोहम्मद और लखनऊ कनेक्शन

इसके बाद डॉ. शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी हुई। शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की रहने वाली हैं और उन्हें पुलिस ने उसी स्विफ्ट कार से गिरफ्तार किया, जिसमें राइफल, पिस्टल, और जिंदा कारतूस बरामद हुए थे। यह कार उसी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जब्त की गई थी, जहां मुजम्मिल भी काम करता था। शाहीन और मुजम्मिल का आपस में गहरा संपर्क था, और वह अक्सर एक साथ देखे जाते थे।

तलाशी के दौरान कार से बरामद क्रिंकोब असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, और 83 राउंड कारतूस इस बात की ओर इशारा करते हैं कि ये दोनों एक बड़े आतंकी हमले की साजिश में शामिल थे। पुलिस ने शाहीन से पूछताछ के दौरान कई और संदिग्ध नाम और फोन नंबर प्राप्त किए, जिनके जरिए यह कनेक्शन दिल्ली, लखनऊ और श्रीनगर तक फैला हुआ था।

डॉ. आदिल और भारी मात्रा में हथियार

इस मामले में एक और अहम कड़ी डॉ. आदिल अहमद राथर की गिरफ्तारी रही। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस की हिरासत में हैं और आदिल की निशानदेही पर, पुलिस ने घाटी में AK-47 राइफल, भारी मात्रा में गोला-बारूद और आरडीएक्स बरामद किया। आदिल के लॉकर से बरामद सामग्री और फरीदाबाद में हाल ही में पकड़ी गई सामग्री के बीच तकनीकी समानता पाई गई, जिससे यह साबित होता है कि आदिल, मुजम्मिल और उमर मोहम्मद एक ही आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे।

डॉ. उमर की तलाश और धमाके की गूंज

जब तक पुलिस डॉ. उमर मोहम्मद की तलाश में जुटी थी, उससे पहले ही दिल्ली में लाल किला के पास धमाका हो गया। विस्फोट की तीव्रता इतनी थी कि पास की इमारतों की खिड़कियां चटक गईं और कई गाड़ियों में आग लग गई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धमाके के बाद की एक सीसीटीवी तस्वीर जारी की है, जिसमें संदिग्ध i20 कार लाल किला के पास देखा गया।

यह कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में रजिस्टर्ड थी और इसका नंबर था HR 26 7624। पुलिस ने इसकी जांच के बाद कार के मालिक मोहम्मद सलमान को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि सलमान ने यह कार पहले तारिक नामक व्यक्ति को बेची थी, और फिर तारिक ने इसे उमर मोहम्मद को सौंप दिया।

सुरक्षा एजेंसियों का संयुक्त ऑपरेशन

दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा एटीएस और यूपी पुलिस मिलकर इस पूरे मामले की जांच कर रही हैं। इन एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के परिसर और हॉस्टल में सघन तलाशी अभियान चलाया, जहां से कई कंप्यूटर, हार्ड ड्राइव और दस्तावेज़ जब्त किए गए हैं। पुलिस को शक है कि इस आतंकी मॉड्यूल के विदेशी हैंडलर्स के साथ संपर्क थे और दिल्ली में हुआ धमाका उसी योजना का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य राजधानी में भय और अस्थिरता फैलाना था।

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Delhi Red Fort Blast: आतंकी हमले की पुष्टि, 9 की मौत, 20 घायल — फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल...

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Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुआ धमाका अब एक बड़े आतंकी हमले के रूप में सामने आया है। इस विस्फोट में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने जांच के बाद पुष्टि की है कि यह आत्मघाती हमला था, जिसे एक कार में लगाए गए विस्फोटक से अंजाम दिया गया।

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हमले का तरीका और शुरुआती जांच– Delhi Red Fort Blast

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, धमाका सोमवार शाम करीब 6:55 बजे हुआ। जांच में यह सामने आया है कि विस्फोटक पदार्थ से भरी एक हुंडई I-20 कार लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी थी। अचानक हुए धमाके से इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

जांच एजेंसियों का कहना है कि कार में मौजूद विस्फोटक को रिमोट से नहीं, बल्कि अंदर बैठे शख्स ने डेटोनेटर से उड़ाया। अब तक की जांच में पता चला है कि यह हमला फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है, जिसका नेटवर्क जम्मू-कश्मीर तक फैला हुआ है।

