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EC vs Rahul Gandhi: राहुल गांधी के वोटर लिस्ट आरोपों पर चुनाव आयोग का पलटवार: ‘...

EC vs Rahul Gandhi: कर्नाटक में वोटर लिस्ट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी का दावा किया था। राहुल ने आरोप लगाया था कि वोटर लिस्ट में कई नाम और पते संदिग्ध हैं और इसको लेकर व्यापक धांधली हो रही है। लेकिन अब इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है और राहुल गांधी को जवाब देने के लिए कहा है।

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चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा कि अगर उन्होंने जिन नामों और पते के बारे में धांधली के आरोप लगाए हैं, तो उन्हें इसके लिए शपथ पत्र पर दस्तखत करके प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। आयोग ने साफ कहा है कि अगर राहुल गांधी अपने आरोपों के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं देते हैं, तो उन्हें अपने बयान को वापस लेना होगा और जनता को गुमराह करना बंद करना होगा।

राहुल गांधी का जवाब- EC vs Rahul Gandhi

इस पर राहुल गांधी ने भी बिना किसी संकोच के जवाब दिया। उन्होंने कहा, “मैं एक नेता हूं और जो मैं जनता के सामने कह रहा हूं, वही मेरी शपथ है।” राहुल ने आगे कहा कि जिन आंकड़ों का वह जिक्र कर रहे हैं, वे चुनाव आयोग के ही आंकड़े हैं, और इन आंकड़ों का खंडन चुनाव आयोग ने खुद नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि वे क्यों नहीं कह रहे कि यह जानकारी गलत है, क्योंकि वह जानते हैं कि इन आरोपों में सच्चाई है।

चुनाव आयोग का पत्र और राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को पत्र भेजकर उनसे एक मुलाकात की तारीख भी तय की है। पत्र के मुताबिक, 8 अगस्त 2025 को दोपहर 1 से 3 बजे के बीच राहुल गांधी को मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलने का समय दिया गया है। इस पत्र में यह भी बताया गया कि कर्नाटक के विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने कांग्रेस को ड्राफ्ट और फाइनल वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई थी, लेकिन कांग्रेस ने किसी भी प्रकार की आपत्ति या अपील दर्ज नहीं की।

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल गांधी को यह बताना होगा कि वह किन नामों को फर्जी मानते हैं, और वह किस आधार पर इन आरोपों को जता रहे हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर राहुल गांधी झूठी जानकारी देंगे, तो उनके खिलाफ RP Act 1950 की धारा 31 और भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 227 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

राहुल गांधी ने किए गंभीर आरोप

राहुल गांधी ने कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया कि कर्नाटक के वोटर लिस्ट में कई ऐसे नाम शामिल हैं जिनके पते और नाम संदिग्ध हैं। उन्होंने बताया कि कुछ मतदाताओं के घर के पते “जीरो” के रूप में दर्ज किए गए हैं और उनके पिता के नाम भी सही तरीके से नहीं लिखे गए हैं। उन्होंने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए कुछ ऐसे नाम बताए, जिनके पते और नाम में गड़बड़ी दिखाई दी।

राहुल ने कुछ विशेष वोटर्स का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ मामलों में मतदाता के पिता के नाम में अक्षर गलत तरीके से लिखे गए हैं, और घर का नंबर भी “0” के रूप में दिखाया गया है। उन्होंने दावा किया कि ऐसे 40,000 वोटर हैं जिनकी लिस्ट में गड़बड़ी की गई है और चुनाव आयोग को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।

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India Cancels Deal With US: 31,500 करोड़ की डील रद्द! भारत ने ट्रंप को उनकी ही भाषा म...

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India Cancels Deal With US: भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिका से 31,500 करोड़ रुपये की एक बड़ी डील को रद्द कर दिया है। यह डील भारतीय नौसेना के लिए छह अत्याधुनिक पी-8I पोसेडन विमान खरीदने की थी, जो समुद्री निगरानी के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे। हालांकि, ट्रंप की 50 फीसदी टैरिफ नीति ने भारत को इस डील को रोकने पर मजबूर कर दिया। आइए जानते हैं, इस डील के रद्द होने के पीछे क्या कारण हैं और इसका भारतीय नौसेना और अमेरिकी कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा।

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भारत ने क्यों रद्द की डील? (India Cancels Deal With US)

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान किया था, जिसके बाद भारत ने अमेरिकी कंपनियों से जुड़ी एक बड़ी डील को रद्द करने का फैसला लिया। ट्रंप का यह कदम भारत के लिए एक चेतावनी की तरह था, लेकिन भारत ने इसे गंभीरता से लिया और अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए अमेरिकी कंपनियों से सौदे करने से पीछे हटने का निर्णय लिया।

यह डील भारतीय नौसेना के लिए छह पी-8I पोसेडन विमान खरीदने की थी, जो समुद्री निगरानी और सुरक्षा के लिए बेहद अहम हैं। इन विमानों की कीमत 2.42 अरब डॉलर (करीब 21,000 करोड़ रुपये) बताई जा रही थी। लेकिन, बाद में इस डील की लागत बढ़कर 3.6 अरब डॉलर (करीब 31,500 करोड़ रुपये) हो गई थी। इसके बाद भारत ने इसे फिलहाल के लिए रोकने का फैसला किया।

पी-8I पोसेडन विमान क्यों अहम हैं?