संदिग्ध आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद पर शक

खुफिया सूत्रों के अनुसार, पुलिस को शक है कि धमाके के वक्त कार में डॉ. उमर मोहम्मद सवार था। यह वही व्यक्ति है जिसकी तलाश दिल्ली पुलिस, फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर कर रही थी।

उमर मोहम्मद का नाम पहले भी सामने आ चुका है, जब फरीदाबाद में अमोनियम नाइट्रेट के बड़े जखीरे की बरामदगी हुई थी। सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े कई आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद उमर को लगा कि अब वह पकड़ा जाएगा, इसलिए उसने घबराहट में यह आत्मघाती हमला किया।

पुलिस ने घटनास्थल से बरामद कार में मिले शव का DNA टेस्ट करवाने का फैसला किया है ताकि यह पुष्टि की जा सके कि वह शव वास्तव में उमर मोहम्मद का ही है या नहीं।

I-20 कार का पूरा सफर: बदरपुर से लाल किला तक

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कार की सीसीटीवी मूवमेंट का पूरा नक्शा तैयार किया है।

  • यह कार सबसे पहले बदरपुर बॉर्डर पर देखी गई, जब वह दिल्ली में प्रवेश कर रही थी।
  • इसके बाद यह सुनहरी मस्जिद पार्किंग में तीन घंटे तक (दोपहर 3:19 बजे से शाम 6:48 बजे तक) खड़ी रही।
  • पार्किंग से बाहर निकलने के सात मिनट बाद, यानी 6:55 बजे, धमाका हो गया।

स्पेशल सेल अब 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और आस-पास के टोल प्लाजा के वीडियो खंगाल रही है, ताकि कार के हर मूवमेंट की सटीक जानकारी मिल सके।

I-20 कार की खरीद-फरोख्त और जम्मू-कश्मीर कनेक्शन

पुलिस जांच में इस कार की खरीद-फरोख्त की लंबी चेन सामने आई है:

  • कार के पहले मालिक मोहम्मद सलमान थे, जिन्होंने इसे नदीम को बेचा।
  • नदीम ने इसे रॉयल कार जोन फरीदाबाद को बेचा।
  • उसके बाद यह कार तारिक के पास गई, जिसने इसे उमर मोहम्मद को दे दिया।

यह कार गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में HR 26 7624 नंबर से रजिस्टर्ड थी।

पुलिस ने तारिक को पुलवामा के संबूरा इलाके से हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। जांच में आमिर नामक व्यक्ति का नाम भी सामने आया है, जिससे जम्मू-कश्मीर पुलिस पूछताछ कर रही है।

यूएपीए के तहत मामला दर्ज

दिल्ली पुलिस ने इस आतंकी हमले की गंभीरता को देखते हुए UAPA की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है, जो आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित हैं।
इसके अलावा, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4, तथा हत्या और हत्या के प्रयास की धाराएं भी जोड़ी गई हैं।

फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से कनेक्शन

जांच में सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ है कि लाल किला ब्लास्ट का सीधा रिश्ता फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल से है। यह मॉड्यूल प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवात-उल-हिंद (AGuH) के इशारे पर काम कर रहा था।

इस मॉड्यूल से जुड़े कई संदिग्ध डॉक्टरों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें —

  • डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (फरीदाबाद)
  • डॉ. आदिल अहमद राथर (पुलवामा)
  • और डॉ. शाहीन शाहिद (लखनऊ) शामिल हैं।

पुलिस को शक है कि उमर मोहम्मद भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा था और उसने फरीदाबाद से जुड़ी आतंकी गतिविधियों को दिल्ली तक फैलाने की कोशिश की।

2,900 किलो विस्फोटक बरामद

फरीदाबाद पुलिस ने हाल ही में इस मॉड्यूल के पास से करीब 2,900 किलो विस्फोटक बरामद किए थे।
दिल्ली पुलिस को शक है कि लाल किला धमाके में भी इसी किस्म का अमोनियम नाइट्रेट इस्तेमाल किया गया। इसकी पुष्टि के लिए FSL रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो जल्द आने की उम्मीद है।

जांच जारी, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

इस हमले के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सभी प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों, मेट्रो स्टेशनों और बाजारों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
पुलिस अब फरीदाबाद, पुलवामा और दिल्ली के बीच चल रही आतंकी हलचलों के हर पहलू की जांच कर रही है।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और एनआईए (NIA) मिलकर इस हमले के मास्टरमाइंड का पता लगाने में जुटी हैं।

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BOMB BLAST IN DELHI: बम धमाके से दहली दिल्ली, मेट्रो स्टेशन के बाहर एक कार में धमाका,...