पी-8I पोसेडन विमान भारतीय नौसेना के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन विमानों को समुद्र में निगरानी रखने के लिए डिजाइन किया गया है। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों के मद्देनजर भारतीय नौसेना को इन विमानों की सख्त जरूरत है। पी-8I विमान में एंटी शिप मिसाइल NASM-MR होते हैं, जिसकी रेंज 350 किलोमीटर तक है। यह विमान समुद्र में सैकड़ों नौसैनिक जहाजों और 20,000 मर्चेंट जहाजों पर निगरानी रखने के लिए उपयोगी होते हैं।

अमेरिकी कंपनी बोइंग के लिए बड़ा झटका

अगर भारत इस डील को पूरी तरह से रद्द कर देता है, तो यह अमेरिकी कंपनी बोइंग के लिए एक बड़ा झटका होगा। बोइंग ने भारत में करीब पांच हजार लोगों को रोजगार दिया है और भारतीय बाजार में इसका कारोबार करीब 1.7 बिलियन डॉलर (लगभग 15,000 करोड़ रुपये) है। इसके अलावा, बोइंग भारत में विभिन्न प्रकार के विमानों और उपकरणों की आपूर्ति करता है।

भारत अपनी दिशा बदलने की ओर

इस डील को रद्द करने का एक और बड़ा असर यह हो सकता है कि भारत अब अपनी दिशा बदलने की ओर बढ़ सकता है। भारतीय नौसेना के लिए इन विमानों को खरीदने में भारी खर्च था, और अब यह माना जा रहा है कि भारत अपने स्वदेशी विमान प्रणाली पर अधिक ध्यान दे सकता है। डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) और एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) जैसे संस्थान पहले से ही अपने स्वदेशी विमान विकसित करने पर काम कर रहे हैं। भारत इस मामले में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है, जो देश की सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

नौसेना की ताकत पर असर

इन विमानों के न मिलने से भारतीय नौसेना की ताकत पर असर पड़ सकता है। हालांकि, भारत अपनी नौसेना को मजबूत बनाने के लिए अन्य उपायों पर भी काम कर रहा है, जैसे कि स्वदेशी निगरानी विमान विकसित करना। अगर इस डील को पूरी तरह से रद्द किया जाता है, तो भारत को अपने समुद्री सुरक्षा क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए अन्य उपायों पर जोर देना होगा।

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Trump Tariff Impact: ट्रंप की धमकी का शेयर बाजार पर नहीं पड़ा असर, 50% टैरिफ के बावजू...

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Trump Tariff Impact: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगने वाले टैरिफ को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है। आमतौर पर ऐसे फैसले भारतीय बाजार को हिला सकते हैं, लेकिन इस बार भारतीय शेयर बाजार और रुपया दोनों ही ट्रंप के इस कदम से प्रभावित नहीं हुए। यह एक चौंकाने वाली बात थी, क्योंकि आम तौर पर ऐसे फैसले बाजार में गिरावट लाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। तो, आइए समझते हैं कि इस फैसले का भारतीय बाजार और रुपये पर क्या असर पड़ा।

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शेयर बाजार की शुरुआत: सुस्ती लेकिन फिर रिकवरी – Trump Tariff Impact

जब ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया, तो भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत में थोड़ी सुस्ती देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा गिरकर 80,262 पर खुला, और निफ्टी भी मामूली गिरावट के साथ 24,464 पर ओपन हुआ। लेकिन हैरानी वाली बात तो ये है कि बाजार ने जल्दी ही अपनी खोई हुई तेजी को हासिल कर लिया। कुछ ही मिनटों में सेंसेक्स 80,421 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी भी 24,542 के स्तर तक पहुंच गया। ये सभी संकेत दे रहे थे कि निवेशक ट्रंप के टैरिफ के डर को नजरअंदाज कर चुके थे और बाजार में आत्मविश्वास बना हुआ था।

रुपया: मजबूत दिखा, ट्रंप के फैसले से बेअसर

अक्सर जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई बड़ा फैसला होता है, तो इसका असर भारतीय करेंसी पर भी दिखता है। लेकिन इस बार डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया ने अपनी मजबूती को बनाए रखा। रुपया 87.69 पर खुला, जो कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3 पैसे की बढ़त दर्शाता है। इसका मतलब यह था कि ट्रंप के टैरिफ फैसले का कोई खास असर भारतीय रुपये पर नहीं पड़ा।

कंपनियों में कैसी रही तेजी और गिरावट?

टैरिफ बढ़ाने के बावजूद, कुछ कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिली। Hero MotoCorp, Cipla, Bajaj Finserv, Maruti Suzuki और JSW Steel जैसी कंपनियों के स्टॉक्स ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं, कुछ कंपनियों में गिरावट भी देखी गई, जैसे Kotak Mahindra Bank, Tata Steel, SBI, Coal India और Jio Financial। यह स्पष्ट करता है कि भारतीय बाजार में कुछ कंपनियां ऐसे फैसलों से बेअसर रहती हैं, जबकि कुछ पर उनका असर होता है।

इस दौरान लार्जकैप कंपनियों जैसे ITC, Titan, और Trent के स्टॉक्स ग्रीन जोन में ट्रेड कर रहे थे, जबकि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी अच्छा उछाल देखने को मिला। कंपनियां जैसे Lupin, Tornt Power और Coforge के स्टॉक्स में बढ़त रही, जबकि स्मॉलकैप कंपनियों में Rain, ITI Ltd, Kirlosker Brothers और Data Matics के शेयरों में तेजी देखने को मिली।

बाजार विशेषज्ञों की राय

बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि 50% टैरिफ का असर ज्यादा बड़ा नहीं होगा। उनका मानना है कि भारतीय बाजार पहले से कई उतार-चढ़ाव का सामना कर चुका है और इस तरह के फैसले का स्थायी असर नहीं होगा। इसके अलावा, भारतीय बाजार पहले से ही ओवरसोल्ड स्थिति में है, जिससे बाजार पर इसका असर और भी कम पड़ने की संभावना है।

निवेशकों का भरोसा: बाजार स्थिर बना हुआ

ट्रंप के फैसले के बावजूद भारतीय बाजार और रुपया काफी स्थिर रहे, और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत बना हुआ है। यह दिखाता है कि भारतीय बाजार अब वैश्विक परिस्थितियों से थोड़ा मजबूत हो चुका है, और निवेशक इन उतार-चढ़ावों को सामान्य रूप से लेने लगे हैं।

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Satyapal Malik Corruption Case: सत्यपाल मलिक की मौत के बाद बढ़ा विवाद, 300 करोड़ रिश्...

Satyapal Malik Corruption Case: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक की अचानक हुई मौत ने न सिर्फ उनके परिवार को झकझोर दिया, बल्कि उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले को भी फिर से चर्चा में ला दिया है। सत्यपाल मलिक पर आरोप था कि जब वह जम्मू-कश्मीर के गवर्नर थे, तो उन्होंने किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़ी गड़बड़ी के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है, और मलिक समेत सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। हालांकि, अब जब मलिक का निधन हो चुका है, तो सवाल उठते हैं कि इस केस का क्या होगा? क्या उनके खिलाफ चल रही जांच पूरी हो पाएगी, या अब सब कुछ ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

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क्या था पूरा मामला? (Satyapal Malik Corruption Case)

सत्यपाल मलिक जब जम्मू और कश्मीर के गवर्नर थे, तब 2200 करोड़ रुपये के किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट से जुड़ी एक विवादास्पद स्थिति सामने आई। आरोप था कि इस प्रोजेक्ट के ठेके के लिए रिश्वत का लेन-देन किया जा रहा था। विशेष रूप से, एक ई-टेंडरिंग प्रक्रिया को नजरअंदाज करके पटेल इंजीनियरिंग को ठेका दे दिया गया था, जबकि प्रक्रिया के अनुसार यह ठेका किसी अन्य कंपनी को जाना चाहिए था।

सत्यपाल मलिक ने खुद ही इस मामले की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाई थी और दावा किया था कि उन्होंने इस मामले में 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश ठुकरा दी थी। इस भ्रष्टाचार की शिकायत सीबीआई को दी गई, और जांच शुरू की गई। हालांकि, सत्यपाल मलिक का दावा था कि उनका तबादला होने के बाद, सरकार ने टेंडर को फिर से मंजूरी दे दी।

सत्यपाल मलिक की भूमिका: एक व्हिसलब्लोअर या कुछ और?

मलिक का दावा था कि उन्हें दो फाइलों के पास करने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई। एक फाइल रिलायंस समूह से जुड़ी हुई थी, और दूसरी आरएसएस के एक पदाधिकारी से संबंधित थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्होंने इन दोनों प्रस्तावों को ठुकरा दिया और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी।

मलिक का कहना था कि किरू जलविद्युत परियोजना में गड़बड़ियां थीं, और उन्होंने ही टेंडर रद्द कर दिया। उन्होंने खुलासा किया कि इस परियोजना को लेकर सिविल वर्क के ठेके में ई-टेंडरिंग के नियमों का पालन नहीं किया गया और निर्णय का पालन करने के बजाय, ठेका पटेल इंजीनियरिंग को दे दिया गया।

जब सत्यपाल मलिक ने इस मामले को लेकर आवाज उठाई, तो वे एक व्हिसलब्लोअर के रूप में सामने आए, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, सीबीआई ने उन्हीं को आरोपी बना दिया। क्या मलिक सच में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे, या वे भी उस सिस्टम का हिस्सा थे जिसे उन्होंने उजागर किया था? यह सवाल अब तक बना हुआ है।