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Bomb blast in Delhi: एक बार फिर से राजधानी दिल्ली बम धमाके से दहल उठी है। लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी एक कार में बेहद शक्तिशाली विस्फोट हुआ। इस विस्फोट में अब तक 8 लोगों के मारे जाने की खबर है, वहीं 24 लोग जख्मी हो गए। सभी को लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये धमाका इतना शक्तिशाली था कार के आस पास खड़ी कई मीटर तक की गाड़ियों के शीशे तक टूट गए थे।

क्या है ताजा अपडेट bomb blast in Delhi

ये घटना सोमवार शाम 6 बजकर 55 मिनट पर हुई। धमाके के कारण आसपास खड़ी करीब 8 गाड़ियों में भी आग लग गई थी। धमाके के तुरंत बाद दमकल की 8 गाड़ियां वहां पहुंची, और कड़ी मशक्कत के बाद शाम 7 बजकर 29 मिनट पर आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। हालांकि पुलिस के मुताबिक अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि गाड़ी में धमाका किस कारण हुआ। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि धमाका सीएनजी सिलेंडर के कारण हुआ है या फिर गाड़ी में कोई विस्फोटक रखा हुआ था। फोरेंसिक की टीम इसकी जांच में जुट गई है लेकिन फिर भी पूरी दिल्ली को हाई अलर्ट पर रख दिया गया है। पूरी दिल्ली में संवेदनशील धार्मिक स्थलों, स्मारकों, सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस ने लाल किला (Red Fort) मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 और 4 से एंट्री और एग्जिट पर पाबंदी लगा दी है। इस मामले में जांच पूरी होने के बाद फिर से आवाजाही शुरु की जायेगी।

वहीं बलास्ट की खबर सामने आने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का बयान सामने आया है। उन्होने इस मामले मे जल्द से जल्द जांच के आदेश दिये है और उन्होंने कमिश्नर से रिपोर्ट देने को कहा है।

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आज ही मिले 2900 किलो विस्फोटक Bomb blast in Delhi

दरअसल दिल्ली में बम धमाके की गहरी साजिश चल रही है, जिसका खुलासा आज सुबह ही जम्मू कश्मीर पुलिस ने किया है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश करते हुए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसर गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े सात लोगों को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है, इसमें दो डॉक्टर भी शामिल है। 2,900 किलो आईईडी बनाने का सामान, ए के-56 राइफल, दो पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए थे। इसमें एक डॉक्टर  डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसैब पुलवामा का रहने वाला हैै, ये आरोपी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में शिक्षक था। जिसके बाद पुलिस लगातार कई जगहों पर छापेमारी कर रही है।

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UPSC Aspirant Viral Video: “UPSC ने मुझे तोड़ दिया, अब रिज्यूमे तक नहीं लिख पा रही…” ...

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UPSC Aspirant Viral Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों UPSC aspirant मानवी श्रीवास्तव का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मानवी ने बेहद ईमानदारी और भावनात्मक अंदाज़ में बताया कि UPSC की तैयारी ने उनकी ज़िंदगी पर क्या असर डाला है। वीडियो में मानवी कहती हैं कि उन्होंने पिछले पांच साल पूरी तरह सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में लगा दिए, लेकिन अब यह सफर उन्हें अंदर से तोड़ चुका है।

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“दोस्त छोड़ दिए, मुस्कान छोड़ दी… अब खुद को नहीं पहचानती” (UPSC Aspirant Viral Video)

वीडियो में मानवी कहती हैं –

“सब कहते हैं कि तैयारी के दौरान सब छोड़ दो — दोस्तों से मिलना, घूमना, सोशल मीडिया, सब कुछ। मैंने भी यही किया। लेकिन अब इसका असर मुझ पर दिखने लगा है। इस अकेलेपन और मानसिक संघर्ष में मैंने खुद को खो दिया है।”

वो आगे कहती हैं कि अब वह तैयारी छोड़कर कॉर्पोरेट सेक्टर में लौटना चाहती हैं, लेकिन उन्हें अपना रिज्यूमे बनाना भी मुश्किल लग रहा है।

“मुझे लगता है जैसे मैं खुद को जानती ही नहीं। मैंने अपनी जवानी के साल इस तैयारी में लगा दिए — जन्मदिन, हंसी, दोस्तों के साथ वक्त, सब कुर्बान कर दिए। अब जब अपने बारे में कुछ लिखने की बारी आई, तो मैं एक लाइन भी नहीं लिख पा रही। जैसे मेरा आत्मविश्वास कहीं खो गया है।”