मामले में CBI की जांच और कार्रवाई

सत्यपाल मलिक द्वारा मामले का खुलासा करने के बाद, सीबीआई ने 2019 में जांच शुरू की। इसके बाद, 2022 में मामले में एफआईआर दर्ज की गई। 2024 में सीबीआई ने सत्यपाल मलिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में यह आरोप लगाए गए कि टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं और कुछ कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया था।

सीबीआई की जांच में यह सामने आया कि मलिक और उनके सहयोगियों ने नियमों को तोड़ा और प्रक्रियाओं में गड़बड़ियां कीं। हालांकि, जब मलिक का निधन हुआ, तो उनके खिलाफ की जा रही कार्रवाई अपने अंतिम चरण में थी।

सत्यपाल मलिक का दावा और उनकी अंतिम पोस्ट

2025 में मलिक का स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद, उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ICU में भर्ती होने के दौरान उन्होंने एक भावुक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने ही भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष किया, लेकिन अब उन्हीं पर आरोप लगाए जा रहे थे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके खिलाफ यह सब राजनीतिक साजिश के तहत हो रहा था।

मलिक ने बताया कि उन्हें रिश्वत देने की पेशकश हुई थी, और उन्होंने इसे ठुकरा दिया। उनका यह भी कहना था कि उनके टेंडर रद्द करने के निर्णय ने कुछ लोगों को परेशान कर दिया, और उन्हीं के खिलाफ आरोप लगा दिए गए।

क्या होगा अब?

सत्यपाल मलिक के निधन के बाद अब यह सवाल उठता है कि उनके खिलाफ चल रही सीबीआई जांच का क्या होगा। भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत, किसी आरोपी की मृत्यु होने पर उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही रुक जाती है। इसका मतलब है कि मलिक के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस अब बंद हो जाएगा।

लेकिन, मलिक के अलावा जिन अन्य आरोपियों के नाम चार्जशीट में शामिल हैं, उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी। इसमें सीवीपीपीपीएल के अधिकारी, पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अधिकारियों और मलिक के सहयोगी शामिल हैं। यह स्पष्ट है कि सत्यपाल मलिक के खिलाफ अब व्यक्तिगत जिम्मेदारी का कोई सवाल नहीं रहेगा, लेकिन उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और उनके खिलाफ पेश की गई आरोपों की जांच को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता।

व्हिसलब्लोअर के रूप में उनका योगदान

आपको बता दें, सत्यपाल मलिक को व्हिसलब्लोअर के तौर पर पहचान मिली, जिन्होंने सत्ता और भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत दिखाई। उन्होंने ना केवल रिश्वत की पेशकश को नकारा, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों को उजागर किया। हालांकि, यह भी देखा गया कि जब उनके अपने खिलाफ आरोप लगाए गए, तो उन पर राजनीतिक षड्यंत्र के आरोप लगाए गए।

उनकी मृत्यु के बाद, अब यह सवाल उठता है कि क्या उन्होंने सचमुच भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, या वे उसी सिस्टम का हिस्सा थे जो उन्होंने उजागर किया। मलिक का निधन इस मामले में कई अधूरे सवाल छोड़ गया, जिनका उत्तर शायद अब कभी नहीं मिलेगा।

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त्वचा को बनाए ग्लोइंग और हेल्दी, जानिए कैसे करता है चिया सीड्स ये चमत्कार

Amazing benefits of chia seeds: आज के समय में हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा चमकती – दमकती रहे। लेकिन रोज़मर्रा की भागदौड़ भरी ज़िंदगी और कामकाज के चलते अक्सर लोग अपनी त्वचा (Skin) का ध्यान नहीं रख पाते। जिसके कारण त्वचा अपनी नेचुरल चमक (Natural Brightness) खो देती है और बेजान हो जाती है। लेकिन चिया सीड्स (Chia Seeds) इसके लिए सबसे अच्छा उपाय है, यह न सिर्फ़ त्वचा को चमकदार बनाता है बल्कि मृत कोशिकाओं (Dead Cells) को भी ठीक करता है। तो चलिए आपको इस लेख में चिया सीड्स से होने वाले चमत्कारी फायदे के बारे में बताते है।

त्वचा के लिए चिया के बीज के फायदे

चिया के बीज छोटे, काले और सफेद रंग के होते हैं, जो कई पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। ये त्वचा (Skin) को अंदर और बाहर दोनों तरह से फायदा पहुँचाते हैं। चिया के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स की वजह से त्वचा पर झुर्रियाँ, महीन रेखाएँ और उम्र बढ़ने के निशान जल्दी दिखाई देने लगते हैं। एंटीऑक्सीडेंट इन निशानों को कम करने में मदद करते हैं, जिससे आपकी त्वचा जवां और स्वस्थ दिखती है।

त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद

ये बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) से भरपूर होते हैं, जो त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। ये त्वचा की प्राकृतिक नमी को बनाए रखते हैं, जिससे त्वचा हाइड्रेटेड (Skin hydrated) और मुलायम रहती है। अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो चिया के बीजों का सेवन बहुत फायदेमंद हो सकता है। अगर आपकी त्वचा पर सूजन या लालिमा है (जैसे कि मुंहासों के कारण), तो चिया के बीज उसमें भी मदद कर सकते हैं। इनमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो त्वचा की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

कोलेजन उत्पादन में सहायक

चिया सीड्स (chia seeds) में प्रोटीन और ज़िंक भी होते हैं, जो त्वचा में कोलेजन के उत्पादन के लिए ज़रूरी हैं। कोलेजन एक ऐसा प्रोटीन है जो त्वचा को लचीला और मज़बूत बनाए रखता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा में कसाव और चमक आती है। साथ ही आप चिया सीड्स का इस्तेमाल फेस मास्क बनाने के लिए भी कर सकते हैं। भीगे हुए चिया सीड्स को दही या शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से यह एक प्राकृतिक एक्सफोलिएटर (Exfoliator) का काम करता है, जो मृत त्वचा कोशिकाओं (Dead skin cells) को हटाकर त्वचा को चमकदार बनाता है।

चिया सीड्स का सेवन कैसे करें?

चिया सीड्स को आप कई तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं, जैसे कि आप इन्हें रात भर पानी या दूध में भिगोकर चिया पुडिंग बना सकते हैं। आप इन्हें स्मूदी, दही या ओटमील में मिलाकर भी खा सकते हैं। इसके अलावा, आप इन्हें डिटॉक्स वॉटर के रूप में भी ले सकते हैं। इसमें आप चिया सीड्स को नींबू और शहद के साथ पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं।

Dharmasthala Mass Burial Case: 100 हड्डियां, एक खोपड़ी और 22 साल पुराना गुमशुदगी केस,...

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Dharmasthala Mass Burial Case: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में स्थित धर्मस्थल के जंगलों में पिछले सात दिनों से चल रही खुदाई अब रहस्य और सनसनी का रूप ले चुकी है। 4 और 5 अगस्त को जब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने साइट नंबर 11-11A पर खुदाई शुरू की, तो वहां जो मिला, उसने सबको सन्न कर दिया। मिट्टी के नीचे से करीब 100 इंसानी हड्डियां बरामद हुईं और पहली बार एक इंसानी खोपड़ी भी मिली है।

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हड्डियों में रीढ़, जांघ और जबड़े की हड्डियां साफ तौर पर पहचान में आई हैं। सूत्रों की मानें तो दो लंबी रीढ़ की हड्डियों समेत कई छोटी-छोटी हड्डियां भी बरामद हुई हैं। यही नहीं, इसी साइट से एक लाल रंग की साड़ी भी मिली है, जो पास के एक पेड़ से करीब छह फीट की ऊंचाई पर बंधी हुई थी। हड्डियों की संख्या और हालत देखकर अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि ये कम से कम दो लोगों के अवशेष हो सकते हैं।

जंगल में डर और जांच की दौड़- Dharmasthala Mass Burial Case

मंगलवार सुबह करीब 11 बजे SIT, फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स, क्राइम सीन स्पेशलिस्ट्स और मज़दूरों की टीम फिर से जंगल की ओर बढ़ी। सोमवार को खुदाई साइट नंबर 11 पर होनी थी, लेकिन शिकायतकर्ता सफाई कर्मचारी की निशानदेही पर लोकेशन करीब 100 मीटर आगे बढ़ा दी गई। वहीं से ऐसे सबूत मिले, जिन्होंने मामले को नया मोड़ दे दिया।

4 अगस्त की शाम, करीब सात घंटे की खुदाई के बाद जब टीम जंगल से लौटी, तो उनके हाथों में बाल्टी, बकेट, पॉलिथिन बैग और सील किए हुए उपकरण थे। हर किसी की नज़र उन पैकेट्स पर थी, और फिजा में सिर्फ एक ही सवाल, क्या सच में ये मर्डर केस का खुलासा है?

अनन्या भट्ट केस: क्या 22 साल बाद मिला जवाब?

इस खुदाई ने एक 22 साल पुराने केस को फिर से जगा दिया है। 2003 में एमबीबीएस की छात्रा अनन्या भट्ट धर्मस्थल से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई थी। उसकी मां सुजाता भट्ट आज तक उसे ढूंढ रही हैं। उस वक्त पुलिस ने न तो एफआईआर दर्ज की, न ही खोजबीन की। सुजाता जब मदद मांगने बड़े लोगों के पास गईं, तो उन पर हमला कर दिया गया। वे महीनों कोमा में रहीं।

अब जब खुदाई शुरू हुई है और इंसानी अवशेष मिल रहे हैं, तो उन्हें दोबारा उम्मीद जगी है। इस बार उन्होंने वकील मंजूनाथ एम. के जरिए SIT को आधिकारिक शिकायत दी है। वकील का दावा है कि सोमवार को कम से कम तीन लोगों के कंकाल निकले हैं, जिनमें से एक महिला का कंकाल भी हो सकता है।