मानसिक स्वास्थ्य पर बोलीं मानवी – “खुद को मत खोना”

मानवी श्रीवास्तव ने वीडियो के अंत में अन्य UPSC aspirants और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों से एक बेहद जरूरी अपील की। उन्होंने कहा कि

“अगर आप अपने सपनों के लिए खुद को दुनिया से अलग कर रहे हैं, तो याद रखिए — खुद को खोना मत। जब यह सब खत्म होगा, तब आपको खुद की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होगी।”

उनका यह संदेश हजारों छात्रों के दिल को छू गया, जो इस कठिन सफर से गुजर रहे हैं।

 लोगों ने कहा – “यह हर UPSC अभ्यर्थी की कहानी है”

मानवी के वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं थम नहीं रही हैं।
एक यूजर ने लिखा –

“जो इस दौर से गुजरता है, वही इस दर्द को समझ सकता है।”

दूसरे यूजर ने कमेंट किया –

“चार असफल प्रयासों के बाद मैं भी यही महसूस करता हूं। UPSC ने मुझे अंदर से खत्म कर दिया — मेरे शौक, शरीर और दिमाग तीनों थक चुके हैं।”

एक और यूजर ने लिखा –

“जो कुछ तुमने कहा, वो हर यूपीएससी उम्मीदवार की कहानी है। तुम्हारे शब्द बहुत सच्चे लगे।”

वहीं, कुछ ने अपने डिप्रेशन और मानसिक संघर्ष को भी साझा किया। एक यूजर ने लिखा –

“तैयारी ने मुझे भयानक डिप्रेशन में डाल दिया है। जैसे अंदर से मर चुका हूं, बस कभी-कभी मुस्कुरा लेता हूं ताकि लोग पहचान न लें।”

लोगों ने दिया साथ, कहा – “थोड़ा रुक जाओ, खुद पर भरोसा रखो”

जहां कई लोगों ने मानवी की भावनाओं से खुद को जोड़ा, वहीं सैकड़ों यूजर्स ने उन्हें धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखने की सलाह भी दी।
किसी ने लिखा – “ये सफर कठिन है लेकिन तुम अकेली नहीं हो।”
एक और यूजर ने कहा – “UPSC एक परीक्षा है, ज़िंदगी नहीं। खुद को प्राथमिकता दो।”

वीडियो ने छुआ लाखों दिल

मानवी श्रीवास्तव का यह वीडियो अब तक 6.4 हजार से ज्यादा लोगों द्वारा लाइक किया जा चुका है और लगातार शेयर किया जा रहा है। कई युवा इसे अपने जीवन की हकीकत बताते हुए कह रहे हैं कि यह वीडियो उस “अदृश्य दर्द” को आवाज़ देता है, जिसे अक्सर समाज नहीं देख पाता।

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MBBS Admission: वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज की एडमिशन लिस्ट पर विवाद, 50 में से 42 मुस्ल...

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MBBS Admission: जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस (SVDIME) इन दिनों एक नई बहस के केंद्र में है। कारण है इस संस्थान की एमबीबीएस कोर्स की पहली एडमिशन लिस्ट, जिसने पूरे राज्य में विवाद खड़ा कर दिया है। कॉलेज की जारी की गई लिस्ट में कुल 50 सीटों में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों को मिली हैं, जबकि हिंदू छात्रों को सिर्फ 8 सीटें दी गई हैं।

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हिंदू ट्रस्ट से चलने वाला कॉलेज, पर विवाद मेरिट बनाम धार्मिक प्रतिनिधित्व पर

यह कॉलेज पूरी तरह माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा संचालित है  जो एक हिंदू धार्मिक संस्था है और माता वैष्णो देवी मंदिर में आने वाले चढ़ावे और दान से वित्त पोषित होता है। ऐसे में जब एडमिशन लिस्ट सामने आई तो सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कई लोगों ने सवाल उठाया  “जब कॉलेज हिंदू ट्रस्ट के फंड से चलता है, तो फिर हिंदू छात्रों को इतनी कम सीटें क्यों मिलीं?”