नया गवाह, नई बातें

जैसे-जैसे खुदाई आगे बढ़ी, जयंत टी नाम के एक लोकल व्यक्ति ने सामने आकर दावा किया कि उसने करीब 15 साल पहले एक 13-15 साल की लड़की की संदिग्ध मौत की रिपोर्ट पुलिस को दी थी। लेकिन तब न एफआईआर दर्ज हुई, न पोस्टमार्टम। उसका आरोप है कि लाश को चुपचाप दफना दिया गया।

जयंत ने SIT को वो जगह भी दिखाने की बात कही है जहां लड़की को दफनाया गया था। उसका कहना है कि धर्मस्थल इलाके में कई और हत्याएं हुई हैं, लेकिन लोग डर के मारे चुप रहे।

साइट 12 से नहीं मिला कुछ

मंगलवार को साइट नंबर 12 की खुदाई भी की गई, लेकिन वहां से कोई खास सुराग नहीं मिला। हालांकि साइट 11 की खुदाई ने जांच एजेंसियों को झकझोर कर रख दिया है।

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Raksha Bandhan 2025 Muhrat: इस रक्षाबंधन पर दिन भर शुभ मुहूर्त, बस इन 99 मिनटों से रह...

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Raksha Bandhan 2025 Muhrat: राखी का त्योहार आते ही भाई-बहन के रिश्ते में एक खास मिठास घुल जाती है। ये सिर्फ धागे का बंधन नहीं, बल्कि भरोसे, प्यार और साथ निभाने का वादा होता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की दुआ मांगती हैं। बदले में भाई भी बहन की रक्षा का वचन देते हैं और उपहारों से उन्हें खुश करते हैं। लेकिन इस प्यार भरे त्योहार में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त बड़ा अहम होता है। सही समय पर की गई पूजा और राखी बांधने से इसका फल और ज्यादा शुभ माना जाता है।

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अच्छी खबर – इस बार भद्रा नहीं! – Raksha Bandhan 2025 Muhrat

पंचांग के अनुसार इस वर्ष रक्षा बंधन 9 अगस्त 2025 दिन शनिवार को है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। सबसे राहत वाली बात ये है कि इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा। यानी आप सुबह से लेकर शाम तक बिना किसी बड़ी ज्योतिषीय पाबंदी के राखी बांध सकते हैं। भद्रा को बहुत अशुभ समय माना जाता है, और इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, मुंडन या राखी बांधना नहीं किया जाता। तो इस बार रक्षाबंधन लगभग पूरे दिन शुभ रहेगा, लेकिन एक बात का ध्यान ज़रूर रखें – राहुकाल।

राहुकाल क्या होता है?

राहुकाल वो समय होता है जो ज्योतिष में अशुभ माना गया है। इस दौरान किसी भी नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं की जाती, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा उस काम में बाधा डाल सकती है।

रक्षाबंधन पर कब है राहुकाल?

इस साल रक्षाबंधन पर राहुकाल सुबह 9:08 से 10:47 बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान राखी बांधने से बचना बेहतर रहेगा। हालांकि, ये समय आपके शहर या क्षेत्र के हिसाब से थोड़ा आगे-पीछे हो सकता है, इसलिए लोकल पंचांग या कैलेंडर जरूर देखें।

राहुकाल में राखी क्यों न बांधें?

मान्यता है कि इस समय राखी बांधने से शुभ प्रभाव कमजोर हो सकता है:

  • भाई-बहन के रिश्ते में अनजाने में तनाव आ सकता है
  • रक्षा सूत्र का प्रभाव कम हो सकता है
  • पूजा का पुण्य फल घट सकता है

हालांकि अगर राखी पहले से बांध दी गई हो, या सिर्फ मिठाई या गिफ्ट दे रहे हों तो कोई हर्ज नहीं। परेशानी सिर्फ किसी शुभ कार्य की शुरुआत में मानी जाती है।

क्या करें अगर समय की तंगी हो?

अगर किसी कारणवश आप राहुकाल से बच नहीं सकते तो ये उपाय करें:

  • कोशिश करें कि राहुकाल शुरू होने से पहले राखी बांध लें
  • पूजा की तैयारी पहले कर लें, राखी पूजा के स्थान पर रख दें
  • मजबूरी में अगर इसी समय बांधनी हो तो “ॐ राहवे नमः” मंत्र का जाप करें

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। नेडरिक न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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Bollywood Superstar Rajesh Khanna: जब 10 हज़ार को हराकर चमका एक सितारा: राजेश खन्ना क...