कई संगठनों ने इसे “असंतुलित और अनुचित चयन प्रक्रिया” करार दिया, वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि मेडिकल एडमिशन पूरी तरह मेरिट पर आधारित होते हैं, इसलिए धर्म को इसमें लाने की जरूरत नहीं।

सोशल मीडिया पर मचा हंगामा, बजरंग दल ने जताया विरोध (MBBS Admission)

मामले ने तब जोर पकड़ा जब कॉलेज की एडमिशन लिस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, कुल 50 में से 42 मुस्लिम छात्रों का चयन हुआ, जबकि हिंदू छात्रों की संख्या सिर्फ 8 रही।
इस पर जम्मू राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह “स्पष्ट भेदभाव” है और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उनका कहना था कि जब कोई कॉलेज धार्मिक संस्था के फंड से चलता है, तो उसमें कम से कम समान प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

सोशल मीडिया पर भी लोगों की राय बंटी हुई दिखी। कुछ ने इसे “वैष्णो देवी ट्रस्ट के उद्देश्य के विपरीत” बताया, तो कुछ ने कहा कि “नीट काउंसलिंग की प्रक्रिया में धर्म नहीं, मेरिट ही सब कुछ तय करती है।”

NEET प्रणाली में धर्म की कोई भूमिका नहीं

नीट यूजी (NEET UG) के नियमों के अनुसार, देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पूरी तरह मेरिट और रैंक के आधार पर होता है। इसमें धर्म का कोई स्थान नहीं है।
हर कॉलेज को केंद्रीय और राज्य स्तर पर तय काउंसलिंग प्रक्रिया के अनुसार सीटें भरनी होती हैं।
आमतौर पर निजी मेडिकल कॉलेजों की 50% सीटें ऑल इंडिया कोटा के तहत और बाकी 50% स्टेट कोटा से भरी जाती हैं। जम्मू-कश्मीर में भी यही प्रणाली लागू है, हालांकि स्थानीय नीति के तहत कुछ छोटे बदलाव संभव होते हैं।

आरक्षण केवल जातिगत श्रेणियों (SC, ST, OBC, EWS आदि) पर लागू होता है। धार्मिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। यानी जो भी छात्र NEET परीक्षा में बेहतर रैंक लाते हैं, उन्हें प्रवेश मिलता है, चाहे उनका धर्म कोई भी हो।

प्रशासन ने क्या कहा

हालांकि श्राइन बोर्ड या प्रशासन की ओर से अब तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि एडमिशन प्रक्रिया राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के दिशानिर्देशों के तहत पूरी की गई है और इसमें धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं हुआ।

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Bihar Election 2025: समस्तीपुर में सड़क पर बिखरी VVPAT पर्चियां! RJD का हंगामा, आयोग ...

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Bihar Election 2025: बिहार के समस्तीपुर ज़िले में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क किनारे VVPAT (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) की पर्चियां बिखरी हुई मिलीं। ये वही पर्चियां होती हैं जो वोट डालने के बाद ईवीएम से निकलती हैं।
घटना की तस्वीरें और वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुनाव आयोग पर सीधा निशाना साध दिया और पूरी चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए।

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आरजेडी ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना- Bihar Election 2025

आरजेडी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,

“समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के KSR कॉलेज के पास सड़क पर भारी संख्या में EVM से निकलने वाली VVPAT पर्चियां फेंकी मिलीं। कब, कैसे, क्यों और किसके इशारे पर इन्हें फेंका गया? क्या चोर आयोग इसका जवाब देगा? क्या यह सब बाहर से आए ‘लोकतंत्र के डकैत’ के इशारे पर हो रहा है?”

इस पोस्ट के बाद पूरे बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि यह मामला चुनाव प्रक्रिया की साख पर सीधा प्रहार है।

चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए।
उन्होंने इस मामले में संबंधित सहायक रिटर्निंग ऑफिसर (ARO) को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए।
साथ ही, समस्तीपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम रोशन कुशवाहा) को मौके पर जाकर जांच करने और रिपोर्ट देने को कहा गया।

निर्वाचन आयोग ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर यह साफ किया कि सड़क पर मिली वीवीपैट पर्चियां मॉक पोल (ट्रायल वोटिंग) के दौरान इस्तेमाल की गई थीं। आयोग के अनुसार, “इन पर्चियों के निस्तारण में एआरओ द्वारा लापरवाही बरती गई थी, लेकिन इससे असली मतदान प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।”
डीएम ने सभी उम्मीदवारों को इस बारे में सूचित भी कर दिया है।

कैसे हुई गलती?