Bollywood Superstar Rajesh Khanna: आज बॉलीवुड में सुपरस्टार्स की कोई कमी नहीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि “सुपरस्टार” शब्द का असली हकदार कौन था? वो थे हिंदी सिनेमा के पहले और असली सुपरस्टार — राजेश खन्ना, जिन्हें प्यार से सब ‘काका’ कहा करते थे। उनका स्टारडम इतना बड़ा था कि लड़कियां उनके पोस्टर्स से शादी कर लेती थीं, उनके लिए खून से खत लिखा करती थीं। लेकिन इस चमक-धमक के पीछे एक लंबा और दिलचस्प सफर छुपा है, जो 1965 में एक टैलेंट हंट कॉम्पिटिशन से शुरू हुआ था।

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10 हज़ार लोगों को पछाड़ा था काका ने- Bollywood Superstar Rajesh Khanna

आपको जानकारी हैरानी होगी कि राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था। उनका जन्म 29 दिसंबर 1942 को अमृतसर में हुआ था। जब उन्होंने यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेयर द्वारा आयोजित टैलेंट हंट में हिस्सा लिया था, तो कोई नहीं जानता था कि वो इतिहास रचने जा रहे हैं। इस कॉम्पिटिशन में करीब 10,000 प्रतियोगी शामिल थे, लेकिन जीत सिर्फ एक की हुई और वो थे राजेश खन्ना। यहीं से उन्हें बॉलीवुड में कदम रखने का पहला मौका मिला।

24 साल की उम्र में किया डेब्यू

1966 में, महज़ 24 साल की उम्र में, काका ने फिल्म ‘आखिरी खत’ से सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक दी। फिल्म भले ही बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट न रही हो, लेकिन काका की एक्टिंग सबको याद रह गई।

इसके बाद तो जैसे उनके फिल्मों का सिलसिला चल निकला। ‘आराधना’, ‘आनंद’, ‘सच्चा झूठा’, ‘कटी पतंग’, ‘बावर्ची’, ‘अमर प्रेम’ — एक से बढ़कर एक क्लासिक फिल्में उन्होंने दीं।

जब हर फिल्म बन गई हिट

1969 से 1972 के बीच राजेश खन्ना ने जो किया, वो आज भी बॉलीवुड के लिए एक मिसाल है। उन्होंने लगातार 17 सुपरहिट फिल्में दीं, और वो भी मेन लीड में। ये रिकॉर्ड आज तक कोई दूसरा एक्टर नहीं तोड़ पाया।

उनके स्टार्डम का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि लोग उनके बालों की स्टाइल कॉपी करते थे, उनके डायलॉग्स दोहराते थे और उन्हें चलते-फिरते भगवान की तरह देखा करते थे।

राजाओं जैसी जिंदगी जीने वाला स्टार

काका ना सिर्फ परदे पर स्टार थे, बल्कि असल जिंदगी में भी उन्होंने शाही अंदाज़ में जीना पसंद किया। उनका बंगला ‘आशीर्वाद’ खुद एक लैंडमार्क बन गया था। कहा जाता है कि उनके घर के बाहर लड़कियों की लाइन लगी रहती थी, कुछ तो शादी के कार्ड तक भेज देती थीं।

कैंसर से जंग और आखिरी अलविदा

लेकिन हर चमकते सितारे की तरह, काका की जिंदगी में भी एक दिन सूरज ढल गया। जुलाई 2012 में, कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद, उन्होंने 69 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।

आज उन्हें गए 13 साल हो चुके हैं, लेकिन उनकी फिल्में, उनके डायलॉग्स और उनकी मुस्कान आज भी दर्शकों के दिलों में ज़िंदा हैं।

राजेश खन्ना सिर्फ एक नाम नहीं, एक एहसास थे। उन्होंने न सिर्फ सिनेमा को नई ऊंचाइयां दीं, बल्कि ये भी दिखाया कि अगर हुनर हो तो 10 हज़ार लोगों के बीच भी एक चमकता सितारा बनना मुमकिन है।

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Tymal Mills on porn site: टायमल मिल्स ने पोर्न साइट पर खोला अकाउंट, क्रिकेट जगत में म...

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Tymal Mills on porn site: इंग्लैंड के तेज गेंदबाज टायमल मिल्स इन दिनों क्रिकेट के बजाय अपनी एक अनोखी वजह से चर्चा में हैं। हाल ही में यह खबर आई है कि मिल्स ने एक पोर्न साइट पर अपना अकाउंट बनाया है। सुनकर तो हर कोई चौंक गया, लेकिन जैसे-जैसे मामले की तह तक पहुंचा गया, पता चला कि इसका मकसद क्रिकेट फैंस से जुड़ना और अपनी जिंदगी की बातें शेयर करना है, ना कि कोई अश्लील सामग्री पोस्ट करना। आईए जानते हैं क्या यही पूरा मामला:

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फैंस में खलबली, लेकिन सच्चाई कुछ और- Tymal Mills on porn site