दरअसल, 6 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हुआ था। सरायरंजन सीट पर भी उसी दिन वोट डाले गए थे।
वोटिंग से पहले हर बूथ पर मॉक पोल किया जाता है, ताकि ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की कार्यक्षमता जांची जा सके। लेकिन वोटिंग के दो दिन बाद शीतलपट्टी गांव के पास बड़ी संख्या में पर्चियां कूड़े में पाई गईं।

डीएम ने दी सफाई

समस्तीपुर के डीएम रोशन कुशवाहा ने कहा,

“हम मौके पर पहुंचे और पाया कि ये मॉक पोल की पर्चियां थीं। सामान्यतः इनका निस्तारण किया जाता है, लेकिन इस बार शेडिंग प्रक्रिया सही तरीके से नहीं की गई। ईवीएम नंबर से जिम्मेदार मतदान कर्मी की पहचान कर ली जाएगी और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

डीएम और एसपी अरविंद प्रताप सिंह ने भी मौके का मुआयना किया और सभी राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।

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Pratapgarh Drug Smuggling: प्रतापगढ़ में ड्रग माफिया पर यूपी पुलिस का बड़ा वार, नोट ग...

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Pratapgarh Drug Smuggling: उत्तर प्रदेश पुलिस ने ड्रग माफिया के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई कर एक बार फिर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। प्रतापगढ़ के मानिकपुर में पुलिस ने एक इंटरस्टेट मादक पदार्थ तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस हाई-प्रोफाइल ऑपरेशन में पुलिस ने ₹2.01 करोड़ नकद, 6.075 किलोग्राम गांजा और 577 ग्राम स्मैक (हेरोइन) बरामद की है। बरामद ड्रग्स और कैश की कुल कीमत ₹3 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।

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जेल से चल रहा था ड्रग्स का नेटवर्क- Pratapgarh Drug Smuggling

इस पूरे मामले की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि गिरोह का सरगना राजेश मिश्रा पहले से ही जेल में बंद है, लेकिन वहीं से पूरे नेटवर्क को संचालित कर रहा था। पुलिस की जांच में सामने आया कि राजेश की पत्नी रीना मिश्रा गिरोह की मुखिया के रूप में काम कर रही थी, जबकि उसके बेटे, बेटी और रिश्तेदार इस अवैध धंधे में सक्रिय थे।
मानिकपुर थाना पुलिस ने जब राजेश मिश्रा के घर पर छापा मारा, तो वहां से रीना मिश्रा, बेटे विनायक मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा, रिश्तेदार अजीत मिश्रा और यश मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। बताया जाता है कि छापेमारी के वक्त सभी आरोपी घर के अंदर नशे का सामान पन्नियों में पैक कर छिपाने की कोशिश कर रहे थे।

22 घंटे तक चली नोटों की गिनती

छापे में बरामद हुई ₹2,01,55,345 नकदी को देखकर पुलिस टीम भी हैरान रह गई। इतनी बड़ी रकम की गिनती में करीब 22 घंटे का समय लगा। इसके अलावा 6 किलो से ज्यादा गांजा और 577 ग्राम स्मैक भी जब्त की गई, जिसकी कीमत करोड़ों में है। यह कार्रवाई यूपी पुलिस के इतिहास में ड्रग केस में अब तक की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी मानी जा रही है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, इससे पहले भी राजेश मिश्रा और रीना मिश्रा की करीब ₹3.06 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। खास बात ये है कि रीना और उसका बेटा विनायक पहले भी एनडीपीएस एक्ट के मामलों में जेल जा चुके हैं।

फर्जी दस्तावेजों से हुई थी जमानत

पुलिस की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ — राजेश मिश्रा की जेल से जमानत फर्जी दस्तावेजों के जरिए कराई गई थी। अब इस फर्जीवाड़े को लेकर मानिकपुर थाने में मुकदमा संख्या 239/25 दर्ज किया गया है, जिसमें बीएनएस की कई धाराएं जोड़ी गई हैं।

एसपी दीपक भूकर ने संभाली कमान

इस बड़े ऑपरेशन की कमान पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने खुद संभाली। भूकर इससे पहले प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ चलाए गए अभियान में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई राज्य में चल रहे संगठित अपराध और मादक पदार्थ तस्करी विरोधी अभियान का हिस्सा है।

गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश

पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है। सूत्रों का कहना है कि नेटवर्क कई राज्यों तक फैला हुआ है और इसमें अन्य बड़े सप्लायर भी शामिल हैं।

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