टायमल मिल्स के इस फैसले को जानकर सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। कई लोग हैरान हुए तो कुछ ने उनकी बहादुरी और नए जमाने के नए तरीके को सराहा भी। खुद मिल्स ने बताया कि उन्हें पता है कि लोग इस साइट के बारे में क्या सोचते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य बिल्कुल साफ है, वह यहां ग्लैमरस या अश्लील चीजें नहीं डालेंगे। यह उनके फैंस से जुड़ने का एक नया तरीका है, जिसमें वे अपनी क्रिकेट यात्रा और निजी जिंदगी के अनुभव साझा करना चाहते हैं।

32 साल के इस तेज गेंदबाज का मीडिया और कम्युनिकेशन में भी हमेशा से गहरा इंटरेस्ट रहा है। दरअसल, जब वे एसेक्स के लिए खेलना शुरू कर रहे थे, तब वे स्पोर्ट्स जर्नलिज्म की पढ़ाई भी कर रहे थे। इसलिए मीडिया से जुड़ी इस नई पहल को उनकी सोच का ही एक हिस्सा माना जा सकता है।

IPL में मिल्स का सफर

क्रिकेट के मैदान पर मिल्स ने आईपीएल में भी अपनी रफ्तार से कई बार सबका ध्यान खींचा है। 2017 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें 12 करोड़ रुपये में खरीदा था, जो उस समय विदेशी खिलाड़ियों में से सबसे महंगा था। लेकिन चोटों और फॉर्म की उतार-चढ़ाव की वजह से उनका आईपीएल करियर ज्यादा लंबा नहीं चला। उस सीजन में उन्होंने सिर्फ 5 मैच खेले और 5 विकेट लिए।

फिर 2022 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें 1.5 करोड़ रुपये में खरीदा, जहां उन्होंने 5 मैचों में 6 विकेट लिए। इंग्लैंड की तरफ से भी वे 16 टी20 इंटरनेशनल मैच खेल चुके हैं और 14 विकेट अपने नाम कर चुके हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के रूप में उनकी रफ्तार और स्विंग दोनों का कमाल क्रिकेट प्रेमियों को भाता रहा है।

विवाद या नया ट्रेंड?

जहां कुछ लोग टायमल मिल्स के इस फैसले को विवादित मान रहे हैं, वहीं कई फैंस इसे नए जमाने की डिजिटल रणनीति कह रहे हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की दुनिया में ऐसे कदम आम होते जा रहे हैं, जहां खिलाड़ी अपनी आवाज और पहचान सीधे फैंस तक पहुंचाना चाहते हैं। मिल्स का यह कदम भी उसी कड़ी में एक नया प्रयोग माना जा सकता है।

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Ajit Doval Russia Visit: रूस के साथ रिश्ते मजबूत करने पहुंचे डोभाल, एस-400, तेल और टै...

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Ajit Doval Russia Visit: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल इस समय रूस के दौरे पर हैं, जहां बुधवार, 6 अगस्त को उनकी मुलाकात रूसी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ होने वाली है। इस अहम मीटिंग में दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग, रूसी तेल पर अमेरिकी पाबंदियों का असर, और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा जैसे मुद्दों पर बातचीत की संभावना है।

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डोभाल की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ऐलान किया है कि रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाया जाएगा, जो 7 अगस्त से लागू हो रहा है। अमेरिका का कहना है कि भारत, रूसी तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से रूस की युद्ध मशीन को फंडिंग कर रहा है।

हालांकि भारत ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि वॉशिंगटन खुद अब भी मॉस्को से यूरेनियम और फर्टिलाइज़र जैसी चीज़ें खरीद रहा है, ऐसे में ये आरोप दोहरे मापदंड दिखाते हैं।

एस-400 मिसाइल सिस्टम पर भी हो सकती है बातचीत- Ajit Doval Russia Visit

रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक, बुधवार को होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता में मौजूदा वैश्विक हालात, खासकर यूक्रेन युद्ध और उससे जुड़े तनावों पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा डोभाल रूस से बाकी बचे एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की सप्लाई को लेकर भी बात कर सकते हैं। बता दें कि रूस की यह मिसाइल प्रणाली दुनिया की सबसे एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी में गिनी जाती है और मई में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के समय इसने अहम भूमिका निभाई थी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला रूस दौरा

आपको बता दें, यह डोभाल की पहली रूस यात्रा है, जो मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद हो रही है। यह दौरा पहले से तय था, लेकिन मौजूदा हालात में इसकी अहमियत काफी बढ़ गई है। अब माना जा रहा है कि वह अमेरिकी धमकियों और टैरिफ बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर भी रूसी पक्ष से बात कर सकते हैं और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को लेकर विश्वास का संदेश देंगे।

ट्रंप के खास दूत भी मॉस्को में

दिलचस्प बात ये है कि डोभाल की रूस यात्रा के दिन ही ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी मॉस्को पहुंच गए हैं। क्रेमलिन की ओर से इसकी पुष्टि की गई है। रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता दिमित्री पेशकोव ने जानकारी दी कि विटकॉफ की यात्रा विशेषज्ञ स्तर की बातचीत के लिए है और इसके बाद राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात को तैयार हैं। हालांकि इस बैठक की तारीख तय नहीं की गई है।

